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रविवार, 29 मार्च 2015

दे दो


   कई साल पहले की बात है हमारे एक जवान मित्र ने हम से हमारी कार अपने प्रयोग के लिए माँगी। उसके आग्रह को सुनकर मुझे और मेरी पत्नि को पहले तो संकोच हुआ, आखिरकर वह हमारी कार थी; हम उसके स्वामी थे, हमारे कार्यों के लिए हमें उसकी आवश्यक्ता होती रहती थी। लेकिन शीघ्र ही हमें ग्लानि हुई और हमने वह कार उस समय उसे प्रयोग करने के लिए दे दी, क्योंकि हमें यह बोध हुआ कि परमेश्वर चाहता है कि हम दूसरों की ज़रूरतों में उन की सहायता करें। हमने कार की चाबियाँ उसे दीं और वह 30 मील दूर होने वाली एक जवानों की सभा का संचालन करने के लिए चला गया। उस सभा को प्रभु ने अनेक जवानों को मसीही विश्वास में लाने के लिए उपयोग किया।

   प्रभु यीशु ने अपने चेलों से एक अन्य जन के गदहे को खोल कर ले आने के लिए कहा; प्रभु ने चेलों से यह भी कहा कि "यदि तुम से कोई पूछे, यह क्यों करते हो? तो कहना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है; और वह शीघ्र उसे यहां भेज देगा" (मरकुस 11:3)। उसी गदहे पर बैठकर प्रभु यीशु ने इस इतवार के दिन, जिसे हम ’खजूर का इतवार’ के नाम से भी जानते हैं, यरुशालेम में प्रवेश किया और फिर वहाँ जगत के सभी लोगों के पापों के लिए बलिदान हुआ, सारे संसार के समस्त लोगों के लिए सेंत-मेंत उद्धार का मार्ग बना कर दे दिया।

   हम सब के विचार करने के लिए यहाँ एक शिक्षा है: हम सब के पास ऐसी वस्तुएं होती हैं जो हमें प्रीय होती हैं, जिनके विषय हम धारणा रखते हैं कि हम उन्हें अपने से कभी पृथक नहीं होने दे सकते। वो हमारी नई गाड़ी हो सकता है, कोई अच्छा वस्त्र हो सकता है, कोई अन्य वस्तु हो सकती है, कठिनाई से सप्ताह भर के कार्यों में से अपने लिए निकाले गए कुछ घंटे हो सकते हैं। क्या हम इन्हें या इनके समान किसी अन्य वस्तु को दे देने के लिए तैयार होंगे यदि कोई जिसे उनकी आवश्यकता है, हम से उन्हें माँगता है?

   यदि आपको लगता है कि परमेश्वर का आत्मा आपसे बात कर रहा है और आप से कह रहा हे कि उस वस्तु को या अपने समय को जाने दो, दे दो; तो जैसे उस गदहे के स्वामी ने प्रभु यीशु के उपयोग के लिए अपने गदहे को दे दिया था, वैसे ही आप भी अपनी वस्तु अतहवा समय को दे दें। ऐसा करने से आप आशीषित, वह वस्तु या समय धन्य और प्रभु यीशु महिमान्वित होगा। - डेविड ऐग्नर


परमेश्वर हमें हमारी आवश्यकता के अनुसार सब कुछ देता है जिससे हम उन्हें भी दे सकें जो आवश्यकता में हैं।

और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। - 2 कुरिन्थियों 9:8

बाइबल पाठ: मरकुस 11:1-11
Mark 11:1 जब वे यरूशलेम के निकट जैतून पहाड़ पर बैतफगे और बैतनिय्याह के पास आए, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा। 
Mark 11:2 कि अपने साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पंहुचते ही एक गदही का बच्‍चा जिस पर कभी कोई नहीं चढ़ा, बन्‍धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल लाओ। 
Mark 11:3 यदि तुम से कोई पूछे, यह क्यों करते हो? तो कहना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है; और वह शीघ्र उसे यहां भेज देगा। 
Mark 11:4 उन्होंने जा कर उस बच्‍चे को बाहर द्वार के पास चौक में बन्‍धा हुआ पाया, और खोलने लगे। 
Mark 11:5 और उन में से जो वहां खड़े थे, कोई कोई कहने लगे कि यह क्या करते हो, गदही के बच्‍चे को क्यों खोलते हो? 
Mark 11:6 उन्होंने जैसा यीशु ने कहा था, वैसा ही उन से कह दिया; तब उन्होंने उन्हें जाने दिया। 
Mark 11:7 और उन्होंने बच्‍चे को यीशु के पास लाकर उस पर अपने कपड़े डाले और वह उस पर बैठ गया। 
Mark 11:8 और बहुतों ने अपने कपड़े मार्ग में बिछाए और औरों ने खेतों में से डालियां काट काट कर फैला दीं। 
Mark 11:9 और जो उसके आगे आगे जाते और पीछे पीछे चले आते थे, पुकार पुकार कर कहते जाते थे, कि होशाना; धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है। 
Mark 11:10 हमारे पिता दाऊद का राज्य जो आ रहा है; धन्य है: आकाश में होशाना। 
Mark 11:11 और वह यरूशलेम पहुंचकर मन्दिर में आया, और चारों ओर सब वस्‍तुओं को देखकर बारहों के साथ बैतनिय्याह गया क्योंकि सांझ हो गई थी।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 7-8
  • लूका 5:1-16




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