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सोमवार, 30 अप्रैल 2018

विरासत



   बहुत से ब्रिटिश मकान मालिक अभिव्यक्ति “काओबौय बिल्डर्स” का प्रयोग करते हैं, उन व्यावसायिक कार्य करने वालों के लिए जो भवन निर्माण का घटिया काम करते हैं। ऐसे निर्माणकर्ताओं से मिले बुरे अनुभवों के कारण यह अभिव्यक्ति भय और खेद के साथ जुड़ी हुई है।

   निःसंदेह बाइबल काल के प्राचीन समयों में भी ठग बढ़ई, राजमिस्त्री, पत्थर काटने और तराशने वाले होते थे। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र राजा योआश द्वारा परमेश्वर के मंदिर की मरम्मत के कार्य में इस मरम्मत के कार्य को पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करने वालों के संबंध में एक पंक्ति दर्ज है (2 राजा 12:15)।

   किन्तु “जब तक यहोयादा याजक योआश को शिक्षा देता रहा, तब तक वह वही काम करता रहा जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है” (पद 2); राजा योआश ने सही केवल तब तक ही किया जब तक यहोयादा याजक उसका निर्देशन तथा मार्गदर्शन करता रहा। जैसा हम 2 इतिहास 24:17-27 में देखते हैं, यहोयादा की मृत्योपरांत, राजा योआश यहोवा से मुड़कर अन्य देवताओं की उपासना करने लग गया।

   यह मिश्रित विरासत कि जब तक ईश्वरीय भय में रहने और काम करने वाला याजक उसे बताता-सिखाता रहा वह सही मार्ग पर चलकर आशीष पाता रहा, मुझे रुक कर विचार करने पर मजबूर करती है – अपने तथा अपनी अगली पीढ़ी के लिए हमारी विरासत क्या होगी? क्या हम आजीवन अपने विश्वास में बढ़ते और विकसित होते, अच्छे फलों से फलवन्त होते चले जाएँगे तथा अपनी अगली पीढ़ी को भी यही करना सिखाने पाएँगे?

   या हम सँसार की बातों, आकर्षणों, सुख, भौतिकवाद, सांसारिक उपलब्धियों आदि की, तथा अन्य ऐसी “मूर्तियों” की चाह और उपासना में फंसकर प्रभु परमेश्वर की उपासना और मार्गों से दूर हो जाएँगे? हमारी विरासत क्या होगी? – एमी बाउचर पाए


अच्छा जीवन तथा सही आचरण में बने रहने के लिए 
धीरज और आत्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: 2 राजा 12:1-15
2 Kings 12:1 येहू के सातवें वर्ष में योआश राज्य करने लगा, और यरूशलेम में चालीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम सिब्या था जो बेर्शेबा की थी।
2 Kings 12:2 और जब तक यहोयादा याजक योआश को शिक्षा देता रहा, तब तक वह वही काम करता रहा जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है।
2 Kings 12:3 तौभी ऊंचे स्थान गिराए न गए; प्रजा के लोग तब भी ऊंचे स्थान पर बलि चढ़ाते और धूप जलाते रहे।
2 Kings 12:4 और योआश ने याजकों से कहा, पवित्र की हुई वस्तुओं का जितना रुपया यहोवा के भवन में पहुंचाया जाए, अर्थात गिने हुए लोगों का रुपया और जितने रुपये के जो कोई योग्य ठहराया जाए, और जितना रुपया जिसकी इच्छा यहोवा के भवन में ले आने की हो,
2 Kings 12:5 इन सब को याजक लोग अपनी जान पहचान के लोगों से लिया करें और भवन में जो कुछ टूटा फूटा हो उसको सुधार दें।
2 Kings 12:6 तौभी याजकों ने भवन में जो टूटा फूटा था, उसे योआश राजा के तेईसवें वर्ष तक नहीं सुधारा था।
2 Kings 12:7 इसलिये राजा योआश ने यहोयादा याजक, और और याजकों को बुलवा कर पूछा, भवन में जो कुछ टूटा फूटा है, उसे तुम क्यों नहीं सुधारते? अब से अपनी जान पहचान के लोगों से और रुपया न लेना, और जो तुम्हें मिले, उसे भवन के सुधारने के लिये दे देना।
2 Kings 12:8 तब याजकों ने मानलिया कि न तो हम प्रजा से और रुपया लें और न भवन को सुधारें।
2 Kings 12:9 तब यहोयादा याजक ने एक सन्दूक ले, उस के ढकने में छेद कर के उसको यहोवा के भवन में आने वालों के दाहिने हाथ पर वेदी के पास धर दिया; और द्वार की रखवाली करने वाले याजक उस में वह सब रुपया डालते लगे जो यहोवा के भवन में लाया जाता था।
2 Kings 12:10 जब उन्होंने देखा, कि सन्दूक में बहुत रुपया है, तब राजा के प्रधान और महायाजक ने आकर उसे थैलियों में बान्ध दिया, और यहोवा के भवन में पाए हुए रुपये को गिन लिया।
2 Kings 12:11 तब उन्होंने उस तौले हुए रुपये को उन काम कराने वालों के हाथ में दिया, जो यहोवा के भवन में अधिकारी थे; और इन्होंने उसे यहोवा के भवन के बनाने वाले बढ़इयों, राजों, और संगतराशों को दिये।
2 Kings 12:12 और लकड़ी और गढ़े हुए पत्थर मोल लेने में, वरन जो कुछ भवन के टूटे फूटे की मरम्मत में खर्च होता था, उस में लगाया।
2 Kings 12:13 परन्तु जो रुपया यहोवा के भवन में आता था, उस से चान्दी के तसले, चिमटे, कटोरे, तुरहियां आदि सोने वा चान्दी के किसी प्रकार के पात्र न बने।
2 Kings 12:14 परन्तु वह काम करने वाले को दिया गया, और उन्होंने उसे ले कर यहोवा के भवन की मरम्मत की।
2 Kings 12:15 और जिनके हाथ में काम करने वालों को देने के लिये रुपया दिया जाता था, उन से कुछ हिसाब न लिया जाता था, क्योंकि वे सच्चाई से काम करते थे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-9
  • लूका 21:1-19



रविवार, 29 अप्रैल 2018

सुगंध



   पाँच इन्द्रियों में से कौन सी है जो आपको आपकी बीती बातों को सबसे अधिक प्रभावी रीति से स्मरण करवाती है? मेरे लिए तो निःसंदेह यह सूँघने की शक्ति है। धूप में जाने से पहले लगाए जाने वाले तेलों में से एक की गंध मुझे तुरंत फ्रांस के एक समुद्रतट की यादों में ले जाती है। भोजन की कुछ गंध मुझे अपनी दादी के साथ बिताए गए बचपन के दिनों को स्मरण करवा देती है; दाढ़ी बनाने के बाद लगाए जाने वाले आफ्टर-शेव के एक प्रकार की गंध मुझे अपने पुत्र की किशोरावस्था की याद दिलाती है, और देवदार के पेड़ों की गंध मुझे क्रिसमस की याद दिलाती है। इसी प्रकार से अनेकों गंध हैं जो हमें जीवन के विभिन्न भागों और घटनाओं की याद दिलाती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस ने कुरिन्थियों को स्मरण करवाया कि वे सँसार के समक्ष मसीह यीशु की गंध हैं: “क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं” (2 कुरिन्थियों 2:15)। पौलुस ने जब यह लिखा वह समय इस्राएल पर रोमी साम्राज्य का शासन था, और रोमी जब भी किसी सैनिक अभियान से जयवंत होकर लौटते थे तो विजय जलूस का आयोजन किया जाता था, जिसमें सबको इस बात से अवगत करवाने के लिए कि वे विजयी होकर लौटे हैं, सारे शहर में स्थान-स्थान पर धूप और सुगन्धित द्रव्य जलाए जाते थी। विजयी लोगों के लिए वह सुगंध आनन्द और उत्सव की सूचक थी, परन्तु वही गंध पराजित होकर बंधुआ बनाकर लाए लोगों के लिए आजीवन दासत्व अथवा मृत्युदण्ड की सूचक होती थी। हम मसीही विश्वासी, अपने नायक प्रभु यीशु के द्वारा शैतान और पाप पर अनन्तकाल के लिए विजयी लोग हैं, मृत्यु पर स्वर्ग की विजय के उत्सव में हैं; और जब हमारे द्वारा प्रभु यीशु मसीह का यह सुसमाचार सँसार के लोगों के सामने प्रचार किया जाता है तो यह परमेश्वर को भावती हुई सुगंध होता है।

   मसीह यीशु की गंध होने के नाते, हम सँसार के सामने अपने जीवनों द्वारा क्या सुगंध प्रस्तुत करते हैं? यह वह सुगंध नहीं है जिसे किसी बोतल अथवा या डिब्बे में खरीदा जा सकता है। यह हमारे आचरण और व्यवहार की गंध है। जब हम किसी के साथ अधिक समय बिताने लगते हैं, तब हमारे जीवन उसके गुणों को भी दिखाने लग जाते हैं – हम उसी के समान बर्ताव, बातचीत के भाव और शब्द, हाव-भाव और मुद्राएं अपनाने लग जाते हैं।

   प्रभु यीशु के साथ बिताया गया हमारा समय हमारे जीवनों में परिवर्तन लाता है, हमें उसके स्वरूप में ढालता है, और हम अपने चारों ओर उसकी मनोहर सुगंध को फैलाने पाते हैं। - मेरियन स्ट्राउड


जब हम प्रभु परमेश्वर की संगति में रहेंगे, तो लोग इसे जानने भी पाएँगे।

प्रभु तो आत्मा है: और जहां कहीं प्रभु का आत्मा है वहां स्‍वतंत्रता है। परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:17-18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:14-17
2 Corinthians 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्‍सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्‍ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।
2 Corinthians 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं।
2 Corinthians 2:16 कितनो के लिये तो मरने के निमित्त मृन्यु की गन्‍ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्‍ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
2 Corinthians 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 6-7
  • लूका 20:27-47



शनिवार, 28 अप्रैल 2018

अद्भुत प्रेम



   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड के प्रमुख ऐतिहासिक कार्यों में से अंतिम कार्यों का एज्रा और नहेम्याह की पुस्तकों में वर्णन दिया गया है, जब परमेश्वर ने इस्राएलियों को बंधुआई से लौट कर वापस आने और यरूशलेम के पुनःनिर्माण करने तथा वहाँ बस जाने के योग्य किया। दाऊद का नगर पुनः यहूदी परिवारों से भर गया, एक नया मंदिर बनाया गया, शहरपनाह की मरम्मत की गई।

   बाइबल के पुराने नियम के ऐतिहासिक क्रम में, इस पुनर्स्थापन तथा पुनर्निर्माण के बाद, मलाकी की पुस्तक आती है। मलाकी भविष्यद्वक्ता संभवतः नहेम्याह का समकालीन था, और उसकी पुस्तक के साथ पुराने नियम का पटाक्षेप होता है। ध्यान कीजिए कि मलाकी की पुस्तक का आरंभ कैसे होता है – परमेश्वर इस्राएलियों के सामने उनके प्रति अपने प्रेम की बात कहता है, “यहोवा यह कहता है, मैं ने तुम से प्रेम किया है...”, और तुरंत ही वे इस्राएली प्रत्युत्तर में परमेश्वर से कहते हैं, “...तू ने किस बात में हम से प्रेम किया है?...” (मलाकी 1:2)।

   कितनी विचित्र है यह बात। उन इस्राएलियों का इतिहास इस बात का प्रमाण था कि परमेश्वर ने सैंकड़ों वर्षों से उनकी बातों और अनाज्ञाकारिता को बहुत सहन किया था, उसके प्रति उनके विमुख होने के बावजूद परमेश्वर उनकी देखभाल करता आया था उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करता आया था, उन्हें सुरक्षा प्रदान करता आया था। उन लोगों ने बारंबार परमेश्वर के लौकिक एवं अलौकिक कार्यों को देखा तथा अनुभव किया था, परन्तु फिर भी अब वह परमेश्वर के प्रेम के प्रति प्रश्न उठा रहे थे। मलाकी की पुस्तक जैसे जैसे आगे बढ़ती है, मलाकी लोगों को उनकी अविश्वासयोग्यता के बारे में, परमेश्वर के प्रति व्यवहार के उनके ऐतिहासिक नमूने के बारे में स्मरण करवाता है (पद 6-8) – वे परमेश्वर के प्रावधानों पर निर्भर थे, फिर भी थोड़े ही समय में उसके अनाज्ञाकारी हो जाते थे, जिसके लिए स्मरण दिलाने के बावजूद न सुधरने पर परमेश्वर को उन्हें अनुशासित करना पड़ता था, तब वे परमेश्वर की ओर लौटते और थोड़े समय बाद यही चक्र दोबारा आरंभ हो जाता था।

   परन्तु अब एक नई व्यवस्था का समय आ रहा था, जिसके विषय मलाकी 4:5-6 में संकेत दिया गया है। जगत के अन्त और न्याय से पहले मसीहा आने वाला था। आते समय में परमेश्वर के उस उद्धारकर्ता की आशा था जो अपने प्रेम में होकर एक ही बार सारे जगत के पापों के लिए अपने आप को बलिदान करेगा, सारे सँसार के सभी लोगों के लिए मुक्ति और उद्धार, परमेश्वर के साथ मिल-मिलाप तथा संगति का मार्ग बनाकर देगा।

   वह मसीहा आ गया – प्रभु यीशु मसीह; वह अद्भुत प्रेम जो मलाकी में भविष्य की आशा था, अब आज हमारे लिए यथार्थ है, उपलब्ध है! अपने अनन्त उज्जवल भविष्य के लिए उसके इस अद्भुत प्रेम पर संदेह नहीं विश्वास कीजिए, उसे थाम लीजिए। - डेव ब्रैनन


जो प्रभु यीशु में विश्वास लाते हैं, वे अनन्त जीवन के वारिस हैं।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: मलाकी 1:1-10; 4:5-6
Malachi 1:1 मलाकी के द्वारा इस्राएल के विषय में कहा हुआ यहोवा का भारी वचन।
Malachi 1:2 यहोवा यह कहता है, मैं ने तुम से प्रेम किया है, परन्तु तुम पूछते हो, तू ने किस बात में हम से प्रेम किया है? यहोवा की यह वाणी है, क्या ऐसाव याकूब का भाई न था?
Malachi 1:3 तौभी मैं ने याकूब से प्रेम किया परन्तु ऐसाव को अप्रिय जान कर उसके पहाड़ों को उजाड़ डाला, और उसकी बपौती को जंगल के गीदड़ों का कर दिया है।
Malachi 1:4 एदोम कहता है, हमारा देश उजड़ गया है, परन्तु हम खण्डहरों को फिर कर बसाएंगे; सेनाओं का यहोवा यों कहता है, यदि वे बनाए भी, परन्तु मैं ढा दूंगा; उनका नाम दुष्ट जाति पड़ेगा, और वे ऐसे लोग कहलाएंगे जिन पर यहोवा सदैव क्रोधित रहे।
Malachi 1:5 तुम्हारी आंखे इसे देखेंगी, और तुम कहोगे, यहोवा का प्रताप इस्राएल के सिवाने की परली ओर भी बढ़ता जाए।
Malachi 1:6 पुत्र पिता का, और दास स्वामी का आदर करता है। यदि मैं पिता हूं, तो मेरा आदर मानना कहां है? और यदि मैं स्वामी हूं, तो मेरा भय मानना कहां? सेनाओं का यहोवा, तुम याजकों से भी जो मेरे नाम का अपमान करते हो यही बात पूछता है। परन्तु तुम पूछते हो, हम ने किस बात में तेरे नाम का अपमान किया है? तुम मेरी वेदी पर अशुद्ध भोजन चढ़ाते हो।
Malachi 1:7 तौभी तुम पूछते हो कि हम किस बात में तुझे अशुद्ध ठहराते हैं? इस बात में भी, कि तुम कहते हो, यहोवा की मेज तुच्छ है।
Malachi 1:8 जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लंगड़े वा रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा वा तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Malachi 1:9 और अब मैं तुम से कहता हूं, ईश्वर से प्रार्थना करो कि वह हम लोगों पर अनुग्रह करे। यह तुम्हारे हाथ से हुआ है; तब क्या तुम समझते हो कि परमेश्वर तुम में से किसी का पक्ष करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Malachi 1:10 भला होता कि तुम में से कोई मन्दिर के किवाड़ों को बन्द करता कि तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ आग जलाने न पाते! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है, मैं तुम से कदापि प्रसन्न नहीं हूं, और न तुम्हारे हाथ से भेंट ग्रहण करूंगा।
Malachi 4:5 देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहिले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूंगा।
Malachi 4:6 और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 3-5
  • लूका 20:1-26



शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

अनिश्चित – निश्चित



   हमारा पुत्र एक व्यावसायिक मछुआरा है। कुछ समय पहले उसने हमें मछली पकड़ने जाने के समय की एक फोटो भेजी, जिसमें उनकी नौका से कुछ आगे एक अन्य छोटी नौका दो चट्टानों के मध्य स्थित संकरे जल-मार्ग से होकर निकल रही है, क्षितिज पर आते हुए तूफ़ान का अंदेशा देने वाले काले घने बादल छाए हुए हैं, और उस छोटी नौका के ऊपर, एक से दूसरी चट्टान तक एक मेघधनुष खिला हुआ है, मानो परमेश्वर के प्रेम, सुरक्षा, और देखभाल के विषय उस छोटी नौका के नाविकों को आश्वस्त कर रहा हो।

   मुझे लगा कि यह फोटो, इस धरती की हमारी जीवन यात्रा को प्रतिबिंबित करती है, जहाँ हम अनजाने भविष्य की ओर जा रहे हैं, परिस्थितयों और परेशानियों की चट्टानें तथा तूफ़ान हमारे आस-पास हैं, परन्तु साथ ही परमेश्वर के लगातार बनी हुई उपस्थिति तथा देख-भाल का प्रत्यक्ष आश्वासन भी हमारे साथ है।

   प्रभु यीशु के शिष्यों को भी प्रभु के साथ होते हुए तूफ़ान का सामना करना पड़ा था, और प्रभु ने उस अवसर का सदुपयोग करते हुए उन्हें परमेश्वर की सामर्थ्य तथा विश्वासयोग्यता के विषय बहुमूल्य शिक्षा प्रदान की थी (मत्ती 8:23-27)। हम जीवन की अनिश्चितताओं के लिए उत्तर खोजते हैं। हम भविष्य को और निकट आते हुए देखते हैं, और सोचते हैं कि वहाँ हमारे लिए क्या रखा हुआ है? धर्मनिष्ठ कवि जौन केबले ने अपनी एक कविता में इस भाव को लिया और कहा, “यह देखने की प्रतीक्षा में हूँ कि परमेश्वर क्या करेगा।”

   हमारी आयु चाहे कुछ भी हो, जवान हों अथवा बूढे, हम सब के सामने, हमारी दृष्टि में अनिश्चित भविष्य है। परन्तु स्वर्ग से परमेश्वर का आश्वासन है कि प्रत्येक परोस्थिति और परेशानी में उसकी भलाई और सुरक्षा हमारे चारों ओर बनी रहती है। हम भरोसे के साथ उस अनिश्चित प्रतीत होने वाले भविष्य में से भी निश्चित भलाई के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं।


हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता से ढांपे हुए 
अनिश्चित लगने वाले भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यिर्मयाह 29:11

बाइबल पाठ: मत्ती 8:23-27
Matthew 8:23 जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
Matthew 8:24 और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
Matthew 8:25 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं।
Matthew 8:26 उसने उन से कहा; हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो? तब उसने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया।
Matthew 8:27 और लोग अचम्भा कर के कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 1-2
  • लूका 19:28-48



गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

समझें और जानें



   मुझे संग्रहालयों में जाना वहाँ प्रदर्शित कलाकृतियाँ देखना अच्छा लगता है। विभिन्न कलाकारों द्वारा बनाई गई वे कलाकृतियाँ असाधारण तथा स्तब्ध कर देने वाली होती हैं। परन्तु कोई-कोई कलाकृति मुझे उलझन में डाल देती है, क्योंकि मैं उसे समझ नहीं पाता हूँ। मुझे वह कलाकृति नहीं, चित्रपटल पर लगाए गए रंगीन धब्बे अधिक प्रतीत होते हैं – यद्यपि कलाकार अपनी कला में माहिर है, और जो उसने बनाया है वह उस संग्रहालय की साख और गरिमा के अनुसार उत्कृष्ट है, परन्तु मुझे जो मैं देख रहा हूँ उसके बारे में कुछ पता नहीं चल पाता है।

   कभी-कभी यही बात परमेश्वर के वचन बाइबल को लेकर लोगों के साथ भी होती है। पवित्र-शास्त्र को लेकर लोग अचरज करते हैं, उलझनों का सामना करते हैं, धारणा रखते हैं कि क्या उसे समझ पाना संभव भी है? बाइबल के साथ कहाँ और कैसे आरंभ करें? ऐसे में बाइबल में ही प्रेरित पौलुस के द्वारा लिखवाए गए शब्द हमारा मार्गदर्शन और सहायता करते हैं – “जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें” (रोमियों 15:4)।

   परमेश्वर ने हमें अपना वचन, पवित्र-शास्त्र बाइबल हमारे निर्देश और प्रोत्साहन के लिए दिया है। परमेश्वर ने बाइबल में लिखावाई गई अपने मन की बातों को समझने में सहायता प्रदान करने के लिए अपने अनुयायियों को अपना पवित्र-आत्मा भी दिया है “परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा” (यूहन्ना 16:13)। एक अन्य स्थान पर इस बात की पुष्टि करते हुए पौलुस ने लिखा: “परन्तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं” (1 कुरिन्थियों 2:12)।

   परमेश्वर के पवित्र-आत्मा की सहायता तथा मार्गदर्शन से, हम मसीही विश्वासी पवित्र-शास्त्र बाइबल को निःसंकोच होकर पढ़ सकते हैं, इस विश्वास के साथ कि इसके पृष्ठ तथा लेखों के द्वारा परमेश्वर चाहता है कि हम उसे समझें, निकटता से जानें और उसकी इच्छा के अनुसार चलकर अपने जीवनों को उन्नत कर सकें, अनन्त काला के लाभ प्राप्त कर सकें। - बिल क्राउडर


बाइबल को पढ़कर ही उसके लेखक, परमेश्वर, को जाना जा सकता है।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17

बाइबल पाठ: रोमियों 15:1-6
Romans 15:1 निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें।
Romans 15:2 हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे।
Romans 15:3 क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया, पर जैसा लिखा है, कि तेरे निन्दकों की निन्दा मुझ पर आ पड़ी।
Romans 15:4 जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें।
Romans 15:5 और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो।
Romans 15:6 ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई करो। 

                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27




बुधवार, 25 अप्रैल 2018

बढ़कर



   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में 2 शमूएल नामक पुस्तक का प्रमुख विषय “जीवन गडबड़ी से भरा है” कहा जा सकता है। इस पुस्तक में वर्णित राजा दाऊद के जीवन से संबंधित घटनाओं को लेकर सरलता से टी.वी. के सीरियल्स की एक श्रंखला बनाने की क्षमता है। इस पुस्तक में दाउद द्वारा इस्राएल का राजा स्थापित होने, उसके सैनिक अभियानों और चुनौतियों, उससे संबंधित राजनैतिक षड्यंत्रों तथा परिवार एवँ मित्रगणों द्वारा किए गए विश्वासघात और स्वयं उसके अपने जीवन के अनैतिक कार्यों का वर्णन दिया गया है।

   परन्तु 2 शमूएल के अन्त की ओर पहुंचते समय हम इसी पुस्तक में दाऊद के द्वारा लिखा गया परमेश्वर की करुणा, दया, प्रेम और उससे मिलने वाले छुटकारे का स्तुति गीत भी पाते हैं, जहाँ दाऊद कहता है, “हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अन्धियारे को दूर कर के उजियाला कर देता है” (22:29)। अपनी अनेकों परेशानियों में दाऊद परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे कहा, “तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्वर की सहायता से मैं शहरपनाह को फांद जाता हूँ” (पद 30)।

   संभवतः हम भी दाऊद के समान, उसके द्वारा अनुभव किए गए संघर्षों के साथ अपने आप को जुड़ा हुआ देख सकते हैं, क्योंकि हमारे समान ही वह भी सिद्ध नहीं था; परन्तु वह जानता था कि परमेश्वर उसके जीवन की हर गड़बड़ी से कहीं अधिक बढ़कर है, हर परिस्थति और परेशानी पर नियंत्रण तथा अधिकार रखता है, उन बातों को बदल भी सकता है, और उस स्थिति में अपने लोगों को संभाल कर सुरक्षित भी रख सकता है। इसलिए हम भी दाऊद के साथ कह सकते हैं: “ईश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है” (पद 31)।

   जीवन परेशानियों और परिस्थितियों से भरा हुआ अवश्य हो सकता है, परन्तु हमारा परमेश्वर उन सब से कहीं अधिक बढ़कर है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर के साथ नई शुरुआत करने में कभी कोई विलम्ब नहीं होता है।

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? – भजन 27:1

बाइबल पाठ: 2 शमूएल 22:26-37
2 Samuel 22:26 दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है;
2 Samuel 22:27 शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता; और टेढ़े के साथ तू तिरछा बनता है।
2 Samuel 22:28 और दीन लोगों को तो तू बचाता है, परन्तु अभिमानियों पर दृष्टि कर के उन्हें नीचा करता है।
2 Samuel 22:29 हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अन्धियारे को दूर कर के उजियाला कर देता है।
2 Samuel 22:30 तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्वर की सहायता से मैं शहरपनाह को फांद जाता हूँ।
2 Samuel 22:31 ईश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।
2 Samuel 22:32 यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है?
2 Samuel 22:33 यह वही ईश्वर है, जो मेरा अति दृढ़ क़िला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिये चलता है।
2 Samuel 22:34 वह मेरे पैरों को हरिणियों के से बना देता है, और मुझे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है।
2 Samuel 22:35 वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहां तक कि मेरी बांहें पीतल के धनुष को झुका देती हैं।
2 Samuel 22:36 और तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है।
2 Samuel 22:37 तू मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नहीं फिसले।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 21-22
  • लूका 18:24-43



मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

सुरक्षित



   साहित्य पुस्तकों में मेरा एक पसंदीदा भाग है अंग्रजी के सुप्रसिद्ध उपन्यास David Copperfield में से, जहाँ उपन्यास के नायक, डेविड कॉपरफील्ड की चाची, बेट्सी ट्रॉटवुड, अपने भतीजे डेविड के साथ किए गए अत्याचार और दुर्व्यवहार के लिए डेविड के सौतेले पिता का बड़ी बेबाक और क्रुद्ध होकर सामना करती है।

   जब डेविड कॉपरफील्ड अपनी चाची के घर पहुंचता है, तो उसके पीछे-पीछे, सौतेला पिता मर्डस्टोन भी पहुंच जाता है। बेट्सी बिना घबराए या डरे, मर्डस्टोन के सामने उसके द्वारा किए गए दुर्व्यवहारों की सूची उसे सुनाती है, और उसके द्वारा डेविड के साथ किए गए किसी भी अत्याचार के लिए उसे बचकर निकलने का अवसर नहीं देती है। बेट्सी के आरोप इतने प्रबल और सत्य थे कि मर्डस्टोन, जो सामान्यतः स्वयं बहुत आक्रामक रहता था, बिना कुछ कहे ही वहाँ से चला जाता है। बेट्सी की भलाई और चरित्र की सामर्थ्य के कारण ही डेविड को अन्ततः न्याय मिलने पाता है।

   एक अन्य भी है जो भला और सामर्थी है, और वह एक दिन इस सँसार की सभी बुराईयों को उलट देगा। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि जब प्रभु यीशु इस सँसार में लौट कर आएँगे, तब उनके साथ बलवान स्वर्गदूतों का एक दल भी होगा। वह उन्हें जो क्लेश में हैं चैन देगा, और जिन्होंने उनके लोगों के लिए समस्याएं और कठिनाईयां उत्पन्न की हैं, उन्हें नज़रंदाज़ नहीं करेगा, वरन उनसे सारा हिसाब लेगा (2 थिस्सुलुनीकियों1:6-7)।

   आज हमें सँसार में चाहे कुछ भी भोगना पड़े, सहना पड़े, लेकिन वास्तव में हम अनन्तकाल के लिए सुरक्षित हैं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


एक दिन प्रभु परमेश्वर प्रत्येक गलत को सही कर देगा।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: 2 थिस्सुलुनीकियों1:3-12
2 Thessalonians 1:3 हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।
2 Thessalonians 1:4 यहां तक कि हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्‍ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्‍लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है।
2 Thessalonians 1:5 यह परमेश्वर के सच्चे न्याय का स्‍पष्‍ट प्रमाण है; कि तुम परमेश्वर के राज्य के योग्य ठहरो, जिस के लिये तुम दुख भी उठाते हो।
2 Thessalonians 1:6 क्योंकि परमेश्वर के निकट यह न्याय है, कि जो तुम्हें क्‍लेश देते हैं, उन्हें बदले में क्‍लेश दे।
2 Thessalonians 1:7 और तुम्हें जो क्‍लेश पाते हो, हमारे साथ चैन दे; उस समय जब कि प्रभु यीशु अपने सामर्थी दूतों के साथ, धधकती हुई आग में स्वर्ग से प्रगट होगा।
2 Thessalonians 1:8 और जो परमेश्वर को नहीं पहचानते, और हमारे प्रभु यीशु के सुसमाचार को नहीं मानते उन से पलटा लेगा।
2 Thessalonians 1:9 वे प्रभु के साम्हने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर हो कर अनन्त विनाश का दण्‍ड पाएंगे।
2 Thessalonians 1:10 यह उस दिन होगा, जब वह अपने पवित्र लोगों में महिमा पाने, और सब विश्वास करने वालों में आश्चर्य का कारण होने को आएगा; क्योंकि तुम ने हमारी गवाही की प्रतीति की।
2 Thessalonians 1:11 इसी लिये हम सदा तुम्हारे निमित्त प्रार्थना भी करते हैं, कि हमारा परमेश्वर तुम्हें इस बुलाहट के योग्य समझे, और भलाई की हर एक इच्छा, और विश्वास के हर एक काम को सामर्थ सहित पूरा करे।
2 Thessalonians 1:12 कि हमारे परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह के अनुग्रह के अनुसार हमारे प्रभु यीशु का नाम तुम में महिमा पाए, और तुम उस में।


एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23



सोमवार, 23 अप्रैल 2018

चिरस्थायी वचन



   दूसरे विश्व-युद्ध के आरंभ में, हवाई बमबारी ने पोलैंड के शहर वॉरसौ को बर्बाद कर दिया था। वहाँ के अधिकांश भवन ध्वस्त हो गए थे, सीमेंट के बड़े-बड़े टूटे हुए भाग, पानी के फटे हुए पाईप, टूटे हुए काँच की किरचें शहर भर में चारों ओर बिखरी हुई थीं। लेकिन शहर के एक इलाके में, क्षतिग्रस्त भवनों के मध्य अधिकाँशतः बची हुई एक इमारत अभी भी सर उठाए खड़ी थी – ब्रिटिश और फौरिन बाइबल सोसाईटी का पोलैंड का मुख्यालय। उस इमारत की बची हुई दीवारों में से एक पर अभी भी परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पद पढ़ा जा सकता था “आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी” (मत्ती 24:35)।

   यह प्रभु यीशु द्वारा अपने शिष्यों को, जब उन्होंने जगत के अन्त के चिन्हों के बारे में जानने चाहा था, प्रोत्साहित करने के लिए प्रभु के द्वारा कहे गए कथन का एक भाग था। लेकिन प्रभु के यही शब्द आज हमें हमारी कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत और आशा देते हैं। अपने ध्वस्त सपनों के मलबे में खड़े होकर भी हम परमेश्वर के कभी न बदलें वाले चरित्र, सार्वभौमिकता, और प्रतिज्ञाओं में आश्वासन और भरोसे के द्वारा प्रोत्साहित हो सकते हैं।

   भजनकार ने लिखा, “हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है” (भजन 119:89)। परन्तु बात केवल परमेश्वर के वचन तक ही सीमित नहीं है, इस बात में उसका चरित्र भी सम्मिलित है। इसीलिए भजनकार साथ ही में यह भी कह सक कि “तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है” (पद 90)।

   जीवन में जब हम विध्वंसक परिस्थितियों का सामना करें, तो परमेश्वर के साथ हमारे संबंध के परिप्रेक्ष्य में हम उन्हें या तो निराशाजनक, या फिर आशावान कह सकते हैं। क्योंकि परमेश्वर हमें कभी हमारे हालात पर छोड़ नहीं देगा, इसलिए हम बेधड़क होकर आशावान होना चुन सकते हैं। परमेश्वर का चिरस्थायी वचन हमें उसके कभी न बदलने, कभी न टलने, कभी भी कम न होने वाले प्रेम तथा देखभाल के विषय आश्वस्त करता है। - डेनिस फिशर


हम परमेश्वर के चिरस्थायी वचन पर सदैव भरोसा कर सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 119:89-96
Psalms 119:89 हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
Psalms 119:90 तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
Psalms 119:91 वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे आधीन है।
Psalms 119:92 यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
Psalms 119:93 मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
Psalms 119:94 मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
Psalms 119:95 दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
Psalms 119:96 जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।


एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37



रविवार, 22 अप्रैल 2018

सुनता और जानता



   निकट समय तक, ग्रामीण आयरलैंड के अनेकों कस्बों में घरों के नंबर अथवा पिन कोड का प्रयोग नहीं होता था। इसलिए यदि एक ही नाम के एक से अधिक व्यक्ति उस कस्बे में रहते थे, तो डाक सबसे पहले उस नाम के वहाँ सबसे अधिक समय से रहने वाले व्यक्ति को दी जाती थी, जो उसे पढ़कर यदि उससे संबंधित नहीं होती थी तो अपने से बाद वाले को दे देता था, और इसी प्रकार वह पढ़कर यदि अवश्यक होता था तो अपने से बाद वाले को देता था, जब तक वह पत्र सबके द्वारा पढ़ा जाता हुआ, सही व्यक्ति तक नहीं पहुँच जाता था। डाक वितरण में होने वाली इस गडबड़ी को कम करने के लिए हाल ही में आयरलैंड की सरकार ने पिन कोड प्रणाली को लागू किया है, जिससे डाक वितरण की गड़बड़ियां कम से कम हो सकें।

   हम जब परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, तो कभी-कभी हमें लगता है कि हम अपने आप को परमेश्वर के सम्मुख उतनी भली प्रकार से व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं, जैसा हम व्यक्त करना चाहते हैं; हमें इस प्रक्रिया में सहायता की आवश्यकता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में कहा कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा जो हमारे अन्दर बस्ता है, ऐसे में हमारी सहायता करता है, और वह जो हम व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं, हमारे कराहने को, परमेश्वर पिता के सामने प्रस्तुत करता है: “इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है” (पद 26)। पवित्र आत्मा सदा परमेश्वर पिता की इच्छा के अनुरूप ही प्रार्थना करता है, सदा परमेश्वर की इच्छा से अवगत रहता है, और परमेश्वर पिता पवित्र आत्मा की मनसा जानता है।

   इसलिए हमें प्रोत्साहित रहना चाहिए कि हम जब भी प्रार्थना करते हैं, परमेश्वर हमारी सुनता है, और हमारी प्रत्येक आवश्यकता और मन की गहराई की बात को भली भांति जानता भी है। - मारविन विलियम्स


जब आप अपनी प्रार्थना को शब्दों में व्यक्त नहीं पर पाते हैं, 
परमेश्वर तब भी आपकी प्रार्थनाएं सुनता है।

यहोवा ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; यहोवा मेरी प्रार्थना को ग्रहण भी करेगा। - भजन 6:9

बाइबल पाठ: रोमियों 8:19-27
Romans 8:19 क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है।
Romans 8:20 क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई।
Romans 8:21 कि सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी।
Romans 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।
Romans 8:23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं।
Romans 8:24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा?
Romans 8:25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उस की आशा रखते हैं, तो धीरज से उस की बाट जोहते भी हैं॥
Romans 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
Romans 8:27 और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है।


एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16