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शुक्रवार, 6 मई 2016

हृदय और वचन


   औसतन, हमारा हृदय एक मिनिट में 70-75 बार धड़कता है; यद्यपि इसका वज़न लगभग 11 आउन्स (312 ग्राम) ही है, फिर भी एक स्वस्थ हृदय प्रतिदिन 60,000 मील (96,560 किओमीटर) लंबी रक्त नलिकाओं से 2000 गैलन (7570 लिटर) रक्त प्रवाहित करता है। प्रतिदिन हृदय एक ट्रक को 20 मील तक ले जाने लायक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो एक सामन्य मानव-जीवनकाल में चन्द्रमा तक जाकर वापस आने के बराबर है। एक स्वस्थ हृदय अद्भुत कार्य कर सकता है; इसके विपरीत, यदि हमारा हृदय बैठ जाए तो हमारा सारा शरीर भी कार्य करना बन्द कर देता है।

   यही बात हमारे आत्मिक हृदय के लिए भी कही जा सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हृदय या मन हमारी भावनाओं, विचारों, और विवेक का सूचक है। उसे हमारे जीवन का नियंत्रण केन्द्र कहा गया है; इसीलिए हम बाइबल में लिखा पढ़ते हैं कि "सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है" (नीतिवचन 4:23)। यह बहुत महत्वपूर्ण सलाह तो है, परन्तु लोगों के लिए इस सलाह का पालन सामन्यतः कठिन होता है। जीवन हमारे समय तथा सामर्थ पर बहुत ज़ोर मारता है, हमारे सामने ऐसी अनेक परिस्थितियाँ लाता है जिनका तुरंत निवारण करना अति आवश्यक लगता है। इसकी तुलना में परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ना, उस की बातों पर मनन करना, उन बातों का पालन करना जबर्दस्ती हमारा ध्यान नहीं खेंचते, हमें बाध्य नहीं करते। इसलिए इन बातों को नज़रन्दाज़ करना सहज लगता है और ऐसा करने के दुषपरिणामों को हम एक दम से पहचान भी नहीं पाते। लेकिन ये दुषपरिणाम समय के साथ बढ़ते और हमारे जीवनों में जमा होते-होते जाते हैं, हमें परमेश्वर और उसकी बातों से दूर करते चले जाते हैं। परमेश्वर के साथ संगति की यह अवहेलना हमारे आत्मिक "हृदय" और शारीरिक जीवन को कमज़ोर बना देती है, जिससे हमारा आत्मिक जीवन कमज़ोर हो जाता है और हमें आत्मिक हृदयाघात होने का खतरा बन जाता है।

   मैं धन्यवादी हूं कि परमेश्वर ने हमें अपना वचन दिया है, उस जीवते वचन के द्वारा वह हम से बातें करता है, हमारा मार्गदर्शन करता है, हमें अपने आप को जाँचने तथा सुधारने के अवसर देता है। परमेश्वर के इस वचन की कभी अवहेलना ना करें; यह वचन आपको परमेश्वर के साथ सही संबंध बनाए रखने में सहायक बना रहेगा। - पो फैंग चिया


आत्मिक स्वास्थ्य के लिए सबसे महान चिकित्सक, 
परमेश्वर से उसके जीवते वचन में होकर परामर्श लें।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105 

बाइबल पाठ: नीतिवचन 4:20-27
Proverbs 4:20 हे मेरे पुत्र मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा। 
Proverbs 4:21 इन को अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर। 
Proverbs 4:22 क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं। 
Proverbs 4:23 सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। 
Proverbs 4:24 टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे। 
Proverbs 4:25 तेरी आंखें साम्हने ही की ओर लगी रहें, और तेरी पलकें आगे की ओर खुली रहें। 
Proverbs 4:26 अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, और तेरे सब मार्ग ठीक रहें। 
Proverbs 4:27 न तो दाहिनी ओर मुढ़ना, और न बाईं ओर; अपने पांव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 21-22
  • लूका 23:26-56


गुरुवार, 5 मई 2016

श्रेय


   क्रिस लैंगन का IQ (बुद्धिमता-स्तर) एल्बर्ट आईन्सटाईन से भी अधिक है। मुस्तफा इस्माईल की बाँहों (biceps) का घेरा 31 इंच का है और वह 600 पौंड वज़न उठा सकता है। बिल गेट्स की संपत्ति का अनुमान अरबों डॉलर है। जिनके पास कोई अद्भुत प्रतिभा या उपलब्धि है, वे अपने बारे में आवश्यकता से अधिक बढ़कर सोच सकते हैं। लेकिन अपनी उपलब्धियों का श्रेय लेने के लिए हमें बहुत ही बुद्धिमान, या ताकतवर, या धनवान होना आवश्यक नहीं है। उपलब्धि चाहे कैसी भी हो, चाहे कितनी भी बड़ी अथवा छोटी हो, उसके साथ एक प्रश्न सदा ही जुड़ा रहता है - उसका श्रेय किसका है?

   परमेश्वर ने अपने लोगों, इस्त्राएलियों से यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कहा: "यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे; परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता है, कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धर्म के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ" (यिर्मयाह 9:23-24)। परमेश्वर चाहता था कि उसके लोग उसे और उसकी उत्तमता को अन्य किसी भी बात से अधिक बढ़कर जानें, सर्वश्रेष्ठ मानें।
   यदि हम अपनी प्रशंसा को अपने अहम को फुलाने देते हैं तो हम भूल जाते हैं कि परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि "क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है" (याकूब 1:17)। इसलिए हर बात के लिए परमेश्वर को महिमा, आदर और धन्यवाद देना भला है क्यों कि ऐसा करने से ना केवल हम घमंड में पड़ने से बचे रहते हैं, वरन इसलिए भी क्योंकि वास्तविकता में परमेश्वर को ही सारा श्रेय जाता है: "वह तो एसे बड़े काम करता है जिनकी थाह नहीं लगती, और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जाते" (अय्यूब 5:9)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हमें परमेश्वर को महिमा देने के लिए सृजा गया है।

परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। - व्यवस्थाविवरण 8:18

बाइबल पाठ: भजन 49
Psalms 49:1 हे देश देश के सब लोगों यह सुनो! हे संसार के सब निवासियों, कान लगाओ! 
Psalms 49:2 क्या ऊंच, क्या नीच क्या धनी, क्या दरिद्र, कान लगाओ! 
Psalms 49:3 मेरे मुंह से बुद्धि की बातें निकलेंगी; और मेरे हृदय की बातें समझ की होंगी। 
Psalms 49:4 मैं नीतिवचन की ओर अपना कान लगाऊंगा, मैं वीणा बजाते हुए अपनी गुप्त बात प्रकाशित करूंगा।
Psalms 49:5 विपत्ति के दिनों में जब मैं अपने अड़ंगा मारने वालों की बुराइयों से घिरूं, तब मैं क्यों डरूं? 
Psalms 49:6 जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते, और अपने धन की बहुतायत पर फूलते हैं, 
Psalms 49:7 उन में से कोई अपने भाई को किसी भांति छुड़ा नहीं सकता है; और न परमेश्वर को उसकी सन्ती प्रायश्चित्त में कुछ दे सकता है, 
Psalms 49:8 (क्योंकि उनके प्राण की छुड़ौती भारी है वह अन्त तक कभी न चुका सकेंगे)। 
Psalms 49:9 कोई ऐसा नहीं जो सदैव जीवित रहे, और कब्र को न देखे।
Psalms 49:10 क्योंकि देखने में आता है, कि बुद्धिमान भी मरते हैं, और मूर्ख और पशु सरीखे मनुष्य भी दोनों नाश होते हैं, और अपनी सम्पत्ति औरों के लिये छोड़ जाते हैं। 
Psalms 49:11 वे मन ही मन यह सोचते हैं, कि उनका घर सदा स्थिर रहेगा, और उनके निवास पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे; इसलिये वे अपनी अपनी भूमि का नाम अपने अपने नाम पर रखते हैं। 
Psalms 49:12 परन्तु मनुष्य प्रतिष्ठा पाकर भी स्थिर नहीं रहता, वह पशुओं के समान होता है, जो मर मिटते हैं।
Psalms 49:13 उनकी यह चाल उनकी मूर्खता है, तौभी उनके बाद लोग उनकी बातों से प्रसन्न होते हैं। 
Psalms 49:14 वे अधोलोक की मानों भेड़-बकरियां ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरी; और बिहान को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। 
Psalms 49:15 परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, क्योंकि वही मुझे ग्रहण कर अपनाएगा।
Psalms 49:16 जब कोई धनी हो जाए और उसके घर का वैभव बढ़ जाए, तब तू भय न खाना। 
Psalms 49:17 क्योंकि वह मर कर कुछ भी साथ न ले जाएगा; न उसका वैभव उसके साथ कब्र में जाएगा। 
Psalms 49:18 चाहे वह जीते जी अपने आप को धन्य कहता रहे, (जब तू अपनी भलाई करता है, तब वे लोग तेरी प्रशंसा करते हैं) 
Psalms 49:19 तौभी वह अपने पुरखाओं के समाज में मिलाया जाएगा, जो कभी उजियाला न देखेंगे। 
Psalms 49:20 मनुष्य चाहे प्रतिष्ठित भी हों परन्तु यदि वे समझ नहीं रखते, तो वे पशुओं के समान हैं जो मर मिटते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 19-20
  • लूका 23:1-25


बुधवार, 4 मई 2016

आँसू


   मैंने और मेरी पत्नि ने प्रभु-भोज की एक सभा में भाग लिया जहाँ मसीही विश्वासियों को निमंत्रण दिया गया कि वे आगे आकर पादरी और उसके सहायकों से रोटी और दाखरस के प्याले को ग्रहण करें। जितने लोग भाग लेने के लिए आगे आए उन सभी से पादरी और उसके सहायकों ने उनके पापों की क्षमा और उद्धार के लिए प्रभु यीशु द्वारा दिए गए बलिदान के बारे में कहा, जिससे वह जो महज़ एक रस्म बन सकता है, एक मर्मस्पर्शी अवसर बन गया था। हम जब लौट कर अपने स्थानों पर आए तो हम ने कई लोगों को धीरे-धीरे विचारमग्न होकर वापस आते देखा, और उन में अनेक की आँखों में आँसू थे। मेरे लिए और उन लोगों के लिए, जिनसे मैंने सभा के बाद बातचीत करी, वे कृतज्ञता के आँसू थे।

   कृतज्ञता के उन आँसुओं का कारण प्रभु-भोज के कारण में ही निहित है। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में प्रभु-भोज के अर्थ को उन्हें समझाया, जिनमें ये सशक्त शब्द भी हैं: "क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो" (1 कुरिन्थियों 11:26)। जबकि प्रभु-भोज की वस्तुएं सीधे तौर पर प्रभु यीशु और क्रूस पर दिए गए उनके बलिदान की ओर इशारा कर रही हैं, तो प्रभु-भोज कोई रस्म नहीं है; यह मसीह यीशु के साथ संभागी होना है। प्रभु-भोज हमें मसीह यीशु के प्रेम, बलिदान, क्रूस और उसके द्वारा अपने विश्वासियों के लिए तैयार करे गए पापों की क्षमा, उद्धार तथा अनन्त जीवन के मार्ग का स्मरण करना है; साथ ही यह स्मरण कराता है कि हम मसीही विश्वासियों को अपने प्रभु का गवाह होना है।

   मसीह यीशु के इस बेशकीमत बलिदान के बेबयान महत्व और बहुमूल्यता को समझा और बता पाने के लिए हमारे शब्द कितने कमज़ोर और अधूरे हैं! जो बात शब्द नहीं समझा पाते, कई बार वह आँसुओं से व्यक्त हो जाती है। - बिल क्राउडर


जो प्रेम प्रभु यीशु ने हमारे लिए क्रूस पर प्रदर्शित किया है, उसे बयान करने के लिए शब्द काफी नहीं हैं।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। - यूहन्ना 15:13 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 11:23-32
1 Corinthians 11:23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली। 
1 Corinthians 11:24 और धन्यवाद कर के उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:25 इसी रीति से उसने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो। 
1 Corinthians 11:27 इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा। 
1 Corinthians 11:28 इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए। 
1 Corinthians 11:29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्‍ड लाता है। 
1 Corinthians 11:30 इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। 
1 Corinthians 11:31 यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्‍ड न पाते। 
1 Corinthians 11:32 परन्तु प्रभु हमें दण्‍ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 16-18
  • लूका 22:47-71


मंगलवार, 3 मई 2016

बदला जीवन


   कंप्यूटर को निज प्रयोग के लिए सरल और व्यक्तिगत बनाने में अति प्रमुख भूमिका निभाने वाले पथप्रदर्शक स्टीव जोब का जब 2011 में निधन हुआ तो संसार भर से दस लाख से भी अधिक लोगों ने इंटरनैट द्वारा उन्हें श्र्द्धांजली भेजी। इन श्रद्धांजलियों में एक सामन्य बात थी लोगों द्वारा व्यक्त किए जाना कि कैसे स्टीव जोब के कार्य ने उनके जीवनों को प्रभावित किया और बदल दिया। उन लोगों ने व्यक्त किया कि उसकी रचनात्मक कृतियों के कारण आज वे जीवन भिन्न रीति से जी पा रहे हैं, और इसके लिए वे जोब के लिए अपनी प्रशंसा और उसके निधन पर अपना दुःख व्यक्त करना चाहते हैं। स्टीव जोब द्वारा बनाए गए गए टैबलेट कंप्यूटर iPad को आधार बनाकर एक टैबलेट कंप्यूटर पर बड़े अक्षरों में किसी ने लिख कर कहा: iSad!

   कृतज्ञता से भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है; और यही बात परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 107 में कही गई है: "यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है" (पद 2)। इस भजन का प्रसंग है बड़ी कठिनाई में पड़े लोगों का परमेश्वर द्वारा बचाया जाना। बचाए गए लोगों में से कुछ बेघर और बेआसरा थे (पद 4-5), कुछ ने परमेश्वर की आज्ञाओं के विरुद्ध बलवा किया था (पद 10-11), कुछ अपनी बुद्धि लगाकर भी निराश ही हुए थे और अन्ततः उन्होंने परमेश्वर को पुकारा (पद 26-27)। उनकी परेशानी और परिस्थिति का कारण चाहे जो भी रहा हो, जब उन्होंने परमेश्वर को पुकारा तो परमेश्वर ने उनकी सहायता भी करी, और उन्हें परिस्थितियों से छुड़ाया भी (पद 8, 15, 21, 31)।

   जब हम परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की महानता पर ध्यान करते हैं, प्रभु यीशु को संसार में बलिदान होने और फिर मृतकों में से उसके पुनरुत्थान के लिए भेजने के उसके अनुग्रह के बारे में विचार करते हैं, यह समझते-पहिचानते हैं हैं कि प्रभु ने हमें कैसे हमारे पापों और उनके दुषपरिणामों से छुड़ाया है, तो हम उसकी आराधना और स्तुति करे बिना रह नहीं पाते और प्रभु यीशु में होकर सेंत-मेंत मिलने वाली क्षमा तथा उद्धार के बारे में बताने से और अपने बदले हुए जीवन के बारे में गवाही देने से रह नहीं पाते। - डेविड मैक्कैसलैंड


हमारे उद्धार के लिए प्रभु परमेश्वर के प्रति हमारी कृतज्ञता, 
दूसरों को इस बात कि साक्षी देने को उत्तेजित करती है।

परन्तु पतरस और यूहन्ना ने उन को उत्तर दिया, कि तुम ही न्याय करो, कि क्या यह परमेश्वर के निकट भला है, कि हम परमेश्वर की बात से बढ़कर तुम्हारी बात मानें। क्योंकि यह तो हम से हो नहीं सकता, कि जो हम ने देखा और सुना है, वह न कहें। - प्रेरितों 4:19-20

बाइबल पाठ: भजन 107:1-16
Psalms 107:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 107:2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, 
Psalms 107:3 और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है।
Psalms 107:4 वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; 
Psalms 107:5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। 
Psalms 107:6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया; 
Psalms 107:7 और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे। 
Psalms 107:8 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! 
Psalms 107:9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।
Psalms 107:10 जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, 
Psalms 107:11 इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। 
Psalms 107:12 तब उसने उन को कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उन को कोई सहायक न मिला। 
Psalms 107:13 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया; 
Psalms 107:14 उसने उन को अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उन के बन्धनों को तोड़ डाला। 
Psalms 107:15 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! 
Psalms 107:16 क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 14-15
  • लूका 22:21-46


सोमवार, 2 मई 2016

विश्राम स्थल


   मेरे दफ्तर की खिड़की से दिखने वाले खेत में खड़ा वह एकमात्र पेड़ मेरे लिए एक पहेली था। कई एकड़ में फैले उस खेत में से अनेक पेड़ काट दिए गए थे जिससे खेती की जा सके, लेकिन उस एक पेड़ को छोड़ दिया गया था, और वह ऊँची और बड़े दायरे में फैली हुई अपनी डालियों के साथ वहाँ बना हुआ था। इस पहेली का उत्तर मुझे तब मिला जब मैंने वहाँ के किसानों की परंपरा के बारे में जाना - लंबे समय से वे किसान अपने खेतों में एक पेड़ को बचाए रखते थे जिससे वे और उनके जानवर उस पेड़ के नीचे विश्राम पा सकें, धूप और गर्मी से बचने का एक ठंड़ा स्थान उनके पास उपलब्ध रहे।

   हमारे जीवनों में भी कभी ऐसा होता है कि हम ही अकेले होते हैं जो किसी दुर्घटना या त्रासदी से बच कर निकल आते हैं, और सोचते हैं कि हम ही क्यों बच सके? युद्ध स्थल से लौटने वाले सैनिकों, जान-लेवा रोगों के फैलने पर बचने वाले रोगियों, आदि सब की यही सोच होती है, कि जब अन्य कोई नहीं बच सका, तो हम क्यों और कैसे बच गए?

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में हम पाते हैं कि जब ढिठाई तथा अनाज्ञाकारिता के कारण परमेश्वर को अपनी प्रजा इस्त्राएल को अन्ततः दण्ड देने के लिए मजबूर होना पड़ा, उन्हें दास्तव में जाने दिया गया, तब भी परमेश्वर ने थोड़े से लोगों को सुरक्षित बचाए रखा। इन बचे हुए लोगों ने परमेश्वर की व्यवस्था और विधियों को संभाले रखा और आगे चलकर यरुशालेम के मन्दिर का पुनःनिर्माण किया (एज़्रा 9:9)। प्रेरित पौलुस ने अपने आप को परमेश्वर द्वारा बचा कर रखे हुओं में से एक बताया (रोमियों 11:1, 5) जिससे वह गैरयहूदियों के मध्य परमेश्वर का संदेशवाहक बन सके (रोमियों 11:13)।

   यदि आज हम वहाँ सुरक्षित खड़े हैं जहाँ अनेक गिर चुके हैं या नाश हो चुके हैं, तो वह इसलिए कि हम उस जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर की स्तुति और आराधना में हाथ उठाएं, उसके प्रेम और दया के सुसमाचार को अन्य लोगों तक फैलाएं और पाप के दुषप्रभावों से हताश और निराश लोगों के लिए एक विश्राम स्थल बनें, जहाँ वे बुराई की झुलसाने वाली तपिश से ठन्डक पाने का स्थान तथा अनन्त आशीष के जीवन मार्ग पाएं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रोत्साहन की एक छोटी से चिंगारी, आशा की बड़ी ज्वाला सुल्गा सकती है।

कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं। - लूका 4:18

बाइबल पाठ: एज़्रा 9:5-9
Ezra 9:5 परन्तु सांझ की भेंट के समय मैं वस्त्र और बागा फाड़े हुए उपवास की दशा में उठा, फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फैला कर कहा, 
Ezra 9:6 हे मेरे परमेश्वर! मुझे तेरी ओर अपना मुंह उठाते लाज आती है, और हे मेरे परमेश्वर! मेरा मुंह काला है; क्योंकि हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढ़ते बढ़ते आकाश तक पहुंचा है 
Ezra 9:7 अपने पुरखाओं के दिनों से ले कर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, बन्धुआई, लूटे जाने, और मुंह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें जैसे कि आज हमारी दशा है। 
Ezra 9:8 और अब थोड़े दिन से हमारे परमेश्वर यहोवा का अनुग्रह हम पर हुआ है, कि हम में से कोई कोई बच निकले, और हम को उसके पवित्र स्थान में एक खूंटी मिले, और हमारा परमेश्वर हमारी आंखों में जयोति आने दे, और दासत्व में हम को कुछ विश्रान्ति मिले। 
Ezra 9:9 हम दास तो हैं ही, परन्तु हमारे दासत्व में हमारे परमेश्वर ने हम को नहीं छोड़ दिया, वरन फारस के राजाओं को हम पर ऐसे कृपालु किया, कि हम नया जीवन पाकर अपने परमेश्वर के भवन को उठाने, और इसके खंडहरों को सुधारने पाए, और हमें यहूदा और यरूशालेम में आड़ मिली।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 12-13
  • लूका 22:1-20


रविवार, 1 मई 2016

चाहें तो


   मौली को अपने पिताजी की सहायता की आवश्यकता थी किंतु वह सहायता माँगने से डर रही थी, क्योंकि वह जानती थी कि जब उसके पिताजी अपने कंप्यूटर पर बैठकर कार्य कर रहे होते हैं तो उन्हें किसी प्रकार का हस्तक्षेप पसंद नहीं। क्योंकि मौली को डर था कि कहीं उसके पिताजी से सहायता माँगने पर नाराज़ ना हो जाएं; इसलिए उसने उनसे सहायाता माँगी ही नहीं।

   लेकिन हमें प्रभु यीशु के पास आने के लिए ऐसे किसी भय में पड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है (यूहन्ना 6:37)। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 8:4 में हम पढ़ते हैं कि एक कोढ़ी भिखारी ने प्रभु यीशु के पास आकर उसे अपनी परेशानी और आवश्यकता बताने में कोई संकोच नहीं किया और ना ही प्रभु यीशु ने अपने कार्य में आए इस विघ्न के कारण उस भिखारी पर कोई नाराज़गी दिखाई। उस भिखारी की बीमारी ने उसे दुस्साहसिक बना दिया था - वह समाज से बहिष्कृत और मान्सिक पीड़ा में था। प्रभु यीशु बड़ी भीड़ के साथ व्यस्त थे, लेकिन वह भिखारी जानता था कि उसकी स्थिति के निवारण की एकमात्र आशा प्रभु यीशु द्वारा है।

   इसलिए वह उस भीड़ में से होता हुआ प्रभु यीशु के पास आया; मत्ती रचित सुसमाचार बताता है कि पास आकर सर्वप्रथम उस भिखारी ने प्रभु यीशु को प्रणाम किया (पद 2)। वह आदर के साथ प्रभु यीशु के पास आया, उसने प्रभु यीशु की सामर्थ पर विश्वास किया, उसने अपनी दशा के लिए अन्तिम निर्णय प्रभु यीशु पर छोड़ दिया और नम्रता से निवेदन किया, "...हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है" (मत्ती 8:2)। कोढ़ की बीमारी के कारण, तत्कालीन यहूदी व्यवस्था के अनुसार वह भिखारी अछूत था, लेकिन प्रभु यीशु ने बड़ी करुणा और दया के साथ उसे छूआ तथा उसे चंगाई प्रदान करी, और वह तुरंत अपने रोग से चंगा हो गया, उसका सारा कोढ़ जाता रहा।

   उस कोढ़ी भिखारी के समान, यदि हम यह मान लेते हैं कि हमारे पाप के कोढ़ का निवारण केवल प्रभु यीशु में है और उससे सहायता के लिए नम्रता तथा समर्पण के साथ उसके पास आते हैं, उससे सहायता का निवेदन करते हैं, तो प्रभु यीशु हमें कभी निराश नहीं करेंगे। जब हम उसे अपने जीवन में आदर का स्थान देंगे, उसे हमारी समस्याओं का समाधन करने का समपूर्ण अधिकार देकर उसके आज्ञाकरी हो जाएंगे, तो हम निश्चिंत रह सकते हैं कि जो भी हमारे लिए सबसे अच्छा है, प्रभु यीशु वही हमारे लिए करेगा, हमारा भला ही करेगा।

   यदि आप चाहें तो प्रभु यीशु आपका सहायक और उद्धारकर्ता आज और अभी बन सकता है; यदि आप चाहें तो प्रभु यीशु आपको आपके पापों से मुक्त कर सकता है। - ऐनी सेटास

इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, 
कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, 
जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे। - इब्रानियों 4:16

जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा। - यूहन्ना 6:37

बाइबल पाठ: मत्ती 8:1-4
Matthew 8:1 जब वह उस पहाड़ से उतरा, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। 
Matthew 8:2 और देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है। 
Matthew 8:3 यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छूआ, और कहा, मैं चाहता हूं, तू शुद्ध हो जा और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया। 
Matthew 8:4 यीशु ने उस से कहा; देख, किसी से न कहना परन्तु जा कर अपने आप को याजक को दिखला और जो चढ़ावा मूसा ने ठहराया है उसे चढ़ा, ताकि उन के लिये गवाही हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 10-11
  • लूका 21:20-38


शनिवार, 30 अप्रैल 2016

बहुत देर


   ऐसा लगभग प्रत्येक सत्र में होता है; मैं कॉलेज में प्रवेश लेने वाले आरंभिक विद्यार्थियों की कक्षा को यह बड़े स्पष्ट रीति से बताता और समझाता हूँ कि स्त्र के अंत में उत्तीर्ण होने के लिए उन्हें घर पर करने के लिए दिए जाने वाले उन अनेक लेखन कार्यों को समय से पूरा करते तथा आँकलन के लिए समय से जमा करते रहना होगा। लेकिन लगभग प्रत्येक सत्र में कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो मेरी बात पर विश्वास नहीं करते, अपना कार्य समय रहते पूरा करके आँकलन के लिए जमा नहीं करते, और फिर सत्र की अन्तिम कक्षा के बाद वे मुझे विन्ती और मजबूरी के ईमेल भेज कर मुझे समझाने के प्रयास करते हैं कि वे क्यों अपना कार्य समय रहते पूरा नहीं करने पाए। मुझे ऐसा करना बिलकुल अच्छा नहीं लगता, किंतु मुझे उन्हें कहना पड़ता है कि, "क्षमा करें; अब बहुत देर हो चुकी हैं, समय निकल गया और आप इस सत्र में अनुत्तीर्ण हो गए हैं।"

   एक नए विद्यार्थी के लिए यह एहसास, कि उसके हज़ारों डॉलर और समय खर्च भी हो गए और व्यर्थ भी हो गए काफी बुरा है; लेकिन इससे भी कहीं अधिक गंभीर और अटल वह बात है जब अपनी अंतिम श्वास के समय तक लोग परमेश्वर के साथ अपने पापों और अपने संबंधों का समाधान नहीं करते, जबकि परमेश्वर बारंबार उन्हें इसका अवसर और उपाय देता रहता है। जो लोग इस जीवन में परमेश्वर के साथ रहने का निर्णय नहीं लेते, वे फिर अनन्तकाल तक कभी परमेश्वर के साथ रहने नहीं पाएंगे, वरन उनका भाग अनन्तकाल तक परमेश्वर से दूर ही रहेगा।

   उस व्यक्ति के लिए वह कितना भयानक पल होता है जब वह परमेश्वर प्रभु यीशु के सामने अपने जीवन का हिसाब देने को खड़ा हो, और प्रभु को उससे कहना पड़े, "तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ" (मत्ती 7:23)। परमेश्वर के वचन बाइबल का लेखक इब्रानियों के नाम लिखी पत्री में पाठकों को सचेत करता है कि वे उस अनन्त विश्राम और आनन्द से जो परमेश्वर अपने लोगों को देना चाहता है वंचित ना रह जाएं (इब्रानियों 4:1)। आज और अभी भी आपके लिए ’बहुत देर’ नहीं हुई है; यदि अभी तक आपने अपने पापों के लिए क्षमा माँग कर अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित नहीं किया है, तो ऐसा अभी कर लें; प्रभु यीशु सारे संसार के सभी लोगों को सेंत-मेंत क्षमा और उद्धार दे रहा है। आज उसके इस प्रस्ताव को ठुकराना, बाद में अनन्तकाल की पीड़ा को स्वीकारना है। कहीं ऐसा ना हो कि जब तक यह बात समझ में आए, आप के लिए बहुत देर हो चुकी हो। - डेव ब्रैनन


कलवरी के क्रूस पर प्रभु यीशु का बलिदान और तीसरे दिन उसका मृतकों में से पुनरुत्थान, 
पापों की गंभीरता और परमेश्वर की क्षमा तथा प्रेम की वास्तविकता का प्रमाण है।

जैसा कहा जाता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। - इब्रानियों 3:15

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:1-11
Hebrews 4:1 इसलिये जब कि उसके विश्राम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक है, तो हमें डरना चाहिए; ऐसा ने हो, कि तुम में से कोई जन उस से रहित जान पड़े। 
Hebrews 4:2 क्योंकि हमें उन्‍हीं की नाईं सुसमाचार सुनाया गया है, पर सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुनने वालों के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा। 
Hebrews 4:3 और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं; जैसा उसने कहा, कि मैं ने अपने क्रोध में शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे, यद्यपि जगत की उत्‍पत्ति के समय से उसके काम पूरे हो चुके थे। 
Hebrews 4:4 क्योंकि सातवें दिन के विषय में उसने कहीं यों कहा है, कि परमेश्वर ने सातवें दिन अपने सब कामों को निपटा कर के विश्राम किया। 
Hebrews 4:5 और इस जगह फिर यह कहता है, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश न करने पाएंगे।
Hebrews 4:6 तो जब यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्राम में प्रवेश करें, और जिन्हें उसका सुसमाचार पहिले सुनाया गया, उन्होंने आज्ञा न मानने के कारण उस में प्रवेश न किया। 
Hebrews 4:7 तो फिर वह किसी विशेष दिन को ठहराकर इतने दिन के बाद दाऊद की पुस्‍तक में उसे आज का दिन कहता है, जैसे पहिले कहा गया, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो। 
Hebrews 4:8 और यदि यहोशू उन्हें विश्राम में प्रवेश कर लेता, तो उसके बाद दूसरे दिन की चर्चा न होती। 
Hebrews 4:9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। 
Hebrews 4:10 क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा कर के विश्राम किया है। 
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-9
  • लूका 21:1-19