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सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

यहोवा यिरे

एक नवविवाहिता युवती ने अपने कुछ मित्रों को भोजन पर बुलाया। कुछ आवश्यक वस्तुओं की कमी को देखकर वह अपनी पड़ौसिन के पास उन्हें उससे उधार लेने के लिये गई। उसकी मांगी हुई वस्तुओं को देने के बाद पड़ौसन ने, जो मेज़बानी में अनुभवी थी, उससे पूछा "क्या यह काफी होगा, या तुम्हें किसी अन्य चीज़ की भी आवश्यक्ता होगी?" युवती ने कहा "मुझे लगता है कि यह काफी होगा।" तब उसकी पड़ौसन ने कुछ और वस्तुएं भी अपने पास से उसे निकाल कर दीं और कहा कि इन्हें भी रख लो, तुम्हें इनकी भी आवश्यक्ता पड़ेगी। बाद में उस युवती ने बहुत धन्यवादी मन से कहा "भला हुआ कि मैं किसी ऐसे के पास गई जो मेरी आवश्यकता को जानती थी, मेरी सहायता करने को तत्पर थी और उसने मुझे वह दिया जिस की मुझे आवश्यक्ता थी, न कि वह जो मैं चाहती थी।"

यह उदाहरण परमेश्वर का हमारे प्रति बर्ताव का कितना अच्छा चित्रण है। बाइबल के पुराने नियम में परमेश्वर के नाम "यहोवा" के साथ उसके किसी विशेष गुण को दर्शाने वाला शब्द जोड़कर उसके नाम के अर्थ को समझाया गया है। इब्राहिम ने जिस जगह बलिदान का मेढ़ा पाया, उस स्थान का नाम "यहोवा यिरे" अर्थात "परमेश्वर उपलब्ध करायेगा" रखा। यह दर्शाता है कि परमेश्वर हमारी आवश्यक्ताओं को पहले से जानता है और उनका प्रबंध भी करके रखता है।

आज भी, अपने पुत्र के बलिदान के द्वारा, उसने समस्त मानव जाति की सबसे बड़ी आवश्यक्ता - पापों से मुक्ति, का प्रबंध उपलब्ध करा रखा है। उसके पुत्र प्रभु यीशु में विश्वास के द्वारा न केवल हमको पापों से मुक्ति और उद्धार मिलता है, वरन परमेश्वर का आत्मा भी हमारे अन्दर आकर बसता है और हमें परमेश्वर की इच्छा पूरी करने की सामर्थ भी देता है।

"जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा।" - रोमियों ८:३२

यहोवा यिरे - उपलब्ध कराने वाला हमारा परमेश्वर। - पौल वैन गोर्डर


जिस काम के लिये परमेश्वर कहता है, उसकी आवश्यक्ताएं उपलब्ध भी कराता है।

और इब्राहीम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा : इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, कि यहोवा के पहाड़ पर उपाय किया जाएगा। - उत्पत्ति २२:१४


बाइबल पाठ: रोमियों ८:२६-३४

इसी रीति से आत्मा भी हमारी र्दुबलता में सहायता करता है, क्‍योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्‍तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्‍या है क्‍योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार बिनती करता है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्‍पन्न करती है; अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
फिर जिन्‍हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है।
सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍यों कर न देगा?
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उनको धर्मी ठहराने वाला है।
फिर कौन है जो दण्‍ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १-३
  • मत्ती २४:१-२८

रविवार, 6 फ़रवरी 2011

प्रभु संगति का भोज

एक बुज़ुर्ग दम्पति के पास आमदनी का कोई साधन नहीं था। उनका गुज़रा हर सप्ताह उनके चर्च में आने वाले एक व्यक्ति से मिलने वाली पैसों कि मदद से चलता था। एक इतवार की दोपहर को उस मददगार व्यक्ति को, जो वहां से कहीं दूर रहता था, उसी स्थान पर रहने की आवश्यक्ता हुई। उसने उस बुज़ुर्ग दम्पति से पूछा, "क्या आज प्रातः की आराधना सभा के बाद मैं आपके साथ भोजन के लिये आ सकता हूँ?" उस दम्पति ने अपने पास उस दोपहर के भोजन के लिये घर में बची सामग्री के बारे में सोचा - थोड़ी सी बासी ब्रेड, थोड़ा सा मक्खन और एक ज़रा सा पनीर का टुकड़ा। लेकिन उस व्यक्ति ने तुरंत ही उनसे कहा, "चिंता मत कीजिए, मैं अपने साथ भोजन लाया हूँ और वह हम तीनों के लिये काफी होगा।" उस दोपहर उन तीनो ने मिलकर घर की बनी ताज़ी रोटी और मक्खन और कई प्रकार की उत्तम भोजन सामग्री, जो काफी मात्रा में थी, का आनन्द लिया। यह व्यक्ति न केवल उनके साथ भोजन करने आया था, वरन अपने साथ उत्तम भोजन भी लेकर आया था।

यह दर्शाता है हमारे साथ हमारे उद्धरकर्ता प्रभु यीशु के संबंध को। प्रभु यीशु न केवल हमारे संग संगति रखना चाहता है, परन्तु हमारी हर आवश्यक्ता को भी पूरा करना चाहता है। जब हम उसे अपने हृदय में आमंत्रित करके उसके साथ हो जाते हैं तो वह अपनी आशीशें भी हमारे जीवन में भर देता है।

हमारे पास तो सिवाय अपनी आत्मिक बदहाली के, उसके समने रखने को और कुछ भी नहीं है, लेकिन वह अपने अनुग्रह की बहुतायत साथ लेकर आना चाहता है।

कैसा धन्य है उसके साथ हमें संगति करने का सौभाग्य, कितनी धन्य हैं वे बहुतायत की आशीशें जो वह हमारे लिये लेकर हमारे निमंत्रण की प्रतीक्षा में खड़ा है। - पौल वैन गोर्डर


अनुग्रह परमेश्वर की वह बहुतायत है जो वह सर्वथा अयोग्य व्यक्तियों को भी अपने बड़े प्रेम में होकर सेंतमेंत देता है।

...मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ। - प्रकाशितवाक्य ३:२०


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ३:१४-२२

और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।
सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह से उगलने पर हूं।
तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्‍तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।
इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।
मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं, यदि कोई मेरा शब्‍द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।
जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।
जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्‍या कहता है।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३९-४०
  • मत्ती २३:२३-३९

शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

हमारा उपलब्ध कराने वाला परमेश्वर

इब्राहिम की मनोस्थिति का अन्दाज़ा कीजिए जब परमेश्वर ने उससे कहा कि अपने पुत्र इसहाक को बलिदान कर दे। ज़रा विचार कीजिए कि इब्राहिम के अन्दर कैसी भावनाएं चल रही होंगी जब वह मोरिय्यह के पर्वत पर अपने पुत्र के साथ, परमेश्वर की आज्ञा अनुसार उसे बलिदान करने को चढ़ रहा था, और जब उसके पुत्र ने उससे पूछा कि बलि का मेढ़ा कहां है? लेकिन परमेश्वर पर इब्राहिम का विश्वास ज़रा नहीं डगमगाया, और उसने अपने पुत्र से कहा, कि परमेश्वर मेढ़ा भी उपलब्ध कराएगा। इब्रहिम सही था। जब इब्राहिम ने अपने पुत्र को वेदी पर रख दिया और उसे बलिदान करने के लिये अपना हाथ उठाया, ऐन मौके पर परमेश्वर ने उसका हाथ रोक कर, वहां झाड़ी में फंसा बलिदान का मेढ़ा उसे दे दिया। इब्राहिम ने उस स्थान का नाम "यहोवा यीरे" रखा, जिसका अर्थ है "परमेश्वर उपलब्ध कराएगा।"

आज भी वह उपलब्ध कराने वाला परमेश्वर है। एक चिकित्सक दम्पति डॉ. रौबर्ट शिंडलर और उनकी पत्नि मेरियन ने लाईबीरिया देश में ELWA रेडियो स्टेशन के साथ मिलकर एक मिशन अस्पताल खोला। उन्होंने लिखा कि, "हमारे लिये यह एक प्रतिदिन निरंतर विश्वास से चलने और काम करने की बात थी कि मरीज़ों के इलाज के लिये हमारी सभी सही आवश्यक्ताएं सही समय पर पूरी भी हो जाएंगी। हमें याद है कि हम अपनी एक्स-रे मशीन पर कितना निर्भर थे, एक ऐसी बुनियादी सुविधा जिसे हम अपने देश में कोई खास महत्व नहीं देते, लेकिन उस स्थान पर हमारे लिये वह बहुत बहुमूल्य थी। जब अमेरीकी दूतावास में चिकित्सक के पद पर कार्य कर रहा हमारा एक मित्र हमें मिलने आया और उसने हमें एक सचल एक्स-रे मशीन भेंट देने का प्रस्ताव किया, तो हम बहुत उत्सहित हुए। लेकिन महीनों बीतने पर भी जब कोई मशीन नहीं आई तो हमारी उम्मीद धूमिल हो गई और हमने सोच लिय कि वह कहीं समुद्र् में खो गई होगी। फिर एक दिन हमारी एकलौती एक्स-रे मशीन ने भी काम करना बन्द कर दिया। लेकिन उस ही दोपहर को ELWA का एक बड़ा सा ट्रक एक बड़े से क्रेट को लेकर हमारे अस्पताल पर आकर रुका। जी हां, आपका अन्दाज़ा सही है, उसमें वह सचल एक्स-रे मशीन थी जिसका हमें महीनों से इंतिज़ार था। हमारे विश्वासयोग्य परमेश्वर ने ऐन मौके पर हमारी आवश्यक्ता को उपलब्ध करवा दिया।"

हे प्रभु आपका धन्यवाद हो कि आप हमारे "उपलब्ध करवाने वाले परमेश्वर" हैं। - डेव एगनर


परमेश्वर की देने की क्षमता हमारी आव्श्यक्ताओं से सदा बड़ी रहती है।

इब्राहीम ने कहा, हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा। - उत्पत्ति २२:८


बाइबल पाठ: उत्पत्ति २२:१-१४

इन बातों के पश्चात्‌ ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, इब्राहीम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे इब्राहीम, उस ने कहा, देख, मैं यहां हूं।
उस ने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि करके चढ़ा।
सो इब्राहीम बिहान को तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली, तब कूच करके उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उस से की थी।
तीसरे दिन इब्राहीम ने आंखें उठाकर उस स्थान को दूर से देखा।
और उस ने अपने सेवकों से कहा गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और मैं वहां तक जाकर, और दण्डवत करके, फिर तुम्हारे पास लौट आएंगे।
सो इब्राहीम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया, और वे दोनों एक साथ चल पड़े।
इसहाक ने अपने पिता इब्राहीम से कहा, हे मेरे पिता, उस ने कहा, हे मेरे पुत्र, क्या बात है? उस ने कहा, देख, आग और लकड़ी तो हैं, पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है?
इब्राहीम ने कहा, हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।
सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया या पहुंचे; तब इब्राहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया।
और इब्राहीम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे।
तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकार के कहा, हे इब्राहीम, हे इब्राहीम; उस ने कहा, देख, मैं यहां हूं।
उस ने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उस से कुछ कर : क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।
तब इब्राहीम ने आंखे उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगो से एक झाड़ी में फंसा हुआ है : सो इब्राहीम ने जाके उस मेंढ़े को लिया, और अपने पुत्र की सन्ती होमबलि करके चढ़ाया।
और इब्राहीम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा : इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, कि यहोवा के पहाड़ पर उपाय किया जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३६-३८
  • मत्ती २३:१-२२

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

ईमानदारी की ज़िम्मेवारी

काश यह संभव होता कि मैं सच्चे मन से कह पाता कि मैंने सदा अपना कहा हर वचन सच्चाई से निभाया है। मैं चाहता हूं कि मैं यह दावा कर सकूं कि मैंने अपने जीवन में और कुछ चाहे किया हो या न किया हो, परन्तु अपने वचन का पालन अवश्य किया है। लेकिन सच्चाई यही है कि मैं यह दावा नहीं कर सकता। न केवल मैंने उन को दुख दिया है जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया, लेकिन अपने वायदे न निभा के अपने परमेश्वर को भी दुखी किया है।

परमेश्वर चाहता है कि मैं जो करने का वायदा करता हूं, वह करूं भी। भजन १५ इस विष्य में सन्देह का कोई स्थान नहीं छोड़ता। इस भजन में लिखा है कि परमेश्वर जिस मनुष्य के साथ रहना चाहता है उसका चरित्र और व्यवहार कैसा होता है: वह अपने चाल चलन में खरा, पूरे मन से ईमानदार, दूसरों के विष्य में झूठा नहीं, और जो कहे उसको सम्पूर्णतः निभाने वाला - चाहे इसके लिये उसे पीड़ा अथवा हानि ही क्यों न उठानी पड़े।

परमेश्वर ने अपने बड़े प्रेम में होकर मेरे पाप क्षमा किये हैं, और आज तक मेरे प्रति अपने प्रत्येक वायदे में पूर्णतः ईमानदार और विश्वासयोग्य रहा है। समय और परिस्थिति के कारण कभी उसे अपने वायदे टालने या बदलने का प्रयास नहीं किया, यहां तक कि मेरे उद्धार के लिये उसने अपने एकलौते पुत्र को भी बलिदान कर दिया।

परमेश्वर ने पाप को दण्डित करने, लेकिन फिर भी जिस किसी ने भी उस पर विश्वास करके उससे क्षमा मांगी, उसके प्रति दयावन्त होकर उसे क्षमा करने की अपनी वचबध्दता सदा निभाई है, चाहे उस व्यक्ति के पाप कैसे भी जघन्य क्यों न रहे हों, चाहे वह व्यक्ति अपनी दृष्टि में भी क्षमा के योग्य न रहा हो।

क्योंकि मेरा परमेश्वर ईमानदार है और अपने वचन का पूर्णतः पालन करता है, मुझे भी उसका पुत्र और अनुयायी होने के नाते, ऐसा ही जीवन बिताना है। उसमें किये गए अपने विश्वास और उससे मिली पापों की क्षमा को यदि मैं अपने ईमानदार जीवन और खरे चरित्र द्वारा संसार के समक्ष न रखूं, तो मेरा उसका पुत्र और अनुयायी होने का दावा करना व्यर्थ है।

जिसने इतनी दया और करुणा मेरे प्रति दिखाई कि मेरे लिये अपने आप को ही दे दिया उसके प्रति यह मेरी ईमानदारी की ज़िम्मेवरी है। - मार्ट डी हॉन


एक चीज़ है जिसे मसीही विश्वासी देकर भी रख सकता है - अपना वचन।

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा?...जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े। - भजन १५:१, ४

बाइबल पाठ: भजन १५

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है;
जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपने मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है;
वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े;
जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३४-३५ मत्ती
  • २२:२३-४६

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

सम्पूर्ण्तः विश्वासयोग्य

एक अधेड़ दम्पत्ति अपने शहर से बाहर छुट्टियां बिताने के लिये निकले। उनके नवविवाहित पुत्र और पुत्रवधु ने उनसे वायदा किया कि उनके पीछे वे दोनो उनके घर का ध्यान रखेंगे। उस अधेड़ दम्पत्ति को बाहर गए कुछ ज़्यादा समय नहीं बीता था कि उन्हें अपने घर की चिंता सताने लगी - यदि उनके पुत्र और पुत्रवधु लापरवाह रहे और घर का ध्यान नहीं रखा तो? यदि उन्होंने समय से डाक नहीं देखी और उनके कुछ चैक खो गए तो? यदि बच्चों ने समय से और ठीक से बगीचे की घास नहीं काटी तो पड़ौसी क्या सोचेंगे - आदि आदि कई चिंताएं सारी छुट्टी उनके मन में घर करे रहीं, और वे अपनी छुट्टी का ज़रा भी आनन्द नहीं लेने पाए।

जब वे घर लौटे तो पाया कि उनकी हर चिंता व्यर्थ थी, उनके पुत्र और पुत्रवधु ने अपना वायदा निभाया था और उनके पीछे घर की देखभाल बहुत अच्छे से की थी। तब उन्हें एहसास हुआ कि वे कितने मूर्ख थे और कैसे व्यर्थ ही चिंता करके अपनी सारी छुट्टियां खराब करते रहे।

कितनी ही बार हम मसीही विश्वासी भी परमेश्वर के वायदों पर पूरा भरोसा न करके, अपने जीवन को नाहक चिंताओं में व्यर्थ गंवाते रहते हैं। परमेश्वर अवश्य ही अपना प्रत्येक वायदा पूरा करता है।

यशायाह भविष्यद्वक्ता ने कहा: "घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।" (यशायाह ४०:८)

जो वायदे परमेश्वर ने अपने बच्चों, अपने विश्वासियों से किये और जिनसे हम विश्वासियों का ढाढ़स बन्धता है, उनमें से कुछ ये हैं:
  • मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह ४१:१०
  • जितने हथियार तेरी हानि के लिये बनाए जाएं, उन में से कोई सफल न होगा, और, जितने लोग मुद्दई होकर तुझ पर नालिश करें उन सभों से तू जीत जाएगा। यहोवा के दासों का यही भाग होगा, और वे मेरे ही कारण धर्मी ठहरेंगे, यहोवा की यही वाणी है। - यशायाह ५४:१७
  • धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्त यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है। - भजन ३४:१९
  • क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है, यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं उन से वह कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा। - भजन ८४:११

जिन्हें व्यर्थ शक करने और घबराए रहने की व्याधि है, वे परमेश्वर के किसी एक वायदे को थाम कर तो देखें कि परमेश्वर कैसा विश्वासयोग्य है। - डेव एगनर


हमारा चिंता करना इस बात का प्रमाण है कि हम अपनी समस्याओं पर अधिक और परमेश्वर के वायदों पर भरोसा कम रखते हैं।

मैं अपनी वाचा न तोडूंगा, और जो मेरे मुंह से निकल चुका है, उसे न बदलूंगा। - भजन ८९:३४


बाइबल पाठ: भजन ८९:३०-३७

यदि उसके वंश के लोग मेरी व्यवस्था को छोड़ें और मेरे नियमों के अनुसार न चलें,
यदि वे मेरी विधियों का उल्लंघन करें, और मेरी आज्ञाओं को न मानें,
तो मैं उनके अपराध का दण्ड सोंटें से, और उनके अधर्म का दण्ड कोड़ों से दूंगा।
परन्तु मैं अपनी करूणा उस पर से न हटाऊंगा, और न सच्चाई त्यागकर झूठा ठहरूंगा।
मैं अपनी वाचा न तोडूंगा, और जो मेरे मुंह से निकल चुका है, उसे न बदलूंगा।
एक बार मैं अपनी पवित्राता की शपथ खा चुका हूं मैं दाऊद को कभी धोखा न दूंगा।
उसका वंश सर्वदा रहेगा, और उसकी राजगद्दी सूर्य की नाईं मेरे सम्मुख ठहरी रहेगी।
वह चन्द्रमा की नाईं, और आकाशमण्डल के विश्वासयोग्य साक्षी की नाईं सदा बना रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३१-३३
  • मत्ती २२:१-२२

बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

कुछ भी असंभव नहीं

परमेश्वर हमारी प्रत्येक आवश्यक्ता को पूरी कर सकता है। उसके लिये कुछ भी असंभव नहीं है। सारा को यह सत्य सीखना था।

परमेश्वर द्वारा इब्राहीम से उसकी सन्तान के लिये किया गया वायदा उत्पत्ति १७:२१ में लिखा है। इससे अगले अध्याय में, यही वायदा उससे फिर से दोहराया गया जब इब्राहीम अपने डेरे के बाहर परमेश्वर के तीन दूतों से बात कर रहा था। उस समय सारा डेरे के अन्दर इस वार्तालाप को सुन रही थी। उसे अपने बुढ़ापे की अवस्था में पुत्र होने की बात असंभव लगी, "सो सारा मन में हंस कर कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, और मेरा पति भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा? तब यहोवा ने इब्राहीम से कहा, सारा यह कह कर क्यों हंसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढिय़ा हो गई हूं, सचमुच एक पुत्र उत्पन्न होगा? क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊंगा, और सारा के पुत्र उत्पन्न होगा। " (उत्पत्ति १८:१२-१४)

मसीही विश्वासी होने के नाते हमें भी परमेश्वर की ओर से यही आश्वासन है - "क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है?" इब्राहिम का परमेश्वर हमारा भी परमेश्वर है और वह सर्वशक्तिमान है। वह सृष्टि का सृष्टिकर्ता है, उसकी सामर्थ से बढ़कर कोई और सामर्थ नहीं है। कोई समस्या उसे विसमित नहीं कर सकती, कोई अवरोध उसे रोक नहीं सकता। हमारा स्वर्गीय पिता प्रत्येक परिस्थिति को नियंत्रित करता है। इस सत्य से हमें कैसा अद्भुत विश्वास और कैसी अद्भुत दिलासा मिलती है।

हमारा सर्वज्ञानी, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता परमेश्वर सार्वभौमिक है और सब कुछ कर सकता है। जब हम अपनी आवश्यक्ताएं, प्रार्थना में अपने स्वर्गीय पिता के सामने रखते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे उसकी इच्छा के अनुरूप हैं, तो उसका आश्वासन हमारे साथ है कि उसका हमारे लिये कुछ भी करना असंभव नहीं है। - रिचर्ड डी हॉन


असंभव के लिये भी परमेश्वर पर भरोसा रखकर ही हम परमेश्वर की सामर्थ को आंक सकते हैं।

क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? - उत्पत्ति १८:१४


बाइबल पाठ: उत्पत्ति १८:१-१४

इब्राहीम मम्रे के बांजो के बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा ने उसे दर्शन दिया:
और उस ने आंख उठाकर दृष्टि की तो क्या देखा, कि तीन पुरूष उसके साम्हने खड़े हैं: जब उस ने उन्हें देखा तब वह उन से भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिर कर दण्डवत की और कहने लगा,
हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं बिनती करता हूं, कि अपने दास के पास से चले न जाना।
मैं थोड़ा सा जल लाता हूं और आप अपने पांव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।
फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊं और उस से आप अपने जीव को तृप्त करें, तब उसके पश्चात्‌ आगे बढें: क्योंकि आप अपने दास के पास इसी लिये पधारे हैं। उन्होंने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।
सो इब्राहीम ने तम्बू में सारा के पास फुर्ती से जाकर कहा, तीन सआ मैदा फुर्ती से गून्ध, और फुलके बना।
फिर इब्राहीम गाय बैल के झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा लेकर अपने सेवक को दिया, और उसने फुर्ती से उसको पकाया।
तब उस ने मक्खन, और दूध, और वह बछड़ा, जो उस ने पकवाया था, लेकर उनके आगे परोस दिया, और आप वृझ के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे।
उन्होंने उस से पूछा, तेरी पत्नी सारा कहां है? उस ने कहा, वह तो तम्बू में है।
उस ने कहा मैं वसन्त ऋतु में निश्चय तेरे पास फिर आऊंगा, और तब तेरी पत्नी सारा के एक पुत्र उत्पन्न होगा। और सारा तम्बू के द्वार पर जो इब्राहीम के पीछे था सुन रही थी।
इब्राहीम और सारा दोनो बहुत बूढ़े थे, और सारा का स्त्रीधर्म बन्द हो गया था;
सो सारा मन में हंस कर कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, और मेरा पति भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?
तब यहोवा ने इब्राहीम से कहा, सारा यह कह कर क्यों हंसी, कि क्या मेरे, जो ऐसी बुढिय़ा हो गई हूं, सचमुच एक पुत्र उत्पन्न होगा?
क्या यहोवा के लिये कोई काम कठिन है? नियत समय में, अर्थात वसन्त ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊंगा, और सारा के पुत्र उत्पन्न होगा।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन २९-३०
  • मत्ती २१:२३-४६

मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

आप उस पर सम्पूर्ण भरोसा रख सकते हैं

एक व्यक्ति एक घने जंगल में घूमने के लिये निकला। जंगल इतना घना था कि उस में खो जाना आसान था। जब दिन ढलने लगा तो उस ने सोचा कि अब घर वापस लौट चलना चाहिये। अपने दिशा ज्ञान के अनुसर काफी देर तक चलने के बाद भी जब उसे कोई पहचाना स्थान नहीं दीख पड़ा तो उसने अपना मार्ग जांचने के लिये अपनी जेब से कुतुबनुमा (compass) निकाल कर देखा, उसे तब मालूम पड़ा कि वह अपने अनुमान के अनुसार पूर्व दिशा में नहीं वरन वासतव में पश्चिम की ओर जा रहा था। लेकिन उस व्यक्ति को अपने दिशा ज्ञान पर इतना भरोसा था कि कुतुबनुमा से मिली जानकारी पर उसे भरोसा नहीं हुआ, उसे लगा कि कुतुबनुमा में कोई खराबी होगी। अपने इस विचार के कारण वह खिसियाकर अपने कुतुबनुमा को फेंकने पर ही था कि उसे ध्यान आया कि "मेरे इस कुतुबनुमा ने आज तक कभी मुझे धोखा नहीं दिया है, सदा मुझे सही मार्ग ही दिखाया है, इसलिये मुझे आज भी इसकी मान लेनी चहिये।" अपने उसी कुतुबनुमा की सहायता से वह व्यक्ति अनततः जंगल से बाहर निकल सका और सुरक्षित घर पहुंच सका - क्योंकि उसने अपनी समझ पर भरोसा रखना छोड़कर अपने भरोसेमंद सहायक पर भरोसा किया।

राजा सुलेमान ने अपनी प्रजा इस्त्राएल से परमेश्वर के बारे में कहा कि उसने "...ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।" - १ राजा ८:५६। परमेश्वर का यह आश्वासन उसके लोगों के लिये आज भी वैसा ही बना हुआ है जैसा राजा सुलेमान के समय में था।

परमेश्वर जो वायदा करता है, उसे पूरा भी करता है। उसके निर्देष सदा सम्पूर्णतया भरोसेमन्द रहते हैं, वह कभी किसी रीति से भी हमें भटकाता नहीं। यदि हम अपनी बुद्धि पर इतना भरोसा करते हैं कि उसके समक्ष हम परमेश्वर के विश्वसनीय वचन पर भरोसा नहीं कर पाते, तो निश्चय हम मुसीबत की ओर अग्रसर हैं और अवश्य ही किसी दिन भयानक विपित्ति में जा पड़ेंगे।

परमेश्वर का वचन आज तक न कभी टला है और न टलेगा - आप उस पर सम्पूर्ण भरोसा रख सकते हैं। - रिचर्ड डी हॉन


बाइबल सदा अपने विश्वासी को सही दिशा ही दिखाती है।

जिस ने ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही। - १ राजा ८:५६


बाइबल पाठ: १ राजा ८:५४-६१

जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,
और खड़ा हो, समस्त इस्राएली सभा को ऊंचे स्वर से यह कह कर आशीर्वाद दिया, कि धन्य है यहोवा,
जिस ने ठीक अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।
हमारा परमेश्वर यहोवा जैसे हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही हमारे संग भी रहे, वह हम को त्याग न दे और न हम को छोड़ दे।
वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित्य माना करें।
और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे,
और इस से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर है, और कोई दूसरा नहीं।
तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज की नाई उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन २७-२८
  • मत्ती २१:१-२२