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सोमवार, 22 दिसंबर 2014

स्मरण


   परमेश्वर की अद्भुत, प्रेर्णाशील हस्तकला द्वारा विस्मित होने के लिए आपको रात्रि के आकाश को अधिक देर तक निहारना नहीं पड़ेगा। तारापुँजों के विशाल विस्तार और हमारे अपने तारापुँज आकाशगंगा का दूधिया विस्तार हमें स्मरण दिलाता है हमारे परमेश्वर प्रभु यीशु की महान सृजन शक्ति तथा इस सब को संभाल पाने की मानव-समझ से परे क्षमता को (कुलुस्सियों 1:16-17)। जब हम रात में आकाश को निहारते हैं तो प्रतीत होता है मानों परमेश्वर के रंगमंच के दृश्य को सबसे अग्रिम पंक्ति में बैठकर देख रहे हों।

   लेकिन प्रत्येक रात्रि के इस अद्भुत दृश्य की तुलना उस दृश्य की महिमा के सामने कुछ भी नहीं है जो उसने तब दिखाई जिस रात्रि परमेश्वर ने अपने पुत्र को पृथ्वी पर भेजा। वहाँ मैदान में चरवाहे अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे थे कि अचानक ही आकाश स्वर्गदूतों से रौशन हो गया और उन्होंने स्वर्गदूतों को कहते सुना, "कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो" (लूका 2:14)। किसी दूर देश से ज्ञानी पुरुष भी उस राजा को दण्डवत करने आए, और परमेश्वर ने उनके मार्गदर्शन के लिए पूर्व दिशा में एक बहुत चमकदार तारा बना कर दिया।

   यद्यपि प्रत्येक रात्रि को "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है" (भजन 19:1), लेकिन उस घटना से पहले या बाद में परमेश्वर की महिमा आकाश में वैसी कभी नहीं प्रगट हुई जैसी उस रात को हुई थी, जिस रात इस सृष्टि के सृष्टिकर्ता ने यह सार्वजनिक घोषणा करी कि वह समस्त मानवजाति से इतना प्रेम करता है कि उसे पाप के दोष से छुड़ाने के लिए स्वयं पृथ्वी पर आने के लिए तैयार है।

   अगली बार जब आप रात्रि को आकाश की ओर देखें और परमेश्वर की हस्तकला से विस्मित हों तो स्मरण रखें कि वह जो यह सब बना कर संभाले रख सकता है, उसी ने आपको भी बनाया है, वही आपको भी संभाल रहा है और वह आपको उस पर लाए गए साधारण विश्वास और पश्चाताप के द्वारा अपनी संगति तथा सहभागिता में आशीषित देखना चाहता है। - जो स्टोवैल


हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम की असाधारण महिमा प्रभु यीशु के पृथ्वी पर आगमन के द्वारा प्रगट करी गई।

क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं। - कुलुस्सियों 1:16- 17

बाइबल पाठ: भजन 19:1-6
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है, 
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है। 
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 पतरस 1-3


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