उसके
पति के देहांत के बाद से बेट्सी अपने अधिकांश दिन अपने घर में अकेले ही बिताती है, टेलीविज़न देखने में
या अपने लिए चाय बनाने में अपना समय बिताती है। इस एकाकीपन में वह अकेली नहीं है। अनुमान
है कि ब्रिटेन की आबादी के लगभग पंद्रह प्रतिशत से अधिक लोग यह कहते हैं कि वे
अपने को अधिकांशतः या हमेशा अकेला अनुभव करते हैं। इस कारण ब्रिटेन की सरकार ने इस
अकेलेपन के कारण और उनका निवारण ढूँढने के लिए एक मंत्री को भी नियुक्त किया है।
अकेलेपन
के कुछ कारण तो सबको पता हैं: हम एक से दूसरे स्थान घर बदलते रहते हैं, और कहीं जड़ें नहीं
जमाने पाते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि वे अपनी देखभाल स्वयं कर सकते हैं, और उन्हें किसी की
ओर हाथ बढ़ाने की कोई आवश्यकता अनुभव नहीं होती है। बहुतेरों को आधुनिक तकनीकी और
उपकरणों ने वश में कर रखा है, और वे अपने फोन या कंप्यूटर या टी.वी. को ही देखते
रहते हैं। सभी के पास अपने अकेलेपन के अपने ही कारण हैं।
मुझे
इस अकेलेपन के अन्धकार का खतरा अनुभव होता है, और हो सकता है कि आपको भी
होता हो। इसीलिए हमें मित्रों की आवश्यकता है; हम मसीही विश्वासियों को
अन्य मसीही विश्वासियों की संगति और मित्रता आवश्यक है। परमेश्वर के वचन बाइबल में
इब्रानियों की पत्री में, प्रभु यीशु के बलिदान की चर्चा का समापन हमें एक दूसरे के
साथ मिलते रहने और निरंतर संगति रखने के निर्देश के साथ होता है (10:25)। हम सभी
मसीही विश्वासी परमेश्वर के परिवार का अंग हैं, इसलिए हमें भाई-बहनों के
समान परस्पर प्रेम दिखाना चाहिए और अजनबियों के प्रति अतिथि-सत्कार की भावना रखनी
चाहिए (13:1-2)। यदि हम सभी प्रयास करें, तो हम सभी को एक-दूसरे की देखभाल और संगति के आनन्द का
अनुभव भी होगा।
हो
सकता है कि अकेले रहने वाले लोग हमारी इस कृपा का प्रत्युत्तर न देने पाएँ, परन्तु
कृपा न करने का यह कोई कारण नहीं है। हमारे प्रभु यीशु ने हमसे वायदा किया है कि
वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा या त्यागेगा (13:5), इसलिए हमें भी यही तत्परता औरों के
साथ दिखानी चाहिए। जैसे वह हर समय, हर बात के लिए, हर परिस्थिति में, हमारा मित्र बनकर
हमारे साथ बना रहता है, वैसे ही हम भी औरों के मित्र बनें, उनके साथ निरंतर संगति
बनाए रखें। यदि आप स्वयं अकेले हैं, तो भी परमेश्वर के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ
संपर्क और संगति बनाए रखने, उनके सहायक बनने के तरीके ढूँढें। मसीह यीशु को अपना मित्र
बना लें; उसकी मित्रता और आशीषें न केवल इस जीवन में, वरन परलोक में भी सदा साथ
रहती हैं। - माइक व्हिटमर
अकेलेपन का समाधान परमेश्वर के परिवार का सक्रिय
सदस्य होना है।
और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट
आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक
यह किया करो। - इब्रानियों 10:25
बाइबल पाठ: इब्रानियों 13:1-8
इब्रानियों 13:1 भाईचारे की प्रीति बनी रहे।
इब्रानियों 13:2 पहुनाई करना न भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों
ने अनजाने स्वर्गदूतों की पहुनाई की है।
इब्रानियों 13:3 कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद
हो; और जिन के साथ बुरा
बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि
लिया करो, कि हमारी भी देह है।
इब्रानियों 13:4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय
करेगा।
इब्रानियों 13:5 तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।
इब्रानियों 13:6 इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है।
इब्रानियों 13:7 जो तुम्हारे अगुवे थे, और जिन्होंने तुम्हें परमेश्वर
का वचन सुनाया है, उन्हें स्मरण रखो; और ध्यान से उन के चाल-चलन का
अन्त देखकर उन के विश्वास का अनुकरण करो।
इब्रानियों 13:8 यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक सा
है।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजाओं 10-12
- यूहन्ना 1:29-51
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