हमारे साथ मिशिगन में कुछ समय बिताने के बाद हमारी एक वर्षीय पोती मैगी और उसका परिवार वापस अपने घर मिसूरी चले गए। मैगी की माँ ने हमें बताया कि घर वापस लौटने के कुछ दिन बाद तक मैगी घर के अन्दर घूमते-फिरते बड़े आनन्द के साथ ’मिशिगन’, ’मिशिगन’ कहती रहती थी। उस नाम में कुछ था जिसने मैगी को आकर्षित किया; शायद उसका उच्चारण, शायद वह आनन्दायक समय जो उसने मिशिगन में हमारे साथ बिताया। वह क्या आकर्षण था यह एक वर्ष के बच्चे के विषय में कहना तो संभव नहीं है, लेकिन उस नाम ’मिशिगन’ ने मैगी पर ऐसा प्रभाव डाला था कि वह उसे बार बार लेने से रुक नहीं पा रही थी।
यह मुझे एक और नाम का स्मरण दिलाता है - हमारे तथा समस्त जगत के उद्धारकर्ता प्रभु का नाम - यीशु, जिस नाम के लिए परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा गया है, "...परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है" (फिलिप्पियों 2:9)। क्यों यह नाम हम मसीही विश्वासियों को इतना प्रीय है? क्योंकि यह हमारे उद्धारकर्ता, हमें पापों से मुक्ति देने वाले, हमारी चिंता और रक्षा करने वाले, हमें अनन्त जीवन और परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार देने वाले का नाम है। जो संज्ञाएं प्रभु यीशु का वर्णन करती हैं उनमें कितनी गहराई है! जब हम यीशु के महान नाम का उल्लेख उन से करते हैं जिन्हें उसे मुक्तिदाता के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता है, तो हम उन्हें बता सकते हैं कि उसने हमारे तथा संसार के सभी लोगों के लिए क्या कुछ किया है, क्या कुछ सेंत-मेंत उपलब्ध करवाया है।
यीशु हमारा उद्धारकर्ता है, उसने अपने लहु के द्वारा हमें छुड़ाया है, हम ने स्वेच्छा से अपने जीवन उसे समर्पित किए हैं और उसे अपना प्रभु स्वीकार किया है; और अब अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर हम सब लोगों से बाइबल की बात निःसंकोच कह सकते हैं कि यीशु के नाम के अतिरिक्त और किसी नाम में उद्धार नहीं है (प्रेरितों 4:12), इसलिए संपूर्ण स्वर्ग और सारी पृथ्वी और उसके सब निवासी यीशु नाम को महिमा दें उसका आदर करें। - डेव ब्रैनन
समस्त सृष्टि में सबसे बहुमूल्यतम नाम है यीशु।
और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:5-11
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 16-17
- याकूब 3
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