जोन, जब आराधना सभा में आकार बैठी, तब वह अपने
बच्चों के साथ कुछ कठिन समस्याओं से जूझ रही थी। वह थक चुकी थी और मातृत्व की
जिम्मेदारियों से “सेवानिवृत्ति” लेना चाहती थी। तभी उस सभा के उपदेशक ने परमेश्वर
के वचन बाइबल से अपना सन्देश आरंभ किया, जो उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ही
था जो अपनी परिस्थितियों से थक-हार चुके हैं और हथियार डाल देने की कगार पर हैं।
जोन ने उस प्रातः, परमेश्वर के वचन में से, उस सन्देश के द्वारा जो बाते सुनीं और
सीखीं उनमें से इन चार बातों ने उसे हताश होकर बैठ जाने की बजाए आगे बढ़ते रहने में
सहायता की:
ऊपर की ओर नज़रें गड़ाएँ और प्रार्थना करें –
आसाप ने सारी रात प्रार्थना की, और अपनी भावनाएँ व्यक्त करने के लिए यह भी प्रगट
किया कि उसे लगता है जैसे परमेश्वर उसे भूल गया है और उसको त्याग दिया है (भजन
77:9-10)। हम परमेश्वर से सब कुछ कह सकते हैं, और अपनी भावनाओं के विषय में स्पष्ट
और ईमानदार हो सकते हैं। हम उससे कुछ भी पूछ सकते हैं। हो सकता है कि उसके उत्तर
तुरंत ना आएँ और न ही वैसे हों जैसे हम चाहते हैं, परन्तु अपने आप को खुली रीति से
व्यक्त करने के लिए वह हमारी आलोचना कदापि नहीं करेगा।
अपने जीवन में पीछे मुड़कर देखें और उन
बातों कोई स्मरण करें जो परमेश्वर ने आपके तथा औरों की जीवनों में की हैं – आसाप
ने परमेश्वर से केवल अपने दुखों के बारे में ही बातें नहीं कीं; उसने परमेश्वर की
सामर्थ्य और महान कार्यों को भी स्मरण किया, जो परमेश्वर ने उसके तथा औरों की
जीवनों में किए थे। उसने लिखा, “मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा” (पद 11)।
आगे की ओर देखें – उस परिस्थिति से हो
सकने वाली संभावित भलाईयों के बारे में विचार करें। यह विचार करें कि आप इन
परिस्थितियों से क्या सीख सकते हैं; उनमें होकर परमेश्वर आपसे क्या चाह सकता है कि
आप करें? इस पर विचार करें कि क्योंकि परमेश्वर के मार्ग सिद्ध हैं, इसलिए आपकी
जानकारी के अनुसार वह आगे क्या कर सकता है? (पद 13)।
पुनःअवलोकन करें - इस बार परमेश्वर पर विश्वास की नज़रों से अपनी
परिस्थितियों पर दृष्टि करें। अपने आप को स्मरण करवाएं कि वह अद्भुत आश्चर्यकर्म
करने वाला परमेश्वर है, जिस पर सदैव भरोसा किया जा सकता है (पद 14)।
ये चार बातें हमारी भी सहायता करें कि हम
प्रभु यीशु में विश्वास की अपनी यात्रा को सही दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ते रहें। -
ऐनी सेटास
हमारी
समस्याएं परमेश्वर के समाधान खोज निकालने के अवसर होते हैं।
और
उसने मुझ से कहा,
मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी
सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द
से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ
पर छाया करती रहे। इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और
निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और
उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न
हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी
बलवन्त होता हूं। - 2 कुरिन्थियों 12: 9-10
बाइबल
पाठ: भजन 77:1-15
Psalms 77:1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं
परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा।
Psalms 77:2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात
को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ
में शांति आई ही नहीं।
Psalms 77:3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर कर के करहाता हूं; मैं
चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला)
Psalms 77:4 तू मुझे झपक्की लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया
हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती।।
Psalms 77:5 मैंने प्राचीन काल के दिनों को, और युग युग के
वर्षों को सोचा है।
Psalms 77:6 मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन
में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं:
Psalms 77:7 क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर
कभी प्रसन्न न होगा?
Psalms 77:8 क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या
उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है?
Psalms 77:9 क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने
क्रोध कर के अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला)
Psalms 77:10 मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु
मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं।।
Psalms 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय
मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा।
Psalms 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे
बड़े कामों को सोचूंगा।
Psalms 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के
तुल्य बड़ा है?
Psalms 77:14 अद्भुत काम करने वाला ईश्वर तू ही है, तू ने
अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है।
Psalms 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और
यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है।। (सेला)
एक
साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 26-27
- मरकुस 2
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें