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बुधवार, 19 जनवरी 2011

अन्तिम न्याय

अमेरिका के तीसरे उप-राष्ट्रपति एरन बर्र की परवरिश एक परमेश्वर का भय रखने वाले परिवार में हुई थी। उनके दादा जौनथन एडवर्ड्स ने उन्हें मसीह को ग्रहण करने को चिताया भी था। लेकिन बर्र परमेश्वर से कोई संबंध नहीं रखना चाहते थे और उनका कहना रहता था कि "मेरी इच्छा है कि परमेश्वर मुझ से दूर ही रहे।"

ऐरन बर्र को कुछ हद तक राजनैतिक सफलता अवश्य मिली, परन्तु वे लगतार परेशानियों में घिरे रहे। उन्होंने ४८ वर्ष की अवस्था में एक जन ऐलिक्ज़ैंडर हैमिलटन की हत्या भी कर दी। इसके बाद वे ३२ वर्ष और जीवित रहे, लेकिन वे वर्ष दुख और असफलताओं से भरे रहे, और उन्होंने दु्खी मन से यह मान लिया कि "साठ साल पहले मैं ने परमेश्वर से सौदा किया था कि यदि वह मुझे अकेला छोड़ देगा तो मैं भी उसे अकेला छोड़ दूंगा, और परमेश्वर ने तब से मेरी कभी कोई चिंता नहीं की।" एरन बर्र को, जो उन्होंने चाहा, वह मिल गया।

वे लोग जो परमेश्वर के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते, अपने आप को परमेश्वर के न्याय का भागी बना लेते हैं। वे पृथ्वी के अपने दिन परमेश्वर से विमुख रहकर और फिर अनन्त काल उसकी संगति से निर्वासित होकर बिताने के खतरे में हैं, यदि समय रहते पश्चातप नहीं करते।

मित्र, आपके मन में उठने वाला आपके पाप और अपराध के प्रति दोष का एहसास और म्रुत्यु का भय लक्षण हैं कि परमेश्वर का आत्मा आपको पश्चाताप और उद्धार के लिये उकसा रहा है। आप के प्रति उसके धैर्य और उसकी प्रतीक्षा के लिये परमेश्वर का धन्यवाद कीजिए, अपने पापों से पश्चाताप कीजिये और प्रभु यीशु से अपने व्यक्तिगत उद्धार की भेंट को स्वीकार कीजिये। कभी भी परमेश्वर को अपने से दूर रहने के लिये मत कहिये। आपके लिये जो सबसे भयानक बात हो सकती है वह यही है कि परमेश्वर आपकी बात मान ले और आपसे दूर हो जाए।

परमेश्वर द्वारा त्याग दिया जाना ही अन्तिम न्याय है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


नरक के पास से बच निकलने का तो मार्ग है, लेकिन नरक में पड़ कर वहां से बच निकलने का कोई मार्ग नहीं है।

...जब उन्‍होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्‍हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; - रोमियों १:२८


बाइबल पाठ: रोमियों १:१८-३२

परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्‍वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं।
इसलिये कि परमश्‍ेवर के विषय में ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्‍योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है।
क्‍योंकि उस के अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्‍व जगत की सृष्‍टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरूत्तर हैं।
इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्‍होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्‍तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहां तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्‍धेरा हो गया।
वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए।
और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशमान मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगने वाले जन्‍तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला।
इस कारण परमेश्वर ने उन्‍हें उन के मन के अभिलाषाओं के अनुसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्वर की सच्‍चाई को बदल कर झूठ बना डाला, और सृष्‍टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन।
इसलिये परमश्‍ेवर ने उन्‍हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्‍त्रियों ने भी स्‍वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्‍वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
वैसे ही पुरूष भी स्‍त्रियों के साथ स्‍वाभाविक व्यवहार छोड़ कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरूषों ने पुरूषों के साथ निर्लज्ज़ काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया।
और जब उन्‍होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्‍हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।
सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्‍टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्ष्या से भरपूर हो गए, और चुगलखोर,
बदनाम करने वाले, परमेश्वर के देखने में घृणित, औरों का अनादर करने वाले, अभिमानी, डींगमार, बुरी बुरी बातों के बनाने वाले, माता पिता की आज्ञा न मानने वाले,
निर्बुद्धि, विश्वासघाती, दयारिहत और निर्दयी हो गए।
वे तो परमेश्वर की यह विधि जानते हैं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले मुत्यु के दण्‍ड के योग्य हैं, तौभी न केवल आप ही ऐसे काम करते हैं, वरन करने वालों से प्रसन्न भी होते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति ४६-४८
  • मत्ती १३:१-३०

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