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सोमवार, 17 अगस्त 2015

शान्त समय


   मुझे हमारी पृथ्वी के सागरों पर चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव द्वारा उत्पन्न होने वाले ज्वार और भाटे की लहरों के बारे में सोचकर बड़ा विलक्षण लगता है - पानी में लहरें चाँद के प्रभाव से ऊँची और नीची होती हैं। ज्वार से भाटे में परिवर्तित होते समय एक छोटा सा ऐसा समय होता है जब पानी का स्तर ना तो ऊँचा होता है और ना ही नीचा। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह वह समय होता है जब पानी पर कोई ज़ोर नहीं होता; यह ज्वार के पुनः उठने से पहले का शान्त समय होता है।

   जीवन के कार्यों की व्यस्तता में हम अपने आप को विभिन्न आवश्यक ज़िम्मेदारियों के कारण कभी एक ओर तो कभी दूसरी ओर खिंचता हुआ अनुभव करते हैं जो हमारे जीवनों पर प्रभाव डालता है। मसीही सेवकाई में भी यह दिखाई देता है और हमारा प्रभु यीशु इस बात से भली-भांति परिचित था, वह जानता था कि उसके चेलों पर कैसे दबाव पड़ेंगे और उनको विश्राम की आवश्यकता होगी। जब प्रभु के चेले अपने पहले प्रचार और सेवकाई अभियान से वापस लौट कर आए तो उन्होंने बड़े उत्साह के साथ अपने अनुभव प्रभु यीशु को बताए (मरकुस 6:7-13; 30); परन्तु प्रभु यीशु ने उन से कहा, "...तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था" (मरकुस 6:31)।

   क्या ज़िम्मेदारियाँ का निर्वाह आपको दबाव में ला रहा है, भिन्न दिशाओं में खींच रहा है? ऐसे में विश्राम करने और थकान को दूर करके अपने शरीर को तरो-ताज़ा करने की योजना बनाना आपके लिए सर्वथा उपयुक्त और उचित है। हमारे शरीरों को इसकी आवश्यकता है और प्रभु यीशु ने इसकी सलाह दी है। जीवन की व्यस्तताओं में से कुछ शान्त समय निकालिए, वहाँ आप प्रभु से मिलें, उससे प्रार्थना में संगति करें,  ऐसा समय आपको ताज़गी देगा, ज़िम्मेदारियों को और भी भली भांति निभाने की सदबुद्धि और सामर्थ देगा। - डेनिस फिशर


परमेश्वर के साथ शान्त समय बिताना, परमेश्वर से ताज़गी पाने का तरीका है।

और भोर को दिन निकलने से बहुत पहिले, वह[प्रभु यीशु] उठ कर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहां प्रार्थना करने लगा। - मरकुस 1:35

बाइबल पाठ: मरकुस 6:7-13; 30-32
Mark 6:7 और वह बारहों को अपने पास बुलाकर उन्हें दो दो कर के भेजने लगा; और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया। 
Mark 6:8 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि मार्ग के लिये लाठी छोड़ और कुछ न लो; न तो रोटी, न झोली, न पटुके में पैसे। 
Mark 6:9 परन्तु जूतियां पहिनो और दो दो कुरते न पहिनो। 
Mark 6:10 और उसने उन से कहा; जहां कहीं तुम किसी घर में उतरो तो जब तक वहां से विदा न हो, तब तक उसी में ठहरे रहो। 
Mark 6:11 जिस स्थान के लोग तुम्हें ग्रहण न करें, और तुम्हारी न सुनें, वहां से चलते ही अपने तलवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो। 
Mark 6:12 और उन्होंने जा कर प्रचार किया, कि मन फिराओ। 
Mark 6:13 और बहुतेरे दुष्टात्माओं को निकाला, और बहुत बीमारों पर तेल मलकर उन्हें चंगा किया। 
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। 
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। 
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 97-99
  • रोमियों 16


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