हम सब ने ऐसे विज्ञापन देखे और सुने हैं जो कुछ प्राप्त करने के आसान रास्तों का प्रलोभन देते हैं - "हमारे द्वारा उत्पादित वस्तु खरीदिये और उसके लिये साल भर तक कोई पैसा देने की आवश्यक्ता नहीं है" - अति सहज और त्वरित सन्तुष्टि के प्रलोभन!
जब शैतान ने प्रभु यीशु कि परीक्षा करी (लूका ४:१-१३), तो प्रभु को भी ऐसी ही सहज और त्वरित सन्तुष्टि के प्रलोभन दिये। शैतान का प्रयास था कि वह प्रभु को उकसाए कि वह परमेश्वर पिता पर भरोसा छोड़ कर, बात को अपने हाथ में ले ले और अपने मन की करे।
जब प्रभु यीशु ४० दिन के उपवास के बाद भूखा था (लूका ४:२) तो शैतान ने उसे सुझाया कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करके पत्थरों को रोटी में बदल दे। यदि प्रभु ऐसा करते तो वह अपनी शक्ति का उपयोग अपनी स्वार्थसिद्धी के लिये करते, इसलिये उन्होंने लिये मना कर दिया।
प्रभु यीशु ने शैतान द्वारा संसार के सभी राज्यों के अधिकार को क्यों नकार दिया (लूका ४:५-७)? यदि वह मान जाते तो क्रूस की पीड़ा से बच सकते थे। परन्तु यह करना, उनके लिये परमेश्वर द्वारा बनाई गई योजना के विरुद्ध जाता, जिसका उद्देश्य केवल उन्हें पृथ्वी के समस्त राज्य देना नहीं था वरन स्वर्ग और पथ्वी का सारा अधिकार देना और क्रूस के बलिदान तथा मृत्कों में से पुनुरुत्थान के द्वारा समस्त संसार के प्रत्येक जन के लिये मुक्ती का मार्ग खोलकर परमेश्वर के राज्य में परमेश्वर के दाहिने बैठना था। इस योजना के सामने शैतान का अति सहज और त्वरित सन्तुष्टि का प्रलोभन हानि का सौदा था।
जब तीसरी परीक्षा में भी प्रभु शैतान के प्रलोभन में नहीं फंसा, तो शैतान "तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया" (लूका ४:१३)। शैतान जल्दी से हार नहीं मानता, यदि वह पीछे भी हटता है तो केवल इसलिये कि मौका पा कर फिर वार कर सके।
ऐसे सौदों से सावधान रहें जो वर्तमान में बिना कोई खास कीमत दिये बड़े लाभ का प्रलोभन लिये होते हैं। ऐसे सौदे अकसर आपके लिये हानि के और सौदे का प्रलोभन देने वाले के लाभ के सौदे होते हैं। शैतान भी ऐसे कई प्रलोभन आपके समक्ष लाकर आपको सहजता से यश, धन और सामर्थ प्राप्ति के लिये उकसाता है। उसका उद्देश्य आपका लाभ नहीं है, वह आपको अपनी मर्ज़ी पूरी करने को उकसा कर और परमेश्वर के हाथों से अपने जीवन की बागडोर वापस लेकर, आपके विश्वास को नाश करना और आपकी आशीशों में सेंध लगाना चाहता है। उसका सदा प्रयत्न रहता है कि वह विश्वासी के जीवन में परेशानी पैदा कर सके।
जब कभी कोई किसी अति सहज और त्वरित सन्तुष्टि का प्रलोभन आपको दे, तो परख लीजिये कि देने वाले की मनशा क्या है। जल्दबाज़ी के सौदे हानि के सौदे होते हैं। - सी. पी. हिया
...लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। - मत्ती ४:४
बाइबल पाठ: लूका ४:१-१३
फिर यीशु पवित्रआत्मा से भरा हुआ, यरदन से लौटा और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा, और शैतान उस की परीक्षा करता रहा।
उन दिनों में उस ने कुछ न खाया और जब वे दिन पूरे हो गए, तो उसे भूख लगी।
और शैतान ने उस से कहा - यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर से कह, कि रोटी बन जाए।
यीशु ने उसे उत्तर दिया कि लिखा है, मनुष्य केवल रोटी से जीवित न रहेगा।
तब शैतान उसे ले गया और उस को पल भर में जगत के सारे राज्य दिखाए।
और उस से कहा, मैं यह सब अधिकार, और इन का वैभव तुझे दूंगा, क्योंकि वह मुझे सौंपा गया है: और जिसे चाहता हूं, उसी को दे देता हूं।
इसलिये, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।
यीशु ने उसे उत्तर दिया, लिखा है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।
तब उस ने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को यहां से नीचे गिरा दे।
क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें।
और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पांव में पत्थर से ठेस लगे।
यीशु ने उस को उत्तर दिया यह भी कहा गया है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।
जब शैतान सब परीक्षा कर चुका, तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया।
एक साल में बाइबल:
जब शैतान ने प्रभु यीशु कि परीक्षा करी (लूका ४:१-१३), तो प्रभु को भी ऐसी ही सहज और त्वरित सन्तुष्टि के प्रलोभन दिये। शैतान का प्रयास था कि वह प्रभु को उकसाए कि वह परमेश्वर पिता पर भरोसा छोड़ कर, बात को अपने हाथ में ले ले और अपने मन की करे।
जब प्रभु यीशु ४० दिन के उपवास के बाद भूखा था (लूका ४:२) तो शैतान ने उसे सुझाया कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करके पत्थरों को रोटी में बदल दे। यदि प्रभु ऐसा करते तो वह अपनी शक्ति का उपयोग अपनी स्वार्थसिद्धी के लिये करते, इसलिये उन्होंने लिये मना कर दिया।
प्रभु यीशु ने शैतान द्वारा संसार के सभी राज्यों के अधिकार को क्यों नकार दिया (लूका ४:५-७)? यदि वह मान जाते तो क्रूस की पीड़ा से बच सकते थे। परन्तु यह करना, उनके लिये परमेश्वर द्वारा बनाई गई योजना के विरुद्ध जाता, जिसका उद्देश्य केवल उन्हें पृथ्वी के समस्त राज्य देना नहीं था वरन स्वर्ग और पथ्वी का सारा अधिकार देना और क्रूस के बलिदान तथा मृत्कों में से पुनुरुत्थान के द्वारा समस्त संसार के प्रत्येक जन के लिये मुक्ती का मार्ग खोलकर परमेश्वर के राज्य में परमेश्वर के दाहिने बैठना था। इस योजना के सामने शैतान का अति सहज और त्वरित सन्तुष्टि का प्रलोभन हानि का सौदा था।
जब तीसरी परीक्षा में भी प्रभु शैतान के प्रलोभन में नहीं फंसा, तो शैतान "तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया" (लूका ४:१३)। शैतान जल्दी से हार नहीं मानता, यदि वह पीछे भी हटता है तो केवल इसलिये कि मौका पा कर फिर वार कर सके।
ऐसे सौदों से सावधान रहें जो वर्तमान में बिना कोई खास कीमत दिये बड़े लाभ का प्रलोभन लिये होते हैं। ऐसे सौदे अकसर आपके लिये हानि के और सौदे का प्रलोभन देने वाले के लाभ के सौदे होते हैं। शैतान भी ऐसे कई प्रलोभन आपके समक्ष लाकर आपको सहजता से यश, धन और सामर्थ प्राप्ति के लिये उकसाता है। उसका उद्देश्य आपका लाभ नहीं है, वह आपको अपनी मर्ज़ी पूरी करने को उकसा कर और परमेश्वर के हाथों से अपने जीवन की बागडोर वापस लेकर, आपके विश्वास को नाश करना और आपकी आशीशों में सेंध लगाना चाहता है। उसका सदा प्रयत्न रहता है कि वह विश्वासी के जीवन में परेशानी पैदा कर सके।
जब कभी कोई किसी अति सहज और त्वरित सन्तुष्टि का प्रलोभन आपको दे, तो परख लीजिये कि देने वाले की मनशा क्या है। जल्दबाज़ी के सौदे हानि के सौदे होते हैं। - सी. पी. हिया
प्रलोभन से बचने का सबसे आसान तरीका है प्रलोभन के समक्ष परमेश्वर की ओर भागना।
...लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। - मत्ती ४:४
बाइबल पाठ: लूका ४:१-१३
फिर यीशु पवित्रआत्मा से भरा हुआ, यरदन से लौटा और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा, और शैतान उस की परीक्षा करता रहा।
उन दिनों में उस ने कुछ न खाया और जब वे दिन पूरे हो गए, तो उसे भूख लगी।
और शैतान ने उस से कहा - यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर से कह, कि रोटी बन जाए।
यीशु ने उसे उत्तर दिया कि लिखा है, मनुष्य केवल रोटी से जीवित न रहेगा।
तब शैतान उसे ले गया और उस को पल भर में जगत के सारे राज्य दिखाए।
और उस से कहा, मैं यह सब अधिकार, और इन का वैभव तुझे दूंगा, क्योंकि वह मुझे सौंपा गया है: और जिसे चाहता हूं, उसी को दे देता हूं।
इसलिये, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।
यीशु ने उसे उत्तर दिया, लिखा है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।
तब उस ने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को यहां से नीचे गिरा दे।
क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें।
और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पांव में पत्थर से ठेस लगे।
यीशु ने उस को उत्तर दिया यह भी कहा गया है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।
जब शैतान सब परीक्षा कर चुका, तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया।
एक साल में बाइबल:
- विलापगीत १, २
- इब्रानियों १०
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