ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 21 जुलाई 2015

अहंकार


   सी. एस. ल्युईस द्वारा लिखी गई पुस्तक The Screwtape Letters में एक वरिष्ठ शैतान अपने नए शिक्षार्थी को एक मसीही विश्वासी के ध्यान को परमेश्वर से हटाने के लिए उस विश्वासी के ध्यान को चर्च में उसके आस-पास के लोगों की खामियों पर ले जाने के लिए कहता है, क्योंकि उस मसीही विश्वासी के मन में आस-पास के लोगों के प्रति आलोचनात्मक तथा अपनी धार्मिकता के प्रति गर्व की प्रवृत्ति उत्पन्न कर के वह उसे परमेश्वर से दूर करना चाहता था।

   एक इतवार को हो रही चर्च सभा में मेरा ध्यान मेरे निकट खड़े एक व्यक्ति द्वारा स्तुति के भजनों को ऊँची आवाज़ में बेसुरा गाने तथा बाइबल पाठ को सब के साथ लय में ना पढ़ने से विचलित होने लगा। लेकिन जब कुछ समय पश्चात हम सब ने खामोशी के साथ व्यक्तिगत प्रार्थना के लिए सर झुकाया तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे मन में उस व्यक्ति के लिए उठने वाली उन आलोचनात्मक भावनाओं की बजाए परमेश्वर उस व्यक्ति द्वारा सीधे सच्चे मन से गाए जाने वाले गीतों तथा पढ़े जाने वाले पाठ से अधिक प्रसन्न हुआ होगा।

   कुछ दिन के पश्चात जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल का अपना अध्ययन कर रहा था तो मैं नीतिवचन के 8वें अध्याय को पढ़ते समय उसके 13वें पद से चौंका, जहाँ ’बुद्धि’ कह रही थी, "यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घमण्ड, अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी मैं बैर रखती हूं।" इस पूरे अध्याय में ’बुद्धि’ अर्थात परमेश्वर की सुमति, बारंबार पाठकों को विभिन्न बातों के लिए सचेत कर रही है, उन से कह रही है कि वे समझ-बूझ वाला मन रखें (पद 5), परमेश्वर से जीवन तथा उसकी प्रसन्नता प्राप्त करें (पद 35)। ऐसा ना करने का विकल्प है जीवन में अहंकार के साथ जीना और अन्दर ही अन्दर नाश होते जाना (पद 36)।

   अहंकार एक ऐसी तलवार है जो ना केवल उसे काटती है जिसके विरुद्ध उसका उपयोग होता है, वरन उसे भी काटती है जो उसका उपयोग करता है। अहंकार हमें उन सभी आशीषों से वंचित कर देता है जो परमेश्वर हमें देना चाहता है, परन्तु "नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है" (नीतिवचन 22:4)। - डेविड मैक्कैसलैंड


अहंकार शर्मिंदगी किंतु नम्रता आदर प्रदान करती है।

विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है। - नीतिवचन 16:18

बाइबल पाठ: नीतिवचन 8:12-21
Proverbs 8:12 मैं जो बुद्धि हूं, सो चतुराई में वास करती हूं, और ज्ञान और विवेक को प्राप्त करती हूं। 
Proverbs 8:13 यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। घमण्ड, अंहकार, और बुरी चाल से, और उलट फेर की बात से भी मैं बैर रखती हूं। 
Proverbs 8:14 उत्तम युक्ति, और खरी बुद्धि मेरी ही है, मैं तो समझ हूं, और पराक्रम भी मेरा है। 
Proverbs 8:15 मेरे ही द्वारा राजा राज्य करते हैं, और अधिकारी धर्म से विचार करते हैं; 
Proverbs 8:16 मेरे ही द्वारा राजा हाकिम और रईस, और पृथ्वी के सब न्यायी शासन करते हैं। 
Proverbs 8:17 जो मुझ से प्रेम रखते हैं, उन से मैं भी प्रेम रखती हूं, और जो मुझ को यत्न से तड़के उठ कर खोजते हैं, वे मुझे पाते हैं। 
Proverbs 8:18 धन और प्रतिष्ठा मेरे पास है, वरन ठहरने वाला धन और धर्म भी हैं। 
Proverbs 8:19 मेरा फल चोखे सोने से, वरन कुन्दन से भी उत्तम है, और मेरी उपज उत्तम चान्दी से अच्छी है। 
Proverbs 8:20 मैं धर्म की बाट में, और न्याय की डगरों के बीच में चलती हूं, 
Proverbs 8:21 जिस से मैं अपने प्रेमियों को परमार्थ के भागी करूं, और उनके भण्डारों को भर दूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 29-30
  • प्रेरितों 23:1-15


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें