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शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

प्रदर्शन


   दो दशकों से वैज्ञानिक माईक हैण्ड्स मध्य अमेरिका के किसानों को किसानी करने के बेहतर तरीकों और अच्छी फसल प्राप्त करने के उपायों को सिखा रहे हैं। लेकिन उन किसानों द्वारा पारंपरिक तरीकों को त्यागकर नए तरीकों को अपनाना कठिन होता है, यद्यपि वे किसान यह समझते हैं कि उनके पारंपरिक तरीके मिट्टी को कम उपजाऊ और वायु को दूषित कर देने वाले हैं। इसलिए माईक उन्हें केवल करने के लिए कहते ही नहीं हैं, परन्तु अपनी कही बात को उनके सामने एक वृतचित्र द्वारा प्रदर्षित भी करते हैं। माईक का कहना है कि सुधारने के लिए केवल प्रचार करने या उसका वर्णन कर देने के द्वारा ही काम नहीं चलता है, उस बात को लोगों के सामने प्रदर्षित भी करना होता है, लोगों को उसे अपने हाथों द्वारा देखना और अनुभव भी करना होता है।

   प्रेरित पौलुस ने भी प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा समस्त संसार के सभी लोगों के लिए उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के सन्देश के प्रसार के लिए यही विधि अपनाई थी। पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखा: "और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं; परन्तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था। इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो" (1 कुरिन्थियों 2:4-5)। और आगे चलकर पौलुस ने फिर लिखा, "क्योंकि परमेश्वर का राज्य बातों में नहीं, परन्तु सामर्थ में है" (1 कुरिन्थियों 4:20)।

   परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए कि वह प्रतिदिन आपके शब्दों को आपके जीवन में प्रदर्शित करवा कर उन्हें आपके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए सार्थक एवं प्रभावी बना दे। जब हम संसार के सामने परमेश्वर को हम में होकर कार्य करता हुआ दिखाने के लिए तैयार होते हैं, तो यह उसके अनुग्रह और सामर्थ का अभूतपूर्व प्रदर्शन तथा बहुत प्रभावी गवाही होता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


सार्थक होने के लिए हमारे शब्दों को उनके अनुरूप हमारी क्रियाओं का समर्थन अनिवार्य है।

क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्‍चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे। - 1 थिस्सलुनीकियों 1:5

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 2:1-5
1 Corinthians 2:1 और हे भाइयों, जब मैं परमेश्वर का भेद सुनाता हुआ तुम्हारे पास आया, तो वचन या ज्ञान की उत्तमता के साथ नहीं आया। 
1 Corinthians 2:2 क्योंकि मैं ने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं। 
1 Corinthians 2:3 और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा। 
1 Corinthians 2:4 और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं; परन्तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था। 
1 Corinthians 2:5 इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75



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