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शनिवार, 17 दिसंबर 2016

प्रगति


   पाबेलो कैसल्स को 20वीं शताब्दी के प्रथम अर्ध-भाग का सबसे प्रख्यात चेलो-वायलिन वादक माना जाता है। वे अपने जीवन के दसवें दशक में भी चेलो-वायलिन बजाते थे; 95 वर्षीय पाबेलो से एक जवान पत्रकार ने पूछा, "श्रीमान कैसल्स, आप 95 वर्ष के हैं, और अभी तक के संसार के सबसे महानतम चेलो वादक हैं। फिर भी आप प्रतिदिन छः घंटे अभ्यास क्यों करते हैं?" पाबेलो कैसल्स ने उत्तर दिया, "क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा करने से मैं और प्रगति करता रहता हूँ।" कैसा महान दृष्टिकोण, तथा अपनी कला के प्रति कितना अद्भुत समर्पण!

   हम मसीही विश्वासियों को भी कभी यह सोच कर संतुष्ट हो कर थम नहीं जाना चाहिए, कि हम ने कोई आत्मिक सफलता प्राप्त कर ली है।, वरन हमें प्रेरित पतरस द्वारा लिखे निर्देश : "हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ" (2 पतरस 3:18) का पालन करते रहना चाहिए और प्रभु यीशु की पहचान में बढ़ते रहना चाहिए। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को स्मरण कराया कि, "तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ" (यूहन्ना 15:16)। आत्मिक जीवन में स्वस्थ प्रगति होते रहने का परिणाम जीवन भर प्रभु के लिए आत्मिक फल लाते रहना होता है। हमारे प्रभु ने हमें सिखाया है: "मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते" (यूहन्ना 15:5)।

   हम जिस प्रभु परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तथा हम जिस की सेवा करते हैं, उसकी समानता और गुणों में लगातार प्रगति करते जाने का हमें सतत परिश्रम करते रहना है, इस भरोसे के साथ कि जिसने हम में अपना कार्य आरंभ किया है वह अपने पुनः आगमन तक हमारे अन्दर अपने कार्य को बनाए रखेगा, उसमें प्रगति करते रहने में हमारा सहायक भी होगा (फिलिप्पियों 1:6)। - सिंडी हैस कैस्पर


हमारे हृदयों के अन्दर होने वाला परमेश्वर का अदृश्य कार्य, बाहर हमारे जीवनों में फल लाता है।

और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:8-17
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • आमोस 7-9
  • प्रकाशितवाक्य 8


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