संभवतः यह वह शब्द नहीं है जिसे हम अपने लिए प्रयोग करेंगे, लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्रेरित पौलुस अकसर मसीही विश्वासियों को "पवित्र" कहकर संबोधित करता है (इफिसियों 1:1; कुलुस्सियों 1:2)। क्या वह उन्हें ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि वे सिद्ध थे? नहीं! ये लोग भी अन्य मनुष्यों के समान ही थे, पापी थे। तो फिर पौलुस का उनके लिए यह शब्द प्रयोग करने के पीछे क्या तात्पर्य था? मूल भाषा में, जिसमें बाइबल का नया नियम खंड लिखा गया, "पवित्र" शब्द का अर्थ था वह व्यक्ति जो परमेश्वर के लिए पृथक किया गया है। यह शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग हुआ है जिनका मसीह यीशु के साथ आत्मिक जोड़ बन गया है (इफिसियों 1:3-6)। यह शब्द मसीह यीशु के विश्वासियों का (रोमियों 8:27) तथा उन लोगों का पर्यायवाची है जिनसे मिलकर मसीही मण्डली बनती है (प्रेरितों 9:32)।
पवित्र लोगों की यह ज़िम्मेदारी है कि वे उन में निवास करने वाले परमेश्वर के पवित्र आत्मा की सामर्थ, सहायता और मार्गदर्शन द्वारा अपनी बुलाहट के योग्य जीवन व्यतीत करें। अर्थात, अब उनके अन्दर संसार के लोगों से अलग कुछ नए लक्षण पाए जानें हैं: एक दूसरे की सेवा करना (रोमियों 16:2); नम्रता, दीनता, धीरज, प्रेम, मेल के बन्धन में परस्पर आत्मा की एकमनता (इफिसियों 4:1-3), कठिनाईयों और क्लेषों में भी परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता (प्रकाशितवाक्य 13:10; 14:12)। साथ ही पवित्र लोगों में व्यभिचार और मूढ़ता की बातचीत और अन्य ऐसी कोई बात भी नहीं पाई जानी चाहिए (इफिसियों 5:3-4)। बाइबल के पुराने नियम खंड में भजनकार ने पवित्र लोगों के विषय कहा है: "पवित्र लोग...उन्हीं से मैं प्रसन्न रहता हूँ" (भजन 16:3)।
प्रभु यीशु के साथ हमारा मेल हमें मसीही विश्वासी अर्थात "पवित्र" उप-नाम देता है लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल के प्रति, पवित्र आत्मा की सामर्थ, सहायता और मार्गदर्शन द्वारा हमारी आज्ञाकारिता, हमें पवित्रता का स्वभाव देती है। - मार्विन विलियम्स
पवित्र वे लोग हैं जिनमें होकर परमेश्वर की ज्योति चमकती है।
मसीह में उन पवित्र और विश्वासी भाइयों के नाम जो कुलुस्से में रहते हैं। हमारे पिता परमेश्वर की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति प्राप्त होती रहे। - कुलुस्सियों 1:2
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:1-17
Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ।
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।
Colossians 3:5 इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
Colossians 3:6 इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है।
Colossians 3:7 और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्हीं के अनुसार चलते थे।
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो।
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है।
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है।
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।
Colossians 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
एक साल में बाइबल:
- भजन 107-109
- 1 कुरिन्थियों 4
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