ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

उपाय करने वाला परमेश्वर

अपने पास्टर होने के आरंभिक समय में मैंने छोटे चर्चों में सेवकाई करी, जहां आर्थिक स्थिति अकसर तंग हुआ करती थी। कभी कभी घर के खर्च के लिये पैसे कम पड़ जाते थे। एक अवसर ऐसा आया जब हमारे घर में भोजन वस्तुएं बिलकुल समाप्ति की कगार पर आ गईं और वेतन मिलने में अभी कुछ दिन बाकी थे। मैं और मेरी पत्नी चिंतित थे और आपस में बातचीत कर रहे थे कि आते दिनों में हम अपने बच्चों के भोजन का प्रबंध कैसे करेंगे? इतने में घर के दरवाज़े की घंटी बजी। जब हमने जाकर दरवाज़ा खोला तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन दरवाज़े पर भोजन वस्तुओं से भरे दो थैले रखे थे। हमने किसी को भी अपनी स्थिति नहीं बताई थी, लेकिन फिर भी हमारे उपाय करने वाले परमेश्वर ने किसी को हमारी आवश्यक्ता की पूर्ति के लिये प्रेरित करके भेजा।

इस घटना से मुझे पुराने नियम में एब्राहम के साथ हुई घटना को याद दिलाया, जब परमेश्वर ने उसे अपने पुत्र इसहाक को बलिदान करने को कहा। एब्राहम आज्ञाकारी हुआ और अपने पुत्र को परमेश्वर द्वारा बताए स्थान पर लेजा कर बलिदान के लिये वेदी पर लेटा दिया, परन्तु उसे बलि करने से ठीक पहले परमेश्वर ने एब्राहम के हाथ को रोक दिया और इसहाक के स्थान पर बलि के लिये एक मेढ़ा उपलब्ध करा दिया। एब्राहम ने उस स्थान का नाम ’यहोवा-यीरे’ अर्थात ’परमेश्वर-उपाय-करेगा’ रखा (उतपत्ति २२:१४); परमेश्वर आज भी अपने बच्चों की अत्याधिक चिंता करता है।

प्रभु यीशु ने कहा "...तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है।" (मती ६:८) वो लगातार हमारा ध्यान रखता है और हमारे लिये जो सर्वोत्तम है करता है। पतरस ने लिखा "इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।" (१ पतरस ५:६, ७) यह हमें याद दिलाने के लिये कि कठिनाइयों, आवश्यक्ताओं और भय के समयों में एक है जिसे सदा हमारी चिन्ता रहती है। पौलुस ने कहा "और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।" (फिलिप्पियों ४:१९)

यदि आप परमेश्वर की सन्तान हैं तो अपनी चिन्ताएं उसपर डाल दीजिए और बस स्मरण रखिये आप यहोवा-यीरे की सन्तान हैं। - बिल क्राउडर


परमेश्वर जो वायदा करता है उसे पूरा भी करता है।

...तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है। - मती ६:८


बाइबल पाठ: मती ६:५-१५

और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्‍योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्‍छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
परन्‍तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाई बक बक न करो क्‍योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।
सो तुम उन की नाई न बनो, क्‍योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्‍या क्‍या आवश्यक्ता है।
सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो - हे हमारे पिता, तू जो स्‍वर्ग में हैं, तेरा नाम पवित्र माना जाए।
तेरा राज्य आए, तेरी इच्‍छा जैसी स्‍वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।
हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।
और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।
और हमें परीक्षा में न ला, परन्‍तु बुराई से बचा, क्‍योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही है। आमीन।
इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • ओबादियाह
  • प्रकाशितवाक्य ९

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

खरा भंडारी

उष्ण जलवायु में पाया जाने वाला फल ’डूरियन’ फलों का राजा भी कहलाता है। या तो आप उसे बहुत पसन्द करेंगे या उसे बिलकुल नापसन्द करेंगे। जो उसे पसन्द करते हैं, वे उसे पाने के लिये हर प्रयास करने को तैयार रहते हैं, जो नापसन्द करते हैं वो उसकी तीखी गंध के कारण उसके पास भी नहीं जाना चाहते। मेरी पत्नी को डूरियन बहुत पसन्द हैं। हाल ही में, उसकी एक सहेली ने मेरी पत्नी से मिली सहायता के लिये आभार प्रकट करने के लिये मेरी पत्नी को सबसे अच्छे डूरियन फलों का एक डिब्बा भेंट किया। उस सहेली ने बड़ी मेहनत से यह सुनिश्चित किया कि उस डिब्बे का हर फल सर्वोत्म ही हो।

मैंने अपने आप से प्रश्न किया, "यदि हम अपने मित्र को सर्वोत्तम देने का प्रयास कर सकते हैं, तो प्रभु के प्रति इससे कम कैसे कर सकते हैं, जिसने अपना जीवन भी हमारे लिये दे दिया?"

प्रभु यीशु ने लूका १९ अध्याय में एक नीति-कथा दी - एक धनी पुरुष की जिसने विदेश जाने से पहले अपने १० दासों को अपने धन का भाग दिया और उनसे कहा कि इसे मेरे लौटने तक व्यापार में लगाओ। लौटने के बाद उसने प्रत्येक से हिसाब मांगा। जितनों ने उसके कहे अनुसार करके उसके धन का सदुपयोग किया था उन सब की उसने प्रशंसा करी और उन्हें ईनाम दिया, लेकिन एक दास ने उस धन को उपयोग नहीं किया और जैसा मिला था वैसा ही लौटा दिया, उसके स्वामी ने उसे ’दुष्ट’ कहा और दण्ड दिया।

इस नीति-कथा का मुख्य उद्देश्य है सिखाना कि जो सौंपा गया है उसका खरा भण्डारी भी होना है। परमेश्वर का खरा भण्डारी होने के लिये, परमेश्वर द्वारा दी गयी योग्यताओं और गुणों का, उसकी इच्छानुसार अपनी पूरी सामर्थ से सदुपयोग करना है। जैसी हमारी मेहनत होगी वैसा ही हमारा प्रतिफल भी होगा। खरा भण्डारी उत्तम प्रतिफल पाएगा और निकम्मा भण्डारी दण्ड पाएगा। हमारा नफा या नुकसान हमारे ही हाथों में है। - सी. पी. हिया


परमेश्वर द्वारा प्रदान योग्यताओं और गुणों का उचित उपयोग दूसरों की सेवा में करने से हम परमेश्वर ही की सेवा करते हैं।

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। - रोमियों १२:१

बाइबल पाठ: लूका १९:१२-२६

सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
और उस ने अपने दासों में से दस को बुलाकर उन्‍हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।
परन्‍तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।
जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्‍हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्‍होंने लेन-देन से क्‍या क्‍या कमाया।
तब पहिले ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।
उस ने उस से कहा, धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख।
दूसरे ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरी मोहर से पांच और मोहरें कमाई हैं।
उस ने कहा, कि तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।
तीसरे ने आकर कहा, हे स्‍वामी देख, तेरी मोहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बान्‍ध रखी।
क्‍योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
उस ने उस से कहा, हे दुष्‍ट दास, मैं तेरे ही मुंह से तुझे दोषी ठहराता हूं: तू मुझे जानता था कि कठोर मनुष्य हूं, जो मैं ने नहीं रखा उसे उठा लेता, और जो मैं ने नहीं बोया, उसे काटता हूं।
तो तू ने मेरे रुपये कोठी में (लेन देन करने वालों के पास) क्‍यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
और जो लोग निकट खड़े थे, उस ने उन से कहा, वह मोहर उस से ले लो, और जिस के पास दस मोहरें हैं उसे दे दो।
(उन्‍होंने उस से कहा, हे स्‍वामी, उसके पास दस मोहरें तो हैं)।
मैं तुम से कहता हूं, कि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा, और जिस के पास नहीं, उस से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस ७-९
  • प्रकाशितवाक्य ८

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

सम्पूर्ण सवस्थ होना

मेरी एक सहेली साईकिल से गिरी और उसे मस्तिष्क की गंभीर चोट आई, डॉकटरों को उसके बचने की कम ही आशा थी। कई दिन तक वह जीवन और मृत्यु के बीच झूलती रही।

आशा की पहली किरण फूटी जब उसने अपनी आंखें खोलना आरंभ किया। फिर उसने कहे गए को सुनकर उसके अनुसार करना आरंभ किया। लेकिन उसके स्वास्थ्य के प्रत्येक छोटे सुधार में भी आशंका बनी रहती थी कि "वह कहां तक ठीक हो पाएगी, कहां जाकर उसके स्वास्थ्य में सुधार की प्रक्रिया रुक जाएगी?"

उसकी चिकित्सा-अभ्यास के एक कठिन दिन के बाद उसका पति बहुत निराश था। लेकिन अगले ही दिन उसने उत्साह से हमें बताया "सैन्डी वापसी की ओर अग्रसर है!" धीरे धीरे सैन्डी शारीरिक, भावात्मक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक तौर से पहले जैसी वह सैन्डी होती गई जिसे हम जानते और चाहते थे।

सैन्डी का गिर कर घायल होना मुझे स्मरण दिलाता है मानव जाति के पाप में गिरने को (उत्पत्ति ३), और सैन्डी का घायल आवस्था से उभरने के प्रयास स्मरण दिलाते हैं मानव के पाप की बंधुआई से निकलने के प्रयासों को "क्‍योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्‍छी वस्‍तु वास नहीं करती, इच्‍छा तो मुझ में है, परन्‍तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते। क्‍योंकि जिस अच्‍छे काम की मैं इच्‍छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्‍तु जिस बुराई की इच्‍छा नहीं करता वही किया करता हूं। परन्‍तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्‍छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्‍तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।" (रोमियों ७:१८-२०)

यदि केवल सैन्डी का शरीर ही ठीक हो जाता और मस्तिष्क नहीं, तो उसका स्वास्थ्य लाभ अधूरा रहता। यदि उसका शरीर ठीक नहीं होता परन्तु मस्तिष्क ठीक हो जाता तो भी उसका स्वास्थ्य लाभ अधूरा रहता। सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ का अर्थ है कि उसका हर भाग ठीक होकर एक साथ मिलकर एक ही उद्देश्य के लिये एकसाथ काम करे।

परमेश्वर सैन्डी को ठीक कर रहा है, लेकिन सैन्डी का प्रयास और योगदान भी उसके पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिये आवश्यक है। यही हमारे आत्मिक जीवन पर भी लागू होता है। परमेश्वर का हमें प्रभु यीशु मसीह द्वारा पापों से बचा लिये जाने के बाद, हमें परमेश्वर के अनुग्रह से मिले इस उद्धार के योग्य कार्य करने हैं "सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।" (इफिसियों ४:१); यह उद्धार ’कमाने’ के लिये नहीं, क्योंकि उद्धार कभी कमाया नहीं जा सकता, वरन इसलिये कि हमारी मनसा और कार्य परमेश्वर की मनसा के अनुरूप हों, जिससे संसार के समक्ष हम परमेश्वर के सच्चे गवाह बन सकें। - जूली ऐकैरमैन लिंक


संपूर्ण होने के लिये हर बात में परमेश्वर के आत्मा को समर्पित रहिये।

सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष कर के अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ। क्‍योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्‍छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है। - फिलिप्पियों २:१२, १३


बाइबल पाठ: रोमियों ७:१३-८:३

तो क्‍या वह जो अच्‍छी थी, मेरे लिये मृत्यु ठहरी कदापि नहीं! परन्‍तु पाप उस अच्‍छी वस्‍तु के द्वारा मेरे लिये मृत्यु का उत्‍पन्न करने वाला हुआ कि उसका पाप होना प्रगट हो, और आज्ञा के द्वारा पाप बहुत ही पापमय ठहरे।
क्‍योंकि हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्‍तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूं।
और जो मैं करता हूं, उस को नहीं जानता, क्‍योंकि जो मैं चाहता हूं, वह नहीं किया करता, परन्‍तु जिस से मुझे घृणा आती है, वही करता हूं।
और यदि, जो मैं नहीं चाहता वही करता हूं, तो मैं मान लेता हूं, कि व्यवस्था भली है।
तो ऐसी दशा में उसका करने वाला मैं नहीं, वरन पाप है, जो मुझ में बसा हुआ है।
क्‍योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्‍छी वस्‍तु वास नहीं करती, इच्‍छा तो मुझ में है, परन्‍तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते।
क्‍योंकि जिस अच्‍छे काम की मैं इच्‍छा करता हूं, वह तो नहीं करता, परन्‍तु जिस बुराई की इच्‍छा नहीं करता वही किया करता हूं।
परन्‍तु यदि मैं वही करता हूं, जिस की इच्‍छा नहीं करता, तो उसका करने वाला मैं न रहा, परन्‍तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है।
सो मैं यह व्यवस्था पाता हूं, कि जब भलाई करने की इच्‍छा करता हूं, तो बुराई मेरे पास आती है।
क्‍योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्‍व से तो परमेश्वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूं।
परन्‍तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्‍धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा?
मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्‍तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं।
सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्‍ड की आज्ञा नहीं: क्‍योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
क्‍योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्‍वतंत्र कर दिया।
क्‍योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण र्दुबल होकर न कर सकी, उस को परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर, शरीर में पाप पर दण्‍ड की आज्ञा दी।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस ४-६
  • प्रकाशितवाक्य ७

बुधवार, 15 दिसंबर 2010

परमेश्वर का अद्भुत वचन

सन १९४७ में इस्त्राएल के लवण सागर (Dead Sea) के आस पास के इलाके में स्थित कुमरान गुफाओं में, मिट्टी के बरतनों में बन्द, चर्मपत्रों पर लिखी कई प्राचीन पुस्तकें मिलीं जिन्हें Dead Sea Scrolls के नाम से जाना जाता है। पुरातत्व विज्ञान में इन्हें बीसवीं सदी की सबसे महान खोज माना जाता है। इन पुस्तकों को खोलने पर पता चला कि वे बाइबल के पुराने नियम की कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं। सन २००७ में सैन डियेगो प्राकृतिक इतिहास के अजायबघर में बाइबल की पुस्तकों की इन सबसे प्राचीन प्रतियों में से २४ की प्रदर्शनी लगी। इस प्रदर्शनी में जो बात बार बार सामने आ रही थी वह थी कि लगभग २००० साल पुरानी इन पुस्तकों और वर्तमान बाइबल की उन्ही पुस्तकों के लेखों में कोई फर्क नहीं है! अर्थात, हज़ारों साल से इन प्राचीन पुस्तकों की हाथों द्वारा बार बार बनाई गई प्रतियों के लेखों में कोई त्रुटि नहीं आई। यह बात और भी विशिष्ट हो जाती है जब ध्यान किया जाए कि इन हज़ारों सालों में बाइबल को नाश करने के अनगिनित प्रयत्न किये गए। बिना छपाई की सुविधा या आधुनिक कंप्यूटर संसाधनों के, केवल हाथों द्वारा नाशमान चर्मपत्रों पर छिप छिप कर इनकी प्रतियां बनानी पड़ती थीं, और इन प्रतियों की संख्या भी बहुत सीमित रहती थी, जिन्हें फिर बहुत संभाल कर रखा जाता था, फिर भी ये सुरक्षित और त्रुटि रहित रही हैं।

मसीह यीशु के विश्वासियों के लिये, जो बाइबल को परमेश्वर का शाश्वत वचन मानते हैं, यह अद्भुत संरक्षण केवल संयोग मात्र नहीं है। भजनकार ने लिखा "हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।" (भजन ११९:८९, ९०)

प्रभु यीशु ने कहा "आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्‍तु मेरी बातें कभी न टलेंगी।" (मती २४:३५)

बाइबल केवल एक ऐतिहासिक स्मृतिचिन्ह नहीं है, यह परमेश्वर का जीवित और सामर्थी वचन है जो मनों को जांचने और सच्चाई को प्रगट करने की क्षमता रखता है - "क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव और आत्मा को, और गांठ गांठ और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।" (इब्रानियों ४:१२)

बाइबल से हम सीखते हैं कि परमेश्वर कौन है, कैसा है और क्या चाहता है; उसके साथ कैसे चलना चाहिये, कैसे उसे आदर देना चाहिये। बाइबल हमें सृष्टि और समय के आरंभ से लेकर समय के अन्त और अनन्त की बात बताती है। भजनकार इसीलिये कहता है "मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।" (भजन ११९:९३) प्रभु यीशु के चेले पतरस ने कहा "...हे प्रभु हम किस के पास जाएं अनन्‍त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।" (यूहन्ना ६:६८, ६९)

परमेश्वर के जीवते और शाश्वत वचन से प्रतिदिन सीख पाने वालों का यह सौभाग्य कितना महान है। - डेविड मैककैसलैन्ड


लिखित वचन बाइबल को जानने से ही, जीवित वचन प्रभु यीशु मसीह से प्रेम रखा जा सकता है।

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। - भजन ११९:८९


बाइबल पाठ: भजन ११९:८९-९६

हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है। तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है।
वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं, क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता।
मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।
मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं।
दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।

एक साल में बाइबल:
  • अमोस १-३
  • प्रकाशितवाक्य ६

मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

चेतावनी के संकेत

जब मैंने अपनी कार चालू करने को चाबी घुमाई तो उसे चालू होने में थोड़ा सा वक्त लगा और एक छोटी पीली बत्ती संकेत देने लगी "अपना इंजन जांचिये"; मुझे नहीं लगा कि यह कोई ऐसी गम्भीर समस्या है जिस पर मुझे तुरंत ध्यान देने की आवश्यक्ता है। मैंने कार चालू करी और अपने काम पर निकल गया। लेकिन अगली सुबह जब मैंने कार चालू करने की कोशिश करी तो वह चालू नहीं हुई। इस बात पर मेरी पहली प्रतिक्रिया थी खिसियाहट की, यह सोच कर कि अब इससे मुझे समय और पैसे का नुकसान तथा असुविधा का सामना करना पड़ेगा। कुछ समय के बाद मेरी दूसरी प्रतिक्रिया विधिसंगत थी - मैंने निर्णय लिया कि अब से मैं चेतावनी के संकेतों को नज़रांदाज़ नहीं करूंगा, वे वास्तव में किसी गंभीर समस्या के सूचक हो सकते हैं।

बाइबल में परमेश्वर ने योएल नबी के द्वारा अपने लोगों को उनके आत्मिक जीवन से संबंधित उसकी चेतावनियों पर ध्यान देने के लिये उकसाया (योएल २:१२-१७)। समृद्धी के कारण वे लोग परमेश्वर के प्रति उदासीन और लापरवाह हो गए थे। उनका विश्वास खोखला तथा ऊपरी तौर से केवल रिवाज़ों को मनाने तक सीमित रह गया था, और उनके जीवन में आत्मिक दिवालियापन तथा नैतिक पतन आ गया था। उन्हें चिताने के लिये परमेश्वर ने उनकी फसल को टिड्डियों से बरबाद होने दिया, जिससे वे अपने व्यवहार को बदलें और परमेश्वर की ओर सच्चे मन से फिरें।

प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को चिताया "...चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्‍योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। उस ने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्‍या करूं, क्‍योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। और उस ने कहा मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। परन्‍तु परमेश्वर ने उस से कहा हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्‍तु परमेश्वर की दृष्‍टि में धनी नहीं।" (लूका १२:१५-२१)

क्या आपके जीवन में परमेश्वर की ओर से कोई चेतावनी का संकेत आ रहा है? क्या आपके जीवन में ऐसा कुछ है जिसे परमेश्वर के सन्मुख अंगीकार और पश्चाताप द्वारा ठीक करना बाकी है? समय रहते चेत जाइये और सब कुछ परमेश्वर के साथ ठीक कर लीजिये; बात को नज़रंदाज़ करना या टालना नुकसानदेह या घातक भी हो सकता है। - मार्विन विलियम्स


मन की बेचैनी परमेश्वर की ओर से चेतावनी का संकेत भी हो सकती है।

तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ। - योएल २:१२


बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७

तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
क्या जाने वह फिर कर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
याजक[पुरोहित] जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?

एक साल में बाइबल:
  • योएल १-३
  • प्रकाशितवाक्य ५

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

विश्राम का समय

पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में ३६५ और १/४ दिन लगते हैं। इस कारण हर चौथे साल वर्ष में ३६६ दिन गिने जाते हैं और यह अतिरिक्त दिन फरवरी महीने में जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार हमारा कैलेन्डर का नक्षत्रों से निर्धारित समय से सामन्जस्य बना रहता है।

प्राचीन इस्त्राएल के कैलेन्डर में प्रमेश्वर ने एक अद्भुत रीति से सामाजिक बातों को फिर से सही सामन्जस्य में लाने की विधि ठहराई थी। जैसे मनुष्य के लिये सप्ताह का सातवां दिन विश्राम का दिन निर्धारित किया गया (निर्गमन २०:८-१०), वैसे ही भूमि के लिये भी सातवां वर्ष विश्राम का वर्ष ठहराया गया (लैव्यवस्था २५:४) जिससे उसकी उर्वरता की परिपूर्ति हो सके। इसके साथ ही इस विश्राम के सातवें वर्ष में लोगों के कर्ज़ भी माफ होने थे (व्यवस्थाविवरण १५:१-११) और इब्रानी दास भी स्वतंत्र किये जाने थे। अर्थात, यह विश्राम का वर्ष, भूमि और समाज को एक नई शुरूआत देता था।

हमारे व्यस्त कार्यक्रमों और भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हमें भी जीवन की कई बातों में सामन्जस्य बैठाने और व्यवसाय, परिवार, मण्डली के कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिये उनका पुनःअवलोकन करने की आवश्यक्ता होती है। इसके लिये परमेश्वर की इस विश्राम विधि का पालन करना लाभदायक है; इसके द्वारा अपने लिये विश्राम और प्रार्थना सहित अपने कार्यों और अपनी प्रथमिकताओं पर विचार करके आगे बढ़ने के लिये सामर्थ पुनः प्राप्त करी जा सकती है। प्रभु यीशु ने अपने जीवन से इसे दिखाया - वह स्वयं प्रार्थना करने के लिये एकान्त में जाया करता था (लूका ६:१२, मरकुस १:३५) और उसने अपने चेलों को भी ऐसा करने की शिक्षा दी "प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर, जो कुछ उन्‍होंने किया, और सिखाया था, सब उस को बता दिया। उस ने उन से कहा, तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्‍योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्‍हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। (मरकुस ६:३०, ३१)

ये विश्राम और प्रार्थना के समय हमारे थकित जीवनों में नई जान डालने और हमें अपने कार्य तथा ज़िम्मेदारियों के निर्वाह में और अधिक कार्यकुशल बनाने के लिये आवश्यक हैं, क्योंकि ये हमारे शरीरों की रचना में परमेश्वर द्वारा स्थापित किये गये हैं।

अपने जीवन में विश्राम के उचित समय बनाए रखिये - ये आपके, आपके परिवार के और समाज के भले के लिये परमेश्वर की व्यवस्था हैं। - डेनिस फिशर


अपने समय का सर्वोत्तम प्रयोग करने के लिये प्रार्थना में समय लगाना सीखिये।

परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। - लैव्यवस्था २५:४


बाइबल पाठ: लैव्यवस्था २५:१-७

फिर यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से कहा,
इस्त्राएलियों से कह, कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूं, तब भूमि को यहोवा के लिये विश्राम मिला करे।
छ: वर्ष तो अपना अपना खेत बोया करना, और छहों वर्ष अपनी अपनी दाख की बारी छांट छांटकर देश की उपज इकट्ठी किया करना;
परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। उस में न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छांटना।
जो कुछ काटे हुए खेत में अपने आप से उगे उसे न काटना, और अपनी बिन छांटी हुई दाखलता की दाखों को न तोड़ना; क्योंकि वह भूमि के लिये परमविश्राम का वर्ष होगा।
और भूमि के विश्रामकाल ही की उपज से तुम को, और तुम्हारे दास-दासी को, और तुम्हारे साथ रहने वाले मजदूरों और परदेशियों को भी भोजन मिलेगा;
और तुम्हारे पशुओं का और देश में जितने जीवजन्तु हों उनका भी भोजन भूमि की सब उपज से होगा।

एक साल में बाइबल:
  • होशै १२-१४
  • प्रकाशितवाक्य ४

रविवार, 12 दिसंबर 2010

प्रार्थना का बोझ

अपने बाइबल अध्ययन में हम इफिसियों ४:१७-२४ ऊंची आवाज़ में पढ़ रहे थे, कि अलीसा रोने लगी। हम उसके रोने से विसमित थे और उसके रोने का कारण जानना चाहते। जब उसका रोना बंद हुआ तो उसने बताया कि "मैं रोई क्योंकि इस खंड को ऊंची आवाज़ में सुनने से मुझे पाप की दशा में खोए हुए लोगों की दशा समझ में आई। वे न केवल परमेश्वर से दूर हैं, वरन उसके बारे में अंधे भी हैं! इससे मेरा दिल टूट गया।

बाद में एक अन्य व्यक्ति ने लज्जित होकर कहा कि उसे ग्लानि हुई क्योंकि मसीह पर विश्वास न रखने वालों के विषय में सोच कर वह कभी उदास नहीं हुआ, अपितु हाल ही में वह उन पर परमेश्वर के आने वाले न्याय को लेकर उत्तेजित था।

प्रेरित पौलुस ने पाप और अविश्वास में खोए हुओं की दशा के बारे में लिखा: "... उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।" (इफिसियों ४:१८) एक अन्य स्थान पर पौलुस ने अपने अविश्वासी देशवासियों के लिये, क्योंकि उन्होंने मसीह के प्रेम को नहीं जाना था, लिखा: "मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। क्‍योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।" (रोमियों ९:१-३)

मसीह के प्रति अविश्वासियों की दशा के बारे में सोचने से यदि हम दुखी हो सकते हैं, तो हमें उनके संबंध में परमेश्वर के हृदय पर भी ध्यान करना चाहिये, जिसने कहा: " सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे। हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?" (यहेजेकेल ३३:११)

लोगों को दुष्टों के प्रति परमेश्वर के न्याय में विलम्ब समझ में नहीं आता; उसका यह विलम्ब अन्याय का विलम्ब नहीं वरन उनके प्रति भी उसके प्रेम, धीरज और मनफिराव का यथासंभव अवसर देने का विलम्ब है - " प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं, पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो, वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।" (२ पतरस ३:९)

जब हम सच्चे और बोझिल मन से पाप और अविश्वास में खोए हुओं के लिये प्रार्थनाएं करेंगे, तो उनकी आंखें भी परमेश्वर के प्रेम के प्रति खुल जाएंगी। - एनी सेटास


अपना मन प्रभु के लिये खोलिये; वह आपकी आंखें खोए हुओं के लिये खोल देगा।

मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। - रोमियों ९:२


बाइबल पाठ: इफिसियों ४:१७-२४

इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अप्ने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
क्‍योंकि उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
और वे सुन्न हो कर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्‍दे काम लालसा से किया करें।
पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
कि तुम पिछले चाल चलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो।
और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ।
और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

एक साल में बाइबल:
  • होशै ९-११
  • प्रकाशितवाक्य ३