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शनिवार, 14 मार्च 2020

प्रार्थना



      लौरा की आँखों में आँसू थे, उसके भाई को कैंसर का सामना करना पड़ रहा था और हमारे चर्च के लोग उसके भाई के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे। उसने हमारे चर्च के लोगों की प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद करते हुए कहा, “प्रार्थना कितना बड़ा उपहार है, मुझे इस बात का एहसास तब तक नहीं हुआ था जब तक कि आप लोगों ने उसके लिए प्रार्थना करना आरंभ नहीं किया। मैं वर्णन नहीं कर सकती हूँ कि आपकी प्रार्थनाएं कितनी शान्ति दायक हैं। आपकी प्रार्थनाओं ने उसे इस कठिन समय में बल दिया है और हमारे समस्त परिवार को प्रोत्साहन प्रदान किया है।”

      किसी के प्रति प्रेम की सर्वोत्तम अभिव्यक्तियों में से एक है उस के लिए प्रार्थना करना। प्रभु यीशु हमारे लिए इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खंड में हम प्रभु यीशु को अनेकों बार औरों के लिए प्रार्थना करते हुए तथा औरों के लिए परमेश्वर पिता के सम्मुख आते हुए पाते हैं। रोमियों 8:34 में लिखा है, “...मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।” ऐसे निस्वार्थ प्रेम को क्रूस पर दर्शाने के बाद भी, पुनरुत्थान तथा स्वर्गारोहित हुए प्रभु यीशु अभी भी हमारे लिए प्रार्थना कर रहे हैं, हमारे प्रति अपने प्रेम को दर्शा रहे हैं।

      हमारे चारों ओर ऐसे लोग हैं जिन्हें हमारी आवश्यकता है कि हम प्रभु यीशु के उदाहरण के अनुसार उन लोगों के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करें, और उनके जीवनों में परमेश्वर की सहायता को आमंत्रित करें। हम परमेश्वर से यह भी प्रार्थना कर सकते हैं कि उनके लिए प्रार्थना करने में हमारी सहायता करे, और वह करेगा भी।

      हमारा प्रेमी पिता परमेश्वर हमें सामर्थ्य दे कि हम अपनी प्रार्थनाओं की उदार भेंट औरों को उपलब्ध करवाने वाले हों। - जेम्स बैंक्स

प्रार्थना बाँटने योग्य उपहार है।

और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें। - 2 कुरिन्थियों 1:11

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-34
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 23-25
  • मरकुस 14:1-26



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