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गुरुवार, 31 जनवरी 2019

क्रूस



      अंग्रेज़ी साहित्य में सबसे प्राचीन मसीही कविताओं में से एक है “The Dream of the Rood” – शब्द ‘रूड’ अंग्रेज़ी का प्राचीन शब्द है जिसका अभिप्राय होता है रॉड (लाठी) या पोल (खम्बा), और इस कविता में रूड शब्द को उस क्रूस के लिए प्रयोग किया गया है जिस पर प्रभु यीशु मसीह को क्रूसित किया गया था। इस प्राचीन कविता में, क्रूस की गाथा को काठ के क्रूस के दृष्टिकोण से लिखा गया है। जब वृक्ष को पता चलता है कि उसकी लकड़ी को प्रभु को क्रूसित करने के लिए क्रूस बनाने के लिए प्रयोग किया जाएगा तो वह इस प्रकार उपयोग किए जाने के लिए मना कर देता है। परन्तु प्रभु यीशु उस वृक्ष को सहायता देने के लिए तैयार करता है जिससे समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग बन सके।

      अदन की वाटिका में एक वृक्ष उस वर्जित फल का स्त्रोत था जिसे खाकर हमारे आदि माता-पिता ने पाप के प्रवेश और मानव जाति में फैल जाने का मार्ग प्रदान किया। और जब परमेश्वर के पुत्र ने समस्त मानव जाति के लिए अपना लहू बलिदान कर के बहाया तब वह हमारे स्थान पर एक वृक्ष के काठ से बने क्रूस पर ठोका गया था (1 पतरस 2:24)।

      उद्धार पाने के लिए मसीह यीशु पर विश्वास करने वाले सभी लोगों के लिए क्रूस ही परिवर्तन बिंदु है। और जब से वह प्रभु यीशु के बलिदान के लिए प्रयोग हुआ है, वह उस अद्भुत अभूतपूर्व बलिदान के कारण पाप और मृत्यु से छुटकारा पाने का महान प्रतीक और चिन्ह बन गया है। प्रभु का क्रूस, हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम का अकथनीय, वर्णन से बाहर, महान प्रमाण है। - डेनिस फिशर


प्रभु यीशु ने हमारे उद्धार के लिए काठ पर अपना बलिदान दिया।

वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।  - 1 पतरस 2:24

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:12-20
Colossians 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में संभागी हों।
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।
Colossians 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।
Colossians 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
Colossians 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Colossians 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-26
  • मत्ती 20:17-34



बुधवार, 30 जनवरी 2019

पुनर्निर्माण



      एडवर्ड क्ली जब अनेकों वर्षों तक बाहर रहने के पश्चात, बर्लिन लौट कर आए, तो उन्होंने पाया कि जिस शहर की उनकी स्मृतियाँ थीं और जिससे वे प्रेम करते थे, अब वह नहीं था; अब वह बिलकुल बदल गया था, और उन्होंने ध्यान किया कि इतने वर्षों में वे भी बहुत बदल गए थे। क्ली ने हेमिस्फेयर्स पत्रिका में अपने एक लेख में इसके विषय लिखा, “जिस शहर से आप प्रेम करते हैं, वहाँ लौट कर आना अप्रत्याशित हो सकता है...यह निराशात्मक भी हो सकता है।” अपने बीते समय के स्थानों पर जाना दुःख और हानि का आभास करवा सकता है। हम अब वह व्यक्ति नहीं हैं जो हम तब थे, और न ही वह स्थान जो हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण है वैसा है जैसा तब था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम नहेम्याह के विषय में देखते हैं कि वह अनेकों वर्षों से, इस्राएल के देश से दूर, निर्वासन में था। ऐसी परिस्थिति में उसे अपने लोगों की दुर्दशा और यरूशलेम के विनाश के बारे में पता चला। तब उसने फारस के राजा अर्तक्षत्र से अनुमति ली कि वह यरूशलेम जाकर वहाँ की शहरपनाह का पुनर्निर्माण करे। एक रात यरूशलेम की शहरपनाह की टोह लेने के बाद (नहेम्याह 2:13-15), नहेम्याह ने वहाँ के लोगों से कहा, “तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे” (पद 17)।

      नहेम्याह वापस केवल अपनी यादों को दोहराने के लिए नहीं आया था, वरन उस टूटे हुए को फिर से बनाने के लिए आया था। यह हमारे लिए एक सशक्त पाठ है; हम अपने अतीत के टूटे और बिगड़े हुए भागों को फिर से ठीक करके स्थापित करें। प्रभु यीशु में हमारा विश्वास, और हमारे जीवनों में कार्यकारी उसकी सामर्थ्य हमें आगे की ओर देखने, और टूटे हुए का पुनर्निर्माण करने के लिए सबल करती है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


हम अतीत को बदल तो नहीं सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हमें भविष्य के लिए बदल रहा है।

परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: नहेम्याह 2:11-18
Nehemiah 2:11 जब मैं यरूशलेम पहुंच गया, तब वहां तीन दिन रहा।
Nehemiah 2:12 तब मैं थोड़े पुरुषों को ले कर रात को उठा; मैं ने किसी को नहीं बताया कि मेरे परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिये मेरे मन में क्या उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को छोड़ कोई पशु मेरे संग न था।
Nehemiah 2:13 मैं रात को तराई के फाटक में हो कर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ाफाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा।
Nehemiah 2:14 तब मैं आगे बढ़ कर सोते के फाटक और राजा के कुण्ड के पास गया; परन्तु मेरी सवारी के पशु के लिये आगे जाने को स्थान न था।
Nehemiah 2:15 तब मैं रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को देखता हुआ चढ़ गया; फिर घूम कर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस प्रकार लौट आया।
Nehemiah 2:16 और हाकिम न जानते थे कि मैं कहां गया और क्या करता था; वरन मैं ने तब तक न तो यहूदियों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हाकिमों और न दूसरे काम करने वालों को।
Nehemiah 2:17 तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।
Nehemiah 2:18 फिर मैं ने उन को बतलाया, कि मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर कैसी हुई और राजा ने मुझ से क्या क्या बातें कही थीं। तब उन्होंने कहा, आओ हम कमर बान्धकर बनाने लगें। और उन्होंने इस भले काम को करने के लिये हियाव बान्ध लिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 23-24
  • मत्ती 20:1-16



मंगलवार, 29 जनवरी 2019

अनन्त



      जेरलीन टैली की मृत्यु जून 2015 में हुई, वह उस समय सँसार का सबसे वृद्ध व्यक्ति था – 116 वर्ष की आयु का। यरूशलेम शहर ने 1995 में अपना 3000वां जन्मदिन मनाया। मनुष्य के लिए 116 वर्ष की आयु बहुत वृद्ध होना है, और एक शहर के लिए 3000 वर्ष का होना बहुत प्राचीन होना है; परन्तु ऐसे भी पेड़ हैं जो इससे भी पुरातन हैं। कैलिफोर्निया के एक इलाके में स्थित एक देवदार के वृक्ष की आयु 4800 वर्ष की आंकी गई है, जिससे वह कुलपति अब्राहम से भी 800 वर्ष पुराना ठहरता है!

      जब यहूदी धर्म के अगुवों ने प्रभु यीशु मसीह को उसकी पहचान के विषय उसे चुनौती दी, तो “यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि पहिले इसके कि इब्राहीम उत्पन्न हुआ मैं हूं” (यूहन्ना  8:58)। ऐसा कहकर उसने यह दावा किया कि वह अब्राहम से भी पहले से है। उसके इस दृढ़ कथन से उसे चुनौती देने वाले हतप्रभ रह गए और उन्होंने उसे पत्थरवाह करके मारने का प्रयास किया, क्योंकि वे समझ गए कि वह अपनी शारीरिक आयु की बात नहीं कर रहा था परन्तु अपने आप को अनन्त और परमेश्वर के प्राचीन नाम “मैं हूँ” बता कर स्वयँ को परमेश्वर जता रहा था (देखें निर्गमन 3:14)। परन्तु त्रिएक परमेश्वर का अंग होने के नाते प्रभु यीशु वैध रूप से यह दावा कर सकता था।

      प्रभु यीशु ने यूहन्ना 17:3 में प्रार्थना की “और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जाने” उस अनन्त परमेश्वर ने समय में प्रवेश किया जिससे हमें अनन्त जीवन का उपहार दे सके। उसने अपना यह उद्देश्य हमारे स्थान पर मृत्यु दण्ड सहकर, और फिर मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा, पूर्ण और प्रमाणित किया। उसके इस बलिदान के कारण हम उसके साथ उस भविष्य की बाट जोह रहे हैं जहाँ समय की कोई सीमा नहीं होगी, हम अनन्तकाल तक उसके साथ बने रहेंगे।

      हमारा प्रभु परमेश्वर अनन्त है, वह हमें भी अनन्त बना रहा है। - बिल क्राउडर


मसीह में सब वस्तुएँ स्थिर रहती हैं। - कुलुस्सियों 1:17

बाइबल पाठ: यूहन्ना 8:48-59
John 8:48 यह सुन यहूदियों ने उस से कहा; क्या हम ठीक नहीं कहते, कि तू सामरी है, और तुझ में दुष्टात्मा है?
John 8:49 यीशु ने उत्तर दिया, कि मुझ में दुष्टात्मा नहीं; परन्तु मैं अपने पिता का आदर करता हूं, और तुम मेरा निरादर करते हो।
John 8:50 परन्तु मैं अपनी प्रतिष्‍ठा नहीं चाहता, हां, एक तो है जो चाहता है, और न्याय करता है।
John 8:51 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्त काल तक मृत्यु को न देखेगा।
John 8:52 यहूदियों ने उस से कहा, कि अब हम ने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: इब्राहीम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, कि यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्त काल तक मृत्यु का स्‍वाद न चखेगा।
John 8:53 हमारा पिता इब्राहीम तो मर गया, क्या तू उस से बड़ा है? और भविष्यद्वक्ता भी मर गए, तू अपने आप को क्या ठहराता है।
John 8:54 यीशु ने उत्तर दिया; यदि मैं आप अपनी महिमा करूं, तो मेरी महिमा कुछ नहीं, परन्तु मेरी महिमा करनेवाला मेरा पिता है, जिसे तुम कहते हो, कि वह हमारा परमेश्वर है।
John 8:55 और तुम ने तो उसे नहीं जाना: परन्तु मैं उसे जानता हूं; और यदि कहूं कि मैं उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारे समान झूठा ठहरूंगा: परन्तु मैं उसे जानता हूं, और उसके वचन पर चलता हूं।
John 8:56 तुम्हारा पिता इब्राहीम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उसने देखा, और आनन्द किया।
John 8:57 यहूदियों ने उस से कहा, अब तक तू पचास वर्ष का नहीं; फिर भी तू ने इब्राहीम को देखा है?
John 8:58 यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि पहिले इसके कि इब्राहीम उत्पन्न हुआ मैं हूं।
John 8:59 तब उन्होंने उसे मारने के लिये पत्थर उठाए, परन्तु यीशु छिपकर मन्दिर से निकल गया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 21-22
  • मत्ती 19



सोमवार, 28 जनवरी 2019

प्रेम



      हम मसीही विश्वासी उस परमेश्वर की सेवा करते हैं जो हमारी सेवा के कार्यों से बढ़कर, हम से प्रेम करता है। यह सच है कि परमेश्वर चाहता है कि अपने परिवारों की आवश्यकताओं के लिए हम कार्य करें, और उसके द्वारा रचे गए सँसार की ज़िम्मेदारी के साथ देख-भाल करें। वह हमसे यह भी आशा रखता है कि हम दुर्बल, भूखे, प्यासे, और दुखी लोगों की सेवा करें, तथा उनके प्रति भी सजग और संवेदनशील रहें जिन्होंने अब तक परमेश्वर की पवित्र आत्मा की प्रेम भरी पुकार को प्रत्युत्तर नहीं दिया है। परन्तु फिर भी जिस परमेश्वर के लिए हम यह सब कार्य करते हैं, वह हमारे कार्यों से बढ़कर हम से प्रेम रखता है।

      हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि वह समय आ सकता है कि किसी अप्रत्याशित दुर्घटना, कोई स्वास्थ्य हानि, किसी परिस्थिति के कारण हमारे लिए परमेश्वर के लिए कुछ कर पाना संभव न रहे। परमेश्वर चाहता है कि ऐसे समयों में भी हम स्मरण रखें कि वह हम से प्रेम रखता है, जो हम उसके लिए करते हैं उसके कारण नहीं, वरन जो हम हैं – उसकी सन्तान, उसके कारण!

      जब एक बार हमने पापों से पश्चाताप करके प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार कर लिया, उसे अपना जीवन समर्पित कर दिया, उसके बाद फिर कोई भी “परेशानी, या कठिनाई, या सताव, या अकाल, या नग्नता, या खतरा, या तलवार” हमें “परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग [नहीं] कर सकेगी” (रोमियों 8:35, 39)।

      जब वह सब जो हम हैं या जो हम कर सकते हैं, हम से ले लिया जाए, तब भी परमेश्वर इतना ही चाहता है कि हम हमारे प्रति उसके प्रेम में आश्वस्त रहें, उसपर भरोसा बनाए रखें। - रैंडी किल्गोर


हमारे अस्तित्व का कारण परमेश्वर के साथ हमारी संगति है।

यहोवा ने मुझे दूर से दर्शन देकर कहा है। मैं तुझ से सदा प्रेम रखता आया हूँ; इस कारण मैं ने तुझ पर अपनी करुणा बनाए रखी है। - यिर्मयाह 31:3

बाइबल पाठ: रोमियों 8:31-29
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 19-20
  • मत्ती 18:21-35



रविवार, 27 जनवरी 2019

अप्रत्यक्ष



      परमेश्वर के वचन बाइबल की कहानियाँ हमें रुक कर विचार करवा सकती हैं। उदाहरण के लिए, जब मूसा परमेश्वर के लोगों को प्रतिज्ञा किए हुए देश में लेकर जा रहा था, और अमालेकियों ने उन पर हमला किया, तो मूसा को कैसे पता चला कि उसे पहाड़ पर चढ़कर परमेश्वर की लाठी को ऊँचा उठाना है (निर्गमन 17:8-15)? हमें इसका उत्तर बताया तो नहीं गया है, परन्तु हम देखते हैं कि युद्ध के समय में जब मूसा अपने हाथों को उठाए रहता था, तो इस्राएली युद्ध जीतते रहते थे, और जब वह हाथ नीचे कर लेता था तो अमालेकी विजयी होने लगते थे। जब मूसा थक गया तो उसका भाई हारून, और एक अन्य पुरुष, हूर, ने मूसा के हाथों को उठाए रखा, जिससे इस्राएली युद्ध में विजयी हो सके।

      बाइबल में हम हूर के विषय में कुछ विशेष लिखा हुआ नहीं पाते हैं, परन्तु इस्राएल के इतिहास में इस समय पर उसने एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह हमें स्मरण करवाता है कि परमेश्वर के कार्य और राज्य में अप्रत्यक्ष लोगों की भी बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक भूमिका है – ऐसे लोग जो नेतृत्व करने वाले अगुवों की सहायता करते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, किन्तु स्वयँ कभी सामने नहीं आते हैं। इतिहास की पुस्तकों में अगुवों का उल्लेख आता है, समाज उनके नेतृत्व और कार्यों की बड़ाई करता है। परन्तु शांति से अप्रत्यक्ष रहकर कार्य करते रहने वालों को परमेश्वर कभी नज़रंदाज़ नहीं करता है, उन्हें उनका प्रतिफल देता है। परमेश्वर अपने उस जन का ध्यान करता है जो प्रतिदिन उसके सम्मुख अपने परिवार और मित्रों के लिए प्रार्थना में मध्यस्थता करता है। उसे उस कार्यकर्ता की सुधि रहती है जो प्रति इतवार, चर्च से पहले और बाद में चर्च को साफ़ और व्यवस्थित करते हैं। परमेश्वर को उस पड़ौसी का ध्यान रहता है जो प्रोत्साहन तथा सहायता के साथ अपने पड़ौसी की ओर हाथ बढ़ाता है।

      परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों को अपनी सेवकाई और महिमा के लिए उपयोग करता है, चाहे हमें हमारा योगदान महत्वपूर्ण न भी लगे। इसलिए आप जिस भी अप्रत्यक्ष नायक को जानते हैं, उसके प्रति धन्यवादी और प्रोत्साहक रहिए। - एमी बाउचर पाई


परमेश्वर के सामने अप्रत्यक्ष नायक भी प्रत्यक्ष बने रहते हैं।

हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्‍धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5: 5-7

बाइबल पाठ: निर्गमन 17:8-15
Exodus 17:8 तब अमालेकी आकर रपीदीम में इस्राएलियों से लड़ने लगे।
Exodus 17:9 तब मूसा ने यहोशू से कहा, हमारे लिये कई एक पुरूषों को चुनकर छांट ले, और बाहर जा कर अमालेकियों से लड़; और मैं कल परमेश्वर की लाठी हाथ में लिये हुए पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूंगा।
Exodus 17:10 मूसा की इस आज्ञा के अनुसार यहोशू अमालेकियों से लड़ने लगा; और मूसा, हारून, और हूर पहाड़ी की चोटी पर चढ़ गए।
Exodus 17:11 और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था तब तक तो इस्राएल प्रबल होता था; परन्तु जब जब वह उसे नीचे करता तब तब अमालेक प्रबल होता था।
Exodus 17:12 और जब मूसा के हाथ भर गए, तब उन्होंने एक पत्थर ले कर मूसा के नीचे रख दिया, और वह उस पर बैठ गया, और हारून और हूर एक एक अलंग में उसके हाथों को सम्भाले रहें; और उसके हाथ सूर्यास्त तक स्थिर रहे।
Exodus 17:13 और यहोशू ने अनुचरों समेत अमालेकियों को तलवार के बल से हरा दिया।
Exodus 17:14 तब यहोवा ने मूसा से कहा, स्मरणार्थ इस बात को पुस्तक में लिख ले और यहोशू को सुना दे, कि मैं आकाश के नीचे से अमालेक का स्मरण भी पूरी रीति से मिटा डालूंगा।
Exodus 17:15 तब मूसा ने एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवानिस्सी रखा;
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 16-18
  • मत्ती 18:1-20



शनिवार, 26 जनवरी 2019

समान



      ब्रिटेन के लेखक एवलिन वॉ शब्दों को ऐसे प्रयोग करते थे कि उनके चरित्र की त्रुटियाँ और अधिक विदित हो जाती थीं। अन्ततः वह उपन्यासकार मसीही विश्वासी बन गया, परन्तु वह फिर भी अपने चरित्र को लेकर संघर्ष करता रहा। एक दिन एक महिला ने उससे पूछा, “श्रीमान वॉ, ऐसा कैसे हो सकता है कि आप अपने आप को मसीही भी कहें और वैसे व्यवहार भी करें जैसा आप दिखाते हैं?” उन्होंने उस महिला को उत्तर दिया, “महोदया, आप मुझे जितना बुरा समझती हैं, संभव है कि मैं वैसा हूँ। परन्तु मेरा विश्वास कीजिए कि यदि मेरा यह धर्म न होता तो मैं मनुष्य कहलाने के योग्य भी न होता।”

      वॉ एक आंतरिक आत्मिक युद्ध लड़ रहे थे, जिसका अनुभव स्वयं पौलुस ने भी किया था और जिसके विषय परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा है। अपने इस संघर्ष के बारे में पौलुस लिखता है, कि वह भला तो करना चाहता है, परन्तु कर नहीं पाता है (रोमियों 7:18)। वह बताता है कि ऐसा व्यवस्था में कोई दोष होने के कारण नहीं है, वरन उसके मानव स्वभाव के कारण है (रोमियों 7:14)। इसे और अधिक स्पष्ट करते हुए वह कहता है कि अपने भीतरी मनुष्यत्व में तो वह परमेश्वर की व्यवस्था से प्रसन्न रहता है, परन्तु उसके शरीर में एक अन्य ही व्यवस्था कार्य करती है, और वह प्रश्न करता है कि वह कैसे इस मरणहार शरीर की इस प्रवृत्ति से बच सकता है (रोमियों 7: 22-24)? और फिर वह उल्लास के साथ इस प्रश्न का उत्तर बताता है कि यह प्रभु यीशु मसीह द्वारा संभव है (रोमियों 7:25–8:2)।

      हम, अपने पापों और गलतियों का अंगीकार कर के, और अपने लिए एक उद्धारकर्ता की आवश्यकता को स्वीकार करके, जब प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाते हैं तो तुरंत ही हम एक नई सृष्टि हो जाते हैं (2 कुरिन्थियों 5: 17)। परन्तु शारीरिक से आत्मिक हो जाने का यह परिवर्तन एक आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है, जिसके विषय प्रेरित यूहन्ना लिखता है, “हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है” (1 यूहन्ना 3:2)। परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों को अपने पुत्र, हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की समानता में ढालता जा रहा है; एक दिन हम प्रभु के समान होंगे। - टिम गुस्ताफासन


मसीही होने का अर्थ है अक्षम्य को क्षमा करने वाला होना, 
क्योंकि परमेश्वर ने हम में विद्यमान अक्षम्य को क्षमा कर दिया। - सी. एस. ल्यूइस

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5: 17

बाइबल पाठ: रोमियों 7:12–8:2
Romans 7:12 इसलिये व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा भी ठीक और अच्छी है।
Romans 7:13 तो क्या वह जो अच्छी थी, मेरे लिये मृत्यु ठहरी? कदापि नहीं! परन्तु पाप उस अच्छी वस्तु के द्वारा मेरे लिये मृत्यु का उत्पन्न करने वाला हुआ कि उसका पाप होना प्रगट हो, और आज्ञा के द्वारा पाप बहुत ही पापमय ठहरे।
Romans 7:14 क्योंकि हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्तु मैं शरीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूं।
Romans 7:15 और जो मैं करता हूं, उसको नहीं जानता, क्योंकि जो मैं चाहता हूं, वह नहीं किया करता, परन्तु जिस से मुझे घृणा आती है, वही करता हूं।
Romans 7:16 और यदि, जो मैं नहीं चाहता वही करता हूं, तो मैं मान लेता हूं, कि व्यवस्था भली है।
Romans 7:17 तो ऐसी दशा में उसका करने वाला मैं नहीं, वरन पाप है, जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:18 क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
Romans 7:19 क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता वही किया करता हूं।
Romans 7:20 परन्तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:21 सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है।
Romans 7:22 क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
Romans 7:23 परन्तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
Romans 7:24 मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?
Romans 7:25 मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।
Romans 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
Romans 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-15
  • मत्ती 17



शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

साथ



      बहुत वर्ष पहले की बात है, मैं अपने मित्र के साथ मछली पकड़ने के लिए गया, और वर्षा होने लग गई। हमने पास के पेड़ों के एक झुरमुट में शरण ली, किन्तु वर्षा तेज होती चली गई, इसलिए हमने वापस घर लौट जाने का निर्णय किया और पास खड़े अपने ट्रक की ओर दौड़े। मैंने ट्रक का दरवाज़ा खोला ही था कि ज़ोर से बिजली कड़की और एक आग के गोले के समान उसी पेड़ों के झुरमुट पर गिरी जहाँ हम शरण लिए हुए थे। बिजली गिरने से उन पेड़ों के पत्ते झड़ गए, छाल उतर गई, और उनकी कुछ डालियाँ सुलगती हुई रह गईं। और फिर इसके बाद बिलकुल शान्ति हो गई।

      इस घटना से हम घबरा गए, हिल गए।

      हमारे निवास स्थान – इडाहो घाटी में, बिजली का कड़कना और चमकना सामान्य बात है। मुझे ऐसा होते देखना अच्छा लगता है – उस दिन बाल-बाल बचने के बावजूद। मुझे बिजली कड़कने और गिरने से व्यक्त होने वाली अद्भुत शक्ति, उसकी आश्चर्यचकित और भयभीत कर देने, तथा धरती को कंपा और थर्रा देने वाली अनुभूति और उसके बाद होने वाली शान्ति पसन्द है।

      मुझे आकाश की बिजली का यह कड़कना और चमकना इसलिए पसन्द है क्योंकि यह परमेश्वर की वाणी का चिन्ह है (अय्यूब 37:4), परमेश्वर का अपने वचन बाइबल में होकर प्रबल विस्मयकारक रीति से बोलना। भजनकार ने लिखा, “यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है। ... यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा” (भजन 29:7, 11)। परमेश्वर हमें सामर्थ्य देता है कि हम सह सकें, धैर्य रख सकें, कृपालु और दयालु हों, शान्त होकर बैठ सकें, एक से दूसरे स्थान जा सकें, कुछ हानि नहीं करें।

      सर्वशक्तिमान, शान्ति का परमेश्वर आपके साथ भी बना रहे। - डेविड रोपर


विश्वास हमारी निर्बलता को परमेश्वर की सामर्थ्य के साथ जोड़ देता है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: भजन 29
Psalms 29:1 हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो।
Psalms 29:2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो।
Psalms 29:3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है; प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है।
Psalms 29:4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
Psalms 29:5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।
Psalms 29:6 वह उन्हें बछड़े के समान और लबानोन और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है।
Psalms 29:7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
Psalms 29:8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।
Psalms 29:9 यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है; और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है।
Psalms 29:10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा हो कर विराजमान रहता है।
Psalms 29:11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 12-13
  • मत्ती 16



गुरुवार, 24 जनवरी 2019

व्यर्थ



      मेरा परिचित जन, जो वित्तीय सलाहकार का कार्य करता है, धन निवेश करने की वास्तविकता के बारे में एक तथ्य बताता है। वह कहता है, “सर्वोत्तम की आशा रखो किन्तु सर्वाधिक हानि के लिए तैयार रहो।” जीवन में हम जितने भी निर्णय करते हैं , उन सब के साथ अंतिम परिणाम के विषय कुछ न कुछ अनिश्चितता जुड़ी ही रहती है। परन्तु फिर भी एक मार्ग है जिसका अनुसरण कर के हम कभी हानि में नहीं रहेंगे, हमारा प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाएगा; वह मार्ग है प्रभु यीशु मसीह को उद्धारकर्ता स्वीकार करके अपना जीवन उसे समर्पित कर देना।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने भ्रष्ट और अनैतिक आचरण के लिए कुख्यात कोरिन्थ शहर में मसीह यीशु के अनुयायियों के साथ एक वर्ष बिताया। वहाँ से जाने के पश्चात, उसने उन्हें लिखे एक पत्र द्वारा प्रोत्साहित किया कि वे निराश न हों और यह न समझें कि मसीह यीशु के लिए उनके जीवन की गवाही व्यर्थ रही है। पौलुस ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह दिन आ रहा है जब प्रभु यीशु लौट कर आएगा और तब मृत्यु भी पराजित हो जाएगी (1 कुरिन्थियों 15:52-55)।

      प्रभु यीशु के प्रति वफादार बने रहना कठिन, निराशाजनक, और खतरनाक तो हो सकता है, परन्तु कभी व्यर्थ और निर्थक नहीं होगा। हम जब प्रभु के साथ चलते हैं, हमारे जीवनों में कार्यकारी उसकी उपस्थिति और सामर्थ्य की गवाही देते हैं, तो हमारे जीवन व्यर्थ नहीं हैं! हम इसके विषय भरोसा रख सकते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु मसीह के विषय हमारा जीवन और गवाही व्यर्थ नहीं है।

क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। - 2 कुरिन्थियों 4:11

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है।
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे।
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे।
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले।
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तब वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया।
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही?
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है।
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है।
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 9-11
  • मत्ती 15:21-39



बुधवार, 23 जनवरी 2019

भरोसा



      कल्पना कीजिए कि आपको यात्रा पर जाना है, परन्तु अपने साथ कुछ भी नहीं ले जाना है – न बुनियादी आवश्यकताओं की कोई वस्तुएँ, न कपड़े, न पैसा, न क्रेडिट कार्ड, न कुछ और – यह बहुत मूर्खतापूर्ण और भयावह लगता है न?

      परन्तु हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि जब प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को उनकी सर्वप्रथम प्रचार और चंगाई की यात्रा पर भेजा तो उनसे ऐसा ही करने को कहा – “मार्ग के लिए लाठी छोड़ और कुछ नहीं लेना; कोई रोटी नहीं, कोई झोला नहीं, कोई बटुआ या पैसे नहीं, जूतियाँ तो पहन लो परन्तु दो कुरते मत ले जाना” (मरकुस 6:8-9)।

      परन्तु बाद में, जब प्रभु यीशु उन्हें अपने जाने के बाद के प्रचार के लिए तैयार कर रहे थे तो उनसे कहा, “परन्तु अब जिस के पास बटुआ हो वह उसे ले, और वैसे ही झोली भी, और जिस के पास तलवार न हो वह अपने कपड़े बेचकर एक मोल ले” (लूका 22:36)।

      ऐसा क्यों? प्रभु की इस बात का क्या अभिप्राय था? प्रभु अपने शिष्यों को परमेश्वर पर भरोसा रखना सिखा रहे थे।

      बाद में जब प्रभु ने उस पहले यात्रा के संदर्भ में उनसे पूछा, “जब मैं ने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्या तुम को किसी वस्तु की घटी हुई थी?” तो शिष्यों ने उत्तर दिया, “किसी वस्तु की नहीं” (लूका 22:35)। उन शिष्यों के पास परमेश्वर के कार्य को करने के लिए जो कुछ आवश्यक था, सब उपलब्ध हो गया; परमेश्वर ने उन्हें उसका कार्य करने के लिए संपूर्ण सामर्थ्य दी (मरकुस 6:7)।

      क्या हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं? क्या हम उसकी सेवकाई के लिए अपनी ज़िम्मेदारी और योजना की आवश्यकता को समझते हैं? हम भरोसा रखें कि जब हम उसकी इच्छा के अनुसार उसके कार्य को करेंगे तो जो भी आवश्यक होगा, वह उसे हमें उपलब्ध करवाएगा। - पोह फैंग चिया


परमेश्वर की इच्छा, 
जब परमेश्वर के अनुसार पूरी की जाएगी, 
तो उसमें परमेश्वर के प्रावधानों के कभी घटी नहीं होगी
 – हडसन टेलर, चाइना इनलैंड मिशन के संस्थापक

और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों 4:19

बाइबल पाठ: मरकुस 6:7-12
Mark 6:7 और वह बारहों को अपने पास बुलाकर उन्हें दो दो कर के भेजने लगा; और उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया।
Mark 6:8 और उसने उन्हें आज्ञा दी, कि मार्ग के लिये लाठी छोड़ और कुछ न लो; न तो रोटी, न झोली, न पटुके में पैसे।
Mark 6:9 परन्तु जूतियां पहिनो और दो दो कुरते न पहिनो।
Mark 6:10 और उसने उन से कहा; जहां कहीं तुम किसी घर में उतरो तो जब तक वहां से विदा न हो, तब तक उसी में ठहरे रहो।
Mark 6:11 जिस स्थान के लोग तुम्हें ग्रहण न करें, और तुम्हारी न सुनें, वहां से चलते ही अपने तलवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।
Mark 6:12 और उन्होंने जा कर प्रचार किया, कि मन फिराओ।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 7-8
  • मत्ती 15: 1-20



मंगलवार, 22 जनवरी 2019

चेहरा



      एक लेखक के रूप में मेरी अधिकांश जीविका दुःख की समस्या को संबोधित करने में व्यतीत हुई है। मैं बारंबार लौट कर उन्हीं प्रश्नों पर आ जाता हूँ, मानो एक ऐसे घाव को कुरेदता रहता हूँ जो कभी भरने का नहीं। मुझे अपने पाठकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त होती हैं, और उनकी दुखद कहानियाँ मेरी शंकाओं को एक मान्वीय चहरे प्रदान करती हैं। मुझे स्मरण है कि एक युवा पास्टर ने मुझे फोन करके प्रश्न किया, “अब भला मैं अपने युवाओं के समूह के साथ एक प्रेमी परमेश्वर के बारे में कैसे बात कर सकता हूँ?” – उसकी पत्नि और शिशु बच्ची ऐड्स से ग्रसित होकर मर रहे थे क्योंकि उन्हें एड्स से संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया था!

      मैंने सीख लिया है कि इस प्रकार के “क्यूँ?” प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास भी नहीं करूँ। उस पास्टर के पत्नि को वही एक संक्रमित खून की बोतल ही क्यों मिली? क्यों चक्रवाधि तूफ़ान ने एक नगर को तबाह कर दिया और पास के दूसरे नगर की कुछ हानि नहीं हुई? क्यों शारीरिक चंगाई के लिए की गई प्रार्थनाएं निरुत्तरित चली जाती हैं?

      लेकिन एक प्रश्न है जो मुझे अब वैसे परेशान नहीं करता है, जैसे पहले किया करता था – “क्या परमेश्वर को हमारी परवाह है?” मैं इस प्रश्न का केवल एक ही उत्तर जानता हूँ, और वह उत्तर है प्रभु यीशु मसीह। प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर ने हमें वह चेहरा दिया है जिसे देखने से हमें पता चल जाता है कि परमेश्वर इस दुःख से कराहते हुए सँसार की परवाह करता है कि नहीं।

      “क्या परमेश्वर को हमारी प्रवाह है?” हमारे पापों के लिए परमेश्वर के पुत्र की मृत्यु, जिससे अन्तः सारा दुःख, कष्ट, पीड़ा, और मृत्यु भी सदा के लिए समाप्त हो जाएँगी, ही इस प्रश्न का उत्तर है – “इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो” (2 कुरिन्थियों 4: 6)। - फिलिप यैंसी


हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम का विस्तार क्रूस पर मसीह यीशु की फ़ैली हुई बाहों के जितना है।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4: 1-11
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्‍त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्‍धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14: 22-36



सोमवार, 21 जनवरी 2019

भरोसा



      जब मैं कॉलेज में बास्केटबॉल खेला करता था, तो खेल के प्रत्येक समय में मुझे जान-बूझकर निर्णय लेना और निभाना होता था कि मैं खेलने के लिए नियमित रूप से क्रीड़ास्थल तक जाऊँगा, और अपने प्रशिक्षक पर पूरा भरोसा रखते हुए उसके कहे के अनुसार करूँगा और खेलूँगा। यह मेरे स्वयँ के लिए तथा मेरी टीम के लिए भी कदापि लाभप्रद नहीं होता यदि मैं खेल के स्थान पर पहुँचकर कहने लगता, “देखिए प्रशिक्षक महोदय, मैं यहाँ आ गया हूँ और मैं गेंद को बास्केट में डालना, तथा उसे टप्पा खिलाते हुए लेकर भागना तो चाहता हूँ, परन्तु मुझ से दौड़ कर मैदान के चक्कर लगाने, पीछे रहकर रक्षक की भूमिका में खेलने, या पसीना बहाने के लिए मत कहिए!” प्रत्येक सफल खिलाड़ी को अपने प्रशिक्षक पर भरोसा रख कर उसके कहे के अनुसार करना होता है, अपने तथा टीम के भले के लिए।

      इसी प्रकार मसीही विश्वास के जीवन में भी हमें परमेश्वर को समर्पित “जीवित बलिदान” (रोमियों 12:1) बनना होता है। हम अपने उद्धारकर्ता और प्रभु से कहते हैं, “मैं आप पर भरोसा रखता हूँ; आप जो और जैसा चाहेंगे मैं वो और वैसा करूँगा।” हमारे ऐसे समर्पण एवँ आज्ञाकारिता के परिणामस्वरूप वह हमारे मनों को उन बातों पर लगाने में हमारी सहायता और मार्गदर्शन करता है जो उसे पसन्द हैं और हमारे तथा मसीही समाज की भलाई के लिए हैं, और इसके द्वारा हमें अपने स्वरूप में परिवर्तित करता रहता है।

      यह ध्यान रखना हमारे लिए लाभदायक है कि परमेश्वर हमें कभी ऐसे कार्य करने के लिए नहीं बुलाएगा जिनके लिए उसने हमें आवश्यक सामर्थ्य नहीं दे दी है, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित ने रोम के मसीही विश्वासियों को स्मरण करवाया: “और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं...” (पद 6)।

      यह जानते हुए कि हम अपने जीवनों और आवश्यकताओं के लिए परमेश्वर पर पूरा भरोसा रख सकते हैं, हम निश्चिन्त होकर उसकी आज्ञाकारिता में जीवन व्यतीत कर सकते हैं, इस ज्ञान से आश्वस्त कि जिसने हमें रचा है, वही हमारा रक्षक और मार्गदर्शक भी है। - डेव ब्रैनन


निश्चिन्त होकर अपने आप को परमेश्वर के हाथों में छोड़ देने में कोई जोखिम नहीं है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 1-3
  • मत्ती 14: 1-21



रविवार, 20 जनवरी 2019

कृतज्ञता और धन्यवाद



      एक सर्द, जमा देने वाली ठंडी की प्रातः, मैं और मेरी बेटी चलकर स्कूल जा रहे थे, और उस ठण्ड में हम अपने श्वास को भाप में परिवर्तित होता देखकर आनन्दित हो रहे थे। हम भाप के उन छोटे बादलों को बनाने से आनन्दित हो रहे थे, मेरे लिए वे पल एक उपहार के समान थे, जब मैं अपनी बेटी की संगति में आनदित हो सकती थी, जीवित अनुभव कर सकती थी।

      हमारी श्वास जो सामान्यतः अदृश्य रहती है, हवा के ठन्डे होने के कारण दिखाई दे रही थी, और इससे मैं अपने जीवन और श्वास के स्त्रोत – हमारे सृष्टिकर्ता प्रभु के बारे में सोचने लगी। उसी ने आदम को धरती की मिट्टी से बनाया और उसमें जीवन का श्वास फूंका, और वही है जो हमें तथा सभी जीवित प्राणियों को जीवन का दान देता है (उत्पत्ति 2:7)। सभी वस्तुएँ उस ही से आती हैं, हमारी श्वास भी, जिसे अन्दर-बाहर लेते हुए हम उसके बारे में सोचते भी नहीं हैं।

      हम आज की तकनीकियों और सुविधाओं में होकर अपने आरंभ को तथा इस तथ्य को कि परमेश्वर ही है जो हमें जीवन देता है, भूल सकते हैं। परन्तु जब हम थोड़ा थम कर यह स्मरण करते हैं कि परमेश्वर ही हमारा सृष्टिकर्ता है, तो हम उसके प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी बन सकते हैं। हम उससे अपने जीवन एवं कार्यों के लिए सहायता माँग सकते हैं, और कृतज्ञ तथा धन्यवादी हृदयों के साथ उससे मिलने वाली सहायता, कृपा और सुरक्षा के लिए उसकी आराधना कर सकते हैं। हमारा यह कृतज्ञ एवँ धन्यवादी होना औरों को भी छू सकता है, और उन्हें भी इन बातों के प्रति सजग करके, उनके मनों से भी कृतज्ञता एवँ धन्यवाद के साथ परमेश्वर की आराधना और स्तुति करवा सकता है। - एमी बाउचर पाई


अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी रहो, 
जिससे जीवन और सभी आशीषें मिलती हैं।

इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। - 1 तिमुथियुस 6:17

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:4-8
Genesis 2:4 आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया:
Genesis 2:5 तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था;
Genesis 2:6 तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 49-50
  • मत्ती 13:31-58



शनिवार, 19 जनवरी 2019

खज़ाना



      मार्च 1974 में चीन में कुछ किसानों द्वारा कूँआ खोदते समय एक चौंका देने वाली खोज हुई: मध्य चीन की उस सूखी भूमि में चीन की प्रसिद्ध टेराकोटा सेना छुपी हुई थी – मिट्टी की आदम-कद मूर्तियाँ जिन्हें आग में पका कर मजबूत किया गया था, और जो ईसा-पूर्व तीसरी शताब्दी में बनाई गई थीं। उस अद्भुत खोज में 8000 सैनिकों, 150 अश्वरोही सेना, 130 रथ, जिन्हें 520 घोड़े खींच रहे थे पाए गए। वह टेराकोटा सेना चीन के प्रमुख सैलानी स्थलों में से एक बन गई है, जहाँ दस लाख से भी अधिक सैलानी प्रति वर्ष आते हैं। वह अद्भुत खज़ाना शताब्दियों तक छिपा पड़ा रहा, परन्तु अब उसे सँसार के साथ साझा किया जा रहा है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा, कि हम मसीही अनुयायियों में एक खज़ाना उपलब्ध करवाया गया है, जिसे हमें संसार के साथ बाँटना है: “परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे” (2 कुरिन्थियों 4:7)। हमारे अन्दर रखा गया वह खज़ाना मसीह यीशु के प्रेम और उसमें सँसार के प्रत्येक व्यक्ति को मिल सकने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार का सन्देश है।

      इस खजाने को हमें छिपा कर नहीं रखना है वरन इसे सँसार के साथ बाँटना है जिससे परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह में होकर सँसार के प्रत्येक स्थान के लोग परमेश्वर के परिवार में सम्मिलित हो सकें। आज, हम मसीही विश्वासियों में निवास करने वाली परमेश्वर की पवित्र आत्मा की सहायता से, इस अद्भुत खजाने को किसी के साथ बाँटें। - बिल क्राउडर


औरों को मसीही जीवन की अपनी गवाही को देखने और सुनने दें।

और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:15-16

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4: 1-7
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्‍त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्‍धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 46-48
  • मत्ती 13:1-30