जीवन आक्समिक और आश्चर्यचकित कर देने वाली बातों से भरा हुआ है, जिनमें से कुछ जीवन की धारा को ही किसी अप्रीय दिशा में मोड़ देती हैं। मुझे अभी तक वह सदमा स्मरण है जो कई दशक पहले हमारे पिताजी को नौकरी से निकाले जाने के कारण हमें लगा था, जबकि पिताजी की कोई गलती भी नहीं थी। अब घर चलाने और बच्चों की परवरिश करने का साधन अचानक ही जाता रहा था, और यह हम सब के लिए एक बड़ा आघात था। लेकिन यद्यपि पिताजी की नौकरी जाना उनके नियंत्रण के बिलकुल बाहर था और पूर्णतः अनेपक्षित था, फिर भी वे यह जानते और विश्वास रखते थे कि वे परमेश्वर पर अपने भविष्य के लिए निर्भर रह सकते हैं।
हम मसीही विश्वासियों को भी यह स्मरण रखना चाहिए कि जीवन में कई बातें हमारे नियंत्रण से बाहर और अनेपक्षित होती हैं। ऐसी परिस्थितियों का सामना करने में सहायाता प्रदान करने के लिए परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब की पत्री में कुछ बातें लिखी हैं: "तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जा कर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार कर के लाभ उठाएंगे। और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है। इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे" (याकूब 4:13-15)। याकूब ने जिन लोगों को यह पत्री लिखी थी वे अपनी योजनाएं तो बना रहे थे किंतु इस बात का ध्यान नहीं रख रहे थे कि परमेश्वर ही उनके भविष्य को निर्धारित करने वाला है।
तो क्या फिर भविष्य के लिए योजनाएं बनाना गलत है? जी नहीं, बिल्कुल नहीं; लेकिन यह बात नज़रंदाज़ कर देना कि परमेश्वर कुछ "अनियंत्रित और अनेपक्षित" भी कर सकता है, गलत है। परमेश्वर अपने बच्चों के लिए और उनके जीवन में जो भी करता है, होने देता है, वह अन्ततः उनके भले के लिए ही होता है; चाहे उस समय वह भला दिखाई ना भी दे। इसलिए अपनी हर योजना में परमेश्वर को स्थान और नियंत्रण देना और उसकी ओर से आने वाली हर परिस्थिति को विश्वास के साथ स्वीकार करना हमारे लिए भला है, चाहे वह "अनियंत्रित और अनेपक्षित" ही क्यों ना हो। - बिल क्राउडर
चाहे हम मसीही विश्वासी यह नहीं जानते कि भविष्य में क्या होगा; लेकिन हम उसे जानते हैं जो भविष्य को निर्धारित करता है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: याकूब 4:13-17
James 4:13 तुम जो यह कहते हो, कि आज या कल हम किसी और नगर में जा कर वहां एक वर्ष बिताएंगे, और व्यापार कर के लाभ उठाएंगे।
James 4:14 और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है।
James 4:15 इस के विपरीत तुम्हें यह कहना चाहिए, कि यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे, और यह या वह काम भी करेंगे।
James 4:16 पर अब तुम अपनी ड़ींग पर घमण्ड करते हो; ऐसा सब घमण्ड बुरा होता है।
James 4:17 इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है।
एक साल में बाइबल:
- भजन 40-42
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