स्वीडेन की नौसेना के इतिहास में 10 अगस्त 1628 एक काला दिवस है। उस दिन स्वीडेन की शाही नौसेना का युद्धपोत ’वासा’ अपनी प्रथम जलयात्रा पर निकला था। इस युद्धपोत को बनाने में दो वर्ष का समय लगा था, उसे बहुत खर्च करके अनेकों प्रकार से सजाया गया था, आकर्षक बनाया गया था और उसमें 64 तोपें लगाई गईं थीं। स्वीडेन की नौसेना के स्वाभिमान का यह प्रतीक, यात्रा आरंभ करने के कुछ ही देर बाद, समुद्र में केवल एक मील जाकर ही डूब गया! ऐसा क्यों हुआ? वासा अपनी सजावट और उसके अन्दर विद्यमान वस्तुओं के कारण इतना बोझिल हो गया था कि वह समुद्र में तैरते रहने के लायक नहीं रह गया था; उसके अन्दर के बोझ ने ही उसे डुबो दिया।
मसीही विश्वास का जीवन भी इसी प्रकार अनेकों व्यर्थ बातों से बोझिल होकर अपने उद्देश्य के लिए अयोग्य हो जाता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों की पत्री का लेखक, आत्मिक जीवन यात्रा को भली-भांति पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए लिखता है: "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों 12:1-2)।
उस युद्धपोत के समान ही हम बाहर से बहुत आकर्षक हो सकते हैं, अनेकों दिखाई देने वाली बातों के कारण लोगों को बहुत अच्छे प्रतीत हो सकते हैं। परन्तु यदि हमारे अन्दर उन पापों का बोझ बना हुआ है जिन्हें हमने प्रभु परमेश्वर के सामने स्वीकार करके उनके लिए पश्चताप नहीं किया है, उससे क्षमा नहीं माँगी है या जिन्हें अभी तक छोड़ा नहीं है; या फिर किसी ऐसी आदत अथवा लालसा के बोझ से दबे हुए हैं जो हम जानते हैं कि हमारे लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार नहीं है, तो इन बातों से हमारा मसीही विश्वास का जीवन अशान्त एवं परमेश्वर के लिए अनुपयोगी हो जाएगा। परन्तु इन बातों का समाधान है - परमेश्वर के मार्गदर्शन तथा उसके पवित्र-आत्मा की सामर्थ से, हमारे ये बोझ हलके किए जा सकते हैं, और हमारे जीवन परमेश्वर की शान्ति, आनन्द और आशीषों के साथ हलके और उपयोगी बनाए जा सकते हैं।
क्या आप अभी भी बोझिल जीवन जी रहे हैं? अपने बोझों को प्रभु यीशु को सौंप दें; क्योंकि प्रभु यीशु मसीह में सबके लिए क्षमा और अनुग्रह सदा उपलब्ध रहता है: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है" (मत्ती 11:28-30)। - डेनिस फिशर
दृढ़ निर्णय में दृढ़ "नहीं" का भी उतना ही योगदान है जितना दृढ़ "हाँ" का।
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9
बाइबल पाठ: इब्रानियों 12:1-5
Hebrews 12:1 इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
Hebrews 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
Hebrews 12:3 इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो।
Hebrews 12:4 तुम ने पाप से लड़ते हुए उस से ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो।
Hebrews 12:5 और तुम उस उपदेश को जो तुम को पुत्रों की नाईं दिया जाता है, भूल गए हो, कि हे मेरे पुत्र, प्रभु की ताड़ना को हलकी बात न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो हियाव न छोड़।
एक साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 26-27
- मरकुस 2
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