ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 5 जनवरी 2013

जयवन्त


   अफ्रीका के एक देश कीनिया में वन्य प्राणीयों के लिए सुरक्षित इलाके मसाई मारा में आराम से लेटे या टहलते शेर देखने में बिलकुल अहानिकारक लग रहे थे। वे झाड़ियों में लेटे हुए थे, उनमें से कोई बड़ी निशचिंतता से नीची टहनियों से अपना मुख रगड़ रहे थे, मानो अपने बाल संवार रहे हों; कोई पास बहती एक जल-धारा से पानी पी रहा था। वे घास और झाड़ियों के उस क्षेत्र में इतमिनान से विचरण कर रहे थे, मानो उनके पास समय की कोई कमी नहीं और ना ही किसी बात कि चिंता। उनके दाँत मुझे केवल एक ही बार दिखाई दिए, जब उनमें से एक ने जम्हाई लेने के लिए अपना मुँह खोला।

   परन्तु उनका यह शाँत रूप भ्रामक है। उनके इस प्रकार निश्चिंत दिखने का कारण है कि ना तो उन्हें किसी का कोई भय है और ना ही भोजन कि कमी और ना ही किसी परभक्षी से कोई खतरा। वे सुस्त और बेपरवाह दिखते तो हैं परन्तु वास्तव में वे सबसे ताकतवर और खूँखार होते हैं। उनकी एक दहाड़ से ही बाकी सभी जानवर अपनी जान बचाने भाग निकलते हैं।

   कभी कभी लोगों को लगता है कि परमेश्वर भी सुस्ता रहा है, बेपरवाह हो गया है। क्योंकि हम उसे काम करते हुए नहीं देख सकते इसलिए हम सोचते हैं कि वह कुछ नहीं कर रहा है। हम लोगों को उसका ठट्ठा करते हुए सुनते हैं, उसके अस्तित्व को नकारते हुए देखते हैं और हम आश्चर्यपूर्वक सोचते हैं कि ऐसों से परमेश्वर अपना बचाव क्यों नहीं करता? किंतु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि "फिर यहोवा ने मुझ से यों कहा, जिस प्रकार सिंह वा जवान सिंह जब अपने अहेर पर गुर्राता हो, और चरवाहे इकट्ठे हो कर उसके विरुद्ध बड़ी भीड़ लगाएं, तौभी वह उनके बोल से न घबराएगा और न उनके कोलाहल के कारण दबेगा, उसी प्रकार सेनाओं का यहोवा, सिय्योन पर्वत और यरूशलेम की पहाड़ी पर, युद्ध करने को उतरेगा" (यशायाह ३१:४)। उसे किसी से कोई भय नहीं है; उसकी एक गरजन उसके सारे निंदकों को तितर-बितर कर देगी।

   यदि आप सोचते हैं कि आपके समान ही परमेश्वर भी विचलित क्यों नहीं होता और कुछ करता क्यों नहीं, तो यह इसलिए कि वह अभी सबको अवसर देना चाहता है कि वे अपने पापों से पश्चाताप करें और उसके प्रेम और अनुग्रह को अनुभव करें, ना कि उस के न्याय के भागी हों। सृष्टि का संचालन और सृष्टि की हर बात उसके नियंत्रण में है; उसे ना किसी का भय है और ना कोई उस पर हावी हो सकता है। परमेश्वर प्रभु यीशु जयवन्त है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब समस्त सृष्टि परमेश्वर के नियंत्रण में है तो हमें संसार से भयवन्त क्यों होना?

जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है। - फिलिप्पियों २:१०-११

बाइबल पाठ: यशायाह ३१:१-५
Isa 31:1  हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर, क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं!
Isa 31:2  परन्तु वह भी बुद्धिमान है और दु:ख देगा, वह अपने वचन न टालेगा, परन्तु उठ कर कुकमिर्यों के घराने पर और अनर्थकारियों के सहायकों पर भी चढ़ाई करेगा।
Isa 31:3  मिस्री लोग ईश्वर नहीं, मनुष्य ही हैं; और उनके घोड़े आत्मा नहीं, मांस ही हैं। जब यहोवा हाथ बढ़ाएगा, तब सहायता करने वाले और सहायता चाहने वाले दोनों ठोकर खाकर गिरेंगे, और वे सब के सब एक संग नष्ट हो जाएंगे।
Isa 31:4  फिर यहोवा ने मुझ से यों कहा, जिस प्रकार सिंह वा जवान सिंह जब अपने अहेर पर गुर्राता हो, और चरवाहे इकट्ठे हो कर उसके विरुद्ध बड़ी भीड़ लगाएं, तौभी वह उनके बोल से न घबराएगा और न उनके कोलाहल के कारण दबेगा, उसी प्रकार सेनाओं का यहोवा, सिय्योन पर्वत और यरूशलेम की पहाड़ी पर, युद्ध करने को उतरेगा।
Isa 31:5  पंख फैलाई हुई चिडिय़ों की नाईं सेनाओं का यहोवा यरूशलेम की रक्षा करेगा; वह उसकी रक्षा कर के बचाएगा, और उसको बिन छूए ही उद्धार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति १३-१५ 
  • मत्ती ५:१-२६

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें