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रविवार, 18 जुलाई 2021

सहायता

 

          मैंने जब अपनी कार लाल बत्ती होने से रोकी, तो मैंने फिर से उसी आदमी को सड़क के किनारे खड़ा हुआ देखा। उसके हाथ में गत्ते की एक तख्ती थी, जिस पर लिखा था: “भोजन के लिए पैसे चाहिएँ; जितना भी देंगे, सहायता होगी।” मैंने दूसरी ओर मुँह फेर लिया और लम्बी साँस ली। क्या मैं ऐसा व्यक्ति हूँ जो ज़रूरतमंदों की उपेक्षा करता है? मुझे बुरा तो लगा, किन्तु मैंने उसकी उपेक्षा की, और गाड़ी आगे बढ़ा दी।

          वास्तविकता है कि कुछ लोग आवश्यकताएं होने का ढोंग करते हैं, किन्तु असल में ठग होते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी वास्तविक आवश्यकताएं होती हैं किन्तु साथ ही उनमें कुछ बुरी आदतें होना उन्हें इस प्रकार माँगने की स्थिति में लाकर खड़ा कर देता है। लोगों की सहायता करने में लगे सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि सहायता करने के लिए सबसे सही अपने स्थान में लोगों की सहायता में लगी संस्थाओं को पैसा देना होता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर हम से कहता है,और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ” (1 थिस्स्लुनीकियों 5:14)।  सही रीति से सहायता करने के लिए हमें यह जानना आवश्यक है कि कौन किस श्रेणी में आता है? यदि हम किसी निराश अथवा कमज़ोर हुए व्यक्ति को चेतावनी देंगे, तो हम उसकी आत्मा को तोड़ भी सकते हैं। और यदि हम किसी सक्षम किन्तु आलसी व्यक्ति की सहायता करेंगे, तो हम आलसीपन को बढ़ावा देंगे। तो उचित यही है कि सहायता देने के लिए व्यक्ति को पहले पहचान लें, उसकी आवश्यकताओं को जान लें, और उसके आधार पर निर्णय लें कि किसको क्या और कितना देना है।

          क्या परमेश्वर ने आपके मन में किसी की सहायता करने के लिए कुछ बोझ दिया है? बहुत अच्छा; असली कार्य यहाँ से आरंभ होता है! अनुमान लगाकर यह धारणा मत बना लीजिए कि उस व्यक्ति को क्या चाहिए होगा। जाकर उससे मिलें, उसकी बात को सुनें, ध्यानपूर्वक सही जानकारी लेने के बाद निर्णय लें कि उसे क्या चाहिए होगा, और फिर प्रार्थना पूर्वक उसे उचित दें; केवल अपने मन में भला अनुभव करने के लिए ही न दें। जब हम वास्तविकता में सब की भलाई करने की चेष्टा करेंगे, तो हम औरों के प्रति धैर्य भी रखेंगे, उनके ठोकर खाने में उन्हें संभालेंगे, और हमारी सहायता सार्थक होगी। - माईक विटमर

 

प्रभु मुझे औरों की सही सहायता करने की सद्बुद्धि दें, और करवाएं।


इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ। - गलातियों 6:10

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5:12-15

1 थिस्स्लुनीकियों 5:12 और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:13 और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:14 और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 20-22
  • प्रेरितों 21:1-17

शनिवार, 17 जुलाई 2021

विजय

 

          जब 2016 में शिकागो कबस की बेसबॉल टीम ने एक शताब्दी से भी अधिक में पहली बार विश्व सीरीज़ जीती, तो कुछ लोगों का कहना है कि उसके उपलक्ष्य में निकाले जुलूस को देखने और उस चैम्पियनशिप का जश्न मनाने के लिए पचास लाख से भी अधिक लोग जुलूस के मार्ग के किनारे खड़े हुए थे।

          विजय के जुलूस कोई आधुनिक आविष्कार नहीं हैं। एक प्रसिद्ध प्राचीन जुलूस रोमी विजय का जुलूस हुआ करता था, जिसमें विजयी सेनापति अपनी सेना और युद्ध-बंदियों के जुलूस को भीड़ से भरे मार्गों से होकर लिए चलते थे।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में कुछ ऐसे ही जुलूस का ध्यान शायद पौलुस के मन में भी था जब उसने कुरिन्थुस के चर्च को लिखी अपनी पत्री में परमेश्वर का धन्यवाद व्यक्त किया, मसीही विश्वासियों को मसीह के जय के उत्सव में लिए फिरने के लिए (2 कुरिन्थियों 2:14)। मुझे यह बहुत अचंभित तथा आकर्षक लगता है कि इस चित्रण में मसीही विश्वासियों को जुलूस के बन्दियों के समान दिखाया गया है। लेकिन मसीही विश्वासी होने के नाते, हम बंदी नहीं हैं, वरन स्वेच्छा से हमारे जयवंत और पुनर्जीवित हो उठे प्रभु को समर्पण करने वाले उसके अनुयायी हैं, जो उसके पीछे और उसके कहे के अनुसार, उसके बताए मार्ग पर चल रहे हैं। हम मसीही जश्न मनाते हैं कि मसीह की विजय के कारण, हम उसके साथ उसके उस राज्य के वारिस हैं जो वह बना रहा है, और अधोलोक के फाटक भी उस राज्य पर कभी प्रबल नहीं होंगे (मत्ती 16:18)।

          जब हम क्रूस पर मसीह की विजय के बारे में, और उसके कारण मसीही विश्वासियों को मिलने वाली स्वतंत्रता के बारे में बात करते हैं, तो हम उसके ज्ञान के सुगन्ध को हर जगह फैलाते हैं (2 कुरिन्थियों 2:14)। और लोगों को यह गन्‍ध उद्धार की मनोहर सुगन्ध लगे, या अपनी पराजय की गन्‍ध लगे, यह अदृश्य शक्तिशाली गन्‍ध हर स्थान पर विद्यमान है।

          जब हम मसीह का अनुसरण करते हैं, तो हम उसके पुनरुत्थान की विजय को भी घोषित करते हैं। यही विजय संसार को उद्धार उपलब्ध करवाती है। - लिसा सामरा

 

प्रभु यीशु हमारा विजयी सम्राट है।


और मैं[यीशु] भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। - मत्ती 16:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:14-17

2 कुरिन्थियों 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।

2 कुरिन्थियों 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्ध हैं।

2 कुरिन्थियों 2:16 कितनों के लिये तो मरने के निमित्त मृत्यु की गन्‍ध, और कितनों के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?

2 कुरिन्थियों 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 18-19
  • प्रेरितों 20:17-38

शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

मार्ग

 

          टोलकिइन के उपन्यास ‘लार्ड ऑफ़ द रिंग्स, पर बनी 3 फिल्मों की श्रृंखला का एक पात्र, गोल्लम, कुपोषित है, और सनकी स्वभाव का है। उस पर सामर्थ्य देने वाली अँगूठी प्राप्त कर लेने की धुन पागलपन की हद तक स्वर है; वह उस अँगूठी को ‘माए प्रेशियस अर्थात ‘मेरी बहुमूल्य कहता रहता है, और उसके लिए लालच, सनक, और जुनून का व्यवहार करता रहता है। उस पात्र के इस सजीव चित्रण के कारण ‘माए प्रेशियस आज इन तीनों बातों का पर्यायवाची बन गया है।

          गोल्लम की अपने तथा अँगूठी के प्रति प्रेम और नफ़रत का व्यवहार, और उसकी आवाज़ हमारे हृदय के अन्दर की भूख को भी दिखाती है। चाहे वह लालसा कोई एक बात के लिए ही हो, या बस कुछ और पाते रहने की लालसा हो, हमें भी यही लगता रहता है कि जब हम अपनी उस लालसा के ‘माए प्रेशियस को प्राप्त कर लेंगे, तो संतुष्टि के मार्ग पर आ जाएँगे। किन्तु उसके स्थान पर, हमने जिसे सोचा था कि वह हमें पूर्ण कर देगा, उसे पा लेने के बाद भी एक खालीपन हमारे अन्दर बना रहता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में जीवन जीने के अधिक बेहतर और भरोसेमंद मार्ग के बारे में बताया गया है। दाऊद भजन 16 में व्यक्त करता है कि हमारे हृदयों में लालसाएँ हैं जो हमें संतुष्टि के व्यर्थ और निराशाजनक प्रयास के मार्ग पर डालने के लिए डराती रहती हैं (पद 4)। ऐसे में हमें परमेश्वर की ओर मुड़ने का ध्यान रखना चाहिए (पद 1), और हमें अपने आप को यह स्मरण करवाते रहना चाहिए कि परमेश्वर के अतिरिक्त हमारे पास और कोई नहीं है (पद 2)।

          और तब, जब हमारी आँखें, वहाँ बाहर संसार से संतुष्टि पाने के लिए देखना बन्द करके, हमारे अन्दर परमेश्वर की सुन्दरता को निहारना आरंभ कर देंगी (पद 8), तब ही हम अपने आप को वास्तविक संतुष्टि के मार्ग पर बढ़ता हुआ पाएँगे – एक ऐसे जीवन की ओर, जो परमेश्वर की उपस्थिति के आनन्द से भरा हुआ है। तब हम परमेश्वर के साथ, अब से लेकर अनन्तकाल तक, जीवन के मार्ग में चलते, संतुष्टि के साथ बढ़ते रहेंगे (पद 11)। - मोनिका ब्रैंड्स

 

प्रभु, आपके अतिरिक्त मुझे जीवन तथा संतुष्टि का मार्ग और कहीं नहीं मिल सकता है।


जो शिक्षा पर चलता वह जीवन के मार्ग पर है, परन्तु जो डांट से मुंह मोड़ता, वह भटकता है। - नीतिवचन 10:17

बाइबल पाठ: भजन 16:1-11

भजन 16:1 हे ईश्वर मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूं।

भजन 16:2 मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं।

भजन 16:3 पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, वे ही आदर के योग्य हैं, और उन्हीं से मैं प्रसन्न रहता हूं।

भजन 16:4 जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दु:ख बढ़ जाएगा; मैं उनके लहू वाले अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा और उनका नाम अपने ओठों से नहीं लूंगा।

भजन 16:5 यहोवा मेरा भाग और मेरे कटोरे का हिस्सा है; मेरे बाट को तू स्थिर रखता है।

भजन 16:6 मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, और मेरा भाग मनभावना है।

भजन 16:7 मैं यहोवा को धन्य कहता हूं, क्योंकि उसने मुझे सम्मत्ति दी है; वरन मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है।

भजन 16:8 मैं ने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिये कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊंगा।

भजन 16:9 इस कारण मेरा हृदय आनन्दित और मेरी आत्मा मगन हुई; मेरा शरीर भी चैन से रहेगा।

भजन 16:10 क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा।

भजन 16:11 तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 16-17
  • प्रेरितों 20:1-16

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

संतुष्टि

 

          वीनस फ्लाईट्रैप नामक पौधे को सबसे पहले हमारे घर के पास के इलाके के रेतीले-दलदली क्षेत्र में देखा गया था। इन पौधों को देखना बहुत दिलचस्प होता है, क्योंकि ये मांसाहारी होते हैं। ये पौधे खिले हुए फूलों के समान दिखने वाले फंदों में मीठा सुगन्धित द्रव्य छोड़ते हैं। जब कोई कीड़ा उस सुगन्ध और मिठास से आकर्षित होकर उन खुले हुए फूलों के समान दिखने वाले फंदे के अन्दर को आता है तो एक सेकेंड से भी कम समय में वह फंदा बन्द हो जाता है, कीड़ा अन्दर फंसा जाता है, फिर उस ‘फूल में से उस कीड़े को गलाकर पचा लेने वाले पदार्थ निकलते हैं, और वह पौधा इस प्रकार अपने लिए उन पोषक तत्वों को प्राप्त कर लेता है, जो उसकी जड़ें रेतीली भूमि से नहीं लेने पाती हैं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में हमें सचेत किया गया है कि हम भी एक अन्य प्रकार के फंदे से बच कर रहें, जो कभी भी हमें फंसा सकता है। प्रेरित पौलुस ने अपने शिष्य तीमुथियुस को चेतावनी दी: “जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं” और “क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है” (1 तिमुथियुस 6:9-10)।

          धन और भौतिक वस्तुएँ हमें सुख की प्रतिज्ञाएं तो देती हैं, किन्तु जब वे हमारे जीवनों में प्रथम स्थान ले लेती हैं, तब हम खतरे की स्थिति में आ जाते हैं। हम इस फंदे में फंसने से बच सकते हैं, परमेश्वर के प्रति दीन और नम्र होकर तथा उसकी भलाइयों के लिए सदा धन्यवादी बने रहकर, जो आशीषें उसने हमें प्रभु यीशु मसीह में होकर प्रदान की हैं: “पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है” (पद 6)।

          जैसी संतुष्टि परमेश्वर प्रदान कर सकता है, इस संसार की नश्वर वस्तुएँ वह कभी प्रदान नहीं कर सकती हैं। सच्ची और स्थाई संतुष्टि केवल प्रभु परमेश्वर के साथ एक सच्चे संबंध में आने से मिलती है।  - जेम्स बैंक्स

 

हे प्रभु आप ही मेरे जीवन के लिए सबसे महान आशीष हैं।


मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। - फिलिप्पियों 4:12

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-10

1 तीमुथियुस 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।

1 तीमुथियुस 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं।

1 तीमुथियुस 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहनने को हो, तो इन्हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए।

1 तीमुथियुस 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।

1 तीमुथियुस 6:10 क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 13-15
  • प्रेरितों 19:21-41

बुधवार, 14 जुलाई 2021

महिमा

 

          जब अपने दसवें जन्मदिन के दिन ज़ेवियर म्कक्युरी ने उसकी आंटी सेलेना के द्वारा भेजे गए चश्मे को पहना, तो वह रो पड़ा। ज़ेवियर जन्म से ही रंगों को नहीं देख पाता था; उसके लिए संसार की हर वस्तु सफ़ेद, काले, या स्लेटी रंग के विभिन्न रंगतों की थी। किन्तु इस नए एन-क्रोमा चश्मे के द्वारा जेवियर ने पहली बार रंगों को देखा। अपने चारों ओर की सुन्दरता को देखने के द्वारा वह उल्लास और उन्माद से भर गया, और उसकी प्रतिक्रिया देखकर उसके परिवार को प्रतीत हुआ मानो उन्होंने कोई चमत्कार देख लिया हो।

          हम परमेश्वर के वचन बाइबल में भी देखते हैं कि परमेश्वर की रंगीन ज्योति की चमक ने प्रेरित यूहन्ना में भी एक प्रबल प्रतिक्रिया जागृत की (प्रकाशितवाक्य 1:17)। पुनर्जीवित हो उठे मसीह की पूर्ण महिमा का सामना करने के बाद, यूहन्ना ने एक झलक देखी,... एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है। और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघ-धनुष दिखाई देता है। ... और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं ... ” (प्रकाशितवाक्य 4:2-5)।

          उससे भिन्न समय में, यहेजकेल ने भी ऐसा ही दर्शन देखा था, जिसमें “नीलम का बना हुआ सिंहासन था” और सिंहासन के ऊपर एक मनुष्य समान आकृति थी “और उसकी मानो कमर से ले कर ऊपर की ओर मुझे झलकाया हुआ पीतल सा दिखाई पड़ा, और उसके भीतर और चारों ओर आग सी दिखाई पड़ती थी” (यहेजकेल 1:26-27)। इस अद्भुत मनुष्य समान आकृति के चारों ओर मेघ-धनुष सा रंगीन प्रकाश था (पद 28)।

          एक दिन हम मसीही विश्वासी मसीह से आमने-सामने मिलेंगे। ये दर्शन हमें संकेत देते हैं उस भव्य सुन्दरता और महिमा का, जिसे हम तब देखेंगे। आज जब हम वर्तमान में परमेश्वर की सृष्टि की सुन्दरता को सराहते हैं, तो साथ ही उस आने वाली सुन्दर महिमा की प्रत्याशा भी रखें। - रेमी ओयेडेली

 

प्रभु कितनी अद्भुत और अवर्णनीय है आपकी वह भव्य स्वर्गीय सुन्दरता जहाँ आप हमें लेकर जाएँगे।


परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। - 1 कुरिन्थियों 2:9

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 4:1-6

प्रकाशितवाक्य 4:1 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझे दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।

प्रकाशितवाक्य 4:2 और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।

प्रकाशितवाक्य 4:3 और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघ-धनुष दिखाई देता है।

प्रकाशितवाक्य 4:4 और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।

प्रकाशितवाक्य 4:5 और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।

प्रकाशितवाक्य 4:6 और उस सिंहासन के सामने मानो बिल्लौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिन के आगे पीछे आंखें ही आंखें हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 10-12
  • प्रेरितों 19:1-20

मंगलवार, 13 जुलाई 2021

सुन्दर

 

          जब डेनीस ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ समय बिताना आरंभ किया, तो उसने प्रयास किया की वह पतली हो जाए और सुरुचिपूर्ण वस्त्र पहना करे, जिससे उसे सुन्दर लगे। महिलाओं की सारी पत्रिकाएँ, यही तो परामर्श देती थीं। लेकिन काफी समय बाद उसे पता चला कि उसका बॉयफ्रेंड क्या सोचता था; उसने डेनीस से कहा, “जब तुम थोड़े भारी शरीर की थीं और अपने वस्त्रों पर कुछ विशेष ध्यान नहीं देती थीं, तब भी मैं तुम्हें उतना ही पसंद करता था।”

          तब डेनीस को एहसास हुआ कि “सुन्दरता” कितनी अस्थाई है और विचारों के अनुसार बदल जाती है। सुन्दरता के विषय हमारा दृष्टिकोण औरों के द्वारा बहुत सरलता से प्रभावित हो जाता है। अकसर सुन्दर दिखाई देने का यह विचार भीतरी सुन्दरता की अवहेलना करते हुए, बाहरी स्वरूप पर ही ध्यान केन्द्रित रखता है। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर हमें केवल एक ही दृष्टिकोण से देखता है – उसकी सुन्दर, प्रिय संतान। मेरा विचार है कि जब परमेश्वर ने संसार की सृष्टि की, तब उसने सर्वोत्तम को अन्त के लिए – हमारे लिए रखा छोड़ा। जो कुछ भी उसने बनाया वह सब अच्छा था, किन्तु हम मनुष्य कुछ विशेष हैं क्योंकि उसने हमें अपने ही स्वरूप में रचा है (उत्पत्ति 1:27)।

          परमेश्वर हमें सुन्दर मानता है! इसलिए इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि भजनकार विस्मय से भरा था जब उसने प्रकृति की महानता की तुलना मनुष्यों के साथ की। उसने प्रश्न किया,तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?” (भजन 8:4)। लेकिन फिर भी परमेश्वर को यही भाया कि वह हम नाशमान मनुष्यों को ऐसी महिमा और वैभव दे जो अन्य किसी के भी पास नहीं है (पद 5)।

          यह सत्य हमें आश्वासन देता है और हमें उसकी स्तुति और प्रशंसा करने का कारण भी प्रदान करता है। चाहे अन्य कोई हमारे बारे में कुछ भी कहे या हम अपने बारे में कुछ भी सोचें, हमें इस बात से आश्वस्त रहना चाहिए कि हम परमेश्वर की दृष्टि में सुन्दर हैं। - लेस्ली कोह

 

पिता परमेश्वर आपके इस आश्वासन के लिए धन्यवाद कि हम आपकी दृष्टि में सुन्दर हैं।


तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की। - उत्पत्ति 1:27

बाइबल पाठ: भजन 8:4-9

भजन 8:4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?

भजन 8:5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।

भजन 8:6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।

भजन 8:7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और जितने वन-पशु हैं,

भजन 8:8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव- जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं।

भजन 8:9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 7-9
  • प्रेरितों 18

सोमवार, 12 जुलाई 2021

परिपक्व

 

          सूरजमुखी के फूल सारे संसार के सभी स्थानों में कहीं पर भी अंकुरित हो जाते हैं। मधुमक्खियाँ इन के पराग को एक से दूसरे स्थान पर पहुँचाती हैं, और पौधे सड़कों के किनारे, मैदानों में, छज्जों के नीचे, घास के मैदानों में, कहीं भी उग आते हैं। किन्तु फसल के समान उपयोगी होने के लिए, सूरजमुखी को अच्छी भूमि की आवश्यकता होती है। किसानी की एक पुस्तक में लिखा है कि सूरजमुखी की खेती के लिए अच्छी भूमि जिसमें पानी बह जाता हो, जो थोड़ी अम्लीय हो, जिसमें अच्छी मात्रा में जैविक खाद या प्राकृतिक उर्वरक डाला गया हो, चाहिए होती है। ऐसी भूमि में सूरजमुखी के अच्छे स्वादिष्ट बीज, अच्छा तेल, और किसान के लिए अच्छी आमदनी प्राप्त होती है।

          हमें भी अपनी आत्मिक उन्नति के लिए “अच्छी भूमि” की आवश्यकता होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने एक बीज बोने वाले के दृष्टांत के द्वारा सिखाया कि परमेश्वर का वचन रूपी पत्थरीली या झाड़ियों से भरी भूमि में भी अंकुरित हो सकता है (लूका 8:6-7); किन्तु वह फलवंत केवल “पर अच्छी भूमि में के वे हैं, जो वचन सुनकर भले और उत्तम मन में सम्हाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं” (लूका 8:15) भूमि में ही होता है।

          सूरजमुखी के छोटे पौधे भी अपनी बढ़ोतरी के लिए धीरजवंत होते हैं। वे दिन भर सूरज की दिशा में घूमते रहते हैं, और परिपक्व होने पर सूरजमुखी के फूल भी सूरज की ओर स्थाई रीति से हो जाते हैं, जिससे फूल गर्म रह सके, उसकी ओर मधुमक्खियाँ आकर्षित हों, और पराग को अधिक से अधिक मात्रा में एक से दूसरे फूल पर ले जाया जा सके। और इससे फिर बहुतायत की फसल होती है।

          जैसे कि सूरजमुखी की खेती करने वाले उन फूलों के लिए अच्छी भूमि और खाद आदि उपलब्ध करवाते हैं, हम भी अपने जीवन में परमेश्वर के वचन के बीज को फलवंत होने देने के लिए निरंतर प्रभु की ओर अपना ध्यान लगाए रखने के द्वारा एक अच्छा वातावरण उपलब्ध करवा सकते हैं। प्रतिदिन परमेश्वर के साथ ईमानदारी से बने रहने, और उसके मार्गों पर ध्यानपूर्वक चलते रहने से हम उससे आवश्यक ऊर्जा और मार्गदर्शन प्राप्त कर के अपने आत्मिक जीवनों में परिपक्व और प्रभु के लिए फलवंत हो सकते हैं। - पेट्रीशिया रेबोन

 

हे प्रभु मुझे अपने लिए फलवंत एवं उपयोगी बनाएँ।


उसने उन को उत्तर दिया, कि अच्छे बीज का बोने वाला मनुष्य का पुत्र है। खेत संसार है, अच्छा बीज राज्य के सन्तान, और जंगली बीज दुष्‍ट के सन्तान हैं। - मत्ती 13:37-38

बाइबल पाठ: लूका 8:11-15

लूका 8:11 दृष्टान्त यह है; बीज तो परमेश्वर का वचन है।

लूका 8:12 मार्ग के किनारे के वे हैं, जिन्होंने सुना; तब शैतान आकर उन के मन में से वचन उठा ले जाता है, कि कहीं ऐसा न हो कि वे विश्वास कर के उद्धार पाएं।

लूका 8:13 चट्टान पर के वे हैं, कि जब सुनते हैं, तो आनन्द से वचन को ग्रहण तो करते हैं, परन्तु जड़ न पकड़ने से वे थोड़ी देर तक विश्वास रखते हैं, और परीक्षा के समय बहक जाते हैं।

लूका 8:14 जो झाड़ियों में गिरा, सो वे हैं, जो सुनते हैं, पर बड़े होते होते चिन्ता और धन और जीवन के सुख विलास में फंस जाते हैं, और उन का फल नहीं पकता।

लूका 8:15 पर अच्छी भूमि में के वे हैं, जो वचन सुनकर भले और उत्तम मन में सम्हाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 4-6
  • प्रेरितों 17:16-34