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रविवार, 30 अप्रैल 2017

रूपान्तरण


   मीडिया द्वारा संचालित एवं प्रभावित हमारे वर्तमान युग में संसार के समक्ष हमारे स्वरूप को संवार कर प्रस्तुत करने वाले परामर्शदाता अत्यंत अनिवार्य से हो गए हैं। मनोरंजन करने वाले, खिलाड़ी, राजनैतिज्ञ, व्यवसायिक अगुवे आदि सभी इस बात का बहुत ध्यान रखते हैं कि वे संसार को कैसे प्रतीत होते हैं। ऐसे लोगों के मध्य ये ऊँची कीमतों पर कार्य करने वाले परामर्शदाता अपने ग्राहकों की छवि को संसार के समक्ष सजा-संवार कर प्रस्तुत करने में लगे रहते हैं - चाहे वासत्वकिता और उनके द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली अपने ग्राहकों की छवि में कोई सामंजस्य ना भी हो।

   जिस बात की हमें और संसार के सभी लोगों को वासत्विक आवश्यकता है वह कोई बाहरी रूप-सज्जा नहीं वरन भीतरी रूपान्तरण है। हमारे भीतर की त्रुटियों और कमज़ोरियों को बाहरी सजावट से सुधारा नहीं जा सकता है। हमारा भीतरी मनुष्यत्व - वह जो हम अपने मन-मस्तिष्क में हैं, वही हमारा वास्तविक स्वरूप है। हमारी भीतरी दशा हमें दिखाती है कि हम अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर से, जिसके स्वरूप में हम रचे गए हैं, कितनी दूर जा चुके हैं; उस परमेश्वर पिता की धार्मिकता के स्तर से कितना गिर चुके हैं। क्योंकि हमारा भीतरी स्वरूप हमारे पापों के कारण बिगड़ा है, इसलिए हमारे पापों का सार्थक एवं स्थाई समाधान ही हमारे भीतरी स्वरूप को वास्तविकता में संवार सकता है, हमारा सच्चा रूपान्तरण कर सकता है। क्योंकि पाप का समाधान मनुष्य के पास है नहीं, इसलिए यह रूपान्तरण कर पाना भी किसी मानवीय क्षमता से कहीं परे है; यह उसी सृष्टिकर्ता परमेश्वर द्वारा संभव है जिसने हमें अपने स्वरूप रचा है।

   यह वास्तविक रूपान्तरण हमें मसीह यीशु में लाए साधारण विश्वास और उससे प्राप्त होने वाली पापों की क्षमा द्वारा मिलता है; क्योंकि प्रभु यीशु हमें बाहर से नहीं वरन अन्दर से संवारता और सुधारता है। प्रभु यीशु मसीह का अनुयायी होना कोई धर्म-परिवर्तन नहीं, मन का परिवर्तन है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखा, "...क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है। और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है" (कुलुस्सियों 3:9-10)।

   नया! एक अद्भुत आशा से भरा यह कैसा ज़बर्दस्त शब्द है। मसीह यीशु हमें अपने अन्दर एक नया मनुष्य बना देता है, हमारा रूपान्तरण कर के हमें एक नया हृदय, एक नया व्यक्तित्व प्रदान करता है; वह भी सेंत-मेंत, किसी धर्म के कार्य या प्रक्रिया या अनुष्ठान के द्वारा नहीं वरन उसके प्रति केवल हमारे व्यक्तिगत एवं सच्चे समर्पण और विश्वास के द्वारा। प्रभु यीशु मसीह द्वारा किया जाने वाला यह रूपान्तरण केवल बाहरी स्वरूप का, अथवा अल्पकालिक नहीं वरन भीतरी, सच्चा, सार्थक एवं चिरस्थाई है। यह रूपान्तरण हमें परमेश्वर के स्वरूप की ओर लौटा लाता है जिसमें हम मूल रूप से रचे गए थे। - बिल क्राउडर


परमेश्वर का आत्मा हम मसीही विश्वासियों के अन्दर 
मसीह का स्वरूप विकसित करता है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:1-11
Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। 
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ। 
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है। 
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे। 
Colossians 3:5 इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्‍कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है। 
Colossians 3:6 इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है। 
Colossians 3:7 और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्‍हीं के अनुसार चलते थे। 
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्‍दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो। 
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है। 
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है। 
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-9
  • लूका 21:1-19


शनिवार, 29 अप्रैल 2017

तत्पर और तैयार


   तकनीकी से हमें बहुत सुविधाएं एवं आशीषें हैं। किसी स्वास्थ्य संबंधित समस्या के बारे में जानकारी चाहिए, तो इंटरनैट पर जाएं, और वहाँ आपको जानकारी प्राप्त करने के अनेकों विकल्प मिल जाएंगे। किसी मित्र से संपर्क करना है, तो उसे टेक्स्ट लिखकर, ईमेल भेजकर, या उसके फेसबुक पृष्ठ पर सन्देश लिखकर आप अपनी बात उस तक तुरंत पहुँचा सकते हैं। परन्तु तकनीकी कभी-कभी कुंठित कर देने वाली भी हो सकती है। कुछ समय पहले मुझे अपने बैंक खाते से संबंधित कुछ जानकारी लेनी थी, जिसे पाने के लिए मुझे अनेकों सुरक्षा-प्रश्नों के उत्तर देने पड़े। क्योंकि उन प्रश्नों में से कुछ के उत्तर मैं सही नहीं दे पाया इसलिए मुझे अपने ही खाते की जानकारी पाने से रोक दिया गया। या फिर किसी ऐसे समय के बारे में विचार कीजिए जब आप अपने सेल-फोन पर कोई महत्वपूर्ण वार्तालाप कर रहे हैं और फोन की बैट्री समाप्त हो जाए; ऐसा होते ही आपकी बातचीत कट जाएगी और जब तक आप फोन को चार्ज होने के लिए लगा नहीं देंगे, बातचीत पुनः आरंभ करने का कोई तरीका सम्भव नहीं है।

   इस सब के कारण मुझे इस सत्य से बहुत आनन्द होता है कि परमेश्वर के साथ संपर्क करने के लिए मुझे किसी तकनीकी यंत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं चाहे जब, किसी भी स्थान या परिस्थिति में परमेश्वर पिता के साथ प्रार्थना द्वारा संपर्क कर सकता हूँ। ना किसी सुरक्षा-प्रश्न का उत्तर देने की आवश्यकता है और ना ही बैट्री को चार्ज रखने का ध्यान रखने की। मुझे वह आश्वासन बहुत प्रीय है जो परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना ने दिया है, "और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है" (1 यूहन्ना 5:14)।

   परमेश्वर पिता अपने बच्चों को सदा उपलब्ध रहता है; वह ना कभी ऊँघता है और न ही कभी सोता है (भजन 121:4)। और हमारे प्रति उसका प्रेम इतना गहरा है कि वह हमारी हर बात सुनने के लिए सदा तत्पर और तैयार रहता है। - जो स्टोवैल


हमारी प्रत्येक आवश्यकता में परमेश्वर सदा उपलब्ध रहता है।

सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा। - भजन 121:4

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 5:5-15
1 John 5:5 संसार पर जय पाने वाला कौन है केवल वह जिस का यह विश्वास है, कि यीशु, परमेश्वर का पुत्र है। 
1 John 5:6 यही है वह, जो पानी और लोहू के द्वारा आया था; अर्थात यीशु मसीह: वह न केवल पानी के द्वारा, वरन पानी और लोहू दोनों के द्वारा आया था। 
1 John 5:7 और जो गवाही देता है, वह आत्मा है; क्योंकि आत्मा सत्य है। 
1 John 5:8 और गवाही देने वाले तीन हैं; आत्मा, और पानी, और लोहू; और तीनों एक ही बात पर सहमत हैं। 
1 John 5:9 जब हम मनुष्यों की गवाही मान लेते हैं, तो परमेश्वर की गवाही तो उस से बढ़कर है; और परमेश्वर की गवाही यह है, कि उसने अपने पुत्र के विषय में गवाही दी है। 
1 John 5:10 जो परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करता है, वह अपने ही में गवाही रखता है; जिसने परमेश्वर को प्रतीति नहीं की, उसने उसे झूठा ठहराया; क्योंकि उसने उस गवाही पर विश्वास नहीं किया, जो परमेश्वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है। 
1 John 5:11 और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है: और यह जीवन उसके पुत्र में है। 
1 John 5:12 जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है।
1 John 5:13 मैं ने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिये लिखा है; कि तुम जानो, कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। 
1 John 5:14 और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है। 
1 John 5:15 और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 6-7
  • लूका 20:27-47


शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

भय


   जब सैलिनियों से भरा पानी का जहाज़ किनारे पहुँचा तो यात्री जितना शीघ्र हो सका जहाज़ से उतरने लगे। उन्होंने पिछले कुछ दिन जहाज़ में एक जीवाणु के संक्रमण के साथ बिताए थे, जिससे सैंकड़ों यात्री बीमार पड़ गए थे। उतरते हुए यात्रियों से उनके अनुभवों के बारे में पूछताछ कर रहे समाचार संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर एक यात्री ने कहा, "मैं शिकायत तो नहीं करना चाहता; क्योंकि हम सभी एक ही नाव पर सवार थे।" यात्री की यह बात सुनकर वह संवाददाता मुस्कुरा उठा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 8 में हम एक अन्य जल यात्रा के बारे में पढ़ते हैं (पद 23-27)। प्रभु यीशु एक नाव में चढ़े और चेले भी उनके पीछे उसी नाव में चढ़ गए। वे झील के पार जा रहे थे कि एक बड़े तूफान ने उन्हें घेर लिया, नाव बुरी तरह से डगमगाने लगी और चेलों को भय लगने लगा कि नाव अब डूब ही जाएगी। उन्होंने घबरा कर प्रभु यीशु को उठाया, यह समझकर कि वह उनपर मंडरा रहे खतरे से अनभिज्ञ है।

   प्रभु यीशु उन चेलों के साथ उसी नाव में तो था परन्तु चेलों के समान वह तूफान से भयभीत नहीं था। सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता होने के नाते उसे इन बातों का कोई भय नहीं था; "...तब उसने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया" (मत्ती 8:26)।

   परन्तु हम प्रभु यीशु के समान सामर्थी नहीं हैं, इसीलिए परिस्थितियों द्वारा हम भयभीत हो जाते हैं। जब हमारे जीवन परिस्थितियों के तूफानों में घिरने लगें तो हमें क्या करना चाहिए? वे तूफान चाहे जल्दी से निकल जाएं या फिर लंबे समय तक बने रहें, हम एक बात को लेकर आश्वस्त रह सकते हैं, हमारा उध्दारकर्ता प्रभु यीशु सदा हमारे साथ बना रहता है; हम उसके साथ एक ही नाव में सवार हैं जिसकी बात हर तूफान और परिस्थिति मानती है। इसलिए जिसका उसे भय नहीं है, उसे लेकर हमें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। - सिंडी हैस कैस्पर


एक मसीही विश्वासी के जितना निकट प्रभु परमेश्वर रहता है, 
उतना निकट कोई तूफान कभी नहीं आ सकता है।

और उन्होंने निकलकर हर जगह प्रचार किया, और प्रभु उन के साथ काम करता रहा, और उन चिन्‍हों के द्वारा जो साथ साथ होते थे वचन को, दृढ़ करता रहा। आमीन। - मरकुस 16:20

बाइबल पाठ: मत्ती 8:23-27
Matthew 8:23 जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए। 
Matthew 8:24 और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
Matthew 8:25 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं। 
Matthew 8:26 उसने उन से कहा; हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो? तब उसने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया। 
Matthew 8:27 और लोग अचम्भा कर के कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 3-5
  • लूका 20:1-26


गुरुवार, 27 अप्रैल 2017

पालनहार


   मेरे मित्र ग्रीष्म ऋतु के लिए सब्ज़ियाँ उगाने की योजनाएं बना रहे हैं, उन्हें लागू कर रहे हैं। कुछ ने शीघ्र आरंभ के लिए घरों के अन्दर ही बीज बो कर पौध उगाना आरंभ कर दिया है, जहाँ बीजों के अंकुरित होने के लिए वे सबसे उपयुक्त वातावरण को बना तथा नियंत्रित कर सकते हैं। जब शरद ऋतु के पाले द्वारा अंकुरों को हानि का खतरा टल जाएगा तब वे उन पौधों को बाहर ज़मीन में बनी क्यारियों में लगा देंगे। एक बार पौधे उगने लगें, फिर उनकी देखभाल करने, समय से उन्हें पर्याप्त रीति से सींचने, खाद डालने, जंगली पौधों को निकालने, कीट तथा जानवरों से उनका बचाव करने, आदि का समय आरंभ हो जाता है। भोजन वस्तु को उगाना बड़ी मेहनत का कार्य है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि मूसा के द्वारा परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को इस बात का स्मरण दिलाया। जब वे इस्त्राएली मिस्त्र में दासत्व में थे तो उन्हें अपने हाथों से फसल की सींचाई करनी पड़ती थी (व्यवस्थाविवरण 11:10)। परन्तु परमेश्वर जिस स्थान पर बसाने के लिए उन्हें लेकर जा रहा था, वहाँ के लिए उसने उनसे वायदा किया था कि उनके इस परिश्रम को हलका करेगा, उन्हें समयानुसार वर्षा देगा: "मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा" (व्यवस्थाविवरण 11:14)। परमेश्वर ने ऐसा करने के लिए केवल एक ही शर्त रखी थी, "और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो" (व्यवस्थाविवरण 11:13)। प्रभु परमेश्वर अपने लोगों को एक ऐसे स्थान पर ले जा रहा था जहाँ उनकी आज्ञाकारिता और परमेश्वर की आशीष मिलकर अन्य लोगों के लिए जीवन का प्रकाश बन जाएंगे।

   आज भी परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों के द्वारा यही प्रयोजन रखता है; वह चाहता है कि उसके प्रति हमारा प्रेम, उसके वचन के प्रति हमारी आज्ञाकारिता के द्वारा प्रगट हो, जिससे उसकी आशीषों से परिपूर्ण होकर हमारे जीवन औरों को परमेश्वर की ओर आकर्षित करने वाली ज्योति बन जाएं। वह चाहता है कि संसार हमारे जीवनों से देखे कि वो हमारा सृष्टिकर्ता ही नहीं वरन पालनहार भी है, और हम सब के लिए अनन्त आनन्द के जीवन की ज्योति तथा मार्ग भी। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर से प्रेम करने से जीवन सरल नहीं हो जाता; 
परन्तु उसकी सामर्थ्य से सहज अवश्य हो जाता है।

यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। - यूहन्ना 14:23

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 11:8-15
Deuteronomy 11:8 इस कारण जितनी आज्ञाएं मैं आज तुम्हें सुनाता हूं उन सभों को माना करना, इसलिये कि तुम सामर्थी हो कर उस देश में जिसके अधिकारी होने के लिये तुम पार जा रहे हो प्रवेश कर के उसके अधिकारी हो जाओ, 
Deuteronomy 11:9 और उस देश में बहुत दिन रहने पाओ, जिसे तुम्हें और तुम्हारे वंश को देने की शपथ यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं। 
Deuteronomy 11:10 देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहां से निकलकर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पांव की नलियां बनाकर सींचते थे; 
Deuteronomy 11:11 परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है; 
Deuteronomy 11:12 वह ऐसा देश है जिसकी तेरे परमेश्वर यहोवा को सुधि रहती है; और वर्ष के आदि से ले कर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है।
Deuteronomy 11:13 और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो, 
Deuteronomy 11:14 तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा। 
Deuteronomy 11:15 और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा।

एक साल में बाइबल:

  • 1 राजा 1-2
  • लूका 19:28-48


बुधवार, 26 अप्रैल 2017

पुस्तक


   सारे संसार भर में लाखों लोगों ने "Gone With the Wind" फिल्म को देखा है। इस फिल्म का पहला प्रदर्शन अमेरिका में 15 दिसंबर 1939 को हुआ था। इस फिल्म ने 10 एकैडमी पुरुस्कार जीते थे, और यह अब तक की हॉलीवुड की आर्थिक रीति से सबसे सफल फिल्मों में से एक है। यह फिल्म 1936 में प्रकाशित मारग्रेट मिचल के इसी नाम उपन्यास पर बनी है; इस उपन्यास की, उसके प्रकाशन के छः माह में ही 10लाख प्रतियाँ बिक गई थीं, उसे लेखन के लिए पुलिट्ज़र पुरुस्कार भी मिला और इस उपन्यास का 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। एक महान फिल्म अकसर एक महान और समय के प्रभाव से रहित कहानी पर ही बन सकती है।

   मसीही विश्वास का आधार भी एक सत्य, अटल और शाश्वत पुस्तक है - परमेश्वर का वचन बाइबल, जो 66 भिन्न पुस्तकों, पत्रियों, ऐतिहासिक वर्णनों, कविताओं, भविष्यवाणियों और शिक्षा के सदवचनों का संकलन है। इस संकलन की प्रथम पुस्तक, उत्पत्ति से लेकर उसकी अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य तक, बाइबल में परमेश्वर ने अपनी सृष्टि तथा अपने लोगों के लिए अपनी योजना को प्रगट किया है। इस पुस्तक में भजन संहिता का एक भजन - भजन 119, परमेश्वर के वचन की हमारे जीवनों में सामर्थ्य तथा अवश्यकता का वर्णन है। इस भजन में भजनकार परमेश्वर के वचन से मिलने वाले अनेकों लाभों को लिखता है, जैसे कि, यह वचन हमारे पथ के लिए उजियाला है (पद 105), हमारी आत्मा को तरोताज़ा करता है (पद 107), हमारे कदमों की रक्षा करता है (पद 110)। परमेश्वर की प्रेरर्णा से लिखे गए इस पवित्रशास्त्र से हम बुध्दि, मार्गदर्शन, जीवन और आनन्द पाते हैं (पद 111)।

   हमारा तथा सारे जगत का उध्दारकर्ता प्रभु यीशु हमारा आहवान करता है कि हम अपने जीवन उसके वचन पर बनाएं, और उसे जानने के आनन्द को उन लोगों के साथ बाँटें जो परमेश्वर के साथ सच्चे आनन्द का जीवन बिताने की खोज में हैं। बाइबल अनुपम तथा अद्भुत पुस्तक है, उसका नायक तथा विषय-वस्तु, प्रभु यीशु मसीह, अनुपम तथा अद्भुत उध्दारकर्ता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


परमेश्वर के शाश्वत सत्य वचन बाइबल पर आज भी भरोसा किया जा सकता है।

इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया। - मत्ती 7:24-27

बाइबल पाठ: भजन 119:105-112
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा। 
Psalms 119:107 मैं अत्यन्त दु:ख में पड़ा हूं; हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे जिला। 
Psalms 119:108 हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जान कर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा। 
Psalms 119:109 मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तौभी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया। 
Psalms 119:110 दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका। 
Psalms 119:111 मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं। 
Psalms 119:112 मैं ने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27


मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

सेवा


   अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने पर जॉन एफ़. केनेडी ने राष्ट्र को किए अपने प्रथम संबोधन में अमेरिका के नागरिकों के सामने एक चुनौती रखी, "यह मत पूछिए कि आपका राष्ट्र आपके लिए क्या कर सकता है; वरन यह पूछिए कि आप अपने राष्ट्र के लिए क्या कर सकते हैं?" यह नागरिकों के लिए पुनःसमर्पण का उनका आहवान था कि वे दूसरों की सेवा के लिए अपने जीवनों को समर्पित करें। उनके शब्दों ने विशेषकर उन लोगों के पुत्र और पुत्रियों को प्रेरित किया जिन्होंने युध्द में अपने देश की सेवा की थी।

   उनका तात्पर्य स्पष्ट था: जो आपके माता-पिता ने कमाया-बनाया है, बहुधा अपने जीवन की आहुति के द्वारा, उसे अब शांतिप्रीय साधनों द्वारा सुरक्षित रखो। उनके इस आहवान के प्रत्युत्तर में अनेकों स्व्यंसेवकों की सेना उठ खड़ी हुई जिसने दशकों से सारे संसार भर में मानवता की सेवा के लिए कार्य किया है।

   इससे भी कई शताबदी पहले, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्ज है, प्रेरित पौलुस ने भी मसीही विश्वासियों को एक चुनौति दी, आहवान किया, जो रोमियों 12 में हमें मिलता है। यहाँ पौलुस हमें अपने शरीरों को, उसकी सेवा के लिए जिसने अपने प्राण हमारे लिए बलिदान कर दिए, अर्थात प्रभु यीशु मसीह के लिए जीवते बलिदान कर के अर्पित करने को कहता है। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह आत्मिक बलिदान मात्र शब्दों में नहीं होना चाहिए, वरन हमें अपने जीवनों को दूसरों की शारीरिक, भावनात्मक तथा आत्मिक भलाई के लिए निवेश करना है।

   सबसे उत्तम बात यह है कि यह बलिदान जहाँ हम अभी हैं, वहीं किया जा सकता है; जिनके बीच हम अभी हैं, उनके मध्य ही यह सेवा की जा सकती है। - रैंडी किलगोर


यीशु से यही नहीं कहें कि वह आपके लिए कुछ करे; 
उससे यह पूछें कि आप उसके लिए क्या कर सकते हैं?

मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास कर के सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास कर के सौंप दो। - रोमियों 6:19

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुध्दि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 21-22
  • लूका 18:24-43


सोमवार, 24 अप्रैल 2017

परीक्षाएं


   जब बयान से बाहर त्रासदी लोगों के जीवनों को ध्वस्त करती है, तो वे उस परिस्थिति की दुविधा से संबंधित प्रश्न पूछते हैं। हाल ही में एक माँ ने, जिसके बेटे की किशोरावस्था में ही मृत्यु हो गई थी, मुझसे प्रश्न किया, "यह मेरी समझ के बाहर है। मैं नहीं जानती कि अब मैं और आगे विश्वास रखने पाऊँगी कि नहीं। मैं प्रयास तो करती हूँ, परन्तु अब परमेश्वर मुझे युक्तिसंगत प्रतीत नहीं होता है। इस सब का अर्थ क्या है?" ऐसे बड़ी चिन्ताओं के लिए कोई सरल उत्तर नहीं हैं। परन्तु हम, जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया है, हमारे लिए आशा है - चाहे हम आशीषों में आनन्दित हों अथवा दुःख में पिस रहे हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस ने अपनी प्रथम पत्री में इसे समझाया है। पतरस ने बड़े उत्साही शब्दों में पहले तो नए जन्म द्वारा जीवित आशा के विषय में लिखा (1 पतरस 1:3), जिस से त्रासदी में भी सांत्वना और आनन्द प्राप्त होता है। वह इस आशा के स्थाई होने के बारे में भी लिखता है (पद 4)। फिर वह हमें एक हृदय विदारक सत्य के सामने लाकर खड़ा करता है, कि हमें अनेकों प्रकार की परीक्षाओं के कारण दुःख उठाने पडेंगे। परन्तु पतरस द्वारा इससे आगे कहे गए शब्दों से उन्हें सांत्वना मिलेगी जिन्हें कोई हानि उठानी पड़ी है, क्योंकि पतरस आगे समझाता है कि यह सब इसलिए है ताकि प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने पर हम मसीही विश्वासियों का विश्वास प्रशंसा, महिमा और आदर का कारण ठहरे (पद 7)।

   जब दिखने में असंगत, निरुद्देश्य तथा समझ से बाहर परीक्षाओं को पतरस के इन वचनों के प्रकाश में देखा जाता है, तो उनका तात्पर्य भिन्न हो जाता है। परीक्षाओं और परेशानियों में भी हमारे मसीही विश्वास से मिले उध्दार की सामर्थ्य और मनोहरता, हमारे तथा सारे संसार के महान उध्दारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के कारण चमकती है। और उसकी इस चमक का प्रकाश किसी परेशान व्यक्ति के लिए उस दिन को बिताने के लिए पर्याप्त ज्योति हो सकता है।

   परीक्षाएं हमें तोड़ने के लिए नहीं, हमें निखारने और चमकाने के लिए आती हैं। - डेव ब्रैनन


गहरे अन्धकार में भी उध्दार की ज्योति स्पष्ट चमकती है।

केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। - रोमियों 5:3-5

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:3-9
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ्य से, विश्वास के द्वारा उस उध्दार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उध्दार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23


रविवार, 23 अप्रैल 2017

सदा साथ


   1986 में एम्सटरडैम के एक बहुत विशाल सभाघर में सारे संसार से आए 10,000 से अधिक सुसमाचार प्रचारक और मसीही अगुवे एकत्रित थे, और सारे विश्व में सुप्रसिध्द मसीही प्रचारक बिली ग्राहम के प्रवचन को सुन रहे थे। मैं भी उनमें बैठा था, और उनके अनुभवों को सुन रहा था। फिर, चकित होकर मैंने उन्हें कहते सुना, "मैं आप से कहना चाहता हूँ: जब भी मैं परमेश्वर के सेवकों की सभा के सामने प्रचार करने के लिए खड़ा होता हूँ, मुझें कंपकंपी होती है, मेरे घुटने थरथराने लगते हैं!"

   मैंने विचार किया, "क्या? इतना महान प्रचारक जिसने लाखों को अपने सामर्थी प्रचार से स्तब्ध किया है, वह कैसे कंपकंपा और थर्रा सकता है?" फिर बिली ग्राहम ने इस बात को समझाते हुए आगे कहा, ऐसा मंच पर खड़े होने के या अन्य किसी भय के कारण नहीं है, वरन उस अत्यन्त दीनता और नम्रता के कारण है जिसके अन्तर्गत वह अपने आप को उस चुनौतिपूर्ण कार्य के लिए अयोग्य अनुभव करते हैं जो परमेश्वर ने उन्हें सौंपा है। उन्हें अपनी वाकपटुता पर नहीं परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य पर निर्भर होना पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा से जब परमेश्वर ने कहा कि वह जाकर इस्त्राएलियों को मिस्त्र के 400 वर्ष के दासत्व से छुड़ाए, तो मूसा ने बहुत आनाकनी की क्योंकि वह अपने आप को इस कार्य के लिए अनुप्युक्त समझता था। मूसा ने परमेश्वर से निवेदन किया कि यह कार्य करने के लिए वह किसी और को भेज दे, और एक बहाना यह दिया कि वह कभी भी अच्छा वक्ता नहीं रहा है (निर्गमन 4:10, 13)।

   जब परमेश्वर हमें कोई कार्य करने के लिए बुलाता है तो हमें भी ऐसे ही भय का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन परमेश्वर ने जैसे मूसा को तैयार और आश्वस्त करके भेजा, "अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा" (पद 12), वैसे ही वह हमारे लिए भी परिस्थितियों को और हमें तैयार करके भेजता है।

   उस दिन जैसे बिली ग्राहम ने उपस्थित श्रोताओं से कहा, "जब परमेश्वर बुलाता है और अपने कार्य को करने के लिए भेजता है, तो अपने कंपकंपाने और थर्राने से मत घबराएं, क्योंकि ऐसे में वह सदा साथ बना रहेगा।" - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर हमें कहीं भी भेजे, वह स्वयं सदा हमारे साथ बना रहेगा।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: निर्गमन 4:10-17
Exodus 4:10 मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं। 
Exodus 4:11 यहोवा ने उस से कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? 
Exodus 4:12 अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा। 
Exodus 4:13 उसने कहा, हे मेरे प्रभु, जिस को तू चाहे उसी के हाथ से भेज। 
Exodus 4:14 तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, क्या तेरा भाई लेवीय हारून नहीं है? मुझे तो निश्चय है कि वह बोलने में निपुण है, और वह तेरी भेंट के लिये निकला भी आता है, और तुझे देखकर मन में आनन्दित होगा। 
Exodus 4:15 इसलिये तू उसे ये बातें सिखाना; और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग हो कर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखलाता जाऊंगा। 
Exodus 4:16 और वह तेरी ओर से लोगों से बातें किया करेगा; वह तेरे लिये मुंह और तू उसके लिये परमेश्वर ठहरेगा। 
Exodus 4:17 और तू इस लाठी को हाथ में लिये जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37


शनिवार, 22 अप्रैल 2017

सुखद अन्त


   मेरे एक मित्र ने बहुत वर्ष पहले उसके साथ घटी एक घटना के बारे में बताया; वह टी.वी. पर फुटबॉल का खेल देख रहा था, और उसकी छोटी बेटी पास ही में खेल रही थी। अपनी पसन्दीदा टीम के खराब खेल से क्रोधित होकर मेरे मित्र ने आवेश में आकर जो पहली चीज़ उसके हाथ में आई, उसे ज़ोर से पटक दिया। परिणामस्वरूप, उसकी बेटी का पसन्दीदा खिलौना और दिल, दोनों ही टूट गए। मेरे मित्र ने तुरंत ही अपनी बेटी को गले लगा लिया और उससे क्षमा माँगी। उसने वैसा ही एक और खिलौना भी लाकर अपनी बेटी को दे दिया, और उसे लगा कि अब बात ठीक हो गई है। परन्तु उसे आभास नहीं था कि उसके आवेशपूर्ण कार्य ने उसकी चार वर्षीय पुत्री को कितना भयभीत कर दिया था, और उस बेटी को आभास नहीं था कि इससे उसे कितनी गहरी चोट पहुँची थी। परन्तु समय के साथ, क्षमा भी आ गई।

   कई वर्ष के बाद, अब जब उसकी बेटी बड़ी हो गई थी, विवाहित थी, और अपने पहले बच्चे को जन्म देने की तैयारी में थी, तो मेरे मित्र ने वैसा ही एक खिलौना अपनी बेटी को फिर से भेजा। बेटी ने उस खिलौने की तसवीर फेसबुक पर पोस्ट की और साथ ही लिखा, "इस उपहार की, मेरे बचपन तक जाने वाली एक लंबी और पुरानी कहानी है। उस समय यह कहानी सुखद नहीं थी, परन्तु अब इस कहानी का अन्त सुखद है। छुटकारा पाना बहुत मनोरम होता है। धन्यवाद नाना जी!"

   परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वासियों से आग्रह करती है कि, "नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है" (इफिसियों 4:24)। प्रभु यीशु में लाए विश्वास से हमें मिले नए मनुष्यत्व को पहने रखें और क्रोध करना छोड़ दें। यदि हम किसी अन्य व्यक्ति के क्रोध का शिकार होते हैं, तो भी परमेश्वर चाहता है कि हम, "एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो" (पद 32)।

   संबंधों को पुनःस्थापित करना सरल नहीं होता, परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से ऐसा होना संभव होता है, और तब उस कहानी का सुखद अन्त भी होता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


पश्चाताप और क्षमा वो गोंद हैं जो टूटे संबंधों को जोड़ देते हैं।

इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। - कुलुस्सियों 3:12-13

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:20-32
Ephesians 4:20 पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई। 
Ephesians 4:21 वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए। 
Ephesians 4:22 कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो। 
Ephesians 4:23 और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ। 
Ephesians 4:24 और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।
Ephesians 4:25 इस कारण झूठ बोलना छोड़कर हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले, क्योंकि हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Ephesians 4:26 क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। 
Ephesians 4:27 और न शैतान को अवसर दो। 
Ephesians 4:28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो। 
Ephesians 4:29 कोई गन्‍दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो। 
Ephesians 4:30 और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। 
Ephesians 4:31 सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्‍दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। 
Ephesians 4:32 और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19


शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

संभव


   सन 2008 में, इंगलैण्ड में घरों की कीमतें गिर रही थीं। लेकिन 40 वर्ष के हमारे घर को बेचने की इच्छा को प्रकट करने के दो सप्ताह बाद ही हमें उसे अच्छी कीमत पर खरीदने वाला एक खरीददार मिला और सौदा पक्का हो गया। ऐसा होते ही हमने मुझे विरासत में मिले पुराने घर को गिरा कर उसके स्थान पर नया घर खड़ा करने का काम आरंभ करवा दिया, क्योंकि अब हमें वहीं जाकर उस घर में रहना था। लेकिन घर के बेचने की प्रक्रिया के पूरा होने के कुछ ही दिन पूर्व, उस खरीददार ने हाथ पीछे खींच लिए और सौदे से इन्कार कर दिया। अब हम बड़ी कठिन परिस्थिति में थे - हमारे पास अब दो घर थे, एक की कीमत तेज़ी से गिरती जा रही थी; और दूसरा जीर्ण और रहने के अयोग्य था, हम ना तो उसमें रह सकते थे और ना ही उसे बेच सकते थे। हमारे लिए एक असंभव स्थिति बन गई थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, मूसा के बाद इस्त्राएलियों का नेतृत्व करने का दायित्व प्राप्त करने वाले यहोशू के सामने भी एक असंभव स्थिति थी - कनान में प्रवेश करते ही उनके सामने दृढ़ गढ़ वाला नगर यरीहो था। यहोशु को भी प्रतीत हुआ होगा कि वह असंभव स्थिति का सामना कर रहा है, क्योंकि आगे बढ़ने के लिए उसे यरीहो पर जय पानी थी (यहोशु 5:13-6:27)। ऐसे में उसे तलवार हाथ में लिए एक दिव्य पुरुष ने दर्शन दिया; कुछ धर्मज्ञानियों का मानना है कि वह व्यक्ति स्वयं प्रभु यीशु ही था। यहोशू ने उत्सुकत्ता से उस से पूछा कि आते युध्द में वह इसत्राएलियों की ओर से लड़ेगा या उनके शत्रुओं की ओर से? उसने कहा, "...नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं..." (यहोशू 5:14); और यहोशू ने झुक कर उसे दण्डवत की और परमेश्वर की आज्ञा पूछी।

   यहोशु अभी भी नहीं जानता था कि कैसे वह यरीहो पर जय पाएगा, परन्तु उसने विश्वास के साथ परमेश्वर की बात को सुना और स्वीकार किया, तथा परमेश्वर की आराधना की। इसके बाद यहोशु ने परमेश्वर के निर्देषों के अनुसार कार्य किया, और परमेश्वर की सामर्थ्य से असंभव प्रतीत होने वाला विकट कार्य सरल और संभव हो गया; वे अद्भुत रीति से यरीहो पर जयवंत हो गए। मेरियन स्ट्राउड


परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है। - मरकुस 10:27

बाइबल पाठ: यहोशू 5:13-6:5
Joshua 5:13 जब यहोशू यरीहो के पास था तब उसने अपनी आंखें उठाई, और क्या देखा, कि हाथ में नंगी तलवार लिये हुए एक पुरूष साम्हने खड़ा है; और यहोशू ने उसके पास जा कर पूछा, क्या तू हमारी ओर का है, वा हमारे बैरियों की ओर का? 
Joshua 5:14 उसने उत्तर दिया, कि नहीं; मैं यहोवा की सेना का प्रधान हो कर अभी आया हूं। तब यहोशू ने पृथ्वी पर मुंह के बल गिरकर दण्डवत किया, और उस से कहा, अपने दास के लिये मेरे प्रभु की क्या आज्ञा है? 
Joshua 5:15 यहोवा की सेना के प्रधान ने यहोशू से कहा, अपनी जूती पांव से उतार डाल, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र है। तब यहोशू ने वैसा ही किया।
Joshua 6:1 और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे, और कोई बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था। 
Joshua 6:2 फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूं। 
Joshua 6:3 सो तुम में जितने योद्धा हैं नगर को घेर लें, और उस नगर के चारों ओर एक बार घूम आएं। और छ: दिन तक ऐसा ही किया करना। 
Joshua 6:4 और सात याजक सन्दूक के आगे आगे जुबली के सात नरसिंगे लिये हुए चलें; फिर सातवें दिन तुम नगर के चारों ओर सात बार घूमना, और याजक भी नरसिंगे फूंकते चलें। 
Joshua 6:5 और जब वे जुबली के नरसिंगे देर तक फूंकते रहें, तब सब लोग नरसिंगे का शब्द सुनते ही बड़ी ध्वनि से जयजयकार करें; तब नगर की शहरपनाह नेव से गिर जाएगी, और सब लोग अपने अपने साम्हने चढ़ जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16


गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

खुली बाहें


   प्रतिदिन एक पिता मार्ग पर नज़रें गड़ाए बड़ी लालसा से देखता रहता था, उसे अपने पुत्र के आने की प्रतीक्षा थी; और प्रति संध्या वह निराश अपने बिस्तर पर सोने के लिए जाता था क्योंकि वह पुत्र नहीं आया था। परन्तु एक दिन मार्ग पर दूर कोई आता हुआ दिखाई दिया, कुछ देर में एक मानव आकृति निकट आती हुई दिखाई दी। पिता के मन में आशा बंधी; उसने अपने आप से पूछा, ’क्या ये मेरा पुत्र होगा?’ फिर जब वह व्यक्ति और निकट आया तो पिता को उसकी चाल परिचित लगी, और मन में विश्वास जाग उठा, ’यह मेरा पुत्र ही है!’

   ऐसा होते ही, "...वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा" (लूका 15:20)। जो पिता ने किया वह उस समय के व्यवहार और संस्कारों के विरुध्द था, कि कोई संभ्रांत व्यक्ति ऐसे दौड़ता हुआ मार्ग पर निकल जाए। परन्तु पिता को इसकी कोई परवाह नहीं थी, वह तो अपने पुत्र से मिलने जा रहा था, उसके आनन्द की कोई सीमा नहीं थी, उसे अपने पुत्र को गले लगाने से रोकने वाली कोई बात हो नहीं सकती थी।

   वह पुत्र अपने पिता से मिले इस स्वागत के योग्य नहीं था क्योंकि वह स्वयं ही पिता से संपत्ति का अपना भाग लेकर पिता का घर छोड़ कर चला गया था, और दुराचार तथा बुरी संगति में सारी दौलत उड़ा दी थी। पिता से संपत्ति का अपना भाग माँगने का दावा करना और संपति ले लेना एक प्रकार से यह दर्शाना था कि उस पुत्र के लिए पिता अब दिवंगत है, और पिता के मरणोप्रांत वह विरासत के अपना अधिकार पर दावा कर रहा है। परन्तु पुत्र ने पिता के साथ जो भी किया था, उसके बावजूद, अपने पिता की दृष्टि में वह अभी भी उसका पुत्र था (पद 24)। पिता ने लौट कर आए हुए उस पश्चातापी पुत्र को क्षमा कर दिया, घर में उसका स्थान उसे बहाल कर दिया, उसके लौटने का बड़ा आनन्द मनाया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा दिया गया यह दृष्टांत मुझे स्मरण दिलाता है कि मेरा परमेश्वर पिता भी मुझे मेरे किसी कार्य या भलाई या धार्मिकता के कारण नहीं वरन संपूर्णतः अपने प्रेम और अनुग्रह के कारण स्वीकार करता है, मेरे पापों को क्षमा करता है, और मुझे अपने परिवार का सदस्य बना लेता है। यह दृष्टांत मुझे यह भी एहसास करवाता है कि मैं चाहे जितना भी नीचे गिर जाऊँ, परन्तु फिर भी अपने पापों के लिए मेरे पश्चातापी होते ही मेरे परमेश्वर पिता का अनुग्रह मुझे उठा कर बहाल कर सकता है। मैं इस बात से सदा आश्वस्त रह सकता हूँ कि मेरा परमेश्वर पिता सदा मेरी प्रतीक्षा में रहता है और जैसे ही मैं उसकी ओर अपने कदम बढ़ाता हूँ, वह खुली बाहों से मेरा स्वागत करता है, मेरे लौट आने का आनन्द मनाता है। - पो फैंग चिया


हम दण्ड पाने के योग्य हैं, 
परन्तु प्रभु यीशु में हमें क्षमा मिलती है; 
हमें परमेश्वर का क्रोध मिलना चाहिए, 
परन्तु प्रभु यीशु में हमें परमेश्वर से प्रेम मिलता है। - फिलिप यैन्सी

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24
Luke 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। 
Luke 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी। 
Luke 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। 
Luke 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया। 
Luke 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा। 
Luke 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था। 
Luke 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं। 
Luke 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है। 
Luke 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले। 
Luke 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा। 
Luke 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं। 
Luke 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्‍छे से अच्छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ। 
Luke 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनावें। 
Luke 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 9-11
  • लूका 15:11-32


बुधवार, 19 अप्रैल 2017

परमेश्वर का संसार


   मैं जानती थी कि अपने जन्मदिवस के उपहार में संसार का नक्शा पाना मेरे बेटे को अच्छा लगेगा। कुछ प्रयास के पश्चात मैंने महाद्वीपों का एक रंगबिरंगा नक्शा खोज लिया, जिसमें प्रत्येक भू-भाग पर उस भाग से संबंधित कुछ चित्र बने हुए थे। पापुआ न्यू गिनि पर वहाँ की एक विशेष तितली बनी हुई थी, चिली पर पर्वत श्रंखला दिखाई दे रही थी, दक्षिण अफ्रीका पर एक हीरा बना हुआ था। उसे देख कर मैं बहुत प्रसन्न हुई, परन्तु नक्शे के नीचे लगे लेबल "हमारा संसार" को पढ़कर मैं कुछ सोच में पड़ गई।

   एक अर्थ में पृथ्वी हमारा संसार है क्योंकि हम इसमें रहते हैं। हमें इसका पानी पीने, इसके अन्दर से खनीज़ और रत्न खोद कर निकालने, इसके जल से मछली पकड़ने आदि के अधिकार केवल इसलिए हैं क्योंकि परमेश्वर ने हमें ऐसा करने की अनुमति दे रखी है (उत्पत्ति 1:28-30)। वास्तव में यह हमारा नहीं, वरन परमेश्वर का संसार है, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, "पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी" (भजन 24:1)। मुझे आश्चर्य होता है कि परमेश्वर ने अपनी यह विलक्षण रचना हम निरे मनुष्यों को सौंपी है। वह जानता था कि हम में से कुछ इसका दुरुपयोग करेंगे, इस बात का भी इन्कार करेंगे कि इसे परमेश्वर ने रचा है, और इसके स्वामी होने का दावा करेंगे। परन्तु फिर भी वह हमें इसे अपना घर कहने देता है, और अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु के द्वारा इसे संभाले रहता है (कुलुस्सियों 1:16)।

   आज परमेश्वर के संसार में जीवन का आनन्द लेने के लिए कुछ समय बिताएं; उसके बनाए किसी फल का स्वाद लें; उसके रचे किसी पक्षी के गीत की धुन सुनें; सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य से पुलकित हों। प्रयास करें कि जिस संसार में आप रहते हैं, उससे प्रेरित होकर उसके रचियता, सृष्टिकर्ता परमेश्वर की स्तुति और आराधना करें, उसका धन्यवाद करें, उसके कृतज्ञ हों। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


सृष्टि की सुन्दरता हमें परमेश्वर का स्तुतिगान करने की प्रेरणा देती है।

जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है। क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। - कुलुस्सियों 1:14-16 

बाइबल पाठ: भजन 24
Psalms 24:1 पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी। 
Psalms 24:2 क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ कर के रखी, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
Psalms 24:3 यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्र स्थान में कौन खड़ा हो सकता है? 
Psalms 24:4 जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है। 
Psalms 24:5 वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उद्धार करने वाले परमेश्वर की ओर से धर्मी ठहरेगा। 
Psalms 24:6 ऐसे ही लोग उसके खोजी हैं, वे तेरे दर्शन के खोजी याकूब वंशी हैं।
Psalms 24:7 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो। हे सनातन के द्वारों, ऊंचे हो जाओ। क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा। 
Psalms 24:8 वह प्रतापी राजा कौन है? परमेश्वर जो सामर्थी और पराक्रमी है, परमेश्वर जो युद्ध में पराक्रमी है! 
Psalms 24:9 हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो हे सनातन के द्वारों तुम भी खुल जाओ! क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा! 
Psalms 24:10 वह प्रतापी राजा कौन है? सेनाओं का यहोवा, वही प्रतापी राजा है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 6-8
  • लूका 15:1-10


मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

सामर्थ्य


   अफ्रीका का चीता थोड़े से समय के लिए 112 किलोमीटर (70 मील) प्रति घंटा की गति से दौड़ सकता है, परन्तु लंबी दूरी की दौड़ में वह उतना अच्छा नहीं है। बी.बी.सी. में प्रासारित एक समाचार के अनुसार केनिया के एक गाँव के चार लोगों ने 4 मील की दौड़ में दो चीतों को पराजित कर दिया। बात यह थी कि दो चीते गाँव की बकरियों को शिकार बना रहे थे। इसलिए उन चार लोगों ने मिलकर उन चीतों को रोकने की योजना बनाई। उन्होंने दिन के सबसे गर्म समय की प्रतीक्षा की, और फिर उन चीतों के पीछे भागे, और उन्हें इतना दौड़ाया कि वे थक कर निढाल हो गए। फिर वे दोनों थके हुए चीते सरलता से पकड़े जा सके, और उन्हें केनिया वन्यजीव अधिकारियों को उनके पुनःस्थापन के लिए सौंप दिया गया।

   क्या उन चीतों में हम अपने आप को देखने पाते हैं? हमारी अपनी शारीरिक सामर्थ्य प्रभावशाली प्रतीत हो सकती है, परन्तु वह कुछ समय के लिए ही होती है। जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता हमें चिताता है, हम उन जंगली फूलों के समान हैं जो सूर्य की गर्मी में शीघ्र ही मुर्झा जाते हैं (यशायाह 40:6-8)।

   परन्तु जहाँ हमारी अपनी सामर्थ्य समाप्त होती है, वहाँ हमारे लिए परमेश्वर का कार्य आरंभ होता है। बाइबल हमें बताती है कि जो परमेश्वर की बाट जोहते हैं, उनके लिए परमेश्वर की ओर से एक अप्रत्याशित आशीष प्रतीक्षा कर रही होती है। परमेश्वर अपने समय और विधि अनुसार हमारी सामर्थ्य को नया कर सकता है। वह अपनी आत्मा के द्वारा अपने ऊपर विश्वास करने वालों को वह सामर्थ्य दे सकता है जिसके द्वारा "वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे" (पद 31)। - मार्ट डीहॉन


जब हम परमेश्वर के निकट आते हैं तो 
हमारे मन तरोताज़ा और हमारी सामर्थ्य नई हो जाती है।

यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा। - भजन 37:34

बाइबल पाठ: यशायाह 40:6-11, 28-31
Isaiah 40:6 बोलने वाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है। 
Isaiah 40:7 जब यहोवा की सांस उस पर चलती है, तब घास सूख जाती है, और फूल मुर्झा जाता है; नि:सन्देह प्रजा घास है। 
Isaiah 40:8 घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा।
Isaiah 40:9 हे सिय्योन को शुभ समचार सुनाने वाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे यरूशलेम को शुभ समाचार सुनाने वाली, बहुत ऊंचे शब्द से सुना, ऊंचे शब्द से सुना, मत डर; यहूदा के नगरों से कह, अपने परमेश्वर को देखो! 
Isaiah 40:10 देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है। 
Isaiah 40:11 वह चरवाहे की नाईं अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिये रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है। 
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ्य देता है। 
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; 
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 3-5
  • लूका 14:25-35


सोमवार, 17 अप्रैल 2017

परिवार


   एक पास्टर की पत्नि को पार्किन्सन रोग से, जिस के कारण हाथ-पैरों के कार्य करने में बाधा आती है, पीड़ित पाया गया। पास्टर को चिंता हुई कि कैसे वह अपने परिवार और पत्नि की देखभाल करेगा, जबकि उसे अपने चर्च परिवार की भी भलि-भांति देखभाल करनी थी। परन्तु उसकी चिन्ता व्यर्थ थी क्योंकि उसके चर्च परिवार के सदस्यों ने स्वतः ही आगे बढ़कर उसके परिवार के लिए भोजन व्यवस्था और उस की पत्नि की देखभाल में सहायता की।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा कुरिन्थुस की मसीही मण्डली को लिखी दो पत्रियाँ हैं। अपनी पहली पत्री में पौलुस ने कुरिन्थुस की मसीही मण्डली के सदस्यों उन आत्मिक वरदानों के उद्देश्य के बारे में समझाया, जो परमेश्वर ने उन्हें दिए थे। उन विभिन्न वरदानों की सूचि बनाने से पहले पौलुस ने उन्हें स्मरण करवाया कि, "किन्‍तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है" (पद 7)। परमेश्वर हमें आत्मिक वरदान इसलिए नहीं देता है कि हम उन्हें अपने ही स्वार्थ तथा लाभ के लिए प्रयोग करें; वरन इसलिए देता है जिससे कि हम उनके द्वारा औरों की सेवा करें, और ऐसा करके हम उसकी सेवा करते हैं।

   हम सब मसीही विश्वासियों को परमेश्वर की ओर से भिन्न आत्मिक वरदान मिले हैं, जिन्हें हमें समय तथा आवश्यकता के अनुसार योग्य रीति से मसीही मण्डली तथा विश्वासियों के लाभ के लिए प्रयोग करना है। परन्तु उनका प्रयोग करते समय इस बात का भी ध्यान रखना है कि हम उन्हें प्रेम के साथ प्रयुक्त करें, "जिस से पवित्र लोग सिध्द हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए" (इफिसियों 4:12)। परमेश्वर ने हमें जहाँ कहीं भी रखा है, हम वहीं पर उसके द्वारा हमें दी गई विभिन्न योग्यताओं, क्षमताओं, और वरदानों का उपयोग वहाँ की आवश्यकताओं के अनुसार कर सकते हैं, इस बात का ध्यान रखते हुए कि हम सभी मसीही विश्वासी परमेश्वर के परिवार, उसकी मण्डली, अर्थात प्रभु की देह के अंग हैं, एक दूसरे के पूरक तथा सहायक हैं। - सी. पी. हिया


अपने वरदानों को दूसरों के देखभाल के लिए प्रयोग करें।

इसलिये तुम भी जब आत्मिक वरदानों की धुन में हो, तो ऐसा प्रयत्न करो, कि तुम्हारे वरदानों की उन्नति से कलीसिया की उन्नति हो। - 1 कुरिन्थियों 14:12 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 12:1-12
1 Corinthians 12:1 हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक वरदानों के विषय में अज्ञात रहो। 
1 Corinthians 12:2 तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जैसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे। 
1 Corinthians 12:3 इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु श्रापित है; और न कोई पवित्र आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।
1 Corinthians 12:4 वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है। 
1 Corinthians 12:5 और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है। 
1 Corinthians 12:6 और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है। 
1 Corinthians 12:7 किन्‍तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। 
1 Corinthians 12:8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुध्दि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें। 
1 Corinthians 12:9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है। 
1 Corinthians 12:10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को आत्माओं की परख, और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। 
1 Corinthians 12:11 परन्तु ये सब प्रभावशाली कार्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।
1 Corinthians 12:12 क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 1-2
  • लूका 14:1-24


रविवार, 16 अप्रैल 2017

जैसे भी


   सुप्रसिध्द मसीही भजन Just As I Am (जैसा मैं हूँ) सन 1834 में शारलेट ईलिय्ट के द्वारा लिखा गया था। शारलेट कई वर्षों से विकलांग थीं, और यद्यपि वे लड़कियों के एक स्कूल के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने में योगदान करना चाहती थीं, परन्तु उनकी बीमारी ने उन्हें अन्य लोगों के साथ जाकर स्वयं सेवा करने नहीं दी। इससे वे अपने आप को व्यर्थ अनुभव करने लगीं और उनके इसी भीतरी द्वंद ने उन के मन में मसीह पर उनके विश्वास के प्रति शंकाएं उत्पन्न कीं। अपने मन में उठ रही उन शंकाओं के प्रत्युत्तर में उन्होंने यह भजन लिखा। उनकी वेदना संभवतः इस भजन की इन पंकतियों सबसे अच्छी तरह दिखाई देती है:
जैसी मैं हूँ मन शंकामय, और बाहर भीतर हर समय,
है दुविधा, झगड़ा, जलन, भय, मसीह मैं आती हूँ।

   अपने क्रूस पर दिए गए बलिदान और दफनाए जाने के तीन दिन पश्चात, प्रभु यीशु मृतकों में से जी उठे और जा कर अपने चेलों से मिले। जब प्रभु यीशु पहली बार चेलों से मिलने आए, तब एक चेला थोमा, जिसे इतिहास ने "शंका करने वाला थोमा" का उपनाम दिया है शेष चेलों के साथ नहीं था। जब अन्य चेलों ने थोमा को प्रभु यीशु के जी उठने और मिलने आने के बारे में बताया तो उसने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया और कहा कि जब तक वह प्रभु के हाथों में कीलों के, तथा पंजर में भाले के छेद मे अपनी ऊँगली नहीं डाल लेता, तब तक वह विश्वास नहीं करेगा। बाद में प्रभु यीशु फिर से चेलों से मिलने आए और उन्होंने थोमा को उन्हें क्रूस पर चढ़ाए जाने के चिन्हों द्वारा पुष्टि करने को कहा (यूहन्ना 20:27)। थोमा प्रभु के सामने नतमस्तक हो गया और उसने प्रभु के मृतकों में से पुनरुत्थान पर विश्वास किया। तब, "यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया" (पद 29)।

   आज के हम मसीही विश्वासी वे हैं जिन्होंने प्रभु यीशु को, उन चेलों के समान सदेह, प्रत्यक्ष नहीं देखा है परन्तु फिर भी प्रभु पर विश्वास किया है। साथ ही, समय-समय पर आने वाली सांसारिक परिस्थितियों के कारण, हम भी कभी-कभी अपने मसीही विश्वास या फिर प्रभु यीशु पर ही सन्देह करने लग जाते हैं। इस कमज़ोर विश्वास की स्थिति में भी यदि हम प्रभु को पुकार कर कहें, "...हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं, मेरे अविश्वास का उपाय कर" (मरकुस 9:24) तो थोमा और शारलेट के समान ही प्रभु हमें भी अपनी शान्ति से परिपूर्ण करेगा, अपने निकट ले लेगा। प्रभु यीशु हमें, जैसे भी हम हैं, उसी अवस्था में अपने पास आने का निमंत्रण देता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


पुनर्जीवित हो उठा मसीह यीशु आपको 
जीवन की भरपूरी प्राप्त करने के लिए आमंत्रित करता है।

उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। - 1 पतरस 1:8

बाइबल पाठ: यूहन्ना 20:19-31
John 20:19 उसी दिन जो सप्‍ताह का पहिला दिन था, सन्‍ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्‍द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा हो कर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
John 20:20 और यह कहकर उसने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देखकर आनन्‍दित हुए। 
John 20:21 यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं। 
John 20:22 यह कहकर उसने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो। 
John 20:23 जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं।
John 20:24 परन्तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था। 
John 20:25 जब और चेले उस से कहने लगे कि हम ने प्रभु को देखा है: तब उसने उन से कहा, जब तक मैं उस के हाथों में कीलों के छेद न देख लूं, और कीलों के छेदों में अपनी उंगली न डाल लूं, और उसके पंजर में अपना हाथ न डाल लूं, तब तक मैं प्रतीति नहीं करूंगा।
John 20:26 आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्‍द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा हो कर कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
John 20:27 तब उसने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे हाथों को देख और अपना हाथ लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्तु विश्वासी हो। 
John 20:28 यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! 
John 20:29 यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देखकर विश्वास किया है, धन्य वे हैं जिन्हों ने बिना देखे विश्वास किया।
John 20:30 यीशु ने और भी बहुत चिन्ह चेलों के साम्हने दिखाए, जो इस पुस्‍तक में लिखे नहीं गए। 
John 20:31 परन्तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 30-31
  • लूका 13:23-35


शनिवार, 15 अप्रैल 2017

जीवन वृक्ष


   हमारे घर के पीछे के आँगन में एक वृक्ष 20 वर्ष से भी अधिक तक लगा रहा। उसकी छाँव में खेलते हुए हमारे चारों बच्चों का बचपन बीता, और उससे आस-पास की गिलहरियों को आश्रय स्थल मिला। परन्तु एक शरद ऋतु के बाद जब बसन्त आने पर उसमें पत्ते नहीं आए, तो हम जान गए कि अब उसके काटे जाने का समय आ गया है। उस वृक्ष को काटने के लिए मैं एक सपताह तक प्रतिदिन मेहनत करता रहा - पहले उसे गिराने के लिए, और फिर उसे ऐसे टुकड़ों में काटने के लिए जिन्हें संभाला जा सके। यह सब करते हुए मुझे बहुत समय मिला कि मैं वृक्षों के बारे में सोच-विचार कर सकूँ।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में वृक्षों के बारे में जो लिखा गया है, उस पर भी मैंने विचार किया। पहला वृक्ष वह था जिस पर वह वर्जित फल लगा था, जिसे खाने के लिए परमेश्वर ने आदम और हव्वा को मना किया था, परन्तु वे उसे खाने के प्रलोभन से अपने आप को रोक नहीं सके (उत्पत्ति 3:6), और उनकी इस अनाज्ञाकारिता ने पाप को संसार में प्रवेश दिया। परमेश्वर ने उस वृक्ष का प्रयोग उनकी वफादारी तथा विश्वासयोग्यता को परखने के लिए किया। फिर भजन 1 में भी वृक्ष का उल्लेख है, जो परमेश्वर के साथ भक्ति का जीवन बिताने से होने वाले फलदायी जीवन को दिखाता है। नीतिवचन 3:18 में बुध्दि को जीवन का वृक्ष कहा गया है।

   परन्तु बाइबल का सबसे महत्वपूर्ण वृक्ष वह है जिससे कलवरी का वह क्रूस बनाया गया जिस पर प्रभु यीशु को टाँगा गया, जहाँ उन्होंने अपना बलिदान दिया। उस वृक्ष पर हमारा तथा समस्त जगत का उध्दारकर्ता पृथ्वी और आकाश के मध्य टाँगा गया; सारे संसार की सभी पीढ़ीयों, भूत, वर्तमान तथा भविष्य, के सभी लोगों के सभी पापों को लिए हुए वह बलिदान हो गया। वह वृक्ष अनन्तकाल के लिए, सारे संसार के लिए प्रभु परमेश्वर के प्रेम, बलिदान, और उध्दार का चिन्ह बन गया। प्रभु यीशु की उस अत्यंत पीड़ादायक तथा वीभ्तस मृत्यु का स्थान, वह वृक्ष, आज सारे संसार के सभी लोगों के लिए जीवन का वृक्ष है; क्योंकि वहाँ दिए गए प्रभु यीशु के बलिदान से सारे संसार के सभी लोगों के लिए अनन्त जीवन का मार्ग खुल गया। - डेव ब्रैनन


मसीह का क्रूस मनुष्य के पाप की निकृष्टतम स्थिति का, 
तथा परमेश्वर के प्रेम की पराकाष्ठा का प्रतीक है।

वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। - 1 पतरस 2:24

बाइबल पाठ: मत्ती 27:27-35
Matthew 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जा कर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की। 
Matthew 27:28 और उसके कपड़े उतारकर उसे किरिमजी बागा पहिनाया। 
Matthew 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्‍कार। 
Matthew 27:30 और उस पर थूका; और वही सरकण्‍डा ले कर उसके सिर पर मारने लगे। 
Matthew 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Matthew 27:32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। 
Matthew 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर। 
Matthew 27:34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उसने चखकर पीना न चाहा। 
Matthew 27:35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 27-29
  • लूका 13:1-22


शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

उन्मुक्त तथा आनन्दित


   कैनडा के अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने अंतरिक्ष में अपने प्रक्षेपण के अनुभव के बारे में बताते हुए कहा, जब उन्हें ले जाने वाला रॉकेट अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन की ओर तेज़ गति से चला तो उन पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव का बल इतना बढ़ गया कि उनके लिए साँस लेना कठिन हो गया। इस बल के कारण साँस ठीक से ना ले पाने के कारण जैसे ही क्रिस को लगने लगा कि अब वे बेसुध हो जाएंगे, रॉकेट पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के बल से बाहर निकल कर अन्तरिक्ष की भारहीन स्थिति में पहुँच गया। ऐसा होते ही, बल से मुक्त उस स्थिति आते ही, बेहोश होने की बजाए क्रिस ने हँसना आरंभ कर दिया।

   उनके इस विवरण ने मुझे अपनी माता की मृत्यु तक आने के दिनों के बारे में याद दिलाया। उनका जीवन और बोझिल होता चला जा रहा था, यहाँ तक कि उनके लिए साँस लेना भी दूभर हो रहा था। फिर वे अपनी पीड़ा से मुक्त होकर स्वर्ग की "भारहीनता" में पहुँच गईं। मैं सोचता हूँ कि पृथ्वी की पीड़ा से निकलकर जैसे ही वे प्रभु यीशु के सम्मुख पहुँची होंगी, वहाँ अपनी पहली उन्मुक्त साँस को लेते ही वे भी आनदित होकर हँसने लगी होंगी।

   इस शुक्रवार को, जिसे शुभ शुक्रवार कहा जाता है, कुछ ऐसा ही प्रभु यीशु के साथ भी हुआ था। परमेश्वर ने सारे संसार के सभी पापों - पूर्व, वर्तमान और भविष्य को, क्रूस पर टंगे हुए प्रभु यीशु पर लाद दिया, और पाप के इस बोझ के नीचे उनके लिए साँस लेना कठिन हो गया। परमेश्वर के वचन बाइबल में अपने विषय में लिखी गई सभी बातों को पूरा करने के पश्चात, "यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए" (लूका 23:46)। हमारे पापों के लिए अपना जीवन त्यागने के बाद प्रभु ने परमेश्वर पिता से अपना जीवन वापस प्राप्त किया और मृतकों में से जी उठा; और अब उन पर पाप और मृत्यु का कोई अधिकार या प्रभाव नहीं है। ना केवल प्रभु पर, वरन जो साधारण विश्वास के साथ क्रूस पर दिए गए उनके बलिदान को स्वीकार करके, पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन उन्हें समर्पित कर देते हैं, क्रूस पर उनके द्वारा पापों के लिए चुकाए गए दाम को स्वीकार कर लेते हैं, अर्थात प्रभु यीशु के चेले होना स्वीकार कर लेते हैं, उन पर भी अब पाप और म्रुत्यु का कोई अधिकार नहीं रह जाता है।

   जितनों ने स्वेच्छा से प्रभु यीशु को अपना उध्दारकर्ता स्वीकार किया है, उसके अनुयायी, उसके चेले हो गए हैं, एक दिन वे भी इस संसार की पीड़ा और परिस्थितियों के बोझ से मुक्त होकर प्रभु के साथ होंगे, और उन्मुक्त तथा आनन्दित होकर प्रभु के साथ अनन्तकाल तक रहेंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु का बलिदान स्वर्ग के आनन्द की ओर संकेत करता है।

और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो। - इब्रानियों 12:2-3

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:1-8
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। 
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें। 
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं। 
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए। 
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है। 
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं। 
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं। 
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 25-26
  • लूका 12:32-59


गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

प्रभु-भोज


   मेज़ के आकार से, चाहे वह गोल हो या चौकोर, इसका कोई संबंध नहीं है। कुर्सियाँ, चाहे वे लकड़ी की हों या प्लास्टिक की, उनसे भी उसका कोई संबंध नहीं है। भोजन की मात्रा से भी उसका कोई संबंध नहीं है, परन्तु यदि भोजन सप्रेम बनाकर परोसा गया हो तो सहायक होता है। भोजन का आनन्द तो तब ही आता है जब हम अपने टी.वी. तथा फोन को बन्द कर के, उन की ओर ध्यान दें जिनके साथ हम बैठें हैं। मुझे मेज़ पर लोगों के साथ बैठकर, मित्रों और परिवार जनों के साथ भिन्न विषयों पर वार्तालाप करना बहुत अच्छा लगता है। परन्तु आज की त्वरित तकनीकी ने इसे कठिन बना दिया है; क्योंकि आज भोजन के समय पर भी हम बहुधा उसके प्रति अधिक आकर्षित और चिंतित होते हैं जो हमसे अनेकों मील दूर हो रहा है, ना कि उनके प्रति जो हमारे साथ भोजन करने मेज़ पर बैठे हैं, और हम से कुछ कहना चाह रहे हैं।

   हमारे प्रभु परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को एक अन्य भोज के लिए भी आमंत्रित किया है; उसकी लालसा है कि उसके जन प्रेम में एक साथ एकत्रित होकर, उसके प्रभु-भोज में सम्मिलित हों। इस भोज में सम्मिलित होने के लिए चर्च के बड़ा या छोटा होने से कोई संबंध नहीं है; और ना ही वहाँ रखी गई रोटी के प्रकार से है। प्रभु भोज में सरोकार है प्रभु और उसके लोगों के साथ संगति करने से; हम संसार की अन्य प्रत्येक बात से अपना ध्यान हटाकर, केवल प्रभु और उसके लोगों के साथ अपने संबंध के बारे में विचार करें और उन संबंधों में आई खामियों का निवारण करें।

   क्या प्रभु भोज में सम्मिलित होते समय हम प्रभु की उपस्थिति का आनन्द लेते हैं, या फिर उसके बारे में सोचते रहते, या चिंता करते रहते हैं जो कहीं और हो रहा है? वह अन्तिम अवसर कब था जब आपने प्रभु भोज में भाग लेते समय वास्तव में प्रभु के साथ संगति की थी; दिल खोल कर उससे बात की थी, उसकी संगति का आनन्द लिया था और परिणामस्वरूप एक प्रसन्न चित तथा हलके मन के साथ उस भोज से आए थे? यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि, "जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्‍ड लाता है। इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्‍ड न पाते" (1 कुरिन्थियों 11:29-32)। - कीला ओकोआ


मसीह यीशु की मृत्यु को स्मरण करने से 
हम आज के लिए सामर्थ तथा आने वाले समय के लिए आशा प्राप्त करते हैं।

जीवन की रोटी मैं हूं। तुम्हारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए। यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उस में से खाए और न मरे। जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है। - यूहन्ना 6:48-51

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 11:23-34
1 Corinthians 11:23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली। 
1 Corinthians 11:24 और धन्यवाद कर के उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:25 इसी रीति से उसने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 
1 Corinthians 11:26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो। 
1 Corinthians 11:27 इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा। 
1 Corinthians 11:28 इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए। 
1 Corinthians 11:29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्‍ड लाता है। 
1 Corinthians 11:30 इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। 
1 Corinthians 11:31 यदि हम अपने आप में जांचते, तो दण्‍ड न पाते। 
1 Corinthians 11:32 परन्तु प्रभु हमें दण्‍ड देकर हमारी ताड़ना करता है इसलिये कि हम संसार के साथ दोषी न ठहरें। 
1 Corinthians 11:33 इसलिये, हे मेरे भाइयों, जब तुम खाने के लिये इकट्ठे होते हो, तो एक दूसरे के लिये ठहरा करो। 
1 Corinthians 11:34 यदि कोई भूखा हो, तो अपने घर में खा ले जिस से तुम्हार इकट्ठा होना दण्‍ड का कारण न हो: और शेष बातों को मैं आकर ठीक कर दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 22-24
  • लूका 12:1-31


बुधवार, 12 अप्रैल 2017

पीड़ा और आनन्द


   मैंने अपने कई मित्रों से पूछा कि उनके जीवन में सबसे कठिन और पीड़ादायक अनुभव क्या था। उनके उत्तरों में युध्द, तलाक, ऑपरेशन, किसी निकट जन का निधन आदि से संबंधित अनुभव सम्मिलित थे। मेरी पत्नि का उत्तर था, "हमारी पहली सन्तान का जन्म।" जन्म की यह प्रक्रिया एक एकाकी सैनिक अस्पताल में हुई थी तथा लंबी और कठिन रही थी। परन्तु अब जब पीछे मुड़कर हम उसके बारे में सोचते हैं तो मेरी पत्नि उसे आनन्द का कारण मानती है, "क्योंकि उस पीड़ा का एक बड़ा उद्देश्य था।"

   अपने क्रूस पर बलिदान होने से पहले, प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे बड़ी पीड़ा और दुःख से निकलने वाले हैं। प्रभु ने उनके ऊपर आने वाले इस अनुभव की तुलना जच्चा की पीड़ा से की, जब बच्चे के पैदा होते ही वह पीड़ा आनन्द में परिवर्तित हो जाती है (यूहन्ना 16:20-21)। प्रभु ने अपने मारे जाने और फिर मृतकों में से जी उठने और उनसे पुनः मिलने के संदर्भ में कहा, "तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा" (यूहन्ना 16:22)।

   जीवन के मार्ग पर दुःख हम सब पर आता ही है। परन्तु प्रभु यीशु ने "...उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों 12:2)। अपने एक बलिदान के द्वारा प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा, उद्धार और शैतान के चँगुल से स्वतंत्रता को खरीद लिया है, और जो कोई स्वेच्छा से अपना हृदय उसके लिए खोलता है, उसे स्वीकार करता है, वह प्रभु से इन बातों को भेंट स्वरूप प्राप्त कर लेता है। प्रभु यीशु के पीड़ा से भरे बलिदान ने मानव जाति के लिए परमेश्वर के उद्देश्य को पूरा किया और परमेश्वर के साथ हमारी मित्रता तथा संगति का मार्ग उपलब्ध करवा दिया।

   हमारे उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर का आनन्द उसके बलिदान की पीड़ा से कहीं बढ़कर था; उसमें लाए गए विश्वास और उससे मिलने वाली मुक्ति का आनन्द भी हमारे जीवन के सभी दुःखों तथा उसके पीछे चलने के कारण आने वाले सताव की पीड़ा से कहीं बढ़कर होता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


दुःख एक चुंबक के समान हो सकते हैं, 
जिनसे एक मसीही विश्वासी प्रभु के और निकट आ जाता है।

इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है। - यशायाह 53:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:17-24
John 16:17 तब उसके कितने चेलों ने आपस में कहा, यह क्या है, जो वह हम से कहता है, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे? और यह इसलिये कि मैं कि मैं पिता के पास जाता हूं? 
John 16:18 तब उन्होंने कहा, यह थोड़ी देर जो वह कहता है, क्या बात है? हम नहीं जानते, कि क्या कहता है। 
John 16:19 यीशु ने यह जानकर, कि वे मुझ से पूछना चाहते हैं, उन से कहा, क्या तुम आपस में मेरी इस बाते के विषय में पूछ पाछ करते हो, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे। 
John 16:20 मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा। 
John 16:21 जब स्त्री जनने लगती है तो उसको शोक होता है, क्योंकि उस की दु:ख की घड़ी आ पहुंची, परन्तु जब वह बालक जन्म चुकी तो इस आनन्द से कि जगत में एक मनुष्य उत्पन्न हुआ, उस संकट को फिर स्मरण नहीं करती। 
John 16:22 और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा। 
John 16:23 उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे: मैं तुम से सच सच कहता हूं, यदि पिता से कुछ मांगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा। 
John 16:24 अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 19-21
  • लूका 11:29-54


मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

मैं क्यों?


   ब्रिटिश पास्टर जोसफ पारकर से पूछा गया, "प्रभु यीशु ने यहूदा को अपना शिष्य होने के लिए क्यों चुना?" वे कुछ समय तक इसके बारे में बहुत गंभीरता से विचार करते रहे परन्तु उन्हें कोई उत्तर नहीं मिला। उन्होंने कहा, इस प्रश्न पर विचार करने के कारण वे इससे भी गंभीर एक अन्य प्रश्न पर जाकर बारंबार अटक जाते थे: "प्रभु यीशु ने मुझे क्यों चुना?"

   यह वह प्रश्न है जिसे संसार भर में अनेकों लोगों द्वारा सदियों से पूछा जा रहा है। जब लोगों को अपने पाप और दोष के बारे में बोध और उस बोध से गहरे दुःख का अनुभव होता है, वे प्रभु यीशु से उन पर दया करने को पुकारते हैं। और बड़े आनन्द से भरी अत्यंत अचरज की बात यह है कि सच्चे मन से निकली दया की इस पुकार के साथ ही वे तुरंत ही इस बात का अनुभव भी करते हैं कि परमेश्वर ने उनकी विनती सुन ली है, वह उनसे प्रेम करता है और प्रभु यीशु में उन्हें क्षमा दान देकर अपने साथ अपने परिवार का भाग बना लेता है। वे प्रभु यीशु द्वारा कलवरी के क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान के महत्व, समझ से बाहर प्रभु के महान प्रेम तथा उससे भेंट के रूप में मिलने वाली पापों की क्षमा के यथार्थ को पहचान लेते हैं; यह सब उनके लिए जीवन तथा संसार का सबसे बड़ा और उत्तम सत्य बन जाता है। इसे समझाया नहीं जा सकता है, इसे केवल व्यक्तिगत रीति से अनुभव करके ही समझा और स्वीकार किया जा सकता है।

   मैंने भी अनेकों बार यह प्रश्न किया है, "मैं क्यों?" मैं अपने जीवन के काले और घिनौने पाप जानता हूँ; मैं अपने उस निकृष्ट हृदय को भी जानता हूँ जहाँ से ये सभी कुकृत्य निकलते हैं; परन्तु अत्यंत अचरज की बात तो यह है कि परमेश्वर, जो मुझे और मेरे हृदय की प्रत्येक बात को मुझसे भी अधिक भली-भांति तथा गहराई से जानता है, फिर भी मुझसे प्रेम करता है (रोमियों 5:6-8)। मैं उसके प्रेम और क्षमा के सर्वथा अयोग्य था, निकम्मा और असहाय था, परमेश्वर के विमुख और उससे दूर था, परन्तु फिर भी उसने मेरे लिए अपनी बाहें और हृदय को खोला और मुझे अपने प्रेम भरे आलिंगन में भर लिया।

   मैं जैसे उसकी प्रेम भरी धीमी आवाज़ अपने अन्दर सुन रहा था, "जितना प्रेम तू अपने पापों से करता है, उससे भी कहीं अधिक प्रेम मैं तुझ से करता हूँ।" यह सच है! मैं अपने पापों को बहुत चाहता था, उन्हें बचा कर रखता था, अपनी उन लालसाओं में कुछ भी गलत होने से दृढ़ता से इनकार करता था, उनमें लिप्त रहता था। परन्तु प्रभु ने फिर भी मुझ से इतना प्रेम किया कि मुझे ढूँढ़ता हुआ मेरे निकट आया, मुझे बुलाया, मेरे पापों को क्षमा किया और उनके बंधनों से मुझे सदा के लिए पूर्ण्तः स्वतंत्र कर दिया।

   "मैं क्यों?" यह प्रश्न मेरी समझ से बाहर है; मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं है; लेकिन यह मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से भली-भांति जानता हूँ कि प्रभु ने मुझ से मेरे पापों के बावजूद प्रेम किया, आज भी करता है और अनन्त काल तक करता ही रहेगा। ना केवल मुझ से वरन आपसे और संसार के प्रत्येक व्यक्ति से प्रभु इतना ही प्रेम करता है, और इतनी ही लालसा से अपने निकट अपने परिवार में लाना चाहता है; हिचकिचाएं नहीं, बस उसके निमंत्रण और क्षमा को स्वीकार कर लें। - डेव एग्नर


परमेश्वर हम से जो और जैसे हम हैं उसके कारण प्रेम नहीं करता है, 
वरन जो और जैसा वह है उसके कारण प्रेम करता है।

क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:6-8

बाइबल पाठ: मरकुस 14:10-21
Mark 14:10 तब यहूदा इसकिरयोती जो बारह में से एक था, महायाजकों के पास गया, कि उसे उन के हाथ पकड़वा दे। 
Mark 14:11 वे यह सुनकर आनन्‍दित हुए, और उसको रूपये देना स्‍वीकार किया, और यह अवसर ढूंढ़ने लगा कि उसे किसी प्रकार पकड़वा दे।
Mark 14:12 अखमीरी रोटी के पर्व्‍व के पहिले दिन, जिस में वे फसह का बलिदान करते थे, उसके चेलों ने उस से पूछा, तू कहां चाहता है, कि हम जा कर तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें? 
Mark 14:13 उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, कि नगर में जाओ, और एक मनुष्य जल का घड़ा उठाए, हुए तुम्हें मिलेगा, उसके पीछे हो लेना। 
Mark 14:14 और वह जिस घर में जाए उस घर के स्‍वामी से कहना; गुरू कहता है, कि मेरी पाहुनशाला जिस में मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊं कहां है? 
Mark 14:15 वह तुम्हें एक सजी सजाई, और तैयार की हुई बड़ी अटारी दिखा देगा, वहां हमारे लिये तैयारी करो।
Mark 14:16 सो चेले निकलकर नगर में आये और जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया।
Mark 14:17 जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ आया। 
Mark 14:18 और जब वे बैठे भोजन कर रहे थे, तो यीशु ने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक, जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, मुझे पकड़वाएगा। 
Mark 14:19 उन पर उदासी छा गई और वे एक एक कर के उस से कहने लगे; क्या वह मैं हूं? 
Mark 14:20 उसने उन से कहा, वह बारहों में से एक है, जो मेरे साथ थाली में हाथ डालता है। 
Mark 14:21 क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो, जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य पर हाय जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है! यदि उस मनुष्य का जन्म ही न होता, तो उसके लिये भला होता।
एक साल में बाइबल: 1 शमूएल 17-18; लूका 11:1-28