ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 30 नवंबर 2017

सूची


   मैं परदेश से वापस घर आने के लिए हवाई-अड्डे पर पहुँचा और विमान-सेवा वालों को अपना पासपोर्ट जाँच के लिए पकड़ाया; उन्होंने अपनी सूची में देखा तो मेरा नाम उस सूची में नहीं था। कारण था कि उपलब्ध सीटों से अधिक का आरक्षण हो रखा था, और मैंने समय से अपने यात्रा करने की पुष्टि नहीं की थी; इसलिए उस विमान से यात्रा करने वालों की अन्तिम सूची में मेरा नाम नहीं था। मेरी उस दिन घर पहुँचने की आशा धाराशाई हो गई।

   इस घटना से मुझे एक और सूची का स्मरण हो आया - जीवन की पुस्तक में लिखे नामों की सूची। परमेश्वर के वचन बाइबल में, लूका 10 अध्याय में हम पाते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को सुसमाचार प्रचार के कार्य के लिए भेजा। जब वे लौट कर आए तो बड़ी प्रसन्नता के साथ उन्होंने प्रभु को अपनी सफलताओं के बारे में बताया। परन्तु प्रभु यीशु ने उनसे कहा, "तौभी इस से आनन्‍दित मत हो, कि आत्मा तुम्हारे वश में हैं, परन्तु इस से आनन्‍दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं" (पद 20)। अर्थात, हमारे आनन्द का विषय हमारी सफलताएं नहीं, वरन हमारा नाम का परमेश्वर की पुस्तक में लिखा हुआ होना चाहिए।

   परन्तु हम निश्चित कैसे हो सकते हैं कि हमारे नाम परमेश्वर की जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं? बाइबल हमें उत्तर देती है: "कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा" (रोमियों 10:9)।

   बाइबल की अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य 21 में यूहन्ना ने उस पवित्र नगर का स्तब्ध कर देने वाला विवरण लिखा है, जिसे परमेश्वर ने मसीह यीशु पर विश्वास करने वालों के लिए बनाया है। विवरण देने के पश्चात यूहन्ना लिखता है: "और उस में कोई अपवित्र वस्तु था घृणित काम करने वाला, या झूठ का गढ़ने वाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्‍तक में लिखे हैं" (प्रकाशितवाक्य 21:27)।

   जीवन की पुस्तक, स्वर्ग में जाने वालों के नामों की परमेश्वर की सूची है। क्या आपका नाम परमेश्वर की इस सूची में है? यदि नहीं तो आज, समय रहते सुनिश्चित कर लीजिए, कहीं ऐन मौके पर बाहर न रह जाएं; क्योंकि फ़िर वहाँ और उसके बाद कोई अवसर नहीं होगा। - लॉरेंस दरमानी


जो प्रभु यीशु के लिए अपने हृदय खोल देते हैं, 
परमेश्वर उनके लिए स्वर्ग के द्वार खोल देता है।

जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्‍वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए? तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ। - मत्ती 7:21-23

बाइबल पाठ: लूका 10:17-24
Luke 10:17 वे सत्तर आनन्द से फिर आकर कहने लगे, हे प्रभु, तेरे नाम से दुष्टात्मा भी हमारे वश में हैं। 
Luke 10:18 उसने उन से कहा; मैं शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरा हुआ देख रहा था। 
Luke 10:19 देखो, मैने तुम्हे सांपों और बिच्छुओं को रौंदने का, और शत्रु की सारी सामर्थ्य पर अधिकार दिया है; और किसी वस्तु से तुम्हें कुछ हानि न होगी। 
Luke 10:20 तौभी इस से आनन्‍दित मत हो, कि आत्मा तुम्हारे वश में हैं, परन्तु इस से आनन्‍दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं।
Luke 10:21 उसी घड़ी वह पवित्र आत्मा में हो कर आनन्द से भर गया, और कहा; हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया: हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा। 
Luke 10:22 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंप दिया है और कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है केवल पिता और पिता कौन है यह भी कोई नहीं जानता, केवल पुत्र के और वह जिस पर पुत्र उसे प्रकट करना चाहे। 
Luke 10:23 और चेलों की ओर फिरकर अकेले में कहा, धन्य हैं वे आंखे, जो ये बातें जो तुम देखते हो देखती हैं। 
Luke 10:24 क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और राजाओं ने चाहा, कि जो बातें तुम देखते हो देखें; पर न देखीं और जो बातें तुम सुनते हो सुनें, पर न सुनीं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 37-39
  • 2 पतरस 2


बुधवार, 29 नवंबर 2017

सहायक


   सुप्रसिद्ध मसीही लेखक सी. एस. ल्यूईस और उनके बड़े भाई वैरन कई वर्षों तक विनयार्ड नामक एक बोर्डिंग स्कूल में रहे और वहाँ उन्होंने बहुत कष्ट झेले क्योंकि उनका हैडमास्टर एक ऐसा क्रूर व्यक्ति था जिसने सबके लिए जीना दूभर कर रखा था। इस अनुभव से निकलने के दशकों बाद भी, वैरन ने अपनी व्यंगात्मक शैली में लिखा, "अब मैं 64 वर्ष से कुछ अधिक आयु का हूँ, और मैं कभी ऐसी परिस्थिति में नहीं पड़ा हूँ जहाँ मुझे इस बात का संतोष नहीं हुआ हो कि उस परिस्थिति में भी मैं विनयार्ड में होने की स्थिति से तो बेहतर ही हूँ।" हम में से अधिकांश अपने जीवनों में कोई न कोई ऐसा कठिन और अंधकारमय अवसर स्मरण कर सकते हैं जिसके कारण हम धन्यवादी हो सकते हैं कि हम उस परिस्थिति से तो फिर भी बेहतर स्थिति में ही हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 40:1-5 में दाऊदे के जीवन का एक ऐसा ही निम्न बिंदु दर्ज किया गया है, जब उसने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उसे छुड़ाया। परमेश्वर ने उसे "सत्यानाश के गढ़हे" और "दलदल की कीच" से निकाला और उसे चट्टान पर स्थिर किया (पद 2)। दाऊद कहता है कि परमेश्वर ने "...मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है..." (पद 3)।

   परन्तु विषाद और निराशा से छुड़ाया जाना यदा-कदा ही एक बार में ही सदा के लिए किया गया कार्य होता हैं। भजन 40 में आगे दाऊद के परमेश्वर से पुनः किए गए आग्रह हैं कि परमेश्वर उसे उसके पाप से और शत्रुओं की धमकियों से छुड़ा ले, उस पर फिर से अपनी करुणा, भलाई, और सत्य को कार्यान्वित करे (पद 11-14)।

   दाऊद के साथ हम भी, अपने जीवन की प्रत्येक स्थिति और कठिनाई में कह सकते हैं: "मैं तो दीन और दरिद्र हूं, तौभी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है" (पद 17)। - डेविड मैक्कैसलैंड


वह जो सारी सृष्टि को संभाले रहता है, आपको कभी नहीं छोड़ेगा।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: भजन 40
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। 
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। 
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो। 
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।
Psalms 40:6 मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता तू ने मेरे कान खोदकर खोले हैं। होमबलि और पापबलि तू ने नहीं चाहा। 
Psalms 40:7 तब मैं ने कहा, देख, मैं आया हूं; क्योंकि पुस्तक में मेरे विषय ऐसा ही लिखा हुआ है। 
Psalms 40:8 हे मेरे परमेश्वर मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूं; और तेरी व्यवस्था मेरे अन्त:करण में बनी है।
Psalms 40:9 मैं ने बड़ी सभा में धर्म के शुभ समाचार का प्रचार किया है; देख, मैं ने अपना मुंह बन्द नहीं किया हे यहोवा, तू इसे जानता है। 
Psalms 40:10 मैं ने तेरा धर्म मन ही में नहीं रखा; मैं ने तेरी सच्चाई और तेरे किए हुए उद्धार की चर्चा की है; मैं ने तेरी करूणा और सत्यता बड़ी सभा से गुप्त नहीं रखी।
Psalms 40:11 हे यहोवा, तू भी अपनी बड़ी दया मुझ पर से न हटा ले, तेरी करूणा और सत्यता से निरन्तर मेरी रक्षा होती रहे! 
Psalms 40:12 क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूं; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिये मेरा हृदय टूट गया।
Psalms 40:13 हे यहोवा, कृपा कर के मुझे छुड़ा ले! हे यहोवा, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर! 
Psalms 40:14 जो मेरे प्राण की खोज में हैं, वे सब लज्जित हों; और उनके मुंह काले हों और वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं। 
Psalms 40:15 जो मुझ से आहा, आहा, कहते हैं, वे अपनी लज्जा के मारे विस्मित हों।
Psalms 40:16 परन्तु जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वह सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों; जो तेरा किया हुआ उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो! 
Psalms 40:17 मैं तो दीन और दरिद्र हूं, तौभी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे मेरे परमेश्वर विलम्ब न कर।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 35-36
  • 2 पतरस 1


मंगलवार, 28 नवंबर 2017

आँकलन


   बहुत पहले, जब दर्पणों या प्रतिबिंबित करने वाली चिकनी सतहों का अविश्कार नहीं हुआ था, लोग अपने आप को बहुत कम देखने पाते थे। यदि कहीं जल एकत्रित हो और उसकी सतह पर हलचल न हो, तब ही लोग अपने प्रतिबिंब को देखने पाते थे। परन्तु दर्पणों के अविश्कार के बाद से यह सब बदल गया, और जब से कैमरे आए तो अपने आप को देखने का आकर्षण एक भिन्न ही स्तर तक पहुँच गया। अब हमारे पास हमारी तसवीरें हैं जो आजीवन हमारे साथ रह सकती हैं और हम कभी भी देख सकते हैं कि आयु के किस समय पर हम कैसे दिखते थे। यह पारिवारिक इतिहास का लेखा और व्यक्तिगत संकलन बनाने के लिए तो अच्छा है, परन्तु यह हमारे आत्मिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अपने आप को कैमरे से देखने के लिए बाहरी रूप से सजाते-संवारते रहने के कारण हम अपने भीतरी स्वरूप के आँकलन को नज़रंदाज़ कर सकते हैं।

   एक स्वास्थ आत्मिक जीवन के लिए आत्म-निरीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। परमेश्वर चाहता है कि हम अपना आँकलन करते रहें जिससे हम जाने-अनजाने में किए गए किसी पाप के दुष्परिणामों से बचे रहें। यह इतना आवश्यक है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में पवित्र आत्मा ने लिखवाया है कि प्रभु-भोज में सम्मिलित होने से पहले यह करना अनिवार्य है (1 कुरिन्थियों 11:28)। इस आँकलन का उद्देश्य न केवल परमेश्वर के साथ अपने संबंध को ठीक करते रहना है, परन्तु यह भी सुनिश्चित करना है कि हम एक दूसरे के साथ ठीक संबंध में बने रहें। प्रभु भोज में भाग लेना प्रभु यीशु मसीह के बलिदान, उसकी तोड़ी गई देह और बहाए गए लहु को स्मरण करना है; यदि हम अपने सहविश्वासियों के साथ मेल-मिलाप का और सही जीवन नहीं जी रहे हैं तो बाइबल हमें प्रभु-भोज में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं देती है।

   अपने पाप, बुराईयों और कमियों को देखने और उनको मान लेने से, उनसे पश्चाताप कर लेने से अन्य मसीही विश्वासियों के साथ हमारी एक-मनता और परमेश्वर के साथ हमारा संबंध स्वस्थ बना रहता है। अपना आँकलन करने से कतराएं नहीं, वरन ऐसा करने को अपने जीवन का नियमित भाग बना लें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब हम परमेश्वर के वचन के दर्पण में अपने आप को देखते हैं,
 तब हम अपने को और स्पष्ट देखने पाते हैं।

अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो। - 2 कुरिन्थियों 13:5

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 11:23-34
1 Corinthians 11:23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली। 
1 Corinthians 11:24 और धन्यवाद कर के उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:25 इसी रीति से उसने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो। 
1 Corinthians 11:27 इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा। 
1 Corinthians 11:28 इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए। 
1 Corinthians 11:29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्‍ड लाता है। 
1 Corinthians 11:30 इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। 
1 Corinthians 11:31 यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्‍ड न पाते। 
1 Corinthians 11:32 परन्तु प्रभु हमें दण्‍ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें। 
1 Corinthians 11:33 इसलिये, हे मेरे भाइयों, जब तुम खाने के लिये इकट्ठे होते हो, तो एक दूसरे के लिये ठहरा करो। 
1 Corinthians 11:34 यदि कोई भूखा हो, तो अपने घर में खा ले जिस से तुम्हार इकट्ठा होना दण्‍ड का कारण न हो: और शेष बातों को मैं आकर ठीक कर दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 33-34
  • 1 पतरस 5


सोमवार, 27 नवंबर 2017

सहायता


   मेरे पति कार्य के सिलसिले में बाहर गए हुए थे, और एक होटल में ठहरे थे। उन्होंने आकर होटल में आराम करना आरंभ ही किया था, कि एक विचित्र से शोर से वे चौंक गए। उन्होंने बाहर गलियारे में निकल कर उस शोर के बारे में जानना चाहा तो पता चला कि साथ के एक कमरे से किसी के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी। उन्होंने होटल के कर्मचारी को कारण देखने के लिए बुलाया, और पाया कि एक व्यक्ति अपने कमरे के बाथरूम में फंस गया है; बाथरूम के दरवाज़े को बन्द करने वाली कुण्डी खराब हो गई थी और वह व्यक्ति दरवाज़ा खोलकर बाहर नहीं आ पा रहा था। अपने आप को अन्दर फंसा हुआ जानकर वह घबरा गया और सहायता के लिए ऊँची आवाज़ से पुकारने लगा।

   कभी कभी जीवन की परिस्थितियों में हम भी अपने आप को फंसा हुआ अनुभव करते हैं, और उन परिस्थितियों से बाहर निकलने का कोई मार्ग दिखाई न देने के कारण कहीं से कोई सहायता पाने के लिए गुहार लगाते हैं। अन्दर फंसे हुए उस व्यक्ति के समान, हमें भी बाहर से मिलने वाली सहायता की आवश्यकता होती है। परन्तु उस बाहर से आने वाली सहायता के लिए हमें यह स्वीकार करना होता है कि हम अपने आप में असहाय हैं। कई बार हम अपनी समस्याओं से निकलने के लिए अपने अन्दर ही समाधान ढूँढने लगते हैं। परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि अनेकों बार हम स्वयं ही अपनी समस्याओं का कारण होते हैं क्योंकि हम अपने मन की इच्छा करना चाहते हैं, और हमारा "मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?" (यिर्मयाह 17:9) जो हमें बुराई और समस्याओं में धकेल देता है।

   परन्तु हमें धन्यवादी रहना चाहिए कि हमारा प्रभु परमेश्वर, "...हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है" (1 यूहन्ना 3:20)। इस कारण वह भली-भांति जानता है कि कब और कैसे हमारी सहायता करनी है। हमारे जीवन की प्रत्येक समस्या की स्थायी और कारगर सहायता परमेश्वर ही से आती है; वही हमारे धोखेबाज़ मन को परिवर्तित कर के स्वच्छ और पवित्र बना सकता है। प्रभु परमेश्वर पर भरोसा रखने और उसकी इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत करने के उद्देश्य से ही हम वास्तव में मुक्त रहेंगे; हर बात, हर परिस्थिति के लिए उस से मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त करते रहेंगे। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर उनका सहायक बनता है जो यह मान लेते हैं कि वे असहाय हैं।

फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं? यिर्मयाह 23:24

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 17:7-14
Jeremiah 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिसने परमेश्वर को अपना आधार माना हो। 
Jeremiah 17:8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा। 
Jeremiah 17:9 मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है? 
Jeremiah 17:10 मैं यहोवा मन की खोजता और हृदय को जांचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात उसके कामों का फल दूं। 
Jeremiah 17:11 जो अन्याय से धन बटोरता है वह उस तीतर के समान होता है जो दूसरी चिडिय़ा के दिए हुए अंडों को सेती है, उसकी आधी आयु में ही वह उस धन को छोड़ जाता है, और अन्त में वह मूढ़ ही ठहरता है। 
Jeremiah 17:12 हमारा पवित्र आराधनालय आदि से ऊंचे स्थान पर रखे हुए एक तेजोमय सिंहासन के समान है।
Jeremiah 17:13 हे यहोवा, हे इस्राएल के आधार, जितने तुझे छोड देते हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से भटक जाते हैं उनके नाम भूमि ही पर लिखे जाएंगे, क्योंकि उन्होंने बहते जल के सोते यहोवा को त्याग दिया है। 
Jeremiah 17:14 हे यहोवा मुझे चंगा कर, तब मैं चंगा हो जाऊंगा; मुझे बचा, तब मैं बच जाऊंगा; क्योंकि मैं तेरी ही स्तुति करता हूँ।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 30-32
  • 1 पतरस 4


रविवार, 26 नवंबर 2017

धन्यवादी


   जब हमारे बच्चे छोटे ही थे, तो उन में से एक ने, रात्रि के खाने के समय जब उसे मटर की सबज़ी परोसी गई, दृढ़ आवाज़ में कहा "नहीं"। उसके यह कहने पर हमने उससे पूछा, "क्या नहीं?" हमारी अपेक्षा थी कि वह कहेगा, "नहीं चाहिए; धन्यवाद"; परन्तु उसने कहा, "नहीं मटर नहीं चाहिएं!" उसके इस प्रत्युत्तर से अच्छे आचरण पर एक चर्चा आरंभ हो गई। इसी प्रकार, अच्छे व्यवहार के विषय में अनेकों बार चर्चाएं हमारे परिवार में हो चुकी हैं।

   हमारा प्रभु परमेश्वर हमें स्मरण करवाता है कि अच्छे आचरण के अतिरिकत - जो कि बाह्य होता है, हमारे अन्दर एक धन्यवादी हृदय भी होना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्जनों बार स्मरण करवाया गया है कि परमेश्वर से हमारे संबंध में धन्यवादी होना हमारे लाभ के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। भजन 118 का आरंभ तथा अन्त इस आग्रह से होता है, "यहोवा का धन्यवाद करो" (पद 1, 29)। जब भी हम प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति में आएं, हम धन्यवादी हृदय के साथ आएं (भजन 100:4)। जो निवेदन हम उससे करें, उन्हें भी धन्यवाद के साथ प्रस्तुत करें (फिलिप्पियों 4:6)। यह धन्यवादी रवैया हमें प्रभु परमेश्वर से मिलती रहने वाली अनगिनित आशीषों को स्मरण करवाता रहेगा, उसमें हमारे विश्वास को सुदृढ़ बनाए रखेगा, और हमें स्मरण करवाता रहेगा कि हमारी समस्याओं और कष्टों के समय में भी परमेश्वर की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है।

   इसीलिए भजनकार हम से कहता है, "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है" (भजन 118:1)। - जो स्टोवैल


केवल परमेश्वर के प्रति धन्यवादी हृदय से ही जीवन समृद्ध बनता है। - डीट्रीश बॉनहोफर

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6

बाइबल पाठ: भजन 118:1-14
Psalms 118:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 118:2 इस्राएल कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:3 हारून का घराना कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:4 यहोवा के डरवैये कहें, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:5 मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया। 
Psalms 118:6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 118:7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायकों में है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूंगा। 
Psalms 118:8 यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है। 
Psalms 118:9 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:13 तू ने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पडूं परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की। 
Psalms 118:14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 27-29
  • 1 पतरस 3


शनिवार, 25 नवंबर 2017

प्रावधान


   हमारे बेटे ने नर्सरी स्कूल जाना आरंभ ही किया था। पहले दिन वह बहुत रोया, और कहा, "मुझे स्कूल पसन्द नहीं है।" मेरे पति और मैंने उससे उसे समझाया, और आश्वस्त किया, कि हम चाहे शरीर में उसके निकट न भी हों, परन्तु हम उसके लिए प्रार्थना करते रहते हैं; और प्रभु यीशु तो सदा उसके साथ बने रहते हैं। उसने प्रश्न किया, "किंतु प्रभु यीशु मुझे दिखाई तो नहीं देते हैं?" मेरे पति ने उसे गले लगाते हुए कहा, "प्रभु तुम्हारे हृदय के अन्दर वास करते हैं; वे तुम्हें कभी नहीं छोड़ते हैं।" मेरे बेटे ने आशवस्त होकर अपने हृदय पर हाथ रखकर कहा, "हाँ, प्रभु यीशु मेरे अन्दर वास करते हैं।"

   केवल बच्चे ही अपनों से अलग होने पर चिंतित नहीं होते हैं, जीवन के हर चरण में हमें उनसे अलग होने की स्थितियों का सामना करते हैं जिनसे हम प्रेम करते हैं। यह भौगोलिक दूरियों के कारण हो सकता है या कभी मृत्यु के कारण। परन्तु हमें सदा स्मरण रखना चाहिए कि चाहे और कोई मनुष्य किसी भी कारणवश हमें छोड़ भी दे, तो भी हमारा प्रभु परमेश्वर हमें कभी नहीं छोड़ता है। उसने सदा हमारे साथ बने रहने का वायदा किया है। प्रभु ने हमारी सहायाता के लिए अपने पवित्र आत्मा को हमें सहायक और मार्गदर्शक के रूप में दिया है, और वह सदा हम में वास करता है (यूहन्ना 14:15-18)। हम उसकी प्रीय सन्तान हैं।

   हमारा बेटा भरोसा रखना सीख रहा है, और मैं भी। मेरे बेटे के समान ही मैं भी अपने अन्दर निवास करने वाले पवित्र-आत्मा को अपनी शारीरिक आँखों से देख नहीं पाती हूँ, परन्तु मैं अपने में और अपने लिए उसके कार्यों को अनुभव करती और देखती हूँ। वह प्रतिदिन मेरा मार्गदर्शन करता है, मुझे प्रोत्साहित करता है, परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ने, समझने और जीवन में उपयोगी करने में मेरी सहायता करता है।

   हमें प्रभु परमेश्वर के इस अद्भुत प्रावधान, उसके पवित्र-आत्मा, के लिए सदा धन्यवादी रहना चाहिए, जिसके कारण हम मसीही विश्वासी कभी भी अकेले नहीं हो सकते हैं। - कीला ओकोआ


हम कभी अकेले नहीं हैं।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? - 1 कुरिन्थियों 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-21
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। 
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। 
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। 
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। 
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे। 
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में। 
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 24-26
  • 1 पतरस 2


शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

मीरास


   संभव है कि आपने उस छोटे लड़के का वीडियो देखा है जिसे पता चलता है कि उसे एक छोटी बहन मिलने वाली है, और वह निराश होकर कहता है, "बस सदा लड़कियाँ, लड़कियाँ, और लड़कियाँ ही होता है।" यह मानवीय अपेक्षाओं की एक दिलचस्प झलक तो है, परन्तु निराशा में कुछ भी हास्यसपद नहीं होता है। निराशा हमारे संसार में भरी पड़ी है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक घटनाक्रम है जिसमें निराशा भरी हुई है। याकूब ने अपने मामा और स्वामी की बेटी राहेल से विवाह करने हेतु, उसके लिए सात वर्ष तक कार्य करना स्वीकार कर लिया। परन्तु ऐसा करने के पश्चात, राहेल के पिता ने राहेल के स्थान पर उसकी बड़ी बहन लीआ: का धोखे से याकूब के साथ विवाह कर दिया, और याकूब को यह बात अगले दिन प्रातः पता चली। हम याकूब की निराशा की ओर तो ध्यान केंद्रित करते हैं, परन्तु ज़रा लीआ: के बारे में भी तो विचार करें - उसे कैसा लगा होगा! जब उसे उस व्यक्ति से विवाह करने के लिए बाध्य किया गया जो न तो उसे साथ रखना चाहता था और न ही उससे प्रेम करता था, तो लीया की कितनी आशाएं और विवाहित जीवन से संबंधित उसके कितने सपने धाराशायी हो गए होंगे।

   बाइबल में भजन 37:4 में लिखा है, "यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।" क्या हम यह मान कर चलें कि परमेश्वर का भय मानने वाले लोग कभी निराश नहीं होते हैं? ऐसा नहीं है; यह भजन स्पष्ट दिखाता है कि भजनकार ने अपने चारों ओर निराशाओं को देखा था। परन्तु उसने दीर्घकालीन दृष्टिकोण अपनाया, और आगे कहा, "यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख" (पद 7)। उसका निष्कर्ष था, "परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (पद 11)।

   याकूब की कहानी में हम देखते हैं कि अन्ततः याकूब ने लीआ: को अधिक आदर दिया, और उसे अब्राहम, सारा, इसहाक और रिबका के संग पारिवारिक कब्रगाह में दफनाया (उत्पत्ति 49:31)। हम यह भी देखते हैं कि आगे चलकर लीआ: - जिसे लगता था कि उससे कोई प्रेम नहीं करता है, उसी की सन्तानों के वंश में से परमेश्वर ने सारे जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा। प्रभु यीशु जो न्याय बहाल करता है, आशा को पुनःस्थापित करता है, और हमारे सोच से भी कहीं बढ़कर एक मीरास हमें देता है। - टिम गुस्टाफसन


प्रभु यीशु ही एकमात्र ऐसा मित्र है जो कभी निराश नहीं करता है।

यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा। - भजन 37:34

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 29:13-30
Genesis 29:13 अपने भानजे याकूब का समाचार पाते ही लाबान उस से भेंट करने को दौड़ा, और उसको गले लगाकर चूमा, फिर अपने घर ले आया। और याकूब ने लाबान से अपना सब वृत्तान्त वर्णन किया। 
Genesis 29:14 तब लाबान ने याकूब से कहा, तू तो सचमुच मेरी हड्डी और मांस है। सो याकूब एक महीना भर उसके साथ रहा। 
Genesis 29:15 तब लाबान ने याकूब से कहा, भाईबन्धु होने के कारण तुझ से सेंतमेंत सेवा कराना मुझे उचित नहीं है, सो कह मैं तुझे सेवा के बदले क्या दूं? 
Genesis 29:16 लाबान के दो बेटियां थी, जिन में से बड़ी का नाम लिआ: और छोटी का राहेल था। 
Genesis 29:17 लिआ: के तो धुन्धली आंखे थी, पर राहेल रूपवती और सुन्दर थी। 
Genesis 29:18 सो याकूब ने, जो राहेल से प्रीति रखता था, कहा, मैं तेरी छोटी बेटी राहेल के लिये सात बरस तेरी सेवा करूंगा। 
Genesis 29:19 लाबान ने कहा, उसे पराए पुरूष को देने से तुझ को देना उत्तम होगा; सो मेरे पास रह। 
Genesis 29:20 सो याकूब ने राहेल के लिये सात बरस सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े। 
Genesis 29:21 तब याकूब ने लाबान से कहा, मेरी पत्नी मुझे दे, और मैं उसके पास जाऊंगा, क्योंकि मेरा समय पूरा हो गया है। 
Genesis 29:22 सो लाबान ने उस स्थान के सब मनुष्यों को बुला कर इकट्ठा किया, और उनकी जेवनार की। 
Genesis 29:23 सांझ के समय वह अपनी बेटी लिआ: को याकूब के पास ले गया, और वह उसके पास गया। 
Genesis 29:24 और लाबान ने अपनी बेटी लिआ: को उसकी दासी होने के लिये अपनी दासी जिल्पा दी। 
Genesis 29:25 भोर को मालूम हुआ कि यह तो लिआः है, सो उसने लाबान से कहा यह तू ने मुझ से क्या किया है? मैं ने तेरे साथ रहकर जो तेरी सेवा की, सो क्या राहेल के लिये नहीं की? फिर तू ने मुझ से क्यों ऐसा छल किया है? 
Genesis 29:26 लाबान ने कहा, हमारे यहां ऐसी रीति नहीं, कि जेठी से पहिले दूसरी का विवाह कर दें। 
Genesis 29:27 इसका सप्ताह तो पूरा कर; फिर दूसरी भी तुझे उस सेवा के लिये मिलेगी जो तू मेरे साथ रह कर और सात वर्ष तक करेगा। 
Genesis 29:28 सो याकूब ने ऐसा ही किया, और लिआ: के सप्ताह को पूरा किया; तब लाबान ने उसे अपनी बेटी राहेल को भी दिया, कि वह उसकी पत्नी हो। 
Genesis 29:29 और लाबान ने अपनी बेटी राहेल की दासी होने के लिये अपनी दासी बिल्हा को दिया। 
Genesis 29:30 तब याकूब राहेल के पास भी गया, और उसकी प्रीति लिआ: से अधिक उसी पर हुई, और उसने लाबान के साथ रहकर सात वर्ष और उसकी सेवा की।

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 22-23
  • 1 पतरस 1


गुरुवार, 23 नवंबर 2017

खामोशी


   मेरे एक मित्र ने कहा, छिछले नदी-नाले सबसे अधिक शोर करते हैं, जो कि एक सुप्रसिद्ध कहावत, "गहरे जल निश्चल होते हैं" का विलोम था। उसके कहने का तात्पर्य था कि जो लोग सबसे अधिक शोर करने वाले होते हैं उनके पास कहने के लिए कुछ खास नहीं होता है। इस समस्या का एक पहलु और भी है, कि बहुत बोलने वाले ठीक से सुनते भी नहीं हैं। मुझे साईमन और गारफ़न्कल के एक गीत, Sounds of Silence में कही गई बात स्मरण आती है, लोग बिना ध्यान दिए सुनते हैं। वे कहे जा रहे शब्दों को कानों से तो सुनते हैं, परन्तु अपने विचारों को शान्त कर के वास्तव में ध्यान से मन से नहीं सुनते हैं। हमारे लिए भला होगा यदि हम हम शान्त हो कर ध्यान से मन से सुनना आरंभ कर दें।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि "...चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है" (सभोपदेशक 3:7)। अच्छी खामोशी, सुनने वाली खामोशी, नम्रता की खामोशी होती है। ऐसी खामोशी से सही सुना जाता है, बात को सही समझा जाता है, और फिर सही बात कही जाती है। नीतिवचन का लेखक लिखता है, "मनुष्य के मन की युक्ति अथाह तो है, तौभी समझ वाला मनुष्य उसको निकाल लेता है" (नीतिवचन 20:5)। बात की तह तक पहुँचने के लिए बहुत ध्यान से शान्त होकर सुनना अनिवार्य होता है।

   जब हम औरों की सुनते हैं, तो साथ ही हमें परमेश्वर की भी सुनने और जो वह कहता है उस पर ध्यान देने की भी आवश्यकता है। मैं उस घटना के बारे में सोचता हूँ जब फरिसी व्यभिचार में पकड़ी गई एक स्त्री को प्रभु के पास ले कर आए और उस स्त्री के विरुद्ध आरोपों तथा निन्दा की झड़ी लगाए हुए बोले जा रहे थे; परन्तु प्रभु खामोश होकर अपनी ऊँगली से मिट्टी पर कुछ लिख रहा था (देखिए यूहन्ना 8:1-11)। प्रभु क्या कर रहा था? मेरा सुझाव है कि वह परमेश्वर पिता की आवाज़ को सुन रहा होगा कि इस क्रुद्ध भीड़ को क्या उत्तर दिया जाए, और इस प्रिय स्त्री से क्या कहा जाए? प्रभु का अपनी खामोशी द्वारा दिया गया उत्तर आज भी संसार भर में गूँज रहा है, लोगों से बातें कर रहा है। - डेविड रोपर


समयानुसार खामोशी बहुत शब्दों से अधिक अर्थपूर्ण हो सकती है।

जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है। - नीतिवचन 10:19

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 5:1-7
Ecclesiastes 5:1 जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना, मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं। 
Ecclesiastes 5:2 बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों।
Ecclesiastes 5:3 क्योंकि जैसे कार्य की अधिकता के कारण स्वप्न देखा जाता है, वैसे ही बहुत सी बातों का बोलने वाला मूर्ख ठहरता है। 
Ecclesiastes 5:4 जब तू परमेश्वर के लिये मन्नत माने, तब उसके पूरा करने में विलम्ब न करना; क्यांकि वह मूर्खों से प्रसन्न नहीं होता। जो मन्नत तू ने मानी हो उसे पूरी करना। 
Ecclesiastes 5:5 मन्नत मान कर पूरी न करने से मन्नत का न मानना ही अच्छा है। 
Ecclesiastes 5:6 कोई वचन कहकर अपने को पाप में ने फंसाना, और न ईश्वर के दूत के साम्हने कहना कि यह भूल से हुआ; परमेश्वर क्यों तेरा बोल सुन कर अप्रसन्न हो, और तेरे हाथ के कार्यों को नष्ट करे? 
Ecclesiastes 5:7 क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर को भय मानना।

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 20-21
  • याकूब 5


बुधवार, 22 नवंबर 2017

मुख्य बात


   हमारे शहर में एक उत्सव के दौरान की जा रही आतिशबाज़ी को देखते समय मेरा ध्यान बार-बार बंट रहा था। मुख्य समारोह के दोनों ओर, बीच-बीच में छोटी आतिश्बाज़ी होने लगती थी, जिससे मेरा ध्यान मुख्य आतिश्बाज़ी से बंट जाता था। वे छोटी वाली आतिशबाज़ियाँ अच्छी तो थीं, परन्तु उन्हें देखने के कारण मैं हमारे ऊपर हो रही मुख्य आतिशबाज़ी के कुछ अंश देखने से रह जाती थी।

   कई बार अच्छी बातें हमें और बेहतर बातों से अलग कर देती हैं। यही मार्था के साथ भी हुआ, जिसके बारे में परमेश्वर के वचन बाइबल के ने नियम में लूका 10:38-42 में दिया गया है। जब प्रभु यीशु और उनके चेले बैतनियाह गाँव में पहुँचे, तो मार्था ने अपने घर में उनका स्वागत किया। अच्छी मेज़बान होने के नाते वह अपने मेहमानों के लिए भोजन बनाने में लग गई, इसलिए हमें मार्था के प्रति सख्त रवैया नहीं रखना चाहिए।

   जब मार्था ने प्रभु यीशु से शिकायत की, कि उसकी बहन मरियम उनकी देखभाल कार्यों को करने में उसका हाथ नहीं बंटा रही है, तो प्रभु यीशु ने मरियम के चुनाव - प्रभु के चरणों पर बैठ कर उसके वचन को सुनने का समर्थन किया। परन्तु इससे प्रभु का यह तात्पर्य नहीं था कि मरियम अपनी बहन मार्था से अधिक आत्मिक या धर्मी है। एक अन्य अवसर पर प्रतीत होता है कि मार्था ने मरियम की अपेक्षा प्रभु पर अधिक भरोसा रखा था (यूहन्ना 11:19-20)। न ही प्रभु मार्था के उनके शारीरिक आवश्यकताओं के प्रति चिंतित होने की आलोचना कर रहा था। वरन जो बात प्रभु मार्था पर प्रगट करना चाहता था वह थी कि जीवन की व्यस्तता में भी मुख्य बात प्रभु के साथ समय बिताना, उसके साथ बैठना ही है। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु को हमारी संगति की लालसा रहती है।

एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं। - भजन 27:4 

बाइबल पाठ: लूका 10:38-42
Luke 10:38 फिर जब वे जा रहे थे, तो वह एक गांव में गया, और मार्था नाम एक स्त्री ने उसे अपने घर में उतारा।
Luke 10:39 और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी। 
Luke 10:40 पर मार्था सेवा करते करते घबरा गई और उसके पास आकर कहने लगी; हे प्रभु, क्या तुझे कुछ भी सोच नहीं कि मेरी बहिन ने मुझे सेवा करने के लिये अकेली ही छोड़ दिया है? सो उस से कह, कि मेरी सहायता करे। 
Luke 10:41 प्रभु ने उसे उत्तर दिया, मार्था, हे मार्था; तू बहुत बातों के लिये चिन्‍ता करती और घबराती है। 
Luke 10:42 परन्तु एक बात अवश्य है, और उस उत्तम भाग को मरियम ने चुन लिया है: जो उस से छीना न जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 18-19
  • याकूब 4


मंगलवार, 21 नवंबर 2017

महान पुरुस्कार


   प्रयास के प्रत्येक क्षेत्र में कोई न कोई पुरुस्कार ऐसा होता है जिसे उस क्षेत्र के लिए पहचान तथा सफलता का सर्वोच्च पुरुस्कार माना जाता है, जैसे कि ओलंपिक खेल स्पर्धाओं में मिलने वाला स्वर्ण पदक, गायिकी के लिए दिया जाने वाला ग्रैमी पुरुस्कार, सिनेमा के क्षेत्र में ऐकेडमी पुरुस्कार, वैज्ञानिक तथा अन्य क्षेत्रों की उपलब्धियों के लिए नोबेल पुरुस्कार, आदि। ये सभी पुरुस्कार महत्वपूर्ण हैं। परन्तु एक सबसे महान पुरुस्कार है, और उसे कोई भी प्राप्त कर सकता है।

   प्रेरित पौलुस प्रथम ईसवीं में होने वाली खेल स्पर्धाओं के लिए खिलाड़ियों द्वारा पुरुस्कार जीतने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देने के बारे में भली-भांति जानता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए, उसने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखी गई पत्री में लिखा: "परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है" (फिलिप्पियों 3:7)। क्यों? क्योंकि उसके हृदय ने एक नया उद्देश्य स्वीकार किया था: "मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं" (पद 10)। इसलिए, पौलुस ने कहा, "...उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था" (पद 12)। अपनी इस दौड़ को भली-भांति पूरा कर लेने का पुरुस्कार उसके लिए धार्मिकता का मुकुट था (2 तिमुथियुस 4:8)।

   हम में से प्रत्येक उस पुरुस्कार को पाने के लिए प्रयास कर सकता है, यह जानते हुए कि ऐसा करने से हम प्रभु का आदर करते हैं। प्रतिदिन अपने दैनिक कार्यों को प्रभु की महिमा के लिए करते रहने से हम उस महान पुरुस्कार की ओर बढ़ते जाते हैं - उस स्वर्गीय पुरुस्कार की ओर जिसके लिए परमेश्वर, मसीह यीशु में होकर हमें बुलाता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह के लिए जो कुछ भी इस जीवन में किया जाता है, 
उसका पुरुस्कार आने वाले जीवन में अवश्य मिलेगा।

भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं। - 2 तिमुथियुस 4:8

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:7-14
Philippians 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। 
Philippians 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। 
Philippians 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। 
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। 
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। 
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 16-17
  • याकूब 3


सोमवार, 20 नवंबर 2017

प्रमुख उद्देश्य


   कई बातों के लिए साथ के लोगों से आने वाला दबाव हमारे दैनिक जीवन का एक भाग है। कभी-कभी हम अपने निर्णय इस आधार पर लेते हैं कि लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे, न कि इस बात पर कि हमारे परमेश्वर को क्या पसन्द आता है, क्योंकि हमें चिंता रहती है कि यदि हम उनके अनुसार नहीं चले तो फिर लोग हम पर टिप्पणी करेंगे या हमारा मज़ाक उड़ाएंगे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने अपने साथ के लोगों से प्रभु यीशु में अपने विश्वास के प्रति काफ़ी दबाव झेला। यहूदी धर्म से मसीही विश्वास में आने वाले कुछ विश्वासी मानते थे कि वास्तव में उद्धार प्राप्त करने के लिए अन्यजातियों से मसीही विश्वास में आए लोगों को खतना करवा लेना चाहिए (गलातियों 1:7; देखें 6:12-15)। परन्तु पौलुस अपने निर्णय पर दृढ़ बना रहा और प्रचार करता रहा कि उद्धार केवल परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा मसीह यीशु पर लाए गए विश्वास मात्र ही से है; इसमें और किसी कार्य का कोई स्थान नहीं है। उसके इस प्रचार के लिए उस पर स्वयं ही अपने आप को प्रेरित बना लेने का आरोप लगाया गया। उस पर यह आरोप भी लगाया गया कि प्रेरितों ने कभी उसके द्वारा प्रचार किए जाने वाले सुसमाचार के स्वरूप का अनुमोदन नहीं किया था (2:1-10)।

   इस दबाव के होते हुए भी, पौलुस इस बात को लेकर बिलकुल स्पष्ट था कि वह किस की सेवा कर रहा है - मसीह यीशु की। उसके लिए मनुष्यों का नहीं, वरन परमेश्वर के अनुमोदन का स्थान सर्वोपरि था (गलातियों 1:10)। उसने अपने लिए यह लक्ष्य निर्धारित किया हुआ था कि वह मनुष्यों से नहीं वरन परमेश्वर की स्वीकृति से कार्य करेगा।

   इसी प्रकार हम मसीही विश्वासी भी मसीह के सेवक हैं। लोग चाहे हमें आदर दें अथवा हम से घृणा करें, हमारी निंदा करें या प्रशंसा, हमारा उद्देश्य परमेश्वर की सेवा करना है। एक दिन हम में से प्रत्येक को परमेश्वर के सामने अपने जीवन का, अपनी इस सेवकाई का हिसाब देना होगा (रोमियों 14:12)।

   इसका यह अर्थ नहीं है कि हमें लोगों की बात की कदापि कोई चिंता नहीं करनी चाहिए; परन्तु यह कि अन्ततः हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कि हम परमेश्वर को भावते रहने वाले बनें। हम सभी अन्त में अपने विषय यही सुनना चाहेंगे, "धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास" (मत्ती 25:23)। इसके लिए मनुष्यों को नहीं वरन परमेश्वर को प्रसन्न करना अपने जीवन का प्रमुख उद्देश्य बना लें। - जेमी फर्नान्डेज़ गर्रिदो


सदैव यीशु का अनुसरण करते रहें।

सो हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना लेखा देगा। - रोमियों 14:12

बाइबल पाठ: गलातियों 1:6-10
Galatians 1:6 मुझे आश्चर्य होता है, कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उस से तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे। 
Galatians 1:7 परन्तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं। 
Galatians 1:8 परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो। 
Galatians 1:9 जैसा हम पहिले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूं, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो। अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूं या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूं? 
Galatians 1:10 यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 14-15
  • याकूब 2


रविवार, 19 नवंबर 2017

निर्देष


   जब वस्तुओं को जोड़ कर बनाना होता है, वे चाहे इलैक्ट्रौनिक हों या अन्य कोई, तो मेरे और मेरे पुत्र स्टीव की कार्य विधि बहुत भिन्न है। स्टीव को यांत्रिक रीति से कार्य करना अच्छा लगता है; इसलिए मैं अभी उस वस्तु को जोड़ने और बनाने के निर्देषों को पढकर समझने का प्रयास ही कर रहा होता हूँ, कि इतने में वह निर्देषों को पढ़े बिना ही उसे लगभग आधा बना चुका होता है। कभी-कभी हम निर्देषों को जाने बिना या उन का पालन किए बिना ही काम चला सकते हैं। परन्तु यदि हमें एक ऐसा जीवन बनाना है जो परमेश्वर की भलाई और बुद्धिमता को दिखाता है तो परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए उसके निर्देषों की अवहेलना कर के हम ऐसा कदापि नहीं कर सकते हैं।

   इस तथ्य का एक अच्छा उदाहरण बाबुल की बन्धुआई से लौट कर आने वाले इस्त्राएली हैं। अपनी मातृभूमि में लौट कर आने के पश्चात वे परमेश्वर की उपासना को पुनः स्थापित करने के प्रयास करने लगे; और इसके लिए उन्होंने "...कमर बान्ध कर इस्राएल के परमेश्वर की वेदी को बनाया कि उस पर होमबलि चढ़ाएं, जैसे कि परमेश्वर के भक्त मूसा की व्यवस्था में लिखा है" (एज़्रा 3:2)। सही प्रकार से वेदी बनाने और परमेश्वर द्वारा लैव्यवस्था 23:33-43 में दी गई विधि के अनुसार झोंपड़ियों का पर्व मनाने में उन्होंने वैसा ही किया जैसा परमेश्वर ने अपने वचन में निर्दिष्ट किया था।

   प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने अनुयायियों को कुछ निर्देष दिए हैं। प्रभु ने कहा, "...तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख"; और "...तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख" (मत्ती 22:37, 39)। जब हम प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं और उसका अनुसरण करने का निर्णय लेते हैं, अपने जीवन उसे समर्पित करते हैं, तो वह सही रीति से जीवन जीने के लिए हमारा मार्गदर्शन भी करता है। वह हमारा सृष्टिकर्ता है और हमें तथा हमारे बारे में, हम से कहीं अधिक अच्छी रीति से जानता है; उसे हम से अधिक अच्छे से पता है कि जीवन को भली-भांति जीने के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं; हमारे लिए क्या उपयुक्त एवं उचित है और क्या नहीं। इसलिए जब हम मसीह यीशु को अपना प्रभु मान लेते हैं तो उसके निर्देशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने में ही हमारी भलाई है। - डेव ब्रैनन


यदि हम चाहते हैं कि परमेश्वर हमारी अगुवाई करे, 
तो हमें उसका अनुसरण करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते, तो क्यों मुझे हे प्रभु, हे प्रभु, कहते हो? - लूका 6:46

बाइबल पाठ: एज़्रा 3:1-6
Ezra 3:1 जब सातवां महीना आया, और इस्राएली अपने अपने नगर में बस गए, तो लोग यरूशलेम में एक मन हो कर इकट्ठे हुए। 
Ezra 3:2 तब योसादाक के पुत्र येशू ने अपने भाई याजकों समेत और शालतीएल के पुत्र जरूब्बाबेल ने अपने भाइयों समेत कमर बान्ध कर इस्राएल के परमेश्वर की वेदी को बनाया कि उस पर होमबलि चढ़ाएं, जैसे कि परमेश्वर के भक्त मूसा की व्यवस्था में लिखा है। 
Ezra 3:3 तब उन्होंने वेदी को उसके स्थान पर खड़ा किया क्योंकि उन्हें उस ओर के देशों के लोगों का भय रहा, और वे उस पर यहोवा के लिये होमबलि अर्थात प्रतिदिन सबेरे और सांझ के होमबलि चढ़ाने लगे। 
Ezra 3:4 और उन्होंने झोंपडिय़ों के पर्व को माना, जैसे कि लिखा है, और प्रतिदिन के होमबलि एक एक दिन की गिनती और नियम के अनुसार चढ़ाए। 
Ezra 3:5 और उसके बाद नित्य होमबलि और नये नये चान्द और यहोवा के पवित्र किए हुए सब नियत पर्वों के बलि और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये सब स्वेच्छाबलि हर एक के लिये बलि चढ़ाए। 
Ezra 3:6 सातवें महीने के पहिले दिन से वे यहोवा को होमबलि चढ़ाने लगे। परन्तु यहोवा के मन्दिर की नेव तब तक न डाली गई थी।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 11-13
  • याकूब 1


शनिवार, 18 नवंबर 2017

प्रतिबिंबित


   ऊँचे और सीधे खड़े पहाड़ों की तलहटी में स्थित होने तथा उत्तरी ध्रुव के निकट की अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण नॉर्वे देश के रजूकान शहर में अक्तुबर से मार्च तक सूर्य की सीधी रौशनी पहुँचने नहीं पाती है। उस शहर को रौशन करने के लिए रजूकान शहर के लोगों ने पहाड़ों पर विशाल दर्पण लगाए जो सूर्य के प्रकाश को शहर में प्रतिबिंबित करते हैं; क्योंकि ये दर्पण आकाश में सूरज की स्थिति के साथ-साथ घूमते रहते हैं इसलिए सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक वे शहर में लगातार रौशनी को बनाए रखते हैं।

   मैं मसीही जीवन को भी इसी प्रकार से देखता हूँ। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने कहा कि उसके अनुयायी "जगत की ज्योति हैं" (मत्ती 5:14); और यूहन्ना ने लिखा कि मसीह यीशु ही वह सच्ची ज्योति है जो "अन्धकार में चमकती है" (यूहन्ना 1:5)। प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को आमंत्रित किया कि, "तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती 5:16)। यह प्रभु की ओर से आवाहन है कि हम जो उसके लोग हैं, घृणा का प्रत्युत्तर प्रेम से दें, परेशानी में धैर्य दिखाएं, और संघर्षों में शान्ति को प्रदर्शित करें। प्रेरित पौलुस हमें स्मरण करवाता है कि, "क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान के समान चलो" (इफिसियों 5:8)।

   प्रभु यीशु ने यह भी कहा कि, "...जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा" (यूहन्ना 8:12)। हमारी ज्योति परमेश्वर के पुत्र हमारे प्रभु यीशु से है; हम उसकी ज्योति को संसार में प्रतिबिंबित करते हैं। जैसे कि यदि सूर्य न हो तो रजूकान के उन विशाल दर्पणों को प्रतिबिंबित करने के लिए कोई ज्योति नहीं मिलेगी, उसी प्रकार यदि हम में प्रभु यीशु का वास न हो तो हम भी संसार को कोई ज्योति प्रतिबिंबित नहीं करने पाएंगे। - लॉरेंस दरमानी


प्रभु की ज्योति को प्रतिबिंबित करें और उसके लिए चमकें।

और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। - यूहन्ना 1:5

बाइबल पाठ: मत्ती 5:14-16
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 8-10
  • इब्रानियों 13


शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

निर्भर


   मेरी बेटी का ऑपरेशन हुआ था, और ऑपरेशन के पश्चात मैं उसके पास बैठी हुई थी। जब उसे होश आया और उसने आँखें खोलीं, तो साथ ही उसे यह आभास भी हुआ कि वह कष्ट में है और वह रोने लगी। मैंने उसकी बाहें सहलाने के द्वारा उसे निश्चिंत करना चाहा, परन्तु वह और व्याकुल हो गई। फिर नर्स की सहायाता से मैंने उसे अपनी गोदी में लिया, उसके गालों से आँसू पोंछे, और उससे प्रेम के साथ बात करनी लगी, उसे समझाया कि शीघ्र ही वह बेहतर अनुभव करने लगेगी।

   परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वकता में होकर अपने लोगों, इस्त्राएलियों, को स्मरण कराया कि "जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शान्ति देती है, वैस ही मैं भी तुम्हें शान्ति दूंगा" (यशायाह 66:13)। परमेश्वर ने वायदा किया कि वह उन्हें शान्ति देगा और अपनी गोद में ऐसे लिए चलेगा, जैसे एक माँ अपने बच्चे को गोदी में लिए चलती है। परमेश्वर की ओर से यह प्रेम भरा सन्देश उसके उन लोगों के लिए था जो उसके प्रति श्रद्धा रखते थे।

   अपने लोगों को सांत्वना देने की परमेश्वर की इच्छा और सामर्थ्य पौलुस द्वारा कुरिन्थियों को लिखी दूसरी पत्री में फिर प्रकट होती है। पौलुस ने लिखा कि "वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:4)। हमारी परेशानियों में परमेश्वर हमारे साथ कोमल और सहानुभूतिपूर्ण होता है। एक दिन हमारी सारी परेशानियों का अन्त हो जाएगा, हमारे सभी आँसू सदा के लिए पोंछ डाले जाएंगे और हम अनन्तकाल तक परमेश्वर के साथ रहेंगे (प्रकशितवाक्य 21:3-4)। उस दिन के आने तक हम परमेश्वर पर निर्भर रह सकते हैं कि वह हमसे प्रेम और सहायता का व्यवहार बनाए रखेगा, हमें अपनी शान्ति में रखेगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर अपने लोगों को सांत्वना और शान्ति देता है।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: यशायाह 66:5-13
Isaiah 66:5 तुम्हारे भाई जो तुम से बैर रखते और मेरे नाम के निमित्त तुम को अलग कर देते हैं उन्होंने कहा है, यहोवा की महिमा तो बढ़े, जिस से हम तुम्हारा आनन्द देखते पाएं; परन्तु उन्हीं को लज्जित होना पड़ेगा।
Isaiah 66:6 सुनो, नगर से कोलाहल की धूम, मन्दिर से एक शब्द, सुनाई देता है! वह यहोवा का शब्द है, वह अपने शत्रुओं को उनकी करनी का फल दे रहा है! 
Isaiah 66:7 उसकी पीड़ाएं उठाने से पहले ही उसने जन्मा दिया; उसको पीड़ाएं होने से पहिले ही उस से बेटा जन्मा। 
Isaiah 66:8 ऐसी बात किस ने कभी सुनी? किस ने कभी ऐसी बातें देखी? क्या देश एक ही दिन में उत्पन्न हो सकता है? क्या एक जाति क्षण मात्र में ही उत्पन्न हो सकती है? क्योंकि सिय्योन की पीड़ाएं उठी ही थीं कि उस से सन्तान उत्पन्न हो गए। 
Isaiah 66:9 यहोवा कहता है, क्या मैं उसे जन्माने के समय तक पहुंचाकर न जन्माऊं? तेरा परमेश्वर कहता है, मैं जो गर्भ देता हूं क्या मैं कोख बन्द करूं? 
Isaiah 66:10 हे यरूशलेम से सब प्रेम रखने वालो, उसके साथ आनन्द करो और उसके कारण मगन हो; हे उसके विषय सब विलाप करने वालो उसके साथ हषिर्त हो! 
Isaiah 66:11 जिस से तुम उसके शान्तिरूपी स्तन से दूध पी पीकर तृप्त हो; और दूध पीकर उसकी महिमा की बहुतायत से अत्यन्त सुखी हो।
Isaiah 66:12 क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, मैं उसकी ओर शान्ति को नदी के समान, और अन्यजातियों के धन को नदी की बाढ़ के समान बहा दूंगा; और तुम उस से पीओगे, तुम उसकी गोद में उठाए जाओगे और उसके घुटनों पर कुदाए जाओगे। 
Isaiah 66:13 जिस प्रकार माता अपने पुत्र को शान्ति देती है, वैस ही मैं भी तुम्हें शान्ति दुंगा; तुम को यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 5-7
  • इब्रानियों 12


गुरुवार, 16 नवंबर 2017

संघर्ष


   अप्रैल 25, 2015 ANZAC (Australia New Zealand Army Corps) का 100वाँ स्थापना दिवस था। इस दिन को प्रतिवर्ष ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड की सेनाएँ मिलकर मनाती हैं, अपने उन सैनिकों की याद में जिन्होंने प्रथम विश्व-युद्ध साझा सेना के रूप में लड़ा था। यह उस समय को दिखाता है जब दोनों में से किसी भी देश को युद्ध के जोखिम अकेले उठाने नहीं पड़े थे; दोनों देशों के सैनिक संघर्षों में साथ-साथ थे।

   प्रभु यीशु मसीह के अनुयायियों को भी जीवन के संघर्षों में एक दूसरे के साथ खड़ा होने के लिए कहा गया है। जैसे कि पौलुस ने कहा, "तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो" (गलतियों 6:2)। जब कठिन समय आएँ तो जीवन के संघर्षों में एक साथ खड़े होने तथा मिलकर कार्य करने से हम एक दूसरे को सामर्थ्य एवं सहायता प्रदान कर सकते हैं। जब हम एक दूसरे के प्रति मसीह के प्रेम और देख-भाल को व्यक्त करते हैं, तो जीवन की कठिनाइयाँ हमें मसीह यीशु और एक दुसरे के निकट लाने वाली बन जाती हैं - न कि हमें एक दुसरे से अलग कर देने वाली।

   औरों के संघर्षों को परस्पर बाँटने के द्वारा हम प्रभु यीशु के प्रेम के नमूने को व्यावाहरिक करते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने प्रभु के विषय में जो कहा उसे मत्ती ने उद्धृत किया: "ताकि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था वह पूरा हो, कि उसने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया" (मत्ती 8:17)। हमारे संघर्ष चाहे कितने भी बड़े क्यों न हों, हमें कभी अकेले उनका सामना करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। - बिल क्राउडर


हम एक साथ मिलकर अकेले से कहीं अधिक दूरी तक जा सकते हैं।

निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें। - रोमियों 15:1

बाइबल पाठ: गलतियों 6:1-10
Galatians 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। 
Galatians 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। 
Galatians 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है। 
Galatians 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। 
Galatians 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
Galatians 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्‍तुओं में सिखाने वाले को भागी करे। 
Galatians 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। 
Galatians 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। 
Galatians 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। 
Galatians 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 3-4
  • इब्रानियों 11:20-40


बुधवार, 15 नवंबर 2017

धन्यवादी


   अपनी जीवनी में कोरी टेन बूम ने अपने तथा अपनी बहन बेट्सी तथा अन्य बन्दियों पर जर्मन सेनाओं द्वारा 1940 के दशक के आरंभिक भाग में नज़रबन्दी शिविर में किए गए दिल दहला देने वाले अत्याचारों का वर्णन किया है। एक बार उन्हें एक जाँच के दौरान निर्वस्त्र होकर पंक्ति में खड़े होने को कहा गया; उस नग्नावस्था में कोरी अपने आप को भ्रष्ट किया और त्यागा हुआ अनुभव कर रही थी। तभी उसे स्मरण हो आया कि सारे संसार का उद्धारकर्ता प्रभु यीशु भी, सारे संसार के सभी लोगों के पापों के दण्ड को सहते हुए निर्वस्त्र अवस्था में क्रूस पर टंगा रहा था। तुरंत कोरी का मन प्रभु के प्रति धन्यवाद और आराधना से भर आया, और उसने साथ खड़ी अपनी बहन बेट्सी से फुसफुसा कर कहा, "बेट्सी, उन्होंने प्रभु को भी निर्वस्त्र कर दिया था।" यह सुनते ही बेट्सी भी चौंक गई और लंबी सांस लेकर बोली, "ओह कोरी, और मैंने कभी उसे इसके लिए धन्यवाद व्यक्त नहीं किया।"

   इस परेशानी, संघर्ष, और दुःखों से भरे संसार में बिना धन्यवाद दिए रहना बहुत सरल है। हमारे पास प्रतिदिन कितनी ही बातों के लिए शिकायतें करने के कितने ही कारण होते हैं। किंतु परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 100 पाठकों को उभारता है कि परमेश्वर के लोग सदा आनन्दित, मग्न, और धन्यवादी रहें, क्योंकि "...उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं" (पद 3)। जब हम यह स्मरण रखेंगे कि हम कौन हैं, और साथ ही हमें यह दर्जा देने के लिए प्रभु यीशु मसीह द्वारा हमारे लिए दिए गए बलिदान को और उसके महान प्रेम को भी स्मरण रखेंगे, तो हम उसके प्रति अपनी हर परिस्थिति में धन्यवादी भी रह सकेंगे।

   संसार की निर्ममता और क्रुरता आपके अन्दर से धन्यवादी मन को छीनने न पाए; सदा स्मरण रखें कि प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के कारण आप परमेश्वर की सन्तान हैं। उसने आपके प्रति अपने प्रेम, अनुग्रह और भलाई का प्रमाण क्रूस पर दिखाया है; प्रत्युत्तर में हमें उसके इस बलिदान और प्रेम के लिए धन्यवादी बने रहना चाहिए। - ऐल्बर्ट ली


जब आप प्रभु से मिली आशीषें गिनने लगते हैं, 
तो मन से आराधना स्वतः ही निकलने लगती है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: भजन 100
Psalms 100:1 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो! 
Psalms 100:2 आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ! 
Psalms 100:3 निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।
Psalms 100:4 उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो! 
Psalms 100:5 क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 1-2
  • इब्रानियों 11:1-19


मंगलवार, 14 नवंबर 2017

सामर्थी


   वह खतरे का पूर्वाभास लिए हुए दूर से आने वाली ध्वनि के साथ आरंभ हुआ, और शीघ्र ही बढ़कर धरती कंपा देने वाले अनिष्ट-सूचक कोलाहाल में परिवर्तित हो गया। शीघ्र ही शत्रु के सैकड़ों युद्ध टैंक और हज़ारों सैनिक फ़िनलैंड के  उन थोड़े से सैनिकों को दिखाई देने लगे। सामने खड़ी मौत को देखकर फ़िनलैंड के एक सैनिक ने अपने साथियों का हौंसला बढ़ाने के उद्देश्य से कहा, "अब इतने लोगों को दफन करने के लिए स्थान कहाँ से लाएंगे?"

   फ़िनलैंड के उन सैनिकों द्वारा दूसरे विश्वयुद्ध में ऐसी दिलेरी दिखाने से लगभग 2600 वर्ष पूर्व, यहूदी नागरिकों ने अपने ऊपर आई ऐसी ही अभिभूत कर देने वाली परिस्थिति के प्रति इससे भिन्न प्रतिक्रिया दी। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि अश्शूर की सेना ने यरुशलेम की घेराबन्दी करके यरुशलेम के निवासियों को शहर की दीवारों के अन्दर फंसा लिया था, जहाँ भुखमरी फैलने लगी थी और उसके कारण मौत लोगों के समक्ष मंडरा रही थी। राजा हिज़किय्याह घबरा गया। परन्तु फिर उसने परमेश्वर से प्रार्थना की: "हे सेनाओं के यहोवा, हे करूबों पर विराजमान इस्राएल के परमेश्वर, पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है; आकाश और पृथ्वी को तू ही ने बनाया है" (यशायाह 37:16)।

   प्रत्युत्तर में परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता यशायाह के द्वारा अश्शूर के राजा सन्हेरीब के विरुद्ध कठोर शब्दों में कहा, "तू ने किस की नामधराई और निन्दा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घमण्ड किया है, वह किस के विरुद्ध किया है? इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध!" (पद 23); और यरुशलेम के लोगों को सांत्वना दी, "क्योंकि मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त, इस नगर की रक्षा कर के उसे बचाऊंगा" (पद 35)। फिर परमेश्वर ने सन्हेरीब को पराजित और अश्शूर की सेना को नाश कर दिया (पद 36-38)।

   आज आपके सामने चाहे जो भी खतरा मंडरा रहा हो, स्मरण रखें कि हिज़किय्याह और यशायाह का परमेश्वर अभी भी राज्य कर रहा है, सभी परिस्थितियां उसके वश में हैं। वह हमारी आवाज़ को सुनना चाहता है जिससे कि अपने आप को हमारे पक्ष में सामर्थी दिखा सके। - टिम गुस्टफसन


परमेश्वर हमारी सबसे बड़ी समस्या से भी कहीं अधिक बड़ा है।

और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा। - 1 शमूएल 17:47

बाइबल पाठ: यशायाह 37:18-23; 31-38
Isaiah 37:18 हे यहोवा, सच तो है कि अश्शूर के राजाओं ने सब जातियों के देशों को उजाड़ा है 
Isaiah 37:19 और उनके देवताओं को आग में झोंका है; क्योंकि वे ईश्वर न थे, वे केवल मनुष्यों की कारीगरी, काठ और पत्थर ही थे; इस कारण वे उन को नाश कर सके। 
Isaiah 37:20 अब हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तू हमें उसके हाथ से बचा जिस से पृथ्वी के राज्य राज्य के लोग जान लें कि केवल तू ही यहोवा है।
Isaiah 37:21 तब आमोस के पुत्र यशायाह ने हिजकिय्याह के पास यह कहला भेजा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तू ने जो अश्शूर के राजा सन्हेरीब के विषय में मुझ से प्रार्थना की है, 
Isaiah 37:22 उसके विषय यहोवा ने यह वचन कहा है, सिय्योन की कुमारी कन्या तुझे तुच्छ जानती है और ठट्ठों में उड़ाती है; यरूशलेम की पुत्री तुझ पर सिर हिलाती है।
Isaiah 37:23 तू ने किस की नामधराई और निन्दा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घमण्ड किया है, वह किस के विरुद्ध किया है? इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध! 
Isaiah 37:31 और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे और फूलें-फलेंगे; 
Isaiah 37:32 क्योंकि यरूशलेम से बचे हुए और सिय्योन पर्वत से भागे हुए लोग निकलेंगे। सेनाओं का यहोवा अपनी जलन के कारण यह काम करेगा।
Isaiah 37:33 इसलिये यहोवा अश्शूर के राजा के विषय यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा; और न वह ढाल ले कर इसके साम्हने आने वा इसके विरुद्ध दमदमा बान्धने पाएगा। 
Isaiah 37:34 जिस मार्ग से वह आया है उसी से वह लौट भी जाएगा और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है। 
Isaiah 37:35 क्योंकि मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त, इस नगर की रक्षा कर के उसे बचाऊंगा।
Isaiah 37:36 तब यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब क्या देखा कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं। 
Isaiah 37:37 तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया और लौटकर नीनवे में रहने लगा। 
Isaiah 37:38 वहां वह अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में दण्डवत कर रहा था कि इतने में उसके पुत्र अद्रम्मेलेक और शरेसेन ने उसको तलवार से मारा और अरारात देश में भाग गए। और उसका पुत्र एसर्हद्दोन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 3-5
  • इब्रानियों 10:19-39


सोमवार, 13 नवंबर 2017

मुर्दा फूल


   अगस्त 2013 में, पेन्सिल्वेनिया की फिप्प्स संरक्षिका में एक उष्णकटिबंधीय पौधे के फूल को खिलते हुए देखने के लिए एक बड़ी भीड़ एकत्रित हुई। इस फूल को मुर्दा फूल (Corpse Flower) कहते हैं क्योंकि जब यह खिलता है तो उसमें से सड़ते हुए माँस जैसी दुर्गन्ध आती है। इस पौधे का मूल स्थान इंडोनेशिया है, और यह कई वर्षों में एक ही बार खिलता है। इसे खिलते देखना भी एक अनुभव होता है। उसके फूलों की बहुत विशाल, लाल, सुन्दर और नोकीली पंखुड़ियाँ होती हैं; परन्तु उससे निकलने वाली दुर्गन्ध के कारण मक्खियाँ और अन्य माँस-भक्षी कीट पतंगे उसकी ओर आकर्षित होते हैं, परन्तु उसके निकट आने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता है क्योंकि उसमें कोई रस नहीं होता है।

   उस मुर्दा फूल के समान, पाप भी हमारे सामने आकर्षक और लुभावनी बातें रखता है, परन्तु देता कुछ भी नहीं है। अदन की वाटिका में हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा ने यह कटु अनुभव से सीखा। अदन की वाटिका परमेश्वर ने उन्हें बना कर दी थी और बहुत सुन्दर थी; तब तक जब तक कि आदम और हव्वा के पाप ने उसे बिगाड़ नहीं दिया। परमेश्वर ने उन्हें केवल एक कार्य को करने के लिए मना किया था; उसके अतिरिक्त उस वाटिका में उन्हें हर प्रकार से पूरी स्वतंत्रता थी। परमेश्वर की भलाईयों के प्रति शंका में पड़कर, वे परमेश्वर की चेतावनी को नज़रन्दाज़ कर बैठे और उन्होंने वह किया जो मना किया गया था; वे परमेश्वर के अनाज्ञाकारी हो गए, और अपने निर्दोश होने को सदा के लिए खो दिया। परमेश्वर द्वारा भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष और उसके फल को दी गई सुन्दरता, उनके लिए मुर्दा फूल के समान हो गई - वे उससे आकर्षित तो हुए, परन्तु उन्हें मिला कुछ भी नहीं; वरन उनके इस अनाज्ञाकारिता के पाप की सड़ान्द से सारी मानव जाति दूषित हो गई। उनके इस पाप के परिणामस्वरूप उनके तथा उनकी सनतान के जीवनों में परमेश्वर से दूरी, पीड़ा, खालीपन, परिश्रम और मृत्यु आ गए।

   पाप आकर्षक लगता है, ऊपरी तौर से अच्छा और सुन्दर भी लग सकता है, परन्तु परमेश्वर कि आज्ञाकारिता से मिलने वाली आशीष, सुन्दरता और सुगन्ध के सामने पाप के प्रतिफल बहुत दुःखदाई और कड़ुवे हैं। परमेश्वर ने हमें अपने साथ रहने और उससे आशीषित होने के लिए बनाया है; वह हमें अपने आनन्द से भर देना चाहता है। उसके प्रति समर्पित और आज्ञाकारी होकर इस आनन्द से अपने जीवन को भर लें। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर की आज्ञाएं शैतान के सुझावों को पराजित कर सकती हैं।

इन विधियों में अपनी इच्छा के अनुसार गढ़ी हुई भक्ति की रीति, और दीनता, और शारीरिक योगाभ्यास के भाव से ज्ञान का नाम तो है, परन्तु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इन से कुछ भी लाभ नहीं होता। - कुलुस्सियों 2:23

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:6-13; 22-24
Genesis 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। 
Genesis 3:7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये। 
Genesis 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए। 
Genesis 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? 
Genesis 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। 
Genesis 3:11 उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे मना किया था, क्या तू ने उसका फल खाया है? 
Genesis 3:12 आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। 
Genesis 3:13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया। 
Genesis 3:22 फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे। 
Genesis 3:23 तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था। 
Genesis 3:24 इसलिये आदम को उसने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की बाटिका के पूर्व की ओर करुबों को, और चारों ओर घूमने वाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 1-2
  • इब्रानियों 10:1-18


रविवार, 12 नवंबर 2017

कठिन लोग


   हम जब अपने वर्तमान घर में आए, तो मैं निकट ही स्थित हंसों और उनके घोंसलों की सुन्दरता को निहार्ता था। जिस प्रकार वे एक दुसरे का ध्यान रखते थे और पानी में एक सीधी पंक्ति में तैरते थे तथा हवा में V का आकार बनाकर उडते थे, मुझे वह सब देखना अच्छा लगता था। उन्हें अपने बच्चों की देखभाल करके बड़ा करते हुए देखना भी बहुत आनन्दायक था। फिर ग्रीष्म ऋतु आई, और मुझे उन हंसों के बारे में कुछ कम रुचिकर बातें पता लगीं। हंसों को घास खाना अच्छा लगता है, और ऐसा करने के लिए उन्हें कोई चिन्ता नहीं होती है कि वे किसी के परिश्रम से लगाए और बना कर रखे गए लॉन को खराब कर रहे हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि जो गन्दगी वे अपने पीछे छोड़ जाते हैं उसके कारण लॉन पर टहलना एक अप्रिय अनुभव हो जाता है।

   जब भी मुझे कुछ कठिन लोगों के साथ व्यवहार करना होता है, मैं उन हंसों के बारे में सोचता हूँ। कभी-कभी मैं चाहता हूँ कि ऐसे लोगों को अपने जीवन से बाहर वैसे ही भगा दूँ, जैसे कि उन हंसों को अपने लॉन से भगाता हूँ। जब ऐसी भावना मेरे अन्दर उठती है तब परमेश्वर मुझे स्मरण दिलाता है कि कठिन व्यक्तियों में भी कुछ सुन्दरता अवश्य ही होती है, यदि हम उनके निकट आकर उसे देखने का प्रयास करें; यह भी संभव है कि जो पीड़ा वे दूसरों को दे रहे हैं वह उस पीड़ा का भाग है जिसे वे स्वयं अनुभव कर रहे हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा, "जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो" (रोमियों 12:18)। इसलिए मैं परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि औरों के "कठिन" स्वभाव का सामना करते समय मुझे धीरजवन्त रखें। इससे सदा ही अच्छा परिणाम तो नहीं आता है, परन्तु उल्लेखनीय बात यह है कि इस धीरज एक कारण परमेश्वर ने कितने ही संबंधों को बचा कर रखा है।

   जब भी हमारा सामना कठिन लोगों से हो, तो परमेश्वर के अनुग्रह तथा दृष्टिकोण के द्वारा हम उनसे प्रेम कर सक्ते हैं, उनके साथ निभा सकते हैं। - रैंडी किलगोर


यदि हम नम्र उत्तर दें तो शांति स्थापित रह सकती है।

जो मनुष्य बुद्धि से चलता है वह विलम्ब से क्रोध करता है, और अपराध को भुलाना उसको सोहता है। - नीतिवचन 19:11

बाइबल पाठ: रोमियों 12:12-21
Romans 12:12 आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो। 
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। 
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 51-52
  • इब्रानियों 9


शनिवार, 11 नवंबर 2017

संगति


   हमारा एक मित्र किसी कार्य से हमारे शहर में आ रहा था। वह बहुत व्यस्त व्यक्ति था, और हमारे शहर में उसका कार्यक्रम भी बहुत व्यस्त था; परन्तु सारे दिन के कार्य के बाद वह हमारे साथ रात्रि का भोजन करने के लिए आधे घंटे के लिए आया। हमें उसके साथ बिताए गए इस समय से आनन्द मिला, परन्तु मुझे स्मरण है कि भोजन के दौरान मैं सोच रही थी कि हमें उसके समय के कुछ बचे हुए छोटे टुकड़े ही मिले। फिर मुझे ध्यान आया कि कितनी ही बार परमेश्वर को भी मेरे समय के बचे हुए कुछ छोटे टुकड़े ही मिलते हैं - कभी-कभी तो सोने से पहले के कुछ थकान भरे मिनिट ही।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र, दानिय्येल, बहुत व्यस्त व्यक्ति था; वह बाबुल के राज्य का उच्च प्रशासनिक अधिकारी था, और मुझे पूरा विश्वास है कि उसका दिन भी अनेकों कार्यों से भरा रहता होगा। परन्तु उसने परमेश्वर के साथ समय बिताने की आदत बना रखी थी - वह प्रतिदिन तीन बार प्रार्थना करने, परमेश्वर की आराधना करने और उसका धन्यवाद करने में समय बिताता था। उसकी इस दिनचर्या ने उसे परमेश्वर में दृढ़ विश्वास विकसित करने में सहायता की; ऐसा विश्वास जो किसी भी सताव में हिला नहीं (दानिय्येल 6)।

   परमेश्वर हमारे साथ एक संबंध चाहता है। प्रति प्रातः हम उसे अपने दिन में आमंत्रित कर सकते हैं, और उसकी स्तुति आराधना के साथ उससे निवेदन कर सकते हैं कि वह दिन भर, हमारी सहायता और मार्गदर्शन के लिए, हमारे साथ बना रहे। अन्य समयों पर हम एकान्त में मनन के साथ कुछ समय उसके साथ बिता सकते हैं, उससे अपने मन की बातें कह सकते हैं, हमारे प्रति बनी रहने वाली उसकी विश्वासयोग्यता पर मनन कर सकते हैं। हम परमेश्वर के साथ संगति और उसके वचन के अध्ययन तथा मनन में जितना अधिक समय बिताएंगे, हम उसकि संगति तथा समानता में उतना अधिक बढ़ेंगे।

   जब परमेश्वर के साथ बिताया गया समय हमारी प्राथमिकता होगा, हम उसकी संगति से और अधिक आनन्दित होते जाएंगे। - कीला ओकोआ


परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे - यशायाह 40:31

परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा। सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा। भजन 55:16-17

बाइबल पाठ: दनिय्येल 6:10-23
Daniel 6:10 जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा। 
Daniel 6:11 तब उन पुरूषों ने उतावली से आकर दानिय्येल को अपने परमेश्वर के सामने बिनती करते और गिड़गिड़ाते हुए पाया। 
Daniel 6:12 सो वे राजा के पास जा कर, उसकी राजआज्ञा के विषय में उस से कहने लगे, हे राजा, क्या तू ने ऐसे आज्ञापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया कि तीस दिन तक जो कोई तुझे छोड़ किसी मनुष्य वा देवता से बिनती करेगा, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाएगा? राजा ने उत्तर दिया, हां, मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार यह बात स्थिर है। 
Daniel 6:13 तब उन्होंने राजा से कहा, यहूदी बंधुओं में से जो दानिय्येल है, उसने, हे राजा, न तो तेरी ओर कुछ ध्यान दिया, और न तेरे हस्ताक्षर किए हुए आज्ञापत्र की ओर; वह दिन में तीन बार बिनती किया करता है।
Daniel 6:14 यह वचन सुनकर, राजा बहुत उदास हुआ, और दानिय्येल को बचाने के उपाय सोचने लगा; और सूर्य के अस्त होने तक उसके बचाने का यत्न करता रहा। 
Daniel 6:15 तब वे पुरूष राजा के पास उतावली से आकर कहने लगे, हे राजा, यह जान रख, कि मादियों और फारसियों में यह व्यवस्था है कि जो जो मनाही वा आज्ञा राजा ठहराए, वह नहीं बदल सकती।
Daniel 6:16 तब राजा ने आज्ञा दी, और दानिय्येल लाकर सिंहों की मान्द में डाल दिया गया। उस समय राजा ने दानिय्येल से कहा, तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, वही तुझे बचाए! 
Daniel 6:17 तब एक पत्थर लाकर उस गड़हे के मुंह पर रखा गया, और राजा ने उस पर अपनी अंगूठी से, और अपने प्रधानों की अंगूठियों से मुहर लगा दी कि दानिय्येल के विषय में कुछ बदलने ने पाए। 
Daniel 6:18 तब राजा अपने महल में चला गया, और उस रात को बिना भोजन पड़ा रहा; और उसके पास सुख विलास की कोई वस्तु नहीं पहुंचाई गई, और उसे नींद भी नहीं आई।
Daniel 6:19 भोर को पौ फटते ही राजा उठा, और सिंहों के गड़हे की ओर फुर्ती से चला गया। 
Daniel 6:20 जब राजा गड़हे के निकट आया, तब शोक भरी वाणी से चिल्लाने लगा और दानिय्येल से कहा, हे दानिय्येल, हे जीवते परमेश्वर के दास, क्या तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, तुझे सिंहों से बचा सका है? 
Daniel 6:21 तब दानिय्येल ने राजा से कहा, हे राजा, तू युगयुग जीवित रहे! 
Daniel 6:22 मेरे परमेश्वर ने अपना दूत भेज कर सिंहों के मुंह को ऐसा बन्द कर रखा कि उन्होंने मेरी कुछ भी हानि नहीं की; इसका कारण यह है, कि मैं उसके साम्हने निर्दोष पाया गया; और हे राजा, तेरे सम्मुख भी मैं ने कोई भूल नहीं की। 
Daniel 6:23 तब राजा ने बहुत आनन्दित हो कर, दानिय्येल को गड़हे में से निकालने की आज्ञा दी। सो दानिय्येल गड़हे में से निकाला गया, और उस पर हानि का कोई चिन्ह न पाया गया, क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर विश्वास रखता था।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 50
  • इब्रानियों 8


शुक्रवार, 10 नवंबर 2017

गवाही


   वैंग शाओ-यिंग चीन के यूनान प्रांत के एक ग्रामीण इलाके में रहती है। अस्वस्थ होने के कारण, उसके पति को खेतों में काम करने को नहीं मिला, जिससे परिवार के लिए कठिनाईयाँ होने लगीं। वैंग की सास ने इस सब के लिए वैंग द्वारा प्रभु परमेश्वर में लाए गए विश्वास को ज़िम्मेदार ठहराया; वह वैंग को सताने लगी और उसे बाध्य करने लगी कि वह अपने पुरखाओं के धर्म में लौट आए। परन्तु क्योंकि वैंग के पति ने वैंग के जीवन में आए परिवर्तन को देखा था, इसलिए उसने अपनी माँ से कहा, "माँ, केवल वैंग का प्रभु परमेश्वर में विश्वास करना काफी नहीं है; हम सब को भी उसमें वैसे ही विश्वास करना चाहिए।" अपनी पत्नि में आए प्रगट परिवर्तन को देख कर, अब वैंग का पति भी प्रभु यीशु के सुसमाचार के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है।

   हमारे प्रचार को सुनने से पहले लोग हमारे व्यवहार को देखते हैं। सबसे प्रभावी गवाही वह होती है जिसमें हमारे जीवनों में प्रभु यीशु मसीह द्वारा लाए गए परिवर्तन से संबंधित अच्छा व्यवहार और उपयुक्त शब्द साथ प्रदर्शित होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस ने विरोधी संसार के सम्मुख प्रभु यीशु को प्रस्तुत करने के इसी तरीके के बारे में लिखा। पतरस ने अपने पाठकों को प्रोत्साहित किया कि वे "भलाई करने में उत्तेजित रहें" (1 पतरस 3:13), मसीह में आज्ञाकारिता का जीवन व्यतीत करें, अच्छे विवेक के साथ रहें, और अपनी आशा के संबंध में औरों को बताने के लिए सदा तैयार रहें। यदि हम ऐसा करेंगे, तो हमें अपने विश्वास के लिए लोगों से मिलने वाले दुर्व्यवहार और बदनामी के डर के कारण प्रभु यीशु के लिए अपनी गवाही देने से कोई संकोच नहीं रहेगा।

   हमारी परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी क्यों न हों, हमारे प्रभु ने हमें जहाँ और जिस हाल में रखा है, हमें वहीं पर प्रभु यीशु के गवाह बनकर उसके लिए अपने जीवनों से गवाही देनी है। हमारी हर परिस्थिति और आवाश्यकता के अनुसार, हमसे असहमत लोगों तक हमारी गवाही को पहुँचाने के लिए वह पर्याप्त अनुग्रह प्रदान करेगा। - पो फैंग चिया


हम जितना अधिक प्रभु यीशु के समान जीवन व्यतीत करेंगे,
 उतना ही अधिक लोग प्रभु के प्रति आकर्षित होंगे।

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:13-17
1 Peter 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है? 
1 Peter 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। 
1 Peter 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। 
1 Peter 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे मसीही अच्‍छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों। 
1 Peter 3:17 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 48-49
  • इब्रानियों 7


गुरुवार, 9 नवंबर 2017

कृपा द्वीप


   अमेरिका में स्थित ह्यूरॉन झील में मिशिगन की ओर स्थित सागीनौ खाड़ी में Charity Island (कृपा द्वीप) सबसे बड़ा द्वीप है। अनेकों वर्षों से उस द्वीप पर एक प्रकाशस्तंभ कार्य कर रहा है और यह द्वीप उस क्षेत्र में जल यात्रा कर रहे लोगों के लिए दिशा निर्देश तथा सुरक्षित बन्दरगाह प्रदान करता है। उस द्वीप को यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वहाँ के नाविकों का मानना था कि परमेश्वर ने अपनी कृपा में होकर वह द्वीप उनकी भलाई और सहायता लिए वहाँ बनाया है।

   हमें भी जीवन में कभी कठिन परिस्थितियों से होकर निकलना पड़ता है; और उन नाविकों के समान हमें भी किसी सुरक्षित स्थान और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता पुस्तक में हम पाते हैं कि भजनकार ने यह समझ लिया कि परमेश्वर ही है जो अशान्ति में भी शान्ति ला सकता है, और सुरक्षित स्थानों तक पहुँचने के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। भजनकार ने लिखा, "वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है" (भजन 107:29-30)।

   यह सत्य है कि कोई अपने जीवन में आंधियाँ, अशान्ति के समय, देखना नहीं चाहता है; परन्तु न चाहते हुए भी उन परिस्थितियों का सामना हमें करना ही पड़ता है। परन्तु यही आंधियाँ परमेश्वर द्वारा प्रदान की जाने वली सहायता और सुरक्षा के प्रति हमारी सराहना को कई गुणा बढ़ा सकते हैं। उसके निःस्वार्थ प्रेम में हम अपेक्षित सुरक्षित बन्दरगाह पाते हैं; उसके वचन से हम मार्गदर्शन पाते हैं, और उसका पवित्र आत्मा हमारे अंधियारों को ज्योतिर्मय करता है। प्रभु परमेश्वर ही हमारा सदैव सहजता से उपलब्ध "कृपा द्वीप" है। - डेनिस फिशर


हमारा जीवित प्रभु परमेश्वर सदैव हमारा सुरक्षित आश्रय-स्थल रहेगा।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105

बाइबल पाठ: भजन 107:23-32
Psalms 107:23 जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर हो कर व्यापार करते हैं; 
Psalms 107:24 वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं। 
Psalms 107:25 क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठ कर तरंगों को उठाती है। 
Psalms 107:26 वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता; 
Psalms 107:27 वे चक्कर खाते, और मत वाले के समान लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है। 
Psalms 107:28 तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है। 
Psalms 107:29 वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। 
Psalms 107:30 तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है। Psalms 107:31 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। 
Psalms 107:32 और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 46-47
  • इब्रानियों 6