हम
हमारे घर के निकट एक नदी के किनारे पैदल घूमने के लिए अपने पड़ौसियों के साथ निकले
थे। एक युवक एलन ने पूछा, “क्या मार्ग में हमें साँप भी मिलेंगे?” मैंने उत्तर
दिया, “अभी तक तो हमें कभी भी नहीं मिले हैं; परन्तु संभावना तो है! इसलिए चलो हम
परमेश्वर से प्रार्थना करके ही आगे चलते हैं कि वह हमें सुरक्षित रखे।” हम रुके,
हमने प्रार्थना की, और फिर आगे चलने लगे। कुछ ही मिनिट चलने के बाद अचानक ही मेरी
पत्नि कैरी ने अपने कदम रोके और वह पीछे हट गई। वहाँ मार्ग पर एक ज़हरीला साँप
कुंडली मारे पड़ा था उर कैरी का पाँव उस पर पड़ने ही वाला था। हम वहीं रुक गए, और वह
साँप मार्ग से हटकर चला गया। हमने फिर से रुक कर परमेश्वर का धन्यवाद किया कि किसी
को कोई हानि नहीं हुई। मेरा विश्वास है कि एलन के प्रश्न द्वारा परमेश्वर ने हमें
सचेत किया था कि हम इस घटना के लिए तैयार हो जाएँ, परमेश्वर से सामर्थ्य प्राप्त
कर लें, और हमारा प्रार्थना करना उस पर हमारे निर्भर होने के द्वारा सुरक्षित हो
जाने का एक भाग था।
उस
संध्या को हमारा खतरे का सामना करना, मेरे मन में परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे दाऊद
के वचनों : “यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके
दर्शन के लिये लगातार खोज करो” (1 इतिहास 16:11) के
महत्व को प्रत्यक्ष करता है। दाऊद द्वारा कही गई यह बात उस भजन का एक भाग है जो
उसने वाचा के सन्दूक के यरूशलेम लाए जाने के समय कहा था। उसके इस भजन में परमेश्वर
की, उसके लोगों के प्रति विश्वासयोग्यता का वर्णन किया गया है – उनका इतिहास गवाह
है कि जब-जब भी परमेश्वर के लोग संघर्षों में आए हैं, परमेश्वर उनके प्रति
विश्वासयोग्य रहा है। इसलिए दाऊद कहता है कि वे लोग सदा परमेश्वर की स्तुति करें,
और उसे पुकारते रहें (पद 35)।
परमेश्वर
के दर्शन के लिए उसके खोजी होने का क्या अर्थ है? इसका अर्थ होता है कि जीवन के
सर्वाधिक साधारण प्रतीत होने वाले पलों में भी हम अपने मन उसकी ओर लगाएँ। हो सकता है
कि हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर उससे भिन्न हो जैसी हमने अपेक्षा की थी, परन्तु जो
भी हो परमेश्वर सदा ही विश्वासयोग्य रहता है। हमारा अच्छा चरवाहा हमारा मार्गदर्शन
करेगा और हमें अपनी करुणा, सामर्थ्य, और प्रेम में बनाए रखेगा। हम सदा उस पर निर्भर
बने रह सकते हैं। - जेम्स बैंक्स
प्रार्थना सामर्थ्य प्रदान करती है कि
मूर्छित हुए बिना चलते रहें। - ओसवौल्ड चेंबर्स
प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उस में जागृत रहो। - कुलुस्सियों 4:2
बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:11-18, 28-36
1 Chronicles 16:11
यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके दर्शन के लिये लगातार
खोज करो।
1 Chronicles 16:12
उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण
करो।
1 Chronicles 16:13
हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके
चुने हुए हो!
1 Chronicles 16:14
वही हमारा परमेश्वर यहोवा है, उसके न्याय के काम पृथ्वी भर
में होते हैं।
1 Chronicles 16:15
उसकी वाचा को सदा स्मरण रखो, यह वही वचन है जो उसने हजार
पीढिय़ों के लिये ठहरा दिया।
1 Chronicles 16:16
वह वाचा उसने इब्राहीम के साथ बान्धी, उौर उसी के विषय उसने
इसहाक से शपथ खाई,
1 Chronicles 16:17
और उसी को उसने याकूब के लिये विधि कर के और इस्राएल के लिये सदा की वाचा बान्ध कर
यह कह कर दृढ़ किया, कि
1 Chronicles 16:18
मैं कनान देश तुझी को दूंगा, वह बांट में तुम्हारा निज भाग
होगा।
1 Chronicles 16:28
हे देश देश के कुलों, यहोवा का गुणानुवाद करो, ।
1 Chronicles 16:29
यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के
योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान
हो कर यहोवा को दण्डवत करो।
1 Chronicles 16:30
हे सारी पृथ्वी के लोगो उसके साम्हने थरथराओ! जगत ऐसा स्थिर है, कि वह टलने का नहीं।
1 Chronicles 16:31
आकाश आनन्द करे और पृथ्वी मगन हो, और जाति जाति में लोग कहें,
कि यहोवा राजा हुआ है।
1 Chronicles 16:32
समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें, मैदान और जो कुछ
उस में है सो प्रफुल्लित हों।
1 Chronicles 16:33
उसी समय वन के वृक्ष यहोवा के साम्हने जयजयकार करें, क्योंकि
वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है।
1 Chronicles 16:34
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; उसकी करुणा सदा की है।
1 Chronicles 16:35
और यह कहो, कि हे हमारे उद्धार करने वाले परमेश्वर हमारा
उद्धार कर, और हम को इकट्ठा कर के अन्यजातियों से छुड़ा,
कि हम तेरे पवित्र नाम का धन्यवाद करें, और
तेरी स्तुति करते हुए तेरे विषय बड़ाई करें।
1 Chronicles 16:36
अनादिकाल से अनन्तकाल तक इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है। तब सब प्रजा ने आमीन
कहा: और यहोवा की स्तुति की।
एक साल में बाइबल:
- भजन 143-145
- 1 कुरिन्थियों 14:21-40
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