बहुत से परिवारों में कोई-कोई वयंजन बनाने की
पारिवारिक विधि होती है, जो पीढ़ी से पीढ़ी को सौंपी जाती है, और उस व्यंजन को एक
विशेष स्वाद देती है। हम हक्कास चीनियों के पास भी ऐसी ही एक व्यंजन बनाने की विधि
होती थी, और हमारी दादी उसे सबसे बढ़िया बनाती थीं। प्रति वर्ष चीनी नए वर्ष के
उपलक्ष में जब परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते थे, और दादी अपनी उस विधी से वह
व्यंजन बनाती थीं, तो हम एक दूसरे से कहते थे, “हमें दादी से इसे बनाने की यह वीधी
अवश्य सीखनी चाहिए।” परन्तु हमने कभी दादी से उसे सीखा नहीं, और अब वे हमारे बीच
में नहीं रही हैं; उनके साथ ही उनकी वह विधी भी जाती रही है।
हमें दादी की कमी खलती है, और उनकी उस विधी की
भी। परन्तु इससे भी कहीं अधिक दुखद बात होगी विश्वास की उस विरासत को बिसरा देना
जो परमेश्वर ने हमें सौंपी है। परमेश्वर चाहता है कि प्रत्येक पीढ़ी अगली पीढ़ी को
परमेश्वर द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में बताए। परमेश्वर के वचन बाइबल में
भजनकार ने कहा, “तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा” (भजन
145:4), जो सदियों पहले मूसा ने भी कहा था “प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो,
और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से
प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे”
(व्यवस्थाविवरण 32:7)।
परमेश्वर ने हमें ऐसा बनाया है कि हम अपने
अनुभवों को औरों के साथ साझा करने के द्वारा एक दूसरे के साथ का आनन्दित भी हों और
एक दूसरे के अनुभवों से लाभान्वित भी हों। जब हम अपने उद्धार पाने और परमेश्वर से
विभिन्न परिस्थितियों में मिली सहायता की बातों और घटनाओं को दूसरों के साथ साझा
करते हैं, तो न केवल हम उन्हें भी प्रोत्साहित करते हैं तथा परमेश्वर को आदर देते
हैं, परन्तु शैतान और उसकी युक्तियों पर जयवंत होने के अपने मार्ग को भी दृढ़ करते
हैं (प्रकाशितवाक्य 12:11)। - पो फैंग चिया
आज
जो हम अपने बच्चों को सिखाते हैं,
वह कल के सँसार को प्रभावित करेगा।
और
वे मेम्ने के लोहू के कारण,
और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्त
हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली। - प्रकाशितवाक्य 12:11
बाइबल
पाठ: भजन 145:1-13
Psalms 145:1 हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूंगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य
कहता रहूंगा।
Psalms 145:2 प्रति दिन मैं तुझ को धन्य कहा करूंगा, और
तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूंगा।
Psalms 145:3 यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और
उसकी बड़ाई अगम है।
Psalms 145:4 तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा।
Psalms 145:5 मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के
आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा।
Psalms 145:6 लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा।
Psalms 145:7 लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण कर के उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।।
Psalms 145:8 यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध
करने वाला और अति करूणामय है।
Psalms 145:9 यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी
सारी सृष्टि पर है।
Psalms 145:10 हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद
करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!
Psalms 145:11 वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और
तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे;
Psalms 145:12 कि वे आदमियों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की
महिमा प्रगट करें।
Psalms 145:13 तेरा राज्य युग युग का और तेरी प्रभुता सब पीढ़ियों तक बनी रहेगी।
एक
साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 19-20
- मत्ती 27:51-66
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