एक दिन एक दुकान पर जन्मदिन की बधाई सन्देश के कार्ड देखते समय मुझे एक कार्ड दिखाई दिया जिसपर लिखा था, "बचपन सब के लिए एक ही बार आता है किंतु कुछ लोगों के लिए बचपना सारी उम्र बना रहता है।" इस कार्ड का सन्देश मुझे बड़ा रोचक लगा; बचपन की बातों में बने रहने और कभी बड़े ना होने में कुछ आकर्षक लगता है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि सदा अपरिपक्व रहना भी ठीक नहीं है, और उम्र के साथ यदि परिपक्वता ना हो तो यह चिंता का विषय बन जाता है।
मसीही विश्वासियों को भी अपने विश्वास में परिपक्व होना अनिवार्य है। पापों के पश्चाताप और क्षमा तथा नए जन्म के बाद जब हम प्रभु यीशु के अनुयायी बनते हैं तो अत्मिक बचपने से परिपक्वता और प्रौढ़ होना भी हम में दिखना चाहिए। परमेश्वर का वचन हम विश्वासियों को चुनौती देता है कि प्रभु की समानता में बढ़ने और परिपक्व होने में प्रयत्नशील रहें।
परमेश्वर के वचन बाइबल में समस्याओं से भरी कुरिन्थुस की मण्डली को प्रेरित पौलुस ने लिखा कि उनकी समस्याओं की जड़ उनकी आत्मिक अपरिपक्वता में है: "हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं" (१ कुरिन्थियों ३:१)।
हम कैसे आत्मिक बचपन से मसीही परिपक्वता में आ सकते हैं? प्रेरित पतरस ने लिखा, "पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ" (२ पतरस ३:१८)। यह बढ़ना परमेश्वर के वचन पर मनन करने और प्रार्थना करने में समय बिताने के द्वारा होता है (भजन ११९:९७-१०४; प्रेरितों १:१४)।
समस्याओं से भरी कुरिन्थुस की उस अपरिपक्व मण्डली के समान, क्या हमारे जीवनों की समस्याओं का कारण हमारी आत्मिक अपरिपक्वता तो नहीं? कहीं यह हमारे अपरिपक्वता से परिपक्वता की ओर बढ़ने का समय तो नहीं? - बिल क्राउडर
जब विश्वास को सींचा जाता है तो आत्मिक वृद्धि होती है।
हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। - १ कुरिन्थियों ३:१
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ३:१-१७
1Co 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं।
1Co 3:2 में ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उस को न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो।
1Co 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
1Co 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं?
1Co 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
1Co 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1Co 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1Co 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1Co 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
1Co 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्त्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
1Co 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।
1Co 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है।
1Co 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा, क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है?
1Co 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
1Co 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।
1Co 3:16 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
1Co 3:17 यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो।
एक साल में बाइबल:
- भजन १०५-१०६
- १ कुरिन्थियों ३
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