कुछ लोग एक साथ खड़े थे, और आँगन में गिरे हुए एक विशाल वृक्ष को देख
रहे थे। एक वृद्ध महिला, अपनी छड़ी
के सहारे खड़ी हुई, रात आए तूफ़ान और उसके कारण उस वृक्ष के गिर जाने का वर्णन कर
रही थी। उसने भरभराई आवाज़ में कहा, “न
केवल यह पेड़ गिरा, परन्तु इससे
पत्थरों से बनी हमारे आँगन की सुन्दर दीवार भी गिर गई, जिसे मेरे पति ने हमारे
विवाह के वर्ष में बनाया था। उन्हें वह दीवार बहुत पसंद थी, और मुझे भी वह बहुत पसंद थी! अब उनके समान यह
दीवार भी जाती रही है।”
अगली प्रातः उसने खिड़की से बाहर झाँक कर देखा
कि कंपनी के कर्मचारी आकर उस गिरे हुए पेड़ को हटा रहे थे; साथ ही कुछ और भी हो रहा था, जिसे देखकर उसके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कराहट आ गई। गिरे हुए पेड़ के
डालियों के बीच में से उसने देखा कि दो वयस्क आदमी और एक लड़का जो उसके लॉन की घास
काटता था, उसकी प्रिय दीवार की
मरम्मत करने के सामान के साथ वहां थे और दीवार के नाप ले रहे थे, जिससे उसकी प्रिय
दीवार को फिर से बना दें।
परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह
भविष्यद्वक्ता उस सेवा का वर्णन करता है जो परमेश्वर को पसंद है: ऐसे कार्य जो
हमारे आस-पास के लोगों के मनों को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि उन दीवार की मरम्मत करने वालों ने उस वृद्ध महिला के लिए किया था।
बाइबल का यह खण्ड यह भी बताता है कि परमेश्वर धार्मिक क्रियाओं के व्यर्थ निर्वाह
करने के स्थान पर निःस्वार्थ सेवा को अधिक मूल्यवान समझता है। यथार्थ में, परमेश्वर अपने बच्चों द्वारा की गई निःस्वार्थ
सेवा पर दोहरी आशीष देता है। पहले,
परमेश्वर हमारी स्वेच्छा से की गई सेवा को शोषित और आवश्यकता में पड़े लोगों की
सहायता के लिए प्रयोग करता है (यशायाह 58:7-10)। फिर वह जो इस सेवा में लगे हैं, उनको आदर प्रदान करता है, उनकी प्रतिष्ठा को
बना या बढ़ा कर, जिससे वे उसके राज्य में प्रबल सकारात्मक प्रभाव हों (पद 11, 12)।
आज आप परमेश्वर के लिए क्या सेवा अर्पित
करेंगे? – रैंडी किल्गोर
दूसरों की
निःस्वार्थ सेवा से परमेश्वर को आदर मिलता है।
अपनी रोटी जल के ऊपर डाल दे,
क्योंकि
बहुत दिन के बाद तू उसे फिर पाएगा। - सभोपदेशक
11:1
बाइबल पाठ: यशायाह
58:6-12
यशायाह 58:6 जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूं, वह क्या यह नहीं, कि, अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहने वालों का जुआ तोड़कर उन को छुड़ा
लेना, और, सब जूओं को टुकड़े टुकड़े कर देना?
यशायाह 58:7 क्या वह यह नहीं है कि अपनी रोटी भूखों को बांट
देना, अनाथ और मारे मारे फिरते हुओं
को अपने घर ले आना, किसी को नंगा देखकर
वस्त्र पहनाना, और अपने जाति-भाइयों
से अपने को न छिपाना?
यशायाह 58:8 तब तेरा प्रकाश पौ फटने के समान चमकेगा, और तू शीघ्र चंगा हो जाएगा; तेरा धर्म तेरे आगे आगे चलेगा, यहोवा का तेज तेरे पीछे रक्षा करते चलेगा।
यशायाह 58:9 तब तू पुकारेगा और यहोवा उत्तर देगा; तू दुहाई देगा और वह कहेगा, मैं यहां हूं। यदि तू अन्धेर करना और उंगली मटकाना, और, दुष्ट बातें बोलना छोड़ दे,
यशायाह 58:10 उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दु:खियों को सन्तुष्ट करे,
तब अन्धियारे में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा।
यशायाह 58:11 और यहोवा तुझे लगातार लिये चलेगा, और काल के समय तुझे तृप्त और तेरी हड्डियों को हरी
भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और
ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता।
यशायाह 58:12 और तेरे वंश के लोग बहुत काल के उजड़े हुए
स्थानों को फिर बसाएंगे; तू पीढ़ी पीढ़ी
की पड़ी हुई नेव पर घर उठाएगा; तेरा नाम
टूटे हुए बाड़े का सुधारक और पथों का ठीक करने वाला पड़ेगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 40-42
- प्रेरितों 27:1-26
सच निस्वार्थ से जो ख़ुशी मिलती हैं उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है
जवाब देंहटाएं, काश कि माया-मोह में फंसें इंसान इसे समझ पाते!
बहुत अच्छी प्रस्तुति