वेस्टमिनिस्टर के विश्वास वचन में लिखा है कि "मनुष्य का प्रमुख उद्देश्य सर्वदा परमेश्वर की महिमा करना और उसमें आनन्दित रहना है।" परमेश्वर के वचन बाइबल में बहुधा यह बात आई है कि एकमात्र जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर के प्रति आनन्द के साथ कृतज्ञ रहें और उसकी आराधना करें। जब हम परमेश्वर को आदर देते हैं, तो हम इस बात का आनन्द मनाते हैं कि वही प्रत्येक भलाई का स्त्रोत है। जब हम हृदय से उसकी स्तुति करते हैं, तब हम अपने आप को उस आनन्दमय अवस्था में पाते हैं जिसके लिए हमारी सृष्टि की गई।
जैसे सूर्यास्त का एक सुन्दर दृश्य, या कोई अन्य मनोरम प्राकृतिक दृश्य हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की महिमा की ओर संकेत करता है, उसी प्रकार आराधना हमें उसके साथ एक निकटता के संबंध में ले आती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा, "यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है" (भजन 145:3); और "जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है" (भजन145:18)।
परमेश्वर को हमारी आराधना की आवश्यकता नहीं है, परन्तु हमें परमेश्वर की आराधना करते रहने की आवश्यकता है। जब हम आराधना में उसकी उपस्थिति में होते हैं, तब हम उसके असीम प्रेम के आनन्द का अनुभव करते हैं, और उस प्रभु परमेश्वर में प्रफुल्लित तथा उत्साहित होते हैं जो हमें पापों से छुड़ाने के लिए स्वर्ग का वैभव और महिमा को छोड़कर पृथ्वी पर आ गया, और हमें पापों से छुड़ाकर अनन्तकाल के लिए अपने साथ परमानन्द में रखना चाहता है। उस प्रभु परमेश्वर के लिए भजनकार कहता है, "तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है" (भजन 16:11)। - डेनिस फिशर
आराधना धन्यवाद और कृतज्ञता से उमड़ते हुए हृदय से निकली स्तुति है।
क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भय योग्य है। - भजन 96:4
बाइबल पाठ: भजन 145
Psalms 145:1 हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूंगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहूंगा।
Psalms 145:2 प्रति दिन मैं तुझ को धन्य कहा करूंगा, और तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूंगा।
Psalms 145:3 यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है।
Psalms 145:4 तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा।
Psalms 145:5 मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा।
Psalms 145:6 लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा।
Psalms 145:7 लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण कर के उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।
Psalms 145:8 यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला और अति करूणामय है।
Psalms 145:9 यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।
Psalms 145:10 हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!
Psalms 145:11 वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे;
Psalms 145:12 कि वे आदमियों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की महिमा प्रगट करें।
Psalms 145:13 तेरा राज्य युग युग का और तेरी प्रभुता सब पीढ़ियों तक बनी रहेगी।
Psalms 145:14 यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है।
Psalms 145:15 सभों की आंखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उन को आहार समय पर देता है।
Psalms 145:16 तू अपनी मुट्ठी खोल कर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।
Psalms 145:17 यहोवा अपनी सब गति में धर्मी और अपने सब कामों में करूणामय है।
Psalms 145:18 जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है।
Psalms 145:19 वह अपने डरवैयों की इच्छा पूरी करता है, और उनकी दोहाई सुन कर उनका उद्धार करता है।
Psalms 145:20 यहोवा अपने सब प्रेमियों की तो रक्षा करता, परन्तु सब दुष्टों को सत्यानाश करता है।
Psalms 145:21 मैं यहोवा की स्तुति करूंगा, और सारे प्राणी उसके पवित्र नाम को सदा सर्वदा धन्य कहते रहें।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 65-66
- 1 तिमुथियुस 2
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