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गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019

नया जीवन



      रूथ अपने नए जीवन की कहानी बिना रोए नहीं बता पाती है। वह अब अपनी आयु के अस्सीवें दशक के मध्य में है, और अधिक चल फिर नहीं सकती है, और न ही वह हमारे चर्च में कोई प्रमुख व्यक्ति है। कहीं भी आने-जाने के लिए उसे औरों की सहायता पर निर्भर रहना पड़ता है, और क्योंकि वह अकेली रहती है इसलिए उसके प्रभाव का दायरा भी छोटा ही है।

      परन्तु जब वह अपने नए जीवन – अपने उद्धार पाने की कहानी को बताती है, जो वह बहुधा करती है, रूथ परमेश्वर के अनुग्रह के कार्य का एक अनुपम उदाहरण बनकर सामने आती है। जब वह आयु के तीसवें दशक में थी, तो एक रात उसकी एक सहेली ने उसे एक सभा में आने के लिए आमंत्रित किया। रूथ को यह पता नहीं था कि उस सभा में वह एक प्रचारक को सुनने जा रही है। वह कहती है, “यदि मुझे यह पता होता, तो मैं न जाती।” वह पहले से ही “धर्म” को निभा रही थी, किन्तु उसे इससे कुछ लाभ होता हुआ नहीं दिख रहा था। परन्तु वह उस सभा में गई, और उस रात्रि वहाँ उसने प्रभु यीशु मसीह के सुसमाचार को सुना।

      अब, पचास से भी अधिक वर्ष बीत जाने के बाद भी, जब भी वह उस रात्रि उसे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाने के द्वारा मिले नए जीवन के विषय बताती है, और फिर कैसे प्रभु यीशु ने उसका जीवन परिवर्तित किया, उसकी आँखों से आनन्द और हर्ष के आँसू निकलने लगते हैं। उस रात्रि वह परमेश्वर की एक पुत्री बन गई; और उसके नए जीवन की यह कहानी कभी पुरानी नहीं होती है, सदा रोमांचित करती रहती है।

      इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हमारी कहानी भी रूथ के समान है कि नहीं। जिस बात का फर्क पड़ता है वह है कि हम ने भी रूथ के समान, “धर्म” के निर्वाह के स्थान पर प्रभु यीशु के हमारे पापों के लिए मारे जाने, गाड़े जाने, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठने तथा उसमें मिलने वाली पापों की क्षमा में विश्वास लाने का निर्णय लिया है या नहीं। परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित ने लिखा है, “कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा” (रोमियों 10:9)।

      रूथ ने भी बस यही किया था, और प्रभु यीशु ने उसे पापों से छुड़ाकर, उसका जीवन परिवर्तित कर दिया, उसे एक अविनाशी तथा अनन्तकालीन नया जीवन दे दिया। रूथ के समान प्रभु में विश्वास लाने से यह नया जीवन आपको भी मिल सकता है – अभी; इसी वक्त! – डेव ब्रैनन

मसीह यीशु का हो जाना पुनःस्थापित होना नहीं है; यह नई सृष्टि होना है!

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: रोमियों 10:1-13
Romans 10:1 हे भाइयो, मेरे मन की अभिलाषा और उन के लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है, कि वे उद्धार पाएं।
Romans 10:2 क्योंकि मैं उन की गवाही देता हूं, कि उन को परमेश्वर के लिये धुन रहती है, परन्तु बुद्धिमानी के साथ नहीं।
Romans 10:3 क्योकि वे परमेश्वर की धामिर्कता से अनजान हो कर, और अपनी धामिर्कता स्थापन करने का यत्न कर के, परमेश्वर की धामिर्कता के आधीन न हुए।
Romans 10:4 क्योंकि हर एक विश्वास करने वाले के लिये धामिर्कता के निमित मसीह व्यवस्था का अन्त है।
Romans 10:5 क्योंकि मूसा ने यह लिखा है, कि जो मनुष्य उस धामिर्कता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह इसी कारण जीवित रहेगा।
Romans 10:6 परन्तु जो धामिर्कता विश्वास से है, वह यों कहती है, कि तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा? अर्थात मसीह को उतार लाने के लिये!
Romans 10:7 या गहिराव में कौन उतरेगा? अर्थात मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!
Romans 10:8 परन्तु वह क्या कहती है? यह, कि वचन तेरे निकट है, तेरे मुंह में और तेरे मन में है; यह वही विश्वास का वचन है, जो हम प्रचार करते हैं।
Romans 10:9 कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।
Romans 10:10 क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।
Romans 10:11 क्योंकि पवित्र शास्त्र यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।
Romans 10:12 यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है।
Romans 10:13 क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 22-23
  • तीतुस 1



बुधवार, 30 अक्टूबर 2019

खोज



      कार्टून चरित्र “पीनट” के रचियता चार्ल्स शुल्टज़ के मसखरेपन और अन्तःदृष्टि से मैं सदा आनन्दित होता आया हूँ। उनके द्वारा बनाए गए कार्टूनों में से मेरे सबसे पसन्दीदा कार्टून में से एक चर्च में जवान लोगों के संबंध में था। उस कार्टून में एक जवान लड़का परमेश्वर के वचन बाइबल को पकडे हुए, फोन पर अपने मित्र को कह रहा है, “मुझे लगता है कि मैंने पुराने नियम के रहस्यों को समझने की ओर पहला कदम बढ़ा लिया है...मैंने उसे पढ़ना आरंभ कर दिया है!”

      बाइबल में भजन 119 परमेश्वर के वचन को समझने और उसकी सामर्थ्य को प्रतिदिन अनुभव करते रहने के लिए भजन के लेखक की भूख की अभिव्यक्तियों से भरा पड़ा है। वह कहता है, “अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है” (पद 97)। इस लालसा भरे प्रयास के कारण वह बुद्धिमत्ता, समझ और परमेश्वर की आज्ञाकारिता में बने रहना में बढ़ता जाता है (पद 98-100)।

      बाइबल में रहस्यों को समझने का कोई जादूई सूत्र नहीं दिया गया है। यह करने की प्रक्रिया मस्तिष्क के कार्य से भी बढ़कर है; जो हम पढ़ते हैं उसके प्रति हमसे प्रत्युत्तर मांगती है। जबकि कुछ खण्ड हमारे लिए असमंजस से भरे हो सकते हैं, फिर भी जिन सत्यों को हम स्पष्टतः समझने पाते हैं, हमें उन्हें अपनाना और उनका पालन करना चाहिए; और प्रभु परमेश्वर से कहना चाहिए, “तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं” (पद 103-104)।

      परमेश्वर के वचन में खोज की एक अद्भुत यात्रा हमारी प्रतीक्षा कर रही है। - डेविड मैक्कैस्लैंड

परमेश्वर के वचन को रोज पढ़ने और और उसका पालन करने के प्रति समर्पण 
उसके प्रेम और सामर्थ्य को समझने की हमारी दैनिक यात्रा का आरंभ है।

तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं। - भजन 119:130

बाइबल पाठ: भजन 119:97-105
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 20-21
  • 2 तिमुथियुस 4



मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019

भरोसेमंद



      प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवन समर्पित करने से पहले, मैं और मेरे पति गंभीरता से तलाक लेने पर विचार कर रहे थे। परन्तु परमेश्वर से प्रेम करने और उसके आज्ञाकारी बने रहने के प्रति समर्पित होने के पश्चात, हम दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे के प्रति समर्पण किया। हमने बुद्धिमता के परामर्श को ढूँढा और पवित्र आत्मा को निमंत्रण दिया कि वह हमें व्यक्तिगत रीति से तथा जोड़े के रूप में परिवर्तित करे। हमारा स्वर्गीय पिता हमारी सहायता करता रहता है कि हम परस्पर संवाद के कौशल को और विक्सित करते चले जाएँ। वह हमें सिखा रहा है कि हम कैसे उससे प्रेम करते रहें और उसपर भरोसा बनाए रखें – तथा एक दूसरे के साथ भी ऐसा ही करें – चाहे कुछ भी हो जाए।

      परन्तु, यद्यपि हम अपने विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ मनाने के निकट पहुँच रहे हैं, कभी-कभी मैं  जो कुछ परमेश्वर ने हमारी परीक्षाओं और संघर्षों में होकर हमारे लिए किया है, उसे भूलने लगती हूँ। कभी-कभी मुझे अज्ञात के गहरे भय के साथ संघर्ष करना पड़ता है – उस सदैव भरोसेमंद परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखने के स्थान पर मैं अनावश्यक चिंताओं का अनुभव करती हूँ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में व्यवस्थाविवरण 1 में मूसा ने परमेश्वर के भरोसेमंद होने की पुष्टि की। उसने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया कि वे विश्वास में आगे बढ़ते जाएँ जिससे कि वे अपनी विरासत का आनन्द उठा सकें (पद 21)। परन्तु परमेश्वर के उन लोगों ने परमेश्वर पर अपने भविष्य के लिए भरोसा रखने से पहले उस सब का विवरण माँगा जो उसने उनके भविष्य के लिए रखा था और उस सबका भी कि आगे उन्हें क्या मिलेगा (पद 22, 23)।

      प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी भी कभी-कभी भय या चिन्ता के सामने हताश हो जाते हैं। जिन कठिनाईयों का हमें संभवतः सामना करना पड़ सकता है वे हमें भरोसा बनाए रखने से रोक सकती हैं और परमेश्वर तथा औरों के साथ हमारे संबंधों में बाधाएं डाल सकती हैं। परन्तु पवित्र आत्मा हमारी सहायता करता है और बीते समय में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का स्मरण करवाकर वह हमें बलवंत कर सकता है कि हम परमेश्वर के कल, आज, और कल भी भरोसेमंद होने पर भरोसा बनाए रखें। - जोशील डिक्सन

बीते समय की परमेश्वर की विश्वासयोग्यता, उसके अनन्तकाल तक भरोसेमंद रहने का प्रमाण है।

परमेश्वर सच्चा है; जिसने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है। - 1 कुरिन्थियों 1:9

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 1:21-33
Deuteronomy 1:21 देखो, उस देश को तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साम्हने किए देता है, इसलिऐ अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस पर चढ़ो, और उसे अपने अधिकार में ले लो; न तो तुम डरो और न तुम्हारा मन कच्चा हो।
Deuteronomy 1:22 और तुम सब मेरे पास आकर कहने लगे, हम अपने आगे पुरूषों को भेज देंगे, जो उस देश का पता लगाकर हम को यह सन्देश दें, कि कौन सा मार्ग हो कर चलना होगा और किस किस नगर में प्रवेश करना पड़ेगा?
Deuteronomy 1:23 इस बात से प्रसन्न हो कर मैं ने तुम में से बारह पुरूष, अर्थात गोत्र पीछे एक पुरूष चुन लिया;
Deuteronomy 1:24 और वे पहाड़ पर चढ़ गए, और एशकोल नाम नाले को पहुँचकर उस देश का भेद लिया।
Deuteronomy 1:25 और उस देश के फलों में से कुछ हाथ में ले कर हमारे पास आए, और हम को यह सन्देश दिया, कि जो देश हमारा परमेश्वर यहोवा हमें देता है वह अच्छा है।
Deuteronomy 1:26 तौभी तुम ने वहाँ जाने से ना किया, किन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के विरुद्ध हो कर
Deuteronomy 1:27 अपने अपने डेरे में यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि यहोवा हम से बैर रखता है, इस कारण हम को मिस्र देश से निकाल ले आया है, कि हम को एमोरियों के वश में कर के सत्यनाश कर डाले।
Deuteronomy 1:28 हम किधर जाएँ? हमारे भाइयों ने यह कहके हमारे मन को कच्चा कर दिया है, कि वहाँ के लोग हम से बड़े और लम्बे हैं; और वहाँ के नगर बड़े बड़े हैं, और उनकी शहरपनाह आकाश से बातें करती हैं; और हम ने वहाँ अनाकवंशियों को भी देखा है।
Deuteronomy 1:29 मैं ने तुम से कहा, उनके कारण त्रास मत खाओ और न डरो।
Deuteronomy 1:30 तुम्हारा परमेश्वर यहोवा जो तुम्हारे आगे आगे चलता है वह आप तुम्हारी ओर से लड़ेगा, जैसे कि उसने मिस्र में तुम्हारे देखते तुम्हारे लिये किया;
Deuteronomy 1:31 फिर तुम ने जंगल में भी देखा, कि जिस रीति कोई पुरूष अपने लड़के को उठाए चलता है, उसी रीति हमारा परमेश्वर यहोवा हम को इस स्थान पर पहुँचने तक, उस सारे मार्ग में जिस से हम आए हैं, उठाये रहा।
Deuteronomy 1:32 इस बात पर भी तुम ने अपने उस परमेश्वर यहोवा पर विश्वास नहीं किया,
Deuteronomy 1:33 जो तुम्हारे आगे आगे इसलिये चलता रहा, कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूंढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट हो कर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिस से तुम चलो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 18-19
  • 2 तिमुथियुस 3



सोमवार, 28 अक्टूबर 2019

जड़ पकड़े



      हमारे मित्र नए घर में गए; वहाँ अपना बगीचा बनाते समय उन्होंने पड़ौसी के मकान के बाड़े के निकट एक सुगन्धित फूल वाला पौधा लगाया, जिस में फूल आने में पाँच वर्ष का समय लगना था। वे उस पौधे की देखभाल करते रहे और फिर दो दशकों से अधिक तक उसके सुगन्धित फूलों का आनन्द लिया; वे बड़े ध्यान से उस पौधे की छँटाई और देखभाल करते रहते थे। किन्तु अचानक ही वह पौधा मुर्झा कर मर गया; उनके पड़ौसी ने खरपतवार मारने वाले कुछ रसायन अपने बगीचे में डाले थे, जो बह कर इस पौधे की जड़ों तक भी आ गए और पौधा मर गया – ऐसा मेरे मित्रों को लगा। किन्तु उन्हें बहुत अचंभा हुआ जब अगले वर्ष, उस पौधे की जड़ों में से कुछ अंकुर फूट कर धरती के बाहर दिखाई देने लगे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने लोगों के परमेश्वर पर भरोसा रखने या उसके मार्गों की उपेक्षा करने को वृक्षों के फलते-फूलते होने या मुरझा कर मर जाने से चित्रित किया। वे लोग जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करते हैं वे उन वृक्षों के समान बताए गए हैं जो अपनी जड़ें जल के निकट की भूमि में गहरी करते हैं (यिर्मयाह 17:8); परन्तु वे लोग जो मनमानी करते हैं, उन्हें मरुभूमि की झाड़ियों के समान कहा गया है (पद 5, 6)। भविष्यद्वक्ता लालसा करता है कि परमेश्वर के लोग उस सच्चे और जीवते परमेश्वर पर भरोसा करते रहें जिससे कि वे नदी के किनारे लगे वृक्षों के समान हों (पद 8)।

      हम जानते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने परमेश्वर पिता को किसान के समान बताया है (यूहन्ना 15:1); और हम उसमें पूर्ण भरोसा बनाए रख सकते हैं (यिर्मयाह 17:7)। जब हम परमेश्वर और उसके वचन में जड़ पकड़े रहेंगे, तो हम परमेश्वर पिता के लिए उत्तम और बने रहने फल भी ला सकेंगे। - एमी बाउचर पाई

जब हम परमेश्वर का अनुसरण करते हैं तो वह हमें बढ़ाता है।

तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। - यूहन्ना 15:16

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 17: 5-8
Jeremiah 17:5 यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है।
Jeremiah 17:6 वह निर्जल देश के अधमूए पेड़ के समान होगा और कभी भलाई न देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा।
Jeremiah 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्वर को अपना आधार माना हो।
Jeremiah 17:8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 15-17
  • 2 तिमुथियुस 2


रविवार, 27 अक्टूबर 2019

प्रावधान



      मेरी खिड़की के बाहर गिलहरियां शरद ऋतु के आगमन की तैयारी में लगी हैं; वे बाँझफलों (Accorns) को  सुरक्षित किन्तु सरलता से पहुँचे जा सकने वाले स्थानों में ले जाकर दबा रही हैं जिससे जब बर्फ पड़े तो उन्हें भोजन उपलब्ध रहे। यह करते हुए जो शोर वो मचाती हैं वह मुझे मनोरंजक लगता है। इसकी तुलना में, हिरणों का पूरा झुण्ड हमारे घर के पीछे के आँगन से बिना कोई शोर किए निकल सकता है, परन्तु एक गिलहरी इतना शोर कर सकती है मानो कोई आक्रमण हो रहा हो।

      ये दोनों जीव एक अन्य प्रकार से भी भिन्न हैं। हिरन सर्दी के समय के लिए भोजन एकत्रित नहीं करते हैं। जब बर्फ पड़ती है तब जो भी उन्हें चलते हुए मिलता है, वह चाहे हमारे बगीचे के पौधे ही क्यों न हों, वे सब खाते चले जाते हैं। परन्तु यदि गिलहरियां उन हिरणों के समान व्यवहार करें तो उन्हें उपयुक्त भोजन नहीं मिलेगा और वे भूखी मर जाएँगी।

      गिलहरियाँ और हिरन परमेश्वर द्वारा हमारे लिए किए जाने वाले प्रावधानों के प्रतीक हैं। परमेश्वर ने हमें क्षमता और योग्यता दी है कि हम कार्य करें और अपने भविष्य के लिए कुछ बचत करके रखें; परन्तु यदि हमारे पास संसाधानों की घटी हो तो भी वह हमारी आवश्यकताएँ पूरी कर देता है। जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन से हम सीखते हैं, परमेश्वर हमारे जीवनों में बहुतायत के समय देता है जिससे हम घटी के समयों के लिए तैयारीयां कर के रख सकें (नीतिवचन 12:11)। इसी प्रकार से भजन 23 हमें सिखाता है कि परमेश्वर हमें घोर अन्धकार के स्थानों से निकाल कर हरियाली चारागाहों में लिए चलता है।

      एक अन्य विधि है जिसके द्वारा परमेश्वर हमें उपलब्ध करवाता है – जिनके पास बहुतायत से है उन्हें उनके साथ बाँटने के द्वारा, जिनके पास घटी है (व्यवस्थाविवरण 24:19)। इसलिए जब बात प्रावधान की हो, तो बाइबल का सन्देश यह है कि, जब कार्य कर सकते हो तो करो; जो बचत कर सकते हो वह भी करो; और जो औरों के साथ बाँट सकते हो वह भी बांटो; तथा परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखो कि वह हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। - जूली एकरमैन लिंक

हमारी आवश्यकताएं, कभी भी परमेश्वर के संसाधानों से अधिक नहीं हो सकती हैं।

जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है; परन्तु जो निकम्मों की संगति करता, वह निर्बुद्धि ठहरता है। - नीतिवचन 12:11

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 24:19-22
Deuteronomy 24:19 जब तू अपने पक्के खेत को काटे, और एक पूला खेत में भूल से छूट जाए, तो उसे लेने को फिर न लौट जाना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये पड़ा रहे; इसलिये कि परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझ को आशीष दे।
Deuteronomy 24:20 जब तू अपने जलपाई के वृक्ष को झाड़े, तब डालियों को दूसरी बार न झाड़ना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये रह जाए।
Deuteronomy 24:21 जब तू अपनी दाख की बारी के फल तोड़े, तो उसका दाना दाना न तोड़ लेना; वह परदेशी, अनाथ और विधवा के लिये रह जाए।
Deuteronomy 24:22 और इस को स्मरण रखना कि तू मिस्र देश में दास था; इस कारण मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 12-14
  • 2 तिमुथियुस 1



शनिवार, 26 अक्टूबर 2019

उपहार



      मेरा जन्म-दिन, मेरी माँ के जन्म-दिन के अगले ही दिन होता है। अपनी किशोरावस्था में, उनके जन्म-दिन पर मैं अपने खर्च की सीमा के अन्दर अपनी माँ को प्रसन्न करने वाला उपहार देने का प्रयास करती थी। वह सदा ही मेरे उपहारों को सराहना के साथ ग्रहण करती थीं, और अगले दिन, मेरे जन्म-दिन पर वे मुझे उपहार देती थीं। सदा ही उनके द्वारा दिया गया उपहार, मेरे दिए उपहार से बेहतर होता था। उनका उद्देश्य मेरे उपहार को नीचा दिखाना नहीं होता था; वरन वे अपने संसाधनों के आधार पर, जो कि मेरे संसाधनों से कहीं बढ़कर थे, उदारता से देती थीं, इसलिए उनका उपहार सदा ही बेहतर होता था।

      अपनी माँ को उपहार देने की मेरी इच्छा, मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा परमेश्वर के लिए भवन बनाने की इच्छा को स्मरण करवाती है। दाऊद ने जब अपने रहने के महल को तुलनात्मक रीति से परमेश्वर की वाचा के सन्दूक को रखने के लिए बने तम्बू से देखा, तो दाऊद के अन्दर परमेश्वर का मंदिर बनवाने की लालसा जागृत हुई। दाऊद की इच्छा की पूर्ति की स्वीकृति देने के स्थान पर, परमेश्वर ने दाऊद को इससे कहीं बढ़कर तथा बेहतर उपहार दिया। परमेश्वर ने दाऊद से प्रतिज्ञा की, कि न केवल उसका एक पुत्र (सुलेमान) मंदिर को बनवाएगा (1 इतिहास 17:11), वरन परमेश्वर दाऊद के वंश को सदा के लिए स्थापित करेगा। परमेश्वर की इस प्रतिज्ञा का आरंभ सुलेमान से हुआ और पूर्ति प्रभु यीशु में हुई, जिसके स्वर्गीय राज्य का कभी अन्त नहीं होगा (पद 12)। दाऊद ने परमेश्वर को अपने सीमित संसाधनों के अनुसार देना चाहा, परन्तु परमेश्वर ने उसे अपने असीम संसाधनों के अनुसार दे दिया।

      दाउद के समान हम भी सदा परमेश्वर के कृतज्ञ होकर उसे सप्रेम अपने धन्यवाद के उपहार अर्पित करें। और हम देखेंगे कि परमेश्वर कैसे हमें अपनी बहुतायत में से प्रभु यीशु मसीह में होकर देता जाता है। - कर्सटिन होल्म्बर्ग

प्रभु यीशु के रूप में हमें मिला परमेश्वर का उपहार सभी उपहारों से बहुत बढ़कर है।

परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो। - 2 कुरिन्थियों 9:15

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 17:1-15
1 Chronicles 17:1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।
1 Chronicles 17:2 नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर, क्योंकि परमेश्वर तेरे संग है।
1 Chronicles 17:3 उसी दिन रात को परमेश्वर का यह वचन नातान के पास पहुंचा, जा कर मेरे दास दाऊद से कह,
1 Chronicles 17:4 यहोवा यों कहता है, कि मेरे निवास के लिये तू घर बनवाने न पाएगा।
1 Chronicles 17:5 क्योंकि जिस दिन से मैं इस्राएलियों को मिस्र से ले आया, आज के दिन तक मैं कभी घर में नहीं रहा; परन्तु एक तम्बू से दूसरे तम्बू को ओर एक निवास से दूसरे निवास को आया जाया करता हूँ।
1 Chronicles 17:6 जहां जहां मैं ने सब इस्राएलियों के बीच आना जाना किया, क्या मैं ने इस्राएल के न्यायियों में से जिन को मैं ने अपनी प्रजा की चरवाही करने को ठहराया था, किसी से ऐसी बात कभी कही, कि तुम लोगों ने मेरे लिये देवदारु का घर क्यों नहीं बनवाया?
1 Chronicles 17:7 सो अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तो तुझ को भेड़शाला से और भेड़-बकरियों के पीछे पीछे फिरने से इस मनसा से बुला लिया, कि तू मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान हो जाए;
1 Chronicles 17:8 और जहां कहीं तू आया और गया, वहां मैं तेरे संग रहा, और तेरे सब शत्रुओं को तेरे साम्हने से नष्ट किया है। अब मैं तेरे नाम को पृथ्वी के बड़े बड़े लोगों के नामों के समान बड़ा कर दूंगा।
1 Chronicles 17:9 और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊंगा, और उसको स्थिर करूंगा कि वह अपने ही स्थान में बसी रहे और कभी चलायमान न हो; और कुटिल लोग उन को नाश न करने पाएंगे, जैसे कि पहिले दिनों में करते थे;
1 Chronicles 17:10 उस समय भी जब मैं अपनी प्रजा इस्राएल के ऊपर न्यायी ठहराता था; सो मैं तेरे सब शत्रुओं को दबा दूंगा। फिर मैं तुझे यह भी बताता हूँ, कि यहोवा तेरा घर बनाये रखेगा।
1 Chronicles 17:11 जब तेरी आयु पूरी हो जायेगी और तुझे अपने पितरों के संग जाना पड़ेगा, तब मैं तेरे बाद तेरे वंश को जो तेरे पुत्रों में से होगा, खड़ा कर के उसके राज्य को स्थिर करूंगा।
1 Chronicles 17:12 मेरे लिये एक घर वही बनाएगा, और मैं उसकी राजगद्दी को सदैव स्थिर रखूंगा।
1 Chronicles 17:13 मैं उसका पिता ठहरूंगा और वह मेरा पुत्र ठहरेगा; और जैसे मैं ने अपनी करुणा उस पर से जो तुझ से पहिले था हटाई, वैसे मैं उस पर से न हटाऊंगा,
1 Chronicles 17:14 वरन मैं उसको अपने घर और अपने राज्य में सदैव स्थिर रखूंगा और उसकी राजगद्दी सदैव अटल रहेगी।
1 Chronicles 17:15 इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 9-11
  • 1 तिमुथियुस 6



शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

जीवन जल



      1960 के दशक में ‘किंग्स्टन ट्राएओ’ नामक एक गीत मण्डली ने “डेज़र्ट पीट” नामक एक गाना जारी किया जो कि एक कहानी सुनाता है। उस कहानी में रेगिस्तान में यात्रा करने वाले और प्यास से बेहाल एक काओ-ब्वौए के बारे में बताया गया है जिसे एक हैंडपंप मिलता है। उस हैंडपंप के पास ही एक जग में पानी रखा है और साथ ही एक पर्चा रखा है जिस पर डेज़र्ट पीट ने लिख कर रखा है कि उस जग के पानी को पीने की बजाए, उसे पहले हैंडपंप को चलाने के लिए उसमें डालें और फिर हैंडपंप को चलाएँ, तो बहुतायत से ठंडा पेय जल प्राप्त हो जाएगा, और फिर उस जग को भर कर वहीं उस पर्चे के साथ रख दें।

      प्यास से बेहाल उस काओ-ब्वौए के सामने बड़ा प्रलोभन था कि वह उस जग में उपलब्ध जल को पी ले, न कि उसे हैंडपंप में डालकर उपलब्ध जल से भी वंचित हो जाने का जोखिम उठाए। परन्तु वह अपने उस लोभ को दबाकर पर्चे पर लिखे निर्देशानुसार जल को हैंडपंप में डालता है और पंप को चलाना आरंभ करता है। उसकी इस आज्ञाकारिता के परिणामस्वरूप उसे ठंडा पीने योग्य तथा संतुष्टि प्रदान करने वाला स्वच्छ जल बहुतायत से प्राप्त होता है। यदि वह डेज़र्ट पीट की बात पर विश्वास नहीं करता तो उसे बस वह एक जग भर बासी और गर्म पानी ही मिलता।

      यह मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई इस्राएल की बियाबान की यात्रा को स्मरण करवाता है। जब वे प्यास से बेहाल होने लगे (निर्गमन 17:1-7), तो मूसा ने परमेश्वर से सहायता माँगी। परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह होरेब की चट्टान पर अपनी लाठी से प्रहार करे। मूसा ने परमेश्वर की बात पर विश्वास किया और आज्ञाकारिता में चट्टान पर मारा, और उस पत्थर से बहुतायत से जल निकल पड़ा।

      परन्तु दुःख की बात है कि इस्राएल ने सदा ही मूसा की आज्ञाकारिता के इस उदाहरण का अनुसरण नहीं किया। अन्ततः “...सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुनने वालों के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा” (इब्रानियों 4:2)।

      कभी-कभी हमें जीवन मरुभूमि के समान लगने लगता है। परन्तु परमेश्वर हमारी आत्मिक प्यास सबसे अनेपक्षित परिस्थितियों द्वारा भी बुझा सकता है। जब हम विश्वास द्वारा परमेश्वर के वचन की प्रतिज्ञाओं पर भरोसा करते हैं, तो हम जीवन जल की नदियों तथा दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परमेश्वर के अनुग्रह का अनुभव कर सकते हैं। - डेनिस फिशर

परमेश्वर के लिए हमारी प्यास को केवल प्रभु यीशु, जो जीवन जल का स्त्रोत है, बुझा सकता है।

फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। - यूहन्ना 7:37-38

बाइबल पाठ: निर्गमन 17:1-7
Exodus 17:1 फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली सीन नाम जंगल से निकल चली, और यहोवा के आज्ञानुसार कूच कर के रपीदीम में अपने डेरे खड़े किए; और वहां उन लोगों को पीने का पानी न मिला।
Exodus 17:2 इसलिये वे मूसा से वादविवाद कर के कहने लगे, कि हमें पीने का पानी दे। मूसा ने उन से कहा, तुम मुझ से क्यों वादविवाद करते हो? और यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?
Exodus 17:3 फिर वहां लोगों को पानी की प्यास लगी तब वे यह कहकर मूसा पर बुड़बुड़ाने लगे, कि तू हमें लड़के बालों और पशुओं समेत प्यासों मार डालने के लिये मिस्र से क्यों ले आया है?
Exodus 17:4 तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और कहा, इन लोगों से मैं क्या करूं? ये सब मुझे पत्थरवाह करने को तैयार हैं।
Exodus 17:5 यहोवा ने मूसा से कहा, इस्राएल के वृद्ध लोगों में से कुछ को अपने साथ ले ले; और जिस लाठी से तू ने नील नदी पर मारा था, उसे अपने हाथ में ले कर लोगों के आगे बढ़ चल।
Exodus 17:6 देख मैं तेरे आगे चलकर होरेब पहाड़ की एक चट्टान पर खड़ा रहूंगा; और तू उस चट्टान पर मारना, तब उस में से पानी निकलेगा जिससे ये लोग पीएं। तब मूसा ने इस्राएल के वृद्ध लोगों के देखते वैसा ही किया।
Exodus 17:7 और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहां वादविवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, कि क्या यहोवा हमारे बीच है वा नहीं?

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 6-8
  • 1 तिमुथियुस 5



गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019

सेवा



      मेरी एक सहेली अपनी सास की देखभाल किया करती थी, जो उनके साथ ही घर में रहा करती थी, और चलने फिरने से लाचार थीं। एक दिन मेरी सहेली ने अपनी सास से पूछा कि उनकी कोई इच्छा है; तो सास ने उत्तर दिया कि वे चाहती थीं कि उनके पैर धोए जाएँ। मेरी सहेली ने स्वीकार किया उसे यह करना बहुत बुरा लगता था; जितनी बार भी उसकी सास उसे यह करने के लिए कहती, वह मन में कुड़कुड़ाते हुए यह करती और परमेश्वर से प्रार्थना करती कि उसकी भावनाएँ उसकी सास पर प्रकट न होने पाएँ।

      परन्तु एक दिन उसकी यह कुड़कुड़ाने वाली प्रतिक्रिया, पल भर में ही बदल गई। उस दिन जब वह चिलमची और तौलिया लेकर अपनी सास के पाँव पर झुकी, तो उसने मुँह ऊपर उठाकर अपनी सास की ओर देखा, और उस पल में उसे ऐसा लगा मानो वह प्रभु यीशु के चरण धो रही थी; प्रभु यीशु मानो उसकी सास के वेश में वहाँ उपस्थित थे। उसके बाद से उस सहेली का दृष्टिकोण ही बदल गया, और यह सेवा करना उसके लिए आदर की बात हो गई।

      जब मैंने द्रवित कर देने वाली इस घटना के बारे में सुना तो मुझे प्रभु यीशु द्वारा बताई गई जगत के अन्त के दिन की बात स्मरण हो आई; राजा अपने राज्य में अपने पुत्र और पुत्रियों का स्वागत करता है, उनसे यह कहते हुए कि जब उन्होंने बीमारों की देखभाल की, भूखों को भोजन करवाया, और ऐसे अन्य सेवा के कार्य किए, तो वास्तव में वे सभी कार्य प्रभु के प्रति किए गए (मत्ती 25:40)। जब हम भी आज इस प्रकार से ज़रूरतमंदों की सेवा करते हैं, तो प्रभु की भी सेवा करते हैं।

      आज मेरी वह सहेली जब किसी नए जन से मिलती है, जिसे उसकी सेवा की आवश्यकता होते है, तो उसके मन में यही बात होती है, हो सकता है कि यह भी वेश धरे हुए प्रभु यीशु हैं। हम भी उसके समान दृष्टिकोण रखें और सेवा करने से पीछे न हटें। - एमी बाउचर पाई

जब हम औरों की सेवा करते हैं तो प्रभु यीशु के सेवा करते हैं।

पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने मे लगे रहो। - रोमियों 12:13

बाइबल पाठ: मत्ती 25:31-40
Matthew 25:31 जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
Matthew 25:32 और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
Matthew 25:33 और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाईं और खड़ी करेगा।
Matthew 25:34 तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
Matthew 25:35 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
Matthew 25:36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्‍दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
Matthew 25:37 तब धर्मी उसको उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया?
Matthew 25:38 हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
Matthew 25:39 हम ने कब तुझे बीमार या बन्‍दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
Matthew 25:40 तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4



बुधवार, 23 अक्टूबर 2019

परिवर्तित



      मुझ में और मेरे भाई में एक वर्ष से भी कम की आयु का अन्तर है। बड़े होते समय हम दोनों में बहुत स्पर्धा रहा करती थी (अर्थात, हम लड़ते रहते थे!)। मेरे पिता इस बात को समझते थे, क्योंकि उनके भी और भाई थे; परन्तु मेरी माँ के लिए यह समझना कुछ कठिन था।

      हमारी कहानी परमेश्वर के वचन बाइबल में उत्पत्ति की पुस्तक की कहानियों से मेल खाती थी; इस पुस्तक को एक उपनाम, भाईयों के झगड़ों का संक्षिप्त इतिहास भी दिया जा सकता है। कैन और हाबिल (उत्पत्ति 4); इसहाक और इश्माएल (उत्पत्ति 21:8-10); यूसुफ और अन्य सभी भाई; बिन्यामीन को छोड़कर (उत्पत्ति 37)। परन्तु भाई के प्रति भाई के बैर के लिए याकूब और एसाव की कहानी को कोई मात नहीं दे सकता है।

      एसाव के जुड़वां भाई याकूब ने दो बार उससे छल किया, इसलिए वह याकूब को मार डालना चाहता था (27:41)। दशकों पश्चात, एसाव और याकूब में मेल हो गया (अध्याय 33), परन्तु उनका झगड़ा उनके वंशजों में, जो दो बड़ी जातियाँ – एदोम और इस्राएल हो गए थे, ज़ारी रहा। जब इस्राएल के लोग मिस्र से निकलने के बाद वाचा किए हुए देश में जाने की तैयारी कर रहे थे तो एदोम ने उनका सामना एक सेना और धमकियों के साथ किया (गिनती 20:14-21)। इसके भी बहुत बाद, जब यरूशलेम के लोग आक्रमणकारियों से बचकर भाग रहे थे, तो एदोमियों ने उन शरणार्थियों का संहार किया (ओबद्याह 1:10-14)।

      परन्तु हमारे लिए यह प्रसन्नता की बात है कि बाइबल में न केवल हमारी बुराई और टूटेपन की दुखद कहानी है, वरन परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए छुटकारे के बारे में भी लिखा है। प्रभु यीशु में हो कर सब कुछ बदल गया है; प्रभु ने अपने शिष्यों से कहा, “मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो” (यूहन्ना 13:34); और फिर अपने आप को हमारे लिए क्रूस पर बलिदान करने के द्वारा इस कथन को निभा कर दिखाया।

      जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई आयु में बढ़ते गए, हम एक-दूसरे के निकट होते चले गए। यह परमेश्वर का कार्य है। जब हम उसके द्वारा दी गई क्षमा को ग्रहण करते हैं, तो उसका अनुग्रह हमारी स्पर्धा और लड़ाईयों को भाईचारे के प्रेम में परिवर्तित कर देता है। - टिम गुस्ताफसन

भाई-बहनों में लड़ाईयाँ स्वाभाविक हैं; परमेश्वर का परिवर्तन करने वाला प्रेम अलौकिक है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 33:1-11
Genesis 33:1 और याकूब ने आंखें उठा कर यह देखा, कि ऐसाव चार सौ पुरूष संग लिये हुए चला जाता है। तब उसने लड़के बालों को अलग अलग बांट कर लिआ, और राहेल, और दोनों लौंडियों को सौंप दिया।
Genesis 33:2 और उसने सब के आगे लड़कों समेत लौंडियों को उसके पीछे लड़कों समेत लिआ: को, और सब के पीछे राहेल और यूसुफ को रखा,
Genesis 33:3 और आप उन सब के आगे बढ़ा, और सात बार भूमि पर गिर के दण्डवत की, और अपने भाई के पास पहुंचा।
Genesis 33:4 तब ऐसाव उस से भेंट करने को दौड़ा, और उसको हृदय से लगा कर, गले से लिपट कर चूमा: फिर वे दोनों रो पड़े।
Genesis 33:5 तब उसने आंखे उठा कर स्त्रियों और लड़के बालों को देखा; और पूछा, ये जो तेरे साथ हैं सो कौन हैं? उसने कहा, ये तेरे दास के लड़के हैं, जिन्हें परमेश्वर ने अनुग्रह कर के मुझ को दिया है।
Genesis 33:6 तब लड़कों समेत लौंडियों ने निकट आकर दण्डवत की।
Genesis 33:7 फिर लड़कों समेत लिआ: निकट आई, और उन्होंने भी दण्डवत की: पीछे यूसुफ और राहेल ने भी निकट आकर दण्डवत की।
Genesis 33:8 तब उसने पूछा, तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है? उसने कहा, यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।
Genesis 33:9 ऐसाव ने कहा, हे मेरे भाई, मेरे पास तो बहुत है; जो कुछ तेरा है सो तेरा ही रहे।
Genesis 33:10 याकूब ने कहा, नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है।
Genesis 33:11 सो यह भेंट, जो तुझे भेजी गई है, ग्रहण कर: क्योंकि परमेश्वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है, और मेरे पास बहुत है। जब उसने उस को दबाया, तब उस ने भेंट को ग्रहण किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 1-2
  • 1 तिमुथियुस 3



मंगलवार, 22 अक्टूबर 2019

प्रेम



      मेरे पसंदीदा चर्चों में से एक ऐसा है जो अनेकों वर्ष पहले उन कैदियों के लिए आरंभ किया गया था जो जेल से छूटने के बाद समाज में पुनः स्थापित होने के प्रयास और प्रक्रिया में थे। आज वह चर्च काफी बढ़ चुका है, और उसमें समाज के सभी वर्गों के लोग आते हैं। मुझे वह चर्च इसलिए पसन्द है क्योंकि वह मुझे ध्यान करवाता है कि स्वर्ग कैसा होगा -  विभिन्न प्रकार के लोगों से भरा हुआ, वे सभी लोग जो पापों के दासत्व से प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास और उससे मिलने वाली पापों की क्षमा के द्वारा छुड़ाए गए हैं, और सभी परस्पर प्रभु के प्रेम के द्वारा बंधे हुए हैं।

      किन्तु कभी-कभी मुझे लगता है कि क्या चर्च वास्तव में पापों से क्षमा पाए हुए लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल है अथवा कुछ लोगों का विशिष्ट ‘क्लब’ है; क्योंकि स्वाभाविक रीति से कुछ विशेष स्वभाव एवँ रुचि के लोग एक-दूसरे के साथ एकत्रित होने लगते हैं क्योंकि वे उनके साथ अधिक सुविधाजनक अनुभव करते हैं, और अन्य लोग फिर अपने आप को अलग पड़ा हुआ अनुभव करते हैं। परन्तु जब प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि “मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो” (यूहन्ना 15:12), तो उनका अभिप्राय इस प्रकार के गुट बनाने का कदापि नहीं था। प्रभु की कलीसिया, उसके चर्च को, उसके प्रेम का प्रगटिकर्ण होना था जिसमें सभी जन परस्पर प्रेम में बंधे हुए साथ रहें।

      यदि दुखी, उपेक्षित लोगों को प्रभु यीशु मसीह में क्षमा, सांतवना और शरण मिल सकती है, तो उनका प्रभु की कलीसिया से इससे कुछ भी कम की अपेक्षा रखना कैसे संभव है? इसलिए हमें सभी के प्रति प्रभु यीशु के प्रेम को प्रदर्शित करना है – विशेषकर उनके प्रति जो हमारे समान स्वभाव या रुचि नहीं भी रखते हों। हमारे चारों ओर ऐसे अनेकों लोग हैं जिनके प्रति, प्रभु की अपेक्षा है कि हम उन से प्रेम रखें, उन पर प्रभु के प्रेम को प्रगट करें। यह कितने आनन्द का समय होता है जब लोग मिलकर प्रभु की आराधना करते हैं; परस्पर और प्रभु के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं, और प्रभु के प्रेम को एक दूसरे के साथ बाँटते हैं। यह पृथ्वी पर स्वर्ग के आनन्द को चखने के लिए प्रभु द्वारा हमारे लिए किया गया प्रावधान है। - जो स्टोवैल

प्रभु यीशु के प्रेम को एक-दूसरे के साथ बाँटें।

मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो। - यूहन्ना 13:34

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:9-17
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2



सोमवार, 21 अक्टूबर 2019

सुरक्षा-स्थान



      मेरी बेटी और मैं एक पारिवारिक उत्सव में जाने की तैयारीयां कर रहे थे। क्योंकि वह यात्रा के विषय घबरा रही थी, इसलिए मैंने कार चलाने की पेशकश की। उसने सहमत होते हुए कहा, “ठीक है; परन्तु मुझे अपनी कार में अधिक सुरक्षित लगता है। क्या आप उसे चला सकते हैं?” मुझे लगा कि मेरी छोटी कार की अपेक्षा उसकी अपनी बड़ी कार में अधिक स्थान होने के कारण उसने यह कहा; इसलिए मैंने उससे पूछा, “क्या मेरी कार तुम्हें छोटी और असुविधाजनक लगती है?” उसने उत्तर दिया, “नहीं; किन्तु बस मुझे अपनी कार अपना सुरक्षा स्थान प्रतीत होता है; मुझे वह अधिक सुरक्षित लगती है।”

      उसकी इस बात ने मुझे अपने व्यक्तिगत सुरक्षित स्थान के विषय विचार करने के लिए विवश किया। तुरंत ही मेरा ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 18:10 की ओर गया, जहाँ लिखा है, “यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।” पुराने नियम के समय में, किसी शहर की शहर-पनाह और पहरे की मीनार बाहर से आने वाले खतरे के प्रति सचेत करने और शहर के अन्दर रहने वाले निवासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए होते थे। नीतिवचन के लेखक का अभिप्राय यह था कि परमेश्वर का नाम, जो उसके चरित्र, व्यक्तित्व, तथा जो कुछ भी वह है, उसका प्रतीक है, उसके लोगों के लिए सच्ची सुरक्षा प्रदान करता है।

      कुछ परिस्थितियों में कुछ ऐसे स्थान होते हैं जो वाँछित सुरक्षा प्रदान करते हैं; जैसे कि किसी तूफ़ान के समय में एक दृढ़ छत; बीमारी के समय में अस्पताल; दुःख के समय में किसी प्रिय जन का आलिंगन और सांतवना, आदि।

      आज आपका ‘सुरक्षा-स्थान’ क्या है? हम जहाँ भी अपनी सुरक्षा को खोजें, उस स्थान में परमेश्वर की उपस्थिति ही है जो हम मसीही विश्वासियों को वह आवश्यक बल और सुरक्षा प्रदान करती है, जिसकी हमें आवश्यकता है। हमारा ‘सुरक्षा-स्थान’ प्रभु परमेश्वर ही है। - एलीसा मौरगन

जीवन के तूफानों में परमेश्वर ही सुरक्षा स्थान होता है।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: नीतिवचन 18:10-11
Proverbs 18:10 यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
Proverbs 18:11 धनी का धन उसकी दृष्टि में गढ़ वाला नगर, और ऊंचे पर बनी हुई शहरपनाह है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1



रविवार, 20 अक्टूबर 2019

सुन्दरता



      मुझे ग्रैंड कैनियन निहारना बहुत अच्छा लगता है। जब भी मैं उस घाटी के किनारे खड़े होकर उसे निहारता हूँ, मुझे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की उस भव्य कृति में कुछ नए अंश दिखाई देते हैं; यह सब मुझे स्तब्ध कर देते हैं। यद्यपि ग्रैंड कैनियन धरती में बने एक बहुत विशाल ‘गढ्ढे’ के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है, फिर भी वह मुझे स्वर्ग के बारे में विचार करने पर विवश करती है।

      एक बार एक बारह वर्षीय लड़के ने बड़ी ईमानदारी से मुझसे पूछा, “क्या स्वर्ग उबाऊ नहीं होगा? क्या आप को नहीं लगता कि सारे समय परमेश्वर की प्रशंसा करते-करते हम थक जाएँगे?” परन्तु जब धरती में बना एक ‘गढ्ढा’ इतना आकर्षक और सुन्दर हो सकता है कि हम उसे निहारते हुए नहीं थकते हैं, तो हम उस आनन्द की तो केवल कल्पना ही कर सकते हैं जब हम सृष्टि और उसकी सारी सुन्दरता के स्त्रोत, हमारे प्रेमी स्वर्गीय पिता परमेश्वर को देखेंगे – एक नई सृष्टि की अद्भुत कारीगरी के साथ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने इस लालसा को व्यक्त किया जब उसने लिखा, “एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं” (भजन 27:4)। परमेश्वर की उपस्थिति से बढ़कर सुन्दर और कुछ है ही नहीं, जब हम प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के साथ उसके खोजी होते हैं, तो उसकी उपस्थिति में होने की इच्छा हमें इस पृथ्वी पर उसकी ओर खींचती है, और उसे आमने-सामने देखने की लालसा हमारे अन्दर जागृत करती है।

      तब हम अपने अद्भुत प्रभु परमेश्वर की आराधना और सराहना करते हुए कभी नहीं थकेंगे, क्योंकि उसकी भलाईयों और उसके हाथों की सृष्टि के अचरजों का कोई अन्त नहीं होगा, वे सदा नए होते रहेंगे; और उसकी उपस्थिति सदा काल तक हमारे लिए उसकी सुन्दरता और उसके प्रेम का स्तब्ध कर देने वाला प्रगटीकरण करती ही रहेगी। - जेम्स बैंक्स

हमारी सृष्टि अनन्तकाल के लिए परमेश्वर का आनन्द लेने के लिए हुई है।

क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम ले कर अपने हाथ उठाऊंगा। - भजन 63:3-4

बाइबल पाठ: भजन 27:1-4
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3



शनिवार, 19 अक्टूबर 2019

सामर्थी


      उस तेज कड़कड़ाने की धवनि ने मुझे चौंका दिया। उस आवाज़ को पहचानते हुए मैं दौड़ कर रसोई में गई। मैंने गलती से खाली पड़ी कॉफी बनाने वाली मशीन के बटन को चालू कर दिया था। मशीन के तार को बिजली के पलग से निकालकर, मैंने उसे उसके हैंडल से उठाया और उसकी ताली को छूकर देखा कि वह मेज़ पर रखने के लिए कहीं बहुत गरम तो नहीं है। उसकी गरम तली को छूते ही मेरी उंगलियां जल गईं और जहाँ छूआ था वहाँ छाले बन गए।

      जब मेरे पति मेरी उँगलियों की मरहमपट्टी कर रहे थे, तो मैं बैठी सर हिला रही थी। मैं जानती थी कि उसकी तली गरम होगी, “मुझे वास्तव में नहीं पता कि मैंने उसे क्यों छूआ” मैंने कहा।

      यह गलती करने के पश्चात के मेरे इस प्रत्युत्तर ने मुझे पवित्र शास्त्र, परमेश्वर के वचन बाइबल में, पौलुस प्रेरित की प्रतिक्रिया की याद दिलाई, जो उसने एक गंभीर विषय – पाप का स्वभाव, के लिए की थी।

      प्रेरित ने स्वीकार किया कि उसे नहीं पता कि वह उन कामों को क्यों कर देता है जिनके विषय वह जानता है कि उसे नहीं करने चाहिएँ और न ही वह करना चाहता है, फिर भी कर देता है (रोमियों 7:15)। इसकी पुष्टि करते हुए कि पवित्र शास्त्र ही निर्धारित करता है कि क्या सही है और क्या गलत (पद 7), उसने उस जटिल संघर्ष को भी स्वीकार किया जो लगातार पाप के विरुद्ध आत्मा और शरीर में चलता रहता है (पद 15-23)। अपनी दुर्बलताओं को स्वीकार करते हुए, फिर वह अब और सदा काल के लिए विजयी होनी की आशा को प्रस्तुत करता है (पद 24-25)।

      जब हम अपने जीवन प्रभु यीशु मसीह को समर्पित कर देते हैं, तो वह हमें अपनी पवित्र आत्मा देता है, जो हमें सही चुनाव एवँ कार्य करने के लिए सामर्थी करता है (8:8-10)। जब हम परमेश्वर पवित्र आत्मा की अगुवाई में परमेश्वर के वचनों का पालन करते हैं, तो हम उस झुलसाने वाले पाप से बच सकते हैं जो हमें उस बहुतायत के जीवन की आशीषों से रोक कर रखता है, जिनकी परमेश्वर ने उन्हें प्रतिज्ञा की है जो उससे प्रेम करते हैं। - जोशील डिक्सन

पवित्र आत्मा अपने प्रेम और अनुग्रह के द्वारा हमें रूपांतरित करता है।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। - 1 कुरिन्थियों 6:19-20

बाइबल पाठ: रोमियों 7:14-25
Romans 7:14 क्योंकि हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्तु मैं शरीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूं।
Romans 7:15 और जो मैं करता हूं, उसको नहीं जानता, क्योंकि जो मैं चाहता हूं, वह नहीं किया करता, परन्तु जिस से मुझे घृणा आती है, वही करता हूं।
Romans 7:16 और यदि, जो मैं नहीं चाहता वही करता हूं, तो मैं मान लेता हूं, कि व्यवस्था भली है।
Romans 7:17 तो ऐसी दशा में उसका करने वाला मैं नहीं, वरन पाप है, जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:18 क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
Romans 7:19 क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता वही किया करता हूं।
Romans 7:20 परन्तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।
Romans 7:21 सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है।
Romans 7:22 क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
Romans 7:23 परन्तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
Romans 7:24 मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?
Romans 7:25 मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2


शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2019

सामना



      सदियों से युद्ध और लड़ाईयाँ झेल रहे यरूशलेम शहर का वर्तमान आधुनिक भाग, उसके अपने ही मलबे पर बना हुआ है। जब हम पारिवारिक भ्रमण पर यरूशलेम गए हुए थे , तो हम ‘विया डोलोरोसा’ अर्थात पीड़ा के मार्ग पर से भी होकर चले, जिसके लिए कहा जाता है कि प्रभु यीशु मसीह अपने क्रूस को उठाए हुए, अपने बलिदान के लिए इसी मार्ग से होकर गए थे। हमारे भ्रमण का वह दिन बहुत गर्म था, इसलिए हम विश्राम के लिए रुके और वहाँ स्थित एक मठ के ठन्डे निचले भाग में गए। वहाँ मैं मार्ग पर लगाए जाने वाले पुराने पत्थरों को देखकर विचलित हुआ, जिन्हें अभी हाल ही में खुदाई करके निकाला गया था। उन पत्थरों में से कुछ पर रोमी सैनिकों द्वारा खेले जाने वाले खेल खुदे हुए थे।

      उन पत्थरों ने, चाहे वे प्रभु यीशु के समय के बाद रहे होंगे, मुझे उस समय अपने आत्मिक जीवन के बारे में विचार करने पर बाध्य किया। जैसे कोई ऊबा हुआ रोमी सैनिक, अपना समय बिताने के लिए पत्थरों से खेलता था, मैं भी उस समय में औरों तथा परमेश्वर के प्रति उदासीन और लापरवाह हो गया था, और उसके प्रति महज़ औपचारिकता सी निभा रहा था। मैं इस बात का एहसास करके, कि जहाँ मैं खड़ा था वहाँ और उसके पास के स्थानों पर प्रभु यीशु को मारा गया, उसका उपहास किया गया, उसे अपमानित किया गया, और उसे गालियाँ दी गईं; और उसने यह सब इसलिए सह लिया जिससे वह मेरी सभी असफलताओं और परमेश्वर के विरुद्ध किए गए कार्यों के निवारण का मार्ग बना कर दे सके, बहुत द्रवित हुआ।

      परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं” (यशायाह 53:5)।

      उन पत्थरों से हुआ मेरा सामना आज भी मुझ से प्रभु यीशु के अनुग्रह के बारे में, जो मेरे सभी पापों से कहीं अधिक बढ़कर है, बातें करता है; मेरे प्रति उसके महान अवर्णनीय प्रेम को स्मरण करवाता है। - डेविड मैक्कैस्लैंड

हमारे पाप बहुत अधिक हैं; परमेश्वर का प्रेम और अनुग्रह उनसे भी कहीं अधिक है।

क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? – रोमियों 5:10

बाइबल पाठ: यशायाह 53:1-6
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1



गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019

प्रभाव



      वॉशिंगटन डीसी में राष्ट्रीय कला संग्रहालय में विचारण करते हुए मैंने एक उत्तम कलाकृति, “द विंड” देखी। उस चित्र में जंगल के इलाके में आई हुई आँधी को दिखाया गया था। लंबे, पतले पेड़, बाईं ओर झुके हुए थे; झाड़ियाँ भी उसी ओर गिर रही थीं।

      इससे भी अधिक प्रबल रीति से परमेश्वर का पवित्र आत्मा मसीही विश्वासियों को परमेश्वर की भलाई तथा सत्य की दिशा में मोड़ सकता है। यदि हम पवित्र आत्मा के अनुसार चलेंगे तो हम और अधिक साहसी तथा प्रेमी बनते जाएँगे। साथ ही हम अपनी लालसाओं की पूर्ति और उनके प्रति व्यवहार में भी और अधिक समझदार होते चले जाएँगे (2 तिमुथियुस 1:7)।

      कुछ परिस्थितियों में पवित्र आत्मा हमें आत्मिक बढ़ोतरी एवँ परिवर्तन की ओर उकसाता है; हो सकता है कि हम उसके इस उकसाने के लिए प्रत्युत्तर में “नहीं” कह देते हों। बारम्बार उसके इस उकसाने का इन्कार करने को आत्मा को “बुझाना” कहा गया है (1 थिस्सलुनीकियों 5:19)। यदि हम ऐसा करते रहते हैं, तो कुछ समय पश्चात, आत्मिक संवेदनहीनता के कारण, जो कभी हमें गलत लगता था, वह फिर उतना बुरा लगाना बन्द हो जाता है।

      जब परमेश्वर के साथ हमारा संबंध दूर का और टूटा हुआ लगने लगे, तो इसका कारण हमारा बारंबार पवित्र आत्मा को “नहीं” कहते रहना हो सकता है। यह जितना लंबे समय तक ज़ारी रहेगा, उतना कठिन समस्या की जड़ को पहचानना होता जाएगा। किन्तु हम परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी हो सकते हैं क्योंकि उसने अपने वचन बाइबल में हमें आश्वासन दिया है कि हम जब भी उससे अपने पापों की क्षमा मांगेगे और सच्चे मन से उनके लिए पश्चाताप करेंगे, वह हमें क्षमा करके हम में पवित्र आत्मा के प्रभाव और सामर्थ्य को बहाल कर देगा। परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको आपके पापों के लिए कायल करे, और आप लौट कर उसके प्रभाव में आ सकें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट

पवित्र आत्मा के प्रति समर्पित होने से हम सही जीवन जीने की ओर बढ़ते हैं।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5:15-24
1 Thessalonians 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्‍पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्‍टा करो।
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो।
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो।
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।
1 Thessalonians 5:19 आत्मा को न बुझाओ।
1 Thessalonians 5:20 भविष्यद्वाणियों को तुच्‍छ न जानो।
1 Thessalonians 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।
1 Thessalonians 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
1 Thessalonians 5:23 शान्‍ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।
1 Thessalonians 5:24 तुम्हारा बुलाने वाला सच्चा है, और वह ऐसा ही करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 50-52
  • 1 थिस्सलुनीकियों 5



बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

साक्षी



      जे बफ्टन ने अपने कमरे को प्रकाशस्तंभ बना दिया था। बावन वर्ष का वह पति, हाई-स्कूल का अध्यापक, और खेल प्रशिक्षक, कैंसर से पीड़ित था और मर रहा था; परन्तु उसका कमरा, कमरा संख्या 5020, मित्रों, परिवार जनों, और अस्पताल के कर्मचारियों के लिए आशा का ज्योति-स्तंभ बन गया था। उसके आनन्दित रहने वाले रवैये और प्रभु यीशु मसीह में दृढ़ विश्वास के कारण, अस्पताल के नर्सें भी जे के इलाज के लिए उसके साथ लगाई जाने की इच्छा रखती थीं। कुछ तो अपना कार्य समाप्त होने के बाद उससे मिलने आती थीं।

      यद्यपि उसका कभी सबल रहने वाला शरीर अब दुर्बल होता जा रहा था, फिर भी वह सब का अभिनन्दन मुस्कराहट और प्रोत्साहन के साथ किया करता था। एक मित्र ने कहा, “मैं जब भी जे के पास जाता था, वह उत्साहित, सकारात्मक, और आशा से भरा हुआ रहता था। कैंसर और मृत्यु का प्रत्यक्ष सामना करते हुए भी, वह अपने मसीही विश्वास को जी कर दिखा रहा था।

      जे के अंतिम संस्कार के समय, एक वक्ता ने ध्यान दिलाया कि उसके कमरे की संख्या 5020 का विशेष महत्व था। उसने बताया कि परमेश्वर के वचन बाइबल की पहली पुस्तक, उत्पत्ति 50:20 में, यूसुफ अपने भाईयो को संबोधित करते समय कहता है कि यद्यपि उन्होंने उसे दासत्व में बेच दिया था, परन्तु परमेश्वर ने उनके बुरे कार्य को भी भले के लिए प्रयोग कर लिया जिससे बहुतेरों के प्राणों की रक्षा हो सकी। कैंसर जे के जीवन में नाश करने के लिए घुस आया, परन्तु परमेश्वर के हाथों में सब कुछ छोड़कर और इसमें भी परमेश्वर की योजना का ध्यान करने के द्वारा, जे कह सका कि “परमेश्वर ने इसे भी भलाई के लिए प्रयोग किया।” इसीलिए जे कैंसर के द्वारा होने वाले नाश को भी प्रभु यीशु मसीह के बारे में औरों को बताने के लिए प्रयोग कर सका।

      यह कितनी अद्भुत गवाही है; मृत्यु द्वार पर दस्तक दे रही है, परन्तु प्रभु यीशु में विश्वास न केवल अडिग बना हुआ है वरन औरों को प्रोत्साहित कर रहा है, औरों को प्रभु की ओर आकर्षित कर रहा है। हमारे भले और विश्वासयोग्य परमेश्वर में भरोसे तथा उसकी भलाइयों की यह एक महान साक्षी है। - डेव ब्रैनन

परमेश्वर के अनुग्रह से हम अपने सबसे बुरे समय में भी अपनी सर्वोत्तम साक्षी प्रस्तुत कर सकते हैं।

देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्यूब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है। - याकूब 5:11

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 50:15-20
Genesis 50:15 जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, कदाचित यूसुफ अब हमारे पीछे पड़े, और जितनी बुराई हम ने उस से की थी सब का पूरा पलटा हम से ले।
Genesis 50:16 इसलिये उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, कि तेरे पिता ने मरने से पहिले हमें यह आज्ञा दी थी,
Genesis 50:17 कि तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम बिनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्वर के दासों का अपराध क्षमा कर। उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
Genesis 50:18 और उसके भाई आप भी जाकर उसके साम्हने गिर पड़े, और कहा, देख, हम तेरे दास हैं।
Genesis 50:19 यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूं?
Genesis 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 47-49
  • 1 थिस्सलुनीकियों 4