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बुधवार, 30 सितंबर 2015

जीवन जल


   कॉलेराडो आने वाले पर्यटक अकसर इस बात से अनभिज्ञ रहते हैं कि क्यों उनके शरीर से पानी की मात्रा कम होती जा रही है। उस क्षेत्र का शुष्क वातावरण और चिलचिलाती धूप, विशेषकर पहाड़ों में, शरिर से जल को सुखा देती है। इसीलिए यहाँ अनेक पर्यटक मानचित्रों और स्थान स्थान पर लगे चिन्हों पर लोगों से काफी मात्रा में पानी पीते रहने का आग्रह लिखा मिलता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जल को अकसर जीवन जल प्रभु यीशु के प्रतीक के रूप में दिया गया है, ऐसा जल जो हमारी प्रत्येक प्यास को तृप्त करता है। बाइबल में लिखे प्रभु यीशु के सबसे यादगार वार्तालापों में से एक है उनका कुँए के पास सामरी स्त्री से किया गया वार्तालाप (यूहन्ना 4:1-42)। वार्तालाप का आरंभ हुआ प्रभु यीशु के सामरी स्त्री से जल माँगने के द्वारा (पद 7), और वार्तालाप का सिलसिला बढ़ते बढ़ते कुछ और गहरी बातों की ओर मुड़ गया जब प्रभु यीशु ने कुँए के जल के संदर्भ में उस स्त्री से कहा: "...जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:13-14)।

   इस वार्तालाप का परिणाम हुआ कि वह सामरी स्त्री और फिर उस स्थान के अनेक निवासियों प्रभु यीशु पर विश्वास किया कि वही मसीह अर्थात संसार का उद्धारकर्ता है (पद 42)।

   जैसे हमारे शरीर जल के बिना जीवित नहीं रह सकते, वैसे ही हमारे प्राण और आत्मा उस आत्मिक जल के बिना जीवित नहीं रह सकते जो प्रभु यीशु अपने विश्वास करने वाले को देता है। आज यह जीवन जल परमेश्वर की ओर से संसार के हर व्यक्ति के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध है; इस जीवन जल से अपनी आत्मिक प्यास बुझाने के अवसर को जाने ना दें। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्यासी आत्मा को केवल जीवन जल प्रभु यीशु ही तृप्त कर सकता है।

और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया। और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है। - यूहन्ना 4:41-42

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:6-15
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। 
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला। 
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे। 
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)। 
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। 
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया? 
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया? 
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। 
John 4:15 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 9-10
  • इफिसियों 3


मंगलवार, 29 सितंबर 2015

अनुसरण


   कलाई पर बान्धी जाने वाली घड़ियों के लिए रेडियो पर प्रसारित होने वाले एक विज्ञापन में सलाह दी जा रही थी कि लोग चटकीले रंग के पट्टे वाली घड़ी खरीद कर उसे किसी अन्य रंग के कपड़ों के साथ पहिनें, जिससे लोग रंगों के इस असामंजस्य को लेकर पहनने वालों के साहस से आकर्षित हों और उनके समान बनना चाहें। हम सब के अन्दर कुछ तो ऐसा होता है जो चाहता है कि लोग हमारा अनुसरण करें।

   यदि आप परमेश्वर के वचन बाइबल में 1 कुरिन्थियों के 4 अध्याय को सरसरी निगाह से पढ़ें तो आपको लग सकता है कि उस पत्री का लेखक पेरित पौलुस यह कहने के द्वारा कि "मैं तुम से बिनती करता हूं, कि मेरी सी चाल चलो" (1 कुरिन्थियों 4:16) कुछ शेखी मार रहा है। लेकिन उस पत्री को ध्यान से पढ़ने पर हमें पता चलता है कि पौलुस ने इतने भरोसे से ऐसा क्यों कहा है; क्योंकि वह स्वयं मनुष्यों के सबसे महान सेवक, प्रभु यीशु का सेवक होने के लिए उसका अनुसरण करता था (1 कुरिन्थियों 11:1)।

   मसीह यीशु का अनुसरण करने की उसकी इस सेवकाई से पौलुस को मसीही मण्डलियों में निरादर और ताड़नाएं भी मिलीं (1 कुरिन्थियों 4:10-17)। जब पौलुस कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखता है कि चाहे उनके 10,000 शिक्षक भी हों तो भी वह मसीही विश्वास में उनका आत्मिक पिता है, तब वह उन्हें ऐसा यह एहसास दिलाने के लिए लिखता है कि प्रभु यीशु मसीह ही एकमात्र कारण है जिसके अन्तर्गत वे लोग उसके प्रचार और शिक्षाओं पर विश्वास कर सकते हैं।

   यदि हम चाहते हैं कि लोग हमारा अनुसरण करें, तो हमें सबसे पहले अपने प्रभु यीशु का अनुसरण करना होगा। यदि हम में लोगों को प्रभु यीशु की ओर इशारा करने का साहस है, यदि हम में कोई गुण, कोई ऐसा भलाई है जो लोगों के लिए अनुसरणीय उदाहरण हो सकती है, तो यह केवल हमारे प्रभु यीशु का अनुसरण करने के द्वारा ही सम्भव है, हमारी अपनी किसी सामर्थ या योग्यता के द्वारा नहीं। - ऐनी सेटास



हम जितना प्रभु यीशु का अनुसरण करते हैं, लोग भी हमारा उतना ही अनुसरण करेंगे।

इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो। और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। - इफिसियों 5:1-2

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 4:10-17
1 Corinthians 4:10 हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं। 
1 Corinthians 4:11 हम इस घड़ी तक भूखे-प्यासे और नंगे हैं, और घूंसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं; 
1 Corinthians 4:12 और अपने ही हाथों से काम कर के परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं। 
1 Corinthians 4:13 वे बदनाम करते हैं, हम बिनती करते हैं: हम आज तक जगत के कूड़े और सब वस्‍तुओं की खुरचन की नाईं ठहरे हैं। 
1 Corinthians 4:14 मैं तुम्हें लज्ज़ित करने के लिये ये बातें नहीं लिखता, परन्तु अपने प्रिय बालक जानकर उन्हें चिताता हूं। 
1 Corinthians 4:15 क्योंकि यदि मसीह में तुम्हारे सिखाने वाले दस हजार भी होते, तौभी तुम्हारे पिता बहुत से नहीं, इसलिये कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा पिता हुआ। 
1 Corinthians 4:16 सो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि मेरी सी चाल चलो। 
1 Corinthians 4:17 इसलिये मैं ने तीमुथियुस को जो प्रभु में मेरा प्रिय और विश्वासयोग्य पुत्र है, तुम्हारे पास भेजा है, और वह तुम्हें मसीह में मेरा चरित्र स्मरण कराएगा, जैसे कि मैं हर जगह हर एक कलीसिया में उपदेश करता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-8
  • इफिसियों 2


सोमवार, 28 सितंबर 2015

अयोग्य?


   बहुत वर्ष पहले की बात है कि विश्व-विख्यात सुसमाचार प्रचारक, बिली ग्राहम को इंग्लैंड के सुप्रसिद्ध कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवचन देना था, लेकिन वे उस विश्वविद्यालय के प्रतिभावान लोगों के सामने अपने आप को अयोग्य अनुभव कर रहे थे, क्योंकि उनके पास ना तो किसी प्रकार की उच्च शिक्षा की कोई उपाधि थी और ना ही उन्होंने किसी बाइबल कॉलेज से कोई डिग्री प्राप्त करी थी। बिली ने अपने एक निकट मित्र से कहा, "मुझे नहीं पता कि जीवन में इससे से अधिक अयोग्य और अवसर के लिए अतैयार मैंने कभी अनुभव किया है।" बिली ने परमेश्वर से सहायता की प्रार्थना करी, और परमेश्वर ने उन्हें सुसमाचार और प्रभु यीशु के क्रूस की सरल सच्चाई को उन प्रतिभावान लोगों के मध्य स्पष्टता से बताने के लिए बहुतायत से इस्तेमाल किया।

   जब परमेश्वर ने मूसा को मिस्त्र के राजा फिरौन के पास जाकर उससे परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल को मुक्त करने के लिए कहने के लिए चुना तो मूसा ने भी अपने आप को इस कार्य के लिए सर्वथा अयोग्य अनुभव किया: "तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं?" (निर्गमन 3:11)। तब परमेश्वर ने मूसा को आश्वस्त किया, "...निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा..." (निर्गमन 3:12)। यह जानकर कि उसे जाना ही होगा और परमेश्वर की बात को फिरौन तथा इस्त्राएलियों को बताना ही होगा, मूसा ने यह कहकर बचना चाहा, "जब मैं इस्राएलियों के पास जा कर उन से यह कहूं, कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, तब यदि वे मुझ से पूछें, कि उसका क्या नाम है? तब मैं उन को क्या बताऊं?", तो परमेश्वर का उत्तर था, "...तू इस्राएलियों से यह कहना, कि जिसका नाम मैं हूं है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है" (निर्गमन 3:13-14)। परमेश्वर ने अपना नाम "मै हूँ", अपने अनन्त, स्वयंभू और आत्म-पर्याप्त होने के गुणों और चरित्र को दर्शाने के लिए कहा।

   हम परमेश्वर की आज्ञा पूरी करने में अपनी अयोग्यता दिखाने के लिए परमेश्वर के सामने प्रश्न उठा सकते हैं, परन्तु वह तब भी हमारे प्रति विश्वासयोग्य रहता है, हमें सामर्थ देता है, हमें अपनी महिमा के लिए इस्तेमाल करता है। हर परिस्थिति के लिए उसके पर्याप्त होने और उसकी सामर्थ के सामने हमारी व्यक्तिगत कमज़ोरियाँ महत्वहीन तथा अति गौण हैं। हम जब भी अपने आप को अयोग्य दर्शाने के लिए प्रश्न उठाएंगे, "मैं क्या हूं?" तो परमेश्वर का उत्तर होगा, "मैं हूं"! - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जब परमेश्वर आपके साथ हो तो आपको यात्रा, मार्ग और परिस्थितियों को लेकर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।

इसलिये तू अपनी कमर कस कर उठ; और जो कुछ कहने की मैं तुझे आज्ञा दूं वही उन से कह। तू उनके मुख को देख कर न घबराना, ऐसा न हो कि मैं तुझे उनके साम्हने घबरा दूं। क्योंकि सुन, मैं ने आज तुझे इस सारे देश और यहूदा के राजाओं, हाकिमों, और याजकों और साधारण लोगों के विरुद्ध गढ़वाला नगर, और लोहे का खम्भा, और पीतल की शहरपनाह बनाया है। वे तुझ से लड़ेंगे तो सही, परन्तु तुझ पर प्रबल न होंगे, क्योंकि बचाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है। - यिर्मयाह 1:17-19

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:7-15
Exodus 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ; 
Exodus 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं। 
Exodus 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाईं पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है, 
Exodus 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए। 
Exodus 3:11 तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं? 
Exodus 3:12 उसने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजने वाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे। 
Exodus 3:13 मूसा ने परमेश्वर से कहा, जब मैं इस्राएलियों के पास जा कर उन से यह कहूं, कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, तब यदि वे मुझ से पूछें, कि उसका क्या नाम है? तब मैं उन को क्या बताऊं? 
Exodus 3:14 परमेश्वर ने मूसा से कहा, मैं जो हूं सो हूं। फिर उसने कहा, तू इस्राएलियों से यह कहना, कि जिसका नाम मैं हूं है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। 
Exodus 3:15 फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, कि तू इस्राएलियों से यह कहना, कि तुम्हारे पितरों का परमेश्वर, अर्थात इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर, यहोवा उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 5-6
  • इफिसियों 1


रविवार, 27 सितंबर 2015

न्याय और करुणा


   जब कॉलेराडो स्प्रिंग्स, कॉलेराडो, के जंगलों में लगी आग से सैंकड़ों घर तथा जानवरों के रहने के अनेक स्थल जल कर राख हो गए, तो सारे देश में लोग परमेश्वर से प्रार्थना करने लगे कि वह बारिश को भेजे जिससे आग बुझ सके, विनाश रुक सके और आग बुझाने में लगे लोगों को राहत मिल सके। प्रार्थना करने वाले लोगों में से कुछ ने अपनी प्रार्थनाओं के साथ एक रोचक शर्त भी लगाई; उन्होंने परमेश्वर से करुणा दिखाने का आग्रह किया और बरसात की माँग करी लेकिन ऐसी बारिश जिसके साथ बिजली ना कड़के, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि बिजली गिरने से कहीं और आग लग सकती है।

   इससे मुझे स्मरण हो आता है कि हम उसी वस्तु से हानि और लाभ के बीच कैसे तनाव में जीवन व्यतीत करते हैं। हम आग से अपना भोजन पकाते हैं, अपने आप को गरम रखते हैं, लेकिन वही आग हमें भस्म भी कर सकती है। बिना पानी हमारा जीवन नहीं है, हमें अपने शरीरों के कार्य करते रहने के लिए उचित मात्रा में पानी चाहिए, इस पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए के लिए और पर्यावरण को बनाए रखने के लिए पानी चाहिए, लेकिन उसी पानी में हम डूब भी सकते हैं, वह हमें और हमारे घर तथा फसलों को बहा कर ले जा सकता है, बर्बाद कर सकता है। किसी भी चीज़ की कमी या अधिकाई, या अनियंत्रित प्रयोग हानिकारक अथवा जीवन के लिए खतरनाक हो जाता है।

   यही सिद्धांत आत्मिक बातों और जीवन पर भी लागू होता है। सभ्यताओं को पनपने और बढ़ने के लिए, परस्पर विरोधाभास रखने वाली दो बातों, करुणा और न्याय (ज़कर्याह 7:9) की आवश्यकता होती है। प्रभु यीशु ने धर्मगुरुओं को परमेश्वर की व्यवस्था के अक्षरशः पालन पर ज़ोर देने परन्तु उसकी गंभीर बातों की अवहेलना करने के लिए डाँटा (मत्ती 23:23)।

   हम न्याय या करुणा में से किसी एक की ओर झुकाव रख सकते हैं, परन्तु प्रभु यीशु हमारे प्रति उन्हें बिलकुल संतुलित रखता है (यशायाह 16:5, 42:1-4)। समस्त मानव जाति के पापों के दण्ड के लिए प्रभु यीशु द्वारा दिए गए बलिदान से परमेश्वर के न्याय और हमारे प्रति उसकी करुणा, दोनों ही की माँग पूरी हुई, और हमें परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप का मार्ग मिला है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर के न्याय और करुणा का मिलन प्रभु यीशु के क्रूस पर हुआ।

हे कपटी शास्‍त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। - मत्ती 23:23

बाइबल पाठ: यशायाह 16:1-5, 42:1-4
Isaiah 16:1 जंगल की ओर से सेला नगर से सिय्योन की बेटी के पर्वत पर देश के हाकिम के लिये भेड़ों के बच्चों को भेजो। 
Isaiah 16:2 मोआब की बेटियां अर्नोन के घाट पर उजाड़े हुए घोंसले के पक्षी और उनके भटके हुए बच्चों के समान हैं। 
Isaiah 16:3 सम्मति करो, न्याय चुकाओ; दोपहर ही में अपनी छाया को रात के समान करो; घर से निकाले हुओं को छिपा रखो, जो मारे मारे फिरते हैं उन को मत पकड़वाओ। 
Isaiah 16:4 मेरे लोग जो निकाले हुए हैं वे तेरे बीच में रहें; नाश करने वाले से मोआब को बचाओ। पीसने वाला नहीं रहा, लूट पाट फिर न होगी; क्योंकि देश में से अन्धेर करने वाले नाश हो गए हैं। 
Isaiah 16:5 तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चाई के साथ एक विराजमान होगा जो सोच विचार कर सच्चा न्याय करेगा और धर्म के काम पर तत्पर रहेगा।

Isaiah 42:1 मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा। 
Isaiah 42:2 न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा। 
Isaiah 42:3 कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। 
Isaiah 42:4 वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जाहेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 3-4
  • गलतियों 6


शनिवार, 26 सितंबर 2015

बुद्धिमानी


   कहा जाता है कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक एलबर्ट आइन्सटाईन ने कहा था, "केवल दो चीज़ें असीम हैं, सृष्टि एवं मनुष्यों की मूर्खता; लेकिन इन में से प्रथम के बारे में मैं इतना निश्चित नहीं हूँ।" दुर्भाग्यवश, हम अपनी मूर्खता के कारण अपने आप को अकसर परेशानियों में डाल लेते हैं, या अपनी मूर्खता से दूसरों को परेशानी दे देते हैं अथवा दूसरों की बर्बादी का कारण बन जाते हैं; और हमारे ऐसा करते रहने की कोई सीमा नहीं है।

   ऐसे ही एक खेद के समय में दाऊद ने भजन 38 में अपनी हालत और शिकायत को परमेश्वर के सामने रखा। अपनी मूर्खता के कारण मिले दुखद परिणामों और असफलताओं का वर्णन करते हुए दाऊद ने गंभीर बात कही: "मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं" (भजन 38:5)। यद्यपि भजनकार यह तो नहीं बताता है कि वे मूर्खताएं क्या थीं या फिर उसके घाव कैसे थे, लेकिन जो बात स्पष्ट है वह है कि दाऊद को यह पता था कि उन दुखों का कारण उसकी मूर्खता ही है।

   ऐसी विनाशकारी मूर्खता के दुषपरिणामों से निकलने का एक ही मार्ग है - परमेश्वर की बुद्धिमानी की शरण में आ जाएं। परमेश्वर के वचन बाइबल की नीतिवचन नामक पुस्तक में लिखा है, "यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्वर को जानना ही समझ है" (नीतिवचन 9:10)। केवल परमेश्वर को हमें बदल देने की अनुमति देने और उससे ऐसा करने का आग्रह करने के द्वारा ही हम अपनी मूर्खताओं और उनके दुषपरिणामों से निकल सकते हैं। उसके धैर्यपूर्ण तथा सप्रेम मार्गदर्शन द्वारा हम बुद्धिमानी के मार्ग पर चलते रह सकते हैं। - बिल क्राउडर


जो नम्रता के साथ परमेश्वर से आग्रह करते हैं, उन्हें परमेश्वर अपनी बुद्धिमता अवश्य प्रदान करता है।

पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। - याकूब 1:5-6

बाइबल पाठ: भजन 38:1-15
Psalms 38:1 हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! 
Psalms 38:2 क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं। 
Psalms 38:3 तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ भी चैन नहीं। 
Psalms 38:4 क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ की नाईं मेरे सहने से बाहर हो गए हैं।
Psalms 38:5 मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं। 
Psalms 38:6 मैं बहुत दुखी हूं और झुक गया हूं; दिन भर मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं। 
Psalms 38:7 क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं। 
Psalms 38:8 मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूं; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूं।
Psalms 38:9 हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं। 
Psalms 38:10 मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आंखों की ज्योति भी मुझ से जाती रही।
Psalms 38:11 मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए। 
Psalms 38:12 मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि के यत्न करने वाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं। 
Psalms 38:13 परन्तु मैं बहिरे की नाईं सुनता ही नहीं, और मैं गूंगे के समान मूंह नहीं खोलता। 
Psalms 38:14 वरन मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूं जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुंह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती।
Psalms 38:15 परन्तु हे यहोवा, मैं ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-2
  • गलतियों 5


शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

महत्वपूर्ण


   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार के तीसरे अध्याय में तत्कालीन समाज के सात प्रमुख तथा सामर्थी हस्तियों का उल्लेख है; रोमी शासक तिबिरियुस कैसर जो विशाल रोमी साम्राज्य में प्रजा के जीवन-मरण के पैसले लेने का अधिकार रखता था; पुन्तियुस पिलातुस, जो यहूदिया पर रोमी शासन का प्रतिनिधी था; हेरोद, फिलिप्पुस और लिसानियास अपने अपने क्षेत्रों में प्रजा पर नियंत्रण बना कर रखते थे; तथा हन्ना एवं कैफा जो महापुरोहित थे और अपनी धार्मिक पदवी की ताकत को गंभीरता से लेते हुए उसका पूरा प्रयोग करते थे।

   जबकि सत्ता की सामर्थ के ये सातों दलाल अपनी सामर्थ लोगों पर दिखाते रहते थे, लेकिन उन दिनों में "परमेश्वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा" (लूका 3:2)। भला इन सात ताकतवार और प्रभावशाली हाकिमों के सामने जंगल में रहने वाले इस अनजाने आदमी की क्या बिसात हो सकती थी? यूहन्ना नाम का यह अनजाना व्यक्ति "...पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने..." (लूका 3:3) के द्वारा भला क्या हासिल कर सकता था? लेकिन फिर भी लोगों की बड़ी भीड़ यूहन्ना ही के पास चली आ रही थी, और लोग यह भी अटकलें लगा रहे थे कि कहीं यह यूहन्ना ही तो वह मसीहा नहीं जिसकी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी (लूका 3:7,15)। लेकिन यूहन्ना ने लोगों को बताया, "...वह आनेवाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा" (लूका 3:16)।

   यूहन्ना बप्तिसमा देने वाले का जीवन हमें दिखाता है कि परमेश्वर की दृष्टि में महत्वपूर्ण होने का क्या तात्पर्य है - वह जो परमेश्वर का आज्ञाकारी है, परमेश्वर के लिए उपयोगी है और अपनी ओर नहीं वरन प्रभु यीशु की ओर लोगों को इंगित करता है, आकर्षित करता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर को हमारा समर्पण हमारे जीवनों को परमेश्वर के लिए उपयोगी तथा महत्वपूर्ण बनाता है।

हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। - 1 कुरिन्थियों 1:26-27 

बाइबल पाठ: लूका 3:1-18
Luke 3:1 तिबिरियुस कैसर के राज्य के पंद्रहवें वर्ष में जब पुन्‍तियुस पीलातुस यहूदिया का हाकिम था, और गलील में हेरोदेस नाम चौथाई का इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलेप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे। 
Luke 3:2 और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा। 
Luke 3:3 और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। 
Luke 3:4 जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्‍तक में लिखा है, कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द हो रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी बनाओ। 
Luke 3:5 हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। 
Luke 3:6 और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा।
Luke 3:7 जो भीड़ की भीड़ उस से बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उन से वह कहता था; हे सांप के बच्चों, तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो। 
Luke 3:8 सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। 
Luke 3:9 और अब भी कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है। 
Luke 3:10 और लोगों ने उस से पूछा, तो हम क्या करें? 
Luke 3:11 उसने उन्हें उतर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे। 
Luke 3:12 और महसूल लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उस से पूछा, कि हे गुरू, हम क्या करें? 
Luke 3:13 उसने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना। 
Luke 3:14 और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्या करें? उसने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्‍तोष करना।
Luke 3:15 जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्या यही मसीह तो नहीं है। 
Luke 3:16 तो यूहन्ना ने उन सब से उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्तु वह आनेवाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। 
Luke 3:17 उसका सूप, उसके हाथ में है; और वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ करेगा; और गेहूं को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा।
Luke 3:18 सो वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 6-8
  • गलतियों 4


गुरुवार, 24 सितंबर 2015

मित्र


 कुछ समय पहले मैं और मेरी पत्नि हमारे एक मित्र के फार्म पर गए हुए थे; वहाँ से हमने बाज़ार के दाम से बहुत सस्ते में ढेर सारी भोजन-वस्तु खरीदीं और घर लाकर उन्हें अपने फ्रीज़र में रख दिया, इस आश्य से कि वे जमी रहकर खराब नहीं होंगी और उन से हमारी कई महीनों की उनकी आवश्यकता की पूर्ति हो जाएगी। फिर एक भयंकर तूफान ने हमारे इलाके की बिजली को काट दिया। बिजली कटने के पहले चौबीस घंटे तो हम निश्चिन्त थे कि फ्रिज में पड़ी वे जमी हुई भोजन वस्तुएं खराब नहीं होंगी, लेकिन जब दूसरे दिन भी बिजली कटी रही और बिजली के आने के बारे में कुछ भी निश्चित नहीं पता चल सका तो हमें चिंता हुई कि वे सारी वस्तुएं खराब हो जाएंगी, और हमारी बचत एक बड़ा नुकसान बन जाएगी।

   ऐसे में हमने परमेश्वर के वचन बाइबल को अध्ययन करने वाले अपने समूह के एक सदस्य, टेड से संपर्क किया और पूछा कि इस समस्या का कैसे समाधान किया जा सकता है। टेड ने हमारी परेशानी सुनकर, अपने पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम को रद्द किया और हमारे घर फ्रिज चलाने के लिए एक जैनेरेटर लेकर आ गया। मसीह यीशु के प्रेम में होकर उसके द्वारा करी गई हमारी इस सहायाता से हम टेड के बहुत आभारी और धन्यवादी हुए। एक पुरानी कहावत है कि सच्चा मित्र वही होता है जो समय पड़ने पर काम आए; टेड की सहायता ने हमारे लिए इस कहावत को चरितार्थ करके दिखा दिया।

   बाइबल में प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, "हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें" (1 यूहन्ना 3:18)। इस बात को पूरा करने के लिए हमें अपने आप को परेशानी में भी डालना पड़ सकता है जिससे हम दूसरों की वैसी सहायता कर सकें जैसी हम अपने लिए विपरीत परिस्थितियों में दूसरों से चाहते हैं। जैसा प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया और आज भी कर रहा है, हम भी उसी प्रेम भावना के अन्तर्गत दूसरों के सच्चे मित्र बनकर दिखाएं, उनके लिए अपने आप को खर्च करने वाले बनें।


यदि हम मसीह यीशु से प्रेम करते हैं तो औरों से भी प्रेम करेंगे।

इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। - यूहन्ना 15:13-15 

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 3:11-18
1 John 3:11 क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें। 
1 John 3:12 और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्‍ट से था, और जिसने अपने भाई को घात किया: और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे।
1 John 3:13 हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना। 
1 John 3:14 हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार हो कर जीवन में पहुंचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं: जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है। 
1 John 3:15 जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। 
1 John 3:16 हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। 
1 John 3:17 पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है? 
1 John 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 4-5
  • गलतियों 3


बुधवार, 23 सितंबर 2015

सामर्थी


   कुछ बच्चों को अपने पिता के विषय डींग मारने का बहुत शौक होता है। यदि आप अड़ौस-पड़ौस के बच्चों के आपसी वार्तालाप को छिप कर सुनें तो अकसर बच्चों को एक-दूसरे से कहते पाएंगे, "मेरे पिता तुम्हारे पिता से बड़े हैं"; या फिर, "मेरे पिता तुम्हारे पिता से अधिक चतुर हैं"! परन्तु सबसे बड़ी डींग जो बच्चे मारते हैं वह है, "मेरे पिता तुम्हारे पिता से अधिक बलवान हैं।" यह अन्तिम डींग सामान्यतः चेतावनी के संदर्भ में होती है जब किसी बच्चे को दूसरों द्वारा धमकाया जा रहा होता है; ऐसे में वह बच्चा इस डींग के द्वारा दूसरों को जता देना चाहता है कि धमकाने वाले सचेत हो जाएं नहीं तो वह अपने पिता को ले आएगा, और वे आकर ना सिर्फ सभी बच्चों पर वरन उन के पिताओं पर भी भारी पड़ेंगे।

   यह विश्वास रखना कि सारे मोहल्ले में मेरे पिता ही सबसे बलवान हैं, किसी भी खतरे के समय बच्चे में बड़ा आत्मविश्वास जगाता है। इसीलिए मुझे इस तथ्य से बहुत प्रेम है कि हमारा परमेश्वर पिता सर्वसामर्थी है; क्योंकि इसका सीधा सा तात्पर्य है कि कोई भी परमेश्वर के बल और सामर्थ की बराबरी नहीं कर सकता। इससे भी बढ़कर यह कि हम मसीही विश्वासियों को यह आश्वासन है कि, "जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा" (भजन 91:1)। इसलिए भजनकार बड़े भरोसे के साथ कह सका "तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है" (भजन 91:5)।

   आज का दिन चाहे जो भी परिस्थिति लेकर आए, या फिर आप चाहे कैसी भी समस्या से होकर निकल रहे हों, कभी इस बात को ना भूलें कि मसीही विश्वासी होने के नाते आपका पिता परमेश्वर आपके जीवन की हर बात और समस्या से कहीं अधिक बढ़कर सामर्थी है। इसलिए भरोसा बनाए रखें; उसकी सर्वविद्यमान उपस्थिति इस बात का निश्चय है कि उसकी सामर्थ आपकी बुरी से बुरी परिस्थिति को भी भलाई में बदल देगी। - जो स्टोवैल


हमारा पिता परमेश्वर हमारी बड़ी से बड़ी समस्या से भी कहीं बढ़कर सामर्थी है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: भजन 91:1-16
Psalms 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा। 
Psalms 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा। 
Psalms 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा; 
Psalms 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी। 
Psalms 91:5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है, 
Psalms 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
Psalms 91:7 तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा। 
Psalms 91:8 परन्तु तू अपनी आंखों की दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा।
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, 
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।
Psalms 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें। 
Psalms 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 
Psalms 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा। 
Psalms 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है। 
Psalms 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा। 
Psalms 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 1-3
  • गलतियों 2


मंगलवार, 22 सितंबर 2015

प्रभाव


   हाल ही में मैंने अपने कुछ मित्रों के साथ, परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में से इस्त्राएल के राजाओं के बारे में अध्ययन करना आरंभ किया। हम ने उन राजाओं के बारे में दिए गए वर्णन के आधार पर उन्हें अच्छा, बुरा, अकसर बुरा, बहुत बुरा और अत्याधिक बुरा श्रेणियों में रखना आरंभ किया। हमने देखा कि कुछ ही राजा अच्छे थे, बाकी सभी बुरे होने की श्रेणियों में ही आते थे।

   उन राजाओं में राजा दाऊद अच्छा राजा था जिसके विषय में परमेश्वर ने कहा, "...दाऊद के समान न हुआ जो मेरी आज्ञाओं को मानता, और अपने पूर्ण मन से मेरे पीछे पीछे चलता, और केवल वही करता था जो मेरी दृष्टि में ठीक है" (1 राजा 14:8)। दाऊद ने अपने जीवन के द्वारा सब के सामने अनुकरणीय उदाहरण रखा (1 राजा 3:14; 11:38)। जो राजा बुरे होने की श्रेणियों में थे उन्होंने जान-बूझ कर परमेश्वर और उसकी आज्ञाओं का तिरिस्कार किया और अपनी प्रजा को अन्य देवी-देवताओं की तथा मूर्ति-पूजा में ले गए।

   इस्त्राएल के यहूदा तथा इस्त्राएल में विभाजन होने के बाद, इस्त्राएल के प्रथम राजा यारोबाम अत्याधिक बुरा राजा था, "उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा" (1 राजा 14:16)। उसके बुरे उदाहरण तथा प्रभाव के कारण, उसके बाद आने वाले अनेक राजाओं को उसके समान तथा उसकी सी बुराई करने वाले कहा गया (1 राजा 16:2, 19, 26, 31; 22:52)।

   हम में से हर एक अपने प्रभाव का एक क्षेत्र रखता है, और यह प्रभाव भला भी हो सकता है और बुरा भी। प्रभु परमेश्वर की निःसंकोच आज्ञाकारिता एक ऐसी चमकीली रौशनी है जो भलाई का उदाहरण छोड़ती है। हम मसीही विश्वासियों को यह सौभाग्य मिला है कि हम अपने प्रभु के लिए ज्योति बनकर चमक सकें जिससे पाप के अन्धकार में घिरे लोग आकर्षित हों और सच्ची जीवन ज्योति प्रभु यीशु को स्वीकार कर सकें। - सिंडी हैस कैस्पर


छोटी सी ज्योति भी अन्धकार में दूर से चमकती दिखती है।

तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। मत्ती 5:14-16

बाइबल पाठ: 1 राजा 14:7-16
1 Kings 14:7 तू जा कर यारोबाम से कह कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा तुझ से यों कहता है, कि मैं ने तो तुझ को प्रजा में से बढ़ाकर अपनी प्रजा इस्राएल पर प्रधान किया, 
1 Kings 14:8 और दाऊद के घराने से राज्य छीनकर तुझ को दिया, परन्तु तू मेरे दास दाऊद के समान न हुआ जो मेरी आज्ञाओं को मानता, और अपने पूर्ण मन से मेरे पीछे पीछे चलता, और केवल वही करता था जो मेरी दृष्टि में ठीक है। 
1 Kings 14:9 तू ने उन सभों से बढ़कर जो तुझ से पहिले थे बुराई, की है, और जा कर पराये देवता की उपासना की और मूरतें ढालकर बनाईं, जिस से मुझे क्रोधित कर दिया और मुझे तो पीठ के पीछे फेंक दिया है। 
1 Kings 14:10 इस कारण मैं यारोबाम के घराने पर विपत्ति डालूंगा, वरन मैं यारोबाम के कुल में से हर एक लड़के को ओर क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन इस्राएल के मध्य हर एक रहने वाले को भी नष्ट कर डालूंगा: और जैसा कोई गोबर को तब तक उठाता रहता है जब तक वह सब उठा तहीं लिया जाता, वैसे ही मैं यारोबाम के घराने की सफाई कर दूंगा। 
1 Kings 14:11 यारोबाम के घराने का जो कोई नगर में मर जाए, उसको कुत्ते खाएंगे; और जो मैदान में मरे, उसको आकाश के पड़ी खा जाएंगे; क्योंकि यहोवा ने यह कहा है! 
1 Kings 14:12 इसलिये तू उठ और अपने घर जा, और नगर के भीतर तेरे पांव पड़ते ही वह बालक मर जाएगा। 
1 Kings 14:13 उसे तो समस्त इस्राएली छाती पीटकर मिट्टी देंगे; यारोबाम के सन्तानों में से केवल उसी को कबर मिलेगी, क्योंकि यारोबाम के घराने में से उसी में कुछ पाया जाता है जो यहोवा इस्राएल के प्रभु की दृष्टि में भला है। 
1 Kings 14:14 फिर यहोवा इस्राएल के लिये एक ऐसा राजा खड़ा करेगा जो उसी दिन यारोबाम के घराने को नाश कर डालेगा, परन्तु कब? 
1 Kings 14:15 यह अभी होगा। क्योंकि यहोवा इस्राएल को ऐसा मारेगा, जैसा जल की धारा से नरकट हिलाया जाता है, और वह उन को इस अच्छी भूमि में से जो उसने उनके पुरखाओं को दी थी उखाड़ कर महानद के पार तित्तर-बित्तर करेगा; क्योंकि उन्होंने अशेरा ताम मूरतें अपने लिये बनाकर यहोवा को क्रोध दिलाया है। 
1 Kings 14:16 और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12
  • गलतियों 1


सोमवार, 21 सितंबर 2015

शान्ति


   एल्फ्रेड नोबल डाय्नमाईट नामक अति-शक्तिशाली विस्फोटक के अविषकारकर्ता थे, जिससे युद्ध की दिशा बदल गई, और इस अविषकार से उन्होंने बहुत धन कमाया। संभ्वतः डाय्नमाईट के प्रयोग द्वारा युद्ध में हो रहे विधवंस को देखते हुए उन्होंने अपनी वसीयत में प्रावधान किया कि संसार में शान्ति को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को उनके धन में से सालाना पुरुस्कार दिया जाए। आज यह पुरुस्कार नोबेल शान्ति पुरुस्कार के नाम से जाना जाता है।

   परमेश्वर ने भी सृष्टि की शान्ति के लिए प्रावधान किया, अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा। जब प्रभु यीशु का जन्म हुआ तो स्वर्गदूतों ने स्पष्ट और सन्देहरहित रीति से चरवाहों को प्रभु के आगमन के विषय में सन्देश दिया, "आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो" (लूका 2:14)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में शान्ति से तात्पर्य है, सर्वप्रथम परमेश्वर के साथ शान्ति (रोमियों 5:1)। पाप हमें परमेश्वर का बैरी बनाता है (रोमियों 5:10), लेकिन प्रभु यीशु का पृथ्वी पर आना और संसार के सभी लोगों के लिए अपने प्राणों का बलिदान देना, इस बैर के निवारण का मार्ग देता है। अब प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा के द्वारा परमेश्वर से बैर के कारण का निवारण तथा परमेश्वर के साथ हमारा मेल-मिलाप हो जाता है। परमेश्वर के साथ हमारे संबंध ठीक हो जाने के बाद, फिर प्रभु यीशु हमारी सहायता करता है कि हम अपने और अन्य लोगों के बीच आई बाधाओं को भी हटा सकें और उनके साथ भी अपने संबंध ठीक कर सकें।

   बाइबल में शान्ति से एक और तात्पर्य है परमेश्वर की शान्ति (फिलिप्पियों 4:7)। अब प्रभु यीशु के अनुयायियों को किसी भी बात को लेकर चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि प्रभु यीशु में होकर हमारी पहुँच परमेश्वर तक है और हम उसे अपनी हर बात, हर आवश्यकता निःसंकोच बता सकते हैं।

   अपने अनुयायियों के लिए शान्ति उपलब्ध करवाने के बाद आज प्रभु यीशु परमेश्वर पिता के समक्ष उनके लिए एक सहायक के रूप में निवेदन करता रहता है: "फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है" (रोमियों 8:34)। आज प्रभु यीशु मसीह में होकर हम सेंत-मेंत में ना केवल परमेश्वर के साथ शान्ति प्राप्त कर सकते हैं, वरन उससे जो हमारा मध्यस्थ और निवेदक है, परमेश्वर की शान्ति को भी प्राप्त कर सकते हैं। - सी. पी. हिया


सच्ची शान्ति लड़ाई की अनुपस्थिति से नहीं वरन परमेश्वर की उपस्थिति से है। - लवलैस

मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीन लिया है। - यूहन्ना 16:33

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:11-18
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)। 
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। 
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। 
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। 
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। 
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए। 
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। 
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13


रविवार, 20 सितंबर 2015

समय और अवसर


   जब तकनीकी में अचानक आए परिवर्तनों के कारण एक उच्च-प्रशिक्षण पाए वैज्ञानिक को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो उसे एक फास्ट-फूड रेस्टोरॉन्ट में काम करना पड़ गया। एक संध्या को परमेश्वर के वचन बाइबल के हमारे अध्ययन के पश्चात उसने अपनी परिस्थिति का वर्णन करते हुए कहा कि उसका यह अनुभव बहुत कठिन और दीन करने वाला है; साथ ही उसने यह भी कहा, "एक अच्छी बात जो मैं इसके विषय में कह सकता हूँ वह है कि वहाँ आने वाले जवान लोग मेरे मसीही विश्वास में बड़ी रुचि लेते हैं"। हमारे बाइबल अध्ययन समूह में उपस्थित एक जवान ने तुरंत उससे कहा, "मैं आपकी दीनता और नम्रता की प्रशंसा करता हूँ। मुझे निश्चय है कि इसके पीछे आपका मसीही विश्वास ही है।"

   उस वैज्ञानिक के समान ही जब फिलेप्पुस को अचानक ही सामरिया में चल रही सेवकाई (प्रेरितों 8:4-8) से निकालकर जंगल के एक मार्ग पर लाकर खड़ा कर दिया गया (प्रेरितों 8:26), तो उसे भी बहुत आश्चर्य हुआ होगा। लेकिन उसे वहाँ उसकी भेंट कूश (इथोपिया) देश के एक उच्च राज्य-अधिकारी से हुई जिसे परमेश्वर का वचन समझने की आवश्यकता थी (प्रेरितों 8:27-35), और तब फिलेप्पुस को बात तर्कसंगत लगी होगी।

   जब प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से वायदा किया कि वह उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा (मत्ती 28:20; इब्रानियों 13:5), तो उसका यह कहना हमारे कठिन एवं अच्छे दोनों समयों के लिए था। अपने जीवन के हर प्रकार के समय में, भले या बुरे, हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हम अपना हर कार्य, हर ज़िम्म्दारी यह स्मरण रखते हुए पूरी करें कि हम यह परमेश्वर के लिए कर रहे हैं, और परमेश्वर को अपने समय और उद्देश्य के अनुसार हमें प्रतिफल देने के लिए अपना धैर्य बनाए रखें।

   क्या आपका समय या कार्यस्थल कठिन है? ऐसे में भी परमेश्वर को अवसर दें, और देखें कि वह आपके द्वारा वहाँ क्या कुछ करता है। - रैंडी किल्गोर


परिस्थित्यों के लिए प्रश्नों को उठाने से उत्तम है परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखना जिसके पास परिस्थितियों के लिए कारण हैं।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20 

बाइबल पाठ: प्रेरितों 8:4-8, 26-35 
Acts 8:4 जो तित्तर बित्तर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे। 
Acts 8:5 और फिलेप्पुस सामरिया नगर में जा कर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा। 
Acts 8:6 और जो बातें फिलेप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाता था उन्हें देख देखकर, एक चित्त हो कर मन लगाया। 
Acts 8:7 क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएं बड़े शब्द से चिल्लाती हुई निकल गई, और बहुत से झोले के मारे हुए और लंगडे भी अच्‍छे किए गए। 
Acts 8:8 और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ।
Acts 8:26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठ कर दक्‍खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है। 
Acts 8:27 वह उठ कर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्‍दाके का मन्‍त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था। 
Acts 8:28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था। 
Acts 8:29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जा कर इस रथ के साथ हो ले। 
Acts 8:30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है? 
Acts 8:31 उसने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उसने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ। 
Acts 8:32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था; कि वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Acts 8:33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है। 
Acts 8:34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में। 
Acts 8:35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12


शनिवार, 19 सितंबर 2015

समय


   बहुत से मसीही विश्वासी परमेश्वर के साथ प्रतिदिन प्रार्थना और उसके वचन बाइबल को पढ़ने में बिताना तो चाहते हैं, परन्तु उनके दैनिक जीवन की समय-सारिणी उन्हें ऐसा करने नहीं देती। ऐसे में दिन में यदि कुछ समय मिले और वे उसे परमेश्वर के साथ बिताना चाहें तो बीच में आने वाली कोई अन्य व्यस्तता उनकी हताशा को और बढ़ा देती है।

   प्रसिद्ध मसीही लेखक और प्रचारक ओस्वॉल्ड चैम्बर्स ने प्रभु परमेश्वर के साथ बिताए गए केवल पाँच मिनिटों की जीवन बदलने वाली सामर्थ पर टिप्पणी करी है। परमेश्वर के साथ प्रार्थना और वचन पढ़ने में बिताए गए थोड़े से समय की भी बहुत बड़ी कीमत है; चैम्बर्स ने कहा: "जो हमें संवारता और निखारता है वह बिताए गए समय की मात्रा नहीं वरन उस बदलने, निखारने वाले की सामर्थ है। परमेश्वर और उसके वचन के साथ बिताए गए पाँच मिनिट शेष सारे दिन से भी अधिक कीमती हैं।" हमें यह लग सकता है कि चैम्बर्स ने बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर कह दिया है, लेकिन यह वास्तविकता है कि प्रार्थना में बिताया गया थोड़ा सा समय भी बहुत प्रभावी प्रतिफल ला सकता है, क्योंकि प्रतिफल देने वाला परमेश्वर सर्वसामर्थी है।

   कई बार हमारे दिन व्यस्त मांगों से भरे होते हैं जो हमें परमेश्वर की आवाज़ को सुनने और उसका प्रत्युत्तर देने से रोकते हैं। लेकिन हम चाहे जैसी परिस्थिति में क्यों ना हों, चाहे कैसे भी स्थान पर क्यों ना हों, हमें अब्राहम के समान परमेश्वर के लिए एक आत्मिक वेदी, एक प्रार्थना का समय बनाए रखना चाहिए; और जैसे वह वेदी अब्राहम के लिए आशीषें लाई थी, परमेश्वर के साथ बिताया हुआ समय हमारे लिए भी आशीषें लेकर आएगा।

   यदि परमेश्वर के साथ बिताए जाने वाले समय को लेकर आपको दिक्कत हो रही है, तो केवल पाँच मिनिट प्रतिदिन के साथ आरंभ कीजिए और फिर जैसा अवसर होता है उसके अनुसार आगे बढ़िए, और देखिए कि यह आपके जीवन में क्या प्रभाव लाता है। हमारा परमेश्वर पिता हमसे मिलने की लालसा रखता है जिससे वह हमारे जीवनों के द्वारा अपनी सामर्थ संसार के सामने प्रगट कर सके; उसे इसका यथासंभव अवसर दीजिए। - डेनिस फिशर


परमेश्वर से वार्तालाप कीजिए - वाह आपके मन की बात सुनने को लालायित रहता है।

देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। - 2 इतिहास 16:9

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 12:1-8
Genesis 12:1 यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा। 
Genesis 12:2 और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। 
Genesis 12:3 और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। 
Genesis 12:4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था। 
Genesis 12:5 सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए। 
Genesis 12:6 उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शकेम में, जहां मोरे का बांज वृक्ष है, पंहुचा; उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। 
Genesis 12:7 तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। 
Genesis 12:8 फिर वहां से कूच कर के, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसकी पच्छिम की ओर तो बेतेल, और पूर्व की ओर ऐ है; और वहां भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33


शुक्रवार, 18 सितंबर 2015

योजना


   मेरी सहेली लिंडा बचपन से ही परमेश्वर से बहुत प्रेम करती आई है और उसकी सेवकाई करना चाहती रही है। वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती थी जिससे संसार के उन स्थानों पर जा सके जहाँ चिकित्सीय सहायता कम है और वहाँ अपने चिकत्सीय कौशल के साथ सुसमाचार प्रचार द्वारा परमेश्वर की सेवा कर सके। लेकिन उसके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना कुछ और थी। आज लिंडा चिकित्सीय क्षेत्र में ही परमेश्वर की सेवा तो कर रही है, परन्तु उस रीति से नहीं जैसा वह करने की योजना बना रही थी।

   14 वर्ष की आयु में लिंडा को एक ऐसी दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्या ने घेर लिया जिसके लिए उसे गंभीर ऑपरेशनों के लिए वर्ष में ही अनेक बार अस्पताल में भरती होना पड़ा। उसे दिमाग़ का संक्रमण हो गया जिससे वह 2 स्पताह तक बेहोश और 6 महीनों तक अंधी रही। एक बार उसने अपने दो लगातार जन्मदिन, बिना बीच में घर गए, अस्पताल ही में मनाए। उसे कई बार ऐसे अनुभवों से होकर निकलना पड़ा है जिनमें उसके जीवित बच निकलने की कोई आशा नहीं थी। लेकिन आज लिंडा जैसी जोश और उल्लास से भरी तथा परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ महिला आपको शायद ही कोई मिले। उसने एक बार मुझ से कहा, कि जैसा उसने चाहा था, उसकी सेवकाई का क्षेत्र अस्पताल ही है, लेकिन वहाँ डॉक्टर के रूप में कार्य करने की बजाए, वह अस्पताल के मरीज़ के रूप में सेवकाई करती है। उसके स्वास्थ्य की दशा चाहे जैसी भी हो, परमेश्वर की ज्योति लिंडा के व्यक्तित्व में होकर चमकती रहती है।

   लिंडा परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस द्वारा कही गई बात को सजीव दिखाती है; वह अपनी इन परीक्षाओं के बावजूद आनन्दित रहती है, उसने परमेश्वर की योजनाओं को अपने जीवन में सहर्ष स्वीकार किया है और उसके मसीही विश्वास की वास्तविकता उसके जीवन से प्रभु परमेश्वर के लिए "...प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण..." (1 पतरस 1:7) ठहरती है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अपने जीवन के लिए योजनाएं अवश्य बनाए, परन्तु परमेश्वर को उन्हें कार्यन्वित करने दें।

यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा। अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा। - भजन 37:4-5

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं। 
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।। 
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15


गुरुवार, 17 सितंबर 2015

सुन्दर


   मेरे निवास-स्थान की जगह के कारण मुझे परमेश्वर की अद्भुत कारिगरी के अनेक नमूने देखने को मिलते रहते हैं। हाल ही में जंगल में होकर निकलने वाले मार्ग पर गाड़ी चलाते समय मैं पतझड़ के समय, नीले आसमान की पृष्ठभूमि पर, पेड़ों के पत्तों के गहरे लाल एवं विविध पीले रंग की छटाओं को देखकर मंत्रमुग्ध सा रह गया; सब कुछ इतने कलात्मक रूप से सजा हुआ था कि उसकी सुन्दरता स्तब्ध कर देने वाली थी।

   मैं जानता हूँ कि थोड़े ही समय बाद जब तापमान और गिरेगा और शरद ऋतु का आगमन होगा तो बर्फ भी पड़नी आरंभ हो जाएगी। कितनी विचित्र बात है कि उन अनगिनित हिमकणों में से जो एक दूसरे के ऊपर, एक दूसरे के साथ जमा होने लगेंगे, कोई भी दो हिमकण एक समान नहीं होंगे। वे सब एक साथ मिलकर लहरदार चमकीली सफेद चादर से सब कुछ को ढाँप देंगे; उस चमकीली सफेदी की सुन्दरता अलग ही होगी। फिर बसन्त ऋतु के साथ एक अन्य आश्चर्यकर्म को देखने का मौका होगा; निर्जीव ठूँठ के समान दिखने वाले पेड़ों से जीवन की कोंपलें फूट निकलेंगी और धरती तथा पेड़ हरियाली और अनेक प्रकार के अनुपम सुन्दर फूलों के अनेकों रंगों से भर जाएंगे।

   हम अपने चारों ओर जहाँ भी देखें, हमें परमेश्वर की सृजन शक्ति के नमूने देखने को मिलते हैं, जैसे कि परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह नबी परमेश्वर के विषय में कहता है "...सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है" (यशायाह 6:3)। लेकिन इससे भी अधिक विसमित कर देने वाली बात यह है कि यह अद्भुत तथा सुन्दर दिखने वाली सृष्टि, परमेश्वर की कारिगरी का पाप से बिगड़ा हुआ नमूना है (रोमियों 8:18-22); ज़रा सोचिए कि यह सृष्टि यदि अपने बिगड़े हुए स्वरूप में इतनी सुन्दर है तो अपने मूल स्वरूप में और कितनी सुन्दर रही होगी? यह परमेश्वर का अनुग्रह ही है कि पाप से भरे और बिगड़े इस संसार में भी वह अपनी सृष्टि को इतनी सुन्दरता भरता रहता है, हर ऋतु में उसी स्थल को एक अलग ही विलक्षण सुन्दरता प्रदान करता रहता है।

   परमेश्वर का पाप से बिगड़ी सृष्टि को भी सुन्दर करना और रखना हमारे लिए इस बात को समझाने का संकेत है कि परमेश्वर पाप से बिगड़े हुए किसी भी मनुष्य को प्रभु यीशु में उपलब्ध पाप क्षमा, अनुग्रह और दया से ढाँप कर ऐसे ही सुन्दर स्वरूप दे सकता है और हर समय तथा परिस्थिति में उसे सुन्दर बनाए रख सकता है। क्या आपने अपने संवारे जाने के लिए अपने आप को परमेश्वर के हाथों में सौंपा है? - जो स्टोवैल


प्रकृति मे दिखने वाली परमेश्वर की कारिगरी से अपने जीवन के लिए शिक्षा लेना कभी ना भूलें।

हे यहोवा, देवताओं में तेरे तुल्य कौन है? तू तो पवित्रता के कारण महाप्रतापी, और अपनी स्तुति करने वालों के भय के योग्य, और आश्चर्य कर्म का कर्त्ता है। - निर्गमन 15:11

बाइबल पाठ: यशायाह 6:1-5; रोमियों 8:18-22
Isaiah 6:1 जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। 
Isaiah 6:2 उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। 
Isaiah 6:3 और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है। 
Isaiah 6:4 और पुकारने वाले के शब्द से डेवढिय़ों की नेवें डोल उठीं, और भवन धूंए से भर गया। 
Isaiah 6:5 तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!

Romans 8:18 क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने, जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं। 
Romans 8:19 क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है। 
Romans 8:20 क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई। 
Romans 8:21 कि सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी। 
Romans 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10


बुधवार, 16 सितंबर 2015

भविष्य


   हम अपने भविष्य को लेकर परमेश्वर की इच्छा के बारे अकसर उत्सुक्त रहते हैं, कभी कभी चिंतित भी हो जाते हैं, विशेषकर तब जब हम कठिनाईयों में होते हैं। हम सोचने लगते हैं कि अब यहां मेरा क्या होगा? क्या मुझे यहीं रुके रहना चाहिए या फिर परमेश्वर मुझे कहीं और जाने के लिए कह रहा है? सही मार्गदर्शन जानने का एक ही निश्चित तरीका है, वह कीजिए जो परमेश्वर आज और अभी आप से करने के लिए कह रहा है। परमेश्वर द्वारा आपको आज और अभी के लिए दी गई जिम्मेदारी को भली-भाँति निभाएं और परमेश्वर आपको अगले कदम के बारे में भी बता देगा।

   जो आप जानते हैं उसे मानने के द्वारा आप अगला कदम उठाने के लिए भी सामर्थ पाएंगे; अगला, और फिर उससे अगला कदम क्या होना है, यह भी एक एक कदम करके आपको बता दिया जाएगा; परमेश्वर के साथ चलने की यही विधि है।

   लेकिन यदि आप कहें, "मान लीजिए कि मैंने एक कदम तो उठा लिया, फिर मैं कैसे जानूँ कि आगे उसका परिणाम क्या होगा?" यह चिन्ता करना परमेश्वर का काम है; मेरा और आपका काम है अभी और आज को निभाना तथा भविष्य की चिन्ता परमेश्वर पर छोड़ देना। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा कि हमारे गति परमेश्वर की ओर से दृढ़ करी जाती है (भजन 37:23); आज ही के लिए दिए गए निर्देश हमारे लिए काफी हैं; कल के लिए निर्देश आज पाने से कोई लाभ नहीं होगा। जॉर्ज मैकडॉनल्ड ने कहा, "हम परमेश्वर की निर्देश पुस्तिका के अगले दिन के पन्ने को समझ ही नहीं पाते; हमें तो बस आज का पन्ना ही दिखाई देता है। जब तक हम आज के पन्ने के निर्देशों का पालन ना कर लें, उन्हें भली-भाँति सीख ना लें, हम पन्ना पलट भी नहीं सकते।"

   प्रभु यीशु ने हमें कल की चिंता कल ही पर छोड़ देने को कहा है (मत्ती 6:34)। अगर हम अपने आप को परमेश्वर की इच्छा के साथ जोड़ते हैं, और उसके द्वारा प्रतिदिन के लिए मिलने वाले निर्देशों, शिक्षाओं तथा चेतावनियों का पालन करते हैं, विश्वास के साथ उसकी आज्ञाकारिता में चलते हैं, तो हम पाएंगे कि परमेश्वर दिन प्रति दिन को भली-भाँति संपन्न करने में हमारा मार्गदर्शक बना रहेगा, और भविष्य के लिए हमारी चिंता का निवारण स्वतः ही हो जाएगा। - डेविड रोपर


धन्य है वह व्यक्ति जो परमेश्वर की गति खोजता है और स्वयं भी उसी दिशा में चलता है।

इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:33-34

बाइबल पाठ: भजन 37:23-40
Psalms 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; 
Psalms 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:25 मैं लड़कपन से ले कर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है। 
Psalms 37:26 वह तो दिन भर अनुग्रह कर कर के ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।
Psalms 37:27 बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा। 
Psalms 37:28 क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा। 
Psalms 37:29 धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।
Psalms 37:30 धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है। 
Psalms 37:31 उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।
Psalms 37:32 दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है। 
Psalms 37:33 यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।
Psalms 37:34 यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।
Psalms 37:35 मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है। 
Psalms 37:36 परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहां है ही नहीं; और मैं ने भी उसे ढूंढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।
Psalms 37:37 खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहने वाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है। 
Psalms 37:38 परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।
Psalms 37:39 धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है। 
Psalms 37:40 और यहोवा उनकी सहायता कर के उन को बचाता है; वह उन को दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उस में अपनी शरण ली है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9


मंगलवार, 15 सितंबर 2015

चमकता जीवन


   अन्तराष्ट्रीय बास्केट-बॉल संघ के अनुसार, बास्केट-बॉल संसार का दूसरा सबसे लोकप्रीय खेल है, और अनुमान लगाया गया है कि संसार भर में इसके 45 करोड़ चाहने वाले हैं। अमेरिका में मार्च महीने में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अकसर प्रसिद्ध बास्केट-बॉल प्रशिक्षक जॉन वुडेन को स्मरण किया जाता है। लॉस ऐन्जेलेस के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने 27 वर्षों के दौरान वुडन द्वारा प्रशिक्षित टीमों ने अभूतपूर्व 10 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतीं। लेकिन आज भी वुडेन को, जिनका देहांत 2010 में हुआ, उनकी इन उपलब्धियों से अधिक उनके व्यक्तित्व के लिए स्मरण किया जाता है।

   जॉन वुडेन मसीही विश्वासी थे और अपने मसीही विश्वास को जी कर दिखाते थे; प्रतियोगिता जीतने से आसक्त वातावरण में भी वे दूसरों के प्रति एक सच्ची लगन और चिंता रखते थे। अपनी जीवनी, "They Call Me Coach" में उन्होंने लिखा, "मैंने सदा ही यह जताने का प्रयास किया है बास्केटबॉल सर्वोपरि नहीं है। हमारे उस संपूर्ण जीवन के सामने, जो हम जीते हैं, उसका महत्व बहुत कम है। एक ही जीवन है जो सदा विजयी रहता है, और वह है वो जीवन जो उद्धारकर्ता प्रभु के हाथ में समर्पित कर दिया गया है। जब तक यह समर्पण ना हो, हमारा जीवन मार्ग एक गोल चक्कर में चलते जाने के समान निरर्थक है, हमें कहीं नहीं पहुँचा सकता है।"

   प्रभु यीशु ने कहा, "उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती 5:16)। जॉन वुडेन ने अपने जीवन के हर कार्य से परमेश्वर को आदर दिया, और उनके चमकते हुए जीवन का उदाहरण आज हमें भी यही करने के लिए प्रेरित करता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


अपने प्रकाश को चमकने दें - चाहे आप कोने में लगी मोमबत्ती हों अथवा पहाड़ी पर खड़ा प्रकाशस्तंभ।

परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है। - नीतिवचन 4:18

बाइबल पाठ: मत्ती 5:1-16
Matthew 5:1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए। 
Matthew 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा, 
Matthew 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। 
Matthew 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे। 
Matthew 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। 
Matthew 5:6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे। 
Matthew 5:7 धन्य हैं वे, जो दयावन्‍त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। 
Matthew 5:8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। 
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। 
Matthew 5:10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। 
Matthew 5:11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें। 
Matthew 5:12 आनन्‍दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
Matthew 5:13 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्‍वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। 
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24
  • 2 कुरिन्थियों 8


सोमवार, 14 सितंबर 2015

इन्कार


   हवाई अड्डे में चलते हुए मेरा ध्यान भीड़ में भागते हुए एक व्यक्ति की टोपी पर लिखे वाक्य की ओर गया, जहाँ दो शब्दों में लिखा था, "सब अस्वीकारें!" मैं सोचने लगा कि इसका तात्पर्य क्या हो सकता है? क्या अपने दोष को कभी स्वीकार ना करें? जीवन के सुख-विलास का इन्कार करें? या कुछ और? मैं उन दो शब्दों के रहस्य को समझने के लिए अपना सिर खुजाने लगा।

   प्रभु यीशु के एक अनुयायी शमौन पतरस ने भी कुछ इन्कार किया था; प्रभु यीशु के पकड़वाए जाने के बाद, उसके कठिन समय में पतरस ने तीन बार इस बात का इन्कार किया कि वह उसे जानता है (लूका 22:57, 58, 60)। इससे उसे बाद में ऐसी तीव्र ग्लानि और हृदय-वेदना हुई कि वह बाहर जाकर फूट-फूटकर रोने लगा (पद 62)।

   लेकिन पतरस के उस इन्कार के कारण प्रभु यीशु का उसके प्रति प्रेम कम नहीं हुआ। वैसे ही आज हमारे द्वारा आत्मिक कमज़ोरी के क्षणों में करी गई बुराईयों और इन्कारों से हमारे प्रति प्रभु यीशु का प्रेम कम नहीं होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी ने लिखा, "हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है" (विलापगीत 3:22-23)।

   हम इस बात से आश्वस्त हो सकते हैं कि चाहे हम विफल हो जाएं, हमारा प्रभु परमेश्वर कभी नहीं बदलता, वह हमसे सदा उस प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करता है जो अनन्तकाल की है, कभी कम नहीं होती, कभी टलती नहीं। - बिल क्राउडर


हमारा सिद्ध ना होना, परमेश्वर की करुणा का हम पर बने रहने का कारण है।

यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी वह विश्वास योग्य बना रहता है, क्योंकि वह आप अपना इन्कार नहीं कर सकता। - 2 तिमुथियुस 2:13

बाइबल पाठ: लूका 22:54-62
Luke 22:54 फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था। 
Luke 22:55 और जब वे आंगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया। 
Luke 22:56 और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उस की ओर ताककर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था। 
Luke 22:57 परन्तु उसने यह कहकर इन्कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता। 
Luke 22:58 थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा; हे मनुष्य मैं नहीं हूं। 
Luke 22:59 कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है। 
Luke 22:60 पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है! वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग ने बांग दी। 
Luke 22:61 तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उसने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा। 
Luke 22:62 और वह बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा।

एक साल में बाइबल: नीतिवचन 19-21; 2 कुरिन्थियों 7

रविवार, 13 सितंबर 2015

अनुकर्णीय


   जब मैं अपने पिता के बारे में सोचती हूँ तो मुझे यह कथन स्मरण हो आता है: "उन्होंने मुझे कहा नहीं कि जीवन कैसे जीना है; उन्होंने मुझे जीवन जी कर दिखाया।" मेरी युवाव्यस्था में मैंने अपने पिता को परमेश्वर के साथ चलते हुए देखा। वे प्रति इतवार प्रातः की चर्च सभा में सम्मिलित होते थे, और वहाँ परमेश्वर के वचन बाइबल का व्यसकों को अध्ययन करवाते थे, चर्च में आए पैसे के हिसाब में सहायता करते थे, और चर्च का अगुवा होने की सभी ज़िम्मेदारियाँ निभाते थे। चर्च के बाहर वे नियमित रीति से बाइबल अध्ययन करते थे और बाइबल तथा सुसमाचार के बारे में विश्वासयोग्यता के साथ चर्चा किया करते थे। मैंने उन्हें अपने कार्यों के द्वारा परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए देखा।

   बाइबल में यहूदा के राजा आसा का वृतान्त आया है, जिसने अपने जीवन में परमेश्वर के प्रति अपने समर्पण और भक्ति को अपना आदर्श बनाया (2 इतिहास 14:2)। उसने अपने राज्य में से मूर्तियों को हटवाया, परमेश्वर की वेदी को पुनःस्थापित किया तथा अपनी प्रजा के लोगों की परमेश्वर के साथ वाचा बाँधने में अगुवाई करी (2 इतिहास 15:8-12)। आसा के पुत्र यहोशापात ने भी अपने पिता का अनुसरण किया और "वह अपने पिता के परमेश्वर की खोज में लगा रहता था और उसी की आज्ञाओं पर चलता था..." (2 इतिहास 17:4)। यहोशापात ने भी अपने राज्य से मूर्तिपूजा को साफ किया (पद 6), तथा परमेश्वर की बातों को प्रजा को सिखाने के लिए याजकों और लेवियों को यहूदा के सभी नगरों में भेजा (पद 7-9)।

   यहोशापात का शासन काल उसके पिता के शासन काल के समान था; यहोशापात ने अपने पिता आसा के भक्तिपूर्ण उदाहरण का संपूर्ण रीति से अनुकरण किया। लेकिन इस से भी बढ़कर यह था कि वह परमेश्वर की बातों में लौलीन हो गया, "यहोवा के मार्गों पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया..." (पद 6)। आज यदि आप अनुकरण के लिए किसी उदाहरण को ढूँढ़ रहे हैं, तो परमेश्वर के वचन बाइबल में आपको अनेक उदाहरण मिल जाएंगे; सर्वोत्त्म उदाहरण है हमारे पिता परमेश्वर का, जो अनुकरण के सर्वथा योग्य हमारा पिता है।


जब हम परमेश्वर को अपना पिता कहते हैं और उसके पुत्र के समान जीवन व्यतीत करते हैं, हम अपने परमेश्वर का आदर करते हैं।

और आसा ने वही किया जो उसके परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में अच्छा और ठीक था। - 2 इतिहास 14:2

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 17:1-10
2 Chronicles 17:1 और उसका पुत्र यहोशापात उसके स्थान पर राज्य करने लगा, और इस्राएल के विरुद्ध अपना बल बढ़ाया। 
2 Chronicles 17:2 और उसने यहूदा के सब गढ़ वाले नगरों में सिपाहियों के दल ठहरा दिए, और यहूदा के देश में और एप्रैम के उन नगरों में भी जो उसके पिता आसा ने ले लिये थे, सिपाहियों की चौकियां बैठा दीं। 
2 Chronicles 17:3 और यहोवा यहोशापात के संग रहा, क्योंकि वह अपने मूलपुरुष दाऊद की प्राचीन चाल सी चाल चला और बाल देवताओं की खोज में न लगा। 
2 Chronicles 17:4 वरन वह अपने पिता के परमेश्वर की खोज में लगा रहता था और उसी की आज्ञाओं पर चलता था, और इस्राएल के से काम नहीं करता था। 
2 Chronicles 17:5 इस कारण यहोवा ने रज्य को उसके हाथ में दृढ़ किया, और सारे यहूदी उसके पास भेंट लाया करते थे, और उसके पास बहुत धन और उसका वैभव बढ़ गया। 
2 Chronicles 17:6 और यहोवा के मार्गों पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया; फिर उसने यहूदा से ऊंचे स्थान और अशेरा नाम मूरतें दूर कर दीं। 
2 Chronicles 17:7 और उसने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में बेन्हैल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनेल और मीकायाह नामक अपने हाकिमों को यहूदा के नगरों में शिक्षा देने को भेज दिया। 
2 Chronicles 17:8 और उनके साथ शमायाह, नतन्याह, जबद्याह, असाहेल, शमीरामोत, यहोनातान, अदोनिय्याह, तोबिय्याह और तोबदोनिय्याह, नाम लेवीय और उनके संग एलीशामा और यहोराम नामक याजक थे। 
2 Chronicles 17:9 सो उन्होंने यहोवा की व्यवस्था की पुस्तक अपने साथ लिये हुए यहूदा में शिक्षा दी, वरन वे यहूदा के सब नगरों में प्रजा को सिखाते हुए घूमे। 
2 Chronicles 17:10 और यहूदा के आस पास के देशों के राज्य राज्य में यहोवा का ऐसा डर समा गया, कि उन्होंने यहोशापात से युद्ध न किया।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 16-18
  • 2 कुरिन्थियों 6


शनिवार, 12 सितंबर 2015

सामर्थ


   मुक्केबाज़ी, कुश्ती आदि खेल-स्पर्धाएं ऐसी स्पर्धाएं हैं जिनमें खिलाड़ी व्यक्तिगत रीति से अपनी सामर्थ को दूसरे की सामर्थ से बढ़कर प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं; उस खेल और स्पर्धा में अपने आप को सबसे बढ़कर सामर्थी दिखाना चाहते हैं।

   परमेश्वर की महिमा का एक पहलू है उसकी सामर्थ। किंतु वह अपनी सामर्थ प्रदर्शित कैसे करता है? वह ऐसा करने के लिए हमारी आँखों के सामने तारगणों और नक्षत्र-समूहों को पुनःव्यवस्थित नहीं करता, और ना ही अपनी इच्छानुसार चाहे जब सूर्य का रंग बदल देता है; वह आकाश में कौंधती हुई बिजली को वहीं अपने स्थान पर जमा देने के द्वारा भी अपनी सामर्थ प्रगट नहीं करता है, जबकि इनमें से कोई भी कार्य उसके लिए असंभव या कठिन नहीं है, वह जब भी चाहे ऐसा बड़ी सरलता से कर सकता है। लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि वह अपनी सामर्थ हम मनुष्यों के सामने कैसे प्रगट करता है - हमारे जैसे ज़रूरतमन्द लोगों के प्रति सेंत-मेंत अपने प्रेम और अनुग्रह को प्रकट करने के द्वारा। परमेश्वर अपने प्रेम करने वालों के पक्ष में अपनी सामर्थ दिखाने के अवसर ढूँढ़ता रहता है, "देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए..." (2 इतिहास 16:9)।

   परमेश्वर की कार्यविधि का यह नमूना उसके वचन में आरंभ से अन्त तक दिखाई देता है। इस्त्राएलियों को मिस्त्र की गुलामी से निकालकर लाते समय लाल-समुद्र को दो भाग करने, उन्हें बियाबान में भी मन्ना द्वारा भोजन प्रदान करके, प्रभु यीशु के कुँवारी से जन्म लेने और उनके मृतकों में से पुनरुत्थान आदि बातों के द्वारा परमेश्वर की सामर्थ सदा ही लोगों की सहायता, सुरक्षा और आशीष के कार्यों में होकर प्रदर्शित हुई है।

   इस बात में आश्वस्त रहें कि परमेश्वर हमारे जीवन में आने वाली चुनौतियों में होकर अपने आप को हमारे प्रति सामर्थी दिखाने में आनन्दित होता है; लेकिन जब परमेश्वर अपनी सामर्थ हमारे जीवनों में प्रदर्शित करे, तो उसे धन्यवाद देने और उसकी महिमा करने में पीछे ना रहें। - जो स्टोवैल


परमेश्वर की प्रत्येक प्रतिज्ञा उसकी बुद्धिमता, प्रेम और सामर्थ पर आधारित है।

तू बड़ी युक्ति करने वाला और सामर्थ के काम करने वाला है; तेरी दृष्टि मनुष्यों के सारे चालचलन पर लगी रहती है, और तू हर एक को उसके चालचलन और कर्म का फल भुगताता है। - यिर्मयाह 32:19 

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 16:6-13
2 Chronicles 16:6 तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बासा काम करता था, उठा ले गया, और उन से उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया। 
2 Chronicles 16:7 उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है। 
2 Chronicles 16:8 क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उस में बहुत ही रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ में कर दिया। 
2 Chronicles 16:9 देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा। 
2 Chronicles 16:10 तब आसा दशीं पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों को पीसने भी लगा। 
2 Chronicles 16:11 आदि से ले कर अन्त तक आसा के काम यहूदा और इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त में लिखे हैं। 
2 Chronicles 16:12 अपने राज्य के उनतीसवें वर्ष में आसा को पांव का रोग हुआ, और वह रोग अत्यन्त बढ़ गया, तौभी उसने रोगी हो कर यहोवा की नहीं वैद्यों ही की शरण ली। 
2 Chronicles 16:13 निदान आसा अपने राज्य के एकतालीसवें वर्ष में मर के अपने पुरखाओं के साथ सो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5


शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

प्रेम


   एक चर्च के सामने मैंने एक वाक्य लिखा देखा, जो संबंधों के विष्य में प्रेर्णा देने के लिए मुझे एक उत्तम आदर्श वाक्य लगा: "प्रेम स्वीकार करो; प्रेम बाँट दो; इसे पुनः दोहराओ।"

   वह सर्वोत्तम प्रेम जो हम ग्रहण कर सकते हैं परमेश्वर का प्रेम है। परमेश्वर ने हमसे इतना प्रेम किया कि अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को हमारे लिए जीने, मरने और हमारा छुटकारा करने के लिए दे दिया (1 यूहन्ना 4:9)। प्रभु यीशु पर लाए गए विश्वास द्वारा हम परमेश्वर की सन्तान होने का गौरव प्राप्त करते हैं: "परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं" (यूहन्ना 1:12), अर्थात जब हम परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं, हम परमेश्वर के प्रेम को भी स्वीकार करते हैं; इसी प्रकार जब हम प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को बाँटते हैं तो हम परमेश्वर के प्रेम को भी बाँटते हैं।

   हमारे प्रति दिखाया गया परमेश्वर का प्रेम हमें औरों से प्रेम करने की प्रेर्णा देता है। उसी प्रेम के अन्तर्गत हम दूसरों की सहायता करते हैं, उन्हें सिखाते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें डाँटते भी हैं, उनके साथ आनन्दित भी होते हैं और उनके दुखों में दुखी भी होते हैं। हमारे प्रभु यीशु ने हमें अपने शत्रुओं से भी प्रेम करना सिखाया है, "परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है" (मत्ती 5:44-45)। कुछ परिस्थितियों में प्रेम बाँटना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन जो प्रेम हम ने परमेश्वर से पाया है, उसकी सामर्थ से तथा हमारे प्रभु यीशु मसीह के उदाहरण से हम ऐसा कर सकते हैं।

   हमारे आज के जीवन के लिए एक अच्छी योजना है: प्रेम स्वीकार करो; प्रेम बाँट दो; इसे पुनः दोहराओ। - ऐनी सेटास


प्रेम स्वीकार करो; प्रेम बाँट दो; इसे पुनः दोहराओ।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:7-19
1 John 4:7 हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।
1 John 4:8 जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।
1 John 4:9 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं।
1 John 4:10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।
1 John 4:11 हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए।
1 John 4:12 परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है।
1 John 4:13 इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें दिया है।
1 John 4:14 और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता कर के भेजा है।
1 John 4:15 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में।
1 John 4:16 और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है।
1 John 4:17 इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।
1 John 4:18 प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्‍ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।
1 John 4:19 हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया।

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 10-12
  • 2 कुरिन्थियों 4