ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 18 मई 2015

निश्चित उद्धार


   कहा जाता है कि इंग्लैण्ड की महारानी विक्टोरिया एक चर्च उपासना के समय अत्यन्त भाव-विभोर हो गईं। बाद में उन्होंने अपने पास्टर से पूछा, "क्या कोई इस जीवन में ही आने वाले अनन्त जीवन की सुरक्षा के विषय में पूर्ण्तयः निश्चित हो सकता है?" उस पास्टर के पास महारानी के लिए कोई उत्तर नहीं था। लेकिन एक प्रचारक, जौन टाउनसेण्ड ने महारानी के इस प्रश्न के बारे में सुना, और इस बारे में बहुत प्रार्थना करने के बाद उसने महारानी को एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा था, "काँपते हाथों किंतु प्रेम से भरे हृदय के साथ, और क्योंकि मैं यह जानता हूँ कि हम प्रभु यीशु द्वारा हमारे लिए बनाए हुए उस घर में अनन्त काल के लिए सुरक्षित हो सकते हैं, मैं महारानी से आग्रह करता हूँ कि वे परमेश्वर के वचन बाइबल से यूहन्ना 3:16 और रोमियों 10:9-10 पढ़ें।"

   दो सप्ताह पश्चात उस प्रचारक जौन टाउनसेण्ड को महारानी से उत्तर प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने लिखा था, "...परमेश्वर के वचन के जो खण्ड बताए वे मैंने प्रार्थनापूर्वक ध्यान से पढ़े हैं। मैं मसीह के द्वारा मेरे लिए पूर्ण किए गए कार्य में विश्वास करती हूँ और विश्वास करती हूँ कि परमेश्वर के अनुग्रह से उस स्थान में आपको देखने पाऊँगी जिसके विषय में प्रभु यीशु ने कहा कि ’मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ’। - विक्टोरिया ग्युएल्फ"

   वह प्रचारक जौन टाउनसेण्ड इस बात के लिए निश्चित था कि हम इस जीवन में अनन्त जीवन की सुरक्षा के विषय में निश्चित हो सकते हैं (पद 9) और वह इस सुरक्षा को लेकर दूसरों के बारे में भी चिंता करता था। आज आप भी इस पर विचार कीजिए कि यूहन्ना 3:16 और रोमियों 10:9-10 आपके तथा आपके अनन्त जीवन के लिए क्या महत्व रखते हैं। परमेश्वर आपको यह आश्वासन देना चाहता है कि आपके पाप क्षमा किए गए हैं और मृत्यु के बाद आप भी उसके साथ अनन्त काल तक रह सकते हैं। - ब्रेंट हैकेट, निर्देशक आर.बी.सी. कैनडा


जो जीवन परमेश्वर के अपरिवर्तनीय अनुग्रह में रोपे गए हैं वे वहाँ से कभी उखाड़े नहीं जा सकते।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: रोमियों 10:8-15
Romans 10:8 परन्तु वह क्या कहती है? यह, कि वचन तेरे निकट है, तेरे मुंह में और तेरे मन में है; यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं। 
Romans 10:9 कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। 
Romans 10:10 क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है। 
Romans 10:11 क्योंकि पवित्र शास्त्र यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा। 
Romans 10:12 यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है। 
Romans 10:13 क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। 
Romans 10:14 फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें? 
Romans 10:15 और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें