लुईस
कैरोल की सुविख्यात उपन्यास ‘एलिस इन वन्डरलैंड’ में एलिस पूछती है, “हमेशा के लिए
कब तक का होता है?” व्हाईट रैबिट उत्तर देता है, “कभी कभी केवल एक सेकेंड के लिए।”
मेरे
भाई के अचानक हुए देहांत और उसकी शोकसभा के मध्य का समय भी हमें ऐसे ही बीतता
प्रतीत हुआ। उसकी शोकसभा के होने का समय बहुत लंबा लग रहा था, और उसके कमी हमें खल
रही थी, हमारे दुःख को बढ़ा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो प्रत्येक सेकेंड हमेशा तक
के लिए एक संघर्ष है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में भजनकार, राजा दाऊद ने भी अपने एक भजन में ऐसी ही संघर्ष की भावना
को व्यक्त किया, “हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव
मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा
शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?” (भजन 13:1-2)। दो ही पदों
में दाऊद परमेश्वर से चार बार पूछता है
“कब तक”? कभी कभी जीवन के दुखों के संघर्ष ऐसे लगते हैं मानो उनका कभी अंत नहीं
होगा।
हमारे
संघर्षों के ऐसे हृदयविदारक समय में हमारा परमेश्वर पिता हमें अपनी देखरेख और
उपस्थिति का एहसास करवाता है। राजा दाऊद के सामान, हम भी खुले दिल से परमेश्वर के
सम्मुख अपने दुःख और हानि की तकलीफ को लेकर जा सकते हैं, इस बात से आश्वस्त कि वह
हमें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा (इब्रानियों 13:5)। भजनकार का भी यही
अनुभव था, किन्तु उसका विलाप भी विजय घोष में परिवर्तित हो गया: “परन्तु मैं ने
तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे
उद्धार से मगन होगा। मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा,
क्योंकि उसने मेरी भलाई की है” (भजन 13:5-6)।
हमारे
संघर्षों के कभी न समाप्त होते प्रतीत होने वाले पलों में भी परमेश्वर की करुणा
हमें थामे रहेगी, और हम उसके उद्धार में आनन्दित रह सकते हैं। - बिल कराउडर
दुःख और हानि के समयों में भी अनंत
परमेश्वर हमारा सबसे उत्तम आश्वासन है।
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो;
क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न
छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर
कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है;
मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। -
इब्रानियों 13:5-6
बाइबल पाठ: भजन 13
भजन संहिता 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक?
क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना
मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
भजन संहिता 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन
में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा
करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?
भजन संहिता 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा
मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति
आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी;
भजन संहिता 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु
कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और
ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
भजन संहिता 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी
करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
भजन संहिता 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का
भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों 11-12
- लूका 6:1-26
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