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बुधवार, 30 अप्रैल 2014

एकमात्र मार्ग


   बौद्धिक क्षमता के सबसे अधिक खराब मेल के बारे में विचार कीजिए। उदाहरण के लिए सुप्रसिद्ध भौतिक शास्त्री एल्बर्ट आईंस्टाईन को पहली कक्षा के छात्र के साथ सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Relativity) पर वाद-विवाद के लिए कहा जाए; या जौर्ज वाशिंगटन कार्वर के साथ छोटी कक्षा के एक छात्र को बायो-कैमिकल इंजीनियरिंग के बारे में चर्चा करने के लिए बैठा दिया जाए - यह सब कितना मूर्खतापूर्ण तथा बेनतीजा होगा। दोनों ही उदाहरणों में एक तो अपने क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ है तो दूसरा उस विषय के बारे में यदि कुछ जानता भी है तो उसकी जानकारी ना के बराबर ही है।

   इसी सिलसिले में एक और उदाहरण के बारे में सोचिए - मनुष्य और परमेश्वर के बीच मनुष्य जाति के लिए परमेश्वर की योजना पर बहस। क्या इससे बढ़कर अनुप्युक्त मेल कोई हो सकता है? लेकिन फिर भी हम प्रतिदिन अनेकों लोगों को परमेश्वर और उसकी योजनाओं पर तीखी आलोचना तथा टीका-टिपण्णी करते सुनते हैं, वे इस प्रयास में रहते हैं कि परमेश्वर की अनुपम योजना को व्यर्थ तथा अपनी विचारधारा को परमेश्वर की योजना से बेहतर और उपयुक्त दिखा सकें।

   मुझे एक कैदी द्वारा जेल से लिखा गया एक पत्र मिला, जिसमें उसने लिखा: "मैं अपने जीवन में एक ऐसे स्थान पर पहुँच गया जहाँ मुझे अन्ततः यह स्वीकार करना पड़ा कि परमेश्वर सत्य है और वही प्रत्येक वस्तु का सृष्टिकर्ता है। मैं अपना मार्ग चलते चलते, अपनी रीति से हर कार्य करते करते थक गया। फिर जब मैंने अपने आप को नम्र और दीन करके परमेश्वर के वचन को मानना आरंभ कर दिया, तो मुझे सच्चा मार्ग भी मिल गया।"

   कितना मूर्खता पूर्ण है पाप से मुक्ति तथा उद्धार के लिए परमेश्वर की योजना को तिरिस्कार कर के अपने ही तौर-तरीकों पर केवल इसलिए ही चलते रहना क्योंकि हम समझते हैं कि हम परमेश्वर से बेहतर जानते हैं। केवल प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाने, उससे अपने पापों की क्षमा माँगने और उसको किए गए जीवन के संपूर्ण समर्पण द्वारा ही हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर से हो सकता है (यूहन्ना 14:6; रोमियों 3:23; 6:23)। क्या आप अभी भी अपने ही मार्ग पर चलते हुए अपनी ही रीति से अपना अनन्त संवारने का प्रयास कर रहे हैं, इस विचार से कि आप सर्वोत्तम जानते हैं? यदि हाँ तो बाइबल से नीतिवचन 16:25 पढ़िए और उस पर विचार कीजिए।

   आज और अभी अपना मार्ग छोड़कर परमेश्वर का मार्ग अपना लीजिए, सुरक्षा और सहायता उसी में है। - डेव ब्रैनन


यीशु परमेश्वर के पास जाने के लिए अनेक मार्गों में से एक नहीं है, और ना ही यीशु अनेक मार्गों में से सर्वोत्त्म मार्ग है; केवल वही परमेश्वर तक जाने वाला एकमात्र मार्ग है। - टोज़र

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: नीतिवचन 16:20-25
Proverbs 16:20 जो वचन पर मन लगाता, वह कल्याण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह धन्य होता है। 
Proverbs 16:21 जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझ वाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है। 
Proverbs 16:22 जिसके बुद्धि है, उसके लिये वह जीवन का सोता है, परन्तु मूढ़ों को शिक्षा देना मूढ़ता ही होती है। 
Proverbs 16:23 बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रगट करता है, और उसके वचन में विद्या रहती है। 
Proverbs 16:24 मन भावने वचन मधु भरे छते की नाईं प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं। 
Proverbs 16:25 ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को सीधा देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 23-25


मंगलवार, 29 अप्रैल 2014

सही मार्ग


   कभी कभी जीवन का मार्ग बहुत लंबा और कठिन प्रतीत होता है; मुझे लगता है कि इस मार्ग पर अब और चल पाने की क्षमता और इच्छा मुझ में नहीं है। तब मुझे स्मरण आता है कि इससे पहले कि मुझे इस मार्ग पर चलने के लिए बुलाया जाता, परमेश्वर उसके बारे में सब कुछ जानता था। उसे पता था कि उस मार्ग पर चलते हुए मुझे कब कौन सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, मुझे किस कष्ट से होकर निकलना पड़ेगा, मुझे ऐसा क्या क्या सहना पड़ेगा जिसके बारे में किसी और से बातचीत भी नहीं कर सकता। उसे सब पता था और वह उस मार्ग पर मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ता वरन हर कदम पर मेरे साथ साथ ही चलता है।

   हो सकता है कि आप आज किसी दुखः या उदासी से अभिभूत हैं। हो सकता है कि किसी कठिन सेवकाई के स्थान के बोझ ने आप को दबा रखा है; या फिर विवाहित जीवन की कठिनाईयाँ आप को परेशान कर रही हैं; या फिर किसी संघर्षरत सन्तान का दुखः आपको झेलना पड़ रहा है; या वृद्ध माता-पिता की देख-रेख आपको चिन्तित कर रही है; या जीवन की कोई और समस्या अथवा दुखः आपको घेरे हुए है। आप सोच सकते हैं, "अवश्य ही परमेश्वर ने मेरे लिए ऐसा कठिन और दुखदाई मार्ग तो नहीं ठहराया होगा; ज़रूर कोई अन्य सरल मार्ग मेरे लिए होगा।"

   लेकिन हम में से कौन जानता है कि जिस अन्य मार्ग की हम कल्पना कर रहे हैं वह वास्तव में हमारे लिए सरल होगा भी या नहीं; या फिर उस पर चलते हुए क्या हम परमेश्वर की बेहतर और भली सन्तान बनने पाएंगे कि नहीं? हमारा स्वर्गीय पिता हमारे लिए सर्वोत्तम को जानता है, सब मार्गों में से जो सबसे अच्छा है वह उसी को हमारे लिए निर्धारित करता है और हमें उस पर सुरक्षित ले कर साथ साथ चलता है (भजन 142:3)।

   परमेश्वर की गति और मेरी गति एक समान नहीं है; मेरे और परमेश्वर के विचारों में ज़मीन-आसमान का अन्तर है (यशायाह 55:9)। आज हम नम्रता पूर्वक उसके बताए मार्ग पर चल सकते हैं, संपूर्ण विश्वास के साथ कि अपनी असीम बुद्धिमता और प्रेम में होकर जो उसने मेरे लिए निर्धारित किया है वही सर्वोत्तम है। परमेश्वर हमारी ज्ञान और समझ की सीमाओं से कहीं अधिक बुद्धिमान है, हमारे भविष्य को वह पहले ही से जानता है, और उसका हमारे प्रति प्रेम अवर्णनीय है। जो हमारे बारे में सब कुछ हम से कहीं अधिक बेहतर रीति से जानता है, वह हमें सदा सही मार्ग पर ही लेकर चलेगा और हमारे साथ साथ उसी मार्ग पर चलेगा। पूरे विश्वास के साथ अपने आप को उसके हाथों में छोड़ दीजिए। - डेविड रोपर


परमेश्वर आपको कभी किसी गलत मार्ग पर नहीं चलाएगा।

क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। - यशायाह 55:9

बाइबल पाठ: भजन 142:1-7
Psalms 142:1 मैं यहोवा की दोहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूं, 
Psalms 142:2 मैं अपने शोक की बातें उस से खोल कर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूं। 
Psalms 142:3 जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जाने वाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फन्दा लगाया। 
Psalms 142:4 मैं ने दाहिनी ओर देखा, परन्तु कोई मुझे नहीं देखता है। मेरे लिये शरण कहीं नहीं रही, न मुझ को कोई पूछता है।
Psalms 142:5 हे यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी है; मैं ने कहा, तू मेरा शरणस्थान है, मेरे जीते जी तू मेरा भाग है। 
Psalms 142:6 मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उन से मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझ से अधिक सामर्थी हैं। 
Psalms 142:7 मुझ को बन्दीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूं! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएंगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 20-22


सोमवार, 28 अप्रैल 2014

नफरत


   जौर्ज वॉशिंगटन कार्वर (1864-1943) को अपने जीवन में बहुत भारी जातीय तथा रंगभेद का सामना करना पड़ा, लेकिन हर विरोध के बावजूद उन्होंने अमेरिका के सुप्रसिद्ध शिक्षाविशारदों में अपना स्थान बना लिया। अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए बदला लेने की कटु भावना का विरोध करते हुए उन्होंने बड़ी बुद्धिमानी से लिखा, "भीतरी नफरत, अन्ततः नफरत करने वाले को ही नाश कर देती है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल की ऐस्तेर नामक पुस्तक में हम देखते हैं कि नफरत कितनी आत्म-घाती हो सकती है। मोर्दकै नामक एक यहूदी फारस के राजा के एक उच्च स्तरीय और अभिमानी दरबारी हामान के आगे झुक कर प्रणाम नहीं करता था, जिससे हामान के अहम को बहुत ठेस पहुँची। हामान ने क्रोधावेश में होकर सभी यहूदियों के नाश का षड़यंत्र बनाया और राजा के कान यहूदियों के विरुद्ध भरने लगा, जिससे राजा को यह विश्वास हो जाए कि यहूदी लोग उसके साम्राज्य की स्थिरता के लिए खतरा हैं। जब राजा हामान की बातों में पूरी रीति से आ गया तब हामान ने राजा से यह राजाज्ञा निकलवाई कि एक निर्धारित दिन पूरे राज्य में सभी लोगों को यहूदियों को जान से मारने की स्वतंत्रता होगी। राजाज्ञा तो निकल गई और सारे देश में इसका ऐलान भी हो गया, लेकिन उसके पूरा होने से पहले रानी ऐस्तेर ने राजा के सामने हामान के सारे दुष्ट षड़यंत्र का पर्दाफश कर दिया, और राजा ने क्रोधित होकर हामान को ही उस फांसी के फंदे पर लटकवा दिया जो उसने मोर्दकै के लिए तैयार करवाया था।

   कार्वर का कथन और हामान का कृत्य हमें स्मरण दिलाता है कि नफरत आत्म-घाती होती है। परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में कहा है कि बुराई के बदले में भलाई करें और बुराई को भलाई से जीत लें। अपना पलटा आप ना लें, वरन सब के साथ शांति से रहते हुए जो सही और भला है वही करते रहें। प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने जीवन से यही कर के दिखाया और हमारे लिए अनुसरण करने का उदाहरण छोड़ा। हम मसीही विश्वासियों को इस उदाहरण को अपने जीवन में लागू कर के दिखाना है। - डेनिस फिशर


नफरत आत्म-घाती होने और प्रेम मसीह के निर्देशों की पूर्ति है।

सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्‍पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्‍टा करो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:15

बाइबल पाठ: ऐस्तेर 7:1-10; रोमियों 12:17-21
Esther 7:1 सो राजा और हामान एस्तेर रानी की जेवनार में आगए। 
Esther 7:2 और राजा ने दूसरे दिन दाखमधु पीते-पीते एस्तेर से फिर पूछा, हे एस्तेर रानी! तेरा क्या निवेदन है? वह पूरा किया जाएगा। और तू क्या मांगती है? मांग, और आधा राज्य तक तुझे दिया जाएगा। 
Esther 7:3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले। 
Esther 7:4 क्योंकि मैं और मेरी जाति के लोग बेच डाले गए हैं, और हम सब विध्वंसघात और नाश किए जाने वाले हैं। यदि हम केवल दास-दासी हो जाने के लिये बेच डाले जाते, तो मैं चुप रहती; चाहे उस दशा में भी वह विरोधी राजा की हानि भर न सकता। 
Esther 7:5 तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से पूछा, वह कौन है? और कहां है जिसने ऐसा करने की मनसा की है? 
Esther 7:6 एस्तेर ने उत्तर दिया है कि वह विरोधी और शत्रु यही दुष्ट हामान है। तब हामान राजा-रानी के साम्हने भयभीत हो गया। 
Esther 7:7 राजा तो जलजलाहट में आ, मधु पीने से उठ कर, राजभवन की बारी में निकल गया; और हामान यह देखकर कि राजा ने मेरी हानि ठानी होगी, एस्तेर रानी से प्राणदान मांगने को खड़ा हुआ। 
Esther 7:8 जब राजा राजभवन की बारी से दाखमधु पीने के स्थान में लौट आया तब क्या देखा, कि हामान उसी चौकी पर जिस पर एस्तेर बैठी है पड़ा है; और राजा ने कहा, क्या यह घर ही में मेरे साम्हने ही रानी से बरबस करना चाहता है? राजा के मुंह से यह वचन निकला ही था, कि सेवकों ने हामान का मुंह ढांप दिया। 
Esther 7:9 तब राजा के साम्हने उपस्थित रहने वाले खोजों में से हर्वोना नाम एक ने राजा से कहा, हामान को यहां पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक खम्भा खड़ा है, जो उसने मोर्दकै के लिये बनवाया है, जिसने राजा के हित की बात कही थी। राजा ने कहा, उसको उसी पर लटका दो। 
Esther 7:10 तब हामान उसी खम्भे पर जो उसने मोर्दकै के लिये तैयार कराया था, लटका दिया गया। इस पर राजा की जलजलाहट ठंडी हो गई। 

Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 17-19


रविवार, 27 अप्रैल 2014

निर्णय


   अनेक स्वास्थ्य और फिटनैस केन्द्र आशा रखते हैं कि जनवरी के आरंभ होते ही अनेक लोग आकर उनके यहाँ सदस्यता लेंगे, शुल्क भरेंगे, फिर कुछ दिन तक आने के बाद आना बन्द कर देंगे। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि उन लोगों ने शुल्क तो भरा किन्तु उसका लाभ नहीं लिया। लेकिन फिटनैस प्रशिक्षक जैस्सी जोन्स कुछ भिन्न सोच रखते हैं। यदि आप ने सदस्यता ली और फिर नियम से नहीं आए तो वे आपकी सदस्यता रद्द कर देते हैं। जोन्स कहते हैं, "अपने पैसे बचा कर रखिए। कुछ महीनों बाद, जब आप इस बारे में गंभीर हो जाएं तब आकर मुझ से दोबारा मिलिए। मेरी चाहत आपसे तीन और माह का शुल्क लेना नहीं है। मैं चाहता हूँ कि आप अपने निर्धारित लक्ष्य के प्रति गंभीर बनें।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 9:57-62 में हम तीन ऐसे व्यक्तियों को पाते हैं जिन्होंने प्रभु यीशु के पीछे चलने की चाह रखी। उन तीनों से ही प्रभु ने कुछ कठोर बातें कहीं; एक से कहा, "...मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं" (पद 58); दूसरे से कहा, "...मरे हुओं को अपने मुरदे गाड़ने दे..." (पद 60); और तीसरे से कहा, "...जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं" (पद 62)। प्रत्येक व्यक्ति को प्रभु यीशु ने दिखाया कि प्रभु का चेला बन कर उसके पीछे चलना कैसा बलिदान और कटिबद्धत्ता का जीवन है।

   एक व्यक्ति का, जिसे मैं प्रभु यीशु के प्रति समर्पित और संवेदनशील शिष्य के रूप में जानता और उसकी सराहना करता हूँ, कहना है कि "प्रत्येक मसीही विश्वासी को एक मूलभूत परिवर्तन और कटिबद्धत्ता के लिए तैयार रहना चाहिए"। प्रभु यीशु हमें केवल वर्तमान स्थिति से निकलने मात्र के लिए ही नहीं बुलाता, वरन इसलिए भी कि उस स्थिति से निकल कर उसके पीछे चल निकलने के अपने निर्णय को हम गंभीरता पूर्वक लें और निभाएं भी। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु का अनुयायी होना संपूर्ण समर्पण माँगता है।

हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। - फिलिप्पियों 3:13

बाइबल पाठ: लूका 9:57-62
Luke 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा। 
Luke 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं। 
Luke 9:59 उसने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उसने कहा; हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं। 
Luke 9:60 उसने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुरदे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना। 
Luke 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा; पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं। 
Luke 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 14-16


शनिवार, 26 अप्रैल 2014

सच्ची भक्ति


   हाल ही में मैंने युवाओं की ओर लक्षित पहरावे का एक विज्ञापन देखा; उसमें नीले रंग की जीन्स और उनके साथ जाने वाली सभी सहायक सामग्री दिखाई गई थी। इसमें कुछ भी नया नहीं है, लेकिन जिस बात ने मेरा ध्यान खींचा वह था उस पहरावे को दिया गया नाम - "ट्रू रिलिजन" अर्थात "सच्चा धर्म"। इस नाम के कारण मैं थम कर सोचने लगा - यह नाम क्यों चुना गया? कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं इसमें छुपा कुछ गहरा अर्थ समझ नहीं पा रहा हूँ? एक जीन्स का धर्म से क्या संबंध हो सकता है? ये लोग कहना क्या चाहते हैं? मेरे इस चिन्तन ने मुझे निरुत्तर ही छोड़ दिया।

   मैं धन्यवादी हूँ कि परमेश्वर का वचन बाइबल इस संबंध में बिलकुल स्पष्ट है। बाइबल के नए नियम खण्ड की याकूब की पत्री में सच्चे धर्म के लिए लिखा है: "हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें" (याकूब 1:27) - यह एक अनूठी और प्रेर्णादायक बात है। बाइबल के अनुसार, सच्ची भक्ति  या सच्चा धर्म परमेश्वर के साथ हमारे संबंध का प्रगटिकरण है। मसीह यीशु में होकर बनी हमारी नई पहचान और परमेश्वर के साथ के हमारे संबंध का एक प्रमाण है कि हम एक दूसरे की देखभाल कैसी करते हैं - हम में जो कमज़ोर, ज़रूरतमंद तथा विपरीत परिस्थितियों के शिकार हो सकने की संभावना में हैं उनके प्रति हमारा रवैया क्या है?

   सच्चा धर्म या सच्ची भक्ति कोई वस्त्र नहीं है जिसे चाहे जब पहन लो और चाहे जब उतार दो। वह तो एक उच्च स्तर की चुनौती है, यह जानने और पहचानने की कि हम पवित्र परमेश्वर और संसार के समक्ष कैसा जीवन व्यतीत करते हैं। - बिल क्राउडर


अपने ऊपर कोई लेबल लगाने लेने से हम सच्ची भक्ति नहीं दिखा सकते; यह होता है परमेश्वर के भय और इच्छानुसार एक सच्चा जीवन जीने से।

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:2

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-27
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो। 
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है। 
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। 
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-13


शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

सुन्दर


   हल्के बैंगनी और नारंगी रंग की पृष्ठभूमि पर बारीक काले जालिनुमा नमूने में से होकर चमकते हुए प्रकाश ने मेरा ध्यान खेंचा। बारीकी से किए गए इस कार्य को देखकर मैंने सोचा कि यह अवश्य किसी कुशल चित्रकार की कला होगी। मैं बारीकी से उस चित्र के बनाने के लिए उपयोग किए गए चित्र-पटल - उस पत्ते को देखने लगा, और शीघ्र ही वहीं मुझे वह "चित्रकार" भी दिखाई दे गया - एक कीड़ा जिसने पत्ते को खाते खाते, पत्ते के अन्दर यहाँ-वहाँ रेखाओं का जाल सा खींच दिया था, और उस अध-खाए रंगीन पत्ते की उन रेखाओं में से कहीं कहीं से होकर सूरज की रौशनी दिखाई पड़ रही थी। उसी चमकती हुई रौशनी के कारण, पत्ते के नाश का वह दृष्य एक सुन्दर चित्रकला सा प्रतीत हो रहा था।

   उस "चित्र" को निहारते हुए मैं उन जीवनों के बारे में सोचने लगी जिन्हें पाप के कीड़े ने खा कर बरबाद कर दिया है। हमारे द्वारा या फिर अन्य किसी के द्वारा लिए गए गलत निर्णयों के दुषप्रभाव हमें अन्दर से खोखला कर देते हैं और हमारे लिए कष्टदायक बन जाते हैं। हम चाहे ऊपर या बाहर से ठीक दिखाई दें लेकिन पाप हमें अन्दर ही अन्दर गलाता तथा काटता रहता है। हम सब पाप के इन कटु दुष-परिणामों को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से जानते हैं।

   लेकिन उस "चित्र" ने मुझे केवल पाप द्वारा अन्दर से खाए जाने और नाश किए जाने की ही याद नहीं दिलाई, वरन उस स्थिति में भी मसीह यीशु में होकर मिलने वाली आशा और उसके सुखद परिणामों को भी याद दिलाया। परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में अपने नबी योएल के द्वारा अपनी प्रजा इस्त्राएल से कहा, "और जिन वर्षों की उपज अर्बे नाम टिड्डियों, और येलेक, और हासील ने, और गाजाम नाम टिड्डियों ने, अर्थात मेरे बड़े दल ने जिस को मैं ने तुम्हारे बीच भेजा, खा ली थी, मैं उसकी हानि तुम को भर दूंगा" (योएल 2:25); और यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कहा, "और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो" (यशायाह 61:3 )।

   शैतान का यह निरंतर प्रयास रहता है कि वह हमें पाप में बनाए रखे, हमें बिगाड़े रखे तथा नाश की ओर ले जाए। लेकिन जगत की ज्योति प्रभु यीशु मसीह हमारी पाप से बिगड़ी दशा में भी हमें स्वीकार कर के, हम में होकर अपनी ज्योति को संसार के समक्ष चमकने के द्वारा हमें सबके लिए सुन्दर तथा आकर्षक बना सकता है। बस हमें अपने आप को उसके हाथों में समर्पित करना है और उसे हमारे जीवनों में कार्य करने देने की स्वतंत्रता प्रदान करनी है; फिर वह हमारे बिगड़े हुए स्वरूप को भी संवार देगा, हम में होकर अपने तेज को संसार पर प्रगट करेगा और हमें सुन्दर कर देगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु हमारी सभी अपूर्णताएं हटाता नहीं है, वरन उन अपूर्णताओं में होकर अपनी ज्योति को चमकाता है और हमें सुन्दर बनाता है।

मैं तुम्हारे लिये नाश करने वाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। - मलाकी 3:11 

बाइबल पाठ: योएल 2:18-27
Joel 2:18 तब यहोवा को अपने देश के विषय में जलन हुई, और उसने अपनी प्रजा पर तरस खाया। 
Joel 2:19 यहोवा ने अपनी प्रजा के लोगों को उत्तर दिया, सुनो, मैं अन्न और नया दाखमधु और ताजा तेल तुम्हें देने पर हूं, और तुम उन्हें पाकर तृप्त होगे; और मैं भविष्य में अन्यजातियों से तुम्हारी नामधराई न होने दूंगा।
Joel 2:20 मैं उत्तर की ओर से आई हुई सेना को तुम्हारे पास से दूर करूंगा, और उसे एक निर्जल और उजाड़ देश में निकाल दूंगा; उसका आगा तो पूरब के ताल की ओर और उसका पीछा पश्चिम के समुद्र की ओर होगा; उस से दुर्गन्ध उठेगी, और उसकी सड़ी गन्ध फैलेगी, क्योंकि उसने बहुत बुरे काम किए हैं।
Joel 2:21 हे देश, तू मत डर; तू मगन हो और आनन्द कर, क्योंकि यहोवा ने बड़े बड़े काम किए हैं! 
Joel 2:22 हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी। 
Joel 2:23 हे सिय्योनियों, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के कारण मगन हो, और आनन्द करो; क्योंकि तुम्हारे लिये वह वर्षा, अर्थात बरसात की पहिली वर्षा बहुतायत से देगा; और पहिले के समान अगली और पिछली वर्षा को भी बरसाएगा।
Joel 2:24 तब खलिहान अन्न से भर जाएंगे, और रासकुण्ड नये दाखमधु और ताजे तेल से उमड़ेंगे। 
Joel 2:25 और जिन वर्षों की उपज अर्बे नाम टिड्डियों, और येलेक, और हासील ने, और गाजाम नाम टिड्डियों ने, अर्थात मेरे बड़े दल ने जिस को मैं ने तुम्हारे बीच भेजा, खा ली थी, मैं उसकी हानि तुम को भर दूंगा।
Joel 2:26 तुम पेट भरकर खाओगे, और तृप्त होगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे लिये आश्चर्य के काम किए हैं। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी। 
Joel 2:27 तब तुम जानोगे कि मैं इस्राएल के बीच में हूं, और मैं, यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर हूं और कोई दूसरा नहीं है। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9


गुरुवार, 24 अप्रैल 2014

भली विरासत


   मिशिगन प्रांत के मूल रेड इंडियन निवासी ही वहाँ के राजमार्ग बनाने वाले आरंभिक इंजीनियर थे। कुछ अपवादों को छोड़, आज के मिशिगन प्रांत के सभी राजमार्ग, उन मूल निवासियों द्वारा सैकड़ों वर्ष पहले जंगलों के बीच से निकाले गए मार्गों पर ही बनाए गए हैं। उन मूल निवासियों ने पहले तो पगडंडियाँ बनाई थीं जो 12-18 इंच चौड़ी हुआ करती थीं क्योंकि सुरक्षा के लिए लोग एक दूसरे के पीछे होकर ही चलते थे। फिर जब वे उन पगडंडी मार्गों पर घोड़े लेकर चलने लगे तो वे कुछ और चौड़े हो गए। अमेरिका में श्वेत निवासियों के आने और बस जाने के बाद घोड़ा गाड़ियाँ आईं जिनके लिए मार्ग और बड़े और बेहतर हुए और धीरे धीरे जैसे जैसे यातायात के साधन और यातायात करने वाले बढ़ते गए, वे कच्चे मार्ग पक्के मार्ग बने और फिर वर्तमान के राजमार्ग बन गए।

   ऐसे ही, राजा सुलेमान भी अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चला और अपने बाद अपने पुत्रों और पोतों के लिए अनुसरण करने का मार्ग छोड़ गया। यह मार्ग था उसकी शिक्षाओं पर ध्यान लगाकर चलना जैसे वह अपने पिता राजा दाऊद की शिक्षाओं पर चलता रहा था (नीतिवचन 4:4-5)। परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद को "परमेश्वर के मन के अनुसार व्यक्ति" कहा गया है (1 शमूएल 13:14; प्रेरितों 13:22)। राजा सुलेमान ने ऐसे "परमेश्वर के मन के अनुसार व्यक्ति" की शिक्षाओं का अनुसरण किया और अपने बाद अपनी सन्तान के लिए भी इस अनुसरण की शिक्षा छोड़ गया। परमेश्वर के विश्वासियों की युवा पीढ़ी अपने परिवार से ही परमेश्वर के बारे में सर्वोत्तम सीख सकती है।

   आज भी हमारी शारीरिक और आत्मिक सन्तान हमें ग़ौर से देखती हैं कि हम किस मार्ग पर चल रहे हैं। जीवते सच्चे परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह की विश्वासी होने के कारण, यह हमारा कर्तव्य है कि हम परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार खरी, बुद्धिमतापूर्ण और स्पष्ट शिक्षाओं की पगडंडियाँ अपने अभिभावकों के लिए तैयार करके छोड़ें, जो आती पीढ़ीयों में उनके लिए भले राजमर्ग बन सकें। यही परमेश्वर की महिमा के लिए निरन्तर उपयोग होने वाली भली विरासत है। - डेव एगनैर


जब हम परमेश्वर का अनुसरण करते हैं तो हम अपने पीछे आने वालों के लिए एक मार्ग बना कर देते हैं।

जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है। नीतिवचन 15:32 

बाइबल पाठ: नीतिवचन 4:1-7
Proverbs 4:1 हे मेरे पुत्रो, पिता की शिक्षा सुनो, और समझ प्राप्त करने में मन लगाओ। 
Proverbs 4:2 क्योंकि मैं ने तुम को उत्तम शिक्षा दी है; मेरी शिक्षा को न छोड़ो। 
Proverbs 4:3 देखो, मैं भी अपने पिता का पुत्र था, और माता का अकेला दुलारा था, 
Proverbs 4:4 और मेरा पिता मुझे यह कह कर सिखाता था, कि तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा। 
Proverbs 4:5 बुद्धि को प्राप्त कर, समझ को भी प्राप्त कर; उन को भूल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना। 
Proverbs 4:6 बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी। 
Proverbs 4:7 बुद्धि श्रेष्ट है इसलिये उसकी प्राप्ति के लिये यत्न कर; जो कुछ तू प्राप्त करे उसे प्राप्त तो कर परन्तु समझ की प्राप्ति का यत्न घटने न पाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 4-6


बुधवार, 23 अप्रैल 2014

प्रार्थना


   मठ के रसोई घर रह कर में नम्रता और दीनता के साथ बर्तन मांझने वाले ब्रदर लौरेंस (1614-1691) अपने आप को सदा ही परमेश्वर के अति निकट पाते थे। अवश्य ही ब्रदर लौरेंस प्रार्थना के लिए कुछ विशेष समय अलग से निकलते थे, लेकिन जो उनके लिए जीवन संवारने वाला अनुभव था वह था उनका अपने कार्य करते हुए प्रार्थना के भाव में बने रहना। उनके द्वारा लिखी गई सुप्रसिद्ध और बहुचर्चित भक्ति रचना, Practicing the Presence of God में वे लिखते हैं, "यह सोचना कि हमारे प्रार्थना के समय हमारी दिनचर्या से अलग होने चाहिए एक बहुत बड़ा भ्रम है। हम बाध्य हैं कि अपने कार्य समय में भी अपने कार्य के द्वारा परमेश्वर से ऐसे ही चिपके रहें जैसे अपने प्रार्थना काल में प्रार्थना द्वारा उस से चिपक जाते हैं।" उनके कहने का तात्पर्य था कि हम "निरन्तर प्रार्थना में लगे रहें" (1 थिस्सुलुनीकियों 5:17)।

   यह स्मरण रखने और जीवन संवारने के लिए एक बहुत सहायक बात है, क्योंकि कई बार हमारी प्रवृति जीवन को खण्डों में बाँट लेने की होती है। हो सकता है कि हम केवल चर्च में उपस्थित होने पर ही प्रार्थना करते हों, या फिर अपने गुट के साथ बाइबल अध्ययन के समय में, या पारिवारिक प्रार्थना समय अथवा व्यक्तिगत प्रार्थना के लिए निकाले गए विशेष समय में ही। लेकिन हमारे प्रतिदिन के कार्य समय में प्रार्थना का क्या? कार्य समय में प्रार्थना करने का यह अर्थ नहीं है कि हम अपने कार्य को छोड़कर, हाथ जोड़कर, घुटनों पर आकर ऊँची आवाज़ में प्रार्थना करने लगें। लेकिन इसका यह तात्पर्य अवश्य है कि अपने दिन के कार्य के दौरान लिए जाने वाले प्रत्येक निर्णय, लोगों से होने वाले प्रत्येक संपर्क और बातचीत को हम मन ही मन शांत स्वभाव के साथ परमेश्वर के सम्मुख लाते रहें, उससे उस समय, निर्णय और बातचीत के लिए मार्गदर्शन पाते रहें।

   हम कहीं भी हों, कुछ भी कर रहे हों, परमेश्वर चाहता है कि हम उसे उस सब का एक भाग बनाए रखें। जब यह प्रार्थना और परमेश्वर की उपस्थिति में बने रहने का भाव हमारे कार्यों और जीवनों के प्रतिपल का अभिन्न अंग बन जाएगा, तो हमारे जीवन भी परमेश्वर की महिमा का कारण बन जाएंगे, आशीषित हो जाएंगे। - डेनिस फिशर


सच्ची प्रार्थना, जीवन जीने की एक विधि है; ना कि आपात काल में सहायता पाने के लिए लिया गया टेढ़ा-मेढ़ा मार्ग।

और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो। - इफिसियों 6:18

बाइबल पाठ: 1 थिस्सुलुनीकियों 5:12-18
1 Thessalonians 5:12 और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो। 
1 Thessalonians 5:13 और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो। 
1 Thessalonians 5:14 और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ। 
1 Thessalonians 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्‍पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्‍टा करो। 
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो। 
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो। 
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 1-3


मंगलवार, 22 अप्रैल 2014

खज़ाने


   मैं और मेरे पति विर्जीनिया के पूर्वी तट पर भ्रमण के लिए निकले थे और उस यात्रा में हम नक्शे का बारीकी से अध्ययन कर रहे थे। हम एक ऐसे मार्ग को ढूँढ रहे थे जो हमें समुद्र तट पर ले जाए। अन्ततः मुझे वह मार्ग मिल गया और मैंने गाड़ी उस पर डाल दी। कुछ ही समय में हम आनन्द से हंसने लगे क्योंकि समुद्र तट से कुछ ही पहले हम एक राष्ट्रीय वन्य जीव संरक्षण उद्द्यान पहुँच गए थे। हमारे चारों ओर रेत के टीले, दलदल, समुद्र तटीय घास और बहुतायत से पक्षी, बगुले आदि थे। वह क्षेत्र सक्रीय, शोरगुल से भरपूर और बहुत मनोरम था। हम शिनकोटीग तथा असाटीग द्वीपों पर पहुँच गए थे - जो एक द्वीप से दुसरे द्वीप तक होने वाली वार्षिक खच्चर तैराकी के लिए जाने जाते थे। बहुत से अन्य लोगों ने इन्हें देखा और सराहा था, लेकिन हमारे लिए तो यह अन्देखा, अनखोजा अद्भुत नज़ारा था।

   परमेश्वर का वचन बाइबल भी बहुत से लोगों के लिए ऐसा ही अन्देखा, अनखोजा और अद्भुत रोमांचकारी अनुभव है। बहुत से लोगों ने कभी इस पवित्र शास्त्र में छुपे बहुमूल्य खज़ानों को जाना ही नहीं है। इब्रानियों का लेखक परमेश्वर के वचन के लिए कहता है कि: "क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है" (इब्रानियों 4:12)। भजनकार ने उसे मार्ग को उजियाला देने वाला दीपक कहा है (भजन 119:105), और प्रेरित पौलुस ने उसे परमेश्वर के उद्देश्य बताने और सिखाने वाला कहा है (2 तिमुथियुस 3:16-17)।

   बाइबल को लेकर प्रार्थना पूर्वक पढ़ना आरंभ कीजिए, परमेश्वर से उसके विचारों और बातों को जानने की समझ माँगिए, और आप उन बहुमूल्य खज़ानों को देखने पाएंगे जो आपके जीवन को चकाचौंध कर देंगे। खज़ाने आपकी प्रतीक्षा में हैं; क्या आप उनकी लालसा रखते हैं? - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर के वचन के अन्मोल रत्न खोजे जाने की प्रतीक्षा में हैं।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 3:14-17
2 Timothy 3:14 पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था 
2 Timothy 3:15 और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है। 
2 Timothy 3:16 हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। 
2 Timothy 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 27-29


सोमवार, 21 अप्रैल 2014

निवेश


   वह वित्तीय सलाहकार अपने श्रोताओं से कह रहा था, "मैं आपकी सहायता करना चाहता हूँ जिससे आप अपने भविष्य के लिए बुद्धिमानी से अपने पैसे का निवेश कर सकें।" वह चाहता था कि उसके श्रोता सेवानिवृत्ति निधी में निवेश करें, स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार तथा अर्थव्यवस्था के उतार चढ़ाव से निश्चिंत होकर; क्योंकि, उसके अनुसार, अन्ततः उसके परिणाम बहुत लाभदायक होने वाले थे।

   परमेश्वर भी चाहता है कि हम बुद्धिमानी के साथ एक अन्य निवेश करें - अपने आत्मिक भविष्य के लिए। जीवन और परिस्थितियों के उतार-चढ़ाव के दौरान हमें लगातार अपने "आत्मिक जमा-खाते" में अपने चरित्र का निवेश करते रहना चाहिए। मसीह यीशु पर उद्धार के लिए विश्वास ले आने के पश्चात, हमें अपने चरित्र के साथ इन अन्य सद्गुणों का निवेश करना चाहिए: विश्वास, सद्गुण, समझ, संयम, धीरज, भक्ति, भाई-चारे की प्रीति और प्रेम (2 पतरस 1:5-11)।

   चरित्र निर्माण में किए गए इस निवेश के भविष्य में मिलने वाले परिणाम होंगे, ईश्वरीय स्वभाव, मसीह यीशु के ज्ञान में बढ़ते हुए फलवन्त जीवन, हमारी बुलाहट के प्रति निश्चय, पाप पर मिलने वाली विजय (पद 5-10)।

   सेवानिवृत्ति निधी में निवेश करना सांसारिक धन पाने के दृष्टिकोण से लाभदायक हो सकता है, लेकिन वह निवेश या मिलने वाला धन आपके अनन्त भविष्य की सुरक्षा का निश्चय कतई नहीं है। आत्मिक जीवन में परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्देशों के अनुसार समझदारी से किया गया निवेश ही पृथ्वी और स्वर्ग दोनों ही स्थानों पर निश्चित लाभ देना वाला निवेश है। यदि आपने आज तक यह निवेश नहीं किया है, तो अभी अवसर है, प्रभु यीशु में विश्वास लाने के द्वारा स्वर्ग में अपना खाता खोल लीजिए और फिर उसमें अपने चरित्र तथा अनन्त भविष्य का परमेश्वर के वचन के अनुसार निवेश करना आरंभ कर दीजिए। - ऐनी सेटास


अनन्त के लाभ के लिए निवेश करने का समय और अवसर अभी ही है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:1-11
2 Peter 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है। 
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। 
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। 
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्‍वभाव के समभागी हो जाओ। 
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ। 
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। 
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ। 
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी। 
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है। 
2 Peter 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्‍न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे। 
2 Peter 1:11 वरन इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 24-26


रविवार, 20 अप्रैल 2014

सुरक्षा का स्थान


   हवाई द्वीप समूह में मौवी के उत्तरी समुद्र तटीय क्षेत्र में जब कभी सुनामी की चेतावनी दी जाती है, लोग तुरंत पास के पहाड़ पर चढ़ जाते हैं; वही उनकी सुरक्षा का स्थान है। वहीं पर लकड़ी से बना एक ऊँचा क्रूस स्थित है, जिसे कई वर्ष पहले वहाँ लगाया गया था। अपनी सुरक्षा के लिए लोग उसी स्थान पर जाते हैं जहाँ वह क्रूस है।

   इसी प्रकार हम सब को आत्मिक सुरक्षा के लिए भी एक स्थान की आवश्यकता है। क्यों? क्योंकि परमेश्वर के वचन बाइबल में चेतावनी दी गई हैं: "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" तथा "क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है" (रोमियों 3:23, रोमियों 6:23)। इब्रानियों 9:27 में लिखा है: "और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है"। संभवतः हमें अपने पापों तथा उनके परिणाम के बारे में सोचना पसन्द नहीं हो, लेकिन पवित्र परमेश्वर के आगे खड़े होकर जीवन का हिसाब देना तो प्रत्येक के लिए अवश्यंभावी है, और "जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है" (इब्रानियों 10:31)।

   लेकिन अच्छी खबर, अर्थात सुसमाचार, यह है कि परमेश्वर हमसे प्रेम करता है और अपने इसी प्रेम में होकर उसने हमारे लिए एक सुरक्षा का स्थान भी तैयार कर के दिया है। परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु को हमारे पापों के लिए बलिदान होने भेजा, उसने हम सबके पापों के दण्ड को अपने ऊपर ले लिया और हमारे पापों के लिए अपने प्राण बलिदान किए। प्रभु यीशु क्रूस पर मारा गया, दफनाया गया और फिर तीसरे दिन मृतकों में से पुनः जी भी उठा और आज जीवित परमेश्वर है। परमेश्वर ने अपने पुत्र को इसलिए बलिदान होने दिया जिससे हम पापी मनुष्यों को उससे अलग ना होना पड़े, वरन अनन्त काल के लिए हम उसके साथ रह सकें (रोमियों 5:8-10; कुलुस्सियों 1:19-22)।

   प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने और मृत्कों में से पुनरुत्थान के कारण पाप के परिणाम से बचने के लिए वह सुरक्षा का स्थान सब के लिए उपलब्ध है। क्या आप ने वहाँ शरण ले ली है? - ऐनी सेटास


पाप के श्राप से बच निकलने के लिए मसीह यीशु के क्रूस की शरण में आ जाएं।

और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। - कुलुस्सियों 1:20

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:28-39
Hebrews 10:28 जब कि मूसा की व्यवस्था का न मानने वाला दो या तीन जनों की गवाही पर, बिना दया के मार डाला जाता है। 
Hebrews 10:29 तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्‍ड के योग्य ठहरेगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पांवों से रौंदा, और वाचा के लोहू को जिस के द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया। 
Hebrews 10:30 क्योंकि हम उसे जानते हैं, जिसने कहा, कि पलटा लेना मेरा काम है, मैं ही बदला दूंगा: और फिर यह, कि प्रभु अपने लोगों का न्याय करेगा। 
Hebrews 10:31 जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है।
Hebrews 10:32 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे। 
Hebrews 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी। 
Hebrews 10:34 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है। 
Hebrews 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। 
Hebrews 10:36 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ। 
Hebrews 10:37 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा। 
Hebrews 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। 
Hebrews 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 20-23


शनिवार, 19 अप्रैल 2014

क्षमाशील प्रेम


   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में होशे नबी की पुस्तक अपनी विश्वासघाती प्रजा के प्रति परमेश्वर के वफादार और क्षमाशील प्रेम का एक सच्चा उदाहरण है। परमेश्वर ने अपने नबी होशे से कहा कि वह एक ऐसी स्त्री से विवाह करे जो आगे चलकर अपने विवाह के वचन तोड़कर उसे दुख देने वाली थी (होशे 1:2-3)। कुछ समय के बाद ऐसा ही हुआ, उस स्त्री ने होशे को छोड़ दिया और अन्य लोगों के साथ सम्बंध बना कर रहने लगी। परमेश्वर ने फिर से होशे से कहा कि वह जाकर उसे वापस ले आए - यह सारी घटना परमेश्वर के अपने लोगों इस्त्रएल के प्रति प्रेम को दर्शाने का माध्यम थी, उस इस्त्राएल के प्रति जिसने अपने परमेश्वर से मुँह मोड़ कर अन्य देवताओं की ओर फिर गया था, "फिर यहोवा ने मुझ से कहा, अब जा कर एक ऐसी स्त्री से प्रीति कर, जो व्यभिचारिणी होने पर भी अपने प्रिय की प्यारी हो; क्योंकि उसी भांति यद्यपि इस्राएली पराए देवताओं की ओर फिरे, और दाख की टिकियों से प्रीति रखते हैं, तौभी यहोवा उन से प्रीति रखता है" (होशे 3:1)।

   बाद में परमेश्वर ने होशे के द्वारा इस्त्राएलियों को सन्देश पहुँचाया कि उनके परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात करने के कारण वे विदेशी शक्तियों के हाथों बन्धुवाई में चले जाएंगे, "इस कारण तुम्हारे लोगों में हुल्लड़ उठेगा, और तुम्हारे सब गढ़ ऐसे नाश किए जाएंगे जैसा बेतर्बेल नगर युद्ध के समय शल्मन के द्वारा नाश किया गया; उस समय माताएं अपने बच्चों समेत पटक दी गईं थी" (होशे 10:14)। लेकिन इस पाप और दण्ड के काल में भी परमेश्वर का उनके प्रति प्रेम समाप्त नहीं होगा, परमेश्वर ने उन्हें अपने बड़े अनुग्रह में होकर यह भी कहा कि, "अपने लिये धर्म का बीज बोओ, तब करूणा के अनुसार खेत काटने पाओगे; अपनी पड़ती भूमि को जोतो; देखो, अभी यहोवा के पीछे हो लेने का समय है, कि वह आए और तुम्हारे ऊपर उद्धार बरसाए" (होशे 10:12)।

   यदि हमने दुष्टता भी करी है और पाप ही कमाया है तौ भी परमेश्वर का हमारे प्रति प्रेम समाप्त नहीं हो जाता। उसका प्रेम क्षमाशील प्रेम है; आज हमारी जो भी हालात हो, परमेश्वर के प्रेम, क्षमा और अनुग्रह की सीमा से हम कभी बाहर नहीं हो सकते। आज, अभी, पश्चाताप में उसकी ओर मुड़िए, प्रभु यीशु में प्रगट हुए उसके अनुग्रह को अपनाईए और उस से क्षमा पाकर एक नई शुरुआत कीजिए। परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की कोई सीमा नहीं है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर के प्रेम से बढ़कर और कोई सामर्थ है ही नहीं।

क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। - गलतियों 6:8

बाइबल पाठ: होशे 10:9-15
Hosea 10:9 हे इस्राएल, तू गिबा के दिनों में पाप करता आया है; वे उसी में बने रहें; क्या वे गिबा में कुटिल मनुष्यों के संग लड़ाई में न फंसे? 
Hosea 10:10 जब मेरी इच्छा होगी तब मैं उन्हें ताड़ना दूंगा, और देश देश के लोग उनके विरुद्ध इकट्ठे हो जाएंगे; क्योंकि वे अपने दोनों अधर्मों में फसें हुए हैं।
Hosea 10:11 एप्रैम सीखी हुई बछिया है, जो अन्न दांवने से प्रसन्न होती है, परन्तु मैं ने उसकी सुन्दर गर्दन पर जुआ रखा है; मैं एप्रैम पर सवार चढ़ाऊंगा; यहूदा हल, और याकूब हेंगा खींचेगा। 
Hosea 10:12 अपने लिये धर्म का बीज बोओ, तब करूणा के अनुसार खेत काटने पाओगे; अपनी पड़ती भूमि को जोतो; देखो, अभी यहोवा के पीछे हो लेने का समय है, कि वह आए और तुम्हारे ऊपर उद्धार बरसाए।। 
Hosea 10:13 तुम ने दुष्टता के लिये हल जोता और अन्याय का खेत काटा है; और तुम ने धोखे का फल खाया है। और यह इसलिये हुआ क्योंकि तुम ने अपने कुव्यवहार पर, और अपने बहुत से वीरों पर भरोसा रखा था। 
Hosea 10:14 इस कारण तुम्हारे लोगों में हुल्लड़ उठेगा, और तुम्हारे सब गढ़ ऐसे नाश किए जाएंगे जैसा बेतर्बेल नगर युद्ध के समय शल्मन के द्वारा नाश किया गया; उस समय माताएं अपने बच्चों समेत पटक दी गईं थी। 
Hosea 10:15 तुम्हारी अत्यन्त बुराई के कारण बेतेल से भी इसी प्रकार का व्यवहार किया जाएगा। भोर होते ही इस्राएल का राजा पूरी रीति से मिट जाएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 17-19


शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

सर्वोत्तम प्रेम


   बिल अपनी पत्नि के साथ एक पहाड़ी मार्ग से होकर कार से जा रहा था, और एक ट्रक के साथ टक्कर को बचाने के लिए जब उसने तेज़ी से कार एक किनारे को काटी तो उनकी कार मार्ग के किनारे से फिसल कर नीचे बह रही नदी में जा गिरी। अपनी डूबती हुई कार से जैसे तैसे निकलकर वे दोनों नदी के तेज़ बहाव में बचने के लिए हाथ-पैर मारने लगे। एक अन्य ट्रक ड्राइवर ने यह दुर्घटना देखी थी और वह तेज़ी से आगे गया और उनसे आगे निकलकर नदी के किनारे पर उतर कर उनके लिए पानी में रस्सी फेंक कर उन्हें बचाने का प्रयास करने लगा। बिल ने अपनी पत्नि को आगे किया और उसे पीछे से सहारा देता हुआ रस्सी के पास तक ले गया जिस से वह रस्सी पकड़कर किनारे तक पहुँच सकी और उस ट्रक ड्राइवर ने उसे बाहर खींच लिया, लेकिन यह सब होते होते बिल तेज़ बहाव में बहता हुआ काफी आगे तक निकल गया और उसे बचाया नहीं जा सका। बिल ने अपने प्राण अपनी पत्नि के लिए, जिस से वह बहुत प्रेम करता था, दे दिए।

   किसी के लिए अपने प्राण दे देना उसके प्रति प्रेम का सर्वोच्च प्रमाण है। जिस रात प्रभु यीशु को पकड़वाया गया, उसने अपने चेलों पर अपनी मनसा प्रकट करी कि वह संसार के सभी लोगों के लिए अपने प्राण बलिदान करने को है। प्रभु ने उन से कहा, "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे" (यूहन्ना 15:13), और फिर उस ने यह कर के भी दिखाया, क्रूस पर अपने बलिदान के द्वारा।

   क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि प्रभु यीशु ने आप के लिए यह किया है - वह आपके बदले में मारा गया? ऐसा करके प्रभु ने ना केवल आपके लिए अपने प्रेम को प्रमाणित किया, वरन उस ने आपके पापों की क्षमा और उस पाप के दण्ड को आपके ना भोगने का मार्ग भी बना कर दे दिया, आपके लिए स्वर्ग में अनन्त काल तक रहने का द्वार खोल दिया।

   प्रभु यीशु के उस सर्वोच्च प्रेम को क्या आपने अपना लिया है? - डेनिस फिशर


मसीह यीशु का बलिदान परमेश्वर की इच्छा और हमारी आवश्यकता के लिए था।

किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:7-8 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:1-13
John 15:1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। 
John 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले। 
John 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो। 
John 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। 
John 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। 
John 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाईं फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं। 
John 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। 
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 14-16


गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

मेज़


   इतवार, जुलाई 18, 2010 को यूरोप का एक सबसे व्यस्त राजमार्ग, "विश्व की सबसे लंबी मेज़" बन गया। अधिकारियों नें जर्मनी के रूहर क्षेत्र में A40 औटोबाह्न के एक 60 कि०मि० (37 मील) भाग को यातायात के लिए बन्द कर दिया जिस से लोग पैदल चलकर या साईकल द्वारा वहाँ लगाई गई 20,000 में से किसी भी मेज़ पर बैठ सकते थे और लगभग 20 लाख लोगों ने इस सहभागिता में भाग लिया, जिसका उद्देश्य था कि अनेकों राष्ट्रों, सभ्यताओं और पीढ़ीयों के लोग एक दुसरे के साथ मिलें, संपर्क करें।

   इस घटना ने मुझे एक अन्य इससे भी अधिक शान्दार मेज़ की याद दिलाई - वह मेज़ जिस के चारों ओर मसीही विश्वासी प्रति इतवार एकत्रित होकर प्रभु भोज में सम्मिलित होते हैं। इस भोज में सम्मिलित होते समय हम हमारे पापों के लिए प्रभु यीशु के बलिदान को स्मरण करते हैं और उसके पुनःआगमन पर इस पापमय संसार और उसके इतिहास के समापन की आशा रखते हैं।

   क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों के साथ फसह के पर्व का भोजन किया और उनसे कहा, "मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं" (मत्ती 26:29)।

   प्रभु भोज की यह मेज़ प्रभु यीशु के लहु द्वारा पापों के दण्ड से छुड़ाए गए उसके प्रत्येक विश्वासी को अन्य प्रत्येक विश्वासी के साथ जोड़ती है (प्रकाशितवाक्य 5:9)। एक दिन पुनःमिलन और आनन्द का वह समय होगा जब हम सब मसीही विश्वासी मसीह यीशु के साथ बैठेंगे, एक ऐसी मेज़ पर जो जर्मनी के औटोबाह्न की उस मेज़ और वहाँ एकत्रित हुए लोगों की संख्या को बौना कर देगी।

   हम मसीही विश्वासी उस मेज़ और समय की आनन्दपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। क्या आप भी हमारे साथ उस मेज़ में सम्मिलित होंगे? - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु का प्रेम भिन्नता में भी एकता उत्पन्न कर देता है।

और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है। - प्रकाशितवाक्य 5:9

बाइबल पाठ: मत्ती 26:26-30
Matthew 26:26 उसने उस से कहा, तू कह चुका: जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांग कर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, लो, खाओ; यह मेरी देह है। 
Matthew 26:27 फिर उसने कटोरा ले कर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ। 
Matthew 26:28 क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है। 
Matthew 26:29 मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं।
Matthew 26:30 फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 10-13


बुधवार, 16 अप्रैल 2014

धन्यवादी


   मेरे लड़कपन का नायक था सीमान्त निवासी डेविड क्रौकेट। David Crockett: His Life and Adventures नामक पुस्तक में एक स्थान पर आया है कि डेविड यात्रा करते हुए एक बहुत सुन्दर दृश्य को देखता है जिसके फलस्वरूप वो परमेश्वर की आराधना करने को वशीभूत हो जाता है। लेखक ने इस घटना का वर्णन इस प्रकार से किया है: "पेड़ों के झुरमुट के पार एक वृक्षविहीन मैदान था, हरियाली और सुन्दर फूलों से भरा हुआ। उस अद्भुत दृश्य को देखकर कर्नल क्रौकेट ने, जो भक्ति भावना में कोई रुचि नहीं रखते थे, अपना घोड़े को रोका और स्तब्ध होकर उस दृश्य को देखने लगे, और स्वतः ही उनके मुँह से निकल पड़ा, ’हे परमेश्वर, आप ने मनुष्य के लिए कितनी सुन्दर पृथ्वी बनाई है! और तब भी मनुष्य उसके लिए आपके प्रति धन्यवादी नहीं होता’"। क्रौकेट ने पहचाना कि सृष्टिकर्ता परमेश्वर की विलक्षण सृष्टि धन्यवादी प्रत्युत्तर की हकदार है, किंतु ऐस प्रत्युत्तर की अकसर या तो अवहेलना होती है या उपेक्षा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा: "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है" (भजन 19:1)। परमेश्वर की हस्तकला एक ऐसा भव्य दृश्य है जो यदि सही रीति से समझ लिया जाए तो ना केवल हमें स्तब्ध कर देता है वरन हमें परमेश्वर की आराधना और प्रशंसा करने को वशीभूत भी कर देता है।

   डेविड क्रौकेट की प्रतिक्रिया सही थी - परमेश्वर की सृष्टि की सुन्दरता और अचरज को देखकर हम उसके प्रति कम से कम धन्यवादी होने का रवैया तो रख ही सकते हैं। क्या हम परमेश्वर के प्रति धन्यवादी हैं? - बिल क्राउडर


परमेश्वर की महिमा उसकी सृष्टि में होकर चमकती है।

पशुओं से तो पूछ और वे तुझे दिखाएंगे; और आकाश के पक्षियों से, और वे तुझे बता देंगे। पृथ्वी पर ध्यान दे, तब उस से तुझे शिक्षा मिलेगी; ओर समुद्र की मछलियां भी तुझ से वर्णन करेंगी। कौन इन बातों को नहीं जानता, कि यहोवा ही ने अपने हाथ से इस संसार को बनाया है। - अय्युब 12:7-9

बाइबल पाठ: भजन 19:1-6
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है, 
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है। 
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 7-9


मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

शांत और विश्राम से


   जब मेरे नेत्र विशेषज्ञ मुझे शांत होकर विश्राम करने का परामर्ष देते हैं तो मैं वैसा ही करती हूँ; मैं उन से बहस नहीं करती, उनकी अनाज्ञाकारी नहीं होती और उनके पीठ पीछे अपने आप को काम में व्यस्त नहीं कर लेती। क्यों? क्योंकि मैं जानती हूँ कि वे एक बहुत प्राख्यात नेत्र विशेज्ञ हैं, वे मेरी दृष्टि को बचाए रखने का प्रयास कर रहे हैं और इस कार्य में उन्हें मेरा पर्याप्त सहयोग चाहिए। उनके निर्देशों की अवहेलना कर के अपनी मन मर्ज़ी करना मेरे लिए मूर्खता होगी।

   तो, जब मैं शारीरिक बातों के लिए एक चिकित्सक के निर्देशों का पालन इतनी गंभीरता से करती हूँ तो आत्मिक बातों के लिए परमेश्वर के निर्देशों का पालन करने में आनाकानी क्यों करती हूँ? यदि मैं एक मनुष्य के कहने पर शांत होकर विश्राम करने को तैयार हो जाती हूँ जिससे मुझे लाभ हो सके तो परमेश्वर के कहने पर शांत होकर विश्राम करने को तैयार क्यों नहीं होती? जैसे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वैसे ही आत्मिक स्वास्थ्य के लिए भी शांत हो जाना और उचित विश्राम करना अति आवश्यक है। परमेश्वर ने विश्राम को इतना महत्व दिया है कि उसे जीवन की लय में पिरो दिया है। बिना पर्याप्त विश्राम के हम ठीक से कोई भी कार्य नहीं कर पाते, हमारी शक्ति क्षीण होने लगती है, हमारी गलतियाँ करने की प्रवृति बढ़ने लगती है। यही हमारे आत्मिक जीवन में भी होता है यदि हम कुछ थम के, शांत होकर, परमेश्वर के साथ बैठकर कुछ समय व्यतीत ना करें।

   जब परमेश्वर के नबी एलियाह ने दुष्ट राजा आहाब और उसकी पत्नि इज़ेबेल का सामना किया तो उस तनावपूर्ण संघर्ष के बाद वह थक गया। परमेश्वर ने उसकी सेवा करने के लिए अपना एक दूत भेजा, और शांत हो जाने के बाद एलियाह के पास परमेश्वर का वचन आया। उस समय उस तनाव की स्थिति में एलियाह को लग रहा था कि केवल वह ही परमेश्वर के प्रति वफादार है और उसके लिए कार्य कर रहा है। लेकिन परमेश्वर ने उसे बताया कि अभी उसके अलावा 7000 और लोग हैं जिन्होंने बाल देवता के आगे घुटने नहीं टेके हैं।

   हो सकता है कि हमें लगे कि यदि हम शांत होकर विश्राम करने लगेंगे तो फिर कैसे काम चलेगा; हमारे कार्य किए बिना क्या हो सकेगा? लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि यदि वे शांत होकर विश्राम नहीं करेंगे तो उसका परिणाम क्या होगा? क्योंकि शारीरिक या आत्मिक रीति से थकित होकर तो हम कुछ भी सही नहीं कर सकते। जब हम शांत और विश्राम में होते हैं तब ही शरीर और आत्मा को स्वस्थ करने की क्रियाएं हमारे जीवनों में कार्य कर पाती हैं और हमें और अधिक कार्य के लिए तैयार तथा मज़बूत कर पाती हैं।

   जैसे मेरे लिए आवश्यक था कि मैं अपने नेत्र विशेषज्ञ की बात मानकर अपनी दृष्टि को ठीक रखने के लिए शांत और विश्राम में हो जाऊँ, वैसे ही हम सब को परमेश्वर की बात मानकर शांत और एकाग्र होकर उसके साथ समय बिताने की आवश्यकता है जिससे हमारे शरीर और मन स्वस्थ रहें। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


हमारी सबसे बड़ी सामर्थ हमारा परमेशवर के सम्मुख शांत होकर खड़े रहना और उसपर भरोसा रखना ही है।

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! - भजन 46:10

बाइबल पाठ: 1 राजा 19:1-18
1 Kings 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला। 
1 Kings 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें। 
1 Kings 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया। 
1 Kings 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ। 
1 Kings 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा। 
1 Kings 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया। 
1 Kings 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है। 
1 Kings 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा। 
1 Kings 19:9 वहां वह एक गुफा में जा कर टिका और यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि हे एलिय्याह तेरा यहां क्या काम? 
1 Kings 19:10 उन ने उत्तर दिया सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के निमित्त मुझे बड़ी जलन हुई है, क्योकि इस्राएलियों ने तेरी वाचा टाल दी, तेरी वेदियों को गिरा दिया, और तेरे नबियों को तलवार से घात किया है, और मैं ही अकेला रह गया हूँ; और वे मेरे प्राणों के भी खोजी हैं। 
1 Kings 19:11 उसने कहा, निकलकर यहोवा के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के साम्हने एक बड़ी प्रचण्ड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी यहोवा उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूंईडोल हूआ, तौभी यहोवा उस भूंईडोल में न था। 
1 Kings 19:12 फिर भूंईडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाईं दिया।
1 Kings 19:13 यह सुनते ही एलिय्याह ने अपना मुंह चद्दर से ढांपा, और बाहर जा कर गुफा के द्वार पर खड़ा हुआ। फिर एक शब्द उसे सुनाईं दिया, कि हे एलिय्याह तेरा यहां क्या काम? 
1 Kings 19:14 उसने कहा, मुझे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के निमित्त बड़ी जलन हुई, क्योंकि इस्राएलियों ने तेरी वाचा टाल दी, और तेरी वेदियों को गिरा दिया है और तेरे नबियों को तलवार से घात किया है; और मैं ही अकेला रह गया हूँ; और वे मेरे प्राणों के भी खोजी हैं। 
1 Kings 19:15 यहोवा ने उस से कहा, लौटकर दमिश्क के जंगल को जा, और वहां पहुंचकर अराम का राजा होने के लिये हजाएल का, 
1 Kings 19:16 और इस्राएल का राजा होने को निमशी के पोते येहू का, और अपने स्थान पर नबी होने के लिये आबेलमहोला के शापात के पुत्र एलीशा का अभिषेक करना। 
1 Kings 19:17 और हजाएल की तलवार से जो कोई बच जाए उसको येहू मार डालेगा; और जो कोई येहू की तलवार से बच जाए उसको एलीशा मार डालेगा। 
1 Kings 19:18 तौभी मैं सात हजार इस्राएलियों को बचा रखूंगा। ये तो वे सब हैं, जिन्होंने न तो बाल के आगे घुटने टेके, और न मुंह से उसे चूमा है। 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6


सोमवार, 14 अप्रैल 2014

एक साथ


   वर्षों से वैज्ञानिक चकित थे कि चीटींयों की एक प्रजाति, जिनके शरीर पानी से भारी होते हैं, बाढ़ में बचे कैसे रह जाते हैं जबकि सामान्य ज्ञान के अनुसार उन्हें डूब कर नष्ट हो जाना चाहिए। कैसे उन चीटींयों का पूरा झुण्ड अपने आप को तैरता हुआ बेड़ा बनाकर हफतों तक तैरता रह सकता है? लॉस एन्जलैस टाइम्स अखबार के एक लेख में बताया गया कि जौर्जिया तकनीकी संस्थान के इन्जीनियरों ने इस बात का भेद पता लगा लिया है, और बताया कि यह कैसे होता है कि अलग अलग हुई वे चीटींयाँ पानी में तैरते रहने के लिए संघर्ष करती हैं लेकिन एक झुण्ड में वे आसानी से तैर लेती हैं। उन इन्जीनियरों ने अपने अध्ययन में पाया कि उन चीटींयों के शरीर पर बारीक रोएं होते हैं जिनमें हवा के बुलबुले फंस जाते हैं और जब चीटींयाँ एक झुण्ड में आपस में चिपकी हुई होती हैं तो उन सबके बीच में फंसी वह हवा उन्हें तैरता रखना के लिए पर्याप्त होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में अनेक बार यह कहा गया है कि मसीही विश्वासियों को बचे रहने तथा आत्मिक जीवन में बढ़ते रहने के लिए एक दूसरे के साथ जुड़े और गुंथे हुए रहना चाहिए। इफिसुस की मण्डली को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस कहता है: "वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए" (इफीसियों 4:15-16)। पौलुस ने रोमियों के विश्वासियों को लिखे अपने पत्र में उन्हें लिखा, "क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं" (रोमियों 12:4-5)।

   इब्रानियों की पत्री का लेखक लिखता है, "और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो" (इब्रानियों 10:25)। प्रभु यीशु ने हम मसीही विश्वासियों को साथ रहने और साथ बढ़ने के लिए ठहराया है; अलग अलग रहने से हम ना तो उन्नति कर पाएंगे और ना ही सुरक्षित रहने पाएंगे, वरन संसार की बातों की बाढ़ में डूब जाने के खतरे में बने रहेंगे। प्रभु में होकर तथा एक साथ रहकर हम हर तूफान का सामना सफलता से कर सकेंगे। समझदारी एक साथ बने रहने में ही है। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीही विश्वासी जब एक साथ खड़े रहते हैं तब मज़बूत बने रहते हैं।

और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे। - प्रेरितों 2:42

बाइबल पाठ: इफीसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है। 
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3


रविवार, 13 अप्रैल 2014

परिवर्तन


   कहा जाता है कि लोग परिवर्तन को नापस्न्द करते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि हम उस ही परिवर्तन को नापसन्द करते हैं जिस के बारे में हम सोचते हैं कि उससे कोई कष्ट या हानि होगी। उदाहरणस्वरूप, यदि बेहतर पगार और अधिक प्रभाव रखने वाली नौकरी हमें मिल रही हो तो हम सहर्ष उसे स्वीकार कर लेंगे, और संबंधित परिवर्तनों से होने वाली असुविधा को झेलने में कोई आनाकानी नहीं करेंगे; यदि हमें और बेहतर पड़ौस तथा बड़ा मकान आसान शर्तों पर रहने को मिल रहा हो तो हमें घर बदलने में कोई आपत्ति नहीं होती। कहने का तात्पर्य है कि हम परवर्तन से नहीं परिवर्तन से होने वाले संभावित हानि से डरते हैं, चाहे वह हानि शारीरिक हो, मनोवैज्ञानिक हो अथवा भावनात्मक हो।

   लेकिन परिवर्तन जीवन में अवश्यंभावी भी है और आवश्यक भी। यदि सब कुछ सदा वैसे का वैसा ही रहे तो इसका अर्थ है कि कुछ उन्नति नहीं हो रही है। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के पास एक चरवाहा है - प्रभु यीशु, जो हमें हर परिवर्तन में मार्गदर्शन देता है और सदा ही बेहतर स्थानों पर लेकर चलता है। जैसे इस्त्राएलियों के साथ हुआ था, वाचा किए हुए उस नए और बेहतर स्थान तक पहुँचना, अविश्वास और ढिठाई के कारण कठिन भी हो सकता है। मिस्त्र की गुलामी से निकालकर जब परमेश्वर इस्त्राएलियों को वाचा किए हुए कनान देश को लेकर चला तो वे परिस्थितियों को देखकर परमेश्वर के विरुद्ध कुड़कुड़ाए (निर्गमन 15:24; गिनती 14:2) और उन्हें अपनी यात्रा में अनेक कठिनाईयों और दुखों का सामना करना पड़ा।

   इसके विपरीत प्रभु यीशु का उदाहरण है जो एक ही सप्ताह के अन्दर लोगों का अगुवा होने से, सब के द्वारा तिरिस्कृत होने वाला हो गया। वह अच्छा चरवाहा फसह के बलिदान का मेमना बन गया। लेकिन क्योंकि प्रभु यीशु ने परमेश्वर की आज्ञाकारिता में स्वेच्छा से सब दुख सह लिया, परमेश्वर ने भी उसे सब से शिरोमणि कर दिया (यूहन्ना 10:11; फिलिप्पियों 2:8-9)।

   हर परिवर्तन सुखद हो यह आनिवार्य नहीं, लेकिन उस परिवर्तन के लिए जब हमारा मार्गदर्शक वह हो जो हमसे बेहद प्रेम रखता है और सदा हमारा भला ही चाहता है, तो फिर हमें परिवर्तन से डरने की आवश्यकता नहीं है। अपने आप को विश्वास के साथ अपने अच्छे चरवाहे के हाथों में छोड़ दें, वह जो भी करेगा आपकी भलाई के लिए ही करेगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु मसीह में विश्वास परिवर्तन के तूफानी समुद्र में भी हमें स्थिर रखेगा।

और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। - फिलिप्पियों 2:8-10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:7-18
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। 
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। 
John 10:12 मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है। 
John 10:13 वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्‍ता नहीं। 
John 10:14 अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं। 
John 10:15 इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं। 
John 10:16 और मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं; मुझे उन का भी लाना अवश्य है, वे मेरा शब्द सुनेंगी; तब एक ही झुण्ड और एक ही चरवाहा होगा। 
John 10:17 पिता इसलिये मुझ से प्रेम रखता है, कि मैं अपना प्राण देता हूं, कि उसे फिर ले लूं। 
John 10:18 कोई उसे मुझ से छीनता नहीं, वरन मैं उसे आप ही देता हूं: मुझे उसके देने का अधिकार है, और उसे फिर लेने का भी अधिकार है: यह आज्ञा मेरे पिता से मुझे मिली है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 23-25


शनिवार, 12 अप्रैल 2014

वचन का मनन


   मेरी आँखें हड़बड़ाकर खुल गईं, लेकिन मेरा कमरा तो अभी अन्धेरा ही था; यह जानकर कि अभी उठना काफी जलदी होगा, मैंने लंबी सांस ली, अपने तकिए को ठीक किया और फिर से सोने का प्रयास करने लगी। लेकिन दुर्भाग्यवश आते दिन में करने के लिए रखे हुए कार्यों की एक लंबी सूची मुझे परेशान करने लगी और मैं फिर सो नहीं पाई।

   यदि कभी आप कार्यों की अधिकाई से अभिभूत हुए हैं, अपने आप को दबाव में अनुभव किया है, तो आप मेरी स्थिति को समझ पाएंगे; आप समझ पाएंगे कि कितना परेशान करना वाला होता है खुली आँखों से अन्धेरी छत की ओर ताकते रहना जबकि उस समय आपको गहरी नींद में होना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 119 का लेखक भी इस अनुभव से अनजान नहीं था, इसीलिए उसने लिखा: "मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी" (भजन 119:147)।

   भजनकार की निद्राविहीन रातों में परमेश्वर का वचन उसकी सांत्वना का माध्यम था। चाहे वह नींद उड़ा देने वाली अपनी समस्या को दूर नहीं भी कर सका, लेकिन फिर भी वह कहता है: "मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं" (भजन 119:148)। ऐसी विनिद्र रातों में वह अपनी समस्याओं पर नहीं वरन परमेश्वर के वचन पर मनन करता था। अपनी इस आदत के कारण ही वह कह सका, "अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है" (भजन 119:97)।

   जब चिंताएं आपको सताएं तो स्मरण रखें, "क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है" (इब्रानियों 4:12), इसलिए बाइबल का कोई खण्ड लेकर उस पर मनन करना आरंभ कर दें। हमारी कोई भी चिंता परमेश्वर के वचन के आगे टिक नहीं सकती। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


केवल परमेश्वर ही हमारे हृदयों को स्थिर और मस्तिष्क को शांत कर सकता है।

पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, हां, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उस से भी अधिक मैं यहोवा को अपने प्राणों से चाहता हूं। - भजन 130:6

बाइबल पाठ: भजन 119:145-152
Psalms 119:145 मैं ने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूंगा। 
Psalms 119:146 मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूंगा। 
Psalms 119:147 मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी। 
Psalms 119:148 मेरी आंखें रात के एक एक पहर से पहिले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूं। 
Psalms 119:149 अपनी करूणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी रीति के अनुसार मुझे जीवित कर। 
Psalms 119:150 जो दुष्टता में धुन लगाते हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं। 
Psalms 119:151 हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं। 
Psalms 119:152 बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूं, कि तू ने उनकी नेव सदा के लिये डाली है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 21-22


शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

खुले द्वार


   डेनमार्क के दार्शनिक सोरेन कर्कगार्ड (1813-1855) ने लिखा था: "यदि मुझे किसी एक वस्तु की इच्छा करने का अवसर होता तो मैं दौलत, ताकत आदि की इच्छा नहीं करता, वरन एक ऐसे दृष्टिकोण की जो संभावनाओं को देखने और पहचानने के लिए सदा तत्पर और तैयार रहे।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस भी अपने जीवन में मसीही सेवकाई के अवसरों के प्रति सदा सचेत बना रहता था। उसे जब जहाँ अवसर मिलता था वह मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा पाप से क्षमा और उद्धार का सुसमाचार देता था। जब उसे बन्दी बनाकर राज्यपाल फेलिक्स के सामने लाया गया, उसने फेलिक्स के सामने सुसमाचार सुनाया (प्रेरितों 24:24)। जब वह सिलास के साथ बन्दीगृह में डाला गया, उन्होंने बन्दियों और जेलर को सुसमाचार सुनाया (फिलिप्पियों 16:25-34) और बाद में जब पौलुस को रोम में बन्दी बना कर भेजा गया तो उसने वहाँ भी सुसमाचार सुनाया और वहाँ से पत्रियाँ लिखकर मसीही विश्वासियों की मण्डलियों के लोगों को मसीह यीशु के लिए कार्यरत रहने के लिए उभारा (फिलिप्पियों 1:12-18)।

   कुरिन्थुस की मण्डली को लिखे अपने पत्र में पौलुस ने लिखा कि वह उसकी इच्छा तो है कि उनके पास आकर कुछ समय उनके साथ बिताए, लेकिन इफसुस में मिले सेवकाई के एक अवसर के कारण अभी उसका इफसुस में रहना अधिक आवश्यक है: "परन्तु मैं पेन्‍तिकुस्‍त तक इफिसुस में रहूंगा। क्योंकि मेरे लिये एक बड़ा और उपयोगी द्वार खुला है, और विरोधी बहुत से हैं" (1 कुरिन्थियों 16:8-9)। पौलुस ने अपनी मसीही सेवकाई में औरों को भी उनकी प्रार्थनाओं के द्वारा संभागी कर लिया, क्योंकि वह उनसे निवेदन करता था कि वे उसके लिए प्रार्थना करें जिससे वह मसीह के सुसमाचार को स्पष्टता से बता सके (कुलुस्सियों 4:3)।

   परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको मसीही सेवकाई के लिए खुले द्वार दिखाए। जो आप देखने पाएंगे वह आपको भी चकित कर देगा। - डेनिस फिशर


परमेश्वर द्वार के एक ओर ’अवसर’ लिखता है और दूसरी ’उत्तरदायित्व’।

और इस के साथ ही साथ हमारे लिये भी प्रार्थना करते रहो, कि परमेश्वर हमारे लिये वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिस के कारण मैं कैद में हूं। - कुलुस्सियों 4:3 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 16:1-12
1 Corinthians 16:1 अब उस चन्‍दे के विषय में जो पवित्र लोगों के लिये किया जाता है, जैसी आज्ञा मैं ने गलतिया की कलीसियाओं को दी, वैसा ही तुम भी करो। 
1 Corinthians 16:2 सप्‍ताह के पहिले दिन तुम में से हर एक अपनी आमदनी के अनुसार कुछ अपने पास रख छोड़ा करे, कि मेरे आने पर चन्‍दा न करना पड़े। 
1 Corinthians 16:3 और जब मैं आऊंगा, तो जिन्हें तुम चाहोगे उन्हें मैं चिट्ठियां देकर भेज दूंगा, कि तुम्हारा दान यरूशलेम पहुंचा दें। 
1 Corinthians 16:4 और यदि मेरा भी जाना उचित हुआ, तो वे मेरे साथ जाएंगे। 
1 Corinthians 16:5 और मैं मकिदुनिया हो कर तुम्हारे पास आऊंगा क्योंकि मुझे मकिदूनिया हो कर तो जाना ही है। 
1 Corinthians 16:6 परन्तु सम्भव है कि तुम्हारे यहां ही ठहर जाऊं और शरद ऋतु तुम्हारे यंहा काटूं, तब जिस ओर मेरा जाना हो, उस ओर तुम मुझे पहुंचा दो। 
1 Corinthians 16:7 क्योंकि मैं अब मार्ग में तुम से भेंट करना नहीं चाहता; परन्तु मुझे आशा है, कि यदि प्रभु चाहे तो कुछ समय तक तुम्हारे साथ रहूंगा। 
1 Corinthians 16:8 परन्तु मैं पेन्‍तिकुस्‍त तक इफिसुस में रहूंगा। 
1 Corinthians 16:9 क्योंकि मेरे लिये एक बड़ा और उपयोगी द्वार खुला है, और विरोधी बहुत से हैं।
1 Corinthians 16:10 यदि तीमुथियुस आ जाए, तो देखना, कि वह तुम्हारे यहां निडर रहे; क्योंकि वह मेरी नाईं प्रभु का काम करता है। 
1 Corinthians 16:11 इसलिये कोई उसे तुच्‍छ न जाने, परन्तु उसे कुशल से इस ओर पहुंचा देना, कि मेरे पास आ जाए; क्योंकि मैं उस की बाट जोह रहा हूं, कि वह भाइयों के साथ आए। 
1 Corinthians 16:12 और भाई अपुल्लोस से मैं ने बहुत बिनती की है कि तुम्हारे पास भाइयों के साथ जाए; परन्तु उसने इस समय जाने की कुछ भी इच्छा न की, परन्तु जब अवसर पाएगा, तब आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 2 राजा 18-20

गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

नम्र व्यवहार


   बॉस्टन के भीड़-भाड़ वाले इलाके के मार्ग की एक सुरंग में मेरी कार खराब होकर रुक गई। मेरे अगल बगल से बच कर निकलते हुए अन्य कार चालक उन्हें हो रही असुविधा के कारण अपने क्रोध और कुण्ठा को व्यक्त करते हुए निकलने लगे। कुछ समय पश्चात कार ठीक करने वालों ने अपनी गाड़ी भेजकर मेरी गाड़ी खींचकर मरम्मत के लिए मंगा ली, और कार को ठीक कर के मुझे वापस सौंप दिया। कुछ दिन के बाद कार फिर खराब हो गई और मुझे अन्तर्राज्य राजमार्ग पर रात के दो बजे फिर फंसा दिया। मैंने फिर से गाड़ी मंगाई, जो आई और कार को खींचकर मरम्मत के लिए ले गई। लेकिन अब की बार कुछ और बात साथ हो गई - मेरे दुर्भाग्यवश मरम्मत की दुकान द्वारा प्रयोग करे जाने वाला कार खड़ी करने का स्थान, स्थानीय बेसबॉल टीम के खेलने के समय सार्वजनिक कार खड़े करने के स्थान के रूप में भी प्रयोग होता था। जिस दिन मुझे कार वापस मिलनी थी वह उस टीम के खेलने का दिन था; इसलिए जब मैं संध्या को अपना कार्य समाप्त करके अपनी कार को लेने के लिए पहुँचा तो मुझे मेरी कार 30 अन्य कारों से घिरी खड़ी मिली, जहाँ से बाहर निकल पाना संभव नहीं था!

   यह देखकर मैंने क्या किया? बस यूँ समझ लीजिए कि मेरी प्रतिक्रिया मसीही चरित्र के अनुसार नहीं थी। मैं भी वापस मरम्मत की दुकान पर पहुँच कर अन्य लोगों के समान ही चिल्लाने और भला-बुरा कहने लगा। यह करते हुए थोड़ी देर में मुझे एहसास हुआ कि मेरे ऐसा करने से वहाँ उपस्थित मरम्मत करने वाले कर्मचारियों का रवैया, जो स्वयं भी अब दिन की समाप्ति पर अपने अपने घरों को लौटकर जाने की तैयारी में थे, मेरे प्रति और उदासीन तथा सहायता ना करने वाला होता जा रहा था। मैं स्वयं ही अपनी सहायता करने के उद्देश्य से खिसिया हुआ, पैर पटकता हुआ दुकान के बन्द दरवाज़े पर पहुँचा और उन्हें हिला हिला कर खोलने का असफल प्रयास करने लगा। असफलता से मेरा क्रोध और भी बढ़ गया था, और मेरे क्रोध, खिसियाहट और असफलता को देखकर वे कर्मचारी हंसने लगे, मेरा ठट्टा करने लगे।

   कुण्ठित और क्रोधित मैं वापस मुड़कर बाहर की ओर चला ही था कि मुझे यह एहसास हुआ कि मैंने मसीही चरित्र से कितना विपरीत व्यवहार किया है। अपने इस व्यवहार से शर्मिंदा होकर मैं लौट कर उन कर्मचारियों के पास आया और उनसे बोला, "मैं शर्मिंदा हूँ, कृप्या मुझे क्षमा कर दीजिए"। मेरी यह बात सुनकर वे अवाक रह गए; उन्होंने वे बन्द दरवाज़े मेरे लिए खोल दिए और मुझे अन्दर आ लेने दिया। मैंने नम्र होकर उनसे कहा कि एक मसीही विश्वासी होने के नाते मुझे ऐसा अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए था; यह उनके लिए और भी अचरज की बात थी। कुछ ही मिनिटों में वे सब मिलकर मेरे लिए मेरी कार के चारों तरफ खड़ी अन्य कारों को हटाने लगे, और कुछ ही समय में मुझे अपनी कार निकाल कर ले जाने का रास्ता मिल गया।

   मैंने एक महत्वपूर्ण सबक सीख लिया था, चिड़चिड़े और क्रोधित व्यवहार की अपेक्षा नम्र व्यवहार अधिक कारगर होता है और परिस्थितियों को अनुकूल बनाने में सहायक होता है। - रैंडी किल्गोर


नम्र व्यवहार कठोर हृदय को तोड़ने का माध्यम बन जाता है।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:3-5

बाइबल पाठ: नीतिवचन 15:1-5
Proverbs 15:1 कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। 
Proverbs 15:2 बुद्धिमान ज्ञान का ठीक बखान करते हैं, परन्तु मूर्खों के मुंह से मूढ़ता उबल आती है। 
Proverbs 15:3 यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं। 
Proverbs 15:4 शान्ति देने वाली बात जीवन-वृक्ष है, परन्तु उलट फेर की बात से आत्मा दु:खित होती है। 
Proverbs 15:5 मूढ़ अपने पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है, परन्तु जो डांट को मानता, वह चतुर हो जाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 15-17