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मंगलवार, 30 जून 2020

प्रतीक्षा


     मेरी सबसे पसंदीदा कलाकृतियों में से एक, इंगलैंड में ऑक्सफोर्ड के केम्बल कॉलेज चैप्पल में टंगी है। अंग्रेज़ी कलाकार विलियम होलमैन हंट द्वारा बनाए गए चित्र, जिसका शीर्षक है ‘द लाईट ऑफ़ द वर्ल्ड’, में यीशु को हाथ में एक लालटेन लिए, एक घर के बाहर खड़े होकर घर के दरवाज़े पर खटखटाते दिखाया गया है। उस चित्र की एक अचरज में डालने वाली बात है कि जिस दरवाज़े को यीशु खटखटा रहे हैं, उसमें कोई हत्था नहीं है। जब हंट से हत्था न होने के कारण दरवाज़े को न खोल सकने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने समझाया कि वे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रकाशितवाक्य 3:20 “देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ” को इस चित्र में दर्शाना चाहते थे।

     प्रेरित यूहन्ना द्वारा प्रकाशितवाक्य में लिखे गए शब्द और हंट का चित्र प्रभु यीशु की नम्रता को प्रकट करते हैं। प्रभु अपनी शान्ति के प्रस्ताव के साथ बाहर खड़े होकर हमारे मनों के द्वार पर नम्रता के साथ खटखटाते हैं, और धैर्य के साथ हमारे द्वारा अपने मन के द्वार को उनके लिए खोलने की प्रतीक्षा करते हैं। वह स्वयं द्वार खोलकर जबरन अन्दर हमारे जीवनों में प्रवेश नहीं करते हैं; वह अपने आप को और अपनी इच्छा को हम पर थोपते नहीं हैं। प्रभु यीशु समस्त संसार के सभी लोगों को पापों की क्षमा और उद्धार तथा जीवन के मार्गदर्शन के लिए अपनी ज्योति देना चाहते हैं, यदि लोग स्वेच्छा से उनके प्रस्ताव को स्वीकार करें, और अपने जीवन उन्हें समर्पित कर दें। इसलिए जो कोई उनके लिए अपने मन के द्वार को खोलेगा, वे उसके जीवन में प्रवेश करेंगे; इसके अतिरिक्त, उन्हें स्वीकार करने के लिए अन्य कोई आवश्यकताएं नहीं हैं।

     यदि आप प्रभु यीशु की नम्र आवाज़ और आपके मन के द्वार पर उसके खटखटाने को सुन रहे हैं, तो उत्साहित होकर उसके लिए द्वार को खोल दीजिए; वह धैर्य के साथ प्रतीक्षा कर रहा है, और यदि आप उसे अन्दर आने देंगे, तो वह अवश्य आपके साथ हो जाएगा। - लीसा सामरा

 

प्रभु यीशु के लिए द्वार को खोल दें, वह धैर्य से आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।


जैसा कहा जाता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। - इब्रानियों 3:15

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 3:14-22

प्रकाशितवाक्य 3:14 और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।

प्रकाशितवाक्य 3:15 कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।

प्रकाशितवाक्य 3:16 सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह में से उगलने पर हूं।

प्रकाशितवाक्य 3:17 तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।

प्रकाशितवाक्य 3:18 इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिन कर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।

प्रकाशितवाक्य 3:19 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।

प्रकाशितवाक्य 3:20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।

प्रकाशितवाक्य 3:21 जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पा कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।

प्रकाशितवाक्य 3:22 जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।     

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23


सोमवार, 29 जून 2020

प्रेम में चलना


     मैंने और मेरे बच्चों ने एक नई दैनिक बात आरम्भ की है, प्रत्येक रात्रि को सोने जाने के समय, हम रंगीन पेंसिलें लेते हैं, एक मोमबत्ती जलाते हैं, और परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हमें अपनी ज्योति से मार्गदर्शन प्रदान करे। फिर हम अपनी कॉपियाँ निकाल कर उसमें दो प्रश्नों के उत्तर को या तो लिखते हैं या उनके चित्र बनाते हैं। वे प्रश्न हैं, आज मैंने प्रेम कब और कैसे दिखाया? और, आज मैंने प्रेम दिखाने के अवसर का कब और कैसे उपयोग नहीं किया?

     मसीही जीवन का एक महत्वपूर्ण व्यवहार है अपने पड़ौसियों से प्रेम दिखाना, और यह आरम्भ से ही है (2 यूहन्ना 1:5)। यूहन्ना अपनी दूसरी पत्री में मंडली को यही बात लिख रहा था, कि वे परमेश्वर के आज्ञाकारी होकर, एक दूसरे से प्रेम करें (2 यूहन्ना 1:5-6)। उसकी सभी पत्रियों में प्रेम यूहन्ना का प्रीय विषय रहा है। वह कहता है कि वास्तविक प्रेम को व्यवहार में प्रगट करना यह व्यक्त करने का एक तरीका है कि हम परमेश्वर की उपस्थिति में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, और सत्य के हैं। जब मैं और मेरे बच्चे इन प्रश्नों पर विचार करते हैं, तो हम पाते हैं कि हमारे जीवनों में प्रेम को प्रगट करना सामान्य, साधारण बातों द्वारा होता है, जैसे कि, अपना छाता किसी के साथ साझा करना, किसी उदास जन को प्रोत्साहित करना, किसी के पसंद का भोजन बना कर परोसना, आदि। इसी प्रकार से, प्रेम व्यक्त करने के अवसरों का उपयोग न करना भी ऐसे ही व्यावाहारिक होता है, जैसे कि, कानाफूसी करना, किसी वस्तु को साझा करने से इनकार करना, किसी अन्य की आवश्यकताओं की चिंता किए बिना, अपनी ही इच्छाओं को पूरा करना, आदि।

     प्रत्येक रात्रि को इन बातों पर ध्यान देने के द्वारा, हम दिन के समय में इनके प्रति और उसके प्रति जो परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें दिखा और सिखा रहा है, अधिक सचेत और संवेदनशील रहने पाते हैं। अपने जीवनों में, पवित्र आत्मा की सहायता से हम प्रेम में चलाना सीख रहे हैं (2 यूहन्ना 1:6)। - एमी पीटरसन

 

मैं आज प्रेम कैसे दिखा सकता हूँ?


क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें। - 1 यूहन्ना 3:11

बाइबल पाठ: 2 यूहन्ना 1:1-6

2 यूहन्ना 1:1 मुझ प्राचीन की ओर से उस चुनी हुई श्रीमती और उसके लड़के बालों के नाम जिन से मैं उस सच्चाई के कारण सत्य प्रेम रखता हूं, जा हम में स्थिर रहती है, और सर्वदा हमारे साथ अटल रहेगी।

2 यूहन्ना 1:2 और केवल मैं ही नहीं, वरन वह सब भी प्रेम रखते हैं, जो सच्चाई को जानते हैं।

2 यूहन्ना 1:3 परमेश्वर पिता, और पिता के पुत्र यीशु मसीह की ओर से अनुग्रह, और दया, और शान्‍ति, सत्य, और प्रेम सहित हमारे साथ रहेंगे।

2 यूहन्ना 1:4 मैं बहुत आनन्‍दित हुआ, कि मैं ने तेरे कितने लड़के-बालों को उस आज्ञा के अनुसार, जो हमें पिता की ओर से मिली थी सत्य पर चलते हुए पाया।

2 यूहन्ना 1:5 अब हे श्रीमती, मैं तुझे कोई नई आज्ञा नहीं, पर वही जो आरम्भ से हमारे पास है, लिखता हूं; और तुझ से बिनती करता हूं, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें।

2 यूहन्ना 1:6 और प्रेम यह है कि हम उस की आज्ञाओं के अनुसार चलें: यह वही आज्ञा है, जो तुम ने आरम्भ से सुनी है और तुम्हें इस पर चलना भी चाहिए।     

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43


रविवार, 28 जून 2020

खोजी


     जब मैं कॉलेज में थी, तो एक प्रातः उठने पर मैंने पाया कि मेरी रूम-मेट, कैरल, बहुत घबराई हुई थी। उसकी अँगूठी खो गई थी, और हमने उस अँगूठी की खोज सभी स्थानों पर की किन्तु वह नहीं मिली। अगली प्रातः हम कूड़ेदान में उसकी अँगूठी खोज रहे थे। मैंने एक कूड़े के थैले को फाड़कर खोलते हुए कहा, “तुम इस अँगूठी को खोज लेने के लिए इतनी समर्पित क्यों हो?” उसने कहा, “मैं दो सौ डॉलर की अँगूठी को खोना नहीं चाहती हूँ!”

     कैरल के दृढ़ता को देखकर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा बताया गया परमेश्वर के राज्य से संबंधित दृष्टांत स्मरण हो आया। प्रभु यीशु ने परमेश्वर के राज्य की उपमा देते हुए कहा, “स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाकर छिपा दिया, और मारे आनन्द के जा कर और अपना सब कुछ बेचकर उस खेत को मोल लिया” (मत्ती 13:44)। कुछ बातें ऐसी होते है जिन्हें खोजने के लिए बहुत प्रयास करना लाभदायक होता है।

     बाइबल में सभी स्थानों पर परमेश्वर यह प्रतिज्ञा करता है कि जो उसके खोजी होंगे, वे उसे पा लेंगे। उसने व्यवस्थाविवरण में इस्राएलियों को समझाया कि जब वे अपने पापों से मुड़कर उसे पूरे मन से खोजेंगे, तो वे उसे पा लेंगे (4:28-29)। 2 इतिहास की पुस्तक में, राजा असा को भी ऐसी ही एक प्रतिज्ञा से प्रोत्साहन मिला (15:2)। और यिर्मयाह में परमेश्वर ने यही प्रतिज्ञा निर्वासित इस्राएलियों को भी दी, कि वह उन्हें बन्धुआई से लौटा ले आएगा (29:13-14)।

     यदि हम परमेश्वर को उसके वचन, उसकी आराधना, और अपने दैनिक जीवन में सच्चे मन से खोजते हैं, तो हम अवश्य ही उसे पाएंगे भी। समय के साथ ही हम उसे और गहराई से जानने लगेंगे; और यह उस मधुर पल से भी अधिक मनोहर होगा जब कैरल ने उस कूड़े के थैले में से अपनी अँगूठी खोज कर निकाल ली। - जूली स्कौब

 

परमेश्वर को पाने के लिए हमें उसका खोजी होना पड़ेगा।


मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। - मत्ती 7:7 

बाइबल पाठ: मत्ती 13:44-46

मत्ती 13:44 स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाकर छिपा दिया, और मारे आनन्द के जा कर और अपना सब कुछ बेचकर उस खेत को मोल लिया।

मत्ती 13:45 फिर स्वर्ग का राज्य एक व्यापारी के समान है जो अच्‍छे मोतियों की खोज में था।

मत्ती 13:46 जब उसे एक बहुमूल्य मोती मिला तो उसने जा कर अपना सब कुछ बेच डाला और उसे मोल ले लिया।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21


शनिवार, 27 जून 2020

मुक्त


     एक लड़का, जौनाथन, मस्तिष्क के एक ऐसे रोग के साथ पैदा हुआ था, जिसके कारण वह बोल नहीं सकता था, अपने आप को व्यक्त नहीं कर सकता था। परन्तु उसकी माँ ने हार नहीं मानी, और वह प्रयास करती रही कि किसी प्रकार वह उसे अपने आप को व्यक्त करना सिखा सके। वह दस वर्ष का था जब उसकी माँ की समझ में आया कि वह अपनी आँखों और अक्षरों की एक पटिया की सहायता से अपनी बात व्यक्त कर सकता है। एक बार जब उसे यह समझ मिल गई तो वह मुक्त हो गया, अपने आप को व्यक्त करने लग गया, उसकी माँ कहती है, “वह मुक्त हो गया, अब हम उस से कुछ भी पूछ सकते हैं।” जौनाथन अब पढ़ता है, लिखता है, कविता भी लिखता है, सब अपनी आँखों के संकेत के द्वारा। जब जौनाथन से पूछा गया कि अपने परिवार और मित्र जनों के साथ ‘बात’ कर पाना कैसा लगता है, तो उसने कहा, “उन्हें यह बता पाना कि मैं उन्हें प्रेम करता हूँ, अद्भुत है।”

     जौनाथन की कहानी बहुत दिल को छू लेने वाली है, और मुझे इस पर विचार करने के लिए बाध्य करती है कि परमेश्वर किस प्रकार से हमें पाप के बंधनों से मुक्त करता है। जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को अपनी पत्री में लिखा, एक समय था जब हम परमेश्वर की उपस्थिति से निष्कासित थे (कुलुस्सियों 1:21); हम अपने पापमय व्यवहार के कारण उसके विरोधी थे, परन्तु क्रूस पर मसीह की मृत्यु और उसके मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण अब हम परमेश्वर के सामने पवित्र करके प्रस्तुत किए जाते हैं (पद 22)। अब हम प्रभु के योग्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं, उसके ज्ञान और निकटता में बढ़ सकते हैं, उसके लिए फल ला सकते हैं (आयतें 10-11)।

     हम अपने मुक्त किए गए कंठ को परमेश्वर की स्तुति करने और उसके सुसमाचार को लोगों के साथ बाँटने के लिए प्रयोग कर सकते हैं, जिससे और लोग भी पाप से बंधे न रहें, वे भी मुक्त हो जाएँ। - एमी बाउचर पाई

 

प्रभु हमें हमारे पाप की कैद से मुक्त करता है।


इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:13-23

कुलुस्सियों 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।

कुलुस्सियों 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।

कुलुस्सियों 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।

कुलुस्सियों 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।

कुलुस्सियों 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।

कुलुस्सियों 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।

कुलुस्सियों 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।

कुलुस्सियों 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की।

कुलुस्सियों 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे।

कुलुस्सियों 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे।

कुलुस्सियों 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40 


शुक्रवार, 26 जून 2020

स्वतंत्र


     बचपन में जब मैं गाँव में रहता था, मुझे मुर्गियाँ पकड़ना बहुत रोमांचक लगता था। मैं जब भी कोई मुर्गी को पकड़ लेता, तो उसे कुछ देर तक नीचे धरती पर बैठाकर दबाए रखता, और फिर बहुत धीरे से उस पर से अपने हाथ उठाता। मेरे हाथ उठा लेने पर भी मुर्गी वहीं दबी बैठी रहती, उसे लगता था कि वह अभी भी मेरी पकड़ में है।

     हम जब प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाते हैं, वह अपने अनुग्रह में हमें पाप से और शैतान के पकड़ से छुड़ा लेता है। परन्तु क्योंकि हमारे पापी स्वभाव और आदतों में परिवर्तन आने में समय लगता है, इसलिए शैतान हमें ऐसा अनुभव करवा सकता है मानो हम अभी भी उसी की पकड़ में ही हैं। परन्तु परमेश्वर के आत्मा ने हमें स्वतंत्र कर दिया है; वह हमें दास नहीं बनाता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस कहता है, “सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया” (रोमियों 8:1-2)।

     हमारे द्वारा बाइबल पढ़ने, प्रार्थना करने, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से, परमेश्वर हम में कार्य करता है, हमें स्वच्छ करता है, और हमें अपने लिए उपयोगी बनाता है, जिससे हम उसके लिए जी सकें, उसके कार्य कर सकें। बाइबल हमें प्रोत्साहित करती है कि हम अपने जीवन में मसीह यीशु के साथ चलते हुए अपने आप को बंधा हुआ नहीं वरन स्वतंत्र अनुभव करें; फिर से पाप में और शैतान के चँगुल में न फँसें।

     प्रभु यीशु ने कहा, “सो यदि पुत्र तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे” (यूहन्ना 8:36)। मसीह यीशु में लाए गए विश्वास से मिली पापों की क्षमा और स्वतंत्रता हमें उस से और अधिक प्रेम करने तथा उसकी सेवकाई में लगे रहने के लिए प्रोत्साहित करती रहे। - लॉरेंस दरमानी

 

मेरी जंजीरें टूट गईं, मेरा मन स्वतंत्र हो गया; 

मैं उठा, आगे बढ़ा, और आपके पीछे हो लिया। - चार्ल्स वेस्ली


मसीह ने स्‍वतंत्रता के लिये हमें स्‍वतंत्र किया है; सो इसी में स्थिर रहो, और दासत्‍व के जूए में फिर से न जुतो। - गलातियों 5:1

बाइबल पाठ: रोमियों 8:1-2, 15-17

रोमियों 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।

रोमियों 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।

रोमियों 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं।

रोमियों 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं।

रोमियों 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25


गुरुवार, 25 जून 2020

धन्यवाद


     मैं कई वर्षों से ब्रिटिश लेखक जी. के. चेस्टर्टन के लेखों का आनन्द लेता आया हूँ। उनका विनोद और अन्तदृष्टि बहुधा मुझे मुस्कुराने और फिर उनकी बात पर गंभीरता से विचार करने के लिए बाध्य करती है। उदाहरण के लिए, उन्होंने लिखा, “आप भोजन से पहले परमेश्वर से धन्यवाद की प्रार्थना करते हैं। परन्तु मैं धन्यवाद की प्रार्थना नाटक और संगीत-नाटिका से पहले, संगीत समारोह और मूक-नाटक से पहले, और पुस्तक को खोलने से पहले, और धन्यवाद की प्रार्थना रेखा-चित्र बनाने, चित्रकारी करने, तैरने, तलवारबाज़ी करने, मुक्केबाजी करने, चलने, खेलने, नृत्य करने, और धन्यवाद की प्रार्थना कलम को दवात में डुबोने से पहले भी करता हूँ।”

     प्रत्येक भोजन से पूर्व परमेश्वर से धन्यवाद की प्रार्थना करना अच्छा है, परन्तु इसे यहीं नहीं रुक जाना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि पौलुस ने प्रत्येक गतिविधि, प्रत्येक प्रयास को परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने, और उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा करने के अवसर के समान देखा। पौलुस लिखता है, “और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो” (कुलुस्सियों 3:17)। मनोरंजन, व्यवसाय, और शिक्षा, ये सभी माध्यम हैं जिनके द्वारा हम परमेश्वर को आदर दे सकते हैं, और उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं।

     पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों प्रोत्साहित किया, “और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो” (पद 15)।

     जब और जहां भी हम प्रभु परमेश्वर को आदर देना चाहें, उसके धन्यवादी होना चाहें, वही धन्यवाद की प्रार्थना करने का सर्वोत्तम स्थान और अवसर है। - डेविड सी. मैक्कैसलैंड

 

हम जो कुछ भी करें, उसके द्वारा परमेश्वर को आदर और धन्यवाद करें।


सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। -  1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17

कुलुस्सियों 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो।

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

कुलुस्सियों 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60


बुधवार, 24 जून 2020

सान्तवना


     मैंने एक माँ के बारे में पढ़ा जो स्कूल से लौटी अपनी बेटी को कमर से नीचे कीचड़ में लथपथ देखकर चकित रह गई। उसकी बेटी ने स्पष्टीकरण दिया, स्कूल से लौटते समय उसकी एक सहेली फिसल कर कीचड़ में गिर गई, और उसका पैर चोटिल हो गया, वह खड़ी नहीं हो पा रही थी। उनकी एक अन्य सहेली दौड़कर किसी को सहायता करने के लिए लेने गई, और वह वहीं अपनी सहेली के साथ खड़ी थी। उसे अपनी सहेली को अपनी दुखती हुई टांग पकडे हुए कीचड़ में बैठे देखना अच्छा नहीं लगा, इसलिए वह भी उसके साथ वहीं कीचड़ में बैठ गई, जब तक कि सहायता के लिए उनकी शिक्षिका नहीं आ गई।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में जब अय्यूब पर विपदाएँ आईं, उसके बच्चे और धन-संपत्ति जाते रहे, और उसके शरीर पर पीड़ादायक फोड़े निकल आए, तो उसका दुःख असहनीय था। बाइबल बताती है कि उसके तीन मित्र उसे सांत्वना देने के लिए आए। जब वे अय्यूब के पास पहुंचे और उन्होंने उसके हाल देखे, “जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली। तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही” (अय्यूब 2:12-13)।

     अय्यूब के मित्रों ने आरंभ में तो सराहनीय समझदारी दिखाई। वे समझ गए कि अय्यूब को बस उसके साथ बैठकर शोक करने वाला कोई चाहिए, और उन्होंने यही किया। परन्तु आगे के अध्यायों में हम देखते हैं कि जब उन्होंने उसके साथ बोलना और परामर्श देना आरम्भ किया, तो उनकी बातें और परामर्श व्यर्थ तथा दुखदायी थे (अय्यूब 16:1-4)।

     अपने किसी दुखी मित्र को सान्तवना देने के लिए हम जो सबसे अच्छा कार्य कर सकते हैं, वह है उनके साथ उनकी परिस्थिति में आकर बैठ जाएँ। - लीसा सामरा

 

दुःख के समय में एक मित्र की उपस्थिति बहुत शान्तिदायक होती है।


प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: अय्यूब 2:7-13

अय्युब 2:7 तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया।

अय्युब 2:8 तब अय्यूब खुजलाने के लिये एक ठीकरा ले कर राख पर बैठ गया।

अय्युब 2:9 तब उसकी स्त्री उस से कहने लगी, क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर की निन्दा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा।

अय्युब 2:10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया।

अय्युब 2:11 जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठान कर कि हम अय्यूब के पास जा कर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।

अय्युब 2:12 जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली।

अय्युब 2:13 तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 1-2
  •  प्रेरितों 7:22-43


मंगलवार, 23 जून 2020

प्रेम


     मैं जैसे प्रत्येक शनिवार की संध्या को करता आया था, पिछली संध्या भी देर रात तक बाहर रहा था। मैं बीस वर्ष का था, और परमेश्वर से दूर जितना अधिक तेज़ी से दौड़ सकता था, मैं दौड़ा जा रहा था। परन्तु उस इतवार की प्रातः, अचानक ही, विचित्र रीति से, मैं अपने आप को उस चर्च में जाने के लिए विवश अनुभव कर रहा था, जिसमें मेरे पिता पादरी थे। मैंने अपनी बदरंग जींस और घिसी हुई पुरानी टी-शर्ट, खुले फीतों वाले टखनों से भी ऊँचे जूते पहने और शहर की दूसरी ओर स्थित उस चर्च में पहुँच गया।

     मुझे वह सन्देश तो याद नहीं है जो उस दिन मेरे पिता ने प्रचार किया, परन्तु जो मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ वह है मुझे वहाँ देखने से उनका आनन्द। यद्यपि में उनका लेपालक पुत्र था फिर भी मेरे कन्धों पर हाथ रखकर, जितने लोग भी उनसे मिलते थे, उन सब से वह मेरा परिचय करवाते थे, गर्व और आनन्द के साथ से उन्हें कहते थे, “यह मेरा बेटा है!” उनका वह प्रेम मेरे लिए परमेश्वर के प्रेम का स्वरूप बन गया, और इतने दशकों के पश्चात आज भी मेरे मन में ताज़ा है।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में सभी स्थानों पर परमेश्वर को प्रेम करने वाले एक पिता के समान दिखाया गया है। यशायाह 44 में, भविष्यद्वक्ता परमेश्वर के परिवार को दी जाने वाली चेतावनियों को बीच में ही रोक कर उनसे परमेश्वर के पारिवारिक प्रेम के बारे में कहता है, “तेरा कर्त्ता यहोवा, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया और तेरी सहायता करेगा, यों कहता है, हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए यशूरून, मत डर! क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा” (पद 2-3)। यशायाह ने यह भी लिखा कि उन लोगों द्वारा इस बात का क्या प्रत्युत्तर मिलेगा, “कोई कहेगा, मैं यहोवा का हूं, कोई अपना नाम याकूब रखेगा, कोई अपने हाथ पर लिखेगा, मैं यहोवा का हूं, और अपना कुलनाम इस्राएली बताएगा” (पद 5)।

     पथभ्रष्ट इस्राएल फिर भी परमेश्वर का अपना था, ठीक वैसे ही जैसे मैं अपने दत्तक पिता के लिए उनका अपना था। मेरा कुछ भी करना कभी मेरे प्रति उनके प्रेम को कम नहीं कर सकता था। उन्होंने मुझे हमारे स्वर्गीय पिता परमेश्वर के हमारे प्रति प्रेम की एक झलक उस दिन मुझे प्रदान की। - टिम गुस्ताफसन

 

हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम हमें उस पहचान और अपनेपन का एहसास देता है 

जिसकी हम सभी लोग लालसा रखते हैं।


हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है। - यशायाह 43:1

बाइबल पाठ: यशायाह 44:1-5

यशायाह 44:1 परन्तु अब हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए इस्राएल, सुन ले!

यशायाह 44:2 तेरा कर्त्ता यहोवा, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया और तेरी सहायता करेगा, यों कहता है, हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए यशूरून, मत डर!

यशायाह 44:3 क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा।

यशायाह 44:4 वे उन मजनुओं के समान बढ़ेंगे जो धाराओं के पास घास के बीच में होते हैं।

यशायाह 44:5 कोई कहेगा, मैं यहोवा का हूं, कोई अपना नाम याकूब रखेगा, कोई अपने हाथ पर लिखेगा, मैं यहोवा का हूं, और अपना कुलनाम इस्राएली बताएगा।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21


सोमवार, 22 जून 2020

लक्ष्य


     मैं उस दिन को कभी नहीं भूलूँगा जब मुझे एक भोज के समय बिली ग्राहम के साथ बैठने का सौभाग्य मिला। मैं अपने आप को सम्मानित तो अनुभव कर रहा था, किन्तु घबरा भी रहा था कि मैं उन से क्या कहूँ? मुझे लगा कि बात-चीत आरम्भ करने के लिए उनसे यह पूछना अच्छा रहेगा कि इतने वर्षों की सेवकाई में उन्हें सबसे अच्छी बात क्या लगती थी। और यह पूछने के साथ ही, मैं घबरा कर खुद ही उन्हें संभावित उत्तर भी सुझाने लगा। क्या वह राष्ट्रपतियों, राजाओं, रानियों को जानना था? या सारे संसार में लाखों लोगों को सुसमाचार प्रचार करना था?

     इससे पहले कि मैं कोई और उत्तर सुझाता, बिली ग्राहम ने मुझे रोका और बिना किसी भी हिचकिचाहट के कहा, “मुझे सबसे अच्छा प्रभु यीशु के साथ संगति रखना लगता है। उसकी उपस्थिति का एहसास रखना, उसकी बुद्धिमानी से सीखना, उसके द्वारा मेरा मार्गदर्शन और निर्देशन किया जाना – यही मेरे लिए सबसे अधिक आनन्द का विषय रहा है।” उनकी बात सुनते ही तुरंत ही मुझे अपनी दुर्बलता का बोध भी हुआ और मेरे सामने एक चुनौती भी आई। दुर्बलता का बोध इसलिए क्योंकि इस प्रश्न के लिए संभवतः यह मेरा उत्तर नहीं होता; और चुनौती इसलिए क्योंकि मैं अब चाहता था कि यह मेरा भी उत्तर हो।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस के मन भी यही बात थी जब उसने प्रभु यीशु मसीह को जाननें की बहुमूल्यता के साथ अपनी सांसारिक उपलब्धियों की तुलना की और अपनी उपलब्धियों को व्यर्थ पाया। ज़रा सोचिए, हमारे जीवन कितने उत्तम और उपयोगी होंगे यदि प्रभु यीशु की संगति में रहना और उसके मार्गदर्शन में होकर कार्य करना हमारे जीवनों का सर्वोच्च लक्ष्य बन जाए। - जो स्टोवैल

 

परमेश्वर ने आपको जहाँ पर रखा है वहाँ पर विश्वासयोग्य रहने के लिए, 

प्रभु यीशु को अपने जीवन में प्रथम स्थान दें।


यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे; परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता है, कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धर्म के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ। - यिर्मयाह 9:23-24

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:7-14

फिलिप्पियों 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है।

फिलिप्पियों 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।

फिलिप्पियों 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है।

फिलिप्पियों 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ्य को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।

फिलिप्पियों 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं।

फिलिप्पियों 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।

फिलिप्पियों 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।

फिलिप्पियों 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6


रविवार, 21 जून 2020

समय


     ऑस गिन्निस ने अपनी पुस्तक Impossible People में एक अफ्रीकी कहावत को उद्धृत किया; वह कहावत है, “पश्चिम के लोगों के पास घड़ियाँ होती है; अफ्रीकियों के पास समय होता है।” इससे मैं विचार करने लगा कि कितनी ही बार मैंने किसी निवेदन को ठुकराते हुए कहा है “मेरे पास समय नहीं है।” मैं सोचने लगा कि मेरे जीवन में निर्धारित कार्यक्रम, और कार्यों को पूरा करने के निर्धारित समय कितने महत्वपूर्ण रहते हैं, वे मुझे नियंत्रित किए रहते हैं, किसी अत्यावश्यक को करना कैसा अत्याचार प्रतीत होता है।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा ने भजन 90 में प्रार्थन की, “हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं” (पद 12)। और समय के विषय पौलुस ने लिखा, “इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो। और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं” (इफिसियों 5:15-16)।

     मेरा मानना है कि मूसा और पौलुस इस बात में मुझ से सहमत होंगे कि हमारे द्वारा समय के सदुपयोग का अर्थ केवल घड़ी देखते रहना ही नहीं है। संभव है कि परिस्थिति की माँग हो कि हम एक निर्धारित समय सीमा में कार्य को पूरा कर लें, या फिर, वह हम से यह माँग करे कि हम किसी और को अपने समय को भेंट दें।

     सँसार के हमारे जीवन में मसीह यीशु के लिए प्रभावी और उपयोगी होने के लिए हमारे पास थोड़ा ही समय उपलब्ध है, और हमें उस समय का सदुपयोग करना है, उसे यथासंभव सही बातों में लगाना है। ऐसा करने का अर्थ कभी यह भी हो सकता है कि हम अपनी घड़ियों और निर्धारित कार्यों की सूची की अनदेखी करके, किसी ऐसे व्यक्ति के साथ जिसे प्रभु हमारे जीवन में लाया है, कुछ समय बिताएँ और मसीह यीशु के धैर्य तथा प्रेम को व्यावाहरिक रीति से उसके साथ प्रकट करें।

     हम जब समय की सीमाओं से बाहर अनंत मसीह की सामर्थ्य और अनुग्रह में जीवन व्यतीत करते हैं, हम अनन्तकाल के लिए अपने समय को प्रभावी बनाते हैं। - बिल क्राउडर

 

समय का प्रबंधन घड़ी देखकर कार्य करना नहीं है, 

वरन हमारे पास जो समय है उसका सदुपयोग करना है।


जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। - सभोपदेशक 9:10

बाइबल पाठ: भजन 90:9-17

भजन संहिता 90:9 क्योंकि हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं, हम अपने वर्ष शब्द के समान बिताते हैं।

भजन संहिता 90:10 हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष के भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल नष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।

भजन संहिता 90:11 तेरे क्रोध की शक्ति को और तेरे भय के योग्य तेरे रोष को कौन समझता है?

भजन संहिता 90:12 हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं।

भजन संहिता 90:13 हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा!

भजन संहिता 90:14 भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।

भजन संहिता 90:15 जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।

भजन संहिता 90:16 तेरा काम तेरे दासों को, और तेरा प्रताप उनकी सन्तान पर प्रगट हो।

भजन संहिता 90:17 और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42


शनिवार, 20 जून 2020

प्रत्येक पल


     मैं जब एडा से मिला, वह अकेली रहने वाली वृद्धा थी, और एक नर्सिंग होम में रहती थी। उसके साथ के परिवार तथा मित्र जन अपनी आयु पूरी करके सँसार से जा चुके थे। एडा ने मुझ से कहा, “वृद्ध होने का यह सबसे कठिन भाग है, आप के देखते-देखते, सभी आप को छोड़कर चले जाते हैं।” एक दिन मैंने एडा से पूछा कि वह अपना समय कैसे बिताती है, उसकी पसंद की बातें क्या हैं? उसने परमेश्वर के वचन बाइबल में से प्रेरित पौलुस द्वारा लिखे एक पद के द्वारा उत्तर दिया: “क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है” (फिलिप्पियों 1:21)। फिर उस ने कहा, जब तक मैं यहाँ हूँ, मेरे पास करने के लिए कार्य है। अपने अच्छे दिनों में मैं यहाँ के लोगों के साथ प्रभु यीशु के बारे में बातचीत करती हूँ; और कठिन दिनों में, मैं प्रार्थना करती रहती हूँ।

     यह महत्वपूर्ण है कि पौलुस ने फिलिप्प्यों को यह पत्री कैद से लिखी थी, और उसने एक ऐसी वास्तविकता को पहचाना था जिसे बहुतेरे मसीही भी समझते हैं, जब वे अपने दिनों के समाप्त होने की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। पौलुस का अभिप्राय था, यद्यपि स्वर्ग इतना आकर्षक प्रतीत होता है, किन्तु फिर भी हमारा जो भी समय यहाँ पृथ्वी पर शेष है, परमेश्वर के लिए उसका महत्त्व है।

     पौलुस के समान, एडा ने पहचाना कि हर साँस जो वह लेती है, परमेश्वर की सेवा करने और उसे महिमा देने का एक अवसर होता है। इसलिए एडा अपने दिनों को औरों के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने और उन्हें अपने उद्धाकर्ता से परिचित करवाने में व्यतीत करती थी।

     हमारे सबसे कठिन समयों में भी, हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के साथ मिलने वाले अनन्तकालीन परमानन्द की प्रतिज्ञा में आश्वस्त बने रह सकते हैं। और हम जब तक जीवित हैं, हम अपने प्रभु परमेश्वर के साथ संगति का आनन्द लेते रह सकते हैं, क्योंकि वह हमारे जीवन के प्रत्येक पल को महत्वपूर्ण बनाए रखता है। - रैंडी किलगोर

 

जब परमेश्वर हमें घर ले जाने के लिए, तो वह हमको उसके कार्य में व्यस्त पाए।


इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा। - मत्ती 24:44

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:12-24

फिलिप्पियों 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।

फिलिप्पियों 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।

फिलिप्पियों 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्‍ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।

फिलिप्पियों 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।

फिलिप्पियों 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।

फिलिप्पियों 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्‍लेश उत्पन्न करें।

फिलिप्पियों 1:18 सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्‍दित हूं, और आनन्‍दित रहूंगा भी।

फिलिप्पियों 1:19 क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा।

फिलिप्पियों 1:20 मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं।

फिलिप्पियों 1:21 क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है।

फिलिप्पियों 1:22 पर यदि शरीर में जीवित रहना ही मेरे काम के लिये लाभदायक है तो मैं नहीं जानता, कि किस को चुनूं।

फिलिप्पियों 1:23 क्योंकि मैं दोनों के बीच अधर में लटका हूं; जी तो चाहता है कि कूच कर के मसीह के पास जा रहूं, क्योंकि यह बहुत ही अच्छा है।

फिलिप्पियों 1:24 परन्तु शरीर में रहना तुम्हारे कारण और भी आवश्यक है।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21


शुक्रवार, 19 जून 2020

अनुग्रह


     मैं जब भी लोगों को अपने मोबाइल फोन के प्रयोग में मगन होकर सड़क पर चलते हुए देखती थी, तो मन ही मन में मैं उन्हें लापरवाह होने का दोषी ठहराती थी। मुझे समझ में नहीं आता था कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं की आती-जाती गाड़ियों से टकरा जाने का जोखिम उठाए हुए ध्यान कहीं और लगाए हुए सड़क पर चलते चले जाते हैं। परन्तु एक दिन एक गली के मुहाने को पार करते हुए मैं अपने मोबाइल फोन पर आए एक सन्देश में इतनी मगन थी, कि मैंने गली में से आती हुई कार को देखा ही नहीं, उसके सामने आ गई। परन्तु उस कार के चालक ने मुझे देख लिया था, और उसने तुरंत ब्रेक लगा कर दुर्घटना होने से बचा लिया; परन्तु उसके चहरे पर जो खिसियाहट के भाव उभर कर आए, उन्हें मैं भुला नहीं सकती हूँ। मैं जिस बात के लिए लोगों पर दोष मढ़ती रहती थी, अपने आप को भला और उन्हें बुरा समझती रहती थी, मैं भी उसी गलती की दोषी थी; मेरा पाखण्ड मेरे सामने था।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने अपने पहाड़ी उपदेश में इसी प्रकार के पाखण्ड को संबोधित किया है। प्रभु ने कहा, “हे कपटी, पहले अपनी आंख में से लट्ठा निकाल ले, तब तू अपने भाई की आंख का तिनका भली भांति देखकर निकाल सकेगा” (मत्ती 7:5)। मैं भी अपनी आँखों में एक बड़ा सा लट्ठा लिए चल रही थी, जो मुझे अपनी ही गलतियों को देखने नहीं दे रहा था; और मैं दूसरों को ही दोषी समझती रहती थी। जिस खिसियाहट को मैं दूसरों के प्रति व्यक्त करती थी, उस दिन वही मेरे लिए भी उस कार चालक के चेहरे पर प्रकट थी।

     हम में से कोई भी सिद्ध नहीं है, हम सभी गलतियाँ करते हैं; वही गलतियाँ जिनके लिए हम औरों को दोषी ठहराते हैं। हम भूल जाते हैं कि हमारा अनुग्रहकारी परमेश्वर पिता हमारी कितनी बर्दाश्त करता है, हमें कितने अवसर देता है, हमें कितनी गलतियों के दुष्परिणामों से बचाता है। यह उसका अनुग्रह और प्रेम ही है जो हमें नष्ट नहीं होने देता है। - लिंडा वॉशिंगटन

 

औरों पर दोष लगाने में जल्दबाज़ी कभी न करें।


यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: मत्ती 7:1-6

मत्ती 7:1 दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए।

मत्ती 7:2 क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।

मत्ती 7:3 तू क्यों अपने भाई की आंख के तिनके को देखता है, और अपनी आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता?

मत्ती 7:4 और जब तेरी ही आंख मे लट्ठा है, तो तू अपने भाई से क्योंकर कह सकता है, कि ला मैं तेरी आंख से तिनका निकाल दूं।

मत्ती 7:5 हे कपटी, पहले अपनी आंख में से लट्ठा निकाल ले, तब तू अपने भाई की आंख का तिनका भली भांति देखकर निकाल सकेगा।

मत्ती 7:6 पवित्र वस्तु कुत्तों को न दो, और अपने मोती सूअरों के आगे मत डालो; ऐसा न हो कि वे उन्हें पांवों तले रौंदें और पलट कर तुम को फाड़ डालें।   

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 12-13
  • प्रेरितों 4:23-37


गुरुवार, 18 जून 2020

मुसीबत


     यद्यपि मैं अनुग्रहकारी परमेश्वर में विश्वास करती हूँ, फिर भी कभी-कभी मेरी प्रवृत्ति रहती है कि मुझे उसकी सहायता तब ही उपलब्ध होगी, जब मैं उसके योग्य बनूँगी; और ऐसे में मेरा विचार रहता है, ‘ये मुसीबत मैंने ही अपने लिए खड़ी की है; अब मुझे ही इस में से निकलने का मार्ग भी बनाना होगा।’

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम याकूब के जीवन से देखते हैं कि यह धारणा रखना कितना गलत है। याकूब ने अपनी नियति बदलने के लिए हर संभव प्रयास किया। वह दो भाइयों में से छोटा था, और उन दिनों में पहलौठे पुत्र को पिता की आशीषें दी जाती थीं, और माना जाता था कि यह उनके संपन्न भविष्य को निश्चित करता था। इसलिए अपने पिता की आशीषों को प्राप्त करने के लिए याकूब ने हर हथकंडा अपना लिया। अंततः, उसने धोखे के द्वारा, अपने पिता की पहलौठे की आशीषें प्राप्त तो कर लीं (उत्पत्ति 27:19-29), परन्तु परिणाम परिवार का विभाजन था, और उसे अपने बड़े भाई के क्रोध से अपनी जान बचा कर भागना पड़ा (पद 41-43)।

     रात में अकेले, मैदान में पत्थर को तकिया बना कर लेटे हुए, उसे परमेश्वर ने दर्शन दिया, उस से बातचीत की (उत्पत्ति 28:11); और याकूब ने जाना कि आशीषें पाने के लिए उसे दुस्साहसिक योजनाएँ बनाने की आवश्यकता नहीं है, वह तो पहले से ही आशीषित है। उसकी नियति, उसके जीवन का उद्देश्य, जो सांसारिक समृद्धि और सम्पन्नता से कहीं बढ़कर था (पद 14), उस परमेश्वर के हाथों में सुरक्षित था, जो उसे कभी नहीं छोड़ेगा (पद 15)। यह एक ऐसा पाठ था, जिसकी शिक्षाएँ याकूब जीवन भर सीखता रहा।

     यही हम मसीही विश्वासियों के लिए भी सत्य है। हम चाहे कितनी भी निराशाएँ जीवन में लेकर चलें, या हमें परमेश्वर कितना भी दूर प्रतीत हो, परन्तु वह सदा हमारे पास है, हमारे साथ है, हमारे लिए उपलब्ध है। वह कोमलता से हमें हमारी मुसीबतों में से निकालकर, अपनी आशीषों में लिए चलता रहता है। - मोनिका ब्रैंड्स

 

हमारे जीवनों के लिए उस के प्रेम और निर्धारित उद्देश्यों को परमेश्वर कभी नहीं छोड़ता है।


और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। - फिलिप्पियों 1:6

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 28:10-22

उत्पत्ति 28:10 सो याकूब बेर्शेबा से निकल कर हारान की ओर चला।

उत्पत्ति 28:11 और उसने किसी स्थान में पहुंच कर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; सो उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बना कर रखा, और उसी स्थान में सो गया।

उत्पत्ति 28:12 तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुंचा है: और परमेश्वर के दूत उस पर से चढ़ते उतरते हैं।

उत्पत्ति 28:13 और यहोवा उसके ऊपर खड़ा हो कर कहता है, कि मैं यहोवा, तेरे दादा इब्राहीम का परमेश्वर, और इसहाक का भी परमेश्वर हूं: जिस भूमि पर तू पड़ा है, उसे मैं तुझ को और तेरे वंश को दूंगा।

उत्पत्ति 28:14 और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पच्छिम, पूरब, उत्तर, दक्खिन, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएंगे।

उत्पत्ति 28:15 और सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊंगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझ को न छोडूंगा।

उत्पत्ति 28:16 तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था।

उत्पत्ति 28:17 और भय खा कर उसने कहा, यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन यह स्वर्ग का फाटक ही होगा।

उत्पत्ति 28:18 भोर को याकूब तड़के उठा, और अपने तकिए का पत्थर ले कर उसका खम्भा खड़ा किया, और उसके सिरे पर तेल डाल दिया।

उत्पत्ति 28:19 और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहिले लूज था।

उत्पत्ति 28:20 और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,

उत्पत्ति 28:21 और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौट आऊं: तो यहोवा मेरा परमेश्वर ठहरेगा।

उत्पत्ति 28:22 और यह पत्थर, जिसका मैं ने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूंगा।   

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 10-11
  • प्रेरितों 4:1-22


बुधवार, 17 जून 2020

सुरक्षित स्थान


     मेरा सब से पहला काम एक फास्ट-फूड रेस्टोरेंट में था। एक शनिवार की संध्या को, एक लड़का वहाँ रेस्टोरेंट में बैठा रहा, मुझ से पूछता रहा कि मैं काम ख़तम करके कब निकलती हूँ। समय बीतने के साथ, वह कभी कुछ, और कभी कुछ और खरीद कर खाता या पीता रहता, जिससे मैनेजर उसे बाहर न निकाल सके। उसकी यह बातें मुझे परेशान कर रही थीं, मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। यद्यपि मेरा घर वहाँ से कुछ अधिक दूर तो नहीं था, किन्तु मुझे चल कर जाना होता था, और रास्ते का कुछ भाग सुनसान था, और ऐसे में मैं देर रात उस सुनसान हिस्से से अकली जाना नहीं चाह रही थी। अंततः लगभग आधी रात के समय, सभी काम समाप्त करके, मैं अन्दर दफतर में गई, वहां से मैंने एक फोन किया। जिस व्यक्ति ने मेरा फोन उठाया, मेरे पिता जी ने, उन्होंने गर्म बिस्तर से बाहर निकल कर मेरे पास आने में कोई परेशानी अनुभव नहीं की; पांच मिनिट में वे मेरे पास थे, और मुझे सुरक्षित घर ले गए।

     मुझे जो इस प्रकार की निश्चितता थी, कि मेरी आवश्यकता के समय में मेरे पिताजी मेरी सहायता के लिए आएँगे, मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता की विश्वासयोग्यता और आश्वासन की याद दिलाते है जो भजन 91 में दिया गया है। हमारा स्वर्गीय प्रभु परमेश्वर सदैव हमारे साथ बना रहता है, हमारी रक्षा करता रहता है, हमारी देखभाल करता है, और हम जब भी दुविधा में होते हैं, परेशान होते हैं, या भयभीत होते हैं, हमें आश्वस्त करता है, हमारा मार्गदर्शन करता है। वह कहता है, “जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा” (भजन 91:15)। वह केवल हमारी सुनता ही नहीं है, वह हमारा शरणस्थान भी है (पद 1); वह हमारी ऐसी दृढ़ चट्टान है जिसे हम थामे रह सकते हैं (पद 2), जिस पर हम स्थिर बने रहा सकते हैं।

     भय, खतरे, या अनिश्चितता के सभी समयों में हम परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर भरोसा रख सकते हैं कि हम जब भी उसे पुकारेंगे, वह हमारी सुनेगा, और हमारे संकट में हमारी सहायता के लिए हमारे साथ होगा (पद 14-15); प्रभु परमेश्वर हमारा सुरक्षित स्थान है। - सिंडी हैस कैस्पर

 

जीवता परमेश्वर सदा हमारा सुरक्षित शरणस्थान बना रहेगा।


मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है। - भजन 71:3

बाइबल पाठ: भजन 91

भजन संहिता 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।

भजन संहिता 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।

भजन संहिता 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;

भजन संहिता 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।

भजन संहिता 91:5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,

भजन संहिता 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।

भजन संहिता 91:7 तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा।

भजन संहिता 91:8 परन्तु तू अपनी आंखों की दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा।

भजन संहिता 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,

भजन संहिता 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।

भजन संहिता 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें।

भजन संहिता 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।

भजन संहिता 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा।

भजन संहिता 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।

भजन संहिता 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।

भजन संहिता 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।   

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 7-9
  • प्रेरितों 3


मंगलवार, 16 जून 2020

कहा है


     छुट्टियों के एक समय में, मैंने और मेरे पति ने एक नदी में शांत नौका विहार करने का निर्णय किया। हमने नौका विहार के विज्ञापन देखे, एक नौका विहार को चुना, उसके लिए पैसे भरे, और नौका विहार करवाने वालों के कहे के अनुसार हम यात्रा के आरम्भ स्थान पर पहुँच गए। वहाँ पहुँच कर हमें ज्ञात हुआ कि उनके द्वारा दिए गए विज्ञापन के विपरीत, नौका विहार में कुछ दूरी तेज़ बहते और उछलते हुए पानी की भी थी। उन्होंने मेरे पति को नौका के चप्पू चलाने और नाव को संभालने की कुछ मूल बातें सिखाईं, और हमें आश्वस्त किया कि वे लोग हमें सुरक्षित हमारे विहार के अंतिम छोर तक ले जाएँगे; हम ने धन्यावद किया कि अनुभवी नौका चालक हमारे साथ थे। हमने अपनी जीवन रक्षक जैकेट पहनीं, और हम नदी में चल दिए; तेज़ बहाव के स्थान पर मैं कसकर नाव के प्लास्टिक के हैंडल को पकड़े हुए चिल्लाती रही, जब तक कि हम शांत बहाव में पहुँच कर किनारे नहीं लग गए। नाव से उतर कर हमने अपने कपड़े निचोड़े, पर्स में से पानी निकाला, और यद्यपि वह यात्रा हमारी अपेक्षा के अनुसार तो नहीं रही थी, फिर भी हम एक-दूसरे को देख कर हँस पड़े।

     उस नौका विहार के विज्ञापन के विपरीत, जिसमें उन लोगों ने उस विहार से सम्बंधित एक मुख्य बात नहीं बताई थी, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को यह स्पष्ट बता दिया था कि भविष्य में उनके लिए कठिन दिन रखे हुए हैं। प्रभु ने उन से कहा दिया कि वह स्वयं भी मारा जाएगा और उसका पुनरुत्थान होगा, और आते समय में वे भी सताए जाएँगे, मारे जाएँगे। साथ ही उसने उन्हें अपने विश्वासयोग्य होने का भी आश्वासन दिया, और इसका भी कि वह उन्हें एक चिरस्थाई विजय और अनानात्कालीन आशा में ले जाएगा (यूहन्ना 16:16-33)।

     यदि प्रभु का अनुसरण करते हुए जीवन सरल होता तो बहुत अच्छा होता, परन्तु प्रभु ने अपने अनुयायियों को यह स्पष्ट बता दिया है कि उन्हें कठिनाइयों और विरोधों का सामना करना पड़ेगा। हमारी ये परीक्षाएँ परमेश्वर द्वारा हमारे लिए बनाई गई योजनाओं को न तो परिभाषित करेंगी, न ही उन्हें सीमित करेंगी, और न ही उन्हें बिगाडेंगी या नष्ट करेंगी। प्रभु यीशु के पुनरुत्थान और मृत्यु पर विजय ने हमारे लिए अनन्त विजय सुनिश्चित कर दी है, और प्रभु ने हम से यही कहा है। - होकिटिल डिक्सन

 

प्रभु यीशु सबसे कठिन समयों में भी हमारे साथ रहता है।


हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। - 1 कुरिन्थियों 15:55-57

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:25-33

यूहन्ना 16:25 मैं ने ये बातें तुम से दृष्‍टान्‍तों में कही हैं, परन्तु वह समय आता है, कि मैं तुम से दृष्‍टान्‍तों में और फिर नहीं कहूंगा परन्तु खोल कर तुम्हें पिता के विषय में बताऊंगा।

यूहन्ना 16:26 उस दिन तुम मेरे नाम से मांगोगे, और मैं तुम से यह नहीं कहता, कि मैं तुम्हारे लिये पिता से बिनती करूंगा।

यूहन्ना 16:27 क्योंकि पिता तो आप ही तुम से प्रीति रखता है, इसलिये कि तुम ने मुझ से प्रीति रखी है, और यह भी प्रतीति की है, कि मैं पिता कि ओर से निकल आया।

यूहन्ना 16:28 मैं पिता से निकलकर जगत में आया हूं, फिर जगत को छोड़कर पिता के पास जाता हूं।

यूहन्ना 16:29 उसके चेलों ने कहा, देख, अब तो तू खोल कर कहता है, और कोई दृष्‍टान्‍त नहीं कहता।

यूहन्ना 16:30 अब हम जान गए, कि तू सब कुछ जानता है, और तुझे प्रयोजन नहीं, कि कोई तुझ से पूछे, इस से हम प्रतीति करते हैं, कि तू परमेश्वर से निकला है।

यूहन्ना 16:31 यह सुन यीशु ने उन से कहा, क्या तुम अब प्रतीति करते हो?

यूहन्ना 16:32 देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर हो कर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है।

यूहन्ना 16:33 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47


सोमवार, 15 जून 2020

प्रेम के योग्य


     मेरी बेटी एक प्रातः तैयार हो रही थी, और अचानक ही बड़े उत्साह और आनन्द के साथ ऊँची आवाज़ में बोली “Lovable (प्रेम-योग्य);” मुझे समझ नहीं आया उसका अभिप्राय क्या था। मेरे चहरे के भाव को देखकर उसने अपनी टी-शर्ट पर लिखे हुए शब्द की ओर संकेत किया, जहाँ पर बड़े अक्षरों में लिखा था, “Lovable (प्रेम के योग्य)।” मैंने उसे गले से लगाया, और वह आनन्द से मुस्कुराने लगी, और जब मैंने उस से कहा, “तुम प्रेम के योग्य हो” तो उसकी मुस्कराहट और भी बड़ी हो गई; और वह इस शब्द को बारंबार दोहराती हुई कूदती हुई बाहर चली गई।

     मैं कोई सिद्ध पिता तो नहीं हूँ, परन्तु वह पल सिद्ध पल था। उस स्वाभाविक, मनोहर वार्तालाप में मैंने अपने बेटी के दमकते हुए चेहरे में देखा कि बिना किसी शर्त के मिलने वाले प्रेम को प्राप्त करना कैसा होता है: वह पूर्ण आनन्द की छवि थी। वह अच्छे से समझ रही थी कि उस की शर्ट पर लिखी बात उसके प्रति उसके पिता की भावनाओं से पूर्णतः मेल खा रही थी।

     हम में से कितने हैं जो अपने हृदय से इस बात पर पूर्ण विश्वास रखते हैं कि हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता हमें असीम और अनंतकालीन प्रेम करता है? कभी-कभी हम इस सत्य को लेकर संघर्ष करते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि इस्राएलियों ने भी किया। वे सोचने लगे कि क्या उन की परीक्षाओं का यह अर्थ है कि अब परमेश्वर उन से प्रेम नहीं करता है। परन्तु यिर्मयाह 31:3 में भविष्यद्वक्ता ने उन्हें वह स्मरण करवाया जो परमेश्वर ने उन से पहले ही कह रखा था, “मैंने तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ।”

     हमारी भी लालसा ऐसे ही सिद्ध प्रेम को पाने की होती है। परन्तु जो घाव, निराशाएं और गलतियाँ हम अनुभव करते हैं, वे हमें अपने आप को उस ‘प्रेम के योग्य’ समझ पाने में आड़े आती हैं। परन्तु हमारा प्रभु परमेश्वर अपनी बाहें फैलाए हमें अपने पास आ कर उस प्रेम को अनुभव करने और उसके सिद्ध प्रेम में विश्राम करने के लिए आमंत्रित करता है। - एडम होल्ज़

 

हमारे परमेश्वर पिता के समान कोई हम से प्रेम नहीं कर सकता है।


मेरी दृष्टि में तू अनमोल और प्रतिष्ठित ठहरा है और मैं तुझ से प्रेम रखता हूं, इस कारण मैं तेरी सन्ती मनुष्यों को और तेरे प्राण के बदले में राज्य राज्य के लोगों को दे दूंगा। - यशायाह 43:4

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 31:1-6

यिर्मयाह 31:1 उन दिनों में मैं सारे इस्राएली कुलों का परमेश्वर ठहरूंगा और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, यहोवा की यही वाणी है।

यिर्मयाह 31:2 यहोवा यों कहता है: जो प्रजा तलवार से बच निकली, उन पर जंगल में अनुग्रह हुआ; मैं इस्राएल को विश्राम देने के लिये तैयार हुआ।

यिर्मयाह 31:3 यहोवा ने मुझे दूर से दर्शन देकर कहा है। मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ; इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करुणा बनाए रखी है।

यिर्मयाह 31:4 हे इस्राएली कुमारी कन्या! मैं तुझे फिर बसाऊंगा; वहां तू फिर सिंगार कर के डफ बजाने लगेगी, और आनन्द करने वालों के बीच में नाचती हुई निकलेगी।

यिर्मयाह 31:5 तू शोमरोन के पहाड़ों पर अंगूर की बारियां फिर लगाएगी; और जो उन्हें लगाएंगे, वे उनके फल भी खाने पाएंगे।

यिर्मयाह 31:6 क्योंकि ऐसा दिन आएगा, जिस में एप्रैम के पहाड़ी देश के पहरुए पुकारेंगे: उठो, हम अपने परमेश्वर यहोवा के पास सिय्योन को चलें।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21