मीडिया द्वारा संचालित एवं प्रभावित हमारे वर्तमान युग में संसार के समक्ष हमारे स्वरूप को संवार कर प्रस्तुत करने वाले परामर्शदाता अत्यंत अनिवार्य से हो गए हैं। मनोरंजन करने वाले, खिलाड़ी, राजनैतिज्ञ, व्यवसायिक अगुवे आदि सभी इस बात का बहुत ध्यान रखते हैं कि वे संसार को कैसे प्रतीत होते हैं। ऐसे लोगों के मध्य ये ऊँची कीमतों पर कार्य करने वाले परामर्शदाता अपने ग्राहकों की छवि को संसार के समक्ष सजा-संवार कर प्रस्तुत करने में लगे रहते हैं - चाहे वासत्वकिता और उनके द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली अपने ग्राहकों की छवि में कोई सामंजस्य ना भी हो।
जिस बात की हमें और संसार के सभी लोगों को वासत्विक आवश्यकता है वह कोई बाहरी रूप-सज्जा नहीं वरन भीतरी रूपान्तरण है। हमारे भीतर की त्रुटियों और कमज़ोरियों को बाहरी सजावट से सुधारा नहीं जा सकता है। हमारा भीतरी मनुष्यत्व - वह जो हम अपने मन-मस्तिष्क में हैं, वही हमारा वास्तविक स्वरूप है। हमारी भीतरी दशा हमें दिखाती है कि हम अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर से, जिसके स्वरूप में हम रचे गए हैं, कितनी दूर जा चुके हैं; उस परमेश्वर पिता की धार्मिकता के स्तर से कितना गिर चुके हैं। क्योंकि हमारा भीतरी स्वरूप हमारे पापों के कारण बिगड़ा है, इसलिए हमारे पापों का सार्थक एवं स्थाई समाधान ही हमारे भीतरी स्वरूप को वास्तविकता में संवार सकता है, हमारा सच्चा रूपान्तरण कर सकता है। क्योंकि पाप का समाधान मनुष्य के पास है नहीं, इसलिए यह रूपान्तरण कर पाना भी किसी मानवीय क्षमता से कहीं परे है; यह उसी सृष्टिकर्ता परमेश्वर द्वारा संभव है जिसने हमें अपने स्वरूप रचा है।
यह वास्तविक रूपान्तरण हमें मसीह यीशु में लाए साधारण विश्वास और उससे प्राप्त होने वाली पापों की क्षमा द्वारा मिलता है; क्योंकि प्रभु यीशु हमें बाहर से नहीं वरन अन्दर से संवारता और सुधारता है। प्रभु यीशु मसीह का अनुयायी होना कोई धर्म-परिवर्तन नहीं, मन का परिवर्तन है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को लिखा, "...क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है। और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है" (कुलुस्सियों 3:9-10)।
नया! एक अद्भुत आशा से भरा यह कैसा ज़बर्दस्त शब्द है। मसीह यीशु हमें अपने अन्दर एक नया मनुष्य बना देता है, हमारा रूपान्तरण कर के हमें एक नया हृदय, एक नया व्यक्तित्व प्रदान करता है; वह भी सेंत-मेंत, किसी धर्म के कार्य या प्रक्रिया या अनुष्ठान के द्वारा नहीं वरन उसके प्रति केवल हमारे व्यक्तिगत एवं सच्चे समर्पण और विश्वास के द्वारा। प्रभु यीशु मसीह द्वारा किया जाने वाला यह रूपान्तरण केवल बाहरी स्वरूप का, अथवा अल्पकालिक नहीं वरन भीतरी, सच्चा, सार्थक एवं चिरस्थाई है। यह रूपान्तरण हमें परमेश्वर के स्वरूप की ओर लौटा लाता है जिसमें हम मूल रूप से रचे गए थे। - बिल क्राउडर
परमेश्वर का आत्मा हम मसीही विश्वासियों के अन्दर
मसीह का स्वरूप विकसित करता है।
सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:1-11
Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ।
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।
Colossians 3:5 इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
Colossians 3:6 इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है।
Colossians 3:7 और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्हीं के अनुसार चलते थे।
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो।
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है।
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है।
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
एक साल में बाइबल:
- 1 राजा 8-9
- लूका 21:1-19