किसी कार्य को पूरा कर लेना
बहुत संतुष्टि प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, मेरी नौकरी में, हर महीने
मुझे सौंपे गए कार्यों के बारे में लेखा-जोखा देना होता है, और हर कार्य के सामने लिखना होता है “प्रगति पर
है” या “पूरा हुआ।” मुझे वह “पूरा हुआ” लिखना बहुत अच्छा लगता है। पिछले महीने जब
मैंने एक कार्य के सामने लिखा “पूरा हुआ” तो मैं साथ ही यह भी सोचने लगा, काश कि मेरे मसीही विश्वास की खामियों को सुधार
कर उन्हें भी इतनी सहजता से “पूरा हुआ” कहा जा सकता। मसीही जीवन तो सदा ही “प्रगति
पर है” रहता है, कभी “पूरा हुआ” तक
नहीं पहुँचता है।
फिर मुझे परमेश्वर के वचन
बाइबल में इब्रानियों 10:14 का ध्यान आया, जहाँ बताया गया है कि प्रभु यीशु मसीह के बलिदान के द्वारा हमारा पूर्ण
छुटकारा हो गया है। तो एक प्रकार से हमारे लिए “पूरा हुआ” लिखा जा चुका है। कलवरी
के क्रूस पर प्रभु यीशु की मृत्यु ने हमारे लिए वह कर दिया है जिसे हम अपने आप कभी
नहीं कर सकते थे: उसने हमें परमेश्वर को ग्रहण-योग्य बना दिया – जैसे ही हम अपने
पापों से पश्चाताप करके उसमें विश्वास लाते हैं, उससे अपने पापों के क्षमा मांगते हैं, और अपना जीवन उसे समर्पित करते हैं, हम सदा-सर्वदा के लिए परमेश्वर की संतान बन जाते हैं (यूहन्ना 1:12-13)। जैसा कि प्रभु यीशु ने स्वयं क्रूस पर से कहा था, यह कार्य “पूरा हुआ” (यूहन्ना 19:30)। लेकिन
साथ ही इब्रानियों का लेखक यह भी कहता है कि इस जीवन में हम अभी “पवित्र किए जा
रहे हैं” यद्यपि प्रभु यीशु का क्रूस पर दिया गया बलिदान पूर्ण और कारगर है।
यह समझना कठिन है कि जिस
काम को प्रभु यीशु ने पूरा कर दिया है, वह अभी भी हमारे जीवनों में प्रगति पर है। जब मैं और आप किसी आत्मिक बात
को लेकर संघर्ष में होते हैं, तो यह
स्मरण करना उत्साहवर्धक होता है कि मेरे और आप के लिए प्रभु यीशु के बलिदान ने सब
कुछ पूरा कर दिया है चाहे हमारे जीवन उसे अभी भी “प्रगति पर है” दिखा रहे हैं। हमारे
उद्धार और नए जीवन के लिए प्रभु यीशु का कार्य पूरा है, पर्याप्त है, उसमें और किसी
भी बात की कोई आवश्यकता नहीं है, वह
अनन्तकाल तक सक्रिय है। - एडम होल्ज़
परमेश्वर हम में कार्य कर रहा है कि हम
उसके पुत्र के बलिदान के द्वारा पूरा
किए गए कार्य को दिखाएं।
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से,
परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:5-14
इब्रानियों 10:5 इसी कारण वह
जगत में आते समय कहता है, कि बलिदान
और भेंट तू ने न चाही, पर मेरे लिये
एक देह तैयार किया।
इब्रानियों 10:6 होम-बलियों और पाप-बलियों से तू प्रसन्न नहीं हुआ।
इब्रानियों 10:7 तब मैं ने कहा, देख, मैं आ गया हूं, (पवित्र शास्त्र
में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि
हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं।
इब्रानियों 10:8 ऊपर तो वह कहता
है, कि न तू ने बलिदान और भेंट और होम-बलियों और पाप-बलियों को चाहा, और न उन से
प्रसन्न हुआ; यद्यपि ये बलिदान तो व्यवस्था
के अनुसार चढ़ाए जाते हैं।
इब्रानियों 10:9 फिर यह भी कहता
है, कि देख,
मैं आ गया हूं, ताकि तेरी इच्छा पूरी करूं; निदान वह पहिले को उठा देता है, ताकि दूसरे को नियुक्त करे।
इब्रानियों 10:10 उसी इच्छा
से हम यीशु मसीह की देह के एक ही बार बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।
इब्रानियों 10:11 और हर एक याजक
तो खड़े हो कर प्रति दिन सेवा करता है, और एक ही प्रकार के बलिदान को जो पापों को कभी भी दूर नहीं कर सकते; बार बार चढ़ाता है।
इब्रानियों 10:12 पर यह व्यक्ति
तो पापों के बदले एक ही बलिदान सर्वदा के लिये चढ़ा कर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
इब्रानियों 10:13 और उसी समय
से इस की बाट जोह रहा है, कि उसके बैरी
उसके पांवों के नीचे की पीढ़ी बनें।
इब्रानियों 10:14 क्योंकि उसने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किए जाते हैं, सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है।
एक साल में बाइबल:
- भजन 105-106
- 1 कुरिन्थियों 3
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