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बुधवार, 6 मई 2020

प्रतिज्ञा



     मेरे एक मित्र और उसके भाई ने, अपने बचपन में, अपनी बहन को आश्वस्त किया कि यदि वह वास्तव में ‘विश्वास’ करेगी, तो छाते में इतनी सामर्थ्य है कि उसे ऊपर थामे रखे। उनकी बात पर विश्वास करके, उनकी बहन छाता लिए हुए छत से कूद गई, जिस से उसके सिर पर कुछ चोट आई, और वह कुछ समय के लिए बेसुध भी हो गई।

     परमेश्वर ने जो भी प्रतिज्ञा की है, वह उसे अवश्य ही पूरा भी करेगा। परन्तु हमें यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि हम जब भी उस से उसकी किसी प्रतिज्ञा के पूरे किए जाने को मांगते हैं, हम वास्तव में उसके वास्तविक वचन के आधार पर ऐसा कर रहे हैं। क्योंकि, तब ही हमें यह आश्वासन है कि परमेश्वर हमें वह देगा, या हमारे लिए वह करेगा, जो उसकी प्रतिज्ञा है। अपने आप में, ‘विश्वास’ में कोई सामर्थ्य नहीं है; वह तब ही कार्यकारी होता है जब वह परमेश्वर की किसी स्पष्ट और खरी प्रतिज्ञा पर आधारित हो। इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य बात पर ‘विश्वास’ रखना, मात्र कल्पना करना है।

     इसका एक स्पष्ट उदाहरण है प्रभु द्वारा यूहन्ना 15:7-8 में की गई प्रतिज्ञा: “यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।” ये पद यह प्रतिज्ञा नहीं हैं कि जो भी हम कह देंगे परमेश्वर उसे पूरा कर देगा। वरन यह इस बात के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि वह हमारे व्यक्तिगत रीति से धर्मी होने की प्रत्येक लालसा – जिसे पौलुस “आत्मा के फल कहता है (गलातियों 5:22-23)” का प्रत्युत्तर देगा। यदि हम पवित्रता के भूखे और प्यासे होंगे, और परमेश्वर से उसे मांगेंगे, तो वह हमें उसके विषय संतुष्ट भी करेगा। इसमें कुछ समय अवश्य लगेगा, क्योंकि आत्मिक बढ़ोतरी में भी, शारीरिक बढ़ोतरी के समान ही, समय लगता है। इसलिए हताश हो कर माँगना छोड़ न दें; परमेश्वर से निवेदन करते रहें कि वह आपको पवित्र बनाए। उसके समय, उसकी विधि, और उसकी गति के अनुसार, वह यह आपके लिए कर देगा। परमेश्वर ऐसी कोई प्रतिज्ञा नहीं करता है जिसे वह पूरा न करे। - डेविड एच. रोपर

हमारा परमेश्वर प्रतिज्ञा निभाने वाला परमेश्वर है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलातियों 5:22-23

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:5-8
यूहन्ना 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
यूहन्ना 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली के समान फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
यूहन्ना 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
यूहन्ना 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजाओं 21-22
  • लूका 23:26-56



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