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सोमवार, 27 मई 2019

उपयोगी



      शब्द दुष्क्रियात्मक  का अर्थ होता है वह जो टूटा हुआ है, सही रीति से कार्य नहीं कर रहा है, या जिस उद्देश्य के लिए उसे बनाया गया उसे नहीं कर रहा है। यह व्यक्तियों, पारस्परिक संबंधों, संस्थाओं, और सरकारों पर भी लागू होता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री का आरंभ आत्मिक रीति से दुष्क्रियात्मक दशा में पड़ी मानवता के विवरण के साथ किया है (1:18-32)। हम सभी परमेश्वर के प्रति इस बलवाई मानवता का भाग हैं: “सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं...इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं” (रोमियों 3: 12, 23)।

      लेकिन हमारे लिए अच्छा समाचार यह है कि “परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे” (रोमियों 3:24-25)। जब हम प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवनों में आमंत्रित करते हैं, और प्रभु परमेश्वर के अनुग्रह से हमें दी जाने वाली पापों की क्षमा और नए जीवन की पेशकश को स्वीकार कर लेते हैं, तो हम वह व्यक्ति बनने के मार्ग पर चल निकलते हैं जो होने के लिए उसने हमने सृजा था। इस मार्ग पर आते ही हम सिद्ध तो नहीं हो जाते हैं, परन्तु सिद्धता की ओर बढ़ने लग जाते हैं, तथा टूटे एवँ दुष्क्रियात्मक नहीं रह जाते हैं।

      प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण करने पर हम में आकर निवास करने वाले पवित्र-आत्मा के द्वारा हम निरन्तर परमेश्वर का आदर करने, उसके आज्ञाकारी होने की सामर्थ्य प्राप्त करते जाते हैं, जिससे फिर “तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो। और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ। और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है” (इफिसियों 4:22-24), और प्रभु परमेश्वर के लिए उपयोगी हो जाते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


मसीह यीशु की निकटता में बढ़ने से 
हम उसके उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जीने वाले हो जाते हैं, 
जिसके लिए उसने हमें सृजा है।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: रोमियों 3: 10-26
Romans 3:10 जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:11 कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
Romans 3:12 सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:13 उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्होंने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Romans 3:14 और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।
Romans 3:15 उन के पांव लोहू बहाने को फुर्तीले हैं।
Romans 3:16 उन के मार्गों में नाश और क्लेश हैं।
Romans 3:17 उन्होंने कुशल का मार्ग नहीं जाना।
Romans 3:18 उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।
Romans 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं।
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23



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