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शनिवार, 31 दिसंबर 2011

प्रेर्णादायक आशा

   महान उपदेशक F. B. Meyer ने एक दफा प्रसिद्ध सुसमाचार प्रचारक मूडी से प्रश्न किया, "आपके इतना सफल प्रचारक होने का रहस्य क्या है?" मूडी ने उत्तर दिया, "पिछले कई वर्षों से मैंने कभी कोई प्रचार नहीं किया अथवा सन्देश नहीं दिया, जिसको देते वक्त मुझे यह एहसास न रहा हो कि प्रभु का आगमन कभी भी हो सकता है, मेरे यह सन्देश समाप्त करने से पहले भी।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल की सबसे अधिक प्रेर्णादायक शिक्षाओं में से एक है प्रभु यीशु के पृथ्वी पर पुनःआगमन की शिक्षा। जब परमेश्वर बाइबल के अपने दिव्य प्रकाशन के अन्त पर आए, तो उन्होंने इस विष्य की ओर ध्यान खींचा, स्वयं प्रभु यीशु के शब्दों में, "जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" (प्रकाशितवाक्य २२:२०)।

   हमारे प्रभु के ये शब्द हमें स्मरण दिलाते हैं कि हमें अपने साथ ले जाने के लिए वह आने वाला है। जब परमेश्वर इस आशवासन पर इतना ज़ोर दे कर अपने वचन के प्रकाशन का अन्त करता है, तो हमें उस के इस वायदे की आशा को सदा अपने मन में बनाए रखना चाहिए। इस लालसा से कि हम अपने उद्धारकर्ता को देखेंगे, उस के समान हो जाएंगे और उस के साथ अनन्त काल तक रहेंगे, हमें प्रेर्णा मिलनी चाहिए कि हम अपने प्रभु की सेवाकाई में तत्पर और कार्यरत रहें जैसे मूडी रहते थे।

   इस पापमय संसार में हमारे लिए यह बहुत सरल होता है कि अपने आस-पास की परिस्थितियों और संसार की घटनाओं से निराश हो कर हम अपनी स्वर्गीय दृष्टी को कमज़ोर हो जाने दें और अपनी इस आशा पर से ध्यान हटा लें। किंतु हर परिस्थिति में, मसीह के दूसरे आगमन और उससे मिलन की आशा निरंतर प्रत्येक मसीही विश्वासी के मन में जलती रहनी चाहिए। प्रेरित पौलुस ने भी इस संबंध में लिखा, "पर हमारा स्‍वदेश स्‍वर्ग पर है; और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने की बाट जोह रहे हैं। वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्‍तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदल कर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिलिप्पियों ३:२०, २१)।

   उसके वचन के अन्त में लिखे गए प्रभु यीशु मसीह के ये शब्द, "हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" हमें हर परिस्थिति में अपने विश्वास की आशा को बनाए रखने और अपने विश्वास के अनुरूप जीवन व्यतीत करने में प्रेर्णादायक हैं। - पौल वैन गोर्डर


हमारी महिमा की आशा हमें पवित्रता की आवश्यक्ता का स्मरण दिलाती रहती है।

जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। - प्रकाशितवाक्य २२:२०
 
बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य २२:१२-२१
Rev 22:12  देख, मैं शीघ्र आने वाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है।
Rev 22:13  मैं अलफा और ओमिगा, पहिला और पिछला, आदि और अन्‍त हूं।
Rev 22:14  धन्य वे हैं, जो अपने वस्‍त्र धो लेते हैं, क्‍योंकि उन्‍हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
Rev 22:15  पर कुत्ते, और टोन्‍हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूतिर्पूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा।
Rev 22:16  मुझ यीशु ने अपने स्‍वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे: मैं दाऊद का मूल, और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूं।
Rev 22:17  और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।
Rev 22:18  मैं हर एक को जो इस पुस्‍तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्‍तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा।
Rev 22:19  और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्‍तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्‍तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
Rev 22:20  जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ।
Rev 22:21  प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 
  • प्रकाशितवाक्य २२

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

उलटी गिनती

   सन १९८१ के उस रविवार के दिन करोड़ों अमेरिकी उस अंतरिक्ष वायुयान कोलंबिया की अंतरिक्ष यात्रा आरंभ होने की प्रतीक्षा कर रहे थे; उन की आशाएं उस की सफल उड़ान पर टिकी थीं। फ्लौरिडा के कैनिडी अंत्रिक्ष केंद्र में ८०,००० से अधिक लोग जमा हो गए थे कि राष्ट्र के प्रथम अंतरिक्ष वायुयान की उड़ान को देख सकें; हज़ारों लोग वहाँ के आस-पास की सड़कों के किनारे खड़े उस उड़ान के आरंभ को देखने की प्रतीक्षा में थे। अनगिनित लोग टेलिविज़न पर इस दृश्य को देख रहे थे। जब उड़ान की उलटी गिनती अपने अंतिम १० सेकेंड पर पहुँची तो सारा राष्ट्र एक साथ वह गिनती बोलने लगा। और फिर देखते ही देखते वह विशाल उड़ान यान सीधा ऊपर उठना आरंभ हो गया। उस से निकली नारंगी लपटों और भाप तथा धुएं ने उड़ान स्थल को घेर लिया, तेज़ गर्जन की आवाज़ और भारी कंपन वातावरण पर छा गए; वह सब कुछ अविस्मरणीय था। लंबे समय से इस उड़ान की प्रतीक्षा थी क्योंकि अंतरिक्ष खोज का भविष्य इसकी सफलता पर निर्भर था।

   यह घटना जितनी भी आश्चर्यजनक तथा आशावान क्यों ना रही हो, किंतु एक और घटना के सामने यह कुछ भी नहीं - प्रभु यीशु का पृथ्वी पर पुनःआगमन। जब वह बादलों पर अपनी सामर्थ और महिमा में आएगा तो संसार की अन्य हर बात नगण्य और हर आशा खोखली तथा मूर्खतापूर्ण लगेगी। प्रभु यीशु का यह पुनःआगमन संसार में शांति और आनन्द के ऐसे युग का आरंभ होगा जैसा न कभी कहीं था, ना अभी कहीं है और न ही जिसकी कलपना कभी कोई कर पाया है।

   बाहर अंतरिक्ष में जो मनुष्य ने भेजा था उसका तेज और महिमा उस तेज और महिमा के सामने कुछ भी नहीं जो स्वर्ग से आने वाला प्रभु की उस के आगमन के समय होगी। प्रभु यीशु ने अपने पुनःआगमन से पहले घटने वाले चिन्ह और संसार के हाल बताए थे (लूका २१; मत्ती २४)। आज उसका बताया गया वह सभी हाल और सब चिन्ह पूरे हो रहे हैं। उसके पुनःआगमन की उलटी गिनती आरंभ हो चुकी है; वह अब कभी भी पहुंच सकता है। धन्य हैं वे जो उस के आगमन के लिए तैयार हैं, उस के इंतिज़ार में हैं। - मार्ट डी हॉन

 
प्रभु यीशु का पुनःआगमन अवश्यंभावी है, क्योंकि जो बाइबल कहती है और मसीह प्रतिज्ञा करता है परमेश्वर उसे अवश्य ही पूरा भी करता है।

तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्य और बड़ी महिमा के साय बादल पर आते देखेंगे। - लूका २१:२७

बाइबल पाठ: लूका २१:२५-३६
Luk 21:25  और सूरज और चान्‍द और तारों में चिन्‍ह दिखाई देंगें, और पृथ्वी पर, देश देश के लोगों को संकट होगा; क्‍योंकि वे समुद्र के गरजने और लहरों के कोलाहल से घबरा जाएंगे।
Luk 21:26  और भय के कारण और संसार पर आने वाली घटनाओं की बाट देखते देखते लोगों के जी में जी न रहेगा क्‍योंकि आकाश की शक्तियां हिलाई जाएंगी।
Luk 21:27  तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे।
Luk 21:28  जब ये बातें होने लगें, तो सीधे हो कर अपने सिर ऊपर उठाना; क्‍योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा।
Luk 21:29  उस ने उन से एक दृष्‍टान्‍त भी कहा कि अंजीर के पेड़ और सब पेड़ों को देखो।
Luk 21:30  ज्योंहि उन की कोंपलें निकलती हैं, तो तुम देख कर आप ही जान लेते हो, कि ग्रीष्मकाल निकट है।
Luk 21:31  इसी रीति से जब तुम ये बातें होते देखो, तब जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट है।
Luk 21:32  मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक ये सब बातें न हो लें, तब तक इस पीढ़ी का कदापि अन्‍त न होगा।
Luk 21:33  आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्‍तु मेरी बातें कभी न टलेंगी।
Luk 21:34  इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्‍ताओं से सुस्‍त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्‍दे की नाईं अचानक आ पड़े।
Luk 21:35  क्‍योंकि वह सारी पृथ्वी के सब रहने वालों पर इसी प्रकार आ पड़ेगा।
Luk 21:36  इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आने वाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के साम्हने खड़े होने के योग्य बनो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह १३-१४
  • प्रकाशितवाक्य २१

गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

आशा में आनन्दित

   अपनी पुस्तक Dare to Believe में डैन बौमैन अपने जीवन का एक रोचक अनुभव बताते हैं जो इस बात को समझने में सहायता करता है कि जिस वस्तु के लिए हम जानते हैं कि वह हमारी है, उसे प्राप्त करने और उसका और भी भरपूरी से आनन्द लेने की लालसा कैसी होती है। उन्होंने लिखा कि हर वर्ष क्रिसमस के समय वह क्रिसमस के दिन मिलने वाली भेंटों के बारे में जानने के लिए अपने घर में बहुत ताक-झांक किया करते थे। एक वर्ष उन्हें अपने नाम का लेबल लगी एक बन्धी हुई भेंट दिखाई दी, क्योंकि उनकी माँ उसे भली-भाँति लपेट कर छिपा नहीं सकी थीं, इसलिए डैन ने उस भेंट को टटोल कर पहचान लिया कि वह क्या थी - गोल्फ खेलने के बल्ले। डैन ने लिखा: "जब माँ घर पर नहीं होतीं तो मैं जा कर उस पैकिट को टटोलता, हिलाता और मुद्राएं बनाता जैसे मैं गोल्फ खेलने के मैदान पर हूं और गोल्फ खेल रहा हूँ। जो बात मैं कहना चाह रहा हूँ वह यह है कि उस पैकिट पर मेरा नाम लिखा था, वह मेरे लिये था, मैं यह भी जानता था कि उस में क्या है, किंतु क्रिसमस के दिन तक उस पैकिट के मुझे दिये जाने और खोले जाने का इंतज़ार था जब अपनी परिपूर्णता में वह मेरा हो जाता; किंतु भविष्य में होने वाली बात के रोमाँच और आनन्द को मैं अभी से अनुभव करने लगा था और उसकी परिपूर्णता में उसे पाने की मेरी लालसा और बढ़ गई थी।"

   ऐसा ही मसीही विश्वासियों के साथ है, जब वे उस अद्भुत अवर्णननीय आनन्द की प्रतीक्षा में है जो परमेश्वर ने स्वर्ग में उन के लिए तैयार कर रखा है, "परन्‍तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुनी, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं" (१ कुरिन्थियों २:९)। डैन बौमैन ने आगे लिखा, "तब हम महिमामय हो जाएंगे, लेकिन उस महिमा का स्वाद हम अभी से चख रहे हैं....विश्वासी जीवन की यह विशेषता उसी क्षण से आरंभ हो जाती है जिस क्षण कोई व्यक्ति मसीह यीशु में विश्वासा लाता है और मसीह के जीवन का संभागी हो जाता है। आज और अभी मसीही विश्वासी के पास अनन्त जीवन है, लेकिन अभी का यह आनन्द उस जीवन की आने वाली परिपूर्णता का थोड़ा सा पूर्व-अनुभव मात्र ही है। अभी के अनुभव तो केवल हमारी भूख को जगाने और बढ़ाने के लिए हैं, हमारे लिए मुख्य भोजन तो परमेश्वर द्वारा बाद में परोसा जाएगा।"

   मसीही विश्वासियों के पास वर्तमान में ही आशा में आनन्दित रहने का भरपूर कारण है। - रिचर्ड डी हॉन

हमारे भविष्य की आशा हमें वर्तमान का आनन्द प्रदान करती है।

जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्‍ड करें। रोमियों ५:१, २

बाइबल पाठ: रोमियों ५:१-११
Rom 5:1   जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Rom 5:2  जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्‍ड करें।
Rom 5:3  केवल यही नहीं, वरन हम क्‍लेशों में भी घमण्‍ड करें, यही जान कर कि क्‍लेश से धीरज।
Rom 5:4  ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्‍पन्न होती है।
Rom 5:5  और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्‍योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।
Rom 5:6  क्‍योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।
Rom 5:7  किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्‍तु क्‍या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।
Rom 5:8  परन्‍तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
Rom 5:9  सो जब कि हम, अब उस के लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उस के द्वारा क्रोध से क्‍यों न बचेंगे?
Rom 5:10  क्‍योंकि बैरी होने की दशा में तो उस के पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उस के जीवन के कारण हम उद्धार क्‍यों न पाएंगे?
Rom 5:11  और केवल यही नहीं, परन्‍तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्‍ड भी करते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह ९-१२ 
  • प्रकाशितवाक्य २०

बुधवार, 28 दिसंबर 2011

वर्तमान की आशा

   हमारे आस-पास और संसार में घटने वाली प्रतिदिन की घटनाएं हमें निराशा की ओर धकेलेती हैं: जवान और मेहनती किसान अपनी फसल के बुरे हाल और अपने कर्ज़ को चुका ना पाने से परेशान है और आत्म हत्या को विकल्प के रूप में देखता है; यातायात दुर्घटनाओं से प्रभावित और बिखरे परिवार के बचे सदस्य विस्मित हैं कि सरकार या प्रशासनिक अधिकारी इन्हें क्यों रोक नहीं पाते तथा आधुनिक विज्ञान तथा टेकनॉलौजी इनका समाधान दे पाने में क्यों असक्षम हैं; एक सुशिक्षित किंतु बेरोज़गार युवक उपयुक्त रोज़गार जुटा पाने में असमर्थ है और छोटी-मोटी नौकरी या मेहनत-मज़दूरी कर के ही अपना गुज़र-बसर कर रहा है; आए दिन होने वाले लूट-पाट और खून-खराबे तथा छोटी-छोटी बातों पर होने वाले बड़े-बड़े झगड़े; धर्म और जाति के आधार पर टूटता बँटता लड़ता समाज; ये सब आम आदमी के दिल में निराशा और भविष्य के लिए दहशत भरता रहता है। समाज की दशा और जीवन पर लगे ये और ऐसे ही अनगिनित प्रश्नचिन्ह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या कोई नियंत्रण में है? क्या कहीं कोई आशा है? किंतु यही परिस्थितियाँ एक मसीही विश्वासी को इब्रानियों २:८, ९ की सच्चाई को स्मरण दिलाती हैं; वह सच्चाई जो उसे भविष्य के लिए भरोसा तथा वर्तमान के लिए शांति देती है।

   यह सर्वविदित है कि पृथ्वी पर जिस अधिकार को रखने के लिए परमेश्वर ने हम मनुष्यों को सृजा था (उत्पत्ति १:२६), हम वह अधिकार सही रीति से निभा नहीं पा रहे हैं; लेकिन इस खामी का आभास मसीही विश्वासी के लिए हताश और निराश होने का नहीं वरन परमेश्वर की ओर देखने और उसकी योजनाओं एवं उद्देश्यों को पहचानने का प्रेरक है, विश्वास से प्रभु यीशु की ओर देखने का कारण है। प्रभु यीशु पृथ्वी पर साधारण मनुष्य की तरह रहा और जीया, पाप पर जयवन्त रहा, समस्त मानव जाति के पापों की कीमत कलवरी के क्रूस पर चुकाई और मृत्यु की सामर्थ को तोड़ डाला। आज हम विश्वास रखते और जानते हैं कि प्रभु यीशु परमेश्वर के दाहिने बैठा है, और लगभग २००० वर्ष पूर्व उसके द्वारा कलवरी के क्रूस पर पूरा किए गए कार्य उस पर विश्वास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पापों से क्षमा और उद्धार देता है। स्वर्ग तथा पृथ्वी का सारा अधिकार प्रभु यीशु ही को दिया गया है, और वह अभी भी सब बातों पर नियंत्रण रखता है। वह निर्धारित समय पर पुनः आएगा, उस का राज्य स्थापित होगा और परमेश्वर की शांति बहाल हो जाएगी।

   इस संसार के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, प्रशसानिक, वैज्ञानिक और अन्य कोई भी अगुवे कैसे भी दावे क्यों ना करते रहें, भविश्य के कैसे भी सपने क्यों ना दिखाते रहें, किंतु संसार का इतिहास और परिस्थितियों पर ध्यान करने वालों को विदित है कि प्रभु यीशु का इन्कार करने और उस पर अविश्वास करने वाला यह संसार हर प्रकार की परेशानियों में पड़ा है और अविराल बद से बदतर हालात में लुढ़कता जा रहा है; संसार में हर जगह शांति का नहीं हर प्रकार की अशांति और अराजकता का राज्य है। किंतु अद्भुत बात यह है कि अपने चारों ओर की इन अनियंत्रित और लगातार बिगड़ती परिस्थितियों में भी मसीह यीशु के विश्वासी अपने प्रभु की शांति को अनुभव करते हैं और उसमें आनन्दित होते हैं।

   आज हम विश्वास की आँखों से अपने प्रभु को देख सकते हैं, वह हमारे सुनहरे भविष्य का भरोसा और हमारे वर्तमान की आशा है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


आज चाहे बाहर कुछ भी स्पष्ट नहीं दिखता हो, किंतु हम ऊपर साफ-साफ देख सकते हैं।

तू ने सब कुछ उस के पांवों के नीचे कर दिया: इसलिये जब कि उस ने सब कुछ उस के आधीन कर दिया, तो उस ने कुछ भी रख न छोड़ा, जो उसके आधीन न हो : पर हम अब तक सब कुछ उस के आधीन नहीं देखते। पर हम यीशु को जो स्‍वर्गदूतों से कुछ ही कम किया गया था, मृत्यु का दुख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहिने हुए देखते हैं; ताकि परमेश्वर के अनुग्रह से हर एक मनुष्य के लिय्रे मृत्यु का स्‍वाद चखे। - इब्रानियों २:८, ९

बाइबल पाठ: इब्रानियों २:१-१५
Heb 2:1  इस कारण चाहिए, कि हम उन बातों पर जो हम ने सुनी हैं और भी मन लगाएं, ऐसा न हो कि बहक कर उन से दूर चले जाएं।
Heb 2:2  क्‍योंकि जो वचन स्‍वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था जब वह स्थिर रहा ओर हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक ठीक बदला मिला।
Heb 2:3  तो हम लोग ऐसे बड़े उद्धार से निश्‍चिन्‍त रह कर क्‍यों कर बच सकते हैं जिस की चर्चा पहिले पहिल प्रभु के द्वारा हुई, और सुनने वालों के द्वारा हमें निश्‍चय हुआ।
Heb 2:4  और साथ ही परमेश्वर भी अपनी इच्‍छा के अनुसार चिन्‍हों, और अद्भुत कामों, और नाना प्रकार के सामर्थ के कामों, और पवित्र आत्मा के वरदानों के बांटने के द्वारा इस की गवाही देता रहा।
Heb 2:5  उस ने उस आने वाले जगत को जिस की चर्चा हम कर रहे हैं, स्‍वर्गदूतों के आधीन न किया।
Heb 2:6  वरन किसी ने कहीं, यह गवाही दी है, कि मनुष्य क्‍या हैं, कि तू उस की सुधि लेता है या मनुष्य का पुत्र क्‍या है, कि तू उस पर दृष्‍टि करता है?
Heb 2:7  तू ने उसे स्‍वर्गदूतों से कुछ ही कम किया; तू ने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा और उसे अपने हाथों के कामों पर अधिकार दिया।
Heb 2:8  तू ने सब कुछ उसके पांवों के नीचे कर दिया: इसलिये जब कि उस ने सब कुछ उसके आधीन कर दिया, तो उस ने कुछ भी रख न छोड़ा, जो उसके आधीन न हो : पर हम अब तक सब कुछ उसके आधीन नहीं देखते।
Heb 2:9  पर हम को यीशु जो स्‍वर्गदूतों से कुछ ही कम किया गया था, मृत्यु का दुख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहिने हुए देखते हैं; ताकि परमेश्वर के अनुग्रह से हर एक मनुष्य के लिये मृत्यु का स्‍वाद चखे।
Heb 2:10  क्‍योंकि जिस के लिये सब कुछ है, और जिस के द्वारा सब कुछ है, उसे यही अच्‍छा लगा कि जब वह बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुंचाए, तो उन के उद्धार के कर्ता को दुख उठाने के द्वारा सिद्ध करे।
Heb 2:11  क्‍योंकि पवित्र करने वाला और जो पवित्र किए जाते हैं, सब एक ही मूल से हैं: इसी कारण वह उन्‍हें भाई कहने से नहीं लजाता।
Heb 2:12  पर कहता है, कि मैं तेरा नाम अपने भाइयों को सुनाऊंगा, सभा के बीच में मैं तेरा भजन गाऊंगा।
Heb 2:13  और फिर यह, कि मैं उस पर भरोसा रखूंगा; और फिर यह कि देख, मैं उन लड़कों सहित जिसे परमेश्वर ने मुझे दिए।
Heb 2:14  इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया, ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।
Heb 2:15  और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्‍हें छुड़ा ले।
 
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह ५-८ 
  • प्रकाशितवाक्य १९

मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

नियंत्रण

   सन १८५४ में रूसी कवि और राजनितिज्ञ ने उस समय के संसार की स्थिति के अपने भयावह आँकलन के बारे में अपनी पत्नि को एक पत्र में लिखा, "अब जो बात विसमित करती है - और इसके बारे में मेरा निश्चय दृढ़ होता जा रहा है तथा सामन्य लोगों को भी प्रतीत हो रहा है, कि उन सारे खतरों के विषय में जिनका हमें सामना करना पड़ता है, लोगों की विचारधारा ऐसी होती जा रही है जिसमें स्वयं उन्हें परिस्थिति की समझ नहीं रही है। यह ऐसा है मानो हम एक लगातार और भी अधिक ढलुआँ होती जा रही ढाल पर भागती हुई बघ्घी में बैठे हों और अचानक पता चले कि बघ्घी को नियंत्रित करने वाला कोचवान है ही नहीं।"

   ऐसा प्रतीत होत है कि यह संसार एक अनियंत्रित गाड़ी के समान है जो अन्धेरी रात में अपने विनाश की ओर बढ़ती जा रही है, और कोई उसे रोकने या नियंत्रित करने वाला नहीं है। संसार में हर जगह बढ़ते हुए आपसी मतभेद, जातीय तनाव, धर्म के नाम पर झगड़े-फसाद, नई और ला-इलाज बीमारियाँ, स्थान स्थान पर होने वाले युद्ध और अशांति यह सोचने को बाध्य करते हैं कि संसार नियंत्रण से बाहर हो कर विनाश की कगार पर डगमगा रहा है।

   परन्तु मसीही विश्वासी संसार की दशा के इस भयावह दृश्य को अलग परिपेक्ष में देख सकते हैं। हम मसीही विश्वासी जानते हैं कि यद्यपि शैतान को वर्तमान संसार का शासक कहा जाता है, तौ भी अन्तिम नियंत्रण परमेश्वर के हाथों में है। हमें परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यशायाह द्वारा दीए गए परमेश्वर के वायदे पर भरोसा है कि जो परमेश्वर ने कहा है वह पूरा हो कर रहेगा। परमेश्वर "अपनी इच्‍छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है" (इफीसियों १:११)। परमेश्वर की ओर से "यही युक्ति सारी पृथ्वी के लिये ठहराई गई है; और यह वही हाथ है जो सब जातियों पर बढ़ा हुआ है। क्योंकि सेनाओं के यहोवा ने युक्ति की है और कौन उसको टाल सकता है? उसका हाथ बढ़ाया गया है, उसे कौन रोक सकता है? (यशायाह १४:२६, २७)"

   इस सारी विनाशकारी उथल-पुथल के बीच हम मसीही विश्वासी आश्वस्त रह सकते हैं क्योंकि नियंत्रण अटल परमेश्वर के स्थिर हाथों में है। - डेव एग्नर

पृथ्वी बदलती है परन्तु परमेश्वर और हमारी आत्मा स्थिर और शाश्वत रहते हैं।

मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैं ने यह विचार बान्घा है और उसे सफल भी करूंगा। - यशायाह ४६:११

बाइबल पाठ: यशायाह ४६:५-१३
Isa 46:5  मैं तुम्हें उठाए रहूंगा और छुड़ाता भी रहूंगा। तुम किस से मेरी उपमा दोगे और मुझे किस के समान बताओगे, किस से मेरा मिलान करोगे कि हम एक समान ठहरें?
Isa 46:6 जो थैली से सोना उण्डेलते वा कांटे में चान्दी तौलते हैं, जो सुनार को मजदुरी दे कर उस से देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन दण्डवत्‌ भी करते हैं!
Isa 46:7  वे उसको कन्धे पर उठा कर लिए फिरते हैं, वे उसे उस के स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है।
Isa 46:8  हे अपराधियों, इस बात को स्मरण करो और ध्यान दो, इस पर फिर मन लगाओ।
Isa 46:9  प्राचीनकाल की बातें स्मरण करो जो आरम्भ ही से है; क्योंकि ईश्वर मैं ही हूं, दूसरा कोई नहीं; मैं ही परमेश्वर हूं और मेरे तुल्य कोई भी नहीं है।
Isa 46:10  मै तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
Isa 46:11  मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरूष को बुलाता हूं। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैं ने यह विचार बान्घा है और उसे सफल भी करूंगा।
Isa 46:12  हे कठोर मन वालों तुम जो धर्म से दूर हो, कान लगा कर मेरी सुनो।
Isa 46:13  मैं अपनी धामिर्कता को समीप ले आने पर हूं वह दूर नहीं है, और मेरे उद्धार करने में विलम्ब न होगा; मैं सिय्योन का उद्धार करूंगा और इस्राएल को महिमा दूंगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह १-४ 
  • प्रकाशितवाक्य १८

सोमवार, 26 दिसंबर 2011

बंधन

   पक्षाघात के कारण जौं-डौमिनीक बौबी लगभग पूरी तरह से किसी भी तरह की कोई गतिविधि करने से विहीन हो गया था। उसकी जीवनी, The Diving Bell and the Butterfly, पक्षाघात के बाद के उसके जीवन का वर्णन करती है। लगभग पूरी तरह से लकवे के बन्धन में होने के बाद भी बौबी अपनी पुस्तक लिखवा सका, केवल अपनी बाईं आँख झपकने के द्वारा। एक सहायक, अक्षरों को उसके सामने दोहराता और जिस शब्द को बौबी लिखना चाहता था उसके अक्षर के लिए बौबी अपनी पलक बन्द करके उसका संकेत देता। इस प्रकार पुस्तक लिखने के लिए बौबी को लगभग २००,००० बार अपनी पलक झपकने की आवश्यक्ता पड़ी, लेकिन जो भी क्षमता उस के पास बची रह गई थी बौबी ने उसका प्रयोग दूसरों से संपर्क करने और अपनी बात कहने के लिए किया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के २ तिमुथियुस में प्रेरित पौलुस एक दूसरे प्रकार के बन्धन में जकड़ा हुआ था। अधिकारियों ने उसे घर में बन्दी बना दिया था, और उसे मालुम भी पड़ गया था कि अब उसका मारा जाना तय हो चुका है। इन परिस्थितियों में भी उसने तिमुथियुस को लिखा, "...मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्‍तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं" (२ तिमुथियुस २:९)। अपने बन्धन और मौत के मंडराते साए में भी पौलुस आगन्तुकों का स्वागत करता था, औरों को प्रोत्साहन देने के लिए पत्र लिखता था और परमेश्वर के सुसमाचार के प्रचार के बारे में जान कर प्रसन्न होता था।

  संभव है कि परिस्थितियों ने हमें औरों से अलग कर दिया हो; हमारे बन्धन कुछ भी हो सकते हैं, जैसे - हम अस्पताल में बिस्तर पर हो सकते हैं; किसी कैद-खाने में हो सकते हैं; हम अपने समाज और लोगों द्वारा तिरिस्कृत हो सकते हैं; किंतु फिर भी हमें निश्क्रीय नहीं होना है। जो भी क्षमता और संसाधन हमारे पास बचे हैं, उनका प्रार्थना के साथ उपयोग हम हर परिस्थिति में अपने प्रभु की महिमा के लिए कर सकते हैं।

   बन्धन बाँध तो सकते हैं, निश्क्रीय नहीं कर सकते। - डेनिस फिशर


मसीह के लिए किया जाने वाला कोई भी कार्य कभी छोटा नहीं होता।
...मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्‍तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं। - २ तिमुथियुस २:९

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१-११
2Ti 2:1  इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा।
2Ti 2:2  और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्‍हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3  मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाई मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4  जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5  फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6  जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7  जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8  यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9  जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाई दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्‍तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10  इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्‍त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11  यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
एक साल में बाइबल: 
  • हग्गै 
  • प्रकाशितवाक्य १७

रविवार, 25 दिसंबर 2011

इम्मैनुएल

   लगभग २००० वर्ष पूर्व के उस प्रथम क्रिसमस दिन के साथ, परमेश्वर का अपने लोगों के साथ होने के आशवासन का एक नया अर्थ हो गया है। प्रभु यीशु के जन्म से पहले, इस्त्राएलियों को यह विश्वास था कि अन्तिम न्याय के समय उन्हें उम्मीद रहेगी क्योंकि परमेश्वर उनके साथ होगा (यशायाह ८:८, १०)। परन्तु फिर भी वे परमेश्वर को उस परिपूर्णता में नहीं जानते थे, जैसे आज हम जान सकते हैं। पुराने नियम के समय के संतों की अपेक्षा आज हमें बेहतर अवस्था में हैं क्योंकि हम नए नियम के अध्ययन के द्वारा प्रभु यीशु में परमेश्वर की महिमा को देख सकते हैं (२ कुरिन्थियों ४:६)। हम परमेश्वर को जीवन के प्रत्येक परिस्थिति में अनुभव भी कर सकते हैं क्योंकि उसका पवित्र आत्मा आज हमारे साथ सदा विद्यमान रहता है।

   जब भी मुझे इस आशवासन की पुनःआवश्यक्ता होती है कि परमेश्वर मेरे साथ है, मैं प्रभु यीशु को अपने विचारों में ले आता हूँ, कि कैसे उसने छोटे बालकों को अपनी गोद में लेकर उन्हें आशीष दी (मत्ती १९:१३-१५)। फिर मैं उसके लहूलुहान चेहरे, मारी और कूटी गई देह और उसके क्रूस पर चढ़ाए जाने की ओर ध्यान करता हूँ; यह मुझे स्मरण दिलाता है कि मेरे पापों से क्षमा और उद्धार के लिए उसने क्या कुछ सह लिया। फिर अन्ततः मैं मनन करता हूँ उसके वायदे पर, "और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं" (मत्ती २८:२०); और इन सब को स्मरण कर के मैं आत्मिक रीति से ताज़गी पाता हूँ।

   प्रभु यीशु के बैतलहम में जन्म के द्वारा परमेश्वर मानव रूप में संसार में आए। जो भी प्रभु यीशु पर विश्वास करता है वह अपनी प्रत्येक आवश्यक्ता के लिए नई सामर्थ पा सकता है; ऐसा क्यों? क्योंकि प्रभु यीशु के जन्म ने इम्मैनुएल शब्द अर्थात परमेश्वर हमारे साथ को नया और सार्थक बना दिया। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

मसीह का जन्म परमेश्वर को मनुष्यों तक ले आया; लेकिन मनुष्यों का परमेश्वर तक पहुँचना मसीह के क्रूस पर जाने के द्वारा ही संभव हो पाया।

देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है: परमेश्वर हमारे साथ। - मत्ती १:२३

बाइबल पाठ: मत्ती १:१८-२५
Mat 1:18  अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई।
Mat 1:19  सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की।
Mat 1:20  जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्‍वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई दे कर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्‍तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर, क्‍योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है।
Mat 1:21  वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्‍योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।
Mat 1:22  यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था वह पूरा हो।
Mat 1:23  कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है: परमेश्वर हमारे साथ।
Mat 1:24  सो यूसुफ नींद से जाग कर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया।
Mat 1:25  और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उस ने उसका नाम यीशु रखा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 
  • प्रकाशितवाक्य १६

शनिवार, 24 दिसंबर 2011

एक कदम

   चीन में ताइशान नामक एक पवित्र माना जाना वाला पहाड़ है। भक्त तीर्थयात्री उस पर्वत कि ७००० सीढ़ीयाँ चढ कर उसके शिखर पर पहुँचते हैं, वे पहले उसके "मध्य द्वार" से हो कर निकलते हैं, फिर "स्वर्ग के दक्षिणी द्वार" से हो कर, तब अन्ततः वे शिखर पर स्थित "नीले बादलों के मन्दिर" में पहुँचते हैं जहाँ वे अपनी भेंटें अर्पित करते हैं इस उम्मीद से कि परमेश्वर उन से प्रसन्न हो सकेगा। लेकिन उन भक्तों के लिए कुछ निश्चित नहीं है कि उस पर्वत की पहली सीढ़ी चढ़ते समय वे परमेश्वर के जितने समीप थे, उस से अधिक समीप अब इतने प्रयास के बाद होंगे।

   सभी धर्म मनुष्य के द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न कर के उस के समीप आने के प्रयत्न को दर्शाते हैं। इस की तुलना में केवल मसीही विश्वास ही वह एकमात्र मार्ग है जो परमेश्वर के मनुष्य बन कर मनुष्य को परमेश्वर के समीप लाने के प्रयास से आरंभ होता है।

   अपनी पवित्रता में परमेश्वर पापी मनुष्य की पहुँच से इतना दूर है कि मनुष्य और अपने बीच कि खाड़ी केवल स्वयं परमेश्वर ही पाट सकता है; यह मनुष्य के प्रयास अथवा सामर्थ से संभव नहीं है। प्रभु यीशु के मानव रूप में आने के द्वारा परमेश्वर ने यही किया भी - वह मनुष्य की समानता में सदेह हो गया, और अपनी निष्पाप और निष्कलंक देह को समस्त मानव जाति कि पापों के लिए एक ही बार सदा काल तक कार्यकारी बलिदान के रूप में दे दिया। फिर मृत्योप्राँत तीसरे दिन जी उठने के बाद वह वापस स्वर्ग, अपनी महिमा को लौट गया, जहाँ आज भी वह हमारे सहायक के रूप में विद्यमान है, अपने विश्वासियों के लिए एक बार फिर आएगा और उन्हें अपने साथ सदा रखने के लिए स्वर्ग ले जाएगा।

   यह सब उसने हम पापी मनुष्यों के लिए किया, उनसे कोई सांसारिक वस्तु प्राप्त करने के लिए नहीं, वरन उन के प्रति अपने प्रेम के कारण। अब वह हमारे प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में रहता है। जो कोई यह अंगीकार कर लेता है कि वह पापी है, और अपने सभी प्रयास छोड़ कर साधारण विश्वास से उस से पापों की क्षमा माँग कर उसे अपना मुक्तिदाता, उद्धारकर्ता ग्रहण कर लेता है, वह पाप के दण्ड से निकल कर अनन्त जीवन की आशीश में पहुँच जाता है।

   वे जो परमेश्वर को प्रसन्न करने और उस के समीप आने के लिए अपने व्यर्थ प्रयासों की अनन्त सीढ़ीयाँ चढने में लगे हुए हैं, उन से अनुरोध है, कृप्या ये प्रयास छोड़ दीजिए, इन प्रयासों से कुछ मिलने वाला नहीं है; वरन प्रभु यीशु में विश्वास का वह एक मात्र आवश्यक कदम उठाइये, उसी में सब कुछ है।

   अभी पापों से मुक्ति तथा परमेश्वर की निकटता और फिर जीवनोपराँत अनन्त काल के लिए स्वर्ग पहुँचने के लिए आपको प्रभु यीशु की ओर विश्वास का केवल एक कदम ही उठाना पड़ेगा। - डेनिस डी हॉन

उद्धार हम कमा नहीं सकते, लेकिन भेंट में पा सकते हैं।

परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। - यूहन्ना १:१२
 
बाइबल पाठ: यूहन्ना ३:५-२१
Joh 3:5  यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
Joh 3:6  क्‍योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।
Joh 3:7  अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है।
Joh 3:8  हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्‍द सुनता है, परन्‍तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।
Joh 3:9  नीकुदेमुस ने उस को उत्तर दिया, कि ये बातें क्‍यों कर हो सकती हैं?
Joh 3:10  यह सुन कर यीशु ने उस से कहा; तू इस्‍त्राएलियों का गुरू हो कर भी क्‍या इन बातों को नहीं समझता।
Joh 3:11  मैं तुझ से सच सच कहता हूं कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हम ने देखा है उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते।
Joh 3:12  जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्‍वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्‍यों कर प्रतीति करोगे?
Joh 3:13  और कोई स्‍वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वहीं जो स्‍वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्‍वर्ग में है।
Joh 3:14  और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए।
Joh 3:15  ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्‍त जीवन पाए।
Joh 3:16  क्‍योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्‍तु अनन्‍त जीवन पाए।
Joh 3:17  परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्‍तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
Joh 3:18  जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्‍तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहरा चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।
Joh 3:19  और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्‍धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्‍योंकि उन के काम बुरे थे।
Joh 3:20  क्‍योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए।
Joh 3:21  परन्‍तु जो सच्‍चाई पर चलता है वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों, कि वह परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कूक 
  • प्रकाशितवाक्य १५

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

प्रतिबिंब

   फ्रैंक फेयरचाइल्ड ने एक रोचक घटना बताई: सन १६१४ में ग्युइडो रेनी ने रोम के एक महल की छत पर एक बहुत सुन्दर चित्र बनाया, जो अपने समकालीन चित्रों के सर्वश्रेष्ठ चित्रों में से एक समझा जाता था। किंतु दर्शक उस को ठीक से देख नहीं पाते थे क्योंकि छत की तरफ देखते रहना कष्टदायी हो जाता था। इस समस्या का निवारण करने के लिए महल के अधिकारियों ने उपाय सोचा, और चित्र के ठीक नीचे फर्श पर एक बड़ा सा दर्पण लगावा दिया जिससे अब चित्र को सरलता से निहारना लोगों के लिए संभव हो गया।

   फेयरचाइल्ड ने इस घटना के बारे में आगे कहा: "प्रभु यीशु भी हमारे लिए यही करते हैं, जब हम परमेश्वर के बारे में जानना चाहते हैं....वे हमारे मंद मन के समझ पाने के लिए परमेश्वर का प्रकटीकरण करते हैं। प्रभु यीशु में हो कर परमेश्वर हमारे लिए दृष्टिगत और सुबोध हो जाता है। हम अपने प्रयासों द्वारा परमेश्वर तक नहीं पहुँच सकते, अपनी बुद्धि और समझ द्वारा हम जितना उसे समझने का प्रयास करते हैं, उतना ही उलझते जाते हैं। ऐसे में प्रभु यीशु हमारा मार्ग बनता है; वह परमेश्वर है जो हमारे स्तर तक उतर आया, और अब हमें सामर्थ देता है कि उस में हो कर हम परमेश्वर के बारे में समझ सकें, उसके बारे में जान सकें।"

   प्रभु यीशु हमारे लिए और हम पर परमेश्वर को प्रगट करने के लिए आया; लेकिन वह केवल परमेश्वर पिता का प्रतिबिंब मात्र ही नहीं है। वह मानव शरीर में परमेश्वर है - "वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है" (इब्रानियों १:३)। प्रभु यीशु ने स्वयं कहा, "...जिस ने मुझे देखा है उस ने पिता को देखा है" (युहन्ना १४:९)।

   जब हम उस देहधारी हुए परमेश्वर के वचन प्रभु यीशु के व्यकतित्व, और उस में हो कर मिलने वाली परमेश्वर और परमेश्वरत्व की समझ पर मनन करते हैं तो हम भी स्तुति गीत के लेखक के साथ कह सकते हैं "आओ उसकी आराधना करें, मसीह की जो प्रभु है।" - रिचर्ड डी हॉन

मसीह का जन्म उस असीम परमेश्वर को सीमित मनुष्य की पहुँच में ले आता है।

परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया। - युहन्ना १:१८

बाइबल पाठ: इब्रानियों १:१-३, यूहन्ना १:१२-१८
Heb 1:1  पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप-दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के।
Heb 1:2  इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्‍टि रची है।
Heb 1:3  वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है, और सब वस्‍तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धो कर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।
Joh 1:12  परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
Joh 1:13  वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्‍छा से, न मनुष्य की इच्‍छा से, परन्‍तु परमेश्वर से उत्‍पन्न हुए हैं।
Joh 1:14  और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
Joh 1:15  यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकार कर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़ कर है क्‍योंकि वह मुझ से पहिले था।
Joh 1:16  क्‍योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्‍त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
Joh 1:17  इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, परन्‍तु अनुग्रह, और सच्‍चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
Joh 1:18  परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • नहूम 
  • प्रकाशितवाक्य १४

गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

दोनो छोर

   क्रिसमस कार्ड्स पर प्रभु यीशु के जन्म का बहुत सुन्दर दृश्य दिखाया जाता है, जहाँ स्वच्छ, रौशनी से नहायी हुई गौशाला की चरनी में नवजात यीशु दिखाया जाता है, रंगीन सुन्दर वस्त्र पहने हुए यीशु को देखने आए लोग होते हैं तथा यूसुफ, मरियम, नवजात यीशु के सिर के चारों ओर रौशनी भी होती है। किंतु वास्तविकता में प्रभु यीशु का जन्म एक बहुत भद्दे और असामान्य वातवरण में हुआ था; परन्तु फिर भी यीशु के जन्म का वह तुच्छ स्थान और वातावरण परमेश्वर के मानवावतार लेने की अजूबे का सही प्रतिबिंब है - सृष्टि का महिमामयी एवं अनन्त परमेश्वर स्वर्ग की उत्कृष्ट ऊँचाइयों से उतर कर पृथ्वी की निकृष्ट गहराईयों में आ गया।

   एन्ड्रीयु मुर्रे ने युहन्ना १:५१ में लिखे हुए प्रभु यीशु के शब्दों को लेकर इस अद्भुत घटना की नाटकीय तुलना का वर्णन किया है. उन्होंने ने लिखा: "प्रभु यीशु का स्वरूप असीम है - एक ओर तो वह परमेश्वरत्व की ऊँचाईयों को छूता है तो दूसरी ओर समाज के साधारण और त्यागे मनुष्य के निम्न स्तर को। प्रभु के अपने शब्दों (युहन्ना १:५१) में प्रयुक्त तुलना के अनुसार, यह उस रहस्यमयी सीढ़ी के समान है जिसे यात्री याकूब नें अपने स्वपन में देखा; जहाँ सीढ़ी का एक छोर अति दूर स्वर्ग को छू रहा था और दूसरा छोर प्त्थरों से पटे और परमेश्वर के तेज के प्रकाश से रौशन उस मैदान पर था जहाँ याकूब लेटा हुआ था। एक छोर पर यीशु का उप-नाम है परमेश्वर का पुत्र, तो दूसरे छोर पर वह मनुष्य का पुत्र कहलाता है।"

   यीशु, अपनी दिव्यता में संपूर्ण रूप से परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने मानव रूप में संपूर्णता से मनुष्य का पुत्र है। वह मनुष्य बना लेकिन पाप से सर्वथा अन्जान रहा, उसमें कोई दोष कोई पाप कभी नहीं रहा। इसीलिए वह दूसरों के पापों का प्रायश्चित बन सका। वह समस्त मानव जाति के पापों को अपने ऊपर ले कर क्रूस पर चढ़ गया, मारा गया, गाड़ा गया और अपने परमेश्वरत्व के प्रमाण में तीसरे दिन मुर्दों से जी भी उठा। आज उस पर अपने निज उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करने वाले प्रत्येक जन के लिए उसका यह प्रायश्चित पापों की क्षमा और परमेश्वर के साथ स्वर्ग में अनन्त जीवन का निर्णायक निश्चय है।

   प्रभु यीशु में हम अपने विश्वास द्वारा पृथ्वी से स्वर्ग तक चढ़ सकते हैं, क्योंकि दोनो छोर उसी में हैं। - डेव एग्नर


परमेश्वर का पुत्र मनुष्य का पुत्र बन गया ताकि वह मनुष्यों के पुत्रों को परमेश्वर के पुत्र बना सके।

तुम स्वर्ग को खुला हुआ और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के पुत्र पर उतरते द्खोगे। - युहन्ना १:५१

बाइबल पाठ: लूका २:१-१४
Luk 2:1  उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं।
Luk 2:2  यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनयुस सूरिया का हाकिम था।
Luk 2:3  और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए।
Luk 2:4  सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।
Luk 2:5  कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए।
Luk 2:6  उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए।
Luk 2:7  और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी।
Luk 2:8  और उस देश में कितने गड़रिये थे, जो रात को मैदान में रह कर अपने झुण्‍ड का पहरा देते थे।
Luk 2:9  और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए।
Luk 2:10  तब स्‍वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्‍योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्‍द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
Luk 2:11  कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
Luk 2:12  और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।
Luk 2:13  तब एकाएक उस स्‍वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया।
Luk 2:14  कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • मीका ६-७ 
  • प्रकाशितवाक्य १३

बुधवार, 21 दिसंबर 2011

परमेश्वर हमारे साथ

   एक छोटे बालक ने आकाश की ओर देख कर अपनी माँ से पुछा, "क्या वहाँ ऊपर परमेश्वर है?" माँ ने उसे आश्वस्त किया कि हाँ वहाँ परमेश्वर है। बालक ने फिर कहा, "कितना अच्छा होता यदि कभी कभी वह अपना चेहरा बाहर निकाल कर हमें दिखाता रहता।"

   परमेश्वर ने स्वर्ग की ऊँचाई से केवल अपना चेहरा निकाल कर ही नहीं दिखाया, वरन वह स्वयं धरती पर सदेह आ गया - अपने पुत्र प्रभु यीशु के रूप में। प्रभु यीशु को मानव स्वरूप में भेजने के द्वारा, स्वर्गीय परमेश्वर पिता ने अपने आप को संपूर्ण रूप से संसार पर प्रगट किया है; "वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है" (कुलुस्सियों १:१५)।

   प्रभु यीशु ने इस बात को पुष्ट किया जब उस ने अपने चेले फिलिप्पुस से कहा, " हे फिलप्‍पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्‍या तू मुझे नहीं जानता? जिस ने मुझे देखा है उस ने पिता को देखा है;" (युहन्ना १४:९)। यही वह सुसमाचार है जिसे हम बताते हैं और जिसके जन्म के उपलक्ष में क्रिसमस का त्यौहार भी मनाया जाता है। प्रभु यीशु ने स्वर्ग की महिमा छोड़ी और इस धरती पर कुँवारी से पैदा हुए। वह शिशु जिसे मरियम नें बेतलेहम की गौशाला में अपनी गोद में लिया वह "अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप" है। इश्वरत्व के सारे गुण उसी में सदेह वास करते हैं। उसी के द्वारा सारी सृष्टी हुई, और उसी में सब कुछ स्थिर रहता है ( कुलुस्सियों १:१६-१७)।

   प्रभु यीशु के चेहरे में हम अपने अनन्त स्वर्गीय पिता के प्रेम, पवित्रता और अनुग्रह को देख सकते हैं। इस बात के एहसास से हमें आनन्द कि भरपूरी होनी चाहिए कि हम प्रभु यीशु में हो कर परमेश्वर को देख रहे हैं जो स्वर्ग से निकल कर इस धरती पर आ गया ताकि इस धरती पर पापों से दबे लोगों को उनके पापों के बोझ से छुड़ा कर स्वर्ग ले जा सके।

   प्रभु यीशु ही समस्त संसार के लिए एकमात्र मुक्तिदाता, उद्धारकर्ता और इम्मानुएल अर्थात ’परमेश्वर हमारे साथ’ है। - पौल वैन गोर्डर

कलवरी के क्रूस तक की परमेश्वर के प्रेम की यात्रा के लिए बेतलेहम की गौशाला पहला कदम था।

वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है। - कुलुस्सियों १:१५

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों १:१२-२२
Col 1:12  और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों।
Col 1:13  उसी ने हमें अन्‍धकार के वश से छुड़ा कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
Col 1:14  जिस से हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्‍त होती है।
Col 1:15  वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।
Col 1:16  क्‍योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्‍वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्‍या सिंहासन, क्‍या प्रभुतांए, क्‍या प्रधानताएं, क्‍या अधिकार, सारी वस्‍तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
Col 1:17  और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्‍तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Col 1:18  और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।
Col 1:19  क्‍योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सरी परिपूर्णता वास करे।
Col 1:20  और उस के क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं को उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्‍वर्ग में की।
Col 1:21  और उस ने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे।
Col 1:22  ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बना कर उपस्थित करे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • मीका ४-५ 
  • प्रकाशितवाक्य १२

मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

हमारे लिए हमारे साथ

   फारस देश की एक छोटी कहानी है; एक बुद्धिमान और प्रजा की प्रिय शाह वहाँ पर राज्य करता था। शाह ने एक दिन अपना भेस बदला और नगर के सार्वजनिक स्नानागार के हाल देखने गया। स्नानागार में पानी, तहखाने में लगी आग की भट्टी द्वारा गरम कर के लोगों को दिया जाता था। शाह उस अन्धेरे, धुएं और घुटन भरे तहखाने में गया और भट्टी को प्रज्वलित रखने के कार्य में लगे व्यक्ति के पास जा कर बैठ गया और उससे बातें करने लगा। शाह ने उस अकेले स्थान पर कठिन परिस्थितियों काम पर लगे व्यक्ति से मित्रता करी और प्रतिदिन उसके पास आकर और उसके साथ बैठ कर बातें करने में समय बिताने लगा, और उसके भोजन में से भी उसके साथ संभागी होने लगा। भट्टी पर काम करने वाला मज़दूर अपने इस मित्र से बहुत प्रभावित हुआ क्योंकि वह वहाँ आता था जहाँ वह स्वयं था और वह शाह को बहुत प्रीय जानने लगा। एक दिन शाह ने उसे अपने महल बुलवाया और उसे अपना वास्तविक परिचय दिया। शाह सोच रहा था कि अब अपनी स्थिति सुधारने के लिए वह साधारण सा मज़दूर अब उस से बहुत धन और भेंट की आशा रखेगा, किंतु उस मज़दूर ने बड़े प्रेम, आदर और विस्मय से अपने शाह कि ओर देखा और कहा, "आपने अपने ऐश्वर्य, वैभव और महिमा को मेरे साथ उस अन्धेरे, धुंए और घुटन से भरे कमरे बैठने के लिए छोड़ा, मेरे साथ ज़मीन पर बैठ कर मेरा साधारण सा खाना खाया। अन्य लोगों को तो आप कीमती उपहार देते हैं, लेकिन मुझे तो आपने अपने आप को ही दे दिया। अब इससे अधिक और क्या होगा? मैं और क्या उम्मीद रख सकता हूँ? आपका यह प्रेम ही मेरे लिए सब कुछ है।"

   जो प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया, जब हम उस के बारे में विचार करते हैं तो जैसे उस भट्टी देखने वाले मज़दूर की भावनाएं अपने शाह के लिए थीं, उसी के समान ही हमारी भी भावनाएं प्रभु यीशु के लिए हो जाती हैं। प्रभु यीशु ने हमें पापों से मुक्ति और अनन्त काल का उद्धार देने के लिए एक दास का स्वरूप ले लिया; वे स्वर्ग से उतर कर धरती पर आ गए; स्वर्गदूतों की आराधना छोड़ कर क्रूर मनुष्यों के उपहास और निन्दा को सुनने आ गए; स्वर्ग के आदर और महिमा को छोड़ कर अपमान और तिरिस्कार को लेने आ गए। प्रभु यीशु ने "मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली" (फिलिप्पियों २:८)।

   हमारा सृष्टीकर्ता हमारा उद्धारकर्ता बन गया। केवल वही हमारी आरधना और विनीत श्रद्धा का विष्य होने के योग्य है, क्योंकि वह आज भी हमारी हर परिस्थिति में हमारे लिए हमारे साथ है। - पौल वैन गोर्डर

परमेश्वर की सर्वोच्च भेंट, प्रभु यीशु को, हमारे हृदय की सर्वाधिक गहराई से निकली कृतज्ञता का पात्र सदैव रहना चाहिए।

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। - युहन्ना १:१४

बाइबल पाठ: युहन्ना १:१-१४
Joh 1:1  आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
Joh 1:2  यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
Joh 1:3  सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्‍तु उसके बिना उत्‍पन्न न हुई।
Joh 1:4  उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
Joh 1:5  और ज्योति अन्‍धकार में चमकती है; और अन्‍धकार ने उसे ग्रहण न किया।
Joh 1:6  एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।
Joh 1:7  यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।
Joh 1:8  वह आप तो वह ज्योति न था, परन्‍तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।
Joh 1:9  सच्‍ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आने वाली थी।
Joh 1:10  वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्‍पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।
Joh 1:11  वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
Joh 1:12  परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
Joh 1:13  वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्‍छा से, न मनुष्य की इच्‍छा से, परन्‍तु परमेश्वर से उत्‍पन्न हुए हैं।
Joh 1:14  और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • मीका १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य ११

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

वह सब जानता है

   अमेरिका में एक ३० वर्षीय महिला ३ वर्ष तक सप्ताह में एक बार बूढ़ी औरत का वेष धर कर घूमती रही, अपने व्यक्तिगत अनुभव द्वारा यह जानने के लिए कि अमेरिका में लोग अपने बुज़ुर्गों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। जो उसने सीखा वह बहुत दुखदायी था। उसे कई बार लूटे जाने, अपमानित किए जाने और धमकाए जाने का सामना करना पड़ा, और वह समझ पाई कि उसके वर्तमान समाज में बुज़ुर्गों के लिए जीना कठिन और दुखदायी है।

   कुछ लोग कभी कभी दूसरों के साथ सहानुभूति भी रखते हैं, उनके प्रति संवेदनशील तथा सहायक होते हैं; किंतु ऐसे लोगों की गिनती बहुत थोड़ी है। अधिकांशतः लोगों की प्रवृति है कि दूसरे की मजबूरी और परिस्थिति का भरपूर लाभ उठाया जाए, हम इस के उदाहरण अपने आस-पास अपने प्रतिदिन के अनुभवों से देखते रहते हैं।

   पापमय संसार में मनुष्य की दशा का व्यक्तिगत अनुभव जैसा प्रभु यीशु ने किया वह अनूठा एवं अनुपम है। जब वे मानव स्वरूप में पृथ्वी पर आए तो वे प्रलोभनों तथा परीक्षाओं में पड़ने, परखे जाने, नफरत का सामना करने और हर प्रकार का दुख उठाने के लिए तैयार थे। उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का सामना किया जो एक साधारण मनुष्य इस संसार में करता है। संसार में आने से पूर्व भी वे मनुष्यों की कमज़ोरियों में उनके प्रति सहानुभूति रखते थे, परन्तु मनुष्य स्वरूप में हो कर उन्होंने पूरी तरह से हम मनुष्यों के साथ अपनी पहचान बनाई। उनका मानव अवतार लेना और हमारे समान हमारे जीवनों को कठिन बनाने वाले दुखों, कमज़ोरियों और परीक्षाओं को अनुभव करना दिखाता है कि हमें पापों से बचाने के लिए वे किस सीमा तक जाने को तैयार थे। उनके समान अपने परमेश्वरत्व के सर्वोच्च स्थान को छोड़ कर बहुत साधारण से नाशमान मनुष्य की समानता में आकर, मनुष्यों की परिस्थितियों को अनुभव करने का कार्य कभी भी किसी ने नहीं किया। प्रभु यीशु ने स्वर्ग की महिमा छोड़ी और हमारे समान हर रीति से परखे गए, किंतु कभी पाप नहीं किया। सर्वथा निष्पाप और निषकलंक होने पर भी उन्होंने समस्त मानव जाति के सारे पापों को अपने ऊपर ले लिया और क्रूस की मृत्यु सह कर पुनः जी भी उठे, ताकि उनमें किए गए साधारण विश्वास द्वारा, सेंतमेंत हमें पापों से मुक्ति तथा अपनी धार्मिकता दे सकें।

   प्रभु यीशु हमारा ऐसा सहायक है जो हमारी परवाह करता है। जब हम प्रलभनों और परीक्षाओं का सामना करते हैं, तो हम सहायता के लिए निश्चिंत हो कर उसके पास जा सकते हैं, क्योंकि वह सब जानता है। - मार्ट डी हॉन


पृथ्वी का कोई ऐसा दुख नहीं है जिसे स्वर्ग नहीं समझता।

इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित्त करे। - इब्रानियों २:१७

बाइबल पाठ: इब्रानियों २:१४-१८; ४:१८-१६
Heb 2:14  इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे।
Heb 2:15  और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्‍हें छुड़ा ले।
Heb 2:16  क्‍योंकि वह तो स्‍वर्गदूतों को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।
Heb 2:17  इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित्त करे।
Heb 2:18  क्‍योंकि जब उस ने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है।
Heb 4:14  सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें।
Heb 4:15  क्‍योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला।
Heb 4:16  इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍ध कर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • योना 
  • प्रकाशितवाक्य १०

रविवार, 18 दिसंबर 2011

देहधारी वचन

   प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक जौर्ज इलियट ने कहा था, "कभी कभी वे (शब्द) सदेह हो जाते हैं; उनके साँस की गरमाहट को हम अनुभव कर सकते हैं; वे अपने नर्म संवेदनशील हाथों से हमें स्पर्श करते हैं; उन की गंभीर  उदास आँखें हमारी ओर देखती हैं; वे अनुनय-विनय के साथ हम से बोलते हैं - मानों वे कोई जीवित मानवीय आत्मा हों।"

   आध्यत्मशास्त्री बोरहैम ने मसीही जीवन के विषय में लिखा, "मसीही विश्वासी को मसीही सन्देश के अनुरूप होना चाहिए। परमेश्वर के वचन को उस के सही मानवीय परिपेक्ष में प्रस्तुत किया जाना चाहिए....इस से ही वह जो देहधारी हुआ वचन है वह ऐसे प्रभावी रूप में प्रस्तुत हो पाता है कि उस के प्रभाव को रोका नहीं जा सकता....मनुष्य द्वारा बोले गए शब्द जब सदेह प्रस्तुत किए जाते हैं तब वे अभूतपूर्व उद्वेग और सामर्थ से भर जाते हैं। इसी प्रकार परमेश्वर के विचार मनुष्यों के लिए प्रभावी हो जाते हैं, जब वे सदेह होते हैं।"

   प्रभु यीशु मानव रूप में परमेश्वर है। इस संसार में आकर उन्होंने हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता को हम पर सदेह प्रकट किया। जब युहन्ना ने कहा "वचन देहधारी हुआ" तो उस का यही अभिप्राय था। यदि आज समाज को परमेश्वर के देहधारी वचन को सुनना है, तो उसे वह वचन हमारे जीवनों में सदेह दिखना भी चाहिए। प्रभु यीशु ने कहा, "तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्‍वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती ५:१६)।

   जब, जिस पर वे विश्वास करते हैं, उसे अपने जीवन में जी कर दिखाते हैं, तब मसीही विश्वासी वचन को देहधारी बना देते हैं। - रिचर्ड डी हॉन

हम अपने होंठों की अपेक्षा अपने जीवन से ज़्यादा बेहतर सिखाते हैं।

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। - युहन्ना १:१४

बाइबल पाठ: युहन्ना १:१४-१८
Joh 1:14  और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
Joh 1:15  यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकार कर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़ कर है क्‍योंकि वह मुझ से पहिले था।
Joh 1:16  क्‍योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्‍त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
Joh 1:17  इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्‍तु अनुग्रह, और सच्‍चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
Joh 1:18  परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • ओबाद्याह 
  • प्रकाशितवाक्य ९

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

हमारी समानता में

   एक दिन एक मसीही विश्वासी ने मार्ग पर गिरा हुआ गेहूँ की बालियों का पूला देखा। भूखी गौरयिओं के एक झुण्ड ने उस पुले को अपनी आकस्मिक दावत के लिए अपना लिया था तथा उसमें से मज़े से गेहूँ खा रहीं थीं। वह व्यक्ति रुका और उस पूले की ओर एक कदम बढ़ाया, वे गौरियाँ सचेत हो गईं; उस ने उन की ओर एक कदम और बढ़ाया, और सभी चिड़ियाँ विचलित दिखनी लगीं; उस के एक और कदम बढ़ाते ही वे सभी भय से वशीभूत हो अपनी मुफ्त की दावत ऐसे ही छोड़ कर उड़ गईं।

   वह व्यक्ति वहाँ खड़ा हो कर, जो हुआ था उस पर विचार करने लगा कि जबकि उस ने उन्हें डराने या धमकाने के लिए कुछ भी नहीं किया तो फिर वे चिड़ियाँ क्यों उड़ गईं? तभी उस के मन में उत्तर कौंधा, वे उस के आकार से डर कर उड़ गईं थीं, क्योंकि उन छोटे से पक्षियों के लिए उसका आकार बहुत विशाल था और इसलिए उन्हें उस से भय लगता था। उसने फिर सोचा, क्या कोई तरीका है कि वह उन तक, उन्हें बिना डराए जा सके? मन में उत्तर आया, यदि वह स्वयं उनकी समानता में आ कर, एक गौरैया बन कर उनके पास आए तो वे उस से नहीं डरेंगी और वह उन के निकट संपर्क में आ सकता है।

   उसी समय उस व्यक्ति को इस घटना और उस से संबंधित उसके विचारों का आत्मिक समानन्तर भी समझ में आया। परमेश्वर ने पहले भी मनुष्यों से संपर्क करा और बातें करीं थीं। परमेश्वर अब्राहम के पास भी आया था और मूसा के पास भी, लेकिन परमेश्वर जिन के पास भी आया, पहले पहल वे सभी उस से भयभीत हुए। किंतु जब परमेश्वर का स्वर्गदूत चरवाहों के पास आया और, "स्‍वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्‍योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्‍द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है" (लूका १२:१०, ११); तो वे चरवाहे तुरंत बैतलेहम को गए और उन्होंने उस नवजात बालक के दर्शन किए।

   यद्यपि संसार में वे मामूली से चरवाहे थे, किंतु अब सृष्टि के सृष्टिकर्ता की उपस्थिति में खड़े हो कर भी, जिसके सामने स्वर्गदूत भी आँखें उठा कर बात नहीं करते, उन्हें कोई भय नहीं लग रहा था। संसार को पापों से क्षमा और उद्धार का मार्ग देने वाले को देख कर वे आनन्दित थे और उन्होंने यह आनन्द का समाचार औरों को भी सहर्ष दिया।

   प्रभु यीशु में परमेश्वर हमारी समानता में आ गया ताकि हमें अपनी समानता में ला सके। - पौल वैन गोर्डर

मसीह यीशु में हो कर असीम परमेश्वर सीमित मनुष्य की पहुँच के भीतर आ गया।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत युक्ति करने वाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। - यशायाह ९:६

बाइबल पाठ: यशायाह ९:२-७
Isa 9:2  जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी।
Isa 9:3  तू ने जाति को बढ़ाया, तू ने उस को बहुत आनन्द दिया; वे तेरे साम्हने कटनी के समय का सा आनन्द करते हैं, और ऐसे मगन हैं जैसे लोग लूट बांटने के समय मगन रहते हैं।
Isa 9:4  क्योंकि तू ने उस की गर्दन पर के भारी जूए और उस के बहंगे के बांस, उस पर अंधेर करने वाले की लाठी, इन सभों को ऐसा तोड़ दिया है जेसे मिद्यानियों के दिन में किया था।
Isa 9:5  क्योंकि युद्ध में लड़ने वाले सिपाहियों के जूते और लोहू में लथड़े हुए कपड़े सब आग का कौर हो जाएंगे।
Isa 9:6  क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत युक्ति करने वाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा।
Isa 9:7  उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वि उस को दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • अमोस ७-९ 
  • प्रकाशितवाक्य ८

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

कार्यकारी

   रोबर्ट मोफ्फट (१७९५-१८८३) अफ्रीका में मिशनरी कार्यों में संलग्न थे। एक बार जब वे इंगलैंड आए और अफ्रीका में अपने कार्य के बारे में बता रहे थे तब एक विद्यार्थी बड़ी दिलचस्पी से उन की बातें सुन रहा था। मोफट ने अकसर उन्हें अफ्रीका में दिखाई देने वाले एक दृश्य के बारे में बताया, उन्होंने कहा, "जहाँ मैं कार्य करता हूँ उसके उत्तर दिशा में एक बहुत विशाल मैदान है, जहाँ प्रातः के सूरज के साथ मैंने हज़ार गाँवों से उठता धुआँ देखा है, ऐसे गाँव जहाँ कभी कोई मिशनरी नहीं गया।"

  यह शब्द ’हज़ार गाँवों से उठता धुआँ’ उस विद्यार्थी के मन में घर कर गए और उस स्थान की कलपना ने उस के मन में उन स्थानों पर जहाँ कभी कोई नहीं गया जाने की प्रबल लालसा जगा दी। अपने इस दर्शन और लालसा से वशीभूत हो कर वह विद्यार्थी मोफट के पास आया, और बोला, "क्या मैं अफ्रीका में कार्यकारी हो सकता हूँ?" यह विद्यार्थी था आगे चल कर अफ्रीका में अपने कार्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्धि तथा आदर पाने वाला विख्यात मिशनरी डेविड लिविंगस्टन।

   हम जो ऐसे देशों में रहते हैं जहाँ सुसमाचार निर्बाध रूप से प्रचार हो सकता है, इस बात को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं कि संसार में ऐसे भी इलाके हैं जहाँ लोगों ने कभी सुसमाचार सुना ही नहीं है। जब हम उन करोड़ों लोगों के बारे में सुनते हैं जो मसीह और उसमें मिलने वाले उद्धार तथा पापों से क्षमा के बारे में जानते ही नहीं तो हमें भी मत्ती ९ में वर्णित हमारे प्रभु की तरह उन के लिए संवेदना से भर कर सुसमाचार उन तक पहुँचाने के लिए कार्यकारी होने को लालायित हो जाना चाहिए।

   प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा, "क्‍या तुम नहीं कहते, कि कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं देखो, मैं तुम से कहता हूं, अपनी आंखे उठा कर खेतों पर दृष्‍टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं" (यूहन्ना ४:३५)। प्रभु को आज भी उस के लिए ’खेतों’ में कार्य करने वाले मज़दूरों की आवश्यक्ता है। मोफट और लिविंगस्टन के जैसे हमें भी उन ’हज़ार गाँवों से उठता धुआँ’ देखने वाली आँखें और उन तक जाने की लालसा रखने वाला मन चाहिए। तब हम परमेश्वर से माँग सकते हैं कि उन इलाकों में जहाँ सुसमाचार कभी नहीं पहुँचा, वहाँ सुसमाचार पहुँचाने के लिए हम उस के लिए कैसे कार्यकारी हो सकते हैं? - रिचर्ड डी हॉन


परमेश्वर के आवश्यक वचन के साथ हमें आवश्यक्ता में पड़े संसार में जाने वाले बनना है।

जब उस ने भीड़ को देखा तो उस को लोगों पर तरस आया, क्‍योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। - मत्ती ९:३६

बाइबल पाठ: मत्ती ९:३२-३८
Mat 9:32  जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूंगे को जिस में दुष्‍टात्मा थी उस के पास लाए।
Mat 9:33  और जब दुष्‍टात्मा निकाल दी गई, तो गूंगा बोलने लगा; और भीड़ ने अचम्भा कर के कहा कि इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया।
Mat 9:34  परन्‍तु फरीसियों ने कहा, यह तो दुष्‍टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्‍टात्माओं को निकालता है।
Mat 9:35  और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और र्दुबलता को दूर करता रहा।
Mat 9:36  जब उस ने भीड़ को देखा तो उस को लोगों पर तरस आया, क्‍योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।
Mat 9:37  तब उस ने अपने चेलों से कहा, पके खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं।
Mat 9:38  इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • अमोस ४-६ 
  • प्रकाशितवाक्य ७

गुरुवार, 15 दिसंबर 2011

जंगल और बस्ती

   रिचर्ड वुड ने, Oriental Missionary Society द्वारा प्रकाशित पत्रिका Outreach में एक लेख में मिशनरी कार्यों को समर्थन और सहारा देने के विषय में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया। उन्हों ने कहा, सैलानी अकसर जब अति पिछड़े और गरीब देश हेयती हो कर आते हैं तो कहते हैं कि "हेयती में कार्य कर रहे मिशन संस्थानों और कार्यकर्ताओं के कार्य द्वारा परमेश्वर ने मेरा मन छू लिया।" लेकिन मैं यह सोचता हूँ कि उन लोगों का मन किस से छूआ गया - हेयती की शारीरिक गरीबी और बदहाली से या वहाँ के विवासियों में व्याप्त आत्मिक कँगाली से? इन सैलानियों के मन में प्रथामिक चिंता किस चीज़ को लेकर थी, वहाँ पेट भरने की रोटी की कमी के कारण या जीवन की रोटी - परमेश्वर के वचन की कमी के कारण?

   रिचर्ड वुड ने समझाया कि लोगों की शारीरिक कमीयों को देख कर चिंता करना, हमें जागृत करने के लिए परमेश्वर का एक उपाय हो सकता है; किंतु इन चिंता करने वालों में से ऐसे कितने होंगे जो बस्तीयों और शहरों में जा कर भी यही कहेंगे कि, "परमेश्वर ने शहर और बस्ती में मेरे मन को छू लिया।" क्या शहर में बने सुन्दर बाग़ीचों वाले कीमती घरों, और उन में रहने वाले अच्छे कपड़े पहने हुए और हर प्रकार के भोजन वस्तुओं से तृप्त लोगों को देख कर भी उन के मनों में ऐसी ही चिन्ता उठती है?

   सुसमाचार केवल झुग्गी-झोंपड़ी और छोटी बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए नहीं है, उद्धार का यह सुसमाचार अमीरों, शहर वासियों और कॉलनी में रहने वालों के लिए भी वैसे ही है। मिशन कार्य में लगने और सुसमाचार प्रचार करने का सही कारण और प्रेरणा हमारी भावनाएं और विचार नहीं - परमेश्वर का चरित्र और लोगों का आत्मिक अन्धकार हैं। इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह आत्मिक अन्धकार गरीब झोंपड़ी वाले के जीवन में है या आलीशान मकान में रहने वाले अमीर व्यक्ति के जीवन में, दोनो को ही सुसमाचार पर विश्वास द्वारा पापों से मुक्ति और नरक से बचने की समान आवश्यक्ता है।

   इसलिए हर एक मसीही विश्वासी का यह कर्तव्य है कि सुसमाचार - परमेश्वर द्वारा उपल्बध कराए गए मुक्ति के मार्ग को, वह सब प्रकार के लोगों तक पहुँचाए - चाहे वे जंगलों में रहते हों या बस्तियों में। - रिचर्ड डी हॉन

जो कोई मसीह यीशु में है वह सुसमाचार प्रचारक है, और जो मसीह यीशु में नहीं है वह सुसमाचार प्रचार के लिए कार्य स्थल है।

परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। - प्रेरितों १:८

बाइबल पाठ: मत्ती २८:१८-२०; प्रेरितों १:७, ८
Mat 28:18  यीशु ने उन के पास आ कर कहा, कि स्‍वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
Mat 28:19  इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्‍हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
Mat 28:20  और उन्‍हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।
Act 1:7  उस ने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं।
Act 1:8  परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
एक साल में बाइबल: 
  • अमोस १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य ६

बुधवार, 14 दिसंबर 2011

कार्य स्थल

   अपनी पुस्तक The Complete Disciple में पौल पोवेल लिखते हैं, "आज के समय के बहुत से चर्च मुझे ऐसे मज़दूरों की याद दिलाते हैं जो औज़ारों की कार्यशाला में बैठे-बैठे ही फसल को खेत से गोदाम में ले आने का प्रयास कर रहे हैं। वे प्रति इतवार अपनी कार्यशाला में जाते हैं, फसल उगाने और जमा करने के नए और बेहतर तरीके सीखते हैं, अपने औज़ारों को तेज़ और दुरुस्त करते तथा अपने ट्रैक्टरों में तेल और ग्रीस डालते हैं, फिर उठ कर अपने घर चले जाते हैं। रात को वे फिर वापस आकर यही प्रक्रिया दोहराते हैं और फिर घर चले जाते हैं। ऐसा वे हफ्तों, महीनों, सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन फसल काटने उन में से कोई भी खेत में नहीं जाता; सब कार्य शाला में बैठे बैठे फसल उगाने और काटने के तरीके ही सीखते रहते हैं।"

   प्रभु यीशु का अपने चेलों को दिया गया अन्तिम निर्देश था के वे सारे संसार में जा कर लोगों को प्रभु में विश्वास द्वारा मिलने वाले उद्धार और पापों से मुक्ति के बारे में बताएं। प्रभु यीशु ने अपने स्वर्गारोहण से पहले, "...उन से कहा, तुम सारे जगत में जा कर सारी सृष्‍टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो" (मरकुस १६:१२५)। प्रभु यीशु की यह बड़ी आज्ञा आज भी उस के चेलों के लिए लागू है, तथा चेलों का कर्तव्य है। किंतु बहुतेरे चर्च सदस्य, चाहे वे वर्षों से मसीही विश्वासी हों और परमेश्वर के वचन बाइबल के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों, तौ भी कभी सुसमाचार प्रचार के लिए कार्य करने नहीं जाते।

   इस विषय में मैं भी दोषी हूँ। मैं मिशन और मिशनरी कार्यों को नियमित रूप से प्रोत्साहित करता हूँ, उनके कार्यों में योगदान देता हूँ, लेकिन मैं आत्मिक अन्धकार में खोए हुए लोगों के बीच में वैसे नहीं जाता जैसे मुझे जाना चाहिए। प्रभु के आगमन से पहले, अब समय है कि हम मसीही विश्वासियों को अपनी यह कमी स्वीकार करनी चाहिए और प्रभु यीशु द्वारा नियुक्त कार्य और कार्य स्थल पर जाना चाहिए। - डेव एग्नर

सुसमाचार प्रचार के मिशन कार्यों में हम केवल एक कार्य नहीं कर सकते - सुसमाचार प्रचार को नज़रान्दाज़ करना।

स्‍वामी ने दास से कहा, सड़कों पर और बाड़ों की ओर जा कर लोगों को बरबस ले ही आ ताकि मेरा घर भर जाए। - लूका १४:२३

बाइबल पाठ: लूका १४:१५-२४
Luk 14:15  उसके साथ भोजन करने वालों में से एक ने ये बातें सुनकर उस से कहा, धन्य है वह, जो परमेश्वर के राज्य में रोटी खाएगा।
Luk 14:16  उस ने उस से कहा; किसी मनुष्य ने बड़ी जेवनार की और बहुतों को बुलाया।
Luk 14:17  जब भोजन तैयार हो गया, तो उस ने अपने दास के हाथ नेवतहारियों को कहला भेजा, कि आओ, अब भोजन तैयार है।
Luk 14:18  पर वे सब के सब क्षमा मांगने लगे, पहिले ने उस से कहा, मैं ने खेत मोल लिया है और अवश्य है कि उसे देखूं: मैं तुझ से बिनती करता हूं, मुझे क्षमा करा दे।
Luk 14:19  दूसरे ने कहा, मैं ने पांच जोड़े बैल मोल लिए हैं: और उन्‍हें परखने जाता हूं : मैं तुझ से बिनती करता हूं, मुझे क्षमा करा दे।
Luk 14:20  एक और ने कहा, मै ने ब्याह किया है, इसलिये मैं नहीं आ सकता।
Luk 14:21  उस दास ने आ कर अपने स्‍वामी को ये बातें कह सुनाईं, तब घर के स्‍वामी ने क्रोध में आ कर अपने दास से कहा, नगर के बाजारों और गलियों में तुरन्‍त जा कर कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को यहां ले आओ।
Luk 14:22  दास ने फिर कहा, हे स्‍वामी, जैसे तू ने कहा था, वैसे ही किया गया है; फिर भी जगह है।
Luk 14:23  स्‍वामी ने दास से कहा, सड़कों पर और बाड़ों की ओर जा कर लोगों को बरबस ले ही आ ताकि मेरा घर भर जाए।
Luk 14:24  क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि उन नेवते हुओं में से कोई मेरी जेवनार को न चखेगा।
एक साल में बाइबल: 
  • योएल 
  • प्रकाशितवाक्य ५

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

प्रेम की सेवकाई

   जब हडसन टेलर ’चाइना इन्लैंड मिशन’ के निर्देषक थे तो अकसर उन्हें मिशन क्षेत्रों में कार्य करने की लालसा रखने वाले लोगों को नियुक्त करने के लिए उन से साक्षात्कार करना पड़ता था। जब वे उन उम्मीदवारों से पूछते कि "आप विदेशों में जा कर मिशनरी कार्य क्यों करना चाहते हैं?" तो कोई कहता, "इसलिए कि मसीह यीशु ने हमें सारे जगत में जा कर सुसमाचार प्रचार की आज्ञा दी है", या कोई दुसरा कहता कि, "क्योंकि संसार में करोड़ों लोग मसीह के बिना मर कर नरक में जा रहे हैं।" अन्य कुछ भिन्न अथवा इससे मिलते जुलते उत्तर देते। हडसन टेलर उन सब से कहते, "आप के यह सारे कारण चाहे ठीक भी हों, तो भी जब परीक्षा, सताव और क्लेषों, और मृत्यु के जोखिम के आने के समय ये सब आपको पराजित होने के लिए अकेला छोड़ देंगे। केवल एक ही कारण है जो इन सब परीक्षाओं और क्लेषों और मृत्यु तक परखे जाने पर भी आपके साथ खड़ा रहेगा, और आपको विजयी करेगा - मसीह यीशु का प्रेम।"

   एक मिशनरी प्रचरक ने कहा, "क्या मैं यह कार्य पसन्द करता हूँ? जी नहीं; मुझे और मेरी पत्नि को गन्दगी बिलकुल पसन्द नहीं है। हम सम्भ्रांत संसाकारों वाले हैं, किंतु यदि कोई जन किसी बात को पसन्द नहीं करता हो तो क्या उसे मसीह यीशु के लिए वह बात करनी नहीं चाहिए? परमेश्वर ही ऐसे मनुष्य पर दया करे, जो केवल अपनी पसन्द के अनुसार ही परमेश्वर के लिए कार्य करना चाहता हो। परमेश्वर की सेवकाई में पसन्द-नापसन्द का कोई स्थान नहीं है। परमेश्वर ने हमें आज्ञा दी है कि जाओ, हमें बस उसके कहे गए स्थान को जाना है, और हम जाते हैं। मसीह का प्रेम हमें इस के लिए विवश करता है।"

   हो सकता है कि हम खतरनाक अथवा नापसन्द परिस्थियों में कार्य ना कर रहे हों, किन्तु जो भी कार्य उसने हमें करने के लिए दिया है उस की अपनी विशिष्ट कठिनाईयाँ हो सकती हैं। हमारी परीक्षाओं और कठिनाईयों में हमें केवल मसीह का प्रेम ही सतत कार्यरत रहने की प्रेरणा तथा सामर्थ दे सकता है। - रिचर्ड डी हॉन

मसीह की सेवा नियम एवं विधान के अन्तर्गत करना कर्तव्य मात्र है; किंतु प्रेम के आधीन हो कर करना आनन्द है।

क्‍योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है, इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्‍तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - २ कुरिन्थियों ५:१४, १५

बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ६:१-१०
2Co 6:1  और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुगंह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2Co 6:2  क्‍योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी उद्धार का दिन है।
2Co 6:3  हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए।
2Co 6:4  परन्‍तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों की नाई अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्‍लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से।
2Co 6:5  कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से।
2Co 6:6  पवित्रता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्र आत्मा से।
2Co 6:7  सच्‍चे प्रेम से, सत्य के वचन से, परमेश्वर की सामर्थ से; धामिर्कता के हथियारों से जो दाहिने, बाएं हैं।
2Co 6:8  आदर और निरादर से, दुरनाम और सुनाम से, यद्यपि भरमाने वालों के ऐसे मालूम होते हैं तौभी सच्‍चे हैं।
2Co 6:9  अनजानों के सदृश्य हैं, तौभी प्रसिद्ध हैं; मरते हुओं के ऐसे हैं और देखों जीवित हैं; मार खाने वालों के सदृश हैं परन्‍तु प्राण से मारे नहीं जाते।
2Co 6:10  शोक करने वाले के समान हैं, परन्‍तु सर्वदा आनन्‍द करते हैं; कंगालों के जैसे हैं, परन्‍तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।
एक साल में बाइबल: 
  • होशे १२-१४ 
  • प्रकाशितवाक्य ४

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

मन से मूँह तक

   शरीर की एक व्याधि होती है एफेज़िया (Aphasia), जिस से पीड़ित रोगी बोल नहीं पाता। बोलने में बाधा मूँह अथवा जीभ कि किसी कमज़ोरी या रोग के कारण नहीं वरन मस्तिष्क और मूँह के बीच तालमेल की कमी के कारण  होती है। किसी चोट अथवा बिमारी के कारण मस्तिष्क में बोलने के लिए सोचे गये शब्द का सन्देश जीभ तक नहीं पहुंच पाता, और बोलने की सामर्थ तथा मस्तिष्क में सोचने की शक्ति ठीक होने पर भी, एफेज़िया रोगी द्वारा सोचा और चाहा गया बोला नहीं जाता।

   इस से मिलता जुलता आत्मिक रोग बहुतेरे मसीही विश्वासियों को भी जकड़े रहता है। वे मसीह यीशु को जानते हैं, परन्तु उसके बारे में किसी से कुछ कहते नहीं। वे परमेश्वर के उद्धार के मार्ग और योजना को जानते हैं परन्तु किसी को उसके बारे में बताते नहीं। वे उन आरंभिक मसीही विश्वासियों द्वारा प्रदर्शित उस उत्साह को नहीं दिखाते जिसके अन्तर्गत उन विश्वासियों ने, मसीह यीशु में उद्धार के प्रचार के लिए उन पर लाए गए उत्पीड़न के समय कहा, "क्‍योंकि यह तो हम से हो नहीं सकता, कि जो हम ने देखा और सुना है, वह न कहें" (प्रेरितों ४:२०)।

   ज्ञान और गवाही के मध्य इस बाधित संबंध को ठीक किया जाना अनिवार्य है। बहुत बार भय इस संबंध के खराब होने का कारण होता है, या, हमारे जीवन का छिपा पाप हम में मसीह के बारे में बोलने की स्वतंत्रता आने नहीं देता। जब मसीही विश्वासी केवल पवित्र आत्मा की सामर्थ पर निर्भर रहते हैं, और अपने पाप का अंगीकार कर के उसका परित्याग करते हैं, तब ही वे निर्बाध रूप से मसीह यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार बाँट सकते हैं।

   अपने स्वर्गारोहण से तुरंत पूर्व, प्रभु यीशु ने अपने चेलों को इस सुसमाचार को समस्त संसार में ले जा पाने की सामर्थ से परिपूर्ण होने का वायदा किया (प्रेरितों १:८)। यह सामर्थ है परमेश्वर के पवित्र आत्मा का प्रत्येक मसीही विश्वासी के अन्दर निवास करना, और यह सामर्थ परमेश्वर द्वारा प्रत्येक विश्वासी को उसके उद्धार के साथ दान दी गई है। किंतु यदि हम पवित्र आत्मा को शोकित करते हैं अथवा बुझा देते हैं तो उसकी सामर्थ भी हमारे जीवनों में कार्यकारी नहीं हो सकेगी और हम मसीह के सच्चे और प्रभावी गवाह भी नहीं बन सकेंगे।

   मसीह यीशु में विश्वास द्वारा पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को लगातार हम मसीही विश्वासियों में से अपने आस-पास तथा संसार में प्रवाहित होते रहना है। आत्मिक एफेज़िया कभी हमारी गवाही को बन्द करने ना पाए।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी के ना केवल मस्तिष्क से मूँह का, वरन मन से मूँह तक का मार्ग भी कभी अवरुद्ध नहीं होना चाहिए। - पौल वैन गोर्डर


यदि परमेश्वर का वचन हमारे मन में बसा हुआ है, तो वह समय और आवश्यक्ता अनुसार उपयुक्त शब्द हमारे मूँह में भी देगा।

परन्‍तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्‍तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं। जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्‍तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं। - १ कुरिन्थियों २:१२, १३

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों २:९-१६
1Co 2:9  परन्‍तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुनी, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।
1Co 2:10  परन्‍तु परमेश्वर ने उन को अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया; क्‍योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है।
1Co 2:11  मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता, केवल मनुष्य की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेवर का आत्मा।
1Co 2:12  परन्‍तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्‍तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
1Co 2:13  जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्‍तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं।
1Co 2:14  परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्‍योंकि वे उस की दृष्‍टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्‍हें जान सकता है क्‍योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
1Co 2:15  आत्मिक जन सब कुछ जांचता है, परन्‍तु वह आप किसी से जांचा नहीं जाता।
1Co 2:16  क्‍योंकि प्रभु का मन किस ने जाना है, कि उसे सिखलाए परन्‍तु हम में मसीह का मन है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • होशे ९-११ 
  • प्रकाशितवाक्य ३

रविवार, 11 दिसंबर 2011

घर से आरंभ

   एक युवती अकेली रहती थी। वह मसीही विश्वासी भी थी और उद्धार के सुसमाचार को लोगों को पहुँचाने की लालसा रखती थी। अपनी इसी लालसा की पूर्ति के लिए एक दिन उस ने अपने पादरी पूछा, "मैं कहाँ जा कर सुसमाचार का प्रचार करूँ कि वह उपयोगी एवं प्रभावी हो?" पादरी ने एक छोटे कागज़ पर कुछ लिखा और उसे पकड़ा दिया, तथा कहा कि घर जा कर उसे पढ़ लेना। युवती बड़ी शीघ्रता से, उत्सुकता से भरी हुई घर पहुँची और जल्दी से वह कागज़ निकाला और यह जानने के लिए कि उसकी सेवकाई का स्थान क्या है, उसे खोल कर पढ़ा। उस कागज़ पर पादरी ने केवल एक छोटा सा वाक्य लिखा था, "अपने पिता के पास।" वह युवती दूर-दराज़ स्थानों मे जा कर प्रचार करने को इतनी लालयित थी कि उस ने अपने समीप के अवसरों को नज़रंदाज़ कर दिया था। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने पश्चाताप किया, अपने पिता के पास लौट गई, उनकी बुज़ुर्गी में प्रेम और आदर सहित उनकी सेवा करने लगी और फिर वह उन से प्रभु के प्रेम और सुसमाचार को भी बाँट सकी।

   बहुत से मसीही विश्वासी दूर इलाकों और दूर देशों में सुसमाचार के प्रचार के लिए अपने आप को अर्पित करते हैं। वहाँ जा कर, या उन दूर के देशों और इलाकों में काम करने वाले लोगों के लिए प्रार्थनाएं कर के, अथवा इस सेवकाई के लिए अपने धन से सहायता कर के, वे इस सेवकाई में संभागी भी होते हैं। किंतु ये ही लोग, जो दूर के इलाकों में फैले आत्मिक अन्धकार के प्रति इतने जागरूक तथा चिंतित हैं, अपने आस-पास इसी आवश्यक्ता के प्रति बहुत उदासीन और अनजाने रहते हैं।

   प्रभु की सेवकाई किसी दूर के इलाके में करना बहुत चुनौती भरा कार्य है और इस के लिए कई तरह के त्याग भी करने पड़ते हैं और कठिनाईयाँ भी झेलनी पड़ती हैं। इस कार्य में लगे लोग वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं। लेकिन इसी कार्य के लिए अपने आस-पास के अवसरों का भी ध्यान रखना अनिवार्य है। इस सेवकाई को भी अपने घर ही से आरंभ करें, समयनुसार प्रभु दूर के लिए भी उपयोग कर लेगा। - रिचर्ड डी हॉन

सुसमाचार प्रचार के लिए परमेश्वर के शब्दकोष में "घर" और "विदेश" का अर्थ भिन्न नहीं है।

...और उस से कहा, अपने घर जा कर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया कर के प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं। - मरकुस ५:१९

बाइबल पाठ: मरकुस ५:१-२०
Mar 5:1  और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे।
Mar 5:2  और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्‍त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला।
Mar 5:3  वह कब्रों में रहा करता था। और कोई उसे सांकलों से भी न बान्‍ध सकता था।
Mar 5:4  क्‍योंकि वह बार बार बेडिय़ों और सांकलों से बान्‍धा गया था, पर उस ने साकलों को तोड़ दिया, और बेडिय़ों के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था।
Mar 5:5  वह लगातार रात-दिन कब्रों और पहाड़ो में चिल्लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था।
Mar 5:6  वह यीशु को दूर ही से देख कर दौड़ा, और उसे प्रणाम किया।
Mar 5:7  और ऊंचे शब्‍द से चिल्ला कर कहा; हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्‍या काम मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे।
Mar 5:8  क्‍योंकि उस ने उस से कहा था, हे अशुद्ध आत्मा, इस मनुष्य में से निकल आ।
Mar 5:9  उस ने उस से पूछा, तेरा क्या नाम है? उस ने उस से कहा मेरा नाम सेना है; क्‍योंकि हम बहुत हैं।
Mar 5:10  और उस ने उस से बहुत बिनती की, हमें इस देश से बाहर न भेज।
Mar 5:11  वहां पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्‍ड चर रहा था।
Mar 5:12  और उन्‍होंने उस से बिनती कर के कहा, कि हमें उन सूअरों में भेज दे, कि हम उन के भीतर जाएं।
Mar 5:13  सो उस ने उन्‍हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकल कर सूअरों के भीतर पैठ गई और झुण्‍ड, जो कोई दो हजार का था, कड़ाडे पर से झपट कर झील में जा पड़ा, और डूब मरा।
Mar 5:14  और उन के चरवाहों ने भाग कर नगर और गांवों में समाचार सुनाया।
Mar 5:15  और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। और यीशु के पास आ कर, वे उसे जिसमें सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देख कर, डर गए।
Mar 5:16  और देखने वालों ने उसका जिस में दुष्‍टात्माएं थीं, और सूअरों का पूरा हाल, उन को कह सुनाया।
Mar 5:17  और वे उस से बिनती कर के कहने लगे, कि हमारे सिवानों से चला जा।
Mar 5:18  और जब वह नाव पर चढ़ने लगा, तो वह जिस में पहिले दुष्‍टात्माएं थीं, उस से बिनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे।
Mar 5:19  परन्‍तु उस ने उसे आज्ञा न दी, और उस से कहा, अपने घर जा कर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया कर के प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।
Mar 5:20  वह जाकर दिकपुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब अचम्भा करते थे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • होशे ५-८ 
  • प्रकाशितवाक्य २

शनिवार, 10 दिसंबर 2011

हमारी ज़िम्मेवारी

   एक मिशनरी कार्यकर्ता जौन डी व्राईस ने अपनी कलपना से प्रभु यीशु के स्वर्गारोहण के तुरन्त बाद, वहाँ पहुँचने पर स्वर्गदूतों से हुए वार्तालाप का वर्णन लिखा है। वे लिखते हैं: स्वर्ग पहुँचते ही स्वर्गदूतों ने बड़े आनन्द से पृथ्वी पर अपने कार्य को पूरा कर के आए प्रभु यीशु का स्वागत किया। अब वे यह जानने को आतुर थे कि संसार को यह सुसमाचार कि प्रभु यीशु ने मृत्यु पर जय पा कर समस्त संसार के लिए पाप से मुक्ति और उद्धार का मार्ग खोल दिया है, पहुँचाने का कार्य कौन करेगा? स्वर्गदूतों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए, प्रभु ने पृथ्वी की ओर इशारा कर के वहाँ एकत्रित अपने चेलों के एक छोटे से झुँड को उन्हें दिखाया और बताया कि ये ही हैं वे जो संसार भर में मेरे गवाह होंगे। इन चेलों ने पाप से मुक्ति और उद्धार के रोमाँच को व्यक्तिगत रीति से अनुभव किया है; अब अपने इस अनुभव को वे संसार भर के लोगों तक ले कर भी जाएंगे।

   उद्धार के सुसमाचार के प्रचार की यह मशाल जो प्रभु ने स्वर्गदूतों को नहीं वरन अपने आरंभिक चेलों को पकड़ायी थी, आज अनेक पीढ़ीयों से होकर गुज़रती हुई हमारे हाथों में पहुँची है। अब यह हमारी ज़िम्मेवारी है कि पापों से मुक्ति और विश्वास द्वारा उद्धार के इस सुसमाचार को अपने समकालीन लोगों तक पहुँचाएं और इस ज़िम्मेवारी को फिर अपनी अगली पीढ़ी को सौंप कर जाएं।

   चाहे स्वर्गदूत सुसमाचार के प्रचार के इस अवसर के लिए तरसते हों लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रीति से पापों की क्षमा के आनन्द और महिमा की आशा को अनुभव नहीं किया है। इसलिए यह ज़िम्मेवारी उनकी नहीं हमारी है, जिन्होंने इसे व्यक्तिगत रीति से अनुभव किया है। - रिचर्ड डी हॉन


मसीही विश्वासी के लिए इस संसार में जीवित बने रहने का एकमात्र कारण है प्रभु यीशु का गवाह होना।

उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जा कर सारी सृष्‍टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। - मरकुस १६:१५

बाइबल पाठ: मरकुस १६:१४-२०
Mar 16:14  पीछे वह उन ग्यारहों को भी, जब वे भोजन करने बैठे थे दिखाई दिया, और उन के अविश्वास और मन की कठोरता पर उलाहना दिया, क्‍योंकि जिन्‍होंने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था, इन्‍होंने उन की प्रतीति न की थी।
Mar 16:15  और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जा कर सारी सृष्‍टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।
Mar 16:16  जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्‍तु जो विश्वास ने करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।
Mar 16:17  और विश्वास करने वालों में ये चिन्‍ह होंगे कि वे मेरे नाम से दुष्‍टात्माओं को निकालेंगे।
Mar 16:18  नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्‍तु भी पी जांए तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।
Mar 16:19  निदान प्रभु यीशु उन से बातें करने के बाद स्‍वर्ग पर उठा लिया गया, और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।
Mar 16:20  और उन्‍होंने निकल कर हर जगह प्रचार किया, और प्रभु उन के साथ काम करता रहा, और उन चिन्‍हों के द्वारा जो साथ साथ होते थे वचन को, दृढ़ करता रहा। आमीन।
 
एक साल में बाइबल: 
  • होशे १-४ 
  • प्रकाशितवाक्य १

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

अनावश्यक मज़दूरी

   मेक्सिको शहर में १९८५ में आए भयानक भूकंप से हुई त्रासदी के चित्र टेलिविज़न द्वारा समस्त विश्व में सजीव दिखाए जा रहे थे। टी०वी० के पटल पर ध्वस्त हुए कॉंन्क्रीट के मकानों और मकानों के खण्डहरों के चित्र भरे पड़े थे। बचाव कार्यों में लगे लोग इन खण्डरों को खोदने में जी-जान से लगे हुए थे कि जीवन के कहीं कोई चिन्ह मिलें। जगह जगह आग लगी हुई थी और धुँआ तथा धूल वायुमण्डल में भरे हुए थे। जब मैं यह सब देख रहा था तो अचानक टी०वी० के एक कोने में कुछ अक्षर लिखे हुए आए - "सौजन्य से: SIN"

   वास्तव में वे तीन अक्षर SIN "Spanish Ingternational Network" का लघु रूप थे; परन्तु एक क्षण के लिए मेरे मन में इस का भिन्न अर्थ आया, अर्थात अंग्रेज़ी शब्द "SIN" का अर्थ पाप ध्यान में आया। मुझे स्मरण आया कि संसार की सभी समस्याओं, दुखः और कष्टों का मूल कारण पाप है। मेरा यह तात्पर्य नहीं कि परमेश्वर ने मैक्सिको शहर का भूकंप द्वारा न्याय किया; किंतु यदि पाप प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप में किसी त्रासदी के लिए ज़िम्मेवार है तो हमें पाप को उसके वास्तविक घृणित रूप में पहचानना और देखना अति आवश्यक है ना कि उसे हलके में लेकर उस से कोई शिष्टाचार निभाना चाहिए।

   क्योंकि मनुष्यों के सारे दुख-दर्द का उदगम पाप से है, उसे कैसे हलके में लिया जा सकता है? हम क्यों पाप के साथ समझौता कर के रहें, जिस के कारण एक प्रेमी परमेश्वर को न्यायी बनना पड़ता है और प्रकाशितवाक्य ६ में वर्णित भयंकर न्याय को लाना पड़ता है? अब हम पाप के देनदार नहीं रहे हैं क्योंकि मसीह यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए, कलवरी के क्रूस पर चढ़ कर, पाप के हर एक कर्ज़ को चुका दिया है और उसकी सामर्थ को निरस्त कर दिया है। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि "क्‍योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्‍तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्‍त जीवन है" (रोमियों ६:२३); किंतु अब पाप को हमें किसी भी मज़दूरी के देने का कोई कारण शेष नहीं है। बस प्रभु यीशु से करी गई एक साधारण विश्वास की प्रार्थना "हे प्रभु यीशु मेरे पाप क्षमा करें और मुझे अपनी शरण में ले लें" और सच्चे मन से यीशु को किया गया समर्पण हमें पाप के हर एक कर्ज़ से मुक्त कर देने के लिए पर्याप्त है।

   प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की सामर्थ में जीने से हम अपने पाप की अनावश्यक मज़दूरी पाने से बच जाते हैं। - मार्ट डी हॉन

यदि हम पाप के विरुद्ध खड़े होने का निर्णय लेते हैं तो उसमें परमेश्वर हमें विजय भी देता है।

सो हे भाइयो, हम शरीर के कर्जदार नहीं, ताकि शरीर के अनुसार दिन काटें। क्‍योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। - रोमियों ८:१२, १३

बाइबल पाठ: रोमियों ६:६-१८
Rom 6:6  क्‍योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्‍व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्‍व में न रहें।
Rom 6:7  क्‍योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8  सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9  क्‍योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10  क्‍योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्‍तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11  ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्‍तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12  इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13  और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
Rom 6:14  और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्‍योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।
Rom 6:15  तो क्‍या हुआ क्‍या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।
Rom 6:16  क्‍या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्‍त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्‍त धामिर्कता है
Rom 6:17  परन्‍तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
Rom 6:18  और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ११-१२ 
  • यहूदा

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

शैतान के प्रतिरोध

   जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों से निकट भविष्य में अपने यरूशलेम जाने और वहाँ पर यहूदियों के धर्म गुरुओं द्वारा पकड़वाए जाने और क्रूस पर चढ़ा कर मारे जाने के बारे में बताया, तो उन के चेले पतरस ने इसका विरोध किया और उन्हें ऐसा होने देने को रोक देने के लिए कहा। पतरस का यह प्रतिरोध उसके अनजाने में ही उस में होकर यीशु के विरुद्ध शैतान के द्वारा डाला जाने वाला प्रतिरोध था। प्रभु यीशु ने इस बात को प्रकट किया और पतरस में होकर कार्य कर रहे शैतान को इसके लिए डाँटा (मत्ती १६:२१-२३)।

   शैतान ने पहले यीशु को बचपन में ही मार डालने के प्रयास किए जब उसके जन्म के बाद राजा हेरोदेस ने उस इलाके में पैदा हुए सभी बच्चों को मरवा देने की आज्ञा दी ताकि उन बच्चों में यीशु भी मार डाला जाए (मत्ती २:१-१६)। जब से युहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने प्रभु यीशु को परमेश्वर का मेमना कहा जो जगत के पाप उठा ले जाता है (युहन्ना १:२९), तब ही से शैतान यीशु को क्रूस पर जाने से रोकने के अपने प्रयासों में लग गया। पहले उसने यीशु की सेवकाई आरंभ होने से पहले ही उसे प्रलोभन दिया कि यीशु उस से संसार के राज्य ले ले और क्रूस पर जाने का अपना इरादा छोड़ दे। फिर सेवकाई के दौरान उसने कई बार यहूदी धर्म गुरुओं और अगुवों को उकसाया कि वे उस का विरोध करें, लोगों को उस के विरुद्ध भड़काएं, उसे पत्थरवाह कर के मार डालें जिससे वह क्रूस पर ना जा सके। जब शैतान के ये प्रयास विफल रहे तो उस ने अपनी रण नीति बदली और प्रभु के चेले पतरस को उकसाया कि वह परमेश्वर की योजना का विरोध करे और यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने से रोके। जब यह भी कामयाब नहीं हुआ तो फिर शैतान एक और चेले यहूदा में समा गया (यूहन्ना १३:२७) कि यीशु का विरोध करे। उसके बाद शैतान ने प्रभु के चेलों से कायरता पूर्वक उसे अकेला छोड़ कर भागने, पतरस द्वारा तीन बार उसका इन्कार करने, रोमी सैनिको द्वारा बेरहमी से उसे पीटने, कोड़े मारने और उसका ठठा करने तथा जिन लोगों के बीच यीशु रहा और जिन्हें उसने चँगाईयाँ दीं, परमेश्वर का वचन सिखाया, उन्हीं के द्वारा उसके प्रति बेरुखी और दण्डित किए जाने की माँग रख कर शैतान ने यीशु को यह जताने के प्रयास किए कि मानव जाति इतनी गिरी हुई है कि उसके लिए क्रूस की मृत्यु सहना यीशु को गँवारा नहीं होना चाहिए।

   लेकिन शैतान के सभी प्रयास विफल हुए और यीशु परमेश्वर कि योजना में समस्त मानव जाति के उद्धार का मार्ग तैयार करने के लिए क्रूस पर मारा भी गया और फिर तीसरे दिन जी भी उठा, और आज जो कोई उसके इस कार्य पर विश्वास करके उसे ग्रहण करता है, उसे उद्धार भी देता है।

   शैतान ने भी अपने प्रयास बन्द नहीं किए हैं, अब उसने अपनी रण नीति एक बार फिर बदल ली है। अब वह प्रभु यीशु द्वारा उद्धार के सुसमाचार के प्रचार को बाधित कर रहा है, कि लोग या तो यह सुसमाचार सुने ही ना, या सुन कर भी उस पर विश्वास ना करें। इस कार्य के लिए उसने मसीही विश्वास का स्वरूप बिगाड़ कर उसे इसाई धर्म का रूप दे दिया और अब वह झूठी बातों और तथ्यों के तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करे जाने के द्वारा यीशु पर विश्वास को धर्म परिवर्तन की संज्ञा दे कर लोगों को भड़काता है, आज भी धर्म गुरुओं और धर्म के अगुवों द्वारा सुसमाचार प्रचार का विरोध करवाता है, मसीही विश्वास के सुसमाचार प्रचारकों पर सताव और उत्पीड़न लाता है कि वे अपने प्रयासों को छोड़ दें और अन्य देखने वाले इस से डर जाएं तथा यीशु पर विश्वास नहीं करें। वह संसार के लोगों को उकसाता है कि परमेश्वर है ही नहीं और उस पर विश्वास करना व्यर्थ है। जो फिर भी परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, उन्हें वह उकसाता है कि उन्हें यीशु की आवश्यक्ता नहीं है, वे स्वयं ही अपने प्रयासों, भले कार्यों और धर्म के कार्यों के द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं और स्वर्ग जा सकते हैं।

   किंतु जैसे पहले हुआ, अब भी वैसे ही हो रहा है, शैतान के सभी प्रयासों के बावजूद प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने, गाड़े जाने और तीसरे दिन जी उठने और यीशु में पापों की क्षमा पर विश्वास कर के प्रति दिन हज़ारों लोग उद्धार पा रहे हैं और व्यक्तिगत रीति से अपने जीवनों में परमेश्वर की शान्ति का अनुभव कर रहे हैं। ये सभी उद्धार पाए हुए लोग यीशु के क्रूस और यीशु की खाली कब्र के कारण आनन्दित हैं और अपने विश्वास द्वारा वह स्थान प्राप्त कर चुके हैं जो वे किसी भी धर्म और अपने कर्मों द्वारा कभी पा नहीं सकते थे - परमेश्वर की सन्तान होने का दर्जा। यीशु में साधारण विश्वास द्वारा सेंत-मेंत उद्धार का यह अवसर समस्त मानव जाति के लिए आज भी उपलब्ध है, उद्धार का मार्ग अभी भी खुला है - आपके लिए भी।

   यीशु का क्रूस और उसकी खाली कब्र प्रमाण है कि शैतान हारा हुआ है और मसीही विश्वास सदा के लिए उस पर जयवन्त है और रहेगा। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


कलवरी का क्रूस शैतान की पराजय और पतन का चिन्ह है।

उस ने फिर कर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्‍योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। - मत्ती १६:२३

बाइबल पाठ: मत्ती १६:२१-२८
Mat 16:21  उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरिनयों और महायाजकों और शास्‍त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं, और तीसरे दिन जी उठूं।
Mat 16:22  इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा।
Mat 16:23  उस ने फिर कर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्‍योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।
Mat 16:24  तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्‍कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।
Mat 16:25  क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा।
Mat 16:26  यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्‍या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्‍या देगा?
Mat 16:27  मनुष्य का पुत्र अपने स्‍वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उस के कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।
Mat 16:28  मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं, कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कभी न चखेंगे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ८-१० 
  • ३ युहन्ना