जब
हम विदेश से अपने दत्तक पुत्र को घर लेकर आए तो मैं उस पर अपना प्रेम न्योछावर
करने और उसे वह सब देने के लिए लालायित थी जो उसने अभी तक नहीं पाया था, विशेषकर
अच्छा भोजन, क्योंकि उसमें पोषण का अभाव था। परन्तु हमारे यथासंभव प्रयासों और
विशेषज्ञों की सलाह लेने के बावजूद वह बहुत कम बढ़ रहा था। हमें लगभग तीन वर्ष के
बाद पता चला कि उसे कुछ प्रकार की भोजन सामग्री नहीं पचा पाने की समस्या है। जैसे
ही हमने उसके भोजन में से वह सामग्री निकाल दी, वह कुछ ही महीनों में पाँच इंच बढ़
गया। यद्यपि मुझे इस बात का दुःख था कि अनजाने में मैं उसे वह भोजन सामग्री खिलाती
रही जिससे उसकी बढ़ोतरी बाधित हो रही थी, परन्तु मुझे इस बात की प्रसन्नता भी थी कि
अब उसका स्वास्थ्य अच्छा हो रहा है, वह बढ़ रहा है।
मुझे
लगता है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा योशिय्याह को भी कुछ ऐसा ही लगा होगा
जब परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक कई वर्षों तक मंदिर में खोई रहने के बाद पाई
गई। जिस प्रकार मुझे दुःख हुआ कि अनजाने में मैं अपने बेटे की बढ़ोतरी में बाधा बनी
रही, उसी प्रकार योशिय्याह भी परमेश्वर की अपने लोगों के लिए भली और सम्पूर्ण
इच्छा की जानकारी न होने के लिए दुखी हुआ (2 राजाओं 22:11)। यद्यपि राजा योशिय्याह
की सराहना की गयी है कि उसने वह किया जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में भला था (पद
2), परन्तु व्यवस्था की पुस्तक को पा लेने के पश्चात उसने और भी अच्छे से परमेश्वर
का आदर किया। जो ज्ञान और समझ उसे उस पुस्तक से मिले, उनके द्वारा उसने अपनी प्रजा
को परमेश्वर की वैसी आराधना करना सिखाया, जैसी परमेश्वर चाहता है (23:22-23)।
हम
बाइबल में होकर सीखते, समझते हैं कि हम परमेश्वर को वह उचित आदर जिसके वह योग्य
है, कैसे दें। परन्तु संभव है कि हम इस बात के लिए भी दुखी होते हैं कि परमेश्वर
की हमारे लिए जो इच्छा है, हम उस पर पूरे नहीं उतरे हैं। परन्तु हम इस बात से
सांत्वना प्राप्त कर सकते हैं कि वह हमें सही करके पुनःस्थापित करता है, और धैर्य
तथा कोमलता के साथ अपनी समझ की गहराईयों में लिए चलता है। - कर्स्टिन होल्मबर्ग
परमेश्वर हमें पुनःआरंभ करने के अवसर देता
है।
अपने वस्त्र नहीं, अपने
मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि
वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से
क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है। -
योएल 2:13
बाइबल पाठ: 2 राजाओं 22:1-4, 8-13
2 Kings 22:1 जब
योशिय्याह राज्य करने लगा, तब वह आठ वर्ष का था, और यरूशलेम में एकतीस वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यदीदा
था जो बोस्कतवासी अदाया की बेटी थी।
2 Kings 22:2 उसने वह
किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है और जिस मार्ग पर उसका
मूलपुरुष दाऊद चला ठीक उसी पर वह भी चला, और उस से न तो दाहिनी
ओर और न बाईं ओर मुड़ा।
2 Kings 22:3 अपने
राज्य के अठारहवें वर्ष में राजा योशिय्याह ने असल्याह के पुत्र शापान मंत्री को
जो मशुल्लाम का पोता था, यहोवा के भवन में यह कह कर भेजा,
कि हिलकिय्याह महायाजक के पास जा कर कह,
2 Kings 22:4 कि जो
चान्दी यहोवा के भवन में लाई गई है, और द्वारपालों ने प्रजा
से इकट्ठी की है,
2 Kings 22:8 और
हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के
भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान
को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
2 Kings 22:9 तब
शापान मंत्री ने राजा के पास लौट कर यह सन्देश दिया, कि जो चांदी
भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियो ने थैलियों में डाल कर,
उन को सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम कराने वाले हैं।
2 Kings 22:10 फिर
शपान मंत्री ने राजा को यह भी बता दिया, कि हिलकिय्याह याजक
ने उसे एक पुस्तक दी है। तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
2 Kings 22:11
व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुन कर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।
2 Kings 22:12 फिर
उसने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नाम
अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,
2 Kings 22:13 कि यह
पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विष्य तुम जा कर मेरी और
प्रजा की और सब यहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि
यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे
पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि कुछ हमारे लिये लिखा है, उसके अनुसार करते।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 30-32
- 1 पतरस 4
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