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शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

सुरक्षा का बाड़ा

अमेरिका का Yellowstone National Park बहुत सुन्दर पर्यटक स्थल है जो अद्भुत और मनमोहक प्राकृतिक विशेषताओं से भरा है। उसमें विचरण करते और उसकी प्राकृतिक विविधताओं का आनन्द लेते समय पर्यटक भूल जाते हैं कि वे संसार के सबसे बड़े और सक्रीय ज्वालामुखीयों में से एक पर चल फिर रहे हैं, और विनाशकारी खतरे के कितना समीप हैं।

जब मैं बाइबल में अय्युब की पुस्तक पढ़ता हूँ, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं Yellowstone में चल फिर रही हूँ - ऐसे दिन में जिसमें ज्वालामुखी फट कर पृथ्वी की सतह की कमज़ोर पपड़ी को फाड़ डालता है और विनाश मुँह बाए खड़ा होता है।

जैसे पर्यटक Yellowstone का आनन्द लेते हैं, अय्युब भी जीवन का आनन्द ले रहा था, इस बात से अनभिज्ञ कि विनाश और उसके बीच केवल एक बाड़ है (अय्युब १:९, १०)। जब परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी कि वह बाड़ तोड़ कर अय्युब की परीक्षा कर सके, तब अय्युब के जीवन में तबाही आ गयी (अय्युब १:१३, १९)।

बहुत से विश्वासी ऐसी परिस्थितियों में जीवन बिताते हैं जहाँ लगता है कि किसी कारणवश परमेश्वर ने अपनी सुरक्षा का बाड़ा उन पर से हटा लिया है। फिर कुछ ऐसे भी हैं जो अपने क्षण्भंगुर जीवन के खतरों से कतई अनभिज्ञ होकर बिल्कुल निशचिंत जीवन बिताते हैं। अय्युब के मित्रों के समान, शायद वे भी सोचते हैं कि उनके साथ कुछ बुरा नहीं होगा जब तक वे कुछ ऐसा न करें जिसका प्रतिफल बुरा हो। लेकिन जैसे हम अय्युब के जीवन से सीखते हैं, कभी कभी परमेश्वर भले लोगों को भी परीक्षाओं से होकर निकलने देता है, जिससे उनके चरित्र में और निखार आये और उनके जीवन की व्यर्थ बातें छांटी जा सकें ताकि वे परमेश्वर के लिये और अधिक फलवन्त हो सकें। यह प्रक्रिया दुखद तो होती है, किंतु इसका दीर्घकालीन परिणाम परमेश्वर की उत्तम आशीशों से परिपूर्ण जीवन होता है।

यद्यपि विनाश किसी भी क्षण आ सकता है, किंतु जो मसीह यीशु पर विश्वास रखते हैं, उन्हें कुछ भी नाश नहीं कर सकता (२ कुरिन्थियों ४:९); परमेश्वर के प्रेम से उन्हें कोई संकट या विनाश पृथक नहीं कर सकता (रोमियों ८:३५-३९)। उसकी यह सुरक्षा उसपर विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिये सदैव उपलब्ध है।

क्या आपने अविनाशी परमेश्वर, प्रभु यीशु, को अपनी सुरक्षा का बाड़ा बना लिया है? - जूली ऐकैरमैन लिंक


सब कुछ नष्ट हो जाने के बाद भी परमेश्वर का प्रेम स्थिर बना रहता है।

...हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। - २ कुरिन्थियों १:९


बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों १:८-१० ; रोमियों ८:३५-३९

हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
बरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।


कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्‍या क्‍लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाई गिने गए हैं।
परन्‍तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं।
क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ५१, ५२
  • इब्रानियों ९

गुरुवार, 11 नवंबर 2010

निस्वार्थ वीरता का प्रोत्साहन

अमेरिका के एक अखबार Chicago Tribune में एक रिपोर्ट छपी जिसमें बताया गया कि बहुत से ऐसे अमेरिकी नागरिक है, पादरियों से लेकर वकीलों और कंपनियों के उच्च संचालकों तक जो ऐसे शौर्य के कार्यों के लिये पदकों का दावा कर रहे हैं जो उन्होंने कभी किये ही नहीं! युद्ध के रिकार्डों में हेरा-फेरी और पराक्रम के झूठे दावे हमारी कल्पना से कहीं अधिक प्रचलित हैं। एक व्यक्ति, जिसने जल सेना के शौर्य पदक का झूठा दावा किया, बाद में इस बात के लिये शर्मिंदा हुआ, और कहा कि वास्तविक शूरवीर कभी अपने कार्यों का स्वयं बखान नहीं करते।

वीरता की निशानी होती है दूसरों की भलाई के लिये निस्वार्थ रीति से अपनी जान भी जोखिम में डाल देने की पृवर्ति।

फिलिप्पियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस अपने दो ऐसे साथियों की, उनके विश्वास के सच्चे नायक होने के लिये सराहना करता है, जो समाज में बहुत ही साधारण सा जीवन और स्थान रखते थे किंतु विश्वास में उनकी कर्मठता ने उन्हें परमेश्वर के वचन में सदा काल के लिये उदाहरण बना दिया और असाधारण स्थान दे दिया। तिमुथियुस को, उसके निस्वार्थ और परखे हुआ चरित्र के कारण, पौलुस अपने ऐसे पुत्र की संज्ञा देता है जिसने सुसमाचार प्रचार में उसकी सेवा करी (फिलिप्पियों २:२२)। पौलुस एपाफ्रुदितुस की भी सराहना करता है क्योंकि मसीह के कार्य के लिये उसने अपनी जान जोखिम में डाली, और उसे अपना भाई, सहकर्मी और संगी योद्धा करके संबोधित करता है (फिलिप्पियों २:२५, ३०)। फिलिप्पियों के विश्वासियों को पौलुस ने समझाया कि ऐसे लोगों का बहुत आदर करें (फिलिप्पियों २:२९)।

अपने सहविश्वासियों का, परमेश्वर के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिये आदर करना बाइबल की शिक्षा है। इसका तात्पर्य ऐसे वीरों की पूजा करना नहीं है, वरन एक भला जीवन जीने के लिये उनके प्रति आदर का भाव रखना है।

आज हमारा यह कर्तव्य है कि हम परमेश्वर के लिये निस्वार्थ कार्य करने वालों और उसके नाम की खातिर दूसरों की सहयतार्थ अपना जीवन बिताने वालों का आदर करें और अपने शब्दों द्वारा अथवा किसी ठोस कार्य के द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करें। - डेविड मैककैसलैंड


मसीह में विश्वास द्वारा साधारण मनुष्य भी असाधारण नायक बन जाते हैं।

इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्‍द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। - फिलिप्पियों २:२९


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१९-३०

मुझे प्रभु यीशु में आशा है, कि मैं तीमुथियुस को तुम्हारे पास तुरन्‍त भेजूंगा, ताकि तुम्हारी दशा सुन कर मुझे शान्‍ति मिले।
क्‍योंकि मेरे पास ऐसे स्‍वाभाव का कोई नहीं, जो शुद्ध मन से तुम्हारी चिन्‍ता करे।
क्‍योंकि सब अपने स्‍वार्थ की खोज में रहते हैं, न कि यीशु मसीह की।
पर उसको तो तुम ने परखा और जान भी लिया है, कि जैसा पुत्र पिता के साथ करता है, वैसा ही उस ने सुसमाचार के फैलाने में मेरे साथ परिश्रम किया।
सो मुझे आशा है, कि ज्योंही मुझे जान पड़ेगा कि मेरी क्‍या दशा होगी, त्योंही मैं उसे तुरन्‍त भेज दूंगा।
और मुझे प्रभु में भरोसा है, कि मैं आप भी शीघ्र आऊंगा।
पर मैं ने एपाफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा।
क्‍योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्‍योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था।
और निश्‍चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्‍तु परमेश्वर ने उस पर दया की, और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो।
इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्‍न किया कि तुम उस से फिर भेंट कर के आनन्‍दित हो जाओ और मेरा शोक घट जाए।
इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्‍द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना।
क्‍योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ५०
  • इब्रानियों ८

बुधवार, 10 नवंबर 2010

परमेश्वर का आलिंगन

शाम को जब उसके परिवार के सदस्य घर वापस चले गए, तो कैरल को लगने लगा कि अस्पताल का उसका कमरा संसार का सबसे अधिक अकेलेपन का स्थान है। रात हो चुकी थी, उसकी बीमारी से संबंधित भय उसे सताने लगे और वह अपने आप को बहुत हताश अनुभव करने लगी थी। ऐसे में उसने अपनी आंखें बन्द करी और वह परमेश्वर से बात करने लगी: "हे प्रभु, मैं जानती हूँ कि यहां भी मैं वास्तव में अकेली नहीं हूँ। आप मेरे साथ यहां उपस्थित हैं। कृप्या मेरे मन को अपनी शांति से भर दीजिये। कृप्या, मैं आपकी बाहों के आलिंगन को, आपके द्वार अपने थामे जाने को अनुभव कर सकूँ।"

प्रार्थना करते करते कैरल को उसके भय जाते अनुभव हुए और जब उसने अपनी आंखें खोलीं तो उसकी सहेली मार्ज की चमकती आखें और मुस्कुराहट की गर्मी बिखेरता चेहरा उसके सामने था, और मार्ज ने कस कर उसे अपने आलिंगन में भर लिया। कैरल को लगा जैसे परमेश्वर ने स्वयं उसे अपने आलिंगन में भर लिया हो।

परमेश्वर अपने प्रेम को प्रगट करने के लिये अक्सर अपने विश्वासियों को उपयोग करता है, उसके द्वारा दिये गए वरदानों को एक दुसरे की भलाई के लिये उपयोग करने के द्वारा (रोमियों १२:४-८) और एक दूसरे की सहायता के द्वारा : "तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो" (गलतियों ६:२)।

जैसे प्रभु यीशु ने हमारे प्रति किया, जब हम भी दूसरों के प्रति प्रेम और अनुकम्पा दिखाते हैं, तो संसार के लिये परमेश्वर की सेवाकाई को पूरा करते हैं : "और प्रेम में चलो, जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया।" (इफिसियों ५:२); "और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो, जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।" (कुलुस्सियों ३:१३)


जब हम परमेश्वर की सन्तानों से प्रेम करते हैं, हम परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करते हैं।

भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्‍पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। रोमियों १२:१०


बाइबल पाठ : रोमियों १२:३-११

क्‍योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़ कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
क्‍योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्‍साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।
प्रेम निष्‍कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो।
भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्‍पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
प्रयत्‍न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ४८-४९
  • इब्रानियों ७

मंगलवार, 9 नवंबर 2010

परमेश्वर से संगति की सच्ची लालसा

पास्टर टोज़र (१८९७ - १९६३) ने मसीही धर्मशास्त्रियों की जीवनीओं और लेखों का ऐसा गहन अध्ययन किया कि वह उनके बारे में सहजता से लेख लिखने के योग्य हो गया। अपने इन अध्ययनों के आधार पर उसने कहा: "बीते समय के इन पवित्र स्त्री और पुरुषों के निकट आईये और आप उनके अन्दर लगी हुई परमेश्वर की संगति के प्रति लालसा की आग की गर्मी को महसूस कर पाएंगे। ये लोग परमेश्वर की निकटता के लिये रोते थे, प्रार्थनाएं करते थे, दिन और रात उसकी उपस्थिति में रहने के लिये अन्तर्द्वन्द में रहते थे। उनकी इस लालसा पूरती, उनकी उस प्रचण्ड खोज के कारण, उसकी संगति के एहसास को और भी मधुर बना देती थी।"

भजन ४२ का लेखक पास्टर टोज़र द्वारा कही गई प्रचण्ड लालसा जैसी भावना रखता था। अपनी परमेश्वर की निकटता में आने की तीव्र लालसा को लेखक प्यासे हिरन द्वारा पानी की खोज की समानता के रूपक से व्यक्त करता है: "जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जाकर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?" (भजन ४२:१, २) उसकी यह लालसा इतनी तीव्र थी और उसका दुख इतना गहरा कि वह भोजन करने से अधिक आंसू पीता था (भजन ४२:३)। भजन के लेखक की लालसा की संतुष्टि, उसके परमेश्वर पर रखे गए भरोसे और उसकी उपस्थिति और सहायता के लिये करी गई उसकी आराधना में व्यक्त हुई (भजन ४२:५-८)।

परमेश्वर का वायदा है कि जो भी उसे सम्पूर्ण मन से खोजते हैं वह उन्हें कभी निराश नहीं करता "तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा। तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे" (यर्मियाह २९:१२, १३)। उसे केवल सच्चे मन से निकली सच्ची प्रार्थना चाहिये और वह उत्तर देगा, अन्य किसी चीज़ की उसे आवश्यक्ता नहीं है - न कोई धर्म, न कोई रीति-रिवाज़, न कोई अनुष्ठान, न कोई सांसारिक वस्तु की भेंट, न अपने शरीर को दुख देकर उसे रिझाने का प्रयत्न; केवल एक सच्ची पुकार, क्योंकि "टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (भजन ५१:१७)।

जिनकी लालसा की पूर्ति हो जाती है, उनकी तृप्ति भी हो जाती है: "यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा (यूहन्ना ६:३५, ३७)।

क्या आप में परमेश्वर की संगति की सच्ची लालसा है? क्या उस लालसा की पूर्ति के लिये आपने उस सच्चे परमेश्वर को सच्चे और टूटे मन से पुकारा है? उसे आपकी टूटे मन से निकली सच्ची प्रार्थना का इंतिज़ार है।


केवल यीशु, जो जीवते जल का स्त्रोत है, परमेश्वर के लिये प्यासी आत्मा को तृप्त कर सकता है।

जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। - भजन ४२:१

बाइबल पाठ : भजन ४२

जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं।
जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जाकर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?
मेरे आंसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह, क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा।
हे मेरे परमेश्वर, मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिये मैं यर्दन के पास के देश से और हर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूं।
तेरी जलधाराओं का शब्द सुन कर जल, जल को पुकारता है, तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया हूं।
तौभी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करूणा प्रगट करेगा, और रात को भी मैं उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवनदाता ईश्वर से प्रार्थना करूंगा।
मैं ईश्वर से जो मेरी चट्टान है कहूंगा, तू मुझे क्यों भूल गया? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे क्यों शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं?
मेरे सताने वाले जो मेरी निन्दा करते हैं मानो उस में मेरी हडि्डयां चूर चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ४६-४७
  • इब्रानियों ६

सोमवार, 8 नवंबर 2010

दुख में आनन्द

चित्रकला के थोड़े से ही सबक सीखने के बाद १० वर्षीय जोएल ने एक फूल का चित्र बनाने में अपना हाथ आज़माया। शारोन के गुलाब की रंगीन फोटो को देख कर उसने एक सुंदर चित्र बना लिया। जिस फोटो को देख कर जोएल ने चित्र बनाया था वह उसकी आन्टी के मृत्यु के दिन ली गई थी। जोएल की चित्रकला द्वारा वह फूल और उससे जुड़ी यादें परिवार के लोगों के लिये सजीव हो उठीं। एक तरफ तो जोएल का चित्र अपने निकट कुटुम्बी को खोने की याद दिला रहा था तो दूसरी तरफ जोएल की नयी प्रतिभा की पहिचान होने से परिवार को हर्ष भी था। यह परिवार के लिये दुख-सुख का मिला जुला अनुभव था, दुख में भी आनन्द की अनुभूति थी।

जब यहूदा के लोग ७० वर्ष की बाबुल की बन्धुआई से वापस यरुशलेम को लौटे तो उन्हों ने युद्ध मे ध्वस्त हो चुके मन्दिर के पुनः निर्माण का कार्य आरंभ किया। जब मन्दिर बन कर तैयार हो गया और उसके परमेश्वर को समर्पण का समय आया तो यह उपस्थित लोगों के लिये दुख और आनन्द दोनो ही की बात थी। कुछ तो आनन्द के गीत गा रहे थे तो कुछ, जिन्होंने पुराने मन्दिर, उसकी भव्यता और उसकी सुन्दरता को देखा था, पुरानी यादों के कारण ऊंची आवाज़ में विलप कर रहे थे। ऐसा माहौल हो गया था कि "... लोग, आनन्द के जय जयकार का शब्द, लोगों के रोने के शब्द से अलग पहिचान न सके..." (एज़रा ३:१३)।

मारथा, मरियम और लाज़र का अनुभव (यूहन्ना ११) दुख में भी भविष्य के आनन्द को दिखाता है। लाज़र की मृत्यु के कारण उसकी बहिनें मार्था और मरियम दुखी थीं, परन्तु "यीशु ने उस से कहा, पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्‍त काल तक न मरेगा" (यूहन्ना ११:२५, २६)।

भारी दुख में भी हमारे प्रभु यीशु का अपने लोगों को दिया गया आश्वासन और उसकी शांति उसमें मिलने वाले अनन्त आनन्द की ओर हमारा ध्यान खींच कर हमें दुख पर विजयी करती है और निराश या हताश नहीं होने देती।

क्या आप के पास प्रत्येक परिस्थिति में उपलब्ध प्रभु यीशु की वह शांति है जो भारी दुख में भी अनन्त आनन्द को स्मरण दिलाती है? - डेनिस फिशर


जीवन के सबसे कठिन और अन्धकारमय समय में भी मसीही विश्वासी के पास सबसे स्थायी और उत्तम शांति होती है।

यीशु ने उस से कहा, पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्‍त काल तक न मरेगा। - यूहन्ना ११:२५, २६

बाइबल पाठ: यूहन्ना ११:१९-२७

और बहुत से यहूदी मार्था और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्‍ति देने के लिये आए थे।
सो मार्था यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्‍तु मरियम घर में बैठी रही।
मार्था ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
मार्था ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरूत्थान के समय वह जी उठेगा।
यीशु ने उस से कहा, पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्‍त काल तक न मरेगा, क्‍या तू इस बात पर विश्वास करती है?
उस ने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आने वाला था, वह तू ही है।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ४३-४५
  • इब्रानियों ५

रविवार, 7 नवंबर 2010

अनाज्ञाकरिता के बहाने

स्कूल में संगीत आयोजनों का समय था और संगीत के विद्यार्थियों ने आती सभाओं के लिये अभ्यास की तैयारी आरंभ कर दी थी। संगीत शिक्षिका ने इस विष्य में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को दो बार, अलग अलग समय पर स्पष्ट सूचना और संबंधित निर्देश दे दिये थे, जिनमें अभ्यास का अनिवार्य होना और अभ्यास का समय भी साफ साफ बता दिया गया था।

फिर भी अभ्यास के दिन एक बच्चे की घबराई हुई माँ ने फोन करके जानना चाहा कि अभ्यास कब होना है और उसके बच्चे को कब पहुंचना है? एक और मां ने फोन करके कहा कि "हम बच्चे को उसके दादी के पास ले जा रहे हैं, इसलिये यदि वह अभ्यास में ना आ सका तो कोई फरक तो नहीं पड़ेगा?" शिक्षिका ने उन्हें याद दिलाया कि अभ्यास अनिवार्य है और आरंभ हो चुका है, बच्चों का अभ्यास में होना आवश्यक है। उसे उत्तर मिला "किसी ने मुझे इसके बारे में पहले क्यों नहीं बताया? मुझे यह सब अपने आप कैसे पता चलता?"

जैसे अपने स्पष्ट और समय से दिये गए निर्देशों और सूचनाओं के नज़रंदाज़ किये जाने से वह शिक्षिका दुःखी और परेशान हुई, क्या परमेश्वर भी उसकी स्पष्ट आज्ञाओं को नज़रंदाज़ करने वाले हमारे रवैये से दुःखी होता है?

१ थिस्सलुनिकियों में पौलुस हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर की ओर से उसे मिला सन्देश हमें सिखाने के लिये है कि परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला जीवन कैसे जीएं और उसके इन सन्देशों पर प्रभु यीशु की मुहर है (१ थिस्सलुनिकियों १:१, २)। अन्य पत्री में पौलुस समझता है कि हमारी अनआज्ञाकारिता और मनमाने रवैये से परमेश्वर दुःखी होता है (इफिसियों ४:३० - ५:२)।

हम यह ठान लें कि हम परमेश्वर के वचन को ध्यान से पढ़ेंगे और उसका पालन करेंगे - बिना कोई बहाना बनाए। - डेव ब्रैनन


हमारा, परमेश्वर और उसके वचन की उपेक्षा करने को समझा सकने के लिये, कोई उचित बहना है ही नहीं।

और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। - इफिसियों ४:३०


बाइबल पाठ: १ थिस्सलुनिकियों ४:१-१२

निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
क्‍योंकि तुम जानते हो, कि हम ने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन कौन सी आज्ञा पहुंचाई।
क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो।
और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्‍त करना जाने।
और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों की नाईं, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।
कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दांव चलाए, क्‍योंकि प्रभु इन सब बातों का पलटा लेने वाला है; जैसा कि हम ने पहिले तुम से कहा, और चिताया भी था।
क्‍योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्‍तु पवित्र होने के लिये बुलाया है।
इस कारण जो तुच्‍छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्‍तु परमेश्वर को तुच्‍छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
किन्‍तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं, क्‍योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है।
और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ।
और जैसी हम ने तुम्हें आज्ञा दी, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना अपना काम काज करने, और अपने अपने हाथों से कमाने का प्रयत्‍न करो।
कि बाहर वालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्‍तु की घटी न हो।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ४०-४२
  • इब्रानियों ४

शनिवार, 6 नवंबर 2010

बाइबल का सजीव इतिहास

एक सिनेमा "Night at the Museum" एक अजायबघर के चौकीदार के रोमांचक अनुभवों का चित्रण है। उसका यह रोमांच आरंभ होता है जब रात में अजायबघर में प्रदर्शन के लिये रखे ऐतिहासिक लोगों के पुतले सजीव हो उठते हैं और अपनी मनमानी करने लगते हैं।

इस सिनेमा से प्रेरित होकर एक वास्तविक अजायबघर के निर्देशकों ने उस अजायबघर में ऐसा अनुभव उत्पन्न किया। उन्होंने अपने कर्मचारियों को अलग अलग काल के ऐतिहासिक लोगों की वेष भूषा में खड़ा किया, और वहां आने वाले बच्चों को कहा कि ऐतिहासिक पुतले सजीव होकर इधर उधर हो गये हैं, अब उन्हें उनके ऐतिहासिक क्रम में सही स्थान पर ले जाना है जिसमें बच्चों की सहायता चाहिये। बच्चों के लिये यह इतिहास सीखने का सजीव और कभी न भुलाए जाने वाला अनुभव बन गया।

बाइबल भी उसके पात्रों के रोमांचकारी अनुभवों की कहानियों से भरी हुई है। बच्चों को बाइबल की कहानियां याद कराना कोई उन्हें उबाने वाला काम नहीं है। मूसा के जीवन का ही उदाहरण लीजिये, शिशुकाल में बड़े नाटकीय ढंग से वह मृत्यु से बचा और राजमहल में पहुंचाया गया जहां एक राजकुमार की तरह उसकी परवरिश हुई। फिर अद्भुत रीति से वह परमेश्वर द्वारा बुलाया गया, सामर्थी किया गया और उसने अद्भुत आश्चर्यकर्म किये। परमेश्वर से उसकी दस आज्ञाओं और व्यवस्था को वह इस्त्रालियों के लिये लेकर आया और उन्हें उनके देश तक लेकर गया। उसके जीवन का एक एक भाग दिलचस्प है और बच्चों के लिये रोमांचकारी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। बाइबल ऐसे ही अद्भुत जीवनों की कहानियों से भरी पड़ी है।

बाइबल की शिक्षा भी है कि माँ-बाप अपने बच्चों को बीते इतिहास की बातें सिखाएं जिससे बच्चे परमेश्वर और उसके सामर्थ और उसकी बातों को जान सकें (निर्गमन १२, १३; व्यवस्थाविवरण ६)। बाइबल के पात्रों का इतिहास सजीव इतिहास है, उनके जीवन आज भी अपने पढ़ने और सीखने वालों से बातें करते हैं और ऐसी शिक्षाएं देते हैं जो संसार में उन्हें कहीं नहीं मिल सकतीं - शिक्षाएं जो उन्हें परमेश्वर के बारे में सिखातीं हैं।

बाइबल का पालन करके उसके इतिहास को अपने जीवन में सजीव कीजिये, आपके जीवन में परमेश्वर का कार्य सजीव हो उठेगा, क्योंकि यह वचन ही परमेश्वर है जो हमारे लिये प्रभु यीशु के रूप में देहधारी हुआ "आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। और वचन देहधारी हुआ, और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (यूहना १:१, १२)। - डेनिस फिशर



बाइबल के खज़ाने उन्हें ही मिलते हैं जो सच्चे मन से उनको खोजते हैं।

और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल बच्चों को समझा कर सिखाया करना... - व्यवस्थाविवरण ६:६, ७


बाइबल पाठ: निर्गमन १३:१४-१६

और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात मिस्र देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे, क्योंकि यहोवा हम लोगों को मिस्र से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ३७-३९
  • इब्रानियों ३