आपके नाम के लगी आपकी उपाधि आपकी श्रेणी की सूचक है और निर्धारित करती है कि आपके आस-पास विद्यमान लोगों के संदर्भ में आपके प्रति कैसा व्यवहार किया जाएगा - यदि आपकी उपाधि आपको समाज के शीर्ष वर्ग में दिखाती है तो लोगों का व्यावहार भी उसके अनुरूप होगा, और यदि सामान्य वर्ग में दिखाती है तो फिर व्यवहार भी सामान्य ही होगा। परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस के नाम के साथ उपाधि जुड़ी है "प्रेरित" अर्थात "भेजा हुआ" (1 तिमुथियुस 1:1)।
पौलुस के लिए यह उपाधि किसी गर्व का नहीं वरन एक अप्रत्याशित चमत्कार के स्मरण को बनाए रखने का कारण थी। उस ने यह पदवी अपनी किसी योग्यता अथवा परिश्रम के द्वारा कमाई नहीं थी, वरन यह पदवी उसे प्रदान करी गई थी; वह "...मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है..."। दूसरे शब्दों में, पौलुस का प्रेरित होना किसी मानवीय योजना के द्वारा नहीं वरन एक ईश्वरीय प्रबंध था।
पौलुस अपने बारे में लिखता है कि मसीह यीशु पर विश्वास लाने और उसे अपना जीवन समर्पण करने से पहले वह उसकी "...निन्दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्धेर करने वाला था..." (1 तिमुथियुस 1:13)। मसीह यीशु के नाम और उसके अनुयायियों के प्रति अपने इसी व्यवहार के कारण वह अपने आप को संसार का सबसे बड़ा पापी भी मानता था (1 तिमुथियुस 1:15, 16)। लेकिन साथ ही उसने यह भी पहचाना कि यह सब करने के बावजूद, परमेश्वर के अनुग्रह ही से वह अब प्रभु यीशु का प्रेरित था और उस "सनातन राजा" के लिए कार्य करने को उपयुक्त ठहराया गया और नियुक्त किया गया था (1 तिमुथियुस 1:16, 17)।
जैसे यह पौलुस के लिए अप्रत्याशित और विस्मयकारी था, वैसे ही आज भी सभी मसीही विश्वासियों के लिए भी उनका परमेश्वर के द्वारा अनुग्रह से पापों से बचाया जाना और परमेश्वर के कार्य के लिए उपयोग किया जाना भी है। पौलुस के समान ही उस राजाओं के राजा प्रभु यीशु ने, हमारे मसीही विश्वास में आने से पहले की हमारी दशा और व्यवहार के बावजूद, हमें भी संसार में अपने सन्देश के साथ भेजा है (मत्ती 28:18-20, प्रेरितों 1:8)। उसने हमें अपने राज्दूत नियुक्त किया है (2 कुरिन्थियों 5:20) कि हम उसके राज्य के सुसमाचार को समस्त संसार में फैलाएं।
पौलुस के समान ही हम भी नम्रता के साथ यह पहचान लें और मान लें कि यह पदवी और सम्मान हमारी किसी योग्यता या सामर्थ से हमने नहीं कमाया है वरन परमेश्वर के अनुग्रह से हमें प्रदान किया गया है। संसार के उद्धारकर्ता और सृष्टि के परमेश्वर का प्रतिनिधि होना और प्रतिदिन उसके सनातन सत्य वचन, मसीह यीशु में सारे संसार के सभी लोगों को सेंत-मेंत उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को दूसरों तक पहुँचाना केवल हमारा कर्तव्य ही नहीं वरन हमारे लिए सौभाग्य भी है। - सी. पी. हिया
परमेश्वर ने संसार के साथ बाँटने को एक सन्देश आपको सौंपा है; आपकी ज़िम्मेदारी उसे अपने पास रखना नहीं, उसे बाँटते ही रहना है।
पौलुस की ओर से जो यीशु मसीह का दास है, और प्रेरित होने के लिये बुलाया गया, और परमेश्वर के उस सुसमाचार के लिये अलग किया गया है। - रोमियों 1:1
बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 1:1, 12-17
1 Timothy 1:1 पौलुस की ओर से जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, और हमारी आशा-स्थान मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है, तिमुथियुस के नाम जो विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र है।
1 Timothy 1:12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिसने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उसने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया।
1 Timothy 1:13 मैं तो पहिले निन्दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे।
1 Timothy 1:14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ।
1 Timothy 1:15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं।
1 Timothy 1:16 पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं।
1 Timothy 1:17 अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 34-36
- यूहन्ना 19:1-22
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