मुझे गाड़ी चलाना सिखाने वाले प्रशीक्षक का बार कहना होता था "सामने देखते हुए चलाओ"। वह चाहते थे कि मैं स्थिर निगाह से केवल सामने की ओर देखती रहूँ, ना कि अपने पास के दृश्यों और लोगों को देखूं और गाड़ी चलाने से मेरा ध्यान बटे; क्योंकि वे चालक जो अपने आस-पास के दृश्यों की ओर निगाहें घुमाते रहते हैं, उनके द्वारा दुर्घटना हो जाने की संभावना अधिक रहती है।
हम मसीही विश्वासियों की जीवन यात्रा में भी शैतान कई ऐसे आकर्षण लाता रहता है जिससे कि हमारा ध्यान अपने प्रभु और मार्गदर्शक से हट जाए और शैतान ही की बातों की ओर भटक जाए। यदि वह ऐसा करने में सफल हो जाएगा तो फिर वह हमें सही मार्ग से भटका कर ना केवल हमारी आत्मिक प्रगति को बाधित करने पाएगा, वरन हमारे जीवन में हानि भी लाने पाएगा। ध्यान भटकाने का यह दाँव उसने प्रभु यीशु पर भी आज़माया था!
प्रभु यीशु की सेवकाई के आरंभ में शैतान ने प्रभु को परमेश्वर द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिए कुछ ’बेहतर’ उपाय सुझाए। शैतान ने प्रभु यीशु से कहा कि वह अपने आप को मन्दिर के कंगूरे अर्थात सबसे ऊँचे स्थान से नीचे फेंक कर भी प्रमाणित कर सकता है कि वह परमेश्वर का पुत्र है (लूका ४:९-११)। लेकिन प्रभु यीशु जानते थे कि किसी भवन से नीचे गिरने के द्वारा वे परमेश्वर के पुत्र प्रमाणित नहीं होंगे, ऐसा केवल उनके क्रूस पर बलिदान होने और मृतकों में से पुनः जी उठने के द्वारा ही संभव है, इसलिए उन्होंने शैतान को उत्तर दिया, "...यह भी कहा गया है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना" (लूका ४:१२)। प्रभु यीशु की निगाहें संसार के लिए उद्धार का मार्ग तैयार करने पर स्थिर थीं; वे जानते थे कि समस्त संसार के उद्धार का यह कार्य, यदि वे क्रूस से बचकर निकले, तो संभव नहीं हो सकता था - जो शैतान करवाना चाहता था; उन्होंने अपनी निगाहें अपने लक्ष्य पर स्थिर बनाए रखीं और अपने कार्य को पूरा किया।
आत्मिक खतरों से बचने का एक मात्र तरीका है कि अपनी निगाहें प्रभु यीशु पर स्थिर रखें (इब्रानियों १२:२), और शैतान द्वारा लाई जा रही सही मार्ग से भटकाने वाली बातों की ओर दृष्टि ना करें। - जूली ऐकैरमैन लिंक
हमें शैतान को कभी भी अपनी नज़रों के सामने नहीं, सदैव ही पीछे रखना चाहिए।
इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों १२:१-२
बाइबल पाठ: लूका ४:१-१३
Luk 4:1 फिर यीशु पवित्र आत्मा से भरा हुआ, यरदन से लौटा; और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा, और शैतान उस की परीक्षा करता रहा।
Luk 4:2 उन दिनों में उस ने कुछ न खाया और जब वे दिन पूरे हो गए, तो उसे भूख लगी।
Luk 4:3 और शैतान ने उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर से कह, कि रोटी बन जाए;
Luk 4:4 यीशु ने उसे उत्तर दिया कि लिखा है, मनुष्य केवल रोटी से जीवित न रहेगा।
Luk 4:5 तब शैतान उसे ले गया और उस को पल भर में जगत के सारे राज्य दिखाए।
Luk 4:6 और उस से कहा, मैं यह सब अधिकार, और इन का वैभव तुझे दूंगा, क्योंकि वह मुझे सौंपा गया है: और जिसे चाहता हूं, उसी को दे देता हूं।
Luk 4:7 इसलिये, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।
Luk 4:8 यीशु ने उसे उत्तर दिया, लिखा है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर; और केवल उसी की उपासना कर।
Luk 4:9 तब उस ने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को यहां से नीचे गिरा दे।
Luk 4:10 क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें।
Luk 4:11 और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पांव में पत्थर से ठेस लगे।
Luk 4:12 यीशु ने उस को उत्तर दिया, यह भी कहा गया है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।
Luk 4:13 जब शैतान सब परीक्षा कर चुका, तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया।
- भजन ३७-३९
- प्रेरितों २६
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