अपने मसीही विश्वास में कमज़ोर पड़कर यदि हम से कोई ऐसा कार्य हो जाए जिससे हमारे परिवार और मित्र जनों में परमेश्वर का नाम और राज्य निन्दित हो, तो इस परिस्थिति का सामना हमें कैसे करना चाहिए?
परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा दाऊद का एक ऐसा ही उदाहरण है जिससे हम इस विषय पर शिक्षा ले सकते हैं। दाऊद अपने एक वफादार सैनिक ऊरिय्याह की पत्नि बतशेबा के साथ व्यभिचार में पड़ा, जिससे बतशेबा गर्भवती हुई। अपने पाप को छिपाने के लिए दाऊद ने ऊरिय्याह को छल से युद्ध भूमि में मरवा दिया। उसकी इस बात के लिए परमेश्वर ने अपने नबी नातान द्वारा दाऊद के पास अपनी नाराज़गी का सन्देश भेजा और कहा कि दाऊद को अपने इस पाप का प्रतिफल भोगना पड़ेगा। उस पाप के दर्दनाक परिणामों से तो दाऊद बच तो नहीं सका, लेकिन उसने परमेश्वर से अपने संबंध को टूटने भी नहीं दिया और वह लौट कर फिर परमेश्वर की संगति में आ सका, परमेश्वर के लिए फिर से उपयोगी हो सका। दाऊद के समान ही हम भी ऐसा कर सकते हैं।
बाइबल के 2 शमूएल 12:13-23 में दिया गया राजा दाऊद के पुनःस्थापन का नमूना आज हमारे लिए भी परमेश्वर की संगति में लौट आने का मार्ग दिखाता है। पाप से मिली पराजय से आगे बढ़कर फिर से परमेश्वर की संगति और आशीषों में लौटने के लिए सबसे पहला कार्य है खुलकर अपने दोष का अंगीकार कर लेना (पद 13) और उसके लिए परमेश्वर से क्षमा माँगना तथा परमेश्वर से प्रार्थना करना कि हमारे पापों के दुषप्रभावों से अन्य संबंधित लोग बचे रहें (पद 16)। फिर यह पहचानना कि उन पापों के प्रतिफलों से बच पाना सदा ही संभव नहीं होता, और उन दुषपरिणामों को धैर्य पूर्वक सहन करना, उनके लिए परमेश्वर से प्रार्थना करते रहना। हम उन दुषपरिणामों के लिए दुखी हो सकते हैं, शोक कर सकते हैं लेकिन परमेश्वर पर अपना भरोसा सदा बनाए रहें। उन दुषपरिणामों को अपने ऊपर इतना हावी भी ना होने दें कि हम परमेश्वर से कट जाएं; सदा परमेश्वर से प्रार्थना का भाव बनाए रखें और यह परमेश्वर से संबंध को जोड़े रहेगा, शांति के मार्ग को खुला रखेगा (पद 20-23)।
शैतान ना केवल हमें पाप में गिराने और फंसाने से प्रसन्न होता है वरन हमें आत्मिक तौर से निषक्रीय करने और पछतावे में निढाल होकर बैठे रहने तथा व्यर्थ हाथ मलते रहने से भी उसे आनन्द मिलता है। परमेश्वर हमें दुख और पछतावे में बैठे देख कर आनन्दित नहीं होता; वह आनन्दित होता है उस पछतावे और दुख में उससे पाप की क्षमा माँग कर हमारे आगे बढ़ने और उसकी भलाई तथा प्रेम पर विश्वास रख कर फिर से उसके लिए कार्यकारी होने से। उसका प्रेम हमारे लिए कभी कम नहीं होता, उसके मार्ग सदा अपने बच्चों के लिए खुले रहते हैं और वह उनके लौट आने की सदा प्रतीक्षा करता है तथा लौटने वालों का स्वागत आनन्द और आदर से करता है (लूका 15:11-24)।
यदि हमने अपनी मसीही जीवन की गवाही बिगाड़ ली है तो उसके लिए पश्चातापी और दीन होना आवश्यक है; लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं कि हम बिलकुल चुपचाप होकर, संसार और लोगों से छुप कर बैठ जाएं। ऐसा करने से उस पाप के दुषपरिणाम हम पर और भी हावी होंगे। पाप के लिए क्षमा याचना के साथ परमेश्वर का हाथ फिर से थाम कर आगे बढ़ें; यही पराजय से आगे बढ़ने की कुंजी है। - रैंडी किलगोर
परमेश्वर हमारे पापों को क्षमा करके सदा ही हमें अपनी संगति तथा कार्य में फिर से स्थापित रखना चाहता है।
मैं वही हूं जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूं और तेरे पापों को स्मरण न करूंगा। - (यशायाह 43:25)
बाइबल पाठ: 2 शमूएल 12:1-23
2 Samuel 12:1 तब यहोवा ने दाऊद के पास नातान को भेजा, और वह उसके पास जा कर कहने लगा, एक नगर में दो मनुष्य रहते थे, जिन में से एक धनी और एक निर्धन था।
2 Samuel 12:2 धनी के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे;
2 Samuel 12:3 परन्तु निर्धन के पास भेड़ की एक छोटी बच्ची को छोड़ और कुछ भी न था, और उसको उसने मोल ले कर जिलाया था। और वह उसके यहां उसके बाल-बच्चों के साथ ही बढ़ी थी; वह उसके टुकड़े में से खाती, और उसके कटोरे में से पीती, और उसकी गोद मे सोती थी, और वह उसकी बेटी के समान थी।
2 Samuel 12:4 और धनी के पास एक बटोही आया, और उसने उस बटोही के लिये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाने को अपनी भेड़-बकरियों वा गाय बैलों में से कुछ न लिया, परन्तु उस निर्धन मनुष्य की भेड़ की बच्ची ले कर उस जन के लिये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाया।
2 Samuel 12:5 तब दाऊद का कोप उस मनुष्य पर बहुत भड़का; और उसने नातान से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, जिस मनुष्य ने ऐसा काम किया वह प्राण दण्ड के योग्य है;
2 Samuel 12:6 और उसको वह भेड़ की बच्ची का चौगुणा भर देना होगा, क्योंकि उसने ऐसा काम किया, और कुछ दया नहीं की।
2 Samuel 12:7 तब नातान ने दाऊद से कहा, तू ही वह मनुष्य है। इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तेरा अभिषेक करा के तुझे इस्राएल का राजा ठहराया, और मैं ने तुझे शाऊल के हाथ से बचाया;
2 Samuel 12:8 फिर मैं ने तेरे स्वामी का भवन तुझे दिया, और तेरे स्वामी की पत्नियां तेरे भोग के लिये दीं; और मैं ने इस्राएल और यहूदा का घराना तुझे दिया था; और यदि यह थोड़ा था, तो मैं तुझे और भी बहुत कुछ देने वाला था।
2 Samuel 12:9 तू ने यहोवा की आज्ञा तुच्छ जान कर क्यों वह काम किया, जो उसकी दृष्टि में बुरा है? हित्ती ऊरिय्याह को तू ने तलवार से घात किया, और उसकी पत्नी को अपनी कर लिया है, और ऊरिय्याह को अम्मोनियों की तलवार से मरवा डाला है।
2 Samuel 12:10 इसलिये अब तलवार तेरे घर से कभी दूर न होगी, क्योंकि तू ने मुझे तुच्छ जानकर हित्ती ऊरिय्याह की पत्नी को अपनी पत्नी कर लिया है।
2 Samuel 12:11 यहोवा यों कहता है, कि सुन, मैं तेरे घर में से विपत्ति उठा कर तुझ पर डालूंगा; और तेरी पत्नियों को तेरे साम्हने ले कर दूसरे को दूंगा, और वह दिन दुपहरी में तेरी पत्नियों से कुकर्म करेगा।
2 Samuel 12:12 तू ने तो वह काम छिपाकर किया; पर मैं यह काम सब इस्राएलियों के साम्हने दिन दुपहरी कराऊंगा।
2 Samuel 12:13 तब दाऊद ने नातान से कहा, मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। नातान ने दाऊद से कहा, यहोवा ने तेरे पाप को दूर किया है; तू न मरेगा।
2 Samuel 12:14 तौभी तू ने जो इस काम के द्वारा यहोवा के शत्रुओं को तिरस्कार करने का बड़ा अवसर दिया है, इस कारण तेरा जो बेटा उत्पन्न हुआ है वह अवश्य ही मरेगा।
2 Samuel 12:15 तब नातान अपने घर चला गया। और जो बच्चा ऊरिय्याह की पत्नी से दाऊद के द्वारा उत्पन्न था, वह यहोवा का मारा बहुत रोगी हो गया।
2 Samuel 12:16 और दाऊद उस लड़के के लिये परमेश्वर से बिनती करने लगा; और उपवास किया, और भीतर जा कर रात भर भूमि पर पड़ा रहा।
2 Samuel 12:17 तब उसके घराने के पुरनिये उठ कर उसे भूमि पर से उठाने के लिये उसके पास गए; परन्तु उसने न चाहा, और उनके संग रोटी न खाई।
2 Samuel 12:18 सातवें दिन बच्चा मर गया, और दाऊद के कर्मचारी उसको बच्चे के मरने का समाचार देने से डरे; उन्होंने तो कहा था, कि जब तक बच्चा जीवित रहा, तब तक उसने हमारे समझाने पर मन न लगाया; यदि हम उसको बच्चे के मर जाने का हाल सुनाएं तो वह बहुत ही अधिक दु:खी होगा।
2 Samuel 12:19 अपने कर्मचारियों को आपस में फुसफुसाते देखकर दाऊद ने जान लिया कि बच्चा मर गया; तो दाऊद ने अपने कर्मचारियों से पूछा, क्या बच्चा मर गया? उन्होंने कहा, हां, मर गया है।
2 Samuel 12:20 तब दाऊद भूमि पर से उठा, और नहाकर तेल लगाया, और वस्त्र बदला; तब यहोवा के भवन में जा कर दण्डवत् की; फिर अपने भवन में आया; और उसकी आज्ञा पर रोटी उसको परोसी गई, और उसने भोजन किया।
2 Samuel 12:21 तब उसके कर्मचारियों ने उस से पूछा, तू ने यह क्या काम किया है? जब तक बच्चा जीवित रहा, तब तक तू उपवास करता हुआ रोता रहा; परन्तु ज्योंही बच्चा मर गया, त्योंही तू उठ कर भोजन करने लगा।
2 Samuel 12:22 उसने उत्तर दिया, कि जब तक बच्चा जीवित रहा तब तक तो मैं यह सोच कर उपवास करता और रोता रहा, कि क्या जाने यहोवा मुझ पर ऐसा अनुग्रह करे कि बच्चा जीवित रहे।
2 Samuel 12:23 परन्तु अब वह मर गया, फिर मैं उपवास क्यों करूं? क्या मैं उसे लौटा ला सकता हूं? मैं तो उसके पास जाऊंगा, परन्तु वह मेरे पास लौट न आएगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 शमूएल 12-13
- लूका 16
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