विपत्ति और कठिन समय सदा ही हमारी विचारधारा को झटका देते हैं और जीवन के पुनः आंकलन के लिए बाध्य करते हैं। हमारी सभी आशाएं और अच्छे से सोच-विचार कर के बनाई गई योजनाएं, हमारे नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों के द्वारा क्षण भर में ध्वस्त हो जाती हैं, धरी के धरी रह जाती हैं। ऐसे में हमें लगता है कि इस अनिश्चित संसार में केवल अनिश्चितता ही निश्चित है। यह अनिश्चितता हमारा ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा तिमुथियुस को लिखी पत्री में दी गई शिक्षा की व्यवाहारिकता पर लाती है: "इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों। और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें" (१ तिमुथियुस ६:१७-१९)।
तिमुथियुस को लिखी पौलुस कि इस शिक्षा की आज्ञाकारिता के लिए, यदि हमारे सांसारिक संसाधनों में कमी भी आए, तो भी हम मसीही विश्वासियों को भले कामों, उदारता, दूसरों के साथ बांटने आदि में बढ़ते ही रहना है। जब कभी हमारी आर्थिक स्थिरता फिर से हो जाएगी, तो जो परमेश्वर की ओर से हमें मिला है उस पर भरोसा रखने की बजाए, देने वाले परमेश्वर पर ही भरोसा बनाए हुए हम और भी अधिक उदारता दिखा सकते हैं। इस से भविश्य के लिए हमारी एक अच्छी और स्थिर नेव पड़ी रहेगी और परमेश्वर के संसाधन हमें उपलब्ध रहेंगे।
हम केवल परमेश्वर में ही सुरक्षित हैं, केवल उसी पर और उसकी सामर्थ पर ही भरोसा बनाए रखिए, उसकी इच्छानुसार चलिए, क्योंकि परमेश्वर का वचन हमें आश्वस्त करता है कि "परख कर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। हे यहोवा के पवित्र लोगों, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती! जवान सिहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी" (भजन ३४:८-१०)। - डेविड मैक्कैसलैंड
अनिश्चितताओं में हमारी सुरक्षा केवल परमेश्वर ही के हाथों में निश्चित है।
परख कर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। - भजन ३४:८
बाइबल पाठ: १ तिमुथियुस ६:६-१९
1Ti 6:6 पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।
1Ti 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं।
1Ti 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।
1Ti 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।
1Ti 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।
1Ti 6:11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।
1Ti 6:12 विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़ और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।
1Ti 6:13 मैं तुझे परमेश्वर को, जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह करके जिस ने पुन्तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं,
1Ti 6:14 कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख।
1Ti 6:15 जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है।
1Ti 6:16 और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन।
1Ti 6:17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
1Ti 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।
1Ti 6:19 और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें।
एक साल में बाइबल:
- नेहेमियाह १०-११
- प्रेरितों ४:१-२२
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