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बुधवार, 31 मई 2017

दोष


   मुझ पर कई बातों का दोष लगाया गया है, और बहुधा यह सही भी था। मेरे पाप, विफलताएं, और अयोग्यताएं, मेरे मित्रों, परिवारजनों, और संभवतः अजनबियों के लिए भी दुःख, चिंता और असुविधा का कारण रहे हैं। लेकिन मुझ पर ऐसी बातों के लिए भी दोषारोपण किया गया है जिनके लिए मैं कदापि दोषी नहीं थी, ऐसी बातें जिन्हें बदलना मेरे वश के बाहर था।

   परन्तु ऐसा भी हुआ है कि मैंने दूसरों पर दोष लगाए हैं। कितनी ही बार अपनी परिस्थितियों के लिए मैंने दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराया है, कहा है कि यदि उन्होंने ऐसा या वैसा नहीं किया होता तो मैं आज इस परिस्थिति में नहीं होती। दोष चोट पहुँचाता है। इसलिए चाहे हम दोषी हों अथवा नहीं, हम बहुत सा समय और मानसिक सामर्थ दोष को किसी अन्य पर लादने में खर्च कर देते है।

   प्रभु यीशु मसीह हमें दोष से निपटने का एक बेहतर विकल्प देता है। यद्यपि वह स्वयं निर्दोष था, फिर भी उसने सारे संसार के पापों को अपने ऊपर ले लिया (यूहन्ना 1:29)। हम अकसर प्रभु यीशु को बलि के मेमने के रूप में देखते हैं, परन्तु वह संसार के सभी लोगों के सभी पापों और दोषों के लिए प्रायश्चित का अन्तिम मेमना भी था (लैव्यवस्था 16:10)।

   यदि हम अपने पापों को मान लें, और उन पापों को उठा ले जाने के प्रभु यीशु के प्रस्ताव को स्वीकार कर लें, तो उन पापों का दोष हमें फिर कभी न तो उठाना पड़ेगा और न ही उनके लिए कोई दण्ड भुगतना पड़ेगा। साथ ही फिर हम अपने पापों, अपनी गलतियों के लिए किसी अन्य को दोषी ठहराने के प्रयास भी नहीं करेंगे।

   परमेश्वर पिता का धन्यवाद हो कि प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान के कारण आज संसार का प्रत्येक व्यक्ति, प्रभु यीशु पर स्वेच्छा से लाए गए साधारण विश्वास तथा अपने पापों के लिए किए गए पश्चाताप के द्वारा सभी दोषों से मुक्त हो सकता है, उनका दण्ड भोगने से बच सकता है, परमेश्वर से अनन्त जीवन का दान सेंत-मेंत प्राप्त कर सकता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अपने पाप तथा दोषों के प्रति ईमानदारी ही 
परमेश्वर से उनकी क्षमा प्राप्त करने का मार्ग है।

दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है। - यूहन्ना 1:29

बाइबल पाठ: लैव्यवस्था 16:5-22
Leviticus 16:5 फिर वह इस्त्राएलियों की मण्डली के पास से पापबलि के लिये दो बकरे और होमबलि के लिये एक मेढ़ा ले। 
Leviticus 16:6 और हारून उस पापबलि के बछड़े को जो उसी के लिये होगा चढ़ाकर अपने और अपने घराने के लिये प्रायश्चित्त करे। 
Leviticus 16:7 और उन दोनों बकरों को ले कर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के साम्हने खड़ा करे; 
Leviticus 16:8 और हारून दोनों बकरों पर चिट्ठियां डाले, एक चिट्ठी यहोवा के लिये और दूसरी अजाजेल के लिये हो। 
Leviticus 16:9 और जिस बकरे पर यहोवा के नाम की चिट्ठी निकले उसको हारून पापबलि के लिये चढ़ाए; 
Leviticus 16:10 परन्तु जिस बकरे पर अजाजेल के लिये चिट्ठी निकले वह यहोवा के साम्हने जीवता खड़ा किया जाए कि उस से प्रायश्चित्त किया जाए, और वह अजाजेल के लिये जंगल में छोड़ा जाए। 
Leviticus 16:11 और हारून उस पापबलि के बछड़े को जो उसी के लिये होगा समीप ले आए, और उसको बलिदान कर के अपने और अपने घराने के लिये प्रायश्चित्त करे। 
Leviticus 16:12 और जो वेदी यहोवा के सम्मुख है उस पर के जलते हुए कोयलों से भरे हुए धूपदान को ले कर, और अपनी दोनों मुट्ठियों को फूटे हुए सुगन्धित धूप से भरकर, बीच वाले पर्दे के भीतर ले आकर 
Leviticus 16:13 उस धूप को यहोवा के सम्मुख आग में डाले, जिस से धूप का धुआं साक्षीपत्र के ऊपर के प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर छा जाए, नहीं तो वह मर जाएगा; 
Leviticus 16:14 तब वह बछड़े के लोहू में से कुछ ले कर पूरब की ओर प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर अपनी उंगली से छिड़के, और फिर उस लोहू में से कुछ उंगली के द्वारा उस ढकने के साम्हने भी सात बार छिड़क दे। 
Leviticus 16:15 फिर वह उस पापबलि के बकरे को जो साधारण जनता के लिये होगा बलिदान कर के उसके लोहू को बीच वाले पर्दे के भीतर ले आए, और जिस प्रकार बछड़े के लोहू से उसने किया था ठीक वैसा ही वह बकरे के लोहू से भी करे, अर्थात उसको प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर और उसके साम्हने छिड़के। 
Leviticus 16:16 और वह इस्त्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पवित्रस्थान के लिये प्रायश्चित्त करे; और मिलापवाला तम्बू जो उनके संग उनकी भांति भांति की अशुद्धता के बीच रहता है उसके लिये भी वह वैसा ही करे। 
Leviticus 16:17 और जब हारून प्रायश्चित्त करने के लिये पवित्रस्थान में प्रवेश करे, तब से जब तक वह अपने और अपने घराने और इस्त्राएल की सारी मण्डली के लिये प्रायश्चित्त कर के बाहर न निकले तब तक कोई मनुष्य मिलापवाले तम्बू में न रहे। 
Leviticus 16:18 फिर वह निकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के साम्हने है जाए और उसके लिये प्रायश्चित्त करे, अर्थात बछड़े के लोहू और बकरे के लोहू दोनों में से कुछ ले कर उस वेदी के चारों कोनों के सींगो पर लगाए। 
Leviticus 16:19 और उस लोहू में से कुछ अपनी उंगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्त्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता छुड़ाकर शुध्द और पवित्र करे। 
Leviticus 16:20 और जब वह पवित्रस्थान और मिलापवाले तम्बू और वेदी के लिये प्रायश्चित्त कर चुके, तब जीवित बकरे को आगे ले आए; 
Leviticus 16:21 और हारून अपने दोनों हाथों को जीवित बकरे पर रखकर इस्त्राएलियों के सब अधर्म के कामों, और उनके सब अपराधों, निदान उनके सारे पापों को अंगीकार करे, और उन को बकरे के सिर पर धरकर उसको किसी मनुष्य के हाथ जो इस काम के लिये तैयार हो जंगल में भेज के छुड़वा दे। 
Leviticus 16:22 और वह बकरा उनके सब अधर्म के कामों को अपने ऊपर लादे हुए किसी निराले देश में उठा ले जाएगा; इसलिये वह मनुष्य उस बकरे को जंगल में छोड़े दे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 13-14
  • यूहन्ना 12:1-26


मंगलवार, 30 मई 2017

आँसू


   मैंने अपनी एक पुरानी सहेली को, उसकी माँ के देहान्त पर फोन किया। उसकी माँ और मेरी माँ भी बहुत अच्छी सहेलियाँ रहे थे, और अब दोनों ही इस संसार से जा चुके थे। परस्पर बातचीत करते हुए, हमारा वार्तालाप भावनाओं के चक्र में चला गया - देहान्त के कारण दुःख के आँसू और उनके प्रेम, देखभाल करने वाले स्वभाव और ज़िन्दादिली के उदाहरणों को स्मरण करके उनके साथ बिताए हुए पलों के लिए खुशी के आँसू।

   हम में से अनेकों ने इन मिश्रित भावनाओं का अनुभव किया होगा - एक पल रोना और दूसरे पल हँसना। यह परमेश्वर द्वारा हमें प्रदान की गई बड़ी अद्भुत बात है कि हम दुःख और खुशी दोनों ही में आँसुओं के द्वारा अपने मन की भावना व्यक्त कर सकते हैं, अपना मन हलका कर सकते हैं।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि हमें परमेश्वर ने अपने स्वरूप में सृजा है (उत्पत्ति 1:26)। क्योंकि सारे संसार के सभी मनुष्य उसी एक परमेश्वर के द्वारा, उस ही के स्वरूप में सृजे गए हैं, और संसार भर में, सभी संसकृतियों में विनोद व्यवहार का एक अभिन्न अंग है, इसलिए मेरा विचार है कि प्रभु यीशु का भी विनोदप्रीय व्यवहार रहा होगा। परन्तु हम यह भी जानते हैं कि वह दुःख की पीड़ा से भी भली-भांति अवगत था। जब प्रभु के मित्र लाज़र का देहान्त हुआ और प्रभु ने लाज़र की बहन मरियम को रोते हुए देखा, तो "जब यीशु न उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है? यीशु के आंसू बहने लगे" (यूहन्ना 11:33, 35)।

   अपनी भावनाओं को आँसुओं द्वारा व्यक्त करना परमेश्वर का एक दान है, और बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि परमेश्वर हमारे प्रत्येक आँसू का हिसाब रखता है: "तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है?" (भजन 56:8)। लेकिन साथ ही बाइबल हमें यह आश्वासन भी देती है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए एक ऐसा समय भी आने वाला है, जब हर दुःख, हर पीड़ा का अन्त हो जाएगा, और आँसुओं का भी; परमेश्वर हमारे साथ निवास करेगा और स्वयं हमारे सभी आँसू पोंछ डालेगा। - सिंडी हैस कैस्पर


हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता, जिसने हमारे सभी पापों को धो डाला है, 
वही हमारे सभी आँसुओं को भी पोंछ देगा।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:32-44
John 11:32 जब मरियम वहां पहुंची जहां यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पांवों पर गिर के कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता तो मेरा भाई न मरता। 
John 11:33 जब यीशु न उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है? 
John 11:34 उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, चलकर देख ले। 
John 11:35 यीशु के आंसू बहने लगे। 
John 11:36 तब यहूदी कहने लगे, देखो, वह उस से कैसी प्रीति रखता था। 
John 11:37 परन्तु उन में से कितनों ने कहा, क्या यह जिसने अन्धे की आंखें खोली, यह भी न कर सका कि यह मनुष्य न मरता 
John 11:38 यीशु मन में फिर बहुत ही उदास हो कर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था। 
John 11:39 यीशु ने कहा; पत्थर को उठाओ: उस मरे हुए की बहिन मारथा उस से कहने लगी, हे प्रभु, उस में से अब तो र्दुगंध आती है क्योंकि उसे मरे चार दिन हो गए। 
John 11:40 यीशु ने उस से कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था कि यदि तू विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी। 
John 11:41 तब उन्होंने उस पत्थर को हटाया, फिर यीशु ने आंखें उठा कर कहा, हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं कि तू ने मेरी सुन ली है। 
John 11:42 और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है। 
John 11:43 यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, कि हे लाजर, निकल आ। 
John 11:44 जो मर गया था, वह कफन से हाथ पांव बन्‍धे हुए निकल आया और उसका मुंह अंगोछे से लिपटा हुआ था यीशु ने उन से कहा, उसे खोल कर जाने दो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 11:30-57


सोमवार, 29 मई 2017

मार्ग


   जब मेरे बेटे ने चीनी भाषा सीखनी आरंभ की, तो उसके द्वारा लाए गए दस्तावेज़ों को देखकर मैं चकित हो गई। मूल रूप से अंग्रेज़ी बोलने वाली होने के कारण, मेरे लिए यह समझना कठिन था कि उन लिखित अक्षरों का बोली गई भाषा के साथ तालमेल कैसे बैठाया जा सकता है? वह भाषा मुझे बेहद जटिल लगी, लगभग समझ से बिलकुल परे।

   कभी कभी ऐसे ही चकरा देने वाले भावों का सामना मुझे तब करना पड़ता है जब मैं परमेश्वर कि कार्यविधि पर ध्यान करती हूँ। मैं जानती हूँ कि परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में कहा है, "...मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है" (यशायाह 55:8); लेकिन फिर भी, क्योंकि मैं उसके वचन का अध्ययन नियमित रीति से करती हूँ और मैं जानती हूँ कि परमेश्वर का पवित्राअत्मा मेरे हृदय में निवास करता है, इसलिए मेरे अन्दर का एक भाग यह चाहता है कि मैं समझ सकूँ कि परमेश्वर जो कर रहा है, वह वैसा क्यों कर रहा है?

   जब मुझे ऐसा लगता है कि परमेश्वर की कार्यविधि को जानना मेरा हक है, तो साथ ही मैं नम्र होने के लिए अपने आप को पुनःसमर्पित भी करती हूँ। मुझे स्मरण आता है कि बाइबल के एक चरित्र, अय्युब, को अपने दुःखों के लिए, ऐसे ही प्रश्नों का परमेश्वर से अपेक्षित उत्तर नहीं मिला था (अय्युब 1:5, 8)। वह अपनी परिस्थितियों को समझने का प्रयत्न करता रहा, और परमेश्वर ने उस से प्रश्न किया, "क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्तिमान से झगड़ा करे? जो ईश्वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे" (अय्युब 40:2)। परमेश्वर के प्रश्न को सुनकर अय्युब ने पश्चाताप के साथ उत्तर दिया, "देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूं? मैं अपनी अंगुली दांत तले दबाता हूँ" (अय्युब 40:4)। परमेश्वर की महानता के सामने अय्युब निरुत्तर हो गया।

   यद्यपि परमेश्वर के मार्ग रहस्यमय और अथाह प्रतीत होते हैं, हम इस बात से निश्चिंत हो सकते हैं कि चाहे वे हमारी समझ से परे तो हैं, परन्तु उनके द्वारा परमेश्वर हमारी भलाई ही के लिए कार्य कर रहा है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


क्योंकि परमेश्वर का हाथ हर बात, हर स्थान, हर परिस्थिति में है; 
इसलिए हम निश्चिंत होकर सब कुछ उसके हाथ में छोड़ सकते हैं।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: अय्युब 40:1-14
Job 40:1 फिर यहोवा ने अय्यूब से यह भी कहा: 
Job 40:2 क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्तिमान से झगड़ा करे? जो ईश्वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे। 
Job 40:3 तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया: 
Job 40:4 देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूं? मैं अपनी अंगुली दांत तले दबाता हूँ। 
Job 40:5 एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूंगा: हां दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूंगा। 
Job 40:6 तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दिया: 
Job 40:7 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। 
Job 40:8 क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? 
Job 40:9 क्या तेरा बाहुबल ईश्वर के तुल्य है? क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है? 
Job 40:10 अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार और ऐश्वर्य्य और तेज के वस्त्र पहिन ले। 
Job 40:11 अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। 
Job 40:12 हर एक घमण्डी को देख कर झुका दे, और दुष्ट लोगों को जहां खड़े हों वहां से गिरा दे। 
Job 40:13 उन को एक संग मिट्टी में मिला दे, और उस गुप्त स्थान में उनके मुंह बान्ध दे। 
Job 40:14 तब मैं भी तेरे विषय में मान लूंगा, कि तेरा ही दहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29


रविवार, 28 मई 2017

पहेली


   उस पहेली ने मुझे चकरा दिया; किसी ने पूछा, ऐसा क्या है जो परमेश्वर से महान और शैतान से भी अधिक दुष्ट है? वह गरीबों के पास होता है, अमीरों को उसकी आवश्यकता है, और यदि आप उसका सेवन करोगे तो मर जाओगे? क्योंकि मेरा मस्तिष्क प्रगट से भटक गया था, इसलिए मैं उत्तर देने से चूक गया। उस पहेली का उत्तर था "कुछ नहीं"।

   यह पहेली मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई एक अन्य पहेली का स्मरण करवाती है, जिसे, जब वह पूछी गई थी, बूझना और भी अधिक कठिन रहा होगा। प्राचीन काल के एक बुध्दिमान व्यक्ति अगूर ने पूछा था, "कौन स्वर्ग में चढ़ कर फिर उतर आया? किस ने वायु को अपनी मुट्ठी में बटोर रखा है? किस ने महासागर को अपने वस्त्र में बान्ध लिया है? किस ने पृथ्वी के सिवानों को ठहराया है? उसका नाम क्या है? और उसके पुत्र का नाम क्या है? यदि तू जानता हो तो बता!" (नीतिवचन 30:4)।

   आज हम इन प्रश्नों के उत्तर जानते तो हैं; परन्तु कभी कभी जब हम जीवन के प्रश्नों, चिंताओं और आवश्यकताओं से घिरे हुए होते हैं तो प्रगट उत्तर को नज़रन्दाज़ कर देते हैं। जीवन की परेशान करने वाली बातें, जीवन के स्त्रोत, और हमारे सृजनहार, पालनहार तथा तारणहार पर से हमारी नज़रें भटका सकती हैं। इसलिए हमें एक अन्य अति महत्वपूर्ण पहेली को सदा ध्यान में रखना चाहिए: वह कौन हो जो परमेश्वर के साथ एक है, शैतान से कहीं अधिक सामर्थी है, उसकी आवश्यकता संसार के प्रत्येक व्यक्ति को है, धनी और निर्धन सभी उसे जब भी वे चाहे सेंत-मेंत प्राप्त कर सकते हैं, और यदि उसकी मेज़ से खाएंगे-पीएंगे तो कभी नाश नहीं होंगे? उत्तर है प्रभु यीशु मसीह। - मार्ट डीहॉन


जब हम अपनी आँखें प्रभु परमेश्वर पर केंद्रित करते हैं
 तो हमें विचलित करने वाली हमारी परिस्थितियाँ 
हमारा ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाती हैं।

जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है। - विलापगीत 3:25-26

बाइबल पाठ: नीतिवचन 30:1-9
Proverbs 30:1 याके के पुत्र आगूर के प्रभावशाली वचन। उस पुरूष ने ईतीएल और उक्काल से यह कहा, 
Proverbs 30:2 निश्चय मैं पशु सरीखा हूं, वरन मनुष्य कहलाने के योग्य भी नहीं; और मनुष्य की समझ मुझ में नहीं है। 
Proverbs 30:3 न मैं ने बुध्दि प्राप्त की है, और न परमपवित्र का ज्ञान मुझे मिला है। 
Proverbs 30:4 कौन स्वर्ग में चढ़ कर फिर उतर आया? किस ने वायु को अपनी मुट्ठी में बटोर रखा है? किस ने महासागर को अपने वस्त्र में बान्ध लिया है? किस ने पृथ्वी के सिवानों को ठहराया है? उसका नाम क्या है? और उसके पुत्र का नाम क्या है? यदि तू जानता हो तो बता! 
Proverbs 30:5 ईश्वर का एक एक वचन ताया हुआ है; वह अपने शरणागतों की ढाल ठहरा है। 
Proverbs 30:6 उसके वचनों में कुछ मत बढ़ा, ऐसा न हो कि वह तुझे डांटे और तू झूठा ठहरे।
Proverbs 30:7 मैं ने तुझ से दो वर मांगे हैं, इसलिये मेरे मरने से पहिले उन्हें मुझे देने से मुंह न मोड़: 
Proverbs 30:8 अर्थात व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर। 
Proverbs 30:9 ऐसा न हो, कि जब मेरा पेट भर जाए, तब मैं इन्कार कर के कहूं कि यहोवा कौन है? वा अपना भाग खो कर चोरी करूं, और अपने परमेश्वर का नाम अनुचित रीति से लूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 10:24-42


शनिवार, 27 मई 2017

छाप


   जुलाई 1860 में विश्व का सबसे पहला नर्सिंग विद्यालय लंडन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में खोला गया। आज वह विद्यालय किंग्स कॉलेज का एक भाग है और वहाँ नर्सिंग पढ़ने आई छात्राओं को "नाईटिंगेल्स" कहा जाता है। नर्सिंग ही के समान, उस विद्यालय को भी फ्लोरेंस नाईटिंगेल्स ने, जिसने क्रीमियाई युध्द के दौरान नर्सिंग पध्द्ति में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया था, स्थापित किया था। जब भावी नर्सें अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेती हैं तो वे सेवा की शपथ लेती हैं जिसे "नाईटिंगेल शपथ" कहा जाता है। यह सब नर्सिंग पर फ्लोरेंस नाईटिंगेल द्वारा छोड़ी गई छाप को दिखाता है।

   फ्लोरेंस नाईटिंगेल के समान ही अनेकों लोगों ने हमारे संसार में प्रभावी छाप छोड़ी है। परन्तु जितनी प्रभावी छाप प्रभु यीशु ने छोड़ी है, उतनी किसी ने कभी भी, कहीं भी नहीं छोड़ी है। प्रभु यीशु के जन्म, जीवन, क्रूस पर दिया गया बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान की गाथा पिछले 2000 वर्षों से सारे संसार में लोगों के जीवनों को परिवर्तित करती आ रही है।

   सारे संसार में प्रभु यीशु के नाम से उनके अनुयायी जाने जाते रहे हैं, आरंभिक मसीही विश्वासियों की मण्डलियों में भी: "और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए" (प्रेरितों 11:26)।

   जो प्रभु यीशु मसीह के नाम को उपनाते हैं, फिर वे उसके नाम से ही पहचाने जाते हैं क्योंकि उनके जीवन उसके प्रेम और अनुग्रह के द्वारा बदल दिए जाते हैं। हम मसीही विश्वासी, यीशु मसीह के नाम को अपनाने के द्वारा संसार के समक्ष यह घोषणा करते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे जीवनों में अनन्तकाल का परिवर्तन किया है, हम पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है; और अब हमारी यह लालसा है कि यही छाप औरों के जीवन में भी दिखाई दे। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु के अनुयायी - मसीही - उसके नाम की छाप द्वारा जाने जाते हैं।

और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:19-26
Acts 11:19 सो जो लोग उस क्‍लेश के मारे जो स्‍तिफनुस के कारण पड़ा था, तित्तर बित्तर हो गए थे, वे फिरते फिरते फीनीके और कुप्रुस और अन्‍ताकिया में पहुंचे; परन्तु यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन न सुनाते थे। 
Acts 11:20 परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्‍ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे। 
Acts 11:21 और प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे। 
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा। 
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। 
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। 
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया। 
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23


शुक्रवार, 26 मई 2017

तूफान


   जब चक्रवादी तूफान कैट्रीना मिसीसिपी प्रांत के समुद्र तट की ओर बढ़ रहा था, तो एक सेवानिवृत हुए पास्टर और उसकी पत्नि से उनकी पुत्री ने बहुत आग्रह किया कि वे अटलांटा आ जाएं जहाँ वह उनकी देखभाल कर सकती थी। परन्तु क्योंकि बैंक बन्द हो गए थे इसलिए वह दंपति अटलांटा की यात्रा के लिए पर्याप्त पैसे का इन्तज़ाम नहीं कर सका और उन्हें अपना घर छोड़ कर एक आश्रय स्थल में जाना पड़ा। तूफान के गुज़र जाने के पश्चात, वे अपने घर गए जिससे कि अपने सामान को संभाल सकें, जहाँ पानी में तैर रही केवल कुछ पारिवारिक फोटो ही उन्हें मिलीं। जब वह पास्टर फोटो फ्रेम में से सुखाने के लिए अपने पिता की फोटो निकाल रहे थे तो उस फ्रेम में से $366 बाहर निकल कर गिरे, जो उन दोनों के लिए अटलांटा जाने का हवाई टिकिट खरिदने के लिए पर्याप्त रकम थी। यह उनके लिए पाठ था कि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वे प्रभु यीशु पर विश्वास रख सकते थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में मरकुस 4:35-41 में दी गई घटना प्रभु यीशु के चेलों के लिए प्रभु में विश्वास बनाए रखने का पाठ था। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से गलील की झील के उस पार जाने के लिए कहा और नाव में सो गया। झील पार करते हुए अनायास ही एक तेज़ तूफान ने उन्हें घेर लिया और उफनती हुई लहरों तथा तेज़ हवा को देखकर चेले घबरा गए। उन्होंने प्रभु को सोते से उठाया और कहा, "हे गुरू, क्या तुझे चिन्‍ता नहीं, कि हम नाश हुए जाते हैं?" (पद 38); तब प्रभु यीशु ने "उठ कर आन्‍धी को डांटा, और पानी से कहा; “शान्‍त रह, थम जा”: और आन्‍धी थम गई और बड़ा चैन हो गया" (पद 39)।

   जीवन में हम सब को अनेक प्रकार के तूफानों - सताव, आर्थिक कठिनाईयाँ, बीमारियाँ, निराशाएँ, एकाकीपन इत्यादि का सामना करना पड़ता है - और प्रभु यीशु सदा उनको रोक कर नहीं रखता है। परन्तु उसने हम से प्रतिज्ञा की है कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा (इब्रानियों 13:5)। वह हर तूफान में हमें शान्त रखेगा। - मार्विन विलियम्स


जीवन के तूफानों में हम अपने प्रभु परमेश्वर के चरित्र को देख सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: मरकुस 4:35-41
Mark 4:35 उसी दिन जब सांझ हुई, तो उसने उन से कहा; आओ, हम पार चलें,। 
Mark 4:36 और वे भीड़ को छोड़कर जैसा वह था, वैसा ही उसे नाव पर साथ ले चले; और उसके साथ, और भी नावें थीं। 
Mark 4:37 तब बड़ी आन्‍धी आई, और लहरें नाव पर यहां तक लगीं, कि वह अब पानी से भरी जाती थी। 
Mark 4:38 और वह आप पिछले भाग में गद्दी पर सो रहा था; तब उन्होंने उसे जगाकर उस से कहा; हे गुरू, क्या तुझे चिन्‍ता नहीं, कि हम नाश हुए जाते हैं? 
Mark 4:39 तब उसने उठ कर आन्‍धी को डांटा, और पानी से कहा; “शान्‍त रह, थम जा”: और आन्‍धी थम गई और बड़ा चैन हो गया। 
Mark 4:40 और उन से कहा; तुम क्यों डरते हो? क्या तुम्हें अब तक विश्वास नहीं? 
Mark 4:41 और वे बहुत ही डर गए और आपस में बोले; यह कौन है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं?

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41


गुरुवार, 25 मई 2017

संगीत


   संगीतकार और बैण्ड निर्देशक जौन फिलिप सॉसा, जिन्हें "द मार्च किंग" भी कहा जाता है ने ऐसा संगीत और धुनें बनाईं हैं जिन्हें संसार भर में सौ से भी अधिक वर्षों से मिलिट्री बैण्ड बजाते आ रहे हैं। संगीत के इतिहासकार तथा विरजीनिया ग्रैण्ड मिल्ट्री बैण्ड के संचालक लॉरस जौन स्कीसल के अनुसार, "जैसे बिथोवेन सुरीली संगीत रचनाओं के लिए हैं, वैसे ही सॉसा सैनिक मार्च संगीत के लिए हैं।" सॉसा ने लोगों को प्रभावित करने, प्रोत्साहित करने, प्रेरणा देने में सक्षम संगीत की शक्ति को समझा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, पुराने नियम के समय में, परमेश्वर के लोगों ने आवश्यकता के समयओं में परमेश्वर से मिलने वाली सहायता से प्रेरित होकर अनेकों भजन और स्तुति-गान लिखे और गाए-बजाए। जब परमेश्वर ने फिरौन की सेना से इस्त्राएलियों को बचाया, "तब मूसा और इस्राएलियों ने यहोवा के लिये यह गीत गाया। उन्होंने कहा, मैं यहोवा का गीत गाऊंगा, क्योंकि वह महाप्रतापी ठहरा है; घोड़ों समेत सवारों को उसने समुद्र में डाल दिया है। यहोवा मेरा बल और भजन का विषय है, और वही मेरा उद्धार भी ठहरा है; मेरा ईश्वर वही है, मैं उसी की स्तुति करूंगा, (मैं उसके लिये निवासस्थान बनाऊंगा), मेरे पूर्वजों का परमेश्वर वही है, मैं उसको सराहूंगा" (निर्गमन 15:1-2)।

   जब हम बीते समयों में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करते हैं, उसका धन्यवाद तथा अराधना करते हैं, तो यह अराधना संगीत हमारी आत्माओं को उत्साह के साथ ऊँचाईयों पर ले जाता है। जब हम निराश हों, तब भी हम भजन और गीतों के द्वारा अपनी आँखें उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से ऊपर उठा कर परमेश्वर की सामर्थ्य और हमारे साथ बनी रहने वाली उसकी उपस्थिति पर लगाए रख सकते हैं। परमेश्वर ही सदा हमारी सामर्थ्य, संगीत और उध्दार रहा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


स्तुति के गीत हमारी आँखें परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर केंद्रित कर सकते हैं।

तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा। - भजन 32:7

बाइबल पाठ: निर्गमन 15:10-19
Exodus 15:10 तू ने अपने श्वास का पवन चलाया, तब समुद्र ने उन को ढांप लिया; वे महाजलराशि में सीसे की नाईं डूब गए।
Exodus 15:11 हे यहोवा, देवताओं में तेरे तुल्य कौन है? तू तो पवित्रता के कारण महाप्रतापी, और अपनी स्तुति करने वालों के भय के योग्य, और आश्चर्य कर्म का कर्त्ता है।
Exodus 15:12 तू ने अपना दहिना हाथ बढ़ाया, और पृथ्वी ने उन को निगल लिया है।
Exodus 15:13 अपनी करूणा से तू ने अपनी छुड़ाई हुई प्रजा की अगुवाई की है, अपने बल से तू उसे अपने पवित्र निवासस्थान को ले चला है।
Exodus 15:14 देश देश के लोग सुनकर कांप उठेंगे; पलिश्तियों के प्राण के लाले पड़ जाएंगे।
Exodus 15:15 एदोम के अधिपति व्याकुल होंगे; मोआब के पहलवान थरथरा उठेंगे; सब कनान निवासियों के मन पिघल जाएंगें।
Exodus 15:16 उन में डर और घबराहट समा जाएगा; तेरी बांह के प्रताप से वे पत्थर की नाईं अबोल होंगे, जब तक, हे यहोवा, तेरी प्रजा के लोग निकल न जाएं, जब तक तेरी प्रजा के लोग जिन को तू ने मोल लिया है पार न निकल जाएं।
Exodus 15:17 तू उन्हें पहुँचाकर अपने निज भाग वाले पहाड़ पर बसाएगा, यह वही स्थान है, हे यहोवा जिसे तू ने अपने निवास के लिये बनाया, और वही पवित्रस्थान है जिसे, हे प्रभु, तू ने आप स्थिर किया है।
Exodus 15:18 यहोवा सदा सर्वदा राज्य करता रहेगा।
Exodus 15:19 यह गीत गाने का कारण यह है, कि फिरौन के घोड़े रथों और सवारों समेत समुद्र के बीच में चले गए, और यहोवा उनके ऊपर समुद्र का जल लौटा ले आया; परन्तु इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले गए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23


बुधवार, 24 मई 2017

भय और विश्वास


   मैंने अपने आहते में पत्थरों को लगाकर कुछ सजावट करने के लिए उस सजावाट के नमूने के अनुसार धरती पर जाल बिछाया हुआ था। मैं काम समाप्त करने के निकट ही था तभी मैंने देखा कि एक गिलहरी जाल के एक भाग में फँस गई है। मैंने अपने दस्ताने पहने और उस गिलहरी को मुक्त करने के लिए उसके आस-पास के जाल को काटने लगा। परन्तु वह मुझसे और मेरे कार्य से प्रसन्न नहीं थी; मुझे अपने पास आता देख उसने लपक कर मुझे काटने का प्रयास किया। मैंने शान्त स्वर में कहा, "डरो नहीं, मैं तुम्हें कोई हानि पहुँचाना नहीं चाहता हूँ; बस थोड़ा शान्त रहो।" परन्तु उसे मेरी बात समझ नहीं आ रही थी, और अपने भय में होकर वह मेरा प्रतिरोध करती रही। अन्ततः उसे फँसाए रखने वाला जाल का अन्तिम भाग भी कट गया और वह गिलहरी कूद कर भाग गई।

   अनेकों बार हम मनुष्य भी परमेश्वर के प्रति यही रवैया रखते हैं; अपनी परिस्थितियों में फँस कर हम परमेश्वर को भय तथा अविश्वास की प्रतिक्रिया देते हैं। युगों और शताब्दियों से प्रभु परमेश्वर हमें बचाने, सुरक्षित रखने, हमें आश्वस्त रखने और अपने निकट लाने के प्रयास करता आ रहा है; परन्तु फिर भी हम अपने प्रति उसके भले उद्देश्यों को न समझते हुए, उसका प्रतिरोध करते रहते हैं, उसके कार्य में बाधा डालते रहते हैं, उसे गलत समझते रहते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि यशायाह भविष्यद्वक्ता में होकर परमेश्वर कहता है, "क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा" (यशायाह 41:13)।

   आज अपने जीवन और परिस्थितियों को लेकर आप अपने जीवन में प्रभु परमेश्वर की भूमिका को किस प्रकार से देखते हैं? क्या आप अपना जीवन और जीवन से जुड़ी सभी बातों को उसके हाथों में सौंपने से डरते हैं कि कहीं वह आपकी कोई हानि न कर दे? उस पर विश्वास रखें, वह भला है और संसार के हर व्यक्ति के साथ भलाई ही करना चाहता है। वह आपको शैतान द्वारा आप पर लाई गई बुराइयों और परिस्थितियों के जाल से निकालना चाहता है। उस से भयभीत न हों, उस पर विश्वास करें; अपना जीवन और जीवन की सभी बातें उसके हाथों में सौंप दें, शान्त और आश्वस्त होकर उसके कार्यों को देखें। - डेव ब्रैनन


भय का सर्वोत्तम तोड़ विश्वास है।

वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है। जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो। - लूका 6:35-36

बाइबल पाठ: यशायाह 41:10-20
Isaiah 41:10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।
Isaiah 41:11 देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश हो कर मिट जाएंगे। 
Isaiah 41:12 जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पएगा; जो तुझ से युध्द करते हैं वे नाश हो कर मिट जाएंगे। 
Isaiah 41:13 क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।
Isaiah 41:14 हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहयता करूंगा; इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है। 
Isaiah 41:15 देख, मैं ने तुझे छुरीवाले दांवने का एक नया और चोखा यन्त्र ठहराया है; तू पहाड़ों को दांव दांवकर सूक्षम धूलि कर देगा, और पहाडिय़ों को तू भूसे के समान कर देगा। 
Isaiah 41:16 तू उन को फटकेगा, और पवन उन्हें उड़ा ले जाएगी, और आंधी उन्हें तितर-बितर कर देगी। परन्तु तू यहोवा के कारण मगन होगा; और इस्राएल के पवित्र के कारण बड़ाई मारेगा।
Isaiah 41:17 जब दीन और दरिद्र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पाएं और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाए; मैं यहोवा उनकी बिनती सुनूंगा, मैं इस्राएल का परमेश्वर उन को त्याग न दूंगा
Isaiah 41:18 मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा। 
Isaiah 41:19 मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई उगाऊंगा; मैं अराबा में सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर इकट्ठे लगाऊंगा; 
Isaiah 41:20 जिस से लोग देखकर जान लें, और सोचकर पूरी रीति से समझ लें कि यह यहोवा के हाथ का किया हुआ और इस्राएल के पवित्र का सृजा हुआ है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 22-24
  • यूहन्ना 8:28-59


मंगलवार, 23 मई 2017

सहायता


   हम कीचड़ में बिलकुल फँस चुके थे। हम कब्रिस्तान में मेरे माता-पिता की कब्रों पर फूल चढ़ाने गए थे, और एक दूसरी गाड़ी को निकलने का स्थान देने के लिए मेरे पति ने अपनी गाड़ी सड़क से कच्चे में उतार दी। हमारे इलाके में कई सप्ताह से बरसात चल रही थी और वहाँ गाड़ी खड़ी करने के स्थान पर बहुत कीचड़ था। जब हम वापस जाने के लिए गाड़ी निकालने लगे तो पता चला कि गाड़ी कीचड़ में फँस गई है। जितना उसे चलाकर निकालने का प्रयास करते, पहिए घूम-घूमकर कीचड़ में और अधिक धँसते चले जाते।

   प्रकट था कि गाड़ी को धक्का लगाए बिना हम कीचड़ से बाहर नहीं निकल सकते थे, परन्तु मेरे पति का कँधा चोटिल था और मैं भी अभी बीमारी से उठी थी। हमें सहायता आवश्यकता थी! मैंने दूर दो जवानों को देखा, और उनका ध्यान मेरे हाथ हिलाने और सहायता के लिए चिल्लाने की ओर गया। मैं बहुत धन्यवादी हूँ कि उन्होंने हमारी सहायता करना स्वीकार किया और उनके धक्का लगाने से गाड़ी कीचड़ से बाहर निकल कर सड़क पर आ सकी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 40 दाऊद द्वारा सहायता के लिए परमेश्वर को पुकारने और परमेश्वर द्वारा उसकी सहायता करना बताता है: "मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है" (भजन  40:1-2)। जिस गड़हे और दलदल का दाऊद यहाँ उल्लेख कर रहा है, वह वास्तव में कोई गड़हा या दलद्ल रहे हों अथवा कोई विकट परिस्थिति जिसमें दाऊद ने अपने आप को फँसा हुआ पाया, दाऊद यह बात भली-भाँति जानता था कि वह अपनी सहायता के लिए परमेश्वर को कभी भी पुकार सकता है और परमेश्वर उसकी सुनेगा, उसे उस समस्या से बाहर निकालेगा।

   हम मसीही विश्वासी, हम जो परमेश्वर की सन्तान हैं, जब भी परमेश्वर को पुकारते हैं, परमेश्वर हमारी भी सुनता है, और हमारी निकासी के लिए मार्ग बनाता है। कभी कभी तो हमारी सहायता के लिए वह स्वयं हस्तक्षेप करता है, परन्तु अधिकतर वह किसी अन्य मनुष्य के द्वारा हमें सहायता भेजता है। जब भी हम उसके, और आवश्यकतानुसार उसके लोगों के सामने, सहायता की अपनी आवश्यकता को स्वीकार कर लेते हैं, हम उससे मिलने वाली सहायता के लिए आश्वस्त भी रह सकते हैं। - मेरियन स्ट्राउड


परमेश्वर तथा औरों की सहयाता से आशा आती है।

जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया। यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है। - भजन 34:5-7

बाइबल पाठ: भजन  40:1-5
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। 
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। 
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो। 
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 19-21
  • यूहन्ना 8:1-27


सोमवार, 22 मई 2017

बुध्दि


   प्रत्येक वर्ष स्कूलों एवं कॉलेजों में दीक्षान्त समारोह आयोजित होते हैं, उन छात्रों के उपलक्ष में जिन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर के उससे संबंधित उपाधियों को प्राप्त करने की योग्यता प्राप्त की है। उस दीक्षान्त समारोह के उपरान्त वे छात्र संसार में जाकर चुनौतियों का सामना करते हैं। संसार में चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल शैक्षिक ज्ञान होना ही काफी नहीं होता है। सफलता की कुंजी है, जो उन्होंने सीखा है उसे बुध्दिमानी के साथ व्यावाहरिक जीवन में लागू करना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में बुध्दि को एक ऐसे खज़ाने के समान दर्शाया गया है जो खोजे जाने के सर्वथा योग्य है। वह धन-संपत्ति से बढ़कर है (नीतिवचन 3:13-18); उसका स्त्रोत एकमात्र सिध्द तथा बुध्दिमान परमेश्वर है (रोमियों 16:27); और यह प्रभु यीशु के कार्यों तथा व्यवहार में, जिसमें "बुध्दि और ज्ञान के सारे भण्डार छिपे हुए हैं" (कुलुस्सियों 2:3) मिलती है। बुध्दि परमेश्वर के वचन के अध्ययन और उसे व्यवहार में लाने से आती है। इसका एक उदाहरण है प्रभु यीशु का पवित्र-शास्त्र के अपने ज्ञान द्वारा शैतान द्वारा लाई गई परीक्षाओं पर जयवन्त होना (लूका 4:1-13)। कहने का तात्पर्य है कि वास्तव में बुध्दिमान व्यक्ति जीवन को परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है और परमेश्वर की बुध्दि के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करता है।

   इस प्रकार जीवन जीने का प्रतिफल क्या है? बाइबल में नीतिवचन हमें बताते हैं कि बुध्दि मधु के समान के मीठी (नीतिवचन 24:13-14) है, और धन्य हैं वे जो इसे पाते हैं (नीतिवचन 3:13)। इसलिए, परमेश्वर की सम्मति के अनुसार बुध्दि की खोज में रहिए, क्योंकि इसका मोल सोने और चान्दी से भी कहीं अधिक बढ़कर है। - जो स्टोवैल


बुध्दि को खोजने और उसके अनुसार जीवन जीने से ही आशीषें प्राप्त होती हैं।

तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं। तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:104-105

बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:1-13
Proverbs 3:1 हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना; 
Proverbs 3:2 क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा। 
Proverbs 3:3 कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदय रूपी पटिया पर लिखना। 
Proverbs 3:4 और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।
Proverbs 3:5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। 
Proverbs 3:6 उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 
Proverbs 3:7 अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना। 
Proverbs 3:8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हड्डियां पुष्ट रहेंगी। 
Proverbs 3:9 अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना; 
Proverbs 3:10 इस प्रकार तेरे खत्ते भरे और पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा।
Proverbs 3:11 हे मेरे पुत्र, यहोवा की शिक्षा से मुंह न मोड़ना, और जब वह तुझे डांटे, तब तू बुरा न मानना, 
Proverbs 3:12 क्योंकि यहोवा जिस से प्रेम रखता है उसको डांटता है, जैसे कि बाप उस बेटे को जिसे वह अधिक चाहता है।
Proverbs 3:13 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 16-18
  • यूहन्ना 7:28-53


रविवार, 21 मई 2017

नया जीवन


   क्रोएशिया के ज़गरेब शहर में टूटे हुए संबंधों का संग्रहालय है, जिसमें अनेकों अज्ञात लोगों द्वारा दिए गए टूटे हुए प्रेम संबंधों के स्मारक चिन्ह रखे गए हैं। वहाँ एक कुल्हाड़ी है जिससे एक ठुकराए हुए प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के घर का सामान तोड़ डाला था। प्रेमियों द्वारा एक दुसरे को भेंट में दिए गए अनेकों खिलोने हैं, टूटे काँच और फ्रेम में लगे कई प्रेम-पत्र हैं, बहुत से विवाह-वस्त्र हैं; ये सभी अपनी मूक भाषा में उस टूटे हुए प्रेम से होने वाली व्यथा और गहरी चोट का ब्यान करते हैं। उस संग्रहालय में आने वाले आगन्तुकों में से कुछ अपने साथ हुई किसी ऐसी ही घटना को याद करके रोते हैं या नम आँखों के साथ जाते हैं, तो कुछ प्रेमी-जोड़े एक दूसरे से वायदे कर के कि वे ऐसा अपने साथ नहीं होने देंगे, एक दूसरे का आलिंगन करके जाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के भविष्यद्वकता, यशायाह ने लिखा, "प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं" (यशायाह 61:1)। सैंकड़ों वर्षों के बाद प्रभु यीशु मसीह ने अराधनालय में खड़े होकर यशायाह द्वारा लिखे गए इस लेख को पढ़ा, और "तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है" (लूका 4:21)। यशायाह द्वारा लिखे गए ये शब्द भावनाओं की किसी चोट में सहायता से बढ़कर, परमेश्वर की सहायता से मिलने वाले बदले हुए हृदय और नूतन आत्मा की बात करते हैं, जो परमेश्वर से उसके अनुयायियों को उपहार स्वरूप मिलते हैं: "और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो" (यशायाह 61:3)।

   हम सब ने अपने जीवनों में टूटे हुए वायदे और पछतावे का अनुभव किया है। लेकिन हम जिस भी दुःख से होकर निकले हों, प्रभु यीशु हमें नए जीवन, चँगाई और आशा की प्रतिज्ञा देता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर त्रासदी को भी विजयोत्सव में परिवर्तित कर सकता है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: यशायाह 61:1-3; लूका 4:16-22
Isaiah 61:1 प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; 
Isaiah 61:2 कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं 
Isaiah 61:3 और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।

Luke 4:16 और वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ। 
Luke 4:17 यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक उसे दी गई, और उसने पुस्‍तक खोल कर, वह जगह निकाली जहां यह लिखा था। 
Luke 4:18 कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं। 
Luke 4:19 और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूं। 
Luke 4:20 तब उसने पुस्‍तक बन्‍द कर के सेवक के हाथ में दे दी, और बैठ गया: और आराधनालय के सब लोगों की आंख उस पर लगी थीं। 
Luke 4:21 तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है। 
Luke 4:22 और सब ने उसे सराहा, और जो अनुग्रह की बातें उसके मुंह से निकलती थीं, उन से अचम्भा किया; और कहने लगे; क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं?

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27


शनिवार, 20 मई 2017

केंद्र बिन्दु


   मैंने एक बार एक महिला को, उसके बारे में जिसकी वह सहायता कर रही थी यह कहते सुना, "वह मेरा शिष्य है।" मसीह यीशु के शिष्य होने के नाते हम सभी मसीही विश्वासियों को प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने और प्रभु के शिष्य बनाने तथा उनके आत्मिक बढ़ोतरी का ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। परन्तु प्रभु यीशु को केन्द्र बिन्दु बनाना सिखाने के स्थान पर अपने आप पर ध्यान केंद्रित करवा लेना सरल होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रेरित पौलुस इस बात से चिंतित था कि कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों का ध्यान प्रभु यीशु पर केन्द्रित होने से भटक रहा था। उन दिनों के दो सबसे अच्छे प्रचारक थे पौलुस तथा अपुल्लोस। उन्हें लेकर मसीही विश्वासियों की मण्डली में विभाजन आने लगा था; कुछ कहते थे कि हम पौलुस के अनुयायी हैं, तो कुछ अन्य अपने आप को अपुल्लोस का अनुयायी बताते थे। उन लोगों का ध्यान उध्दारकर्ता मसीह यीशु के स्थान पर मसीह के शिष्यों, मनुष्यों पर, अर्थात गलत स्थान पर केंद्रित होता जा रहा था। लेकिन पौलुस ने उन्हें अपनी गलती सुधारने के लिए कहा: "मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है। क्या मसीह बँट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया? या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?" (1 कुरिन्थियों 1:12-13), उसने उन्हें समझाया कि वह तथा अपुल्लोस तो केवल मसीह के सह-कर्मी हैं। महत्व इसका नहीं है कि कौन लगाता है या कौन सींचता है, महत्व उसका है जो बढ़ोतरी देता है अर्थात परमेश्वर। मसीही विश्वासी तो परमेश्वर की खेती हैं, उसकी रचना हैं; वे न तो पौलुस के हैं और न ही अपुल्लोस के, वरन केवल प्रभु यीशु के हैं।

   प्रभु यीशु ने हमें आज्ञा दी है कि हम जाकर लोगों को उसका सुसमाचार सुनाएं, उन्हें प्रभु यीशु के शिष्य बनाएं और उन्हें प्रभु की शिक्षाएं मानना सिखाएं (मत्ती 28:18-20)। इसी प्रकार इब्रानियों का लेखक भी हमें हमारे विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले मसीह पर ध्यान केंद्रित रखने को कहता है: "विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों 12:2)। 

   जब हम मसीह यीशु को, जो सभी मनुष्यों से कहीं अधिक बढ़कर और महान है, अपने जीवन का तथा अपने प्रचार का केंद्र बिन्दु बनाएंगे, तो उसे आदर मिलेगा और हम आशीषित होंगे। - सी. पी. हिया


मसीह यीशु को जीवन में सर्वप्रथम स्थान दें।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-9
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 6:45-71


शुक्रवार, 19 मई 2017

चँगाई


   मैं जिन डॉक्टरों को जानती हूँ वे चतुर, परिश्रमी और अनुकंपा रखने वाले हैं। उन्होंने अनेकों अवसरों पर मेरी तकलीफ में मुझे आराम दिलाया है; मैं धन्यवादी हूँ उनके रोगों का निदान करने, उचित दवाएं लिखने, टूटी हड्डियों को बैठाने और घावों को भरने के कौशल के लिए। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं परमेश्वर के स्थान पर अपना विश्वास डॉक्टरों पर ही रखती हूँ।

   यह तो परमेश्वर ही जानता है कि अपनी सृष्टि की देख-भाल और रख-रखाव के लिए उसने हम मनुष्यों को अपने सहयोगी क्यों बनाया है (उत्पत्ति 2:15), और उन सहयोगियों में डॉक्टर भी हैं। डॉक्टर चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन करते हैं और परमेश्वर द्वारा की गई शरीर की रचना के संबंध में सीखते हैं। अपने इस ज्ञान के सहारे वे हमें पुनः स्वस्थ करने के तरीके बनाते हैं। परन्तु वह एकमात्र कारण जिसके कारण डॉक्टर ऐसा कर पाते हैं, परमेश्वर द्वारा हमारे शरीरों में रची गई चंगा होने की क्षमता है। यदि यह क्षमता नहीं होती किसी ऑपरेशन का कोई घाव नहीं भरता, कोई दवा कुछ भी नहीं कर पाती और डॉक्टरों का सारा ज्ञान धरा का धरा रह जाता।

   वैज्ञानिक यह सीख सकते हैं कि हमारे शरीरों की रचना कैसी है और इस ज्ञान के आधार पर हमें स्वस्थ करने में सहायक होने की विधियाँ बना सकते हैं; परन्तु अन्ततः चँगाई देने वाले वे नहीं, वरन परमेश्वर है (निर्गमन 15:26)। चिकित्सक तो परमेश्वर की रचना और कारीगिरी के साथ सहयोग करते हैं।

   इसलिए मैं विज्ञान और डॉक्टरों की कृतज्ञ हूँ, परन्तु मेरी प्रशंसा और स्तुति परमेश्वर के लिए है, जिसने इस सृष्टि की अद्भुत अभिकल्पना तथा रचना की और हम मनुष्यों को ऐसी बुध्दि दी जिससे वे उसकी इस रचना की जानकारी ले सकें, उसकी कार्यविधि को समझ सकें। इसलिए मेरा मानना है कि सारी चँगाई परमेश्वर की ओर से है, क्योंकि उसके बगैर कोई चँगाई सम्भव नहीं है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब आप सृष्टि की अद्भुत बातें देखें, तो उसके रचियता परमेश्वर का धन्यवाद करें।

कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चँगा करने वाला यहोवा हूं। - निर्गमन 15:26

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:7-15
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया। 
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया। 
Genesis 2:9 और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। 
Genesis 2:10 और उस वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई। 
Genesis 2:11 पहिली धारा का नाम पीशोन है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है। 
Genesis 2:12 उस देश का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं। 
Genesis 2:13 और दूसरी नदी का नाम गीहोन है, यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है। 
Genesis 2:14 और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है। 
Genesis 2:15 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे,

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 6:22-44


गुरुवार, 18 मई 2017

शिखर


   कुछ वर्ष पहले, मैं अपने एक मित्र के साथ माउन्ट व्हिटनी परवत शिखर पर चढ़ने निकला, जिसकी ऊँचाई 14,505 फीट है और वह अमेरिका का सबसे ऊँचे पर्वत शिखर है। हम चढ़ाई आरंभ करने के स्थान पर संध्या को पहुँचे, रात के लेटने और सोने का इंतज़ाम किया, और प्रातः पहली किरण के साथ चढ़ाई आरंभ करने के उद्देश्य से सोने का प्रयास करने लगे। व्हिटनी की चढ़ाई तकनीकी रीति से कोई कठिन चढ़ाई नहीं है, परन्तु लगातार ऊपर की ओर जाता हुआ 11 मील का लंबा पैदल मार्ग है।

   हमने चढ़ना आरंभ किया, यह कठिन तो था परन्तु मार्ग में हर्षित करने वाले अद्भुत सुन्दर दृश्य, नीले पानी की झीलें, घास के हरे मैदान भी थे। परन्तु मार्ग लंबा और बहुत थका देने वाला था, और हमारी टाँगों तथा फेफड़ों की कड़ी परीक्षा ले रहा था। दिन को बीतता, और मार्ग को हमारे सामने दूर तक बना हुआ देख कर मैंने वापस लौट जाने के बारे में सोचना आरंभ कर दिया। परन्तु बीच-बीच में हमें हमारा गन्तव्य, व्हिटनी पर्वत शिखर दिखाई देता रहता था, और मैं यह सोच कर कदम आगे बढ़ाता गया कि मेरा आगे बढ़ाया हुआ प्रत्येक कदम मुझे उस शिखर के एक कदम और निकट ले आया है; यदि मैं ऐसे ही चलता रहा तो अवश्य ही वहाँ पहुँच जाऊँगा। बस इसी विचार के साथ मैं आगे बढ़ता रहा और अन्ततः शिखर पर पहुँच गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस हम मसीही विश्वासियों को आश्वस्त करता है, "...क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है" (रोमियों 13:11)। हर दिन हमें उस जीवन-शिखर के एक दिन और निकट ले आता है जब हमारा प्रभु हमें लेने आएगा और हम, जिन्होंने उस पर विश्वास किया है तथा उसे अपना जीवन समर्पित किया है, अपने तथा सारे संसार के उध्दारकर्ता प्रभु यीशु के साथ अनन्तकाल के आनन्द में होंगे। प्रतिदिन इस विचार के साथ हम शिखर की ओर बढ़ते चले जाएं। - डेविड रोपर


अभी तो हम प्रभु यीशु को बाइबल से देखते हैं; 
परन्तु एक दिन उसे आमने-सामने देखेंगे।

इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 12:1-2

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14
Romans 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है। 
Romans 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। 
Romans 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है। 
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है। 
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें। 
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में। 
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21


बुधवार, 17 मई 2017

अराधना


   9 वर्षीय विली मायरिक को अपने घर के सामने से अगुवा कर लिया गया। अपने अगुवा करने वाले के साथ, इस बात से अनजान कि उसके साथ क्या होगा, वह कई घंटे कार में यात्रा करता रहा। उस समय में विली ने परमेश्वर की अराधना का एक गीत Every Praise (सारी अराधना) गाने का निर्णय लिया। वह उसी गीत को बारंबार, लगातार गाता रहा और उसे अगुवा करने वाला उसे गालियाँ देता रहा और चुप हो जाने के लिए कहता रहा। अन्ततः उस अगुवा करने वाले ने कार रोकी और विली को बिना कोई नुकसान पहुँचाए चले जाने दिया।

   जैसा विली ने दिखाया, परमेश्वर की अराधना करने के लिए, हमारे जीवनों में जो भी भय हैं, जो भी गलत है, हमारे अन्दर अपने ऊपर जो भी भरोसा है, वह सब छोड़कर केवल परमेश्वर के चरित्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि राजा यहोशापात के समय में इस्त्राएलियों पर तीन बड़ी जातियाँ एक साथ हमला करने के लिए आ गईं। यहोशापात ने सारी बात परमेश्वर के हाथों में छोड़ दी और परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वकता द्वारा यहोशापात को निर्देश दिया कि वह अपने सेना को लेकर युध्द भूमि में जाए, परन्तु उसे युध्द करना नहीं पड़ेगा, परमेश्वर उसकी ओर से लड़ेगा। अगले दिन युध्द भूमि में पहुँचकर, परमेश्वर के निर्देश पर, यहोशपात की सेना परमेश्वर की अराधना और स्तुति करती हुई आगे बढ़ी। सेना के आगे आगे, स्तुतिगान गाने वाले चल रहे थे, और गा रहे थे, "...यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है" (2 इतिहास 20:21)। जब इस्त्राएलियों ने अराधना करनी आरंभ की तो हमला करने आई वो तीनों सेनाएं चकरा गईं और उन्होंने एक दुसरे पर ही हमला कर दिया, एक दुसरे को ही पूर्णतः समाप्त कर दिया। इस्त्राएल को युध्द बिलकुल नहीं करना पड़ा (पद 17)।

   हम चाहे किसी युध्द का सामना कर रहे हों या अपने आप को किसी परेशानी में फंसा हुआ अनुभव कर रहे हों, हम हर परिस्थिति में, हर बात के लिए परमेश्वर की अराधना कर सकते हैं, उस पर अपना भरोसा बनाए रख सकते हैं। वह असंभव को संभव करने वाला, अराधना के सर्वथा योग्य परमेश्वर है, "क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भय योग्य है" (भजन 96:4)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


अराधना हृदय से निकलने वाली परमेश्वर की प्रशंसा है।

यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है। - मरकुस 10:27

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:12-24
2 Chronicles 20:12 हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें कुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं। 
2 Chronicles 20:13 और सब यहूदी अपने अपने बाल-बच्चों, स्त्रियों और पुत्रों समेत यहोवा के सम्मुख खड़े रहे। 
2 Chronicles 20:14 तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के बीच यहोवा का आत्मा समाया। 
2 Chronicles 20:15 और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युध्द तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है। 
2 Chronicles 20:16 कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे। 
2 Chronicles 20:17 इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा। 
2 Chronicles 20:18 तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया। 
2 Chronicles 20:19 और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे। 
2 Chronicles 20:20 बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे। 
2 Chronicles 20:21 तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है। 
2 Chronicles 20:22 जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए। 
2 Chronicles 20:23 क्योंकि अम्मोनियों और मोआबियों ने सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों डराने और सत्यानाश करने के लिये उन पर चढ़ाई की, और जब वे सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों का अन्त कर चुके, तब उन सभों ने एक दूसरे के नाश करने में हाथ लगाया। 
2 Chronicles 20:24 सो जब यहूदियों ने जंगल की चौकी पर पहुंच कर उस भीड़ की ओर दृष्टि की, तब क्या देख कि वे भूमि पर पड़ी हुई लोथ हैं; और कोई नहीं बचा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 5:25-47


मंगलवार, 16 मई 2017

प्रेरक


   1920 के दशक में, व्यवसायिक खिलाड़ी न होते हुए भी, बॉबी जोन्स ने गोल्फ के संसार में अपना वर्चस्व बना रखा था। उनके जीवन पर बनी एक फिल्म Bobby Jones: Stroke of Genius में एक दृश्य है जहाँ एक व्यवसायिक गोल्फ खिलाड़ी उनसे पूछता है कि वे कब व्यवसायिक खिलाड़ी बनकर अन्य खिलाड़ियों के समान पैसे के लिए खेलना आरंभ करेंगे? जोन्स ने उसे उत्तर दिया कि वह गोल्फ पैसे के लिए नहीं खेलते, वरन इसलिए क्योंकि उन्हें गोल्फ से प्रेम है। उनका यह प्रेम ही उनके उत्कृष्ठ खेल का प्रेरक था।

   हमारे उद्देश्य ही हमारे कार्य, हम जो करते हैं वह क्यों करते हैं, में अन्तर लाते हैं। यह बात प्रभु यीशु के अनुयायियों पर भी लागू होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी दूसरी पत्री में, प्रेरित पौलुस अपने जीवन से इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस पूरी पत्री में पौलुस ने अपने आचरण, चरित्र और मसीह यीशु की सेवकाई के लिए अपने बुलाए जाने का बचाव किया है। उसकी इस मसीही सेवकाई के लिए जो उसके उद्देश्यों पर प्रश्न उठाते थे, उन्हें प्रत्युत्तर में पौलुस ने लिखा, "क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा" (2 कुरिन्थियों 5:14-15)।

   प्रभु यीशु का प्रेम अन्य हर प्रेरणा देने वाली बात से कहीं अधिक प्रेरक है। इस प्रेम के अन्तर्गत प्रभु यीशु के अनुयायी अपने लिए नहीं वरन उसके लिए, जिसने अपने प्राण उनके उध्दार के लिए बलिदान कर दिए, जीवन व्यतीत करते हैं। - बिल क्राउडर


जिस से हम सबसे अधिक प्रेम करते हैं, 
वही हमारे व्यवहार और चरित्र को प्रभावित करता है।

और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ। - इफिसियों 3:19 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:9-21
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें। 
2 Corinthians 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए।
2 Corinthians 5:11 सो प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा। 
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24


सोमवार, 15 मई 2017

प्रेम


   एक डूबते हुए जहाज़ से बचाए जाने के पश्चात, एक 71 वर्षीय महिला आत्म-ग्लानि से परेशान रहने लगी। अस्पताल के अपने बिस्तर पर लेटे लेटे वह कह रही थी कि उसे समझ नहीं आ रहा है कि जब उस त्रासदी में इतने लोगों की, जो उससे कम आयु के थे, मृत्यु हो गई, तो उसके लिए जीवित बच जाना सही कैसे हो सकता है? उसे इस बात का भी खेद था कि वह उस नौजवान व्यक्ति का नाम भी नहीं जानती थी जिसने उसे पानी में से खींच कर निकाला था, जबकि वह सारी आशा छोड़ चुकी थी। वह चाहती थी कि उस नौजवान को वह कम से कम एक बार भोजन करवा दे, उसका हाथ पकड़कर उसे धन्यवाद कह सके, उसे गले लगा सके।

   उस वृध्द महिला की भावनाओं से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस का ध्यान आया। वह अपने पड़ौसियों और देशवासियों के लिए इतना चिंतित था कि यदि संभव होता तो वह उन्हें बचाने के लिए मसीह के साथ के अपने संबंध का सौदा कर लेता: "क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता" (रोमियों 9:3)।

   साथ ही पौलुस ने परमेश्वर के प्रति अपना व्यक्तिगत तथा बहुत गहरा आभार भी प्रगट किया। वह जानता था कि वह परमेश्वर के कार्य करने की विधियों और न्याय को कभी पूरी तरह से समझ नहीं सकता है (पद 14-24)। इसलिए सब को मसीह यीशु में मिलने वाले पापों की क्षमा और उध्दार का सुसमाचार सुनाने का भरसक प्रयत्न करते हुए, उसने उस परमेश्वर में अपनी शान्ति और आनन्द को ढूँढ़ा, जिसका हृदय सारे संसार के सभी लोगों के लिए इतने अधिक प्रेम से भरा है, जितना प्रेम हम कभी कर नहीं सकते, जैसे प्रेम की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। - मार्ट डीहॉन


परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता से परमेश्वर की निकटता में बढ़ोतरी होती है।

वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है। - 1 तिमुथियुस 2:4-5

बाइबल पाठ: रोमियों 9:1-5
Romans 9:1 मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है। 
Romans 9:2 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। 
Romans 9:3 क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता। 
Romans 9:4 वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं। 
Romans 9:5 पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 22-23
  • यूहन्ना 4:31-54


रविवार, 14 मई 2017

सुनना


   एक शाम, हमारे छोटे से चर्च में, एक युवा मिशनरी ने प्रवचन दिया। जिस देश में वह और उसकी पत्नि सेवकाई करते थे, उसमें धर्म के नाम पर बहुत उथल-पुथल चल रही थी, और वहाँ की स्थिति बच्चों के लिए बहुत खतरनाक मानी जाती थी। वहाँ की घटनाएं बताते हुए उसने एक आप-बीती हृदय-विदारक घटना का उल्लेख किया, जब उसे अपनी बेटी को एक विद्यालय के हॉस्टल में छोड़कर आना पड़ा और उसकी बेटी उससे बहुत आग्रह करती रही कि वह उसे छोड़कर न जाए।

   उस समय मैं हाल ही में पिता बना था, मुझे एक बेटी की आशीष प्राप्त हुई थी। उस मिशनरी से यह घटना सुन कर मैं अपने आप से बुड़बुड़ाने लगा, "कोई प्रेमी माता-पिता अपनी बेटी को ऐसे अकेला छोड़कर कैसे आ सकते हैं?" उस मिशनरी द्वारा अपना प्रवचन समाप्त करने के समय तक, इस बात को लेकर मैं इतना खिसिया चुका था कि मैंने उस मिशनरी से भेंट करने का निमंत्रण भी ठुकरा दिया, और आवेश में चर्च के बाहर यह कहता हुआ निकला: "मैं प्रसन्न हूँ कि मैं उसके समान नहीं हूँ...।"

   उसी पल, परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने मुझे वहीं रोक दिया। मैं अपने मुँह से निकल रहा वाक्य भी पूरा नहीं कर पाया। मैं लगभग वही शब्द दोहरा रहा था जो उस फरीसी ने अपनी प्रार्थना में परमेश्वर से कहे थे: "...हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं ..." (लूका 18:11)। मैं अपने आप से बहुत निराश हुआ; और मुझे बोध हुआ कि परमेश्वर भी मुझसे बहुत निराश हुआ होगा!

   उस शाम के बाद से मैंने परमेश्वर से माँगा है कि वह मुझे दूसरों की बात नम्रता और संयम से सुनने वाला बनाए, जब वे अपने हृदय के भाव, अपनी दुःख और पीड़ा, अपने अंगीकार सुनाते हैं। मैं उनकी परिस्थिति और आवश्यकता को समझ सकूँ, न कि जल्दबाज़ी में उन्हें जाँचने वाला या उनपर टिप्पणी करने वाला बनूँ। प्रभु मुझे सुनने का मन दे। - रैंडी किल्गोर


दूसरों का न्याय करने से हम परमेश्वर की निकटता में नहीं बढ़ते हैं।

जब तू परमेश्वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं। बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों। - सभोपदेशक 5:1-2

बाइबल पाठ: लूका 18:9-14
Luke 18:9 और उसने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्‍छ जानते थे, यह दृष्‍टान्‍त कहा। 
Luke 18:10 कि दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेने वाला। 
Luke 18:11 फरीसी खड़ा हो कर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं अन्‍धेर करने वाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूं। 
Luke 18:12 मैं सप्‍ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं। 
Luke 18:13 परन्तु चुंगी लेने वाले ने दूर खड़े हो कर, स्वर्ग की ओर आंखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर। 
Luke 18:14 मैं तुम से कहता हूं, कि वह दूसरा नहीं; परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जा कर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30


शनिवार, 13 मई 2017

धन


   संसार भर में 100 से भी अधिक देशों में सरकारों द्वारा संचालित लॉट्रियाँ पाई जाती हैं। हाल के वर्षों में, केवल अमेरिका और कैनाडा में ही लॉट्री टिकिटों की बिक्री 85 बिलियन डॉलर की हो चुकी थी, जो संसार भर में होने वाली बिक्री का एक भाग मात्र है। बहुत बड़ी रकम जीतने की संभावना के लालच ने लोगों में यह मानसिकता ला दी है कि यदि मैं लॉट्री जीत जाऊँगा तो मेरे जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

   अपने आप में धन में कोई बुराई नहीं है, परन्तु धन का लोभ हमें इस भ्रम में डाल देता है कि हमारी सभी आवश्यकताओं, सभी समस्याओं का उत्तर धन में है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने इससे पृथक दृष्टिकोण जताते हुए कहा, "मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं। मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा। मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा" (भजन 119:14-16)। आत्मिक धन का यह विचार परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और उसके मार्गों पर चलने पर केन्द्रित है (पद 35)।

   कैसा हो यदि हम किसी लॉट्री की भारी-भरकम रकम जीतने के स्थान पर परमेश्वर के वचन को जानने और मानने के प्रति उत्साहित रहें, उस पर ध्यान केंद्रित करें। तब हम भी भजनकार के साथ परमेश्वर से कह सकेंगे, "मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे। मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला" (पद 36-37)।

   परमेश्वर के वचन की आज्ञाकारिता का धन - एक मात्र सच्चा अक्षय धन - उन सभी के लिए सदा उपलब्ध है जो प्रभु यीशु के अनुयायी बन गए हैं, उसके वचन से प्रेम करते हैं, उसका अध्ययन करते हैं और उससे अपने जीवन का मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर को जानना और उसके वचन को मानना ही सफलता की कुंजी है।

पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है। - 1 तिमुथियुस 6:9-10

बाइबल पाठ: भजन 119:33-40
Psalms 119:33 हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूंगा। 
Psalms 119:34 मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा। 
Psalms 119:35 अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूं। 
Psalms 119:36 मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे। 
Psalms 119:37 मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला। 
Psalms 119:38 तेरा वचन जो तेरे भय मानने वालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर। 
Psalms 119:39 जिस नामधराई से मैं डरता हूं, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं। 
Psalms 119:40 देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूं; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 17-18
  • यूहन्ना 3:19-36


शुक्रवार, 12 मई 2017

टेक


   हमारी सहेली, हेलेन का देहांत हो गया था, और हम उसके अन्तिम संस्कार के पश्चात बाहर आ रहे थे; सिंडी ने टिप्पणी की, "यह कैसा अनोखा अन्तिम संस्कार था।" हेलेन को दी जाने वाली इस अन्तिम विदाई के समय एक के बाद एक मित्र, सहेली, परिवारजन ने उसके हँसमुख तथा सदा आनन्दमय व्यवहार को स्मरण किया। परन्तु हेलेन का जीवन केवल हँसी-मज़ाक और चुटकुले ही नहीं था। उसके भान्जे ने मसीह यीशु में हेलेन के विश्वास के, तथा दुसरों की देखभाल करने की उसकी प्रवृत्ति के बारे में बताया। उसने बताया कि कैसे, जब वह किशोर था और संघर्ष कर रहा था, ऐसे में हेलेन ने उसे अपने घर में स्थान दिया। आज वह जीवन के तीसरे दशक में था, और कह रहा था, "हेलेन आन्टी मेरे लिए माँ के समान थीं। मेरे संघर्षों में उन्होंने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा। मुझे पूरा विश्वास है कि यदि उनका साथ नहीं होता तो मैं अपने मसीही विश्वास से कब का पीछे हट चुका होता।" वाह! कैसा अद्भुत प्रभाव! हेलेन ने प्रभु यीशु को अपनी टेक बनाया, उसका सहारा लिया, और अपने भान्जे को भी प्रभु की टेक, उसका सहारा लेना सिखाया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम में हम पढ़ते हैं कि राजा दाउद ने एक जवान पुरुष, मपीबोशेत को, अपने घर में स्थान दिया जिससे उसके पिता और दाऊद के दिवंगत मित्र योनातान के कारण मपीबोशेत पर अनुकंपा दिखा सके (देखें 2 शमूएल 9:1)। कई वर्ष पहले, जब उसके पिता के युध्द में मारे जाने का समाचार आया था, तो जब मपीबोशेत की धाय उसे लेकर भागी तो वह उसकी गोदी से गिर गया और घायल हो गया (4:4), अब वह ठीक से चल नहीं सकता था। मपीबोशेत को आश्चर्य हुआ कि राजा दाऊद उसकी देखभाल करना चाहता था; क्योंकि अपनी दृष्टि में मपीबोशेत तो "मरे हुए कुते" के समान था (9:8)। परन्तु दाऊद ने उससे अपने पुत्र के समान व्यवहार किया (9:11)।

   मैं भी ऐसा व्यक्ति बनना चाहूँगी; क्या आप ऐसा बनना नहीं चाहेंगे? ऐसा व्यक्ति जो दूसरों की देखभाल और सहायता करे, उन्हें हर परिस्थित, परेशानी, संघर्ष में भी मसीह यीशु में विश्वास बनाए रखने में सहायक हो। जो दूसरों के लिए टेक बन सके, और सारे संसार के सभी लोगों के आश्रय स्थान तथा सहारे प्रभु यीशु की ओर लोगों को आकर्षित कर सके। - ऐनी सेटास


परमेश्वर लोगों के जीवनों में अन्य लोगों के द्वारा ही अपना अधिकांश कार्य करता है।

क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। - यशायाह 25:4

बाइबल पाठ: 2 शमूएल 9
2 Samuel 9:1 दाऊद ने पूछा, क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिस को मैं योनातन के कारण प्रीति दिखाऊं? 
2 Samuel 9:2 शाऊल के घराने का सीबा नाम एक कर्मचारी था, वह दाऊद के पास बुलाया गया; और जब राजा ने उस से पूछा, क्या तू सीबा है? तब उसने कहा, हां, तेरा दास वही है। 
2 Samuel 9:3 राजा ने पूछा, क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिस को मैं परमेश्वर की सी प्रीति दिखाऊं? सीबा ने राजा से कहा, हां, योनातन का एक बेटा तो है, जो लंगड़ा है। 
2 Samuel 9:4 राजा ने उस से पूछा, वह कहां है? सीबा ने राजा से कहा, वह तो लोदबार नगर में, अम्मीएल के पुत्र माकीर के घर में रहता है। 
2 Samuel 9:5 तब राजा दाऊद ने दूत भेज कर उसको लोदबार से, अम्मीएल के पुत्र माकीर के घर से बुलवा लिया। 
2 Samuel 9:6 जब मपीबोशेत, जो योनातन का पुत्र और शाऊल का पोता था, दाऊद के पास आया, तब मुह के बल गिर के दण्डवत्‌ किया। दाऊद ने कहा, हे मपीबोशेत! उसने कहा, तेरे दास को क्या आज्ञा? 
2 Samuel 9:7 दाऊद ने उस से कहा, मत डर; तेरे पिता योनातन के कारण मैं निश्चय तुझ को प्रीति दिखाऊंगा, और तेरे दादा शाऊल की सारी भूमि तुझे फेर दूंगा; और तू मेरी मेज पर नित्य भोजन किया कर। 
2 Samuel 9:8 उसने दण्डवत्‌ कर के कहा, तेरा दास क्या है, कि तू मुझे ऐसे मरे कुत्ते की ओर दृष्टि करे? 
2 Samuel 9:9 तब राजा ने शाऊल के कर्मचारी सीबा को बुलवाकर उस से कहा, जो कुछ शाऊल और उसके समस्त घराने का था वह मैं ने तेरे स्वामी के पोते को दे दिया है। 
2 Samuel 9:10 अब से तू अपने बेटों और सेवकों समेत उसकी भूमि पर खेती कर के उसकी उपज ले आया करना, कि तेरे स्वामी के पोते को भोजन मिला करे; परन्तु तेरे स्वामी का पोता मपीबोशेत मेरी मेज पर नित्य भोजन किया करेगा। और सीबा के तो पन्द्रह पुत्र और बीस सेवक थे। 
2 Samuel 9:11 सीबा ने राजा से कहा, मेरा प्रभु राजा अपने दास को जो जो आज्ञा दे, उन सभों के अनुसार तेरा दास करेगा। दाऊद ने कहा, मपीबोशेत राजकुमारों की नाईं मेरी मेज पर भोजन किया करे। 
2 Samuel 9:12 मपीबोशेत के भी मीका नाम एक छोटा बेटा था। और सीबा के घर में जितने रहते थे वे सब मपीबोशेत की सेवा करते थे। 
2 Samuel 9:13 और मपीबोशेत यरूशलेम में रहता था; क्योंकि वह राजा की मेज पर नित्य भोजन किया करता था। और वह दोनों पांवों का पंगुला था।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 15-16
  • यूहन्ना 3:1-18


गुरुवार, 11 मई 2017

गवाही


   एक भूतपूर्व कैदी, माइकल डिन्समोर, हाल ही में मसीही विश्वास में आया था; उसे बन्दिगृह में अपने जीवन की कहानी सुनाने, मसीही विश्वास के अपने जीवन की गवाही देने को कहा गया। उसके द्वारा अपनी गवाही सुनाने के पश्चात, बन्दिगृह के कुछ बन्दियों ने आकर उससे कहा, "यह हमारे जीवन की सबसे अधिक उत्साहवर्धक सभा थी।" माइकल चकित हुआ कि उसके जीवन की साधारण सी गवाही को परमेश्वर इतनी सामर्थ्य के साथ उपयोग कर सकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि पौलुस ने तिमुथियुस को लिखी अपनी प्रथम पत्री में पहले तो उसे निर्देश दिया कि वह सुसमाचार प्रचार करने के अपने पथ पर दृढ़ता से बना रहे (1:1-11)। इस निर्देश के पश्चात, उस नौजवान पास्टर को प्रोत्साहित करने के लिए, पौलुस ने उससे अपने जीवन की गवाही साझा की (पद 12-16)। पौलुस ने बताया कि कैसे प्रभु यीशु ने उस पर दया की, जबकि पौलुस प्रभु का उपहास करता था, उसकी अवहेलना करता था; लेकिन फिर भी प्रभु ने अपने बड़े प्रेम और दया में होकर उसके जीवन को बदल डाला। प्रभु ने न केवल पौलुस को विश्वासयोग्य जाना, वरन अपने लिए पौलुस को करने के लिए कार्य और ज़िम्मेदारी भी सौंपी, और उस ज़िम्मेदारी के योग्य सामर्थ्य भी प्रदान किया (पद 12)। पौलुस अपने आप को संसार का सबसे बड़ा पापी मानता था, परन्तु प्रभु ने उसका भी उध्दार किया, उसे बदल दिया और अपने लिए कार्य करने वाला बना दिया (पद 15)।

   परमेश्वर ऐसा कर सकने के योग्य है। पौलुस यही बात तिमुथियुस को दिखाना चाहता था; और इसी बात को आज हमें भी देखना, समझना और स्वीकार करना है, उसका पालन करना है। पौलुस की गवाही के द्वारा हम परमेश्वर की दया को देखते हैं। यदि परमेश्वर पौलुस जैसे व्यक्ति को बदल सकता है, उसे अपने लिए उपयोगी बना सकता है, तो पौलुस के समान वह हमें भी उपयोग कर सकता है। यदि परमेश्वर संसार के सबसे बड़े पापी का उध्दार कर सकता है तो किसी का भी कर सकता है, कोई उसकी दया और करुणा की सीमा से परे नहीं है।

   परमेश्वर द्वारा हमारे जीवनों में किए गए कार्यों की गवाही किसी अन्य के लिए प्रोत्साहन हो सकती है। अपने आस-पास के लोगों के साथ अपने जीवन में हुए परमेश्वर के कार्यों की गवाही को साझा करें; उन्हें बताएं कि बाइबल का परमेश्वर आज भी कार्य कर रहा है, जीवन बदल रहा है! - पोह फैंग चिया


परमेश्वर के प्रेम और दया की पहुँच से बाहर कोई नहीं है।

तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा। मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा। लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा। लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण कर के उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे। - भजन 145:4-7

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 1:12-20
1 Timothy 1:12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिसने मुझे सामर्थ्य दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उसने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। 
1 Timothy 1:13 मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। 
1 Timothy 1:14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ। 
1 Timothy 1:15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। 
1 Timothy 1:16 पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। 
1 Timothy 1:17 अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
1 Timothy 1:18 हे पुत्र तीमुथियुस, उन भविष्यद्वाणियों के अनुसार जो पहिले तेरे विषय में की गई थीं, मैं यह आज्ञा सौंपता हूं, कि तू उन के अनुसार अच्छी लड़ाई को लड़ता रहे। 
1 Timothy 1:19 और विश्वास और उस अच्‍छे विवेक को थामें रहे जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्वास रूपी जहाज डूब गया। 
1 Timothy 1:20 उन्‍हीं में से हुमिनयुस और सिकन्‍दर हैं जिन्हें मैं ने शैतान को सौंप दिया, कि वे निन्‍दा करना न सीखें।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 13-14
  • यूहन्ना 2