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सोमवार, 31 मार्च 2014

तैयार


   जैसे उसके अन्य मित्र कर रहे थे, मेरी बेटी मेलिस्सा भी व्यसक होने और तब की ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए अपने आप को तैयार कर रही थी। स्कूल में वो अपने भविष्य की योजना के अनुसार के विषयों के पाठ्यक्रमों के अध्ययन के द्वारा कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी, और एक कॉलेज में प्रवेश परीक्षा देने के लिए उसने अपना नाम भी लिखवा लिया था। स्कूल से बाहर अपने मित्रों, सहपाठियों और अन्य लोगों के साथ समय बिता कर तथा उनसे संवाद तथा विचारविमर्श द्वारा वो सामाजिक दायित्वों को निभाना सीख रही थी। अपने कार्य स्थल में वो विभिन्न स्तर के लोगों के साथ संपर्क तथा व्यवहार के द्वारा अपने भविष्य के कार्य की ज़िम्मेदारियों के लिए अपने आप को तैयार कर रही थी। घर पर मेलिस्सा घर के कार्यों में हाथ बंटाने और पारिवारिक संबंधों को निभाने के द्वारा एक मसीही विश्वासी परिवार के निर्वाह को सीख रही थी।

   व्यसक जीवन की तैयारी काफी मेहनत भरी होती है और मेलिस्सा उसमें पूरी तन्मयता के साथ लगी हुई थी तथा भली भांति उन्नति भी कर रही थी। लेकिन अनायास ही हुई उस अनेपक्षित दुर्घटना ने प्रगट कर दिया कि इनमें से कोई भी तैयारी वह तैयारी नहीं थी जिसकी उसे सबसे अधिक आवश्यकता थी। सन 2002 के जून माह की एक मनोरम शाम को 17 वर्षीय मेलिस्सा के जीवन का एक कार दुर्घटना में आक्समिक अन्त हो गया। उस अन्त के लिए उसे केवल एक ही तैयारी की आवश्यकता थी - परमेश्वर के सामने खड़े होकर अपने जीवन का हिसाब देने की; और उस शाम जब अचानक ही वह समय आ पहुँचा, मेलिस्सा अपने अनन्त के लिए तैयार थी, क्योंकि प्रभु यीशु में विश्वास और पापों से पश्चाताप एवं प्रभु यीशु को किए गए जीवन समर्पण के द्वारा (यूहन्ना 3:16; रोमियों 5:8-9) मेलिस्सा पहले से ही अपना अनन्त सुनिश्चित कर चुकी थी।

   जब उसकी तैयारियों को परखने की वास्तविक घड़ी अनायास ही आ पहुँची, मेलिस्सा तैयार थी - क्या आप भी उस घड़ी के लिए तैयार हैं? जैसे मेलिस्सा पर, वैसे ही आप पर भी, वह घड़ी कभी भी अनेपक्षित रूप से आ सकती है और तब तैयारी का कोई समय नहीं मिलेगा। संसार की ज़िम्मेदारियों के लिए करी गई सभी तैयारियाँ संसार में ही रह जाएंगी; असली आवश्यकता तो अनन्त काल की तैयारी की है - उस के लिए आप की तैयारी की क्या स्थिति है? - डेव ब्रैनन


यदि आज मृत्यु आपको उठा ले जाए तो क्या आप परमेश्वर के सामने जीवन का लेखा देने के लिए खड़े होने को तैयार हैं?

जैसा कहा जाता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, तो अपने मनों को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय किया था। - इब्रानियों 3:15

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11
Romans 5:1 ​सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। 
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? 
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 5-7


रविवार, 30 मार्च 2014

नज़रिया


   बहुत वर्षों से एलन फन्ट का टेलिविज़न कार्यक्रम Candid Camera दर्शकों के मनोरंजन का स्त्रोत रहा है। इस कार्यक्रम में एक छिपे हुए कैमरे में कैद कर के आकस्मिक और विचित्र परिस्थितियों के प्रति करी गई लोगों की हास्यासपद प्रतिक्रियाएं दिखाई जाती हैं। एलन के पुत्र पीटर के अनुसार, इस कार्यक्रम में दिखाने के लिए सामग्री एकत्रित करते समय उनका मानना यही रहता है कि, "सामान्यतः लोग अद्भुत होते हैं, और हम अपने कैमरे से यह दिखाना चाहते हैं।" पीटर का यह भी मानना है कि ऐसे ही कुछ अन्य कार्यक्रमों के प्रस्तुतकर्ता यह मानकर चलते हैं कि लोग सामान्यतः बेवकूफ होते हैं और वे यही बात दिखाने का प्रयास करते हैं। पीटर की यह टिप्पणी दिखाती है कि लोगों के प्रति हमारा नज़रिया ही उनके प्रति हमारे व्यवहार को निर्धारित करता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के जीवन से संबंधित एक घटना में, प्रभु यीशु ज़क्कई नामक एक महसूल लेने वाले के घर आतिथ्य के लिए गए। उन दिनों में क्योंकि यहूदी लोग रोमियों की गुलामी में थे और महसूल लेने वाले रोमी शासकों के लिए कार्य करते थे इसलिए यहूदी समाज महसूल लेने वाले यहूदियों को बड़ी निन्दनीय दृष्टि से देखता था और उन्हें घोर पापी मानता था। प्रभु यीशु को ज़क्कई के घर जाता देख, लोग प्रभु की आलोचना करने लगे, "यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है" (लूका 19:7)। प्रभु यीशु, इस आलोचना की परवाह किए बिना ज़क्कई के घर गए, प्रभु के व्यवहार से ज़क्कई का मन बदल गया, उसने अपने पापों से पश्चाताप किया और अधर्म से कमाई दौलत को लौटा देने का निर्णय लिया, जिस पर प्रभु ने कहा, "...आज इस घर में उद्धार आया है...क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है" (लूका 19:9, 10)।

   मेरे मित्र बौब हौर्नर कहते हैं, "यदि आप किसी को असफल प्रवृति का एवं अयोग्य देखोगे तो उसके प्रति तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करोगे। लेकिन जब उन्हें पाप में खोया और सहायता पाने के योग्य देखोगे तो उनके प्रति आपका व्यवहार अनुकंपा और दया का होगा।"

   प्रभु यीशु कभी संसार के लोगों को असफल प्रवृति का एवं अयोग्य नहीं देखता, उसके लिए सभी जन पाप से छुड़ाए जाने तथा प्रेम किए जाने के योग्य हैं। इसीलिए उसने सारे संसार के सभी लोगों के लिए अपने प्राण बलिदान करे ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, अपने पापों से पश्चाताप करे और अपना जीवन उसे समर्पित करे, वह परमेश्वर की सन्तान कहलाने और अनन्तकाल तक उस के साथ स्वर्ग में रहने के योग्य हो जाए।

   जब हमारे सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता प्रभु का नज़रिया ऐसा है तो हम जो उसके अनुयायी हैं, क्या पाप के अन्धकार में खोए संसार के लोगों के प्रति इससे भिन्न नज़रिया रखने का कोई वाजिब कारण दे सकते हैं? - डेविड मैक्कैसलैंड


जिन्होंने उद्धार पा लिया है उन्हें पाप में खोए हुओं को खोजने में लगे रहना चाहिए।

यीशु ने यह सुनकर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है: मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं। - मरकुस 2:17

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था। 
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है। 
Luke 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 1-4


शनिवार, 29 मार्च 2014

भरोसा रखिए


   मेरे बचपन की बात है, मैं अपने चाचा-चाची के साथ मिशिगन झील पर गई, वहाँ मेरे चचेरे भाई-बहन तो झील के पानी में तैरते हुए दूर तक निकल गए लेकिन मैं अकेली ही तट पर छिछले पानी में खेलती रही। मेरे चाचा ने मुझ से पूछा, "क्या तुम तैर सकती हो?" मैंने उत्तर दिया, "नहीं" तो वे बोले, "कोई बात नहीं, मैं तुम्हें पानी के अन्दर तक ले जाऊँगा।" मैंने घबराकर कहा, "लेकिन वहाँ तो बहुत गहरा है।" परन्तु उन्होंने मुझे आश्वस्त करते हुए कहा, "बस मुझे थामे रहो, तुम मुझ पर भरोसा करती हो ना?" मैंने उनका हाथ पकड़ा और हम पानी के अन्दर गहराईयों की ओर चलने लगे। थोड़ी दूर चलने के बाद मेरे पाँव तले पर नहीं पड़ पा रहे थे क्योंकि पानी गहरा हो चुका था, तब मेरे चाचा ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरा हौंसला बढ़ाते हुए कहा, "मैंने थामा हुआ है, तुम मेरी गोद में हो।" फिर और कुछ दूर पानी के अन्दर जाकर वे बोले, "यहाँ अपने पाँव नीचे टिका लो, तुम खड़ी होने पाओगी" मुझे डर लग रहा था क्योंकि मेरी समझ के अनुसार तो हम अब गहरे पानी में थे, लेकिन मैंने उन पर भरोसा किया और अपने पैर पानी में नीचे की ओर किए, और मुझे आश्चर्य हुआ कि मैं आराम से खड़ी हो गई, क्योंकि चाचा ने मुझे पानी के अन्दर के एक रेत के टीले पर लाकर खड़ा कर दिया था, जो बाहर से दिख तो नहीं रहा था, पर मेरे खड़े रहने के लिए विद्यमान था।

   जीवन की समस्याएं कठोर और कष्टदायक हो सकती हैं; क्या कभी आप इन समस्याओं से उत्पन्न निराशा से ऐसे घिरे हैं कि आपको लगा मानो गहरे जल में डूबते जा रहे हैं? ऐसे में स्मरण रखें कि हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर का आश्वासन है कि वो सदा हमारे साथ है। परमेश्वर ने हमसे यह वायदा तो नहीं किया कि हम कभी किसी समस्या में नहीं पड़ेंगे, जीवन के समुद्र की लहरें कभी हमारे लिए अशांत नहीं होंगी, लेकिन उस ने यह वायदा अवश्य किया है कि, "...मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों 13:5)।

   हमारी हर परिस्थिति में हमारा विश्वासयोग्य परमेश्वर हमारे पास और हमारे साथ बना रहता है, हमें थामे रहता है, उसका वायदा है: "जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी" (यशायाह 43:2)। - सिंडी हैस कैसपर


विश्वास रखिए, इससे पहले कि कोई बोझ आपको दबाने पाए, परमेश्वर के हाथ आपकी सहायता के लिए आपको थामे हुए होंगे।

चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। - भजन 23:4

बाइबल पाठ: भजन 121:1-8
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी? 
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा। 
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है। 
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा। 
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 22-24


शुक्रवार, 28 मार्च 2014

खूबसूरत पल


   कैमरे के बटन के दबते ही वह खूबसूरत पल हमेशा के लिए कैद हो गया। ढलती गर्मियों का सूरज तट पर आकर टूट रही लहरों पर प्रतिबिंबित होकर उन्हें सुनहरी कर रहा था, ऐसा लग रहा था मानो पिघला हुआ सोना अटखेलियाँ कर रहा हो। यदि मेरा मित्र अपने कैमरे के साथ वहाँ ना होता तो वह लहर और उस की सुन्दरता बिना किसी के ध्यान में आए ऐसे ही चली जाती, जैसे ना जाने इससे पहले कितनी लहरें तट से टकराकर लौट चुकी थीं और अनगिनित अन्य भी आएंगी और लौट जाएंगी। उनकी सुन्दरता बस उनका रचियता परमेश्वर ही देखने पाता है।

   संसार भर के अनगिनित जलाशयों तथा समुद्रों के अनगिनित तटों पर ऐसे ही अनगिनित लहरें अटखेलियाँ करती रहती हैं, प्रत्येक लहर अपने आप में अद्वितीय है, हर एक में होकर परमेश्वर साधारण तथा सामान्य वस्तुओं से असाधारण और अविस्मर्णीय सुन्दरता प्रदर्शित करता है; जल और वायु से कला के अद्भुत नमूने बनाता है। ऊँचा आकाश, विशाल धरातल और जलाशय उसकी चित्रशाला हैं जहाँ हमें उसकी कलाकृतियाँ देखाई देती हैं। चाहे हम उसकी कला का प्रत्येक चमत्कार नहीं देख पाते, अधिकांशतः तो हमारे सामने आता ही नहीं, लेकिन जितना भी हम देखने पाते हैं वह उसकी विलक्षण क्षमता और सामर्थ का एहसास दिलाता है।

   केवल प्रकृति ही परमेश्वर की चित्रशाला नहीं है, एक और माध्यम है जिस में होकर परमेश्वर ने अपने आप को प्रकट किया है - मानव! हम मानव भी साधारण सी वस्तु से बनाए गए हैं - मिट्टी, लेकिन हमारी रचना में उसने एक अन्य और असाधारण अंश जोड़ दिया है - अपनी श्वास  (उत्पत्ति 2:7)। जैसे कि जल की लहरें और मैदान के फूल, वैसे ही हमारे जीवन भी कुछ ही लोगों की नज़रों में आते हैं, सारे संसार के नहीं; लेकिन हमारे जीवन का हर पल परमेश्वर द्वारा बनाया गया खूबसूरत पल है, मानों परमेश्वर संसार से कह रहा हो, अपने सृष्टिकर्ता की ओर देखो और उसके प्रति समर्पित तथा आज्ञाकारी रहो क्योंकि केवल वही सिद्ध और केवल उस का वचन ही अटल है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अपने सृष्टिकर्ता की आज्ञाकारिता में जीवन व्यतीत कर के ही हम उसके उद्देश्यों को पूरा करते हैं।

और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया। - उत्पत्ति 2:7

बाइबल पाठ: यशायाह 40:6-11
Isaiah 40:6 बोलने वाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है। 
Isaiah 40:7 जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। 
Isaiah 40:8 घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।
Isaiah 40:9 हे सिय्योन को शुभ समचार सुनाने वाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे यरूशलेम को शुभ समाचार सुनाने वाली, बहुत ऊंचे शब्द से सुना, ऊंचे शब्द से सुना, मत डर; यहूदा के नगरों से कह, अपने परमेश्वर को देखो! 
Isaiah 40:10 देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है। 
Isaiah 40:11 वह चरवाहे की नाईं अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिये रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-21


गुरुवार, 27 मार्च 2014

वास्तविक


   नेपरविले, इलिनौए की एक चर्च मण्डली बहुत प्रसन्न है क्योंकि अन्ततः उनके चर्च भवन के ऊपर नए घंटे लगाए जा सके हैं। जब चर्च भवन बनाया गया था तब घंटे लगने का स्थान तो भवन के ऊपर बनाया गया लेकिन चर्च के पास घंटे खरीद पाने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए वह स्थान ऐसे ही बिना घंटों के रिक्त पड़ा रहा। अब, अपनी 25वीं वर्षगाँठ पर वे इतने पैसे जमा करने पाए कि उस रिक्त स्थान पर तीन घंटे लगा सकें। यद्यपि वे तीनों घंटे देखने में बहुत सुन्दर हैं, परन्तु एक समस्या अभी भी बनी हुई है - वे लोग उन घंटों की आवाज़ कभी सुन नहीं पाएंगे, क्योंकि चाहे देखने में वे घंटे बहुत अच्छे और वास्तविक लगें, लेकिन हैं वे नकली, अर्थात देखने मात्र के ही हैं और कभी बज नहीं सकते!

   प्रेरित यूहन्ना ने अपनी पहली पत्री में मसीही विश्वासियों को प्रोत्साहित किया के वे ऊपरी रीति से केवल दिखाई देने वाले मसीही विश्वासी ना बनें, वरन अपने जीवन और चाल चलन के द्वारा अपने मसीही विश्वास की वास्तविकता को प्रमाणित करें। किसी व्यक्ति के विश्वास का वास्तविक होने का प्रमाण उसका परमेश्वर के साथ किसी रहस्यपूर्ण या अनोखे अनुभव का होना नहीं है वरन उस व्यक्ति का परमेश्वर को वास्तविक रीति से जानने और उससे प्रेम करने का प्रमाण है उस व्यक्ति का परमेश्वर की आधीनता और परमेश्वर के वचन बाइबल की आज्ञाकरिता में बने रहना।

   यूहन्ना ने लिखा: "पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। जो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था" (1 यूहन्ना 2:5-6)। यदि हम यह दावा करें कि हम ने प्रभु यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा पापों से क्षमा और उद्धार पाया है और परमेश्वर से प्रेम करते हैं, उसे निकटता से जानते हैं, तो फिर हमें अपने इस दावे को परमेश्वर के वचन बाइबल को जानने, मानने और पालन करने के द्वारा प्रमाणित भी करना चाहिए - यही हमारे विश्वास की वास्तविकता का प्रमाण है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर की आज्ञाकारिता उसके प्रति हमारे प्रेम और समर्पण का प्रगटिकरण है।

यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। - यूहन्ना 14:23

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:3-11
1 John 2:3 यदि हम उस की आज्ञाओं को मानेंगे, तो इस से हम जान लेंगे कि हम उसे जान गए हैं। 
1 John 2:4 जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। 
1 John 2:5 पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। 
1 John 2:6 सो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था। 
1 John 2:7 हे प्रियों, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं लिखता, पर वही पुरानी आज्ञा जो आरम्भ से तुम्हें मिली है; यह पुरानी आज्ञा वह वचन है, जिसे तुम ने सुना है। 
1 John 2:8 फिर मैं तुम्हें नई आज्ञा लिखता हूं; और यह तो उस में और तुम में सच्ची ठहरती है; क्योंकि अन्धकार मिटता जाता है और सत्य की ज्योति अभी चमकने लगी है। 
1 John 2:9 जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है। 
1 John 2:10 जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। 
1 John 2:11 पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखे अन्‍धी कर दी हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18


बुधवार, 26 मार्च 2014

सामर्थ के मार्ग


   जब तराह हाई स्कूल की छात्रा थी तो उसे भय लगने लगा कि किसी दिन वह एक गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो जाएगी, इस लिए उसने परमेश्वर से उसे इस संभावित बिमारी से बचाकर रखने के लिए प्रार्थना करना आरंभ कर दिया। फिर उसकी विचारधारा में एक परिवर्तन आया और उसने इस कालपनिक भय को छोड़ कर अपने भविष्य और जीवन की हर संभावना को, वह चाहे जो भी हो, परमेश्वर के हाथों में सौंप दिया। कई वर्षों के उपरान्त तराह के चिकित्सकों को उसके शरीर में एक कैंसर की रसौली का पता चला जिसका इलाज कर के तराह को सफलता से रोग मुक्त किया जा सका। तराह का कहना था, क्योंकि वह अपने आप को और अपने भविष्य को परमेश्वर के हाथों में सौंप चुकी थी, इसलिए जब वास्तव में बिमारी आई तो वह परिणाम से निश्चिंत थी। उसकी समस्या उसके लिए परमेश्वर की सामर्थ पाने का मार्ग बन गई थी।

   परमेश्वर के प्रति इस प्रकार समर्पित होकर सब कुछ उसके हाथों में सौंप देना हमें प्रेरित पौलुस के जीवन से भी देखने को मिलता है। पौलुस अपने विषय में लिखता है कि "और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं" (2 कुरिन्थियों 12:7)। पौलुस ने इस के लिए परमेश्वर से बहुत प्रार्थना करी, कि परमेश्वर इस समस्या को उससे दूर कर दे, परन्तु परमेश्वर का उत्तर था "...मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है..."; यह उत्तर पा कर पौलुस की चिंता जाती रही, उसका रवैया सकारात्मक हो गया और वह कहने लगा "...इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे" (2 कुरिन्थियों 12:9)।

   अपनी दुर्बलताओं, कठिनाईयों और चिंतित करने वाले भय का सामना करने के लिए यह अनिवार्य है कि हम अपने आप को परमेश्वर को पूरी रीति से समर्पित कर दें, अपनी सारी चिंता उस पर डाल दें (1 पतरस 5:7) और उसे अपने कार्य को स्वतंत्रता के साथ करने दें। यदि ऐसा करेंगे तो हम देखेंगे कि जो हमारे लिए चिंता के विषय हो सकते थे, वे ही परमेश्वर के हाथों में उसकी सामर्थ के हमारे जीवन में आने और कार्यकारी होने के मार्ग बन गए हैं। - डेनिस फिशर


अपनी ही सामर्थ पर भरोसा परमेश्वर की सामर्थ के प्रति समर्पित हो जाने का विकल्प कदापि नहीं है। 

और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:7 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 12:1-10
2 Corinthians 12:1 यद्यपि घमण्‍ड करना तो मेरे लिये ठीक नहीं तौभी करना पड़ता है; सो मैं प्रभु के दिए हुए दर्शनों और प्रकाशों की चर्चा करूंगा। 
2 Corinthians 12:2 मैं मसीह में एक मनुष्य को जानता हूं, चौदह वर्ष हुए कि न जाने देह सहित, न जाने देह रहित, परमेश्वर जानता है, ऐसा मनुष्य तीसरे स्वर्ग तक उठा लिया गया। 
2 Corinthians 12:3 मैं ऐसे मनुष्य को जानता हूं न जाने देह सहित, न जाने देह रहित परमेश्वर ही जानता है। 
2 Corinthians 12:4 कि स्वर्ग लोक पर उठा लिया गया, और एसी बातें सुनीं जो कहने की नहीं; और जिन का मुंह पर लाना मनुष्य को उचित नहीं। 
2 Corinthians 12:5 ऐसे मनुष्य पर तो मैं घमण्‍ड करूंगा, परन्तु अपने पर अपनी निर्बलताओं को छोड़, अपने विषय में घमण्‍ड न करूंगा। 
2 Corinthians 12:6 क्योंकि यदि मैं घमण्‍ड करना चाहूं भी तो मूर्ख न हूंगा, क्योंकि सच बोलूंगा; तोभी रुक जाता हूं, ऐसा न हो, कि जैसा कोई मुझे देखता है, या मुझ से सुनता है, मुझे उस से बढ़कर समझे। 
2 Corinthians 12:7 और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं। 
2 Corinthians 12:8 इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए। 
2 Corinthians 12:9 और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। 
2 Corinthians 12:10 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 13-15


मंगलवार, 25 मार्च 2014

साथ साथ


   घर रहकर व्यवसाय चलाने वाले लाखों लोग हैं। क्योंकि इन लोगों को कहीं बाहर जाकर काम नहीं करना होता, इसलिए इनमें से अनेक को उनका एकाकीपन परेशान करता है। ऐसे लोग, जो यह समझते हैं कि अकेले रह कर कार्य करने की अपेक्षा वे अन्य लोगों की संगति में रह कर बेहतर कार्य कर सकते हैं, उनकी सहायता के लिए, उन्हें एक समुदाय देने के लिए, "सह-कार्य स्थल" बनाए गए हैं। ये स्थल बड़े स्थान होते हैं जहाँ अलग अलग लोगों को उस बड़े स्थान के छोटे छोटे भाग किराए पर दिए जाते हैं और वे वहाँ से अपना व्यवसाय चला सकते हैं। उनके पास कार्य के लिए अपना व्यक्तिगत स्थान भी होता है, कई लोगों का साथ भी तथा आवशयकता पड़ने पर दूसरों के साथ बात-चीत या चर्चा करने की सुविधा भी।

   कभी कभी कुछ मसीही विश्वासियों को लगता है कि वे अकेले रहकर भलि-भांति कार्य कर सकते हैं। लेकिन प्रभु यीशु ने हमें एक साथ रहकर और एक दूसरे के साथ मिल कर कार्य करने के लिए रखा है। प्रभु ने अपनी विश्वासी मण्डली को अपनी देह के समान बताया है वह स्वयं जिसका सिर है और जिसमें हम सभी मसीही विश्वासी देह के भिन्न अंगों के समान हैं (रोमियों 12:5) - सबका अपना अपना स्थान और योगदान है और सब एक दूसरे के पूरक हैं, तथा एक साथ मिलकर ही सुचारू रूप से कार्य कर सकते हैं, अकेले अकेले रहकर नहीं (1 कुरन्थियों 12:27)। हमारा प्रभु चाहता है कि हम सभी सहभागिता में रहें और उसके द्वारा दिए गए आत्मिक वरदानों को हम एक दूसरे की उन्नति के लिए उपयोग करें।

   संभव है कि भिन्न कारणों से कुछ लोग दूसरों के साथ सहभागी हो पाने में असमर्थ हों, जैसे बिमारी के कारण संगति में आना संभव ना हो, अथवा कोई यह नहीं समझ पा रहा हो कि मण्डली में उसका सही स्थान और कार्य क्या है इसलिए दूरियाँ आ गई हों, लेकिन फिर भी वे भी प्रभु यीशु मसीह की उसी एक देह के अभिन्न अंग हैं, और देह की संपूर्णता उनके बिना संभव नहीं है। इसलिए यदि कोई अलग पड़ रहा है या हो गया है तो अन्य लोगों का कर्तव्य है कि अपने उस साथी की सुधि लें, उसे आवश्यक सहायता दें और उसे देह में यथास्थान आदर के साथ बना कर रखें।

   साथ साथ मिलकर रहने और चलने से ही हम मसीही विश्वासी एक दूसरे की उपयोगिता, सहायता और आवश्यकता को समझ सकते हैं, अपने प्रभु के लिए प्रभावी और कार्यकारी हो सकते हैं और प्रभु के निर्देश का निर्वाह कर सकते हैं। हम अकेले नहीं साथ साथ रहकर प्रभु के लिए कार्य करने को बनाए गए हैं। - ऐने सेटास


सहभागिता ना केवल हमें साथ रखती है वरन बढ़ाती भी है।

वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। - रोमियों 12:5

बाइबल पाठ: 1 कुरन्थियों 12:12-27
1 Corinthians 12:12 क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है। 
1 Corinthians 12:13 क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्‍वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। 
1 Corinthians 12:14 इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं। 
1 Corinthians 12:15 यदि पांव कहे कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं? 
1 Corinthians 12:16 और यदि कान कहे; कि मैं आंख नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं? 
1 Corinthians 12:17 यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता? 
1 Corinthians 12:18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक कर के देह में रखा है। 
1 Corinthians 12:19 यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती? 
1 Corinthians 12:20 परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है। 
1 Corinthians 12:21 आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं। 
1 Corinthians 12:22 परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं। 
1 Corinthians 12:23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्‍ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं। 
1 Corinthians 12:24 फिर भी हमारे शोभायमान अंगो को इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो। 
1 Corinthians 12:25 ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्‍ता करें। 
1 Corinthians 12:26 इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं। 
1 Corinthians 12:27 इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 9-12


सोमवार, 24 मार्च 2014

सदा साथ


   बहुत साल पहले की बात है, जब मैं कॉलेज में छात्र था; मेरी मित्रता एक ऐसे व्यक्ति के साथ हुई जिसने बहुत भारी नुकसान सहा था - उसके बेटे की मृत्यु हो गई और उसकी पत्नि इस दुख को ना झेल पाने के कारण उसे छोड़कर चली गई।

   एक दिन मैं अपने इस मित्र के साथ सड़क पर जा रहा था, तो मैंने देखा के हमारे आगे आगे अस्तव्यस्त हाल में एक महिला अपने छोटे और मैले लड़के को लिए चल रही थी। वह महिला उस लड़के से बहुत नाराज़ लग रही थी और उसका हाथ पकड़े हुए बड़ी तेज़ी से चल रही थी जिससे उस बच्चे को उसके साथ कदम मिला कर चलना कठिन हो रहा था। हम एक व्यस्त चौराहे पर पहुँचे जहाँ भीड़ और गाड़ियाँ देखकर वह बच्चा ठिठक कर खड़ा हो गया तथा उस महिला के हाथ से उसका हाथ छूट गया। उस महिला ने खिसिया कर उसकी ओर पीछे मुड़कर देखा, उसे गाली दी और आगे बढ़ गई। वह बच्चा घबरा कर वहीं सड़क के किनारे बैठ गया और ज़ोर से रो पड़ा। यह सब देखकर मेरा मित्र बिना एक क्षण भी हिचकिचाए, तुरंत उस बच्चे के पास बैठ गया, उसे अपनी बाहों में भरा और अपने से चिपका के उसे सान्तवना देने लगा। वह महिला फिर रुकी, फिर उसने उस बच्चे की ओर क्रोध से देखा और फिर उसे गालियाँ देने लगी। मेरे मित्र ने एक ठंडी सांस भरी और उस महिला को संबोधित करते हुए कहा, "यदि आपको इसकी आवश्यकता नहीं है तो इसे मुझे दे दीजिए, मैं इसकी देखभाल कर लूंगा।"

   यही बात हमारा परमेश्वर पिता अपने बड़े प्रेम और अनुग्रह में होकर हम पाप की गन्दगी में पड़े, संसार में तुच्छ समझे जाने वाले, और अन्य सभी लोगों के साथ करता है। परमेश्वर ने भी अपने पुत्र प्रभु यीशु की मृत्यु का दुख सहा है, वह भी सभी मनुष्यों से बहुत प्रेम करता है, संसार में किसी को नाश होते हुए नहीं देखना चाहता, इसलिए वह हमारे पापों और दुखों को लेकर हमें अपनी शान्ति और अपना पवित्रता का जीवन देना चाहता है, हमें अपने पास प्रेम से रखना चाहता है। चाहे हमारे परिवार जन या मित्र हमारा तिरिस्कार कर दें, परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ता, सदा हमारे साथ बना रहता है, हमें अपनी देखभाल में बनाए रखता है; बस आवश्यकता है पापों से पश्चाताप कर के विश्वास के साथ उसका हाथ थाम लेने की। जिसने भी पश्चाताप और विश्वास के साथ अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया परमेश्वर सदा उसके साथ रहता है, उसे सदा संभालता रहता है। - डेविड रोपर


यदि परमेश्वर गौरैयों की चिन्ता करता है तो हमारी भी अवश्य करता है।

क्या दो पैसे की पांच गौरैयां नहीं बिकतीं? तौभी परमेश्वर उन में से एक को भी नहीं भूलता। वरन तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, सो डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। - लूका 12:6-7

बाइबल पाठ: भजन 27
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।। 
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 5-8


रविवार, 23 मार्च 2014

घोषणा और महिमा


   वह एयरपोर्ट पर करी जानी वाली सामान जाँच की एक सामान्य प्रक्रीया ही थी, उस सूटकेस में रखे सामान को देखने से उसमें कुछ विशेष प्रतीत नहीं हो रहा था। लेकिन जब कस्टम विभाग के अधिकारी ने कपड़ों को उठाकर देखा तो प्रसिद्ध चित्रकार पिकासो के बनाए 14 रेखा-चित्रों की मूल प्रतिलिपियों की स्केचबुक स्वेटरों के बीच में छिपा कर रखी गई मिली, जिनकी कुल कीमत लगभग 10.5 लाख अमेरीकी डॉलर आँकी गई, परन्तु जिस व्यक्ति का वह सामान था उसने कहा था कि उसके पास घोषित करने के लिए कुछ भी मूल्यवान नहीं है। स्पष्ट है कि वह व्यक्ति बहुमूल्य कलाकृति की तस्करी कर रहा था और अपराधी था, और उसके साथ फिर वैसा ही व्यवहार भी हुआ।

   हम मसीही विश्वासियों के पास पिकासो के चित्रों से भी कहीं अधिक मूल्यवान कुछ है, जिसे घोषित करने की ना केवल हमें आज्ञा मिली है, वरन ऐसा करना हमारी ज़िम्मेदारी भी है - वह है हमारा मसीह यीशु में विश्वास और उस विश्वास द्वारा हमें मिली पापों की क्षमा तथा उद्धार। हमारे प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है कि हम इस विश्वास, पापों की क्षमा और उद्धार के बारे में सारे संसार में जाकर सभी लोगों को बताएं (मत्ती 28:18-20; प्रेरितों 1:8), लेकिन फिर भी सारे संसार के लिए अति आवश्यक और उपयोगी इस बहुमूल्य बात को हम में से बहुतेरे अपने अन्दर ही छिपाए रहते हैं, बजाए इसके कि उसे लोगों के सामने घोषित करें।

   प्रभु यीशु ने हमें उस नगर के समान बताया है जो पहाड़ पर बसा है इसलिए छिप नहीं सकता, और हमें ’जगत की ज्योति’ कहा है तथा साथ ही कहा है कि इस ज्योति के उजियाले से सारा घर रौशन होना चाहिए। यही हमारे मसीही विश्वास का प्रमुख उद्देश्य है - वह ज्योति जो हमें परमेश्वर से मिली है, उसकी रौशनी, उसकी प्रतिभा सभी लोगों तक पहुँचाएं जिससे संसार के अन्य लोग भी जो पाप के अन्धकार में पड़े हैं वे उजियाले में आने का मार्ग और प्रेरणा पा सकें। प्रभु ने कहा है कि हमारी यह ज्योति मध्यम या हलकी नहीं वरन चमकती हुई होनी चाहिए (मत्ती 5:14-16) और हमें सब मनुष्यों के सामने अपने परमेश्वर पिता की महिमा का कारण होना चाहिए।

   यदि परमेश्वर द्वारा हमें सेंत-मेंत दिए गए इस अद्भुत और अनमोल उपहार की, जिसे वह इसी प्रकार सेंत-मेंत औरों को भी देना चाहता है, हम संसार और अपने आस-पास के लोगों के सामने घोषणा नहीं करते तो हम भी प्रभु यीशु की अनाज्ञाकारिता और घोषित करी जाने वाली बहुमूल्य वस्तु को छिपा कर रखने के दोषी ठहरते हैं, और संबंधित दण्ड के भागी भी होंगे। अपने मन के "सूटकेस" को खोलिए, अन्दर छिपे उस अनमोल खज़ाने को बाहर निकालिए और उसकी घोषणा लोगों के सामने कीजिए, और अपने प्रभु यीशु और परमेश्वर पिता की महिमा के कारण बन जाईए। - जेनिफर बेनसन शुल्ट


बुद्धिमता से चुने गए शब्द परमेश्वर के लिए मनों को खोल सकते हैं।

मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे। - यूहन्ना 12:46

बाइबल पाठ: मत्ती 5:13-16
Matthew 5:13 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्‍वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। 
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 1-4


शनिवार, 22 मार्च 2014

लालसा


   किसी ने मुझ से पूछा, "आपकी सबसे बड़ी समस्या क्या है?" मैंने उत्तर दिया, "वह जो रोज़ सुबह मुझे दर्पण में दिखाई देता है!" मेरा तात्पर्य स्वयं अपने आप से था और मेरा इशारा मेरे अन्दर के "पहले मैं" वाली लालसाओं की ओर था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब 4:1 में आया है, "तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं?" यहाँ याकूब ’सुख-विलासों’ द्वारा अपने पाठकों का ध्यान उन स्वार्थी लालसाओं की ओर खेंचना चाह रहा है जिनकी पूर्ति में ही हम अपने आनन्द को ढूँढते हैं तथा उन के लिए उचित-अनुचित सब करने को तैयार हो जाते हैं। याकूब हमें सचेत करता है कि इन लालसाओं के कारण ही हम में परस्पर लड़ाई झगड़े पनपते हैं (पद 1, 2) और ये हमें परमेश्वर से भी विमुख कर देती हैं (पद 4)। इसीलिए इस से पहले याकूब ने लिखा: "परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है" (याकूब 1:14)।

   इस कारण यह अति आवश्यक है कि हम यह ’पहले मैं’ वाला रवैया छोड़ दें। याकूब ऐसा कर पाने का उपाय भी बताता है: सर्वप्रथम, ’परमेश्वर के आधीन हो जाओ’ (पद 7) - परमेश्वर परमेश्वर ही है और हमारे जीवनों में उसी की इच्छा सदा सर्वोपरि रहनी चाहिए; अर्थात, हमें अपने प्राथमिकताओं के स्तर सही निर्धारित करने हैं और निभाने हैं। दूसरा, ’परमेश्वर के निकट आ जाओ’ (पद 8) - परमेश्वर आपके मन के अन्दर तक की प्रत्येक वास्तविकता आप से पहले और आप से बेहतर जानता है, इसलिए उस से छुपाने या संकोच करने के बजाए अपनी उन लालसाओं, कमज़ोरियों, पाप में फंसाने वाली इच्छाओं एवं बातों को लेकर, उन से शुद्धि पाने के लिए, परमेश्वर के निकट आ जाओ (1 यूहन्ना 1:9)। तीसरा, ’प्रभु के सामने दीन बनो’ (पद 10), अर्थात अपने पापों और बुराईयों के लिए पश्चातापी बनो, उनके लिए बहाने बनाने वाले या उन्हें न्यायसंगत ठहराने के लिए तर्क देने वाले ना बनो; जब उसके सामने हम दीन बनेंगे तो परमेश्वर स्वयं ही हमें शिरोमणि भी बनाएगा।

   ध्यान रखें, दुचित्ते हो कर बुराई और भलाई दोनों ही की ओर आकर्षित ना होते रहें। अपने मनों को परमेश्वर और उसके मार्ग पर लगाएं। ’पहले मैं’ या ’पहले मेरा’ वाली भावना सही मार्ग नहीं है, वरन इसके विपरीत हमारी भावना सदा ही ’पहले परमेश्वर’ एवं ’पहले परमेश्वर की इच्छा’ होना चाहिए। सही लालसा ही जीवन के लिए सही मार्ग और सही भविष्य निर्धारित करेगी। - एल्बर्ट ली


जो अपनी प्रशंसा तथा अपने स्वार्थ को भुला कर किया जाता है वो स्वतः ही प्रशंसनीय एवं विस्मरणीय हो जाता है।

कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो। - इफिसियों 4:22

बाइबल पाठ: याकूब 4:1-10
James 4:1 तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं? 
James 4:2 तुम लालसा रखते हो, और तुम्हें मिलता नहीं; तुम हत्या और डाह करते हो, ओर कुछ प्राप्त नहीं कर सकते; तुम झगड़ते और लड़ते हो; तुम्हें इसलिये नहीं मिलता, कि मांगते नहीं। 
James 4:3 तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो। 
James 4:4 हे व्यभिचारिणयों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है। 
James 4:5 क्या तुम यह समझते हो, कि पवित्र शास्त्र व्यर्थ कहता है जिस आत्मा को उसने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है, जिस का प्रतिफल डाह हो? 
James 4:6 वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है। 
James 4:7 इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। 
James 4:8 परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। 
James 4:9 दुखी होओ, और शोक करा, और रोओ: तुम्हारी हंसी शोक में और तुम्हारा आनन्द उदासी में बदल जाए। 
James 4:10 प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 29-31


शुक्रवार, 21 मार्च 2014

जीवनी के शब्द


   मैं अपने कॉलेज के छात्रों को संक्षिप्त जीवनी लिखने के विचार को समझाने के लिए कोई रोचक और उपयुक्त उदाहरण ढूँढ रहा था, और मुझे यह विचार मिला: "एक संक्षिप्त वाक्य में जीवनी लिखो।" जब प्रसिद्ध लेखक और पुलिट्ज़र पुरुस्कार विजेता एर्नेस्ट हेमिंगवे से यह कहा गया तो उन्होंने यह मार्मिक वाक्य लिखा: "बिकाऊ हैं: कभी प्रयोग ना हो सकीं छोटे बच्चे की जूतियाँ।" इस वाक्य के पीछे छुपी दुख भरी गाथा की कलपना कर पाना कोई कठिन कार्य नहीं है।

   इस बात पर सोचते हुए मुझे विचारा आया कि क्या परमेश्वर के वचन बाइबल में भी किसी के लिए ऐसे ही संक्षिप्त शब्दों में ’एक वाक्य की जीवनी’ लिखी होगी? जब मैंने खोजना आरंभ किया तो मैं चकित हो गया कि परमेश्वर के लिए उपयोगी और समर्पित कई लोगों के लिए बाइबल में ऐसी संक्षिप्त जीवनी पहले से ही लिखी हुई है। उदाहरणस्वरूप दाऊद के लिए परमेश्वर ने कहा: "मेरे मन के अनुसार व्यक्ति" (1 शमूएल 13:14; प्रेरितों 13:22)। प्रेरित पौलुस ने अपने लिए लिखा, "परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित" (इफिसियों 1:1) तथा तिमुथियुस के लिए लिखा, "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" (1 तिमुथियुस 1:1)। प्रभु यीशु की माता मरियम के लिए लिखा गया, "प्रभु की दासी" (लूका 2:38) और प्रभु यीशु के लिए लिखा गया है "देहधारी हुआ और हमारे बीच में निवास किया" (यूहन्ना 1:14)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में आए इन उदाहरणों के संदर्भ में हमें आज अपने बारे यह विचार गंभीरता से करना चाहिए कि यदि हमारी जीवनी भी ऐसे ही एक संक्षिप्त वाक्य में लिखी जाए, तो वह क्या होगी? वह जीवनी वाक्य स्कारात्मक होगा या नकारात्मक? क्या लेखक कहेगा, "उस व्यक्ति से प्रेम करना सरल नहीं था" या कहेगा "अपने प्रभु के लिए चमकने वाली ज्योति"? यदि स्वयं आप से ही अपनी संक्षिप्त एक वाक्य की जीवनी लिखने को कहा जाए तो आप अपने जीवनी के शब्द क्या लिखेंगे? - डेव ब्रैनन


मेरी जीवनी: "पहले खोया हुआ था, अब खोजा हुआ तथा अनन्तकाल के लिए प्रभु यीशु का धन्यवादी हूँ।"

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-14
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं। 
John 1:8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। 
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। 
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। 
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। 
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। 
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 25-28


गुरुवार, 20 मार्च 2014

पुनर्मिलन


   लड़कपन में मेरे पास एक पालतु कुत्ता था जिसे मैं बहुत चाहता था। एक दिन अचानक ही वह ग़ायब हो गया। मुझे पता नहीं कि कोई उसे चुराकर ले गया, या वह खुद ही कहीं भाग गया, लेकिन उसके जाने से मैं बहुत टूट गया। मैंने उसे सब जगह ढूंढा, मुझे अच्छे से याद है कि मैं एक ऊँचे पेड़ पर चढ़कर अपने आस-पास के स्थानों को देखा करता था कि वह मुझे कहीं नज़र आ जाए। मैं अपने उस चहेते कुत्ते को वापस पाना चाहता था, और बहुत समय तक उसके लौट आने या उसके मिल जाने की खबर की प्रतीक्षा में रहा, लेकिन मैं अपने उस प्रीय कुत्ते से फिर कभी मिल नहीं पाया।

   मेरे इस विछोह के दुख से भी कहीं अधिक बढ़कर होता है वह दुख जब हमारा कोई प्रीय जन इस संसार से विदा हो जाता है। संसार के लोगों के पास उस बिछुड़े हुए प्रीय जन से फिर कभी मिल सकने की कोई आशा नहीं है, लेकिन हम मसीही विश्वासी जानते हैं कि हमारे जो प्रीय जन इस जीवन में प्रभु यीशु के विश्वासी रहे हैं, उनसे हमारा बिछुड़ना अस्थायी है, हम उनसे फिर मिलेंगे और उसके बाद फिर कभी जुदा नहीं होंगे; उन से हमारा पुनर्मिलन अनन्तकाल का होगा।

   प्रेरित पौलुस ने थिस्सलुनीकिया के विश्वासियों को आश्वस्त किया: "क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सलुनीकियों 4:16-17)। इन पदों में लिखे जो शब्द बिछुड़ने से दुखी मनों को सान्तवना और शांति देते हैं वे हैं ’साथ’ और ’सदा’; ये हमें आश्वस्त करते हैं कि मसीह यीशु के अनुयायियों को स्थायी विछोह कभी सहना नहीं पड़ेगा। हम मसीही विश्वासियों के लिए मृत्यु का अर्थ ’अलविदा’ नहीं, ’फिर मिलेंगे’ है। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु के विश्वासी कभी अन्तिम अलविदा नहीं कहते।

और मैं[यीशु] उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। - यूहन्ना 10:28

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 4:13-18
1 Thessalonians 4:13 हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं। 
1 Thessalonians 4:14 क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। 
1 Thessalonians 4:15 क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। 
1 Thessalonians 4:16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। 
1 Thessalonians 4:17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 
1 Thessalonians 4:18 सो इन बातों से एक दूसरे को शान्‍ति दिया करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 21-24


बुधवार, 19 मार्च 2014

प्रकृति और भजन


   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता के लेखकों को एक सुविधा थी - वे प्रकृति के बहुत समीप रहते थे इसलिए परमेश्वर की महिमा और प्रशंसा के लिए उन्हें उभारने को उनके सामने बहुत सी बातें रहती थीं। दाऊद ने अपना जीवन एक चरवाहे के रूप में आरंभ किया, फिर राजा शाऊल के आतंक से बचते रहने के लिए वह स्थान स्थान पर इस्त्राएल के विभिन्न इलाकों में छुपता फिरा। इसलिए यह कोई अनोखी बात नहीं है कि दाऊद के अनेक भजनों में प्रकृति के प्रति बहुत प्रेम और आदर दिखाई देता है। उसके भजनों में संसार अपने वास्तविक स्वरूप में नज़र आता है - संसार और प्रकृति के भिन्न भाग सब एक साथ मिलकर एक दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करते हुए और सब के सब एक इकाई के समान परमेश्वर के हाथों में, जो उनकी देखभाल करता है, स्थिर बने हुए।

   प्रकृति हमारी इन्द्रियों को उस अदृश्य और अद्भुत परमेश्वर की उपस्थिति का एहसास दिलाती है। वो परमेश्वर जिसने इतने विलक्षण और अद्भुत जीव जन्तु बनाकर स्थान स्थान पर रखे, जो स्लेटी पहाड़ों और भूरी धरती को हरे रंग के वृक्ष-वनसपति और चमकते तथा चटकीले रंग के फूलों से रंगीन कर देता है और फिर हर मौसम में उस रंग की छटा को बदलता रहता है - हम ऐसे परमेश्वर का आदर और आराधना कैसे ना करें? इन सब बातों से आनन्द विभोर हो कर भजनकार कहता है: "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ" (भजन 98:4) और प्रकृति को भी संबोधित करता है: "नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें" (भजन 98:8)।

   आज का हमारा संसार परमेश्वर की महिमा और कला को उतनी भली भांति नहीं देख पाता, क्योंकि हम परमेश्वर की कलाकृति अर्थात प्रकृति से ना केवल दूर हो गए हैं, वरन प्राकृतिक सुन्दरता को नष्ट करके हमने उसके स्वरूप को बिगाड़ दिया है, लेकिन भजन संहिता में हम परमेश्वर की कला और महिमा का उत्साह वर्धक और प्रेर्णापूर्ण वर्णन पाते हैं जो हमें उसकी आराधना के लिए उभारता है। यदि परमेश्वर की आराधना के लिए आज आप अपने अन्दर भाव और शब्दों की कमी अनुभव करते हैं तो भजन संहिता में आईए - भाव और शब्द आपके लिए तैयार रखे हैं, आपको केवल उन में अपने आप को प्रवेश देना है और आराधना आपके अन्दर से निकल पड़ेगी। भजनकारों की इन कृतियों का प्रयोग कीजिए, इन भजनों के द्वारा परमेश्वर को आपके अन्दर के समीकरण सही बैठा लेने दीजिए। - फिलिप यैन्सी


आराधना में सृष्टि आनन्दपूर्वक मान लेती है कि परमेश्वर ही सृष्टिकर्ता है।

हे आकाश, ऊंचे स्वर से गा, क्योंकि यहोवा ने यह काम किया है; हे पृथ्वी के गहिरे स्थानों, जयजयकार करो; हे पहाड़ों, हे वन, हे वन के सब वृक्षों, गला खोल कर ऊंचे स्वर से गाओ! क्योंकि यहोवा ने याकूब को छुड़ा लिया है और इस्राएल में महिमावान होगा। - यशायाह 44:23

बाइबल पाठ: भजन 98
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! 
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है। 
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! 
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। 
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें! 
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें। 
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 17-20


मंगलवार, 18 मार्च 2014

सफलता की फिसलन


   रसायनशास्त्री और लेखक डॉ० ओ० ए० बत्तिस्ता द्वारा लिखित 19,000 से अधिक सूक्तियों में से एक यह बुद्धिमानी भरा कथन है: "जैसे ही आप धन, प्रशंसा और ख्याति में रुचि रखना बन्द कर देते हैं, समझ लीजिए कि आप सफलता की चोटी पर पहुँच गए हैं"। लेकिन दुर्भाग्यवश जब कभी हमारी किसी उपलब्धि की प्रशंसा होती है या हम उसके लिए पुरुस्कृत किए जाते हैं तो इस कथन का बिलकुल विपरीत घटित होने लगता है - एक नम्र हृदय शीघ्र ही अहंकार से फूला मन बन जाता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र, इस्त्राएल का प्रथम राजा शाऊल भी इसी रोग का शिकार हुआ था। अपने आरंभ के समय में उसने अपने आप को इस्त्राएल के सबसे छोटे गोत्र के एक महत्वहीन परिवार के एक सदस्य के रूप में देखा था (1 शमूएल 9:21)। लेकिन कुछ ही वर्षों में परमेश्वर द्वारा मिली सफलताओं के कारण उसका मन इतना फूल गया कि उसने अपने सम्मान में एक स्मारक खड़ा करवा लिया और अपने व्यवहार का अन्तिम निर्णय लेने वाला बन गया (1 शमूएल 15:11-12)। परमेश्वर के नबी शमूएल ने राजा शाऊल द्वारा करी गई परमेश्वर की इस अनाज्ञाकारिता के लिए उसका सामना किया और उसे स्मरण दिलाया कि: "शमूएल ने कहा, जब तू अपनी दृष्टि में छोटा था, तब क्या तू इस्राएली गोत्रियों का प्रधान न हो गया, और क्या यहोवा ने इस्राएल पर राज्य करने को तेरा अभिषेक नहीं किया?" (1 शमूएल 15:17)

   जिसे हम सफलता कहते हैं उसकी फिसलन भरी ढलान से फिसल कर विनाश को नीचे चल पड़ने की ओर पहला कदम होता है अभिमान। इस कदम के उठाए जाने का आरंभ तब होता है जब हम परमेश्वर द्वारा हमें दी गई सफलताओं का श्रेय उसे देने के स्थान पर उन्हें अपनी उपलब्धियाँ मान कर वह श्रेय स्वयं लेने लग जाते हैं तथा उसकी आज्ञाओं को अपनी इच्छाओं के अनुसार तोड़ना-मरोड़ना भी आरंभ कर देते हैं।

   सच्ची सफलता तब ही आती है जब हम परमेश्वर की आज्ञाकारिता में दीनता और नम्रता के साथ बने रहते हैं और अपनी नहीं वरन अपने जीवनों और कार्यों द्वारा परमेश्वर की प्रशंसा करते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड।


सच्ची नम्रता हर सफलता का श्रेय परमेश्वर को ही देती है।

इसलिये सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर उसकी जो जो आज्ञा, नियम, और विधि, मैं आज तुझे सुनाता हूं उनका मानना छोड़ दे; - व्यवस्थाविवरण 8:11

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 15:10-23
1 Samuel 15:10 तब यहोवा का यह वचन शमूएल के पास पहुंचा, 
1 Samuel 15:11 कि मैं शाऊल को राजा बना के पछताता हूं; क्योंकि उसने मेरे पीछे चलना छोड़ दिया, और मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया। तब शमूएल का क्रोध भड़का; और वह रात भर यहोवा की दोहाई देता रहा।
1 Samuel 15:12 बिहान को जब शमूएल शाऊल से भेंट करने के लिये सवेरे उठा; तब शमूएल को यह बताया गया, कि शाऊल कर्म्मेल को आया था, और अपने लिये एक निशानी खड़ी की, और घूमकर गिलगाल को चला गया है। 
1 Samuel 15:13 तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उस से कहा, तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैं ने यहोवा की आज्ञा पूरी की है। 
1 Samuel 15:14 शमूएल ने कहा, फिर भेड़-बकरियों का यह मिमियाना, और गय-बैलों का यह रंभाना जो मुझे सुनाई देता है, यह क्यों हो रहा है? 
1 Samuel 15:15 शाऊल ने कहा, वे तो अमालेकियों के यहां से आए हैं; अर्थात प्रजा के लोगों ने अच्छी से अच्छी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि करने को छोड़ दिया है; और बाकी सब को तो हम ने सत्यानाश कर दिया है। 
1 Samuel 15:16 तब शमूएल ने शाऊल से कहा, ठहर जा! और जो बात यहोवा ने आज रात को मुझ से कही है वह मैं तुझ को बताता हूं। उसने कहा, कह दे। 
1 Samuel 15:17 शमूएल ने कहा, जब तू अपनी दृष्टि में छोटा था, तब क्या तू इस्राएली गोत्रियों का प्रधान न हो गया, और क्या यहोवा ने इस्राएल पर राज्य करने को तेरा अभिषेक नहीं किया? 
1 Samuel 15:18 और यहोवा ने तुझे यात्रा करने की आज्ञा दी, और कहा, जा कर उन पापी अमालेकियों को सत्यानाश कर, और जब तक वे मिट न जाएं, तब तक उन से लड़ता रह। 
1 Samuel 15:19 फिर तू ने किस लिये यहोवा की वह बात टालकर लूट पर टूट के वह काम किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है? 
1 Samuel 15:20 शाऊल ने शमूएल से कहा, नि:सन्देह मैं ने यहोवा की बात मानकर जिधर यहोवा ने मुझे भेजा उधर चला, और अमालेकियों को सत्यानाश किया है। 
1 Samuel 15:21 परन्तु प्रजा के लोग लूट में से भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, अर्थात सत्यानाश होने की उत्तम उत्तम वस्तुओं को गिलगाल में तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को ले आए हैं। 
1 Samuel 15:22 शमूएल ने कहा, क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन मानना तो बलि चढ़ाने और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। 
1 Samuel 15:23 देख बलवा करना और भावी कहने वालों से पूछना एक ही समान पाप है, और हठ करना मूरतों और गृहदेवताओं की पूजा के तुल्य है। तू ने जो यहोवा की बात को तुच्छ जाना, इसलिये उसने तुझे राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 14-16


सोमवार, 17 मार्च 2014

सांत्वना का वचन


   इस्त्राएल के लोग संघर्ष में थे। वे अशूर के लोगों द्वारा बन्धक बना कर एक दूर देश में जा कर रहने के लिए विवश किए गए थे। परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता यशायाह इन थके-माँदे लोगों की सहायाता के लिए उन्हें को क्या दे सकता था?

   उसने उन्हें आशा की ऐसी भविष्यवाणी दी जो ना केवल उनके लिए परमेश्वर से एक सन्देश था वरन जो आते समय में प्रतिज्ञा किए हुए जगत के उद्धारकर्ता से भी संबंधित था। यशायाह 50:4 में स्वयं उस उद्धारकर्ता ने उस आने वाले विश्राम और सांत्वना के विषय में कहा: "प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं"।

   ये आशा के दोहरी परिपूर्णता के वचन थे - उन दासत्व में पड़े हुए लोगों के लिए भी और आने वाली पीढ़ी के उन लोगों के लिए भी जो अपने जीवन में मसीह यीशु के अनुग्रह से मिलने वाले उद्धार को स्वीकार कर लेंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में आकर हम सुसमाचारों में दिए गए वृतांत में पाते हैं कि कैसे प्रभु यीशु ने जीवन की परिस्थितियों से थके हुए लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार उपयुक्त वचन सुनाकर उसके लिए करी गई इस भविष्यवाणी को पूरा किया। प्रभु यीशु ने कहा, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28)।

   ये वास्तव में अनुग्रह और अनुकंपा से भरे शब्द हैं जिनके द्वारा प्रभु यीशु ने हमारे लिए उदाहरण छोड़ा है कि हम परेशान और थके हुए लोगों को कैसे संभाल सकते हैं। क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसे प्रोत्साहन के शब्दों की या एक सुनने वाले मित्र की आवश्यकता है? परमेश्वर के वचन बाइबल से लेकर कहा गया सांत्वना का वचन जीवन से थके हुओं को परमेश्वर की शांति देने के लिए बहुत कारगर होता है; उसे प्रयोग करना सीखिए भी तथा कीजिए भी। - डेनिस फिशर


दुखी हृदयों को आराम देने के लिए सांत्वना के शब्द आवश्यक होते हैं।

सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है! - नीतिवचन 15:23

बाइबल पाठ: यशायाह 50:4-10
Isaiah 50:4 प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। 
Isaiah 50:5 प्रभु यहोवा ने मेरा कान खोला है, और मैं ने विरोध न किया, न पीछे हटा। 
Isaiah 50:6 मैं ने मारने वालों को अपनी पीठ और गलमोछ नोचने वालों की ओर अपने गाल किए; अपमानित होने और थूकने से मैं ने मुंह न छिपाया।
Isaiah 50:7 क्योंकि प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है, इस कारण मैं ने संकोच नहीं किया; वरन अपना माथा चकमक की नाईं कड़ा किया क्योंकि मुझे निश्चय था कि मुझे लज्जित होना न पड़ेगा। 
Isaiah 50:8 जो मुझे धर्मी ठहराता है वह मेरे निकट है। मेरे साथ कौन मुकद्दमा करेगा? हम आमने-साम्हने खड़े हों। मेरा विरोधी कौन है? वह मेरे निकट आए। 
Isaiah 50:9 सुनो, प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है; मुझे कौन दोषी ठहरा सकेगा? देखो, वे सब कपड़े के समान पुराने हो जाएंगे; उन को कीड़े खा जाएंगे।
Isaiah 50:10 तुम में से कौन है जो यहोवा का भय मानता और उसके दास की बातें सुनता है, जो अन्धियारे में चलता हो और उसके पास ज्योति न हो? वह यहोवा के नाम का भरोसा रखे, और अपने परमेश्वर पर आशा लगाए रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 11-13


रविवार, 16 मार्च 2014

मूर्ख


   मुझे यह एक विरोधाभास लगता है कि वही प्रभु यीशु जो सामान्यतः इतना नम्र और प्रेमी रहता है (मत्ती 19:13-15), उसने कुछ लोगों को मूर्ख कैसे कहा? सुसमाचारों में कई स्थानों पर आया है कि प्रभु यीशु ने यह अपमानजनक शब्द कुछ लोगों के बारे में कहा है; विशेषकर उस समय के धर्म गुरू माने जाने वाले फरीसियों के लिए (मत्ती 23:17-19; लूका 11:39-40)।

   प्रभु यीशु ने यही मूर्ख शब्द अपने बताए एक दृष्टांत में एक ऐसे व्यक्ति के लिए भी कहा है जो लोभी था (लूका 12:13-21)। प्रभु ने उस व्यक्ति को मूर्ख क्यों कहा; इसलिए नहीं कि उसने अपनी बहुतायत से हुई फसल को रखने के लिए पुराने खत्ते तुड़वाकर नए और बड़े खत्ते बनवाना चाहा (पद 16-18)। यदि वह अपनी फसल को बाहर मैदान में खराब मौसम के द्वारा बर्बाद होने के लिए छोड़ देता, तो वह और भी अधिक मूर्ख ठहरता। ना ही वह व्यक्ति इसलिए मूर्ख था क्योंकि उसने सोचा कि फसल की बहुतायत से होने वाली आमदनी अब उसके शेष जीवन भर के लिए पर्याप्त है (पद 19); आखिरकर परमेश्वर के वचन ही में हमें चीटीं से सीखने और समय तथा अवसर रहते संचय करने की शिक्षा मिलती है (नीतिवचन 6:6-8)।

   तो फिर वह व्यक्ति मूर्ख क्यों कहलाया? इसलिए क्योंकि उसकी योजनाओं और कलपनाओं में परमेश्वर का कोई स्थान नहीं था। वह इसलिए मूर्ख था क्योंकि उसने यह ध्यान नहीं किया था कि उसका जीवन परमेश्वर के हाथों में है। वह मूर्ख इसलिए था क्योंकि उसने यहाँ पृथ्वी के अपने कुछ समय के जीवन के लिए तो योजनाएं बनाईं लेकिन उस अनन्त काल के जीवन और स्थान के लिए कोई योजना नहीं बनाई जहाँ अन्ततः उसे भी अन्य सभी के समान ही जाना ही होगा। वह मूर्ख इसलिए था क्योंकि यहाँ कुछ समय के जीवन के लिए उसने वह नश्वर धन तो संचय करना चाहा जिसे वह अपने साथ कभी नहीं ले जा पाएगा, लेकिन अपने लिए स्वर्ग में कभी नाश ना हो सकने वाले धन को एकत्रित करने की कोई योजना नहीं बनाई, कोई प्रयास नहीं किया (मत्ती 6:20)।

   आज आप की क्या स्थिति है? आपका मन और धन कहाँ है? आपकी योजनाओं में परमेश्वर का क्या स्थान है? क्या आप अपने अनन्त के लिए तैयार हैं? यदि नहीं तो प्रभु यीशु से अपने पापों की क्षमा माँग कर और उसे अपना उद्धारकर्ता ग्रहण करने के द्वारा अभी तैयार हो जाईए, नहीं तो उस अवश्यंभावी समय के आ जाने पर आप भी मूर्ख ही कहलाएंगे। - सी० पी० हिया


वह कदापि मूर्ख नहीं है जो उसे दे कर जो वह रख नहीं सकता वह पा लेता है जो वह कभी फिर खो नहीं सकता। - जिम ईलियट

मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। - भजन 14:1

बाइबल पाठ: लूका 12:13-21
Luke 12:13 फिर भीड़ में से एक ने उस से कहा, हे गुरू, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बांट दे। 
Luke 12:14 उसने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है? 
Luke 12:15 और उसने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। 
Luke 12:16 उसने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। 
Luke 12:17 तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। 
Luke 12:18 और उसने कहा; मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा; 
Luke 12:19 और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। 
Luke 12:20 परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा; हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? 
Luke 12:21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 8-10


शनिवार, 15 मार्च 2014

वचन


   इंटरनेट पर बाइबल संबंधी जानकारी और सामग्री की एक साईट, बाइबलगेटवे ने अपनी साईट पर प्रतिमाह आने वाले 80 लाख दर्शकों की प्रवृतियों का विश्लेषण किया और पाया कि परमेश्वर के वचन बाइबल का सबसे अधिक खोजा जाने वाला पद है यूहन्ना 3:16 और मुझे से इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि यह पद बताता है कि परमेश्वर ने सारे जगत से इतना प्रेम किया है कि जगत के सभी लोगों को उनके पापों से बचाने तथा उन्हें अनन्त जीवन प्रदान करने के लिए अपने इकलौते पुत्र को दे दिया। पदों की खोज की सूचि में दसवें स्थान पर है प्रभु यीशु का अपने स्वर्गारोहण के समय चेलों को दिया गया उत्तरदायित्व के वे सारे संसार में जाकर चेले बनाएं (मत्ती 28:19)। प्रथम दस स्थानों की इसी सूचि में पाए जाने वाले अन्य पद हैं यर्मियाह 29:11, रोमियों 8:28 जो परमेश्वर द्वारा अपने लोगों के लिए बनाई गई भली योजनाओं के बारे में हैं।

   पवित्रशास्त्र बाइबल अनेक अद्भुत सत्यों से भरा पड़ा है और उन्हें खोजते रहना तथा दूसरों के साथ उन्हें बाँटना हम मसीही विश्वासियों का कर्तव्य है। बाइबल का सबसे लंबा अध्याय है भजन 119 जो पूरा का पूरा परमेश्वर के वचन के बारे में है। इस अध्याय में भजनकार ने परमेश्वर के वचन के बारे में अपने विचार और उसे खोजते रहने तथा परमेश्वर से सीखते रहने की अपनी इच्छा को बताया है। एक स्थान पर भजनकार कहता है, "अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है" (भजन 119:97)। आज का बाइबल पाठ कुछ उन बातों को बताता है जिनके कारण भजनकार परमेश्वर के वचन से ऐसा प्रेम रखता है: परमेश्वर के वचन से उसे बुद्धि एवं समझ मिलती है, उसके पांव बुरे रास्ते पर चल निकलने से रोके जाते हैं और वह वचन उसके लिए मधुर है, इसी लिए यह वचन सारे दिन उसके मनन का कारण है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ते रहिए, उसके लिए प्रतिदिन समय निकालते रहिए। जितना अधिक हम बाइबल को पढ़ेंगे, उतना ही अधिक हमारा प्रेम उस वचन के प्रति तथा उसके मूल लेखक अर्थात परमेश्वर के लिए बढ़ता रहेगा। - ऐनी सेटास


आप बाइबल के साथ जितना अधिक समय बिताएंगे, परमेश्वर के प्रति आपका प्रेम उतना अधिक बढ़ता जाएगा।

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कलपनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यर्मियाह 29:11

बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 4-7


शुक्रवार, 14 मार्च 2014

थामने वाला


   जीवन जोखिमों से भरा है। कभी हम सफलता की ऊँची उड़ान भर रहे होते हैं, और कभी अनायास ही असफलता की डरावनी सच्चाई और घोर निराशा की गहराईयों में पड़े विचार कर रहे होते हैं कि क्या आशा रख पाने का कोई कारण है भी?

   हाल ही में एक अन्त्येष्टि के समय एक पास्टर ने सरकस में ऊँचाईयों पर लटक कर कलाबाज़ीयों के करतब दिखाने वाले एक कलाकार की कहानी सुनाई - यद्यपि वह कलाकार उस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण और नायक समझा जाता था, लेकिन स्वयं उसके अनुसार असली नायक तो उसका साथी था जो दूसरे डंडे से लटक कर उसे थामता था और उसके सुरक्षित नीचे उतर आने को सुनिश्चित करता था। सारे करतबों के सफल होने और उस कलाकार के सुरक्षित रह पाने की कुंजी थी विश्वास। उस ऊँचाई पर करतब करते हुए एक से दूसरे डंडे पर जाने के लिए जब वह लपकता था तो उसे पूरा विश्वास रखना होता था कि उसका साथी उसे थामने के लिए तैयार है और सही स्थान पर उसे मिलेगा, उसे थाम लेगा। ऐसे ही मृत्यु के समय में भी हमें विश्वास रखना है कि परमेश्वर भी थामने वाले के समान सही समय और स्थान पर हम मसीही विश्वासियों को थामने के लिए तैयार मिलेगा। अपनी जीवन यात्रा की कलाबाज़ियाँ पूरी कर लेने के पश्चात संसार से उस पार उतर जाने के समय हम मसीही विश्वासी निश्चिंत होकर विश्वास रख सकते हैं कि दूसरी ओर परमेश्वर हमें थाम कर अनन्त काल के लिए अपने साथ स्वर्ग में स्थान देने के लिए तैयार खड़ा है।

   प्रभु यीशु ने अपने पकड़वाए जाने और क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले अपने चेलों को आशवासन दिया कि वह उनके लिए स्थान तैयार करने जा रहा है और फिर आकर उन्हें वहाँ ले जाएगा, इसलिए वे घबराएं नहीं, विश्वास बनाए रखें (यूहन्ना 14:1-3)। इसमें कोई शक नहीं है कि जीवन जोखिमों से भरा है, लेकिन यदि आपने मसीह यीशु पर विश्वास किया है और उसे अपना उद्धारकर्ता माना है तो निश्चिंत रहें - वह इस जीवन में आपके साथ बना रहेगा, आपको सुरक्षा देता रहेगा, और पृथ्वी के इस जीवन के बाद आपका थामने वाला होकर आपको अपने साथ अनन्त स्वर्गीय जीवन में सुरक्षित उतार लाएगा। - जो स्टोवैल


हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता की बाहें अपने बच्चों को थामे रहने के लिए, इस जीवन तथा उस जीवन दोनों में ही, सदा तैयार और उपलब्ध रहती हैं।

यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। - यूहन्ना 12:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-6
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। 
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। 
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। 
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो। 
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू हां जाता है तो मार्ग कैसे जानें? 
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

एक साल में बाइबल: 
1 शमूएल 1-3

गुरुवार, 13 मार्च 2014

धन्यवादी


   हमारी अपेक्षाओं के अनुसार यदि कोई जन आत्मिक जीवन में उन्नति नहीं कर रहा है तो उसके प्रति आलोचनात्मक हो जाना और उनमें ऐसे क्षेत्र देखना जिनमें उन्हें सुधार की आवश्यकता है, कोई कठिन बात नहीं होती; लेकिन साथ ही हमें वह भी देखना चाहिए कि उनमें क्या सही और बेहतर हो गया है। प्रेरित पौलुस को अकसर विभिन्न मसीही विश्वासी मण्डलियों को सुधारना होता था, लेकिन इस सुधारने के साथ ही जो बातें उन मण्डलियों में भली थीं, उनके लिए वह उन्हें प्रोत्साहन भी देता था और साथ ही परमेश्वर के प्रति उनके लिए धन्यवादी भी होता था।

   उदाहरण के लिए कुलुस्से की मसीही विश्वासी मण्डली को लिखी पौलुस की पत्री को देखिए। पत्री के आरंभ में ही वह कहता है कि प्रभु यीशु में उद्धार के सुसमाचार ने उनमें जड़ पकड़ ली थी और अब उन विश्वासियों के जीवन में फलवन्त हो रहा था (कुलुस्सियों 1:6)। पौलुस ने उनकी इस आत्मिक उन्नति के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया कि वे प्रभु यीशु को जानने पाए थे और अब झूठे शिक्षकों के विरुद्ध संघर्ष कर रहे थे (कुलुस्सियों 2:6-8)। पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया कुलुस्से के विश्वासी अन्य सभी मसीह विश्वासियों के प्रति गहरा और स्थिर प्रेम भी रखते थे। पौलुस का उनके लिए धन्यवादी होने का एक और कारण था कि उनका यह विश्वास और प्रेम उनकी उस वास्तविक और निश्चित आशा से जन्मा था कि संसार के जीवन से आगे भी उनके लिए कुछ अति उत्तम रखा हुआ है (कुलुस्सियों 1:5)।

   हो सकता है कि आज आपके सामने ऐसे अवसर आएं जिनमें आप अपने साथी मसीही विश्वासियों के जीवनों पर ध्यान कर सकें - ऐसे में आप आलोचनात्मक होंगे या उनकी आत्मिक बढ़ोतरी के लिए परमेश्वर के धन्यवादी? समय निकाल कर प्रभु परमेश्वर के प्रति धन्यवादी बनें कि मसीह यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार ने उनके जीवनों में जड़ पकड़ी है और फलवन्त भी हो रहा है। - मार्विन विलियम्स


सुधारने के लिए आलोचना कुछ सहायता कर सकती है, परन्तु प्रोत्साहन बहुत अधिक प्रभावी होता है।

हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है। - 2 थिस्सलुनीकियों 1:3 

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:1-14
Colossians 1:1 पौलुस की ओर से, जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से। 
Colossians 1:2 मसीह में उन पवित्र और विश्वासी भाइयों के नाम जो कुलुस्‍से में रहते हैं। हमारे पिता परमेश्वर की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति प्राप्त होती रहे। 
Colossians 1:3 हम तुम्हारे लिये नित प्रार्थना कर के अपने प्रभु यीशु मसीह के पिता अर्थात परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। 
Colossians 1:4 क्योंकि हम ने सुना है, कि मसीह यीशु पर तुम्हारा विश्वास है, और सब पवित्र लोगों से प्रेम रखते हो। 
Colossians 1:5 उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो। 
Colossians 1:6 जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उसको सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है। 
Colossians 1:7 उसी की शिक्षा तुम ने हमारे प्रिय सहकर्मी इपफ्रास से पाई, जो हमारे लिये मसीह का विश्वास योग्य सेवक है। 
Colossians 1:8 उसी ने तुम्हारे प्रेम को जो आत्मा में है हम पर प्रगट किया। 
Colossians 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ। 
Colossians 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। 
Colossians 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। 
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। 
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4


बुधवार, 12 मार्च 2014

महानतम


   खेल-कूद में सबसे महान क्या है? क्या वह बड़ी प्रतियोगिताएं है; या स्थापित होने वाले कीर्तिमान अथवा मिलने वाला यश? पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के बास्केट्बॉल कोर्ट में लगी एक पटिया पर एक भिन्न दृष्टिकोण वाला वाक्य लिखा है: "खेल जीतना महान है। खेल को सही खेलना उससे भी महान है। किंतु खेल से प्रेम करना सबसे महान है।" यह हमें स्मरण कराता है कि खेल स्पर्धा नहीं वरन वे क्रीड़ाएं हैं जिन्हें खेल कर हम बालकपन से आनन्दित होते रहे हैं।

   एक धार्मिक अगुवे ने एक बार प्रभु यीशु से परमेश्वर के वचन के बारे में उसकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से महानता के बारे में पूछा: "हे गुरू; व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है?" (मत्ती 22:36)। प्रभु यीशु ने अपने उत्तर में उसे प्रेम के विषय में चुनौति देते हुए कहा: "उसने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख" (मत्ती 22:37-39)।

   मसीह यीशु में हमारा विश्वास हमें चाहे और कुछ भी करने के लिए प्रेरित करे, लेकिन इससे बढ़कर और कुछ नहीं कि हम अपने प्रेम को प्रदर्शित करें - क्योंकि प्रेम ही हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता के हृदय का प्रगटिकरण है। परमेश्वर का वचन बाइबल कहती है, "जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है" (1 यूहन्ना 4:8)। इससे कम महत्व की बातों के द्वारा मार्ग से भ्रमित हो जाना सरल है, इसलिए हमारा पूरा ध्यान उस महानतम बात पर लगा रहना चाहिए - प्रभु परमेश्वर से प्रेम। जब हम परमेश्वर से प्रेम रखेंगे तो परमेश्वर की सृष्टि, अर्थात एक दूसरे से भी प्रेम रखेंगे। इससे बढ़कर और कुछ भी नहीं है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम का प्रमाण है परमेश्वर की आज्ञाओं के लिए हमारी आज्ञाकारिता।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: मत्ती 22:34-40
Matthew 22:34 जब फरीसियों ने सुना, कि उसने सदूकियों का मुंह बन्‍द कर दिया; तो वे इकट्ठे हुए। 
Matthew 22:35 और उन में से एक व्यवस्थापक ने परखने के लिये, उस से पूछा। 
Matthew 22:36 हे गुरू; व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है? 
Matthew 22:37 उसने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। 
Matthew 22:38 बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। 
Matthew 22:39 और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। 
Matthew 22:40 ये ही दो आज्ञाएं सारी व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं का आधार है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21


मंगलवार, 11 मार्च 2014

सुन्दरता


   जब मेरे पति जे और मैंने एक नया घर बनाने का निर्णय लिया तो हमने औज़ारों का प्रयोग कर सकने तथा ऐसे कार्य में रुचि रखने वाले मित्र तथा परिवारगणों को इस कार्य पर नहीं लगाया, वरन हमने एक कुशल भवन निर्माता को चुना जो देखने में सुन्दर तथा उपयोग में व्यावाहरिक घर हमारे लिए बना के दे सके।

   साधारणतया चर्च भवन में सुन्दरता का कोई विशेष स्थान नहीं माना जाता है; कुछ लोग तो उसे अव्यवाहारिक भी कहते हैं, इसलिए किसी भी बारीकी से की गई सजावट को वे व्यर्थ मानते हैं। लेकिन जब परमेश्वर ने प्राचीन इस्त्राएलियों के लिए आराधना स्थान के बनाए जाने के निर्देश दिए तब परमेश्वर का ऐसा विचार कतई नहीं था। आराधना के स्थान के बनाने के लिए परमेश्वर ने ऐसे ही किसी को भी एक साधारण सा तम्बू बना कर खड़ा करने को नहीं कहा। परमेश्वर ने इस कार्य के लिए कुशल कारिगर बसलेल और ओहलिआब नियुक्त किए (निर्गमन 36:1)। उन कारिगरों के साथ उसने अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए तैयार करके दिया जिससे वे सब कढ़ाई तथा तराशने में बारीकी एवं कुशलता से करी गई कारिगरी द्वारा तम्बु के सामान को बना सकें (निर्गमन 37:17-20)।

   मैं सोचती हूँ कि सुन्दरता का वहाँ महत्वपूर्ण स्थान था क्योंकि यह उन इस्त्राएलियों को उनकी आराधना में परमेश्वर की उत्तमता को स्मरण कराता था। बियाबान और रेगेस्तानी इलाकों के अपने भ्रमण के दौरान उन्हें परमेश्वर की महान महिमा को याद दिलानी वाला कुछ चाहिए था।

   आज भी परमेश्वर के लोगों द्वारा आराधना और उपासना में सुन्दरता यही कार्य कर सकती है। हम परमेश्वर को अपना सर्वोत्तम इसलिए अर्पित करते हैं क्योंकि वह इसके योग्य है। सुन्दरता हमें स्वर्ग की भी अनुभूति करवाती है और हमें स्मरण करवाती है उस उत्तम स्थान की जो परमेश्वर अपने विश्वासी लोगों के लिए तैयार कर रहा है (यूहन्ना 14:2; 1 कुरिन्थियों 2:9)। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


सुन्दरता परमेश्वर को प्रतिबिंबित करती है।

परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। - 1 कुरिन्थियों 2:9

बाइबल पाठ: निर्गमन 36:1-7
Exodus 36:1 और बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमान जिन को यहोवा ने ऐसी बुद्धि और समझ दी हो, कि वे यहोवा की सारी आज्ञाओं के अनुसार पवित्रस्थान की सेवकाई के लिये सब प्रकार का काम करना जानें, वे सब यह काम करें।
Exodus 36:2 तब मूसा ने बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमानों को जिनके हृदय में यहोवा ने बुद्धि का प्रकाश दिया था, अर्थात जिस जिस को पास आकर काम करने का उत्साह हुआ था उन सभों को बुलवाया। 
Exodus 36:3 और इस्त्राएली जो जो भेंट पवित्रस्थान की सेवकाई के काम और उसके बनाने के लिये ले आए थे, उन्हें उन पुरूषों ने मूसा के हाथ से ले लिया। तब भी लोग प्रति भोर को उसके पास भेंट अपनी इच्छा से लाते रहें; 
Exodus 36:4 और जितने बुद्धिमान पवित्रस्थान का काम करते थे वे सब अपना अपना काम छोड़कर मूसा के पास आए, 
Exodus 36:5 और कहने लगे, जिस काम के करने की आज्ञा यहोवा ने दी है उसके लिये जितना चाहिये उस से अधिक वे ले आए हैं। 
Exodus 36:6 तब मूसा ने सारी छावनी में इस आज्ञा का प्रचार करवाया, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, कोई पवित्रस्थान के लिये और भेंट न लाए, इस प्रकार लोग और भेंट लाने से रोके गए। 
Exodus 36:7 क्योंकि सब काम बनाने के लिये जितना सामान आवश्यक था उतना वरन उस से अधिक बनाने वालों के पास आ चुका था।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 16-18


सोमवार, 10 मार्च 2014

चमकते रहें


   ईमानदारी की बात तो यह है कि स्टोर का एक और चक्कर लगाना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। पिछले 4 सप्ताह से मैं और मेरी पत्नि एक खराब फ्रिज को लौटाने के बाद उसकी कीमत वापस मिलने का इंतिज़ार कर रहे थे। अबकि बार फिर से मैंने स्टोर के मैनेजर को अपनी बात समझाई, लेकिन प्रतीत यही हो रहा था कि पहले के समान ही हम आज भी किसी परिणाम पर पहुँचने वाले नहीं हैं; और मैं मन ही मन सोच रहा था कि क्या कभी मुझे मेरा पैसा वापस भी मिलेगा या नहीं? मैं अन्दर से तो खिसिया रहा था किंतु बाहर से, उस वार्तालाप के दौरान मैं शांत और नम्र बने रहने का प्रयत्न करता रहा।

   बातचीत के समय उस मैनेजर ने मुझ से कहा, "साधारणतया, यहाँ तक पहुँचते पहुँचते ग्राहक खिसिया कर मुझ पर चिल्लाना आरंभ कर देते हैं, लेकिन आप इतने विनम्र और शांत बने हुए हैं; आईए एक अन्य रीति से आपकी समस्या सुलझाने का प्रयास करते हैं।" उसने मुझे से कुछ प्रश्न पूछने आरंभ किए और फिर अपने कंप्यूटर में कुछ अंक भरे, और थोड़े से विलंब के पश्चात कंप्यूटर ने एक रसीद छाप कर दे दी जिस में लिखा था कि मेरे पैसे वापस होना स्वीकृत हो गया है! हमारी वह फ्रिज वापसी की परेशानी हल हो गई थी। मैनेजर ने विदाई लेते हुए मुझ से हाथ मिलाया और कहा, "हमारे साथ अच्छा बर्ताव बनाए रखने के लिए बहुत धन्यवाद।"

   मैं मानता हूँ कि ना चाहते हुए भी अच्छा बने रहने का मेरा प्रयास इस सारे प्रकरण में अवश्य ही कुछ हद तक सहायक था, लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए अच्छे व्यवहार करते रहने का कारण अपना काम निकलवाना नहीं है। हमारे भले व्यवहार का सही कारण है कि हमें अपने और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की ज्योति सब के सामने प्रकट करनी है (इफिसियों 5:8); फिर चाहे वे कोई भी क्यों ना हों - एक चिड़चिड़ा पड़ौसी, काम करने वाला कोई अनाड़ी कार्यकर्ता, किसी संस्थान का कोई अड़ियल मैनेजर, या अन्य कोई भी। हमारी वाणी और हमारा व्यवाहार हमारे विश्वास का सजीव उदाहरण होने चाहिएं (इफिसियों 4:29-32; कुलुस्सियों 4:6)।

   क्या आप आज किसी विषम परिस्थिति का सामना कर रहे हैं? उसे मसीह यीशु की ज्योति संसार के लोगों पर प्रकट करने का माध्यम बना लें और मसीह की ज्योति से संसार में चमकते रहें। - डेव ब्रैनन


जब मसीह की ज्योति आप में हो कर चमकेगी तो लोग आपकी ओर आकर्षित भी होंगे।

प्रभु यीशु ने कहा: "मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे।" - यूहन्ना 12:46

बाइबल पाठ: इफिसियों 5:1-10
Ephesians 5:1 इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो। 
Ephesians 5:2 और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। 
Ephesians 5:3 और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। 
Ephesians 5:4 और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। 
Ephesians 5:5 क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। 
Ephesians 5:6 कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने मानने वालों पर भड़कता है। 
Ephesians 5:7 इसलिये तुम उन के सहभागी न हो। 
Ephesians 5:8 क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो। 
Ephesians 5:9 (क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)। 
Ephesians 5:10 और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 13-15