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बुधवार, 29 दिसंबर 2010

नया और पुराना

मैं सिंगापुर में एक पेट्रोलियम कंपनी में काम कर रहा था, वहां एक अन्य देश से, जो उस समय युद्ध में था, एक निरीक्षक उसके देश को भेजे जाने वाले तेल की खेप का परिक्षण करने आया। निरीक्षण के समय अचानक उपर से वायु सेना के युद्ध विमानों की आवाज़ सुनकर, आदत अनुसार वह छुपने के स्थान को ढूंढता हुआ भागा; फिर झेंपकर बोला, "क्षमा कीजिये, मुझे लगा कि मैं अपने देश में हूं"; उसने, आदत अनुसार, वही किया जो वह अपने युद्ध ग्रसित देश में होने पर करता।

मसीही विश्वासी के लिये, संसार की बातों और आकर्षणों में पड़कर, अपने पुराने पापमय चाल-चलन में तथा अपनी पुरानी आदतों के अनुसार चलने के प्रलोभन आते हैं। यद्यपि हम विश्वासी "मसीह यीशु में हैं" (रोमियों ८:१), फिर भी कभी कभी हम ऐसे जीने लगते हैं जैसे कि हम पाप में हों।

पाप के दासत्व से हमें छुड़ाने के लिये परमेश्वर ने बहुत भारी कीमत चुकाई। उसने यह "अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर" किया (रोमियों ८:३)। अब हम "पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था" के आधीन नहीं, वरन "जीवन की आत्मा की व्यवस्था" के आधीन हैं (रोमियों ८:२)। इसलिये पौलुस कहता है कि अब हमें आध्यात्मिक व्यक्तियों के समान आत्मिक बातों पर मन लगाना है (रोमियों ८:५)। इसका अर्थ है कि अब हमें परमेश्वर की आत्मा के निर्देश में परमेश्वर के वचन से मार्गदर्शन लेना है।

जब भी आपके सामने अपने पुराने पापमय जीवन की बातों के अनुसार चलने के प्रलोभन आएं, परमेश्वर के आत्मा के आधीन हो जाएं, जो मसीह के प्रत्येक विश्वासी आंदर निवास करता है। वह आपको "मसीह में" चलने और बने रहने का मार्ग दिखाएगा और उसमें लेकर चलेगा। - सी. पी. हिया


जब आप नया जन्म लेते हैं तो स्वर्ग के नागरिक बन जाते हैं।

क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया। - रोमियों ८:२


बाइबल पाठ: रोमियों ८:१-१०

सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्‍ड की आज्ञा नहीं: क्‍योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया।
क्‍योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण र्दुबल होकर न कर सकी, उस को परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर, शरीर में पाप पर दण्‍ड की आज्ञा दी।
इसलिये कि व्यवस्था की विधि हम में जो शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं, पूरी की जाए।
क्‍योंकि शरीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं, परन्‍तु आध्यात्मिक आत्मा की बातों पर मन लगाते हैं।
शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्‍तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्‍ति है।
क्‍योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्‍योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के अधीन है, और न हो सकता है।
और जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते।
परन्‍तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्‍तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं।
और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है, परन्‍तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है।

एक साल में बाइबल:
  • ज़क्कर्याह ९-१२
  • प्रकाशितवाक्य २०

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