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बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

पापों का स्मरण

   हमारे पापों का स्मरण हमारे उद्धार के आनन्द को चुरा सकता है। हो सकता है कि हमने स्वयं कहा हो, या किसी को कहते हुए सुना हो कि "काश मैं अपने आप को अपने किए के लिए माफ कर पाता!" कुछ लोग अपने बीते समय के पापों के दोष से ग्रस्त रहते हैं और सोच सोच कर दुखी होते रहते हैं।

   परमेश्वर के वचन में जब यूसुफ ने अपने भाईयों के सामने अपने आप को प्रकट किया, जिन्होंने कई वर्ष पहले उसे गुलामी में बेच दिया था, तो वे स्तब्ध खड़े रह गए, "वे उसके साम्हने घबरा गए थे" (उत्पत्ति ४५:३)। जो दुख उन्होंने अपने भाई और अपने वृद्ध पिता को दिया था उसके स्मरण ने उन्हें उनके दोष के कारण भयभीत कर दिया। यह देखते हुए यूसुफ ने तुरंत उन्हें आश्वस्त किया, "अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है" (उत्पत्ति ४५:५)।

   जब हमने दूसरों को दुख दिया हो और पाप किया हो तो हम भी अपने आप को यूसुफ के भाईयों के जैसी स्थिति में पा सकते हैं। किंतु यदि हमने परमेश्वर के सामने अपने पापों का अंगीकार करके उनका पश्चाताप किया है और उससे उनकी क्षमा माँगी है तो हम आश्वस्त हो सकते हैं कि उसने उन्हें क्षमा कर दिया है: "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (१ युहन्ना १:९)। परेशान करते रहने वाला पाप-बोध और हमारे अन्तरात्मा द्वारा हमें दोषी ठहराते रहना परमेश्वर के पवित्र आत्मा का कार्य नहीं है; वरन, परमेश्वर तो कहता है: "मैं ने तेरे अपराधों को काली घटा के समान और तेरे पापों को बादल के समान मिटा दिया है; मेरी ओर फिर लौट आ, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है" (यशायाह ४४:२२)।

   परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि "अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ" (इफिसीयों ४:२३)। अर्थात, हमें अपना ध्यान बीते समय के उन पापों पर नहीं लगाना है जिनकी क्षमा हमें मिल चुकी है, वरन पापों के दोष और दण्ड से विवारण देने वाले अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु पर लगाए रखना है। हमारे विचार उन बीती बातों पर केंद्रित नहीं होने चाहिएं जो हमने की थीं वरन उस उद्धार के कार्य पर होने चाहिएं जो हमारे लिए हमारे प्रभु यीशु ने कलवरी के क्रूस पर अपना बलिदान दे कर किया है।

   क्योंकि उसने हमारे पाप क्षमा कर दिए हैं, अपने उन पापों को हमें भी स्मरण नहीं करते रहना चाहिए। - डेनिस डी हॉन

पापों के दोष का बोझ वह बोझ है जो हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता नहीं चाहता कि उसके बच्चे उठाए फिरें।

अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है। - उत्पत्ति ४५:५
 
बाइबल पाठ: उत्पत्ति ४५:१-१५
Gen 45:1  तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।
Gen 45:2  तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा : और मिस्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।
Gen 45:3  तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब तक जीवित है? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके, क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।
Gen 45:4  फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उस ने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिसको तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
Gen 45:5  अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।
Gen 45:6  क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है, और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।
Gen 45:7  सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
Gen 45:8  इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।
Gen 45:9  सो शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, तेरा पुत्र यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्वर ने मुझे सारे मिस्र का स्वामी ठहराया है, इसलिये तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ।
Gen 45:10  और तेरा निवास गोशेन देश में होगा, और तू, बेटे, पोतों, भेड़-बकरियों, गाय-बैलों, और अपने सब कुछ समेत मेरे निकट रहेगा।
Gen 45:11  और अकाल के जो पांच वर्ष और होंगे, उन में मै वहीं तेरा पालन पोषण करूंगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन जितने तेरे हैं, सो भूखों मरें।
Gen 45:12  और तुम अपनी आंखों से देखते हो, और मेरा भाई बिन्यामीन भी अपनी आंखों से देखता है, कि जो हम से बातें कर रहा है सो यूसुफ है।
Gen 45:13  और तुम मेरे सब वैभव का, जो मिस्र में है और जो कुछ तुम ने देखा है, उस सब को मेरे पिता से वर्णन करना, और तुरन्त मेरे पिता को यहां ले आना।
Gen 45:14  और वह अपने भाई बिन्यामीन के गले से लिपटकर रोया, और बिन्यामीन भी उसके गले से लिपटकर रोया।
Gen 45:15  तब वह अपने सब भाइयों को चूमकर उन से मिलकर रोया : और इसके पश्चात्‌ उसके भाई उस से बातें करने लगे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २३ 
  • मरकुस ७:१४-२३

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

वृद्धावस्था का देश

   लेखिका मेरी पाईफर ने अपनी पुस्तक Another Country कई वृद्ध लोगों से जो सत्तर, अस्सी, नव्वे की अवस्थाओं में थे और जीवन की कई परिस्थितियों का सामना कर रहे थे, मुलाकात करके उन अनुभवों के आधार पर लिखी। पाईफर ने बताया कि वे "वृद्धावस्था के देश को समझना चाहतीं थीं।" उन्होंने यह भी कहा कि "हमारा सामाजिक संगठन वृद्ध होने को आसान और आरामदायक होने के लिए प्रबन्धित नहीं है।" उनका निषकर्ष था कि इसका मूल कारण है कि जवान और वृद्ध एक दुसरे से पृथक और दूर हो गए हैं और इससे दोनो ही की हानि हुई है।

   यह सामाजिक प्रवृति जानबूझकर बनाई हुई नहीं है, लेकिन यह भी सत्य है कि बहुत से लोग वृद्धों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को नज़रंदाज़ करते हैं, उसे टालते हैं, उससे जी चुराते हैं। यह आज के समाज की प्रवृति भी नहीं है; लगभग २००० वर्ष पूर्व, प्रभु यीशु के दिनों में भी यह प्रवृति उस समय के समाज में देखी जा सकती थी।

   परमेश्वर के वचन में मरकुस ७:९-१३ में प्रभु यीशु द्वारा धर्म के अगुवे फरीसियों द्वारा अपने पारिवारिक दायित्व से बचने के अनूठे तरीके के लिए उनकी भर्त्सना करी। ये फरीसी अपनी सांसारिक संपत्ति परमेश्वर के मन्दिर के नाम "कुर्बान" कर देते थे। अब जो परमेश्वर को दिया गया है, वह परिवार के वृद्धों के लिए कैसे प्रयोग हो सकता था? किंतु क्योंकि ये धर्म के अगुवे परमेश्वर के मंदिर से सम्बंधित थे और उसके लिए कार्य करते थे, इसलिए मंदिर की वस्तुओं का अपने लिए प्रयोग करना उनके लिए "जायज़" माना जाता था। इस प्रकार वे अपने धन को अपने लिए तो प्रयोग करने पाते थे किंतु अपने माता-पिता को उस धन से वंचित कर देते थे। उन लोगों ने अपनी इस परंपरा के मानने से परमेश्वर के वचन में माता-पिता का आदर करने की आज्ञा को तुच्छ किया और उसका उल्लंघन किया।

   हमारे बच्चे, हमारा कार्य, चर्च में हमारे कार्य हमें कई ओर खेंच सकते हैं, कई बातों में व्यस्त कर सकते हैं, लेकिन यह माता-पिता की देखभाल करने और उनका आदर करने के हमारे कर्त्वय और परमेश्वर की आज्ञा को अन्देखा करने के बहाने नहीं हो सकते। अपने वृद्ध जनों की यथासम्भव देखभाल करना और उनकी आवश्यक्ताओं को पूरा करने की जवाबदेही से हम बच नहीं सकते; परमेश्वर का वचन हमें चिताता है "पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्‍ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है" (१ तिमुथियुस ५:८)।

   जब वह समय आए कि हमें "वृद्धावस्था के देश" में पदार्पण करना हो तो ध्यान रहे कि हमने अपने जीवन और अपने कार्यों से अपनी सन्तान के सम्मुख वह श्रेष्ठ उदाहरण रखा है जिसका अब वह अनुसरण करने वाले बनने वाले हैं। - डेनिस फिशर

माता-पिता का आदर करना हम उदाहरण से ही सीखते हैं।
पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्‍ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है। - १ तिमुथियुस ५:८
 
बाइबल पाठ: मरकुस ७:१-१३
Mar 7:1  तब फरीसी और कई एक शास्त्री जो यरूशलेम से आए थे, उसके पास इकट्ठे हुए।
Mar 7:2  और उन्‍होंने उसके कई चेलों को अशुद्ध अर्थात बिना हाथ धोए रोटी खाते देखा।
Mar 7:3  क्‍योंकि फरीसी और सब यहूदी, पुरिनयों की रीति पर चलते हैं और जब तक भली भांति हाथ नहीं धो लेते तब तक नहीं खाते।
Mar 7:4  और बाजार से आकर, जब तक स्‍नान नहीं कर लेते, तब तक नहीं खाते; और बहुत सी और बातें हैं, जो उन के पास मानने के लिये पहुंचाई गई हैं, जैसे कटोरों, और लोटों, और तांबे के बरतनों को धोना-मांजना।
Mar 7:5  इसलिये उन फरीसियों और शास्‍त्रियों ने उस से पूछा, कि तेरे चेले क्‍यों पुरिनयों की रीतों पर नहीं चलते, और बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं?
Mar 7:6  उस ने उन से कहा;. कि यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्ववाणी की, जैसा लिखा है, कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है।
Mar 7:7  और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।
Mar 7:8  क्‍योंकि तुम परमेश्वर की आज्ञा को टालकर मनुष्यों की रीतियों को मानते हो।
Mar 7:9  और उस ने उन से कहा, तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर आज्ञा कैसी अच्‍छी तरह टाल देते हो!
Mar 7:10  क्‍योंकि मूसा ने कहा है कि अपने पिता और अपनी माता का आदर कर; ओर जो कोई पिता वा माता को बुरा कहे, वह अवश्य मार डाला जाए।
Mar 7:11  परन्‍तु तुम कहते हो कि यदि कोई अपने पिता वा माता से कहे, कि जो कुछ तुझे मुझ से लाभ पहुंच सकता था, वह कुरबान अर्थात संकल्प हो चुका।
Mar 7:12  तो तुम उस को उसके पिता वा उस की माता की कुछ सेवा करने नहीं देते।
Mar 7:13  इस प्रकार तुम अपनी रीतियों से, जिन्‍हें तुम ने ठहराया है, परमेश्वर का वचन टाल देते हो; और ऐसे ऐसे बहुत से काम करते हो।
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २०-२२ 
  • मरकुस ७:१-१३

सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

कमज़ोरी में सामर्थ

   कोई कमज़ोर दिखन नहीं चाहता, इसलिए हम सब किसी न किसी प्रकार से सामर्थी दिखने के प्रयास करते हैं। कोई भावनाओं के आवेश से दूसरों को नियंत्रित करने का प्रयास करता है तो कोई अपने व्यक्तित्व या बुद्धि से। यद्यपि ये बातें सामर्थ का भ्रम उत्पन्न करतीं हैं किंतु वास्तव में ये सब कमज़ोरी की निशानियाँ हैं।

   जो वास्तव में सामर्थी होते हैं वे अपनी सीमाओं को मान लेने से नहीं हिचकिचाते और ना ही अपनी कमज़ोरियों के प्रकट होने से घबराते हैं। उन्हें अपनी सामर्थ के लिए परमेश्वर पर अपने निर्भर होने को बताने में कोई संकोच नहीं होता। इसलिए वास्तविक सामर्थ अकसर संसार को कमज़ोरी प्रतीत होती है। जब प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर से प्रार्थना करी कि उसकी व्यथा जो उसे परेशान कर रही थी उससे दूर हो जाए तो परमेश्वर का उत्तर था "...मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है, क्‍योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है"; परमेश्वर से इस अप्रत्याशित उत्तर को पाकर पौलुस की प्रतिक्रिया और भी विसमित करने वाली थी; उसने कहा "...इसलिये मैं बड़े आनन्‍द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। इस कारण मैं मसीह के लि्ये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं, क्‍योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं" (२ कुरिन्थियों १२:९-१०)।

   प्रभु यीशु की इस पृथ्वी पर शारीरिक रूप में सेवकाई के अन्त के निकट उनके कुछ चेलों में, आते दिनों और समयों के लिए, प्रमुख स्थान पाने की होड़ लग गई। प्रभु यीशु ने इस बात को लेकर उनके आपसी विवाद को अवसर बनाया उन्हें समझाने का कि उसके राज्य में संसार के राज्य से बात अलग होती है, प्रमुख होने के तरीके भिन्न हैं: प्रभु यीशु ने उन्हें बताया कि परमेश्वर के राज्य में बड़ा वही है जो जानबूझकर कमज़ोरी और निम्नता का स्वरूप ले लेता है (मत्ती २०:२६)।

   यह एक कटु सत्य है और इसे स्वीकार कर लेना आसान नहीं है क्योंकि कमज़ोरी की सच्चाई को मानने कि बजाए सामर्थ के छल को दिखाना ही लोग अधिक पसन्द करते हैं और अपने जीवनों में यही निभाते रहते हैं। किंतु परमेश्वर चाहता है कि हम इस बात का एहसास करें कि सच्ची सामर्थ तभी आती है जब हम लोगों को नियंत्रित करने के प्रयासों की बजाए उनकी सेवा करने के अवसर ढ़ूंढने लगें और प्रयास करने लगें। - जूली एकरमैन लिंक


हमारी सबसे बड़ी कमज़ोरी में परमेश्वर की सबसे बड़ी सामर्थ प्रकट हो सकती है।

परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २०:२६
 
बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८
Mat 20:20 जब जब्‍दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
Mat 20:21 उस ने उस से कहा, तू क्‍या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
Mat 20:22 यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्‍या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या तुम पी सकते हो? उन्‍होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
Mat 20:23  उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
Mat 20:24  यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
Mat 20:25 यीशु ने उन्‍हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं, और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
Mat 20:26 परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
Mat 20:27 और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
Mat 20:28 जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल की जाए, परन्‍तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १७-१९ 
  • मरकुस ६:३०-५६

रविवार, 26 फ़रवरी 2012

नया स्वामित्व

   हरमन वौउक ने दूसरे विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित एक बहुत रोचक उपन्यास लिखा है The Caine Mutiny जिसमें एक अद्भुत उदाहरण है जो इस बात को समझने में सहायता करता है कि जब कोई व्यक्ति परमेश्वर का अनुयायी हो जाता है तो उसके जीवन में क्या परिवर्तन आ जाता है।

   उस उपन्यास में, एक धनी और ऊंची जान-पहचान रखने वाले परिवार का नौजवान सदस्य नौसेना में भरती लेकर प्रशिक्षण के लिए आता है। उसकी मां उसे एक बड़ी और सुन्दर कार में लेकर प्रशिक्षण केंद्र पर छोड़ने आती है, और वहाँ बड़े प्यार से उसे विदा कहती है। नौजवान दरवाज़े पर खड़े पहरेदार से हाथ मिलाता है और दरवाज़े के अन्दर चला जाता है, दरवाज़ा उसके पीछे बन्द हो जाता है। तभी उस की माँ को विचार आता है कि पता नहीं उसके बेटे के पास उचित मात्रा में पैसा है कि नहीं, और वह दौड़ कर दरवाज़े पर आती है। दरवाज़े पर खड़ा पहरेदार उसे सम्मान पूर्वक अन्दर जाने से रोक देता है। वह अन्दर जाने का हट करती है किन्तु पहरेदार जाने नहीं देता। माँ दरवाज़े के अन्दर खड़े अपने बेटे को देख रही है और गुस्से में कहती है कि "वह मेरा बेटा है, मुझे उससे मिलने का हक है" और दरवाजे की कुँडी को हाथ से पकड़कर खोलने का प्रयास करती है। पहरेदार कुँडी पर से उसका हाथ हटाते हुए उत्तर देता है, "महोदया, मैं जानता हूँ कि वह आपका पुत्र है, किंतु अब पहले वह एक नौसैनिक है और उस पर उसके देश का पहला अधिकार है।"

   जब हम पापों की क्षमा के लिए प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं और अपने जीवन उसे सौंप देते हैं, तो हम एक नए स्वामीत्व के आधीन आ जाते हैं। तब से हम नए आदेशों के आधीन कार्य करने वाले हो जाते हैं। अब हम प्रभु के हो जाते हैं। अब जो हमें आवश्यक लगता था उसका महत्व नहीं रहता। हमारे मूल्यांकन के मापदण्ड बदल जाते हैं। अब हमारी लालसा पूर्णतः अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाकरिता में रहकर उससे प्रेम करना और उसकी सेवा करना हो जाती है (व्यवस्थाविवरण ६:५-६); और हमारा प्रभु हर परिस्थिति में हमारे साथ बना रहता है, हमें संभाले रहता है और हमारी आवश्य्क्ताओं को पूरा करता रहता है (मत्ती ६:३३)।

   क्या आप प्रभु के नए स्वामित्व के आधीन आएं हैं? - डेव एगनर

मसीह के अनुयायी मसीह ही से हर आज्ञा पाते हैं।

तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। - मत्ती २२:३७
 
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ६:१-९
Deu 6:1  यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिक्कारी होने को पार जाने पर हो;
Deu 6:2  और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
Deu 6:3  हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
Deu 6:4  हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
Deu 6:5  तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
Deu 6:6  और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
Deu 6:7  और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझा कर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
Deu 6:8  और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी करके बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें।
Deu 6:9  और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।
 
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १५-१६ 
  • मरकुस ६:१-२९

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

कलपनाएं

   मैं और मेरे मित्र एक चित्रकला प्रदर्शनी देखने गए जो प्रभु यीशु द्वारा दी गई उड़ाऊ पुत्र की कहानी पर आधारित थी। हम सब यह सोच कर गए थे कि यह हमारे लिए एक गंभीर मनन और सीखने का अवसर होगा। हम प्रदर्शनी स्थल पर पहुंचे और जानकारी लेने वहाँ सहायता देनेवाले लोगों की मेज़ पर गए। उस मेज़ पर प्रदर्शनी से संबंधित जानकारी पुस्तिकाएं और विषय से संबंधित अन्य पुस्तकें रखी हुईं थीं, तथा प्रदर्शनी के स्थान की ओर इशारा करने वाला एक सूचना चिन्ह भी रखा था।

   सहायता देने वालों की उस मेज़ पर कुछ और भी रखा था जिसे देखकर हम सब मन ही मन अनुमान लगाने लगे कि चित्रकला के विषय के साथ इसका क्या संबंध हो सकता है - वह थी एक प्लेट जिस में रोटी थी, एक ग्लास और एक अंगोछा। हमने कलपना करी कि संभवतः यह उस भोज का सूचक होगा जो उड़ाऊ पुत्र के घर वापस लौटने पर उसके पिता ने आयोजित किया था, और पिता पुत्र के सम्बंध और सहभागिता को दिखाने कि लिए यहाँ रखा गया है। जब हमने उसे ज़रा ध्यानपूर्वक देखा तो समझ आया कि प्ल्र्ट कुछ गन्दी थी, रोटी खाने के बाद की बची हुई रोटी थी - कोई भोजन करने के बाद अपने भोजन की प्लेट ऐसे ही उस मेज़ पर प्रदर्शनी से संबंधित चीज़ों के साथ छोड़कर चला गया था। उस मेज़ पर रखे पुस्तक, पुस्तिकाओं और प्रदर्शनी संबंधित अन्य वस्तुओं से उस प्लेट, गिलास और अंगोछे का कोई लेना देना नहीं था; उन से संबंधित हमारी कलपनाएं बिलकुल गलत थीं।

   यह जान कर, अपनी कलपना की उड़ान पर, हम सब को अच्छी हंसी आई। लेकिन बाद में मैं यह सोचने लगी कि क्या संभव नहीं कि ऐसे ही हम कितनी बार परमेश्वर के वचन में वह सब देखने लगते हैं जो वहाँ है ही नहीं। यह मानकर चलने की बजाए कि बाइबल की किसी बात के विषय में हमारे विचार सही ही हैं, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी व्याख्या बाइबल में उस विषय पर दी गई सभी जानकारी के अनुकूल है कि नहीं। प्रेरित पतरस ने अपनी पत्री में मसीही विश्वासियों को इस बात के बारे में चिताते हुए लिखा: "पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्‍त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती" (२ पतरस १:२०)।

   परमेश्वर के वचन को गंभीरता से लेना हमारा कर्तव्य है, उस की व्याख्या और चर्चा से पहले यह जाँच लेना अति आवश्यक है कि हम यह पवित्र आत्मा की प्रेर्णा से, वचन के संदर्भ का ध्यान रखते हुए और संपूर्ण वचन में उस विषय के बारे में कही गई बातों के अनुसार ही कुछ कहें; ना कि अपनी इच्छा के अनुसार और अपने अभिमान कि रक्षा करते हुए परमेश्वर के वचन को जैसे चाहें तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करें। - ऐनी सेटास


संदर्भ से बाहर करी गई वचन की व्याख्या खतरनाक झूठ या अतिश्योक्ति हो सकती है।

अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्‍न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। - २ तिमुथियुस २:१५
 
बाइबल पाठ: २ पतरस १:१६-२१
2Pe 1:16 क्‍योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
2Pe 1:17  कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं।
2Pe 1:18 और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्‍वर्ग से यही वाणी आते सुना।
2Pe 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्‍छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्‍धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
2Pe 1:20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्‍त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
2Pe 1:21 क्‍योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्‍छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १२-१४ 
  • मरकुस ५:२१-४३

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

वास्तविक और खरा

   प्राचीन वस्तुओं को खरीदने-बेचने वाली एक दुकानदार को एक जीर्ण और बदरंग हुआ बेसबॉल कार्ड मिला। उस कार्ड को देखकर उसने अनुमान लगाया कि उसकी कीमत लगभग $१० ही होगी। उसने उसे बेचने के लिए ई-बे पर रख दिया, किंतु उसे सन्देह हुआ कि कहीं वह कार्ड उसके अनुमान से और अधिक मूल्यवान तो नहीं? इसलिए उसने ई-बे से उसे हटा कर एक व्यवसायिक मूल्य निर्धारण करने वाले विशेषग्य को वह कार्ड दिखाया। उस विशेषग्य ने उस कार्ड को देखकर पुष्टि करी कि सन १८६९ में बने उस कार्ड पर बना चित्र अमेरिका की प्रथम व्यावसायिक बेसबॉल टीम सिन्सिनाटी रेड स्टॉकिंग्स का ही था। वह कार्ड अन्ततः $७५,००० में बिका। यद्यपि वह कार्ड जीर्ण और बदरंग था किंतु जो सबसे महत्वपुर्ण बात थी वह थी उसका वास्तविक होना। उसकी वास्तविकता प्रमाणित होते ही उसकी कीमत बहुत बढ़ गई।

   सुसमाचार प्रचार के लिए निकले प्रेरित पौलुस और उसके साथियों को भी बहुत दुख उठाने पड़े और वे बदहाल हो गए। परमेश्वर के वचन के २ कुरिन्थियों ६ अध्याय में उनकी बाहरी परीक्षाओं, भीतरी गुणों और आत्मिक संसाधनों का वर्णन है। उनके जीवन की परिस्थितियों के बारे में कल्पना कीजिए जिनमें इन सब बातों ने मिलकर कार्य किया: पिटाई और धैर्य, कैद और दया, पीड़ाएं और प्रेम। यद्यपि उनके शरीर तोड़े गए, भावनाएं कुचली गईं और आत्मा परखी गई, फिर भी प्रभु यीशु में उनके विश्वास की वास्तविकता इन सब क्लेषों में भी चमकती हुई दिखाई दी। उन्होंने अपने विश्वास की खराई को प्रमाणित कर के दिखा दिया कि वे "शोक करने वालों के समान हैं, परन्‍तु सर्वदा आनन्‍द करते हैं; कंगालों के जैसे हैं, परन्‍तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं" (२ कुरिन्थियों ६:१०) और सब कुछ सहते हुए भी हर परिस्थिति में विश्वासयोग्य और कह्रे रहे तथा स्थान स्थान पर मसीही विश्विसियों की मण्डलियां स्थापित करीं।

   मसीही विश्वास के हमारे जीवन में आत्मिक खराई को कोई विकल्प नहीं है; अपने विश्वास में हमें वास्तविक होना ही है, तब ही हम कार्यकारी हो पाएंगे। - डेविड मैककैसलैंड


मसीही विश्वास में दिखावे के बाहरी आचरण और ढोंग का कोई स्थान नहीं है।

परन्‍तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों की नाई अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्‍लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से। - २ कुरिन्थियों ६:४

बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ६:३-१३
2Co 6:3  हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए।
2Co 6:4 परन्‍तु हर बात में परमेश्वर के सेवकों की नाईं अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्‍लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से।
2Co 6:5  कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से।
2Co 6:6  पवित्रता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्र आत्मा से।
2Co 6:7 सच्‍चे प्रेम से, सत्य के वचन से, परमेश्वर की सामर्थ से; धामिर्कता के हथियारों से जो दाहिने, बाएं हैं।
2Co 6:8 आदर और निरादर से, दुरनाम और सुनाम से, यद्यपि भरमाने वालों के जैसे मालूम होते हैं तौभी सच्‍चे हैं।
2Co 6:9  अनजानों के सदृश्य हैं तौभी प्रसिद्ध हैं; मरते हुओं के जैसे हैं और देखो जीवित हैं; मार खाने वालों के सदृश हैं परन्‍तु प्राण से मारे नहीं जाते।
2Co 6:10 शोक करने वालों के समान हैं, परन्‍तु सर्वदा आनन्‍द करते हैं, कंगालों के जैसे हैं, परन्‍तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।
2Co 6:11  हे कुरिन्थियों, हम ने खुलकर तुम से बातें की हैं, हमारा हृदय तुम्हारी ओर खुला हुआ है।
2Co 6:12  तुम्हारे लिये हमारे मन में कुछ सकेती नहीं, पर तुम्हारे ही मनों में सकेती है।
2Co 6:13  पर अपने लड़के-बाले जानकर तुम से कहता हूं, कि तुम भी उसके बदले में अपना हृदय खोल दो।


एक साल में बाइबल: 

  • गिनती ९-११ 
  • मरकुस ५:१-२०

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

परदेशी देवता

   सुदूर पूर्व एशिया की अपनी यात्रा में मैंने एक असाधारण मन्दिर देखा जिसमें सैंकड़ों मूर्तियाँ रखी हुई थीं। हमारे मार्गदर्शक के अनुसार, वहाँ आने वाले श्रद्धालु उन सैंकड़ों मूर्तियों में से कोई से वह मूर्ति जो उनके किसी पूर्वज के सबसे अधिक समानता में हो उठाकर उससे प्रार्थना कर सकते थे।

   कुछ वर्ष पहले मैंने एक वियतनामी छात्र ले थाई के बारे में पढ़ा, वह भी पूर्वजों की उपासना करने वाले लोगों में से था। उसे अपनी मृतक दादी से प्रार्थना करने में सबसे अधिक शांति मिलती थी क्योंकि वह उनसे बहुत प्रेम करता था, उनके बहुत निकट था। यह उसके लिए बहुत आत्मीय और व्यक्तिगत था।

   लेकिन जब वह वियतनाम से अमेरिका पढ़ने के लिए आया तो ले थाई का परिचय मसीही विश्वास से हुआ। उसे यह अमेरिकी सोच-विचार पर आधारित एक काल्पनिक-कथा के समान लगा। उसके लिए यह किसी परदेशी देवता कि आराधाना करने के समान था।

   फिर क्रिसमस के त्यौहार पर एक मित्र ने उसे अपने घर आने का निमंत्रण दिया। वहां उसने एक मसीही विश्वासी परिवार में उनके विश्वास को कार्य करते देखा, एक बार फिर उसने प्रभु यीशु मसीह की कहानी सुनी। ले थाई ने ध्यानपूर्वक सुना। फिर उसने परमेश्वर के वचन में यूहन्ना रचित सुसमाचार के तीसरे अध्याय से "नया जन्म" पाने के बारे में पढ़ा और उसने प्रश्न पुछने आरंभ किए। उसके मन में पवित्र आत्मा ने कार्य करना आरंभ किया और कुछ समय पश्चात वह जान गया कि मसीही विश्वास कल्पनाओं पर नहीं सच्चाई पर आधारित है। उसने प्रभु यीशु को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया।

   यदि कोई मसीही विश्वास को परदेशी देवता की आराधाना मानता है तो उसके साथ सुसमाचार बांटने में हमें संवेदनशील रहना चाहिए, मसीही विश्वास के यथार्थ को परखने और जांचने के लिए उसे समय देना चाहिए और उसके अपने परंपरागत विश्वास कि भर्तसना नहीं करनी चाहिए।

   आदर और प्रेम के साथ सुसमाचार बांटें फिर पवित्र आत्मा को अपना कार्य करने दें। - डेव ब्रैनन


यीशु की सच्चाई को सच्चाई से परखने वाला यथार्थ को पहचाने बिना नहीं रह सकते।

...कितनों ने कहा, यह बकवादी क्‍या कहना चाहता है? परन्‍तु औरों ने कहा, वह अन्य देवताओं का प्रचारक मालूम पड़ता है, क्‍योंकि वह यीशु का, और पुनरूत्थान का सुसमाचार सुनाता था। प्रेरितों १७:१८

बाइबल पाठ: प्रेरितों १७:१६-३१
Act 17:16  जब पौलुस अथेने में उन की बाट जोह रहा था, तो नगर को मूरतों से भरा हुआ देखकर उसका जी जल गया।
Act 17:17  सो वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से और चौक में जो लोग मिलते थे, उन से हर दिन वाद-विवाद किया करता था।
Act 17:18 तब इपिकूरी और स्‍तोईकी पण्‍डितों में से कितने उस से तर्क करने लगे, और कितनों ने कहा, यह बकवादी क्‍या कहना चाहता है? परन्‍तु औरों ने कहा, वह अन्य देवताओं का प्रचारक मालूम पड़ता है, क्‍योंकि वह यीशु का, और पुनरूत्थान का सुसमाचार सुनाता था।
Act 17:19  तब वे उसे अपने साथ अरियुपगुस पर ले गए और पूछा, क्‍या हम जान सकते हैं, कि यह नया मत जो तू सुनाता है, क्‍या है?
Act 17:20  क्‍योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इन का अर्थ क्‍या है?
Act 17:21  (इसलिये कि सब अथेनवी और परदेशी जो वहां रहते थे नई नई बातें कहने और सुनने के सिवाय और किसी काम में समय नहीं बिताते थे)।
Act 17:22  तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा होकर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े माननेवाले हो।
Act 17:23 क्‍योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं।
Act 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्‍वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी होकर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता।
Act 17:25 न किसी वस्‍तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्‍योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है।
Act 17:26 उस ने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाई हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है।
Act 17:27  कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोलकर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं!
Act 17:28 क्‍योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं।
Act 17:29 सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।
Act 17:30  इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।
Act 17:31 क्‍योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।


एक साल में बाइबल: 

  • गिनती ७-८ 
  • मरकुस ४:२१-४१

बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

थोड़े समय वाले

   कई वर्ष पहले मैंने सेना में कार्य किया था, और मैं इस बात के लिए सदैव धन्यवादी रहूंगा कि मुझे अपने देश के लिए अपने जीवन के कुछ साल देने का अवसर मिला। सेना में बिताए उस समय में से जो समय मेरा सबसे यादगार समय रहा वह था मेरी सेवा के अन्तिम कुछ सप्ताह का, जब मैं एक "थोड़े समय वाला" बन गया था।

   "थोड़े समय वाले" वे सैनिक होते हैं जो शीघ्र ही सेवा-निवृत होने वाले होते हैं। उन्हें कोई विशेष कार्य नहीं सौंपे जाते, उनका वक्त सेवा-निवृति की कारवाई पुरी करने में निकलता है। वे दफतरों में जाकर अपने हिसाब-किताब चुकाने, सामान वापस करने, फार्म भरवाने आदि में ही लगे रहते हैं। उन दिनों के बारे में जो मुझे स्पष्ट स्मरण आता है वह है मेरी निश्चिंत और आनन्दित मन तथा हल्की चाल जिसके साथ मैं अपने सेवा-निवृति के कार्य पूरे कर रहा था, क्योंकि मुझे यह निश्चय था कि मैं अब अपने घर जा रहा हूँ।

   अब मैं बुज़ुर्ग हो गया हूँ, अब मैं फिर वही "थोड़े समय वाला" बन गया हूँ। थोड़े समय में मुझे इस शरीर से "छुट्टी" मिल जाएगी। इस विचार से अब फिर मेरी आत्मा उन्मुक्त है और मेरी चाल में हल्कापन है, क्योंकि मुझे फिर यह निश्चय है कि मैं अपने "घर" जाने वाला हूँ। इसी नज़रिए को प्रभु यीशु और उसके चेलों ने "आशा" कहा (प्रेरितों २४:१५; रोमियों ५:२, ५)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार, "आशा" का अर्थ है निश्चय और विश्वास होना। प्रत्येक मसीही विश्वासी की यह दृढ़, अडिग और अमिट आशा है कि वह मृतकों में से अपने प्रभु के समान ही पुनः जी उठेगा और अनन्तकाल के अपने "घर" में उसका स्वागत होगा। बस यही वह अनन्त काल की आशा है जो अब मुझ "थोड़े समय वाले" के मन को आनन्दित और चाल को हल्का करती है।

   क्या आपके पास यह आशा है? - डेविड रोपर


पुनरुत्थित यीशु स्वर्ग से आएगा, अपनों को स्वर्ग ले जाने के लिए।

आशा से लज्ज़ा नहीं होती.... - रोमियों ५:५


बाइबल पाठ: रोमियों ५:१-५
Rom 5:1  सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Rom 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्‍ड करें।
Rom 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्‍लेशों में भी घमण्‍ड करें, यही जानकर कि क्‍लेश से धीरज।
Rom 5:4 और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्‍पन्न होती है।
Rom 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्‍योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।


एक साल में बाइबल: 

  • गिनती ४-६ 
  • मरकुस ४:१-२०

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

सही दिशा

   मेरे पास्टर होने के जीवन के सबसे कठिन अनुभवों में से एक था अपने चर्च की एक सदस्या को बताना कि उसके पति, पुत्र और ससुर सब की मृत्यु एक नौका दुर्घटना में डूबने से हो गई है। मैं जानता था कि यह समाचार उसके जीवन को बिखरा के रख देगा।

   इस दुखद घटना के बाद के दिनों में, मुझे उसके तथा उसके परिवार के अन्य सदस्यों के अप्रत्याशित विश्वास को देखकर बहुत अचरज हुआ। अवश्य ही उनके जीवन टूट गए थे, उनके मनों में असमंजस और व्याकुलता थी, यद्यपि उनके लिए अन्य हर बात अर्थहीन थी, फिर भी वे प्रभु यीशु के पास थे। समझ से बाहर कठिनाई के अपने उस समय में वे उसे तजने की बजाए, उसी में शरण लेकर उससे अपनी उम्मीद और साहस प्राप्त करते रहे थे। इस भयानक त्रासदी में उनके लिए आशा का एकमात्र स्त्रोत प्रभु यीशु ही था।

   इससे मुझे प्रभु यीशु के चेलों की प्रतिक्रिया स्मरण हो आई, जब उन चेलों में से कुछ ने प्रभु यीशु को छोड़ कर वापस जाने का निर्णय लिया क्योंकि वे प्रभु की बातें समझ नहीं पा रहे थे (यूहन्ना ६:६६)। तब प्रभु यीशु ने अपने अन्य चेलों से मुड़कर पूछा, "क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?" (यूहन्ना ६:६७); तब पतरस का उत्तर था, "हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं" (यूहन्ना ६:६८)।

   आज आप जिस भी परिस्थिति का सामना कर रहे हों, पतरस के उत्तर और उस साहसिक परिवार के उदाहरण से, जिसने अप्रत्याशित कठिन परिस्थितियों में भी अपने विश्वास को कायम रखा, प्रोत्साहन लें। जब तक अपने साहस तथा सामर्थ के लिए आप यीशु के साथ बढ़ रहे हैं आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं। हर परिस्थिति का सामना करने का साहस और उस पर जयवंत होने की सामर्थ आपको वहीं मिलेगी, क्योंकि उसका वायदा है कि वह ना कभी छोड़ेगा और ना कभी त्यागेगा (इब्रानियों १३:५)। - जो स्टोवेल


जब सब छूट जाए तब स्मरण रखें कि यीशु कभी नहीं छोड़ता; उसी की शरण में ही सच्ची शांति है।

शमौन पतरस ने उस को उत्तर दिया, कि "हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं"। - यूहन्ना ६:६८

बाइबल पाठ: यूहन्ना ६:५३-६९
Joh 6:53  यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं जब तक मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लोहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।
Joh 6:54 जो मेरा मांस खाता, और मेरा लोहू पीता हे, अनन्‍त जीवन उसी का है, और मैं अंतिम दिन फिर उसे जिला उठाऊंगा।
Joh 6:55 क्‍योंकि मेरा मांस वास्‍तव में खाने की वस्‍तु है और मेरा लोहू वास्‍तव में पीन की वस्‍तु है।
Joh 6:56  जो मेरा मांस खाता और मेरा लोहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है, और मैं उस में।
Joh 6:57  जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा।
Joh 6:58 जो रोटी स्‍वर्ग से उतरी यही है, बापदादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।
Joh 6:59  ये बातें उस ने कफरनहूम के एक आराधनालय में उपदेश देते समय कहीं।
Joh 6:60  इसलिये उसके चेलों में से बहुतों ने यह सुनकर कहा, कि यह बात नागवार है; इसे कौन सुन सकता है?
Joh 6:61 यीशु ने अपने मन में यह जान कर कि मेरे चेले आपस में इस बात पर कुड़कुड़ाते हैं, उन से पूछा, क्‍या इस बात से तुम्हें ठोकर लगती है?
Joh 6:62 और यदि तुम मनुष्य के पुत्र को जहां वह पहिले था, वहां ऊपर जाते देखोगे, तो क्‍या होगा?
Joh 6:63  आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं: जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं।
Joh 6:64 परन्‍तु तुम में से कितने ऐसे हैं जो विश्वास नहीं करते: क्‍योंकि यीशु तो पहिले ही से जानता था कि जो विश्वास नहीं करते, वे कौन हैं और कौन मुझे पकड़वाएगा।
Joh 6:65  और उस ने कहा, इसी लिये मैं ने तुम से कहा था कि जब तक किसी को पिता की ओर यह वरदान न दिया जाए तक तक वह मेरे पास नहीं आ सकता।
Joh 6:66  इस पर उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले।
Joh 6:67 तब यीशु ने उन बारहों से कहा, क्‍या तुम भी चले जाना चाहते हो?
Joh 6:68 शमौन पतरस ने उस को उत्तर दिया, कि "हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं"।
Joh 6:69  और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।


एक साल में बाइबल: 

  • गिनती १-३ 
  • मरकुस ३

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

निष्क्रीय?

   अपनी कार को बाज़ार में, सड़क के किनारे या कार खड़ी करने के स्थानों पर ठीक से खड़ी करना मेरे लिए समस्या रही है। मुझे कार चलाना सिखाने वाले शिक्षक के लिए कार खड़ी करना सिखाना कोई महत्वपुर्ण बात नहीं थी, इसलिए किसी तंग स्थान पर गाड़ी लगाना मैं कई साल तक नहीं सीख पाई; अभी भी जब तक दो या तीन गाड़ियों के लायक स्थान ना हो मैं अपनी गाड़ी नहीं खड़ी कर सकती। गाड़ी ठीक से खड़ी करने के लिए धैर्य रखना मुझे बहुत विचलित करता है।

   एक और बात है जिसे समझना मेरे लिए कठिन रहा और जिसने मुझे विचलित किया है; इसे मैंने तब सुना था जब मैं मसीही विश्वास में नई ही थी। किसी ने कहा था: "परमेश्वर एक स्थिर खड़ी गाड़ी को दिशा देकर आगे नहीं बढ़ा सकता।" कहने वाले का तात्पर्य था कि जब तक हम सचल या सक्रीय नहीं होंगे परमेश्वर भी हमें सही दिशा में ले जाने नहीं पाएगा। मैंने इसे अपने जीवन के लिए चुनौती के रूप में लिया, और निर्णय लिया कि मैं कार्यशील रहूंगी और मेरे सचल या सक्रीय होने से ही परमेश्वर मुझे आगे बढ़ने की सही दिशा देगा। अब, मसीही विश्वास में कुछ परिपक्व हो जाने के बाद मैं जानती हूँ कि यह एक रोचक विचार तो हो सकता है, किंतु परमेश्वर हमेशा इसी के अनुसार कार्य नहीं करता। कभी कभी हमारे जीवनों में परमेश्वर हमें कुछ समय तक एक स्थान पर स्थिर खड़े रहने देना चाहता है।

   जब मूसा इस्त्राएलियों को मिस्त्र से लेकर कनान देश की ओर जा रहा था तो कई बार परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को एक ही स्थान पर पड़ाव डालकर रखा। परमेश्वर आग और बादल के खंबे में उनके आगे आगे रहता था और उन्हें मार्ग तथा दिशा दिखाता था। जब जब वह बादल उठता और खंबा आगे की ओर बढ़ता तो इस्त्राएली भी पड़ाव उठाकर उसके पीछे चलते थे; जब वह स्थिर रहता था तो इस्त्राएली भी पड़ाव डाले रहते थे (गिनती ९:१५-२३)। प्रतीक्षा करना आसान नहीं होता, किंतु कई बार परमेश्वर चाहता है कि जिस जगह उसने हमें रखा है हम वहीं बने रहें। भजनकार ने लिखा: "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!" (भजन २७:१४)।

   हो सकता है कि आप को लगे कि आप कहीं पर व्यर्थ ही निष्क्रीय पड़े हैं और अपना समय और सामर्थ बेकार कर रहे हैं। धैर्य का पाठ महत्वपूर्ण है, उसे धैर्य ही से सीखा जाता है और परमेश्वर अपने लोगों को यह पाठ भी सिखाना चाहता है जिससे वे धैर्य की परिस्थितियों में विचलित ना हों वरन उनका लाभ उठा सकें। अपने हृदय को परमेश्वर की अगुवाई के लिए खुला और तैयार रखिए। सही समय पर वह आप को आगे बढ़ने को कहेगा और तब आप सही दिशा में सही कार्य के लिए आगे बढ़ सकेंगे, परमेश्वर के लिए सही रीति से उपयोगी हो सकेंगे और जीवन में सच्ची आशीष पा सकेंगे। - सिंडी हैस कैस्पर


परमेश्वर हमारा ठहरना और चलना दोनो ही निर्धारित करता है।

मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उस ने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। - भजन ४०:१

बाइबल पाठ: गिनती ९:१५-२३
Num 9:15  जिस दिन निवास जो साक्षी का तम्बू भी कहलाता है खड़ा किया गया, उस दिन बादल उस पर छा गया; और सन्ध्या को वह निवास पर आग सा दिखाई दिया और भोर तक दिखाई देता रहा। 
Num 9:16  और नित्य ऐसा ही हुआ करता था; अर्थात दिन को बादल छाया रहता, और रात को आग दिखाई देती थी। 
Num 9:17  और जब जब वह बादल तम्बू पर से उठ जाता तब इस्त्राएली प्रस्थान करते थे; और जिस स्थान पर बादल ठहर जाता वहीं इस्त्राएली अपने डेरे खड़े करते थे। 
Num 9:18  यहोवा की आज्ञा से इस्त्राएली कूच करते थे, और यहोवा ही की आज्ञा से वे डेरे खड़े भी करते थे; और जितने दिन तक वह बादल निवास पर ठहरा रहता उतने दिन तक वे डेरे डाले पड़े रहते थे। 
Num 9:19  और जब जब बादल बहुत दिन निवास पर छाया रहता तब इस्त्राएली यहोवा की आज्ञा मानते, और प्रस्थान नहीं करते थे। 
Num 9:20  और कभी कभी वह बादल थोड़े ही दिन तक निवास पर रहता, और तब भी वे यहोवा की आज्ञा से डेरे डाले पड़े रहते थे और फिर यहोवा की आज्ञा ही से प्रस्थान करते थे। 
Num 9:21  और कभी कभी बादल केवल सन्ध्या से भोर तक रहता; और जब वह भोर को उठ जाता था तब वे प्रस्थान करते थे, और यदि वह रात दिन बराबर रहता तो जब बादल उठ जाता तब ही वे प्रस्थान करते थे। 
Num 9:22  वह बादल चाहे दो दिन, चाहे एक महीना, चाहे वर्ष भर, जब तक निवास पर ठहरा रहता तब तक इस्त्राएली अपने डेरों में रहते और प्रस्थान नहीं करते थे; परन्तु जब वह उठ जाता तब वे प्रस्थान करते थे। 
Num 9:23  यहोवा की आज्ञा से वे अपने डेरे खड़े करते, और यहोवा ही की आज्ञा से वे प्रस्थान करते थे; जो आज्ञा यहोवा मूसा के द्वारा देता था उसको वे माना करते थे।

एक साल में बाइबल: 

  • लैव्यवस्था २६-२७
  • मरकुस २

रविवार, 19 फ़रवरी 2012

जीवन के पाठ

   दूसरे विश्वयुद्ध के समय कैनडा के लोगों को युरोप में युद्ध के कारण हो रही त्रासदी से अवगत कराने तथा उसके निवारण के लिए उनके और अधिक सहयोग देने की ओर ध्यान खींचने के लिए फरवरी १९, १९४२ को कैनडा में एक विश्ष दिवस आयोजित किया गया - "अगर दिवस"। उस दिन कैनडा के मैनिटोबा प्रांत के विनिपेग शहर पर नाट्ज़ी सेनाओं के हमले और उनके द्वारा शहर को हथिया कर वहां पर उन सेनाओं द्वारा हो सकने वाले अत्याचारों का एक दिखावटी प्रदर्शन किया गया जिसके द्वारा लोगों ने जाना कि अगर नाट्ज़ी कब्ज़ा कैनडा पर होगा तो उनका क्या हाल होगा।

   जैसा एक व्यक्ति ने इसके बारे में वर्णन दिया, " इस ’अगर दिवस’ ने हमारे समक्ष नाट्ज़ी सेनाओं द्वारा कब्ज़े की वास्तविकता तो सजीव रूप में रखा। इस शहर के लोगों को नाट्ज़ी अत्याचार के हर पहलू को देखने का अनुभव मिला।" यहां मुख्य बात थी ’देखना’। यद्यपि ’अगर दिवस’ लोगों को संसार में घट रही त्रासदी से अवगत कराने का एक साहसी प्रयास था, किंतु वह उस त्रासदी का वास्तविक अनुभव उन लोगों को नहीं करवा सकता था, वह अनुभव जिस में से होकर युरोप के लोग गुज़र रहे थे।

   जीवन के पाठ ’अगर’ या संभावनाओं से नहीं, अनुभव से सीखे जाते हैं। जीवन में आने वाली परीक्षाएं "अगर" नहीं होतीं, वे वास्तविक होती हैं। जीवन के सबसे गंभीर और गहरे पाठ केवल ’देखने’ से नहीं सीखे जाते, उन्हें सीखने के लिए परिस्थितियों में से होकर गुज़रना पड़ता है, अनुभव करना पड़ता है। जब हम वास्तव में दुखः, क्लेष, कमी-घटी आदि में से होकर निकलते हैं, तब ही हम अपने जीवन, विश्वास और परमेश्वर की आवश्यक्ता के बारे में वास्तविक रुप से सीख सकते हैं। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में लिखा: "हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसे पूरे आनन्‍द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्‍पन्न होता है" (याकूब १:२, ३)। क्योंकि हम एक पाप से ग्रसित और टूटे संसार में रहते हैं, इसलिए नाना प्रकार की विष्म परिस्थितियों और परीक्षाओं का आना अवश्यंभावी है; उनसे बच सकना हमारे तो हाथ में नहीं है, किंतु उनसे सार्थक पाठ सीखना और उन्हें अपनी कामयाबी की सीढ़ी बनाना अवश्य ही हमारे हाथ में है।

   हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु भी संसार की हर परीक्षा में से होकर निकला, और निष्पाप निकला, इसी कारण वह हमारा उद्धारकर्ता और उद्धार के मार्ग पर हमारा अगुवा है और हमें सुरक्षित परमेश्वर के पास ला सकता है। क्योंकि जीवन के पाठ उसने अपने व्यक्तिगत अनुभव से सीखे हैं इसलिए हमारे व्यक्तिगत अनुभवों में वह हमारे प्रति संवेदनशील और हमारा सहायक रहता है। साधारण विश्वास से उस के पास आइए और उद्धार पाइए। - बिल क्राउडर


कठिन परिस्थितियां हमें परमेश्वर पर विश्वास करना सिखा सकती हैं।

हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसे पूरे आनन्‍द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्‍पन्न होता है। - याकूब १:२, ३


बाइबल पाठ: इब्रानियों ४:१४-१६; ५:७-९
Heb 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायजक है, जो स्‍वर्गों से होकर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु, तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें।
Heb 4:15 क्‍योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाई परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला।
Heb 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
Heb 5:7 उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्‍द से पुकार पुकारकर, और आंसू बहा बहाकर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।
Heb 5:8  और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठाकर आज्ञा माननी सीखी।
Heb 5:9  और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा मानने वालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया।


एक साल में बाइबल: 

  • लैव्यवस्था २५ 
  • मरकुस १:२३-४५

शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

सब कह दें

   एक छोटा इलैक्ट्रौनिक रिकॉरडर खरीदने में मेरी सहायता करने वाले दुकान के कर्मचारी ने मुझे अपना अनुभव बताया। उस ने कहा कि उसने भी वैसा ही एक यंत्र अपनी कार में रखा हुआ है और दिन के अन्त में जब वह घर जा रहा होता है तो कार चलाते समय मार्ग में अपने दिन भर के प्रत्येक अनुभव, अच्छे या बुरे, और हर एक बात को वह उस रिकॉरडर में बोल देता है। फिर वह मुस्कुराते हुए बोला कि वह घर पहुंच कर रि्कॉरडर से उन्हें मिटा देता है। अपने दिल से सभी बातों के बोझ को इस प्रकार हलका कर लेने के बाद उसे फिर यह सब अपने परिवार या पत्नि के सामने कहने की आवश्यक्ता नहीं रहती, उसका मन हलका रहता है और तनाव दूर हो जाता है।

   उस कर्मचारी के इस अनुभव ने मुझे स्मरण दिलाया कि कैसे मैं व्यर्थ ही अपनी परेशानियां और निराशाएं लोगों के सामने कहता रहता हूँ, जबकि मुझे उन्हें परमेश्वर को बता देना चाहिए। भजनकार ने लिखा: "हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बातें खोल कर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है" (भजन ६२:८); दो बार उस ने परमेश्वर को हमारी चट्टान, उद्धार और दृढ़ गढ़ कह कर संबोधित किया (भजन ६२:२, ६) और शान्त हो कर उसके लिए प्रतीक्षा करने का आवाहन किया।

   यद्यपि किसी घनिष्ठ मित्र के साथ मन की बात बांटने में अवश्य ही शांति मिलती है, किंतु यदि हम उन्हीं बातों को अपने मुक्तिदाता प्रभु परमेश्वर के साथ नहीं बांटते तो प्रभु से मिलने वाली एक बड़ी सहायता से हम अपने आप को वंचित रखते हैं।

जोसफ स्क्रिविन ने, प्रभु यीशु की स्तुति के अपने गीत में लिखा:
यीशु कैसा दोस्त है प्यारा,
दुख और बोझ उठाने को;
क्या ही उमदा वक्त हमारा,
बाप के पास अब जाने को;
आह! हम हम राहत अक्सर खोते,
नाहक ग़म उठाते हैं;
यह ही बाइस है यकीनन,
कि बाप के पास ना जाते हैं।

   प्रभु यीशु ने कहा, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती ११:२८)। जब सृष्टि का कर्ता और हर बात को नियंत्रण में रखने वाला प्रभु हमें यह आदर दे रहा है कि उसके पास आकर अपने बोझ हलके कर लें, तो और कहीं क्यों जाएं? प्रति दिन उसके पास आएं और उससे सब कह दें। - डेविड मैककैसलैंड

हम चाहें कहीं और कैसे भी हों, प्रभु यीशु से केवल एक प्रार्थना की दूरी पर ही हैं।

हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बातें खोलकर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है। - भजन ६२:८
 
बाइबल पाठ: भजन ६२
Psa 62:1  सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेरश्वर की ओर मन लगाए हूं, मेरा उद्धार उसी से होता है।
Psa 62:2  सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; मैं बहुत न डिगूंगा।
Psa 62:3  तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिल कर उसका घात करो; वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
Psa 62:4  सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं।
Psa 62:5  हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है।
Psa 62:6  सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; इसलिये मैं न डिगूंगा।
Psa 62:7  मेरा उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है; मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है।
Psa 62:8  हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बातें खोलकर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
Psa 62:9  सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
Psa 62:10  अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।
Psa 62:11  परमेश्वर ने एक बार कहा है, और दो बार मैं ने यह सुना है: कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psa 62:12  और हे प्रभु, करूणा भी तेरी है। क्योंकि तू एक एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था २३-२४ 
  • मरकुस १:१-२२

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

स्वचलित धुलाई

   अपनी कार की स्वचलित मशीन द्वारा धुलाई के अपने प्रथम अनुभव को मैं कभी भुला नहीं सकती। बड़ी घबराहट के साथ, जैसे किसी दांतों के डॉक्टर के पास जा रही हूँ, मैं मशीन के पास पहुंची, धुलाई के लिए आवश्यक पैसे उसमें डाले, अपनी कार की खिड़कियों को बार-बार जांच कर देखा कि वे ठीक से बन्द हैं और कतार में अपनी कार लगाकर प्रतीक्षा करने लगी। मेरे नियंत्रण से बाहर शक्तियां मेरी कार को आगे बढ़ाने लगीं, मानो मैं किसी स्वचलित पट्टी (कॉनवेयर बेल्ट) पर हूँ। मैं अपनी कार में चारों ओर से बन्द बैठी था कि अचानक बड़ी आवाज़ के साथ चारों ओर से पानी और साबुन की तेज़ बौछार मेरी कार पर पड़ने लगी, और बड़े बड़े ब्रुश मेरी कार पर काम करने लगे। मैं अन्दर बैठी घबरा रहा थी और सोच रहा थी कि यदि मैं यहां फंसी ही रह गई या पानी कार के अन्दर भरने लगा तो मेरा क्या होगा? मेरे यह विचार मेरी घबराहट के कारण मेरी मूढ़ता के विचार थे। जिस तरह अचानक पानी की बौछार आरंभ हुई थी, वैसे ही बन्द भी हो गई, फिर तेज़ गरम हवा के प्रवाह द्वारा कार को सुखाया गया, और मुझे तथा मेरी कार को बाहर की दुनिया में ला कर खड़ा कर दिया गया - कार एकदम साफ हो कर चमचमा रही थी और मैं बिलकुल सुरक्षित थी।

   इस घटना ने मुझे सिखाया कि जब परिस्थितियां मेरी समझ से बाहर हों और मेरा जीवन मेरे नियंत्रण से बाहर होकर आगे बढ़ रहा हो और चारों ओर से घबरा देने वाली बातों के थपेड़े मेरी ओर आ रहे हों, तब भी कोई है जो मुझे अपने अन्दर छुपाए हुए और सुरक्षित रखे हुए है - वह जिस पर मैंने विश्वास किया और अपना जीवन जिस के हाथों में सौंपा है। यह सब मेरे लिए एक ’स्वचलित धुलाई’ वाले अनुभव के समान है। जैसे सदा ऐसी परिस्थितियों में होता आया है, जब मैं इनके दूसरे छोर पर पहुंच कर देखती हूँ तो मैं अपने आप को ना केवल पूर्णतः सुरक्षित परन्तु और बेहतर पाती हूँ, और आनन्द तथा विश्वास के साथ अपने प्रभु के लिए कह पाती हूँ, "वह मेरा सर्वदा विश्वासयोग्य परमेश्वर है"।

   क्या आप भी किसी ’स्वचलित धुलाई’ अनुभव से होकर निकल रहे हैं? जिसे आपने अपना उद्धारकर्ता मान कर अपना जीवन सौंपा है, उस प्रभु यीशु पर विश्वास बनाए रखें। अपने प्रत्येक विश्वासी से उसका वायदा है कि वह उन्हें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा; हर परिस्थिति में उनके साथ बना रहेगा। जब आप इस अनुभव के दूसरे छोर पर पहुंचेंगे तो पाएंगे कि आप ना केवल सुरक्षित रहे हैं, वरन पहले से बेहतर होकर अपने प्रभु के लिए एक चमकदार गवाह भी हैं। - जोनी योडर


परीक्षाओं की सुरंग से होकर निकलना एक चमकदार गवाही उत्पन्न करता है।

जब तू जल में होकर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में होकर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी। - यशायाह ४३:२
बाइबल पाठ: - यशायाह ४३:१-१३
Isa 43:1  हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम लेकर बुलाया है, तू मेरा ही है।
Isa 43:2  जब तू जल में होकर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में होकर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी।
Isa 43:3  क्योंकि मैं यहोवा तेरा परमेश्वर हूं, इस्राएल का पवित्र मैं तेरा उद्धारकर्ता हूं। तेरी छुड़ौती में मैं मिस्र को और तेरी सन्ती कूश और सबा को देता हूं।
Isa 43:4  मेरी दृष्टि में तू अनमोल और प्रतिष्ठित ठहरा है और मैं तुझ से प्रेम रखता हूं, इस कारण मैं तेरी सन्ती मनुष्यों को और तेरे प्राण के बदले में राज्य राज्य के लोगों को दे दूंगा।
Isa 43:5  मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं; मैं तेरे वंश को पूर्व से ले आऊंगा, और पच्छिम से भी इकट्ठा करूंगा।
Isa 43:6  मैं उत्तर से कहूंगा, दे दे, और दक्खिन से कि रोक मत रख; मेरे पुत्रों को दूर से और मेरी पुत्रियों को पृथ्वी की छोर से ले आओ;
Isa 43:7  हर एक को जो मेरा कहलाता है, जिसको मैं ने अपनी महिमा के लिये सृजा, जिसको मैं ने रचा और बनाया है।
Isa 43:8  आंख रहते हुए अन्धों को और कान रहते हुए बहिरों को निकाल ले आओ!
Isa 43:9  जाति जाति के लोग इकट्ठे किए जाएं और राज्य राज्य के लोग एकत्रित हों। उन में से कौन यह बात बता सकता वा बीती हुई बातें हमें सुना सकता है? वे अपने साक्षी ले आएं जिस से वे सच्चे ठहरें, वे सुन लें और कहें, यह सत्य है।
Isa 43:10  यहोवा की वाणी है कि तुम मेरे साक्षी हो और मेरे दास हो, जिन्हें मैं ने इसलिये चुना है कि समझ कर मेरी प्रतीति करो और यह जान लो कि मैं वही हूं। मुझ से पहिले कोई ईश्वर न हुआ और न मेरे बाद कोई होगा।
Isa 43:11  मैं ही यहोवा हूं और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं।
Isa 43:12  मैं ही ने समाचार दिया और उद्धार किया और वर्णन भी किया, जब तुम्हारे बीच में कोई पराया देवता न था; इसलिये तुम ही मेरे साक्षी हो, यहोवा की यह वाणी है।
Isa 43:13  मैं ही ईश्वर हूं और भविष्य में भी मैं ही हूं, मेरे हाथ से कोई छुड़ा न सकेगा; जब मैं काम करना चाहूं तब कौन मुझे रोक सकेगा।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था २१-२२ 
  • मत्ती २८

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

संवेदनशील

   अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को और न्यूयॉर्क शहरों में, शहर में जल आपूर्ति की शुद्धता की जाँच के लिए, एक विशेष प्रकार की मछली, ’ब्लूगिल’ का प्रयोग किया जा रहा है। ब्लूगिल मछली की विशेषता है कि पानी में अगर ज़रा सी मात्रा में भी विषाक्त पदार्थ होंगे तो वह प्रतिक्रीया करेगी। इसलिए शहर में भेजे जाने वाले जल का एक भाग पहले ब्लूगिल मछलीयों वाली टंकी में भेजा जाता है, और शुद्धता प्रमाणित होने पर ही उसे शहर में जल आपूर्ति के लिए प्रवाहित किया जाता है। आतंकवादियों द्वारा जल में मिला कर शहर के लोगों को किसी विषाक्त वस्तु द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने से बचने का यह एक महत्वपूर्ण तरीका है।

   इन ब्लूगिल मछलियों के विषाक्त वस्तुओं की ज़रा सी मात्रा के प्रति संवेदनशील होने के समान ही परमेश्वर चाहता है कि उसके विश्वासी भी प्रत्येक गलत शिक्षा और अनुचित धार्मिक धारणा के प्रति संवेदनशील बनें और उनके नुकसान से बचने के लिए प्रतिक्रिया करें। प्रेरित पौलुस ने गलतिया के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में समझाया कि वे सुसमाचार में करी जा रही प्रत्येक मिलावट और अशुद्धता को पहचानें और उससे बच कर रहें। प्रत्येक ऐसी शिक्षा जो सिखाती है कि परमेश्वर लोगों को उनके ’धर्म के कार्यो’ और उनकी ’धर्म के नियमों की आज्ञाकारिता’ के कारण ग्रहण करता है, ना कि उनके द्वारा प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास और पश्चाताप से मिलने वाली पापों की क्षमा के कारण, वह सुसमाचार में घातक विषाक्त वस्तु की मिलावट है और गलतिया के उन विश्वासियों को इसके प्रति संवेदनशील होना है और इसे सुधारने तथा इसके दुषप्रभावों से बचने के लिए प्रतिक्रीया करनी है। पौलुस ने ऐसी शिक्षाएं फैलाने वालों के लिए कहा, "परन्‍तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं। परन्‍तु यदि हम या स्‍वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो। जैसा हम पहिले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूं, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो..." (गलतियों १:७-९)।

   सुसमाचार और परमेश्वर के वचन में मिलावट के प्रयास नए नहीं हैं। इसलिए प्रत्येक मसीही विश्वासी को इसके प्रति संवेदनशील होना है, सचेत और सजग रहना है, कहीं किसी गलत शिक्षा द्वार हम बहकाए ना जाएं और नुकसान उठाएं। इसका एक ही रास्ता है - परमेश्वर के साथ बैठकर परमेश्वर के वचन बाइबल का नित अध्ययन करना, और उसकी शिक्षाओं को अपने जीवनों में लागू करना। तब ही हम गलत शिक्षा की विषाक्त मिलावट के प्रति संवेदनशील होकर उसे पहचान सकेंगे और उद्धार के अद्भुत सुसमाचार का सही प्रचार और प्रसार कर सकेंगे। - मार्विन विलियम्स


यदि आप सत्य को जानते हैं तब ही असत्य को पहचान सकते हैं।

परन्‍तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं। - गलतियों १:७
बाइबल पाठ: गलतियों १:३-१२
Gal 1:3  परमेश्वर पिता, और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनु्ग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
Gal 1:4  उसी ने अपने आप को हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्‍छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए।
Gal 1:5  उस की स्‍तुति और बड़ाई। युगानुयुग होती रहे। आमीन।
Gal 1:6  मुझे आश्‍चर्य होता है, कि जिस ने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उस से तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे।
Gal 1:7  परन्‍तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं।
Gal 1:8  परन्‍तु यदि हम या स्‍वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।
Gal 1:9  जैसा हम पहिले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूं, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो। अब मैं क्‍या मनुष्यों को मानता हूं या परमेश्वर को? क्‍या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूं?
Gal 1:10  यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।
Gal 1:11  हे भाइयो, मैं तुम्हें जताए देता हूं, कि जो सुसमाचार मैं ने सुनाया है, वह मनुष्य का सा नहीं।
Gal 1:12  क्‍योंकि वह मुझे मनुष्य की ओर से नहीं पहुंचा, और न मुझे सिखाया गया, पर यीशु मसीह के प्रकाश से मिला।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १९-२० 
  • मत्ती २७:५१-६६

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

असफल?

   अमेरिका में १९३० के आस-पास बड़ी आर्थिक मंदी आई थी और देश की अर्थ व्यवस्था और देश का बुरा हाल हो गया था। बहुत से लोगों को अपने घरों से बेघर होकर प्लाइवुड, तिरपाल, कंबल आदि से बनीं जीर्ण हाल झुग्गियों में रहना पड़ा था। देश की उस स्थिति के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति हर्बट हूवर की नीतियों को उत्तरदायी माना गया था, इसलिए उन जीर्ण झुग्गियों को लोग उस समय ’हूवरविल्स’ कहते थे।

   किंतु विचित्र बात है कि यही हूवर जिन्हें अब इतना अयोग्य माना जा रहा था, उन्हें ही पहले अपनी योग्यता और कुशलता के लिए जाना जाता था। उनके भूवैज्ञानिक इंजिनियरिंग के कौशल के कारण औस्ट्रेलिया और चीन में बड़ी सफल खनन परियोजनाएं आरंभ करी जा सकीं। उन्होंने कई मानवोत्थान के कार्यों के लिए कुशल नेत्रत्व प्रदान किया था। किंतु जब १९२९ में स्टॉक मार्किट गिरा और अर्थ व्यवस्था संकट में आई तो परिस्थितियां हूवर के नियंत्रण के बाहर थीं; फिर भी वे इतिहास में सदा के लिए १९३० की आर्थिक मंदी और इस के कारण हुई देश की बदहाली के साथ जोड़ दिए गए।

   जीवन में घटने वाली किसी एक बड़ी असफलता का अर्थ यह नहीं होता कि उस व्यक्ति का सारा जीवन ही असफल है। यदि ऐसा होता तो हम परमेश्वर के वचन बाइबल के कई पात्रों को असफल व्यक्ति मानते ना कि परमेश्वर के लोगों के रूप में और प्रेर्णादायक जीवन चरित्र वाले। उदाहरण के लिए, क्या हम अब्राहम को झूठा और स्वार्थी (उत्पत्ति १२:१०-२०), मूसा को परमेश्वर का अनाज्ञाकारी (निर्गमन २०:१-३) या दाउद को व्यभिचारी और हत्यारा (२ शमूएल ११) कह कर स्मरण करते हैं, यद्यपि उनके जीवनों में ऐसी कमज़ोरियां घटीं थीं?

   उनके पापों के बावजूद ये सभी मनुष्य अपने स्थिर विश्वास और परमेश्वर के लिए कार्य करने वाले महान जन माने जाते हैं और उनके नाम आदर से लिए जाते हैं। ये, और इनके जैसे कई अन्य लोग वे हैं जो "...विश्वास ही के द्वारा...निर्बलता में बलवन्‍त हुए..." (इब्रानियों ११:३३-३४)।

   यह परमेश्वर की महानता और सामर्थ है कि जो उस पर विश्वास लाते हैं, वह उन निर्बल और अयोग्य पात्रों को भी अपनी महीमा के पात्र बना लेता है और मनुष्यों में भी उन्हें आदर दिलवाता है। यदि हमने अपने पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित किया है तो हमारा बीता जीवन चाहे जैसा भी रहा है, हम असफल नहीं रहेंगे। परमेश्वर हमें अभी भी उपयोगी बना सकता है, बड़े सामर्थी रूप से उपयोग कर सकता है; आवश्यक्ता है तो बस उसके प्रति हमारे विश्वास और आज्ञाकरिता की। - डेनिस फिशर


अकसर असफलता की राख से ही सफलता निकलती है।

...विश्वास ही के द्वारा...निर्बलता में बलवन्‍त हुए... - इब्रानियों ११:३३-३४
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:२४-३४
Heb 11:24 विश्वास ही से मूसा ने सयाना होकर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्‍कार किया।
Heb 11:25  इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।
Heb 11:26 और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्‍योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं।
Heb 11:27 विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उस ने मिसर को छोड़ दिया, क्‍योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।
Heb 11:28 विश्वास ही से उस ने फसह और लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करने वाला इस्‍त्राएलियों पर हाथ न डाले।
Heb 11:29  विश्वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब मरे।
Heb 11:30  विश्वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब सात दिन तक उसका चक्कर लगा चुके तो वह गिर पड़ी।
Heb 11:31  विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ना मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिथे कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था।
Heb 11:32 अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Heb 11:33 इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते, धर्म के काम किए, प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त कीं, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
Heb 11:34 आग ही ज्‍वाला को ठंडा किया, तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए, लड़ाई में वीर निकले, विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १७-१८ 
  • मत्ती २७:२७-५०

मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

प्रेम प्रदर्शन

   चीनी समाज का नव-वर्ष और वैलिन्टाईन दिवस २०१० में एक ही दिन पड़े। यद्यपि ये दोनो समारोह बिलकुल भिन्न हैं, तौ भी उनके मनाए जाने कि रीतियों में कुछ समानताएं हैं। दोनो ही प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए हैं, दोनो ही में प्रेम करने वाले एक दूसरे को उपहार दे कर अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं। वैलिन्टाइन दिवस पर प्रेमी जुगल एक दूसरे को लाल गुलाब भेंट करके एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम को दर्शाते हैं तो चीनी नव-वर्ष पर परिवार के सद्स्य ’हौंग-बाओ’ (लाल रंग की पोटली में रखे पैसे) एक दुसरे को देकर एक दुसरे के प्रति अपने प्रेम को जताते हैं।

   हमारे प्रभु यीशु ने भी अपने चेलों को आज्ञा दी कि वे एक दुसरे के प्रति प्रेम रखें और उसे प्रदर्शित करें क्योंकि इसी से लोग जानेंगे कि वे प्रभु यीशु के चेले हैं (यूहन्ना १३:३४, ३५)। जो प्रेम प्रभु चाहता है कि उसके चेले आपस में प्रकट करें, वह प्रेमी जोड़ों के ’रोमैंटिक’ प्रेम से तथा पारिवारिक सदस्यों के आपसी भाईचारे के प्रेम से भिन्न है। प्रभु का प्रेम निस्वार्थ प्रेम है जिसके लिए मूल युनानी भाषा में ’अगापे’ शब्द प्रयोग हुआ है। प्रभु ने चेलों को प्रेम प्रगट करने की अपनी आज्ञा में यही अगापे शब्द का प्रयोग किया; ऐसा प्रेम जो प्रत्युत्तर में कुछ नहीं चाहता। इसी प्रेम का प्रकटिकरण प्रभु ने किया, जब उसने भोजन के समय एक पात्र में पानी लेकर चेलों के पांव धोए, जब वह क्रूस पर समस्त मानव जाति कि पापों के बदले चढ़ गया, जब आज भी वह सभी को पाप क्षमा का खुला निमंत्रण देता है।

   आज क्या कोई ऐसा है जिसे आप यह अगापे प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं? - सी. पी. हिया


तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। - गलतियों ६:२

यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो। - युहन्ना १३:३५
बाइबल पाठ: युहन्ना १३:१-५, ३३-३५
Joh 13:1  फसह के पर्ब्‍ब से पहिले जब यीशु ने जान लिया, कि मेरी वह घड़ी आ पहुंची है कि जगत छोड़कर पिता के पास जाऊं, तो अपने लोगों से, जो जगत में थे, जैसा प्रेम वह रखता था, अन्‍त तक वैसा ही प्रेम रखता रहा।
Joh 13:2 और जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्‍किरयोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय।
Joh 13:3  यीशु ने यह जानकर कि पिता ने सब कुछ मेरे हाथ में कर दिया है और मैं परमेश्वर के पास से आया हूं, और परमेश्वर के पास जाता हूं।
Joh 13:4 भोजन पर से उठकर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा लेकर अपनी कमर बान्‍धी।
Joh 13:5 तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा।

Joh 13:34  मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो।
Joh 13:35  यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १५-१६ 
  • मत्ती २७:१-२६

सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

बदलाव का समय

   मेरे एक मित्र ने एक बार मुझ से कहा, "मैंने अपने जीवन में बहुत सी बातों को बदलते हुए देखा है, और मैं उन सब के विरुद्ध हूँ।" शायद जो मेरे मित्र ने कहा या किया अतिश्योक्ति थी, किंतु इस बात से अधिकांश सहमत होंगे कि हम बदलाव नहीं चाहते, विशेषकर तब जब वह हमारी आदतों और व्यवहार से संबंध रखता हो।

   यह भी एक कारण था कि प्रभु यीशु अपने समय के धर्मगुरुओं और धर्म के अगुवों में लोकप्रीय नहीं थे। प्रभु यीशु ने उन लोगों के परंपरागत स्थापित भले कार्यों और स्वधार्मिकता के मूल्यों और बातों को चुनौती दी थी। परमेश्वर के वचन बाइबल के लूका ७ अध्याय में दी गई एक घटना पर ध्यान कीजिए: शमौन नाम का एक फरीसी (धर्मगुरू) बहुत खिन्न हुआ जब उस ’धर्मी’ के घर में एक पापिनी स्त्री ने आकर बड़ी उदार रीति से प्रभु यीशु के लिए अपना आदर और सम्मान प्रकट किया। प्रभु यीशु ने तुरंत शमौन के मन के विचार भांप लिए और उसकी स्वधार्मिकता के भाव को एक नीतिकथा के द्वारा चुनौती दी। प्रभु ने कहा, एक महाजन के दो देनदार थे, एक बहुत कर्ज़ के नीचे था और दूसर थोड़े, लेकिन दोनो ही चुका पाने की स्थित में नहीं थे। महाजन ने उनकी दशा पर दया करके उन दोनो ही के कर्ज़ को पूर्णतः माफ कर दिया। फिर प्रभु ने शमौन से पूछा: "...सो उन में से कौन उस से अधिक प्रेम रखेगा?" (लूका ७:४२)। शमौन का उत्तर स्वभाविक था, वह जिसका अधिक कर्ज़ माफ हुआ था (पद ४३)। तब प्रभु ने शमौन के स्वधर्मी स्वभाव और घमंड की ओर इशारा करके उसे समझाया और निष्कर्ष में उस से कहा, "...जिस का थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है" (पद ४७)।

   प्रभु यीशु की यही चुनौती आज भी सार्थक है, विशेष कर उसके अनुयायीयों के लिए। बहुत बार मसीही विश्वासी इस बात में निश्चिंत हो जाते हैं कि वे संसार से बहुत भले हैं और यह भूल जाते हैं कि वे भले अपनी किसी योग्यता या अपने किसी धार्मिकता से नहीं वरन इसलिए हैं क्योंकि प्रभु ने उनको बहुत कुछ क्षमा किया है।

   यदि आज यह स्थिति आप के जीवन में है, तो निश्चय जानिए कि आप के लिए यह समय अविलंब बदलाव का समय है। - जो स्टोवैल


जब परमेश्वर बातें बदलना आरंभ करता है तो वह पहले हमें बदलने से आरंभ करता है।

यह देखकर, वह फरीसी जिस ने उसे बुलाया था, अपने मन में सोचने लगा, यदि यह भविष्यद्वक्ता होता तो जान लेता, कि यह जो उसे छू रही है, वह कौन और कैसी स्त्री है क्योंकि वह तो पापिनी है। - लूका ७:३९

बाइबल पाठ: लूका ७:३६-५०
Luk 7:36  फिर किसी फरीसी ने उस से विनती की, कि मेरे साथ भोजन कर; सो वह उस फरीसी के घर में जाकर भोजन करने बैठा।
Luk 7:37  और देखो, उस नगर की एक पापिनी स्त्री यह जानकर कि वह फरीसी के घर में भोजन करने बैठा है, संगमरमर के पात्र में इत्र लाई।
Luk 7:38  और उस के पांवों के पास, पीछे खड़ी होकर, रोती हुई, उसके पांवों को आंसुओं से भिगाने और अपने सिर के बालों से पोंछने लगी और उसके पांव बारबार चूमकर उन पर इत्र मला।
Luk 7:39  यह देख कर, वह फरीसी जिस ने उसे बुलाया था, अपने मन में सोचने लगा, यदि यह भविष्यद्वक्ता होता तो जान लेता, कि यह जो उसे छू रही है, वह कौन और कैसी स्त्री है क्योंकि वह तो पापिनी है।
Luk 7:40  यह सुन यीशु ने उसके उत्तर में कहा; कि हे शमौन मुझे तुझ से कुछ कहना है वह बोला, हे गुरू कह।
Luk 7:41  किसी महाजन के दो देनदार थे, एक पांच सौ, और दूसरा पचास दीनार धारता था।
Luk 7:42  जब कि उन के पास पटाने को कुछ न रहा, तो उस ने दोनो को क्षमा कर दिया: सो उन में से कौन उस से अधिक प्रेम रखेगा।
Luk 7:43  शमौन ने उत्तर दिया, मेरी समझ में वह, जिस का उस ने अधिक छोड़ दिया: उस ने उस से कहा, तू ने ठीक विचार किया है।
Luk 7:44  और उस स्त्री की ओर फिर कर उस ने शमौन से कहा; क्‍या तू इस स्त्री को देखता है? मैं तेरे घर में आया परन्‍तु तू ने मेरे पांव धोने के लिये पानी न दिया, पर इस ने मेरे पांव आंसुओं से भिगाए, और अपने बालों से पोंछा!
Luk 7:45  तू ने मुझे चूमा न दिया, पर जब से मैं आया हूं तब से इस ने मेरे पांवों का चूमना न छोड़ा।
Luk 7:46  तू ने मेरे सिर पर तेल नहीं मला; पर इस ने मेरे पांवों पर इत्र मला है।
Luk 7:47  इसलिये मैं तुझ से कहता हूं कि इस के पाप जो बहुत थे, क्षमा हुए, क्‍योंकि इस ने बहुत प्रेम किया; पर जिस का थोड़ा क्षमा हुआ है, वह थोड़ा प्रेम करता है।
Luk 7:48  और उस ने स्त्री से कहा, तेरे पाप क्षमा हुए।
Luk 7:49  तब जो लोग उसके साथ भोजन करने बैठे थे, वे अपने अपने मन में सोचने लगे, यह कौन है जो पापों को भी क्षमा करता है?
Luk 7:50  पर उस ने स्त्री से कहा, तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया है, कुशल से चली जा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १४ 
  • मत्ती २६:५१-७५

रविवार, 12 फ़रवरी 2012

ज्योति

   अमेरीकी कारोबारी मार्क बेन्ट ने $२५०,००० शोध पर खर्च करके सौर उर्जा से चलने वाले और कम खर्च में बनकर उपलब्ध हो सकने वाले टॉर्च विकसित किए और बनाए। एक दिन की सौर उर्जा से एक टॉर्च ७ घंटे की रौशनी लोगों को उपलब्ध कराता है। ऐसे हज़ारों टॉर्च अफ्रीका के शरणार्थी शिविरों में मुफ्त या बहुत कम खर्च पर बाँटे गए हैं जहां वे घरों, स्कूलों और अस्पतालों में जीवन दायक रौशनी प्रदान कर रहे हैं; ऐसे स्थानों में जहां अन्धकार के कारण अपराध और हिंसा के कार्यों को प्रोत्साहन मिलता था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह के चित्रण में ज्योति और अन्धकार की तुलना अकसर देखने को मिलती है: "जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी" (यशायाह ९:२); "उस [यीशु] में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। और ज्योति अन्‍धकार में चमकती है; और अन्‍धकार ने उसे ग्रहण न किया" (युहन्ना १:४-५)।

    प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा "तुम जगत की ज्योति हो..." (मत्ती ५:१४)। आज, हम जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं, हम पर प्रभु की जीवन दायक ज्योति के फैलाने का दायित्व है। प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखा: "तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)" (फिलिप्पियों २:१५)।

   उस अनुग्रह और सामर्थ द्वारा जो हमें परमेश्वर से मिली है, हम परमेश्वर पर निर्भर होकर, अपने चारों ओर के आत्मिक अन्धकार से डरे और दबे बिना, जगत में ज्योति के समान चमकने वाले और दूसरों को जीवन का मार्ग दिखाने तथा जीवन ज्योति की ओर आकर्षित करने वाले बनें। - डेविड मैककैसलैंड


प्रभु यीशु आत्मिक अन्धकार से भरे संसार को जीवन ज्योति देने आया।

तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)। - फिलिप्पियों २:१५

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१२-१८
Php 2:12  सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।
Php 2:13 क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।
Php 2:14  सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।
Php 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्‍कलंक सन्‍तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों की नाईं दिखाई देते हो)।
Php 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्‍ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।
Php 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्‍दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्‍द करता हूं।
Php 2:18 वैसे ही तुम भी आनन्‍दित हो, और मेरे साथ आनन्‍द करो।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १३ 
  • मत्ती २६:२६-५०

शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

उस पार

   मेरे एक मित्र से किसी ने कहा, "साल के बाद मिलते हैं" तो मेरे मित्र का उत्तर कुछ विचित्र लगा, क्योंकि उसने कहा, "हाँ, उस पार मिलेंगे।" यद्यपि यह कहने में उसका तात्पर्य था कि नौसेना में एक साल के कार्य पर भेजे जाने के कारण साल पूरा होने के ’उस पार’ ही अब मिलना हो पाएगा, लेकिन क्योंकि यह वाक्यांश साधारणतया दूसरे संदर्भ - मृत्युओपरांत की दशा के लिए प्रयोग होता है, इसलिए मेरे विचार जीवन की अनिश्चितताओं की ओर चले गए। मैं सोचने लगा, एक साल के बाद कौन यहां होगा और कौन नहीं किसे पता है? उस पार वालों में से कौन स्वर्ग में होगा?

   हम निश्चय ही यह नहीं जानते कि एक वर्ष, या अगला एक घंटा भी क्या लाने वाला है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में इस अनिश्चितता के विषय में लिखा है। उसने उन लालची व्यापोरियों को संबोधित करते हुए उन्हें उलाहना दी और कहा, "तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार करके लाभ उठाएंगे। और यह नहीं जानते कि कल क्‍या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्‍या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है" (याकूब ४:१३-१४)। टिप्पणीकार पीटर डेविड ने याकूब की इस बात पर टिप्पणी में कहा कि याकूब उन व्यापारियों को उनकी मूर्खता बता रहा था, और याकूब के कहने का तात्पर्य था कि, "तुम जो बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हो ज़रा सुनो और ध्यान दो; जीवन पर तुम्हारा क्या कोई नियंत्रण है जो तुम ऐसे योजनाएं बना रहे हो?"

   याकूब ने उन्हें स्मरण दिलाया कि जीवन भाप के समान क्षणभंगुर है। ऐसे में बिना परमेश्वर की इच्छा जाने और बिना अपना जीवन उसे समर्पित किए, अपनी लालसाओं की पूर्ति के लिए कोई भी योजना बनाना मूर्खता है। योजना बनाना बुरा नहीं है लेकिन घमण्ड करना और घमण्ड में आकर योजनाओं मे परमेश्वर को ना रखना बुरा है, पाप है। क्योंकि केवल वो ही है जो भविष्य जानता है इसलिए जो कुछ उसकी इच्छा के अनुसार होगा अन्ततः वही चिरस्थायी और सफल होगा, बाकी सब बिना कोई लाभ दिए मिट जाएगा।

   जीवन का कोई क्षेत्र परमेश्वर के नियंत्रण के बाहर नहीं है। इसलिए जब हम योजनाएं बनाएं तो व्यापारियों को दी गई याकूब की चेतावनी में उसका अगला वाक्य हमें स्मरण रखना चाहिए, "इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे" (याकूब ४:१५)। - एनी सेटास


परमेश्वर की इच्छा में बनी और परमेश्वर को समर्पित योजनाएं ही सफल योजनाएं होती हैं।

...तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है। - याकूब ४:१४

बाइबल पाठ: याकूब ४:१०-१७
Jas 4:10  प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा।
Jas 4:11  हे भाइयों, एक दूसरे की बदनामी न करो, जो अपने भाई की बदनामी करता है, या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलने वाला नहीं, पर उस पर हाकिम ठहरा।
Jas 4:12  व्यवस्था देने वाला और हाकिम तो एक ही है, जिसे बचाने और नाश करने की सामर्थ है? तू कौन है, जो अपने पड़ोसी पर दोष लगाता है?
Jas 4:13  तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार करके लाभ उठाएंगे।
Jas 4:14 और यह नहीं जानते कि कल क्‍या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्‍या तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है।
Jas 4:15  इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे।
Jas 4:16 पर अब तुम अपनी ड़ींग पर घमण्‍ड करते हो; ऐसा सब घमण्‍ड बुरा होता है।
Jas 4:17  इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ११-१२ 
  • मत्ती २६:१-२५

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

सही निवेष

   मैं स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव के साथ मनुष्यों पर उन के लोभ और धन के भय के प्रभाव देखकर विचार करता हूँ कि धन संचय उनके लिए कितना महत्वपूर्ण हो गया है। सन १९८० में बनी एक फिल्म के एक पात्र की धारणा थी: "लोभ भला है, सही है और सफल बनाता है। लोभ ही अमेरिका को बचाएगा" -  आज की अमेरिका की आर्थिक और नैतिक स्थिति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि यह विचार कितना मूर्खतापूर्ण था और है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु से एक व्यक्ति का वार्तालाप मुझे स्मरण आता है। उस व्यक्ति ने प्रभु यीशु के पास आकर निवेदन किया कि प्रभु उसके भाई से बात करके संपत्ति के बंटवारे में उन की सहयाता करे। प्रभु यीशु ने उसका यह निवेदन ठुकरा दिया परन्तु उस व्यक्ति के साथ एक बड़ी भलाई करी; उसे उसके निवेदन के पीछे छुपे उद्देश्य और उसके नतीजों से अवगत करा दिया: "और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता" (लूका १२:१५)।

   इसके साथ ही प्रभु ने एक नीतिकथा के द्वारा सही निवेष के बारे में भी सिखाया; प्रभु ने बताया कि कैसे एक मनुष्य के पास बहुत उपज हुई और वह अपनी संपत्ति की वृद्धि और उससे मौज-मस्ती की योजनाएं बनाने लगा। तब परमेश्वर ने उस से कहा: "हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिए धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं" (लूका १२:२०-२१)।

   लोभ के साथ समस्या यह है कि अन्ततः जमा किया हुआ धन बना नहीं रहता; किंतु और भी बुरी बात यह है कि लोभ करने वाला मनुष्य भी बना नहीं रहता। बेहतर है कि हम परमेश्वर के पास स्वर्ग में अपना धन संजोएं, आत्मिक बातों में निवेष करें, परमेश्वर की दृष्टि में धनवान बनें; जिससे हमारा धन अनन्त काल तक हमारे लिए हमारे साथ रहे और हमें लाभ देता रहे। - डेविड रोपर

हमारा असली धन वह है जो हमने अनन्तता के लिए निवेष किया है।

क्‍योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा। - लूका १२:३४

बाइबल पाठ: लूका १२:१३-३१
Luk 12:13  फिर भीड़ में से एक ने उस से कहा, हे गुरू, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बांट दे।
Luk 12:14  उस ने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है?
Luk 12:15  और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।
Luk 12:16  उस ने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
Luk 12:17  तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्‍या करूं, क्‍योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं।
Luk 12:18  और उस ने कहा, मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा;
Luk 12:19  और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।
Luk 12:20  परन्‍तु परमेश्वर ने उस से कहा; हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा?
Luk 12:21  ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं।
Luk 12:22  फिर उस ने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्‍या खाएंगे? न अपने शरीर की कि क्‍या पहिनेंगे?
Luk 12:23  क्‍योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है।
Luk 12:24  कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्‍हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
Luk 12:25  तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में ऐक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
Luk 12:26  इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो?
Luk 12:27  सोसनों के पौधों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Luk 12:28  इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है, तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्‍यों न पहिनाएगा?
Luk 12:29  और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे, और न सन्‍देह करो।
Luk 12:30  क्‍योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है।
Luk 12:31  परन्‍तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ८-१० 
  • मत्ती २५:३१-४६

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

सहभागिता

   सामान्य रीति से परमेश्वर अपनी सृष्टि में होकर और सृष्टि के द्वारा कार्य करता है; इसी कारण प्रार्थनाओं के उत्तर प्रमाणित कर पाना कठिन हो जाता है। सी.एस. ल्यूइस ने लिखा है, "केवल विश्वास ही इस संबंध की पुष्टि कर सकता है; इसके लिए कोई प्रयोगसिद्ध प्रमाण नहीं दिया जा सकता।" हमारा यह मानना कि हमारी प्रार्थना का उत्तर मिला है किसी वैज्ञानिक कसौटी पर प्रमाणित हो सकने वाली किसी बात पर आधारित नहीं है, वरन हमारे विश्वास पर आधारित है।

   परमेश्वर को अनुभव करने के जो माध्यम और विधियां हमें उपलब्ध हैं - प्रकृति, बाइबल, प्रभु भोज, चर्च, अन्य लोग आदि, वे भौतिक हैं, स्पर्श किए जा सकते हैं या अनुभव किए जा सकते हैं। किंतु परमेश्वर की स्थिति भौतिक नहीं है, वह आत्मिक है। प्रार्थना इसी अंतर को प्रतिबिंबित करती है।

   चाहे हम परमेश्वर से किसी समस्या में सीधे सीधे हस्तक्षेप करने के लिए प्रार्थना करते हैं, किंतु हमें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि वह हमारे स्वभाव और विकल्पों में होकर परोक्ष रूप से ही उस प्रार्थना का कोई उत्तर दे दे। एक नशे की आदत से ग्रसित व्यक्ति प्रार्थना कर सकता है कि, "प्रभु मुझे आज नशे से बचा कर रखना।" उसकी इस प्रार्थना का उत्तर किसी अप्रत्याशित रीति से शराब की बोतलों या नशे की किसी अन्य वस्तु का उसकी अलमारी ग़ायब हो जाना नहीं होगा, वरन उसके अन्दर ही नशे के विरुद्ध उसके निर्णय की दृढ़ता द्वारा अथवा किसी अनपेक्षित किंतु वफादार मित्र से सहायता के रूप में या ऐसे ही किसी तरह से आ जाएगा।

   चाहे परमेश्वर किसी आलौकिक रीति से हमारी स्मस्या सुलझाए, या अपनी आज्ञाकारिता के लिए हमें सामर्थ दे, हम परमेश्वर के स्वभाव पर भरोसा रख सकते हैं कि वह हमारी प्रार्थना सुनता है और उत्तर देता है; क्योंकि अपने प्रत्येक विश्वासी और और उस पर किए गए विश्वास द्वारा बनी अपनी प्रत्येक सन्तान से उसकी घनिष्ठ और आत्मीय सहभागिता है। - फिलिप यैन्सी


प्रार्थना का एक महत्वपूर्ण भाग है उस प्रार्थना के उत्तर का एक भाग बनने को तैयार रहना।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों ४:६

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:१-१०
Heb 11:1  अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अन देखी वस्‍तुओं का प्रमाण है।
Heb 11:2  क्‍योंकि इसी के विषय में प्राचीनों की अच्‍छी गवाही दी गई।
Heb 11:3  विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्‍टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्‍तुओं से बना हो।
Heb 11:4  विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्‍योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
Heb 11:5  विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला, क्‍योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उस ने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।
Heb 11:6  और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्‍योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।
Heb 11:7  विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उस ने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है।
Heb 11:8  विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं, तौभी निकल गया।
Heb 11:9  विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
Heb 11:10 क्‍योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ६-७ 
  • मत्ती २५:१-३०

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

द्रुत एवं धीमा

   मुझे लगता है कि यदि आज के समय में सबसे लोकप्रीय गुण जानने के लिए कोई प्रतियोगिता आयोजित करी जाए तो "उत्तम करने" से बढ़्कर स्थान "जल्दी करना" प्राप्त करेगा। संसार के बहुतेरे लोगों और संस्थाओं पर द्रुत गति की धुन सवार है। लेकिन द्रुत गति से कार्य कर पाना हमें जलदी ही कहीं पहुंचाने वाला नहीं है।

   अपनी पुस्तक In Praise of Slowness में लेखक कार्ल ओनोरे ने लिखा, "समय आ गया है कि हम कार्य को जलदी से कर लेने की अपनी धुन को चुनौती दें। द्रुत गति अपनाना ही सदा सबसे बेहतर नीति नहीं होती।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार, कार्ल बिल्कुल सही हैं। प्रभु यीशु के चेले और प्रेरित पतरस ने चिताया था कि अंत के दिनों में लोग प्रभु यीशु पर यह कह कर सन्देह करेंगे क्योंकि वह लौट कर आने की अपनी वाचा को पूरा करने में धीमा है (धीरज धरता है)। लेकिन साथ ही पतरस ने ध्यान दिलाया कि प्रभु का यह विलम्ब वास्तव में संसार के लिए भला है, क्योंकि वह लोगों को पापों से पश्चाताप करने, उद्धार पाने और नरक के दण्ड से बचने के लिए अधिक से अधिक संभव समय दे रहा है (२ पतरस ३:९); साथ ही यह उसके धीरजवन्त होने और विलम्ब से कोप करने के गुण (निर्गमन ३४:६) की भी पूर्ति है।

   प्रभु के एक अन्य चेले ने भी अपनी पत्री में लिखा कि हमें, जो प्रभु के अनुयायी हैं, "हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो" (याकूब १:१९)। ज़रा सोचिए, संसार में हम कितने आपसी बखेड़े और लड़ाई-झगड़े से बच सकते हैं यदि हम सचमुच सुनना - केवल चुप हो जाना ही नहीं, वरन कोई भी प्रत्युत्तर देने या बोलने से पहले, ध्यान देकर दूसरे की सुनना आरंभ कर दें।

   संसार के कार्यों में अपनी व्यस्तताओं और लक्ष्यों की पूर्ति की तेज़ भाग-दौड़ में, स्मरण रखें कि सुनने में द्रुत और प्रत्युत्तर देने तथा क्रोध करने में धीमे होने के द्वारा हम ना केवल प्रभु की आज्ञा का पालन करेंगे, वरन साथ ही अपना तथा दूसरों का भी भला भी करेंगे; और संसार को बेहतर स्थान बनाने में योगदान देंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब दूसरे के प्रति अधीर होने का कारण हो तो स्मरण कर लें कि परमेश्वर आपके प्रति कितना धीरजवन्त रहता है।

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले। - २ पतरस ३:९

बाइबल पाठ: २ पतरस ३:१-११

2Pe 3:1  हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिलाकर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2Pe 3:2  कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।
2Pe 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों मे हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2Pe 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई; क्‍योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?
2Pe 3:5  वे तो जान बूझकर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2Pe 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2Pe 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृ्थ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2Pe 3:8  हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2Pe 3:9  प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2Pe 3:10  परन्‍तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्‍द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त होकर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2Pe 3:11  तो जब कि ये सब वस्‍तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चालचलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था ४-५ 
  • मत्ती २४:२९-५१

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

भंग ध्यान?

   जिस विश्वविद्यालय में मैं पढ़ाता हूँ, वहाँ छात्रों को, उनके अध्ययन में सुविधा के लिए, लैपटॉप कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाते हैं। यद्यपि यह सुविधा उनके अध्ययन के लिए निसंदेह सहायक है, किंतु मैंने पाया है कि कक्षा में यह उनके अध्ययन में बाधा भी बन जाती है।

   क्योंकि विद्यार्थी अपने लैपटॉप्स पर ही लेक्चर के नोट्स बनाते हैं, इसलिए कक्षा में लेक्चर के समय वे सब अपने लैपटॉप खोल कर बैठते हैं। किंतु समस्या यह है कि लेक्चर के नोट्स बनाने के स्थान पर उनमें से कई अपने मित्रों के साथ संपर्क करना, फेसबुक पर देखना और लिखना या इंटरनैट पर अन्य किसी बात के लिए सर्फ करना आदि में लगे रहते हैं। ऐसे में, स्वाभाविक है कि उनका ध्यान मेरे लेक्चर की ओर नहीं वरन इन ध्यान भंग करने वाली बातों में रहेगा। चाहे अपने आप में वे बातें उचित हों, सकारात्मक हों, भली हों, ज्ञानवर्धक हों किंतु ऐसे में लैपटॉप की यह भली सुविधा उनके अध्ययन में सहायक नहीं नुकसानदेह बन जाती है।

   कई भली बातें ऐसे ही हमारे जीवनों में मुख्य उद्देश्य से ध्यान हटा कर, हमारे लिए नुकसानदेह हो जाती हैं, क्योंकि जिस प्राथमिकता पर हमें अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वे उससे हमारा ध्यान हटा देती हैं। यही प्रभु यीशु से प्रेम करने वाले एक परिवार में घटित हुआ; उस परिवार ने प्रभु को अपने घर आमंत्रित किया और प्रभु की सेवा टहल के लिए एक बहन मार्था तो दौड़-धूप में लग गई, किंतु दूसरी बहन मरियम प्रभु के चरणों पर बैठकर उस की सुनने लगी। थोड़ी देर में "पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई..." और प्रभु ही को उलाहना देने लगी "...और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे" (लूका १०:४०)।

   क्या आपके जीवन में भी कोई ऐसी आदत या गतिविधि या कोई शौक है जो अपने आप में तो ज़रा भी बुरा नहीं है, लेकिन वह आपके परिवार की ज़िम्मेदारियां निभाने में और प्रभु के साथ उचित समय बिताने में बाधा बनता है? क्या कुछ ’भली बातें’ आपका ध्यान आपकी प्राथमिकताओं से भंग कर रहीं हैं? यदि हाँ, तो यह समय है कि आप इस बात की ओर ध्यान दें, और अपने जीवन में आवश्यक परिवर्तन लाएं।

   जैसे प्रभु यीशु ने मार्था को समझाया, भले की नहीं उत्तम की सोचें और उससे अपना ध्यान भंग ना होने दें; अपने सर्वोत्तम उद्देश्य को पूरा करें। - डेव ब्रैनन


हम परमेश्वर की महिमा के लिए सृजे गए हैं; यही हमारे जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है।

पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे। - लूका १०:४०

बाइबल पाठ: लूका १०:३८-४२

Luk 10:38  फिर जब वे जा रहे थे, तो वह एक गांव में गया, और मार्था नाम एक स्त्री ने उसे अपने घर में उतारा।
Luk 10:39  और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी।
Luk 10:40  पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्‍या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे।
Luk 10:41  प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है।
Luk 10:42  परन्‍तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था १-३ 
  • मत्ती २४:१-२८