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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

क्षमा



     मैंने एक दोपहर के दो घंटे एक चित्र-कला प्रदर्शनी, जिसका शीर्षक था ‘पिता और उसके दो पुत्र: क्षमा के चित्र’ के चित्र देखने में बिताए; इस प्रदर्शनी के सभी चित्र परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा दिए गए उड़ाऊ पुत्र के दृष्टांत (लूका 15:11-31) पर आधारित थे। मुझे एडवर्ड रिओजस द्वारा बनाए गए चित्र ने विशेषतः प्रभावित किया। उस चित्र में उड़ाऊ पुत्र घर की ओर लौट रहा है, उसके सिर झुका हुआ है और उसने चिथड़े पहने हुए हैं। उसके पीछे मृत्यु का देश है, और वह जिस मार्ग पर चल रहा है, उसके दूसरे छोर पर उसका पिता उसकी ओर दौड़ा चला आ रहा है। चित्र के नीचे प्रभु यीशु द्वारा कहे गए शब्द, “तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा” (लूका 15:20) लिखे हुए हैं।

     एक बार फिर मेरा हृदय, परमेश्वर के उस अपरिवर्तनीय प्रेम का एहसास करने के द्वारा, जिसने मेरा जीवन बदल दिया है, बहुत गहराई से द्रवित हुआ। जब मैं उससे मुँह मोड़कर चला गया, तब परमेश्वर ने मुझ से मुँह नहीं मोड़ा, वरन वह मेरी प्रतीक्षा करता रहा, मेरी राह देखता रहा। हम उसके प्रेम के योग्य तो नहीं हैं, फिर भी उसका प्रेम हमारे प्रति कभी कम नहीं होता है। चाहे हम अकसर परमेश्वर की उपेक्षा करते रहते हैं, फिर भी वह कभी हमसे दूर नहीं जाता है।

     हम सभी उसके सामने दोषी हैं, फिर भी हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता हमारी ओर हाथ बढ़ाकर, हमें गले लगाकर, हमारा स्वागत ऐसे ही करता है जैसे प्रभु द्वारा सुनाए गए दृष्टांत में पिता करता है। उड़ाऊ पुत्र के लौट आने पर उस पिता ने अपने सेवकों से कहा, “और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनाएं। क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे” ( पद 23, 24)।

     आज भी जो भी जन प्रभु परमेश्वर की ओर लौट कर आता है, परमेश्वर उसे क्षमा करता है, उसका स्वागत करता है। और यह क्षमा प्राप्ती, आनन्द मनाने योग्य बात है। - डेविड सी. मेक्कैसलैंड

हम चाहे उसके प्रेम के योग्य नहीं हैं, 
फिर भी हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम बदलता नहीं है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24
लूका 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे।
लूका 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी।
लूका 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।
लूका 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।
लूका 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा।
लूका 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था।
लूका 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं।
लूका 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है।
लूका 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले।
लूका 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।
लूका 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं।
लूका 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्‍छे से अच्छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ।
लूका 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनाएं।
लूका 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमुएल 9-11
  • लूका 15:11-32



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